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बिहार में अनुसूचित जातियों की बड़ी आबादी सरकारी नौकरी और राजनीति में पीछे, आंकड़े बता रहे सच्चाई

Dainik Jagran - August 22, 2024 - 8:16am

अरुण अशेष, पटना। Bihar News: सरकारी नौकरी में लेटरल एंट्री को लेकर उठे विवाद से पूरे देश ही नहीं बिहार की सियासत भी गरमा गई है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) अनुसूचित जातियों के उप वर्गीकरण के लिए आंदोलन के मूड में आ गए हैं। वह अनुसूचित जातियों की 22 में से 18 जातियों की रैली करेंगे।

राज्य सरकार पर उप वर्गीकरण के लिए दबाव बनाएंगे। उनके अनुसार आरक्षण का बड़ा लाभ सिर्फ चार अनुसूचित जातियों (पासवान, रविदास, धोबी और पासी) को मिल रहा है।

दूसरी तरफ अनुसूचित जातियों का बड़ा हिस्सा उप वर्गीकरण के विरोध में है। सड़क पर उतर आया है। बिहार का सच यह है कि अनुसूचित जातियों की बड़ी आबादी सरकारी नौकरियों में संख्या के अनुपात में जगह नहीं पा सकी हैं।

सच यह भी है कि मांझी जिन 18 जातियों की बात कर रहे हैं, उनमें एक मुसहर को छोड़कर बाकी 17 जातियां सरकारी नौकरियों में अपवाद की तरह ही हैं।

क्या कहता है जाति आधारित गणना का विश्लेषण?

बिहार में जाति आधारित गणना (Caste Based Survey) का विश्लेषण बताता है कि पासवानों की संख्या कुल आबादी में 5.31 प्रतिशत है। सरकारी नौकरियों में उनकी भागीदारी 1.44 प्रतिशत है। 5.31 प्रतिशत के साथ रविदास दूसरे नंबर पर हैं।

सरकारी नौकरियों में इनकी भागीदारी 1. 20 प्रतिशत है। एक प्रतिशत से कम आबादी वाली दो जातियां धोबी (0.83) और पासी (0.98) सरकारी नौकरियों में क्रमश: 3.14 और 2.00 प्रतिशत है। इन चारों की संख्या कुल आबादी में 12.37 प्रतिशत है।

सरकारी नौकरियों में 7.78 प्रतिशत की भागीदारी है। लेकिन, इन चार को छोड़कर 18 अनुसूचित जातियों की स्थिति भी अच्छी नहीं कही जा सकती है। जाति आधारित गणना की रिपोर्ट के अनुसार पासवान और रविदास के बाद मुसहर तीसरे नंबर पर हैं।

इनकी आबादी 3.8 प्रतिशत है। सरकारी नौकरियों में भागीदारी 0.26 प्रतिशत है। अन्य अनुसूचित जातियां, जिनकी आबादी 3.48 प्रतिशत बताई गई है, सरकारी नौकरियों में नजर नहीं आती हैं।

ये हैं- बांतर, बौरी, भुइयां, चौपाल, दबगर, डोम, घासिया, हलालखोर, हेला/ मेहतर, कंजर, कोरियार, लालबेगी, नट, पानी, रजवार, तुरी और तुन। सरकारी नौकरियों में पिछड़ी अनुसूचित जातियां राजनीति में भी पिछड़ी हैं।

राजनीति में भी यही हाल

बिहार में लोकसभा की 40 में से छह सीटें आरक्षित हैं। पासवान, रविदास, मुसहर और पासी जाति के सांसद हैं। विधानसभा में भी इन्हीं जातियों के प्रतिनिधि हैं। सरकारी नौकरियों में आगे धोबी जाति को राजनीति में अधिक अवसर नहीं मिला।

नौकरियों में पिछड़े पासवान और रविदास राजनीति में आगे हैं। राजनीतिक रूप से सचेत इन जातियों को सभी दलों में प्रश्रय मिलता है। नौकरी में पीछे मुसहर भी राजनीति में कम नहीं हैं। जीतन राम मांझी अभी केंद्र में मंत्री हैं। उनके पुत्र संतोष कुमार बिहार में मंत्री हैं।

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करोड़पति हैं राज्यसभा कैंडिडेट उपेंद्र कुशवाहा, मनन मिश्र पर लदा कर्ज जान रह जाएंगे हैरान; पढ़िए पूरा लेखा-जोखा

Dainik Jagran - August 22, 2024 - 7:59am

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार से राज्यसभा के लिए बुधवार को दो सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों ने नामांकन भरा। रालोमो (राष्ट्रीय लोक मोर्चा) से पार्टी प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा और भाजपा से मनन मिश्रा ने आयोग के निर्वाची अधिकारी व विधानसभा सचिव को अपना- अपना नामांकन पत्र सौंपा।

करोड़पति हैं उपेंद्र कुशवाहा

राष्ट्रीय लोकमोर्चा से राज्यसभा प्रत्याशी का पर्चा भरने वाले उपेंद्र कुशवाहा के पास पति-पत्नी मिलाकर तीन कार हैं।

चुनाव आयोग को दिए शपथ-पत्र में कुशवाहा ने बताया कि उनके पास लगभग पौने दो करोड़ रुपये की चल संपित्त है। इसके अलावा, अचल संपत्ति भी कुशवाहा के पास है। कुशवाहा पर अभी कुल सात मुकदमे भी दर्ज हैं।

कुशवाहा के हाथ में दो लाख तो उनकी पत्नी स्नेह लता के पास करीब ढाई लाख रुपये हैं। बैंक खाते में 28 लाख रुपये जमा हैं। जबकि, कुशवाहा की पत्नी के खाते में नौ लाख रुपये से अधिक जमा है। 12 लाख रुपये से अधिक बैंक के देनदार भी हैं कुशवाहा।

चार करोड़ रुपये चल संपत्ति के मालिक मनन

भाजपा से राज्यसभा प्रत्याशी मनन मिश्र 25 लाख रुपये का बैंक कर्ज है। मिश्र ने चुनाव आयोग को दिए शपथ पत्र में बताया है कि उनके पास आठ एकड़ भूमि है। इसका वर्तमान बाजार मूल्य मिश्र ने 25 लाख रुपये बताया है।

मिश्र की वार्षिक आय 1.52 करोड़ रुपये से अधिक है। जबकि उनके पास नकद पांच लाख रुपये है। वहीं, दो करोड़ रुपये विभिन्न बैंकों में जमा है।

मिश्र के पांच बैंक खाता है। मिश्र के पास 20 लाख रुपये मूल्य का जेवरात है। मनन के पास लगभग चार करोड़ रुपये मूल्य की चल संपत्ति है।

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Bihar Weather Today: बिहार के 5 जिलों के लोग रहें सावधान, मूसलाधार बारिश का अलर्ट जारी; तेज आंधी के भी आसार

Dainik Jagran - August 22, 2024 - 7:28am

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News: बिहार की राजधानी पटना समेत प्रदेश में मानसून का प्रभाव कमजोर होने के कारण कहीं पर हल्की तो कहीं भारी वर्षा का सिलसिला जारी है। अगले 24 घंटों के दौरान पटना सहित अन्य जिलों में बादल छाए रहने के साथ कुछ स्थानों पर मूसलाधार बारिश की संभावना है। 

बिहार के 5 जिलों में मूसलाधार बारिश की चेतावनी

जबकि, पांच जिलों के बक्सर, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद व गया जिले के एक या दो स्थानों पर गरज-तड़क के साथ भारी वर्षा को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान तेज आंधी भी चल सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार मानसून ट्रफ रेखा श्री गंगा नगर, ग्वालियर, सतना, रांची होते हुए बांग्लादेश पर अवस्थित निम्न दबाव के क्षेत्र से होकर गुजर रही है। एक चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र झारखंड व आसपास बना हुआ है।

इनके संयुक्त प्रभाव से प्रदेश के अलग-अलग भागों में वर्षा की स्थिति अलग रहेगी। प्रदेश में वर्षा की स्थिति अपने सामान्य से 24 फीसद कम है। बीते 24 घंटों के दौरान अलग-अलग जगहों पर वर्षा दर्ज की गई। पश्चिम चंपारण के लौरिया में सर्वाधिक वर्षा 74.2 मिमी दर्ज की गई। राजधानी का अधिकतम तापमान 34.6 डिग्री सेल्सियस व 36.1 डिग्री सेल्सियस के साथ मधुबनी में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।

प्रमुख जगहों पर दर्ज हुई बारिश

भभुआ के अधवारा में 71.2 मिमी, सीतामढ़ी के ढेंगराब्रिज में 55.6 मिमी, मधुबनी में 32.2 मिमी, रोहतास के चेनारी में 32.0 मिमी, पश्चिम चंपारण के गौनाहा में 25.6 मिमी, भभुआ के कुदरा में 17.4 मिमी, गया के डुमरिया में 8.4 मिमी, बेतिया में 8.4 मिमी, भभुआ के चांद में 7.8 मिमी, सुपौल के भीमनगर में 6.4 मिमी, सीतामढ़ी के सुरसंड में 4.8 मिमी व मोहनिया में 4.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

प्रमुख शहरों का तापमान :

शहर                 अधिकतम        न्यूनतम

पटना                    34.6             27.8

गया                       34.0            26.0

भागलपुर                 33.2           27.2

मुजफ्फरपुर              32.0           27.6

 जल्द दूर होगी परेशानी

गया हवाई अड्डे पर एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल भवन) निर्माण को लेकर इसे हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है। इसके कारण बीते कुछ दिनों से तापमान संबंधी जानकारी वेबसाइट पर अपलोड नहीं हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के निदेशक सुनील नारायण थुल ने बताया कि एरोनाटिकल मेटेरोलाजिकल स्टेशन गया कार्यालय को नए एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर में स्थानांतरित करने के बाद इसका संचालन जल्द आरंभ होगा।

संचालन मौसम विभाग द्वारा दिशा निर्देश के अनुसार होंगे। वेधशाला पहले की तरह ही निर्बाध रूप से कार्य करता रहेगा। आ रही परेशानी को जल्द दूर किया जाएगा।

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Bihar Cab Service: बिहार में कैब सेवा के लिए परमिट और आवेदन शुल्क घटा, छोटे शहरों के वाहन मालिकों की बल्ले-बल्ले

Dainik Jagran - August 22, 2024 - 12:50am

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Cab Service: बिहार की राजधानी पटना के साथ ही राज्य के दूसरे शहरों में ओला, उबर, रैपिडो जैसी व्यवसायिक सेवा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने परमिट और आवेदन शुल्क में भारी कटौती कर दी है।

सरकार के इस निर्णय से निजी वाहन मालिक अपने वाहनों को व्यवसायिक उपयोग कर सकेंगे। इस व्यवस्था का प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने मोटर वाहन नियमावली के अधीन पूर्व से निर्धारित नियम 74 और 82 में संशोधन कर दिया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक (Bihar Cabinet) में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। बैठक में कुल 31 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।

मिनी बस से लेकर बाइक तक के शुल्क में कमी

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि प्रदेश में चलने वाले विभिन्न तरह के वाहनों के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित है। जो अत्याधिक जटिल हैं।

इसे लेकर सरकार ने आवेदन, परमिट, प्रोसेसिंग शुल्क में भारी कटौती कर दी है। सरकार के इस निर्णय से वाहनों के मालिक अपने वाहनों का व्यवसायिक उपयोग के लिए आकर्षित होंगे तथा एग्रीगेटर कंपनियों जैसे ओला, उबर, रैपिडो अपने वाहन पटना के अलावा अन्य जिलों में भी विस्तार कर सकेंगे।

सरकार का मानना है कि इससे आम नागरिकों को सुलभ परिवहन सेवा मिल सकेगी। डॉ. सिद्धार्थ के अनुसार, आवेदन, परमिट और प्रोसेसिंग शुल्क एक क्षेत्र, दो क्षेत्र या पूरे बिहार के लिए अलग-अलग निर्धारित है। अब संपूर्ण बिहार के लिए शुल्क से क्षेत्र हटाकर पूरा बिहार कर दिया गया है। इसी को आधार मानकर शुल्क लिया जाएगा।

वाहन और शुल्क जिसमें की गई कमी वाहन वर्तमान शुल्क संशोधित शुल्क मोटर बाइक 1650 1150 ऑटो रिक्शा 5650 1150 मोटर कैब (5-7 सीट) 23650 4150 मैक्सी कैब (7-13 सीट) 23650 5150 मिनी बस (13-23 सीट) 23650 7150 बस (23 सीट से अधिक) 8500 दूरी के अनुसार सरचार्ज 9000 ट्रैक्टर (ट्रेलर समेत) 00 3000 छोटे मालवाहक वाहन 8200 5000 मध्यम मालवाहक वाहन 8200 6000 भारी मालवाहक वाहन 8200 7000

नागरिकों का बनेगा सोशल रजिस्टर, एक पोर्टल से सेवा-योजना का लाभ

प्रदेश के नागरिकों का परिवार आधारित सोशल रजिस्टर तैयार करने और सरकार की विभिन्न योजना और सेवाओं का लाभ एक पोर्टल से देने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है।

इसके लिए यूनिफाइड सर्विस डिलीवरी प्लेटफार्म (बिहार-वन) बनेगा। पोर्टल बनाने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल ने स्वीकृत किया है। इसके लिए 85.23 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

डॉ. सिद्धार्थ के अनुसार, प्रदेश में लाभ से जुड़ी जितनी भी योजनाएं संचालित हैं, उनके लिए अभी कोई एकीकृत व्यवस्था नहीं थी। बिहार वन पोर्टल से आम नागरिक राज्य के द्वारा दी जाने वाली सेवाओं और योजनाओं का लाभ एक पोर्टल से ले सकेंगे।

नागरिकों को सिंगल साइन ऑन एवं सिंगल विंडो के माध्यम से आवेदन करने में सहूलियत होगी। वन पोर्टल में नागरिकों का प्रोफाइल एवं कॉमन डॉक्यूमेंट सहित अन्य जानकारियां उपलब्ध रहेगी।

इससे सरकार द्वारा दी जा रही सेवाओं एवं योजनाओं के आवेदन करने एवं दस्तावेज सत्यापन में आसानी होगी और समय की बचत होगी। सेवाओं और योजनाओं की पात्रता एक ही डैशबोर्ड पर रहेंगी।

सोशल रजिस्टर में निबंधित परिवारों का व्यापक और विश्वसनीय डाटा तैयार होगा। इससे सभी लाभों को आम जन तक पहुंचाने में सफलता मिलेगी। इससे डुप्लीकेट लाभार्थियों की पहचान हो सकेगी और उन्हें हटाकर सार्वजनिक धन की हानि रोकी जा सकेगी।

सर्वाइकल कैंसर का टीका मुफ्त

महिलाओं को होने वाले सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए राज्य की नौ से 14 वर्ष की बालिकाओं को ह्यूमन पेपिलोमा वायरस का टीका दिया जाएगा।

इसके लिए मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना को मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दी है। योजना के दायरे में करीब 95 लाख बालिकाएं आएंगी। इस योजना पर 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

मुफ्त टीकाकरण ऐतिहासिक फैसला : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि यह टीकाकरण मुफ्त होगा। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में लिया गया यह एक ऐतिहासिक फैसला है। इससे सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा या बच्चेदानी के मुंह का कैंसर) जैसी एक गंभीर बीमारी की रोकथाम में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर पांच सर्वाइकल कैंसर मरीजों में से एक भारत में होता है और इस बीमारी से ग्रस्त लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

भारत में यह कैंसर मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण है और वयस्क महिलाओं में कैंसर से होने वाली सभी मौतों का लगभग 17 प्रतिशत हिस्सा है।

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Bihar Congress: बिहार कांग्रेस में आलाकमान की पहल पर बदलाव की बयार, आगे बढ़ाए जा रहे नए चेहरे

Dainik Jagran - August 22, 2024 - 12:13am

विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। Bihar Politics: बिहार कांग्रेस (Bihar Congress) की जड़ों में चूंकि दीमक लगी है, इसलिए उपचार भी मिट्टी का होगा। अघोषित रूप से आलाकमान का यही निर्णय है। इसकी शुरुआत धीमी गति से हुई है, क्योंकि पिछले वर्षों में प्रदेश इकाई से मिले कड़वे अनुभव केंद्रीय नेतृत्व को आज भी कचोटते हैं।

ऐसे में बिना किसी विवाद और विघटन के संगठन को चुनावी राजनीति के अनुकूल बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए व्यक्ति विशेष की पसंद को दरकिनार कर जुझारू चेहरे आगे किया जा रहा है।

युवा कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन से इसकी शुरुआत हुई और अब छात्र व अल्पसंख्यक विभाग की कमान उन लोगों को सौंपी जा चुकी है, जो आलाकमान के प्रति अधिक निष्ठावान हैं।

कांग्रेस प्रदेश समिति का गठन तक नहीं

बिहार (Bihar News) कांग्रेस में अंतर्विरोध ऐसा कि प्रदेश समिति का गठन तक नहीं हो पा रहा, जबकि अध्यक्ष के रूप में डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह के कार्यकाल के 20 माह पूरे हो चुके हैं।

उनसे पहले डॉ. मदन मोहन झा और कौकब कादरी का कार्यकाल भी बिना समिति वाला ही रहा। इस बीच विधानसभा और लोकसभा के तीन चुनाव संपन्न हो गए।

तीनों के परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहे। ऐसे में दबी जुबान प्रदेश नेतृत्व की आलोचना हो रही है। अशोक चौधरी के कार्यकाल में भी कुछ ऐसी ही आलोचना होने लगी थी।

उसकी परिणति सुखद नहीं रही थी। इसीलिए आलाकमान आलोचकों से भी उसी अनुपात में दूरी बनाए हुए है, जितना प्रदेश इकाई को दूसरे हाथों में गिरवी रख देने की मंशा रखने वालों से। लोकसभा चुनाव के बाद संगठन में हो रही नियुक्तियां इसका स्पष्ट संकेत करती हैं।

सत्ता की हेराफेरी

पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इस वर्ष जनवरी में सत्ता की हेराफेरी में दो विधायकों (मुरारी गौतम, सिद्धार्थ सौरव) की बगावत को सांगठनिक प्रबंधन में कमी का परिणाम माना गया था।

उसके बाद लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट की चाह में दूसरे दलों से कटे-छंटे कई चेहरे कांग्रेस के तो हुए, लेकिन पहले से तपे-तपाए कई दिग्गजों को निराश होना पड़ा।

पप्पू यादव को लेकर हुए विवाद से स्पष्ट हो गया कि पटना से दिल्ली दूर है। उसी के बाद आलाकमान के कान खड़े हो गए। बहरहाल प्रदेश समिति के लिए पटना से भेजे गए नामों की सूची दिल्ली में धूल फांक रही है।

प्रदेश नेतृत्व की पसंद दरकिनार

इस बीच प्रदेश नेतृत्व की पसंद को दरकिनार कर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) का प्रदेश अध्यक्ष जयशंकर प्रसाद को बना दिया गया, जो कन्हैया कुमार के चहेते हैं।

महागठबंधन में बेगूसराय पर बात नहीं बनने के कारण आलाकमान ने बुझे मन से कन्हैया को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मैदान में उतारा था। इमरान प्रतापगढ़ी की तरह कन्हैया को भी राहुल गांधी का प्रिय बताया जाता है।

पिछले सप्ताह शनिवार को ओमैर खान उर्फ टीका खान को अल्पसंख्यक विभाग का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जो इमरान प्रतापगढ़ी के करीबी हैं।

ओमैर भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के सहयात्री रहे हैं। चर्चा है कि जनाधार का ध्यान रखते हुए यह कड़ी अभी आगे बढ़ेगी।

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Bihar Teacher Recruitment: बिहार में बंपर बहाली, 1.5 लाख शिक्षकों की होगी नियुक्ति; शिक्षा मंत्री ने किया ऐलान

Dainik Jagran - August 21, 2024 - 11:54pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि राज्य में डेढ़ लाख से अधिक पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति होगी। इन पदों पर नियुक्ति के लिए अधियाचना बिहार लोक सेवा आयोग को भेज दी गई है। इनमें प्रधानाध्यापक, प्रधान शिक्षक और कंप्यूटर शिक्षक शामिल हैं।

जदयू कार्यालय में हुई जनसुनवाई

बुधवार को शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने प्रदेश जदयू कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम के बाद पत्रकारों को यह जानकारी दी।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी विधायकों और विधान पार्षदों से 10-10 ऐसे सरकारी विद्यालयों की सूची मांगी गई है, जिनके जीर्णोद्धार की जरूरत है।

ऐसे विद्यालयों के भवनों का सरकार द्वारा जीर्णोद्धार कराएगी। कुछ जिलों में यह काम शुरू भी हो गया है।

मदरसों में पाठ्यक्रम से जुड़े विवाद पर लिया संज्ञान

मदरसों में पाठ्यक्रम से जुड़े विवाद पर उन्होंने कहा कि यह मामला संज्ञान में आने के बाद संबंधित अधिकारियों को छानबीन के निर्देश दिया गया है।

उन्होंने कहा कि जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर सुधार के उपाय किए जाएंगे।

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Bihar Cabinet: निकाय कर्मियों को 7वें वेतनमान का तोहफा; 1589 नए पदों पर बहाली, नीतीश कैबिनेट की 31 प्रस्ताव पर मुहर

Dainik Jagran - August 21, 2024 - 11:43pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Cabinet: राज्य के विभिन्न महकमों में जल्द ही 1589 पदों पर नियुक्तियां होंगी। बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 1589 पदों के सृजन के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने स्थानीय नगर निकाय कर्मियों को सातवां वेतनमान देने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है। बैठक में कुल 31 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।

दंत चिकित्सक के 770 नए पद स्वीकृत

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि प्रदेश के 38 जिला अस्पतालों, 61 अनुमंडलीय अस्पतालों, 2 डेंटल कॉलेज अस्पताल, 212 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 328 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, राजकीय औषधालय राज भवन और राजकीय औषधालय पटना उच्च न्यायालय के लिए दंत चिकित्सक के 770 पद सृजन का प्रस्ताव स्वीकृत किया है।

सहायक प्राध्यापक के 116 पदों पर होंगी नियुक्तियां

इनके अलावा खेल विभाग के जिला स्तर पर विभिन्न कोटि के 466 पदों, 38 राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक के कुल 116 (अंग्रेजी-67 पद, भौतिकी-30 पद एवं गणित-19 पद) पदों, 46 राजकीय पॉलिटेक्निक व राजकीय महिला पॉलिटेक्निक संस्थानों में व्याख्याता के कुल 131 (अंग्रेजी-37 पद, भौतिकी -29 पद, रसायनशास्त्र- 36 पद एवं गणित-29 पद) पदों को मंजूरी दी गई है।

इसी तरह से विभिन्न जेलों में कारा एवं अस्पताल प्रबंधन के लिए कारा चालक के 67 पद, लघु जल संसाधन विभाग में वाहन चालक के तीन पद, पटना उच्च न्यायालय में आइटी संवर्ग में प्रोग्रामर के दो पद और सहरसा न्यायमंडल में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश का एक पद सृजित करने की भी स्वीकृति दी गई है।

संविदा के 33 पद सृजित होंगे

इसके अलावा राजगीर में निर्माणाधीन राज्य खेल अकादमी एवं क्रिकेट स्टेडियम के संचालन के लिए 33 संविदा आधारित पद भी सृजित किए गए हैं। वहीं पीएचईडी में पूर्व से स्वीकृत की-मैन-सह-चौकीदार के कुल-628 पदों का प्रस्ताव मंजूर हुआ है।

खलासी के कुल-822 पदों को विभागान्तर्गत वर्तमान में क्रियाशील सभी-49 कार्य प्रमंडलों (असैनिक) में आवश्यकतानुसार पुनर्गठित करने और दायित्व निर्धारण करने की स्वीकृति के साथ ही श्रम संसाधन विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों में आशुलिपिक, आशुटंकक संवर्ग के स्वीकृत 61 पदों को कार्यालयवार चिह्नित करने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है।

स्थानीय निकाय कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ

मंत्रिमंडल ने स्थानीय निकाय कर्मियों के हित में बड़ा निर्णय लेते हुए उन्हें सातवां वेतनमान देने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। लेकिन, सातवां वेतनमान देने में जो अतिरिक्त राशि खर्च होगी, उसका वहन स्थानीय नगर निकायों को अपने खजाने से करना होगा।

निकाय कर्मियों को सातवें वेतनमान का वैचारिक लाभ पहली जनवरी 2016 से जबकि आर्थिक लाभ पहली अप्रैल 2017 से देय होगा। वेतन निर्धारण का सत्यापन नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा किए जाने के बाद ही यह आर्थिक लाभ दिया जाएगा।

नीतीश कैबिनेट के अन्य निर्णय
  • रबी दलहन प्रोत्साहन योजना के लिए 2024-25 में 40.86 करोड़ रुपये स्वीकृत।
  • बिहार कृषि सेवा कोटि नौ के समूह क एवं ख पदों का सृजन एवं संपरिवर्तन की स्वीकृति।
  • बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति (संशोधन) नियमावली 2024 को मिला अनुमोदन।
  • औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान रक्सौल के भवन निर्माण के लिए 32.66 करोड़ स्वीकृत।
  • खगड़िया-परिहारा-बखरी लिंक पथ के खगड़िया रेलवे स्टेशन से उमेशनगर रेलवे स्टेशन के बीच आरओबी निर्माण को 49.27 करोड़।
  • नवादा-वारसलीगंज रेलवे स्टेशन के बीच पहुंच पथ आरओबी निर्माण के लिए 75.38 करोड़ स्वीकृत।
  • दरभंगा-लहेरियासराय रेलवे स्टेशन के बीच पहुंच पथ आरओबी निर्माण के लिए 106.05 करोड़ मंजूर।
  • पूर्णिया के तत्कालीन अवर निबंधक उमलेश प्रसाद के सेवा से बर्खास्त करने का प्रस्ताव स्वीकृत।
  • बजट पुस्तिकाओं का मुद्रण सरस्वती प्रेस कोलकाता से कराने का प्रस्ताव स्वीकृत।
  • वित्त विभाग में कार्यरत सॉफ्टवेयर के रखरखाव के लिए मे. सॉफ्टवेयर एंड एजुकेशन एंड रिसर्च का मनोनयन के आधार पर तीन वर्ष के लिए अवधि विस्तार।
  • विधि आयोग के अध्यक्ष पद पर हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज विनोद कुमार सिन्हा को बिहार आयोग के विस्तारित कार्यकाल के लिए नियुक्त करने का प्रस्ताव स्वीकृत।
  • 16 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती राजकीय समारोह के रूप में मनाने का प्रस्ताव स्वीकृत।

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Bihar Police Transfer Policy: गृह जिले में नहीं मिलेगी पोस्टिंग, बिहार पुलिस की नई स्थानांतरण नीति का प्रारूप तैयार

Dainik Jagran - August 21, 2024 - 9:08pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस में सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के पदाधिकारियों की उनके गृह जिले या क्षेत्र में पोस्टिंग नहीं की जाएगी। इसके अलावा पुलिसकर्मियों का एक जिले या क्षेत्र में दोबारा पदस्थापन भी नहीं होगा, चाहे उस जिले में पहला कार्यकाल कितना भी छोटा क्यों न हो।

बिहार पुलिस मुख्यालय ने नई स्थानांतरण नीति (ट्रांसफर पॉलिसी) का प्रारूप तैयार कर लिया है। इस प्रारूप को सभी जिलों के आईजी-डीआईजी को भेजकर इसपर स्पष्ट मंतव्य की मांग की गई है। इसके लिए सभी जिला एसपी को पुलिस सभा का आयोजन कर पुलिसकर्मियों व पदाधिकारियों से सुझाव एवं मंतव्य लेने का निर्देश दिया गया है।

इसके लिए प्रारूप की सभी कंडिकाओं को पढ़कर सुनाने को कहा गया है। सभी आइजी-डीआइजी को चार सप्ताह में इन सुझावों को पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। सुझावों को शामिल करने के बाद स्थानांतरण नीति की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इसके बाद इसी नई नीति के तहत सिपाही से इंस्पेक्टर रैंक तक के पदाधिकारियों का स्थानांतरण व पदस्थापन किया जाएगा।

प्रारूप के अनुसार, क्षेत्र अवधि पूरा होने पर स्थानांतरण समिति के द्वारा संबंधित पुलिसकर्मी या पदाधिकारी का स्थानांतरण रैंडमाइज्ड सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा।

क्षेत्र से जिलों का आवंटन आइजी या डीआइजी की अध्यक्षता में गठित जिलावधि पूर्ण स्थानांतरण समिति के द्वारा योगदान के सात दिनों के अंदर किया जाएगा। इस प्रकार का स्थानांतरण वर्ष में एक बार ही किया जा सकेगा। किसी भी प्रकार के स्थानांतरण व पदस्थापन में विचारण के दौरान कर्मी की वरीयता को प्राथमिकता दी जाएगी।

एक जिले में पांच साल, क्षेत्र में आठ साल का ही कार्यकाल

नई स्थानांतरण नीति के प्रारूप के अनुसार, सिपाही से इंस्पेक्टर रैंक तक के पदाधिकारियों का एक जिले में अधिकतम कार्यकाल पांच वर्ष का होगा। इसके अलावा एक क्षेत्र या इकाई में भी कार्यकाल अधिकतम आठ वर्ष का होगा। क्षेत्रावधि की गणना समेकित रूप में होगी। यानी अगर किसी कर्मी या पदाधिकारी ने दो या उससे अधिक कार्यकालों में किसी क्षेत्र या इकाई में काम किया है, तो सभी कार्यकाल को मिलाकर अवधि की गणना की जाएगी।

इसी प्रकार यदि किसी कर्मी ने सिपाही, सहायक अवर निरीक्षक, दारोगा, इंस्पेक्टर के रूप में काम किया है, तो सभी कोटियों में व्यतीत समय को मिलाकर अवधि पूर्ण होने की गणना की जाएगी।

ऐच्छिक पदस्थापन अधिकतम आठ सालों के लिए:

बिहार पुलिस में पति-पत्नी के एक ही कार्यस्थल में पदस्थापन, बच्चों की पढ़ाई या परिवार की देखभाल के लिए किए जाने वाले ऐच्छिक पदस्थापन को लेकर भी प्रारूप में नीति तय की गई है। इसके तहत किसी भी पदाधिकारी या कर्मी का ऐच्छिक पदस्थापन पूरे सेवा काल में अधिकतम आठ सालों के लिए ही किया जा सकेगा। इसमें भी अपने गृह जिले से संबंधित क्षेत्र या ऐसा क्षेत्र जहां वह पूर्व में पदस्थापित रह चुके हैं, वहां पदस्थापन का अनुरोध नहीं किया जाएगा।

ऐच्छिक पदस्थापन का अनुरोध सेवा के प्रारंभिक पांच सालों और अंतिम दो वर्षों में नहीं किया जा सकेगा। दो साल से कम की सेवा रहने पर सेवानिवृत्ति की निकटता के आधार पर भी होने वाले स्थानांतरण के मामलों में भी सुहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। यह आवेदक का कोई अधिकार नहीं होगा।

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मंत्री लेसी सिंह को खतरा! सरकार ने दी 'Z' श्रेणी की सुरक्षा, देवेशचंद्र और विवेक ठाकुर को 'Y' कैटेगरी सिक्योरिटी

Dainik Jagran - August 21, 2024 - 8:39pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य की खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री लेसी सिंह को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। इसके साथ ही सीतामढ़ी से जदयू सांसद देवेशचंद्र ठाकुर और नवादा से भाजपा सांसद विवेक ठाकुर को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है।

राज्य सुरक्षा समिति की बैठक में इसका निर्णय लिया गया है, जिसके बाद तीनों नेताओं की सुरक्षा बढ़ाने की अनुशंसा की गई है। गृह विभाग की विशेष शाखा ने इससे जुड़ा आदेश जारी कर दिया है।

मंत्री लेसी सिंह को खतरा!

सूत्रों के अनुसार, लेसी सिंह लोकसभा चुनाव के अलावा पूर्णिया उपचुनाव में भी काफी मुखर रही हैं। खुफिया रिपोर्ट में पूर्णिया और आसपास के इलाकों के बाहुबालियों और असामाजिक तत्वों से लेसी सिंह को खतरा बताया गया है।

इसको देखते हुए उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा देने का निर्णय हुआ है। वह बिहार की पहली महिला मंत्री हैं, जिन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।

जेड श्रेणी में होते हैं 22 सुरक्षाकर्मी

जेड श्रेणी की सुरक्षा में 22 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिनमें पांच से छह कमांडो व अन्य पुलिस जवान सुरक्षा प्रदान करते हैं।

वहीं, दोनों सांसदों को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। इसमें 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिनमें दो से तीन कमांडो और शेष पुलिस के जवान सुरक्षा में तैनात होते हैं।

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