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जून के पहले दिन आई खुशखबरी, GST से भर गया सरकार का खजाना; जानिए कितना रहा कलेक्शन

Dainik Jagran - National - June 1, 2025 - 11:15pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दो दिन पहले गत वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के जीडीपी में 7.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी के शानदार प्रदर्शन के बाद अब जीएसटी संग्रह से देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलता नजर आ रहा है। चालू वित्त वर्ष 2025-26 में लगातार दूसरे महीने जीएसटी संग्रह दो लाख करोड़ के पार चला गया।

मई माह में जीएसटी संग्रह पिछले साल मई के मुकाबले 16.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 2,01,050 करोड़ रहा। इस साल अप्रैल में 2.37 लाख करोड़ का रिकार्ड जीएसटी संग्रह किया गया था। चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीने में 4,37,767 लाख करोड़ का जीएसटी संग्रह हो चुका है जो गत वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 14.3 प्रतिशत अधिक है।

इस वित्त वर्ष में GST कलेक्शन में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान

चालू वित्त वर्ष के बजट में जीएसटी संग्रह में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है। वित्त मंत्रालय की तरफ से रविवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक मई माह के जीएसटी संग्रह में सीजीएसटी की हिस्सेदारी 35,434 करोड़ तो एसजीएसटी की 43,902 करोड़ की रही। आईजीएसटी के मद में 1,08,836 करोड़ तो सेस के मद में 12,879 करोड़ रुपए वसूले गए। मई माह में 27,210 करोड़ का जीएसटी रिफंड रहा। इस प्रकार मई में जीएसटी का शुद्ध संग्रह 1,73,841 करोड़ रहा जो पिछले साल मई के शुद्ध संग्रह की तुलना में 20.4 प्रतिशत अधिक है।

पिछले साल भी जीएसटी संग्रह काफी ज्यादा रहा

पिछले साल मई में जीएसटी का शुद्ध संग्रह 1,44,381 करोड़ का था। टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विस के पार्टनर विवेक जालान के मुताबिक मई में घरेलू स्तर की बिक्री से मिलने वाले जीएसटी में 10 प्रतिशत तो आयात से मिलने वाले जीएसटी में 73 प्रतिशत की बढ़ोतरी है जो दर्शा रहा है कि आयात काफी तेजी से बढ़ रहा है। इस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।

कई राज्यों के जीएसटी संग्रह की दर में काफी असमानता

दूसरी तरफ राज्यों के जीएसटी संग्रह की दर में भी काफी असमानता दिख रही है। मई में केरल के जीएसटी संग्रह में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 24 प्रतिशत, तमिलनाडु में 25 प्रतिशत, कर्नाटक में 20 प्रतिशत, दिल्ली में 38 प्रतिशत, बिहार में 23 प्रतिशत का इजाफा रहा, लेकिन दूसरी तरफ मई में गुजरात के जीएसटी संग्रह में चार प्रतिशत, तेलंगाना में छह प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में एक प्रतिशत, हरियाणा में नौ प्रतिशत, झारखंड में आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को इस असमानता का भी अध्ययन करना चाहिए।

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दो दशक में पहली बार उपचुनावों के लिए मतदाता सूची में संशोधन, चुनाव आयोग ने क्यों लिया ये फैसला; जानिए वजह

Dainik Jagran - National - June 1, 2025 - 9:41pm

पीटीआई, नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने लगभग दो दशक में पहली बार पांच विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव कराने के लिए मतदाता सूची में संशोधन किया है ताकि मतदाता सूची को 'त्रुटिरहित' बनाया जा सके।

अधिकारियों ने बताया कि पिछली बार उपचुनाव के लिए मतदाता सूची में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण तमिलनाडु में 2006 में किया गया था। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के प्रविधानों का हवाला देते हुए अधिकारियों ने कहा कि निर्वाचन आयोग के निर्देश पर प्रत्येक चुनाव और उपचुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन किया जाना चाहिए। वर्तमान मतदाता सूची की वैधता विशेष संशोधन के पूरा होने तक बरकरार रहती है।

विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण की जरूरत क्यों?

अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि यह चुनाव आयोग पर निर्भर करता है कि आवश्यकता के आधार पर मतदाता सूची में संशोधन किया जाना है या नहीं। विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण का अर्थ है चुनावी सूचियों में संशोधन ताकि उन मतदाताओं के नाम को हटाया जा सके जो निर्वाचन क्षेत्र छोड़ चुके हैं या जिनका निधन हो चुका है और नए नाम जोड़े जा सकें।

चुनाव आयोग ने पिछले महीने घोषणा की थी कि चार राज्यों की पांच विधानसभा सीट पर उपचुनाव 19 जून को होंगे। गुजरात की दो विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा जबकि केरल, बंगाल और पंजाब में एक-एक सीट पर उपचुनाव होगा। मतगणना 23 जून को होगी।

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बिहार में एसएफसी गोदामों में पीडीएस विक्रेताओं के प्रवेश पर पाबंदी, लापरवाही पर लिया जाएगा कड़ा एक्शन

Dainik Jagran - June 1, 2025 - 9:26pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) के गोदामों पर जन वितरणी प्रणाली (पीडीएस) के विक्रेताओं और अन्य अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश पाबंदी लगा दी गई है।

इस संबंध में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार की ओर रविवार को सभी जिलों को निर्देश जारी किया गया है।

उन्होंने सभी जिला प्रबंधकों और सभी गोदाम प्रभारियों से कहा है कि विभागीय निर्देश का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराएं। पीडीएस के विक्रेताओं एवं अन्य अनाधिकृत व्यक्तियों की उपस्थिति पर कड़ाई से रोक लगाएं।

उन्होंने कहा है कि इस कार्य में शिथिलता बरते जाने पर संबंधित कर्मियों पर आवश्यक भी कार्रवाई होगी। वर्तमान में जिलों से निगम गोदामों पर कहीं-कहीं जन वितरण प्रणाली विक्रेताओं की उपस्थिति की सूचना विभाग को प्राप्त हो रही है। जबकि पूर्व से विभागीय निर्देश के माध्यम से निगम के गोदामों पर विक्रेताओं की उपस्थिति प्रतिबंधित है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य खाद्य निगम के गोदामों से खाद्यान्न निर्गत होने की जानकारी एसएमएस के माध्यम से जन वितरण प्रणाली विक्रेता को उपलब्ध करायी जा रही है।

राज्य में आवंटित खाद्यान्न के केंद्रीय पूल से उठाव तथा राज्य खाद्य निगम में उक्त खाद्यान्न की प्राप्ति एवं निगम के गोदाम के स्टाक से खाद्यान्न को जन वितरण प्रणाली के विक्रेताओं तक डोर-टू-डोर सिस्टम के जरिये पहुंचाने की व्यवस्था है। खाद्यान्न जीपीएस सिस्टम से युक्त वाहनों द्वारा उठाव कर पहुंचाने की व्यवस्था है।

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