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Bihar Police Transfer Policy: गृह जिले में नहीं मिलेगी पोस्टिंग, बिहार पुलिस की नई स्थानांतरण नीति का प्रारूप तैयार

Dainik Jagran - August 21, 2024 - 9:08pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस में सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के पदाधिकारियों की उनके गृह जिले या क्षेत्र में पोस्टिंग नहीं की जाएगी। इसके अलावा पुलिसकर्मियों का एक जिले या क्षेत्र में दोबारा पदस्थापन भी नहीं होगा, चाहे उस जिले में पहला कार्यकाल कितना भी छोटा क्यों न हो।

बिहार पुलिस मुख्यालय ने नई स्थानांतरण नीति (ट्रांसफर पॉलिसी) का प्रारूप तैयार कर लिया है। इस प्रारूप को सभी जिलों के आईजी-डीआईजी को भेजकर इसपर स्पष्ट मंतव्य की मांग की गई है। इसके लिए सभी जिला एसपी को पुलिस सभा का आयोजन कर पुलिसकर्मियों व पदाधिकारियों से सुझाव एवं मंतव्य लेने का निर्देश दिया गया है।

इसके लिए प्रारूप की सभी कंडिकाओं को पढ़कर सुनाने को कहा गया है। सभी आइजी-डीआइजी को चार सप्ताह में इन सुझावों को पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। सुझावों को शामिल करने के बाद स्थानांतरण नीति की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इसके बाद इसी नई नीति के तहत सिपाही से इंस्पेक्टर रैंक तक के पदाधिकारियों का स्थानांतरण व पदस्थापन किया जाएगा।

प्रारूप के अनुसार, क्षेत्र अवधि पूरा होने पर स्थानांतरण समिति के द्वारा संबंधित पुलिसकर्मी या पदाधिकारी का स्थानांतरण रैंडमाइज्ड सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा।

क्षेत्र से जिलों का आवंटन आइजी या डीआइजी की अध्यक्षता में गठित जिलावधि पूर्ण स्थानांतरण समिति के द्वारा योगदान के सात दिनों के अंदर किया जाएगा। इस प्रकार का स्थानांतरण वर्ष में एक बार ही किया जा सकेगा। किसी भी प्रकार के स्थानांतरण व पदस्थापन में विचारण के दौरान कर्मी की वरीयता को प्राथमिकता दी जाएगी।

एक जिले में पांच साल, क्षेत्र में आठ साल का ही कार्यकाल

नई स्थानांतरण नीति के प्रारूप के अनुसार, सिपाही से इंस्पेक्टर रैंक तक के पदाधिकारियों का एक जिले में अधिकतम कार्यकाल पांच वर्ष का होगा। इसके अलावा एक क्षेत्र या इकाई में भी कार्यकाल अधिकतम आठ वर्ष का होगा। क्षेत्रावधि की गणना समेकित रूप में होगी। यानी अगर किसी कर्मी या पदाधिकारी ने दो या उससे अधिक कार्यकालों में किसी क्षेत्र या इकाई में काम किया है, तो सभी कार्यकाल को मिलाकर अवधि की गणना की जाएगी।

इसी प्रकार यदि किसी कर्मी ने सिपाही, सहायक अवर निरीक्षक, दारोगा, इंस्पेक्टर के रूप में काम किया है, तो सभी कोटियों में व्यतीत समय को मिलाकर अवधि पूर्ण होने की गणना की जाएगी।

ऐच्छिक पदस्थापन अधिकतम आठ सालों के लिए:

बिहार पुलिस में पति-पत्नी के एक ही कार्यस्थल में पदस्थापन, बच्चों की पढ़ाई या परिवार की देखभाल के लिए किए जाने वाले ऐच्छिक पदस्थापन को लेकर भी प्रारूप में नीति तय की गई है। इसके तहत किसी भी पदाधिकारी या कर्मी का ऐच्छिक पदस्थापन पूरे सेवा काल में अधिकतम आठ सालों के लिए ही किया जा सकेगा। इसमें भी अपने गृह जिले से संबंधित क्षेत्र या ऐसा क्षेत्र जहां वह पूर्व में पदस्थापित रह चुके हैं, वहां पदस्थापन का अनुरोध नहीं किया जाएगा।

ऐच्छिक पदस्थापन का अनुरोध सेवा के प्रारंभिक पांच सालों और अंतिम दो वर्षों में नहीं किया जा सकेगा। दो साल से कम की सेवा रहने पर सेवानिवृत्ति की निकटता के आधार पर भी होने वाले स्थानांतरण के मामलों में भी सुहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। यह आवेदक का कोई अधिकार नहीं होगा।

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मंत्री लेसी सिंह को खतरा! सरकार ने दी 'Z' श्रेणी की सुरक्षा, देवेशचंद्र और विवेक ठाकुर को 'Y' कैटेगरी सिक्योरिटी

Dainik Jagran - August 21, 2024 - 8:39pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य की खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री लेसी सिंह को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। इसके साथ ही सीतामढ़ी से जदयू सांसद देवेशचंद्र ठाकुर और नवादा से भाजपा सांसद विवेक ठाकुर को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है।

राज्य सुरक्षा समिति की बैठक में इसका निर्णय लिया गया है, जिसके बाद तीनों नेताओं की सुरक्षा बढ़ाने की अनुशंसा की गई है। गृह विभाग की विशेष शाखा ने इससे जुड़ा आदेश जारी कर दिया है।

मंत्री लेसी सिंह को खतरा!

सूत्रों के अनुसार, लेसी सिंह लोकसभा चुनाव के अलावा पूर्णिया उपचुनाव में भी काफी मुखर रही हैं। खुफिया रिपोर्ट में पूर्णिया और आसपास के इलाकों के बाहुबालियों और असामाजिक तत्वों से लेसी सिंह को खतरा बताया गया है।

इसको देखते हुए उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा देने का निर्णय हुआ है। वह बिहार की पहली महिला मंत्री हैं, जिन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।

जेड श्रेणी में होते हैं 22 सुरक्षाकर्मी

जेड श्रेणी की सुरक्षा में 22 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिनमें पांच से छह कमांडो व अन्य पुलिस जवान सुरक्षा प्रदान करते हैं।

वहीं, दोनों सांसदों को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। इसमें 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिनमें दो से तीन कमांडो और शेष पुलिस के जवान सुरक्षा में तैनात होते हैं।

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