Bihar News
Bihar Weather Today: 7 अप्रैल से बिगड़ सकता है बिहार का मौसम; 8 जिलों के लिए चेतावनी; किसानों के लिए अलर्ट
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather: राजधानी समेत प्रदेश का मौसम पछुआ के कारण शुष्क बना रहेगा। शुक्रवार को हिमालय क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है। इसके प्रभाव से छह अप्रैल से मौसम में बदलाव आएगा।
7-8 अप्रैल को दक्षिणी भागों के अधिसंख्य जिलों में हल्की वर्षा की संभावना है। वर्षा होने के कारण तापमान में गिरावट आने के साथ गर्मी से राहत मिलेगी।
इन 8 जिलों में होगी बारिश7 व 8 अप्रैल को पटना, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, नवादा, जमुई में हल्की बारिश के आसार हैं। वहीं आसपास के जिलों में बादल छाए रहने के साथ कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी की संभावना है। वहीं, प्रदेश के शेष भागों का मौसम आमतौर पर सामान्य बना रहेगा।
गुरुवार को पटना समेत कई शहरों के अधिकतम तापमान में तेजी देखी गईगुरुवार को पटना सहित कई शहरों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। पटना का अधिकतम तापमान 39.0 डिग्री सेल्सियस व बक्सर में 42.2 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे गर्म शहर रहा। प्रदेश के अधिकतम तापमान में एक से तीन डिग्री की वृद्धि हुई है।
यह भी पढ़ें
भोजपुर और नवादा को मिले नए SP और DM, इन अधिकारियों को मिली ये जिम्मेदारी
राज्य ब्यूरो, पटना। साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार को भोजपुर का नया जिलाधिकारी बनाया गया है। वहीं, भोजपुर के डीएम पद से चुनाव आयोग के निर्देश पर हटाए गए राजकुमारको निदेशक, समाज कल्याण बनाया गया है।
वह निदेशक, सामाजिक सुरक्षा तथा बिहार विकास मिशन के मुख्य महाप्रबंधक के भी प्रभार में रहेंगे। समाज कल्याण विभाग में निदेशक के पद पर पदस्थापित प्रशांत कुमार को नवादा का नया डीएम बनाया गया है।
नवादा से हटाए गए वहां के जिलाधिकारी आशुतोश कुमार वर्मा को बिहार राज्य बीज निगम का प्रबंध निदेशक बनाया गया है। वह निदेशक, खेल के भी अतिरिक्त प्रभार में भी रहेंगे।
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस लौटे आरके खंडेलवाल को सामान्य प्रशासन विभाग में मुख्य जांच आयुक्त बनाया गया है। पंचायती राज के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह को खान एवं भूतत्व विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर हटाए गए भोजपुर और नवादा के पुलिस अधीक्षक की जगह दोनों जिलों में नए एसपी की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। सहायक पुलिस महानिरीक्षक (निरीक्षण) रहे नीरज कुमार सिंह को भोजपुर का नया एसपी बनाया गया है।
वहीं, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस में सहायक पुलिस महानिरीक्षक रहे कार्तिकेय के शर्मा को नवादा एसपी की जिम्मेदारी दी गई है। गृह विभाग ने गुरुवार को इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। वहीं, निर्वाचन आयोग के निर्देश पर हटाए गए दोनों जिलों के पूर्व एसपी को भी नई जिम्मेदारी दे दी गई है।
भोजपुर के तत्कालीन एसपी प्रमोद कुमार यादव को सहायक पुलिस महानिरीक्षक (निरीक्षण) जबकि नवादा के तत्कालीन एसपी अम्ब्रीश राहुल को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस में सहायक पुलिस महानिरीक्षक का पद दिया गया है। इसके अलावा वह सहायक पुलिस महानिरीक्षक (प्रशिक्षण) के अतिरिक्त प्रभार में रहेंगे।
मालूम हो कि दो दिन पूर्व चुनाव आयोग ने भोजपुर डीएम राजकुमार, नवादा डीएम आशुतोष वर्मा, भोजपुर के एसपी प्रमोद कुमार यादव और नवादा के एसपी अम्ब्रीश राहुल को दायित्व मुक्त कर दिया था। चुनाव की पूरी प्रक्रिया संपन्न होने तक इन अधिकारियों से कोई भी चुनावी कार्य नहीं लेने का निर्देश दिया गया था। इसी आलोक में गृह विभाग ने आइपीएस अफसरों का तबादला किया है।
ये भी पढ़ें- Pappu Yadav: पप्पू यादव को कांग्रेस की सख्त 'Warning', क्या अब पूर्णिया से वापस लेंगे नामांकन?
ये भी पढ़ें- इधर नीतीश कुमार दे रहे थे भाषण, इतने में मोदी ने कुशवाहा को दे दी बगल की कुर्सी और पूछ लिया...
Sushil Modi: 4 घंटे समर्थकों से मिले सुशील मोदी, लालू-नीतीश और राजनाथ ने फोन पर की बातचीत
राज्य ब्यूरो, पटना। एक दिन पहले कैंसर की गंभीर बीमारी की सूचना सार्वजनिक करने अगले दिन गुरुवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के निजी आवास पर समर्थकों एवं प्रशंसकों की भीड़ लगी रही।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के अलावा कई राजनेताओं ने फोन पर मोदी से बातचीत कर शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सहित कई नेताओं ने उनके भेंट की और विश्वास दिलाया कि वह राजनीति की लड़ाई की तरह इस बीमारी पर भी जीत हासिल करेंगे। चौधरी ने कहा कि मोदी के साथ राज्य की करोड़ो जनता का आशीर्वाद है। वह जल्द स्वस्थ होकर पहले की तरह सार्वजनिक जीवन में वापस आएंगे।
जल्द स्वास्थ होने की कामनालोग सोशल मीडिया पर भी मोदी के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए शुभकामना दे रहे हैं। उनमें ऐसे लोग भी हैं, जिनसे मोदी की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रही है।
बुधवार को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने मोदी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की थी। प्रसाद की पुत्री और छपरा से राजद उम्मीदवार डा. रोहिणी आचार्य ने भी अपने एक्स हैंडल पर मोदी को शुभकामनाएं दी हैं।
गले में तकलीफ, फिर भी लोगों से की मुलाकातगुरुवार को मोदी दिन के 10 से 12 बजे के बीच लोगों से मिले। शाम में पांच से सात बजे के बीच भी मिलने जुलने का क्रम जारी रहा। करीबी सूत्रों ने बताया कि मोदी 20 अप्रैल को उपचार के लिए नई दिल्ली जाएंगे। एम्स में उनका उपचार हो रहा है।
सूत्रों ने बताया कि उन्हें गले में तकलीफ है। लेकिन, कैंसर का प्रभाव पेशाब की थैली पर है। बीते छह महीने से उनका उपचार चल रहा है। इसके तहत दवा के अतिरिक्त कीमोथेरेपी की जा रही है। स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है।
एक्स हैंडल पर कम हुई सक्रियतासुशील मोदी बिहार के ऐसे कुछ खास नेताओं में हैं, जो राज्य एवं देश की प्रमुख घटनाओं पर एक्स हैंडल के माध्यम से प्रतिदिन प्रतिक्रिया देते रहे हैं। लेकिन, तीन अप्रैल को अपनी बीमारी की सूचना देने के बाद एक्स पर उनकी कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं आई है।
यह भी पढ़ें: कांग्रेस MLA ने निशिकांत दुबे के खिलाफ चुनाव आयोग में दर्ज कराई शिकायत, छवि खराब करने का लगाया आरोप
इधर नीतीश कुमार दे रहे थे भाषण, इतने में मोदी ने कुशवाहा को दे दी बगल की कुर्सी और पूछ लिया...
JEE Main Admit Card 2024: जेईई मेन आठ, नौ और 12 की परीक्षा का प्रवेश पत्र जारी, यहां से करें डाउनलोड
जागरण संवाददाता, पटना। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने आठ, नौ और 12 अप्रैल को होने वाली जेईई मेन का प्रवेश पत्र जारी कर दिया है। जो भी उम्मीदवार इन तिथियों में होने वाली दूसरे सत्र की जेईई मेन परीक्षा में शामिल होंगे वे वेबसाइट jeemain.nta.ac.in पर जाकर अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।
बीई, बीटेक के लिए जेईई मेन चार अप्रैल से परीक्षा शुरू हो गई है। परीक्षा पांच, छह, आठ और नौ अप्रैल को दो पालियों में आयोजित की जाएगी। सुबह की शिफ्ट की परीक्षा सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक है, जबकि दोपहर की शिफ्ट का समय दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक है।
बीआर्क पेपर-2 की परीक्षा 12 अप्रैल को होगी और परीक्षा सुबह नौ बजे से दोपहर 12.30 बजे तक एक ही पाली में होगी।
सीटीईटी के लिए कल तक कर सकते हैं आवेदनकेंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) 2024 के लिए आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि में विस्तार किया है। कक्षा एक से आठ तक के शिक्षक बनने के इच्छुक उम्मीदवार अब पांच अप्रैल रात 11.59 बजे तक वेबसाइट ctet.nic.in पर जाकर सीटीईटी जुलाई सत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन पत्र भरते समय किसी भी तकनीकी समस्या आने पर आवेदक मोबाइल नंबर- 8802580447 पर संपर्क कर सकते हैं। परीक्षा सात जुलाई को दो पालियों में आयोजित की जाएगी।
पहली पाली में पेपर-दो बी परीक्षा सुबह 9.30 बजे से दोपहर 12 बजे होगी। दूसरी पाली में पेपर-एक की दोपहर दो बजे से शाम 4.30 बजे तक होगी।
ये भी पढ़ें- इधर नीतीश कुमार दे रहे थे भाषण, इतने में मोदी ने कुशवाहा को दे दी बगल की कुर्सी और पूछ लिया...
ये भी पढ़ें- Pappu Yadav: पप्पू ने कांग्रेस के साथ 'दोस्ती' की, मगर वो भी अधूरी..! 15 दिनों बाद हुआ इस बात का खुलासा
Bihar Politics: बिहार के वो IPS अधिकारी जो इन सीटों से आजमाना चाहते हैं भाग्य, पर...
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News in Hindi । सियासत में अफसरशाही का प्रवेश की कहानी कोई नई बात नहीं है। बिहार के साथ पूरे देश में ऐसे दर्जनों उदाहरण हैं। इस कहानी को एक बार फिर दोहराने की तैयारी है।
भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के तीन अधिकारी बिहार लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमाना चाहते हैं। हालांकि, अब तक भाजपा को छोड़कर दूसरी पार्टियों का नजरिया साफ नहीं हुआ है।
ये अधिकारी आजमाना चाहते हैं दांवअसम कैडर के 2011 बैच के आइपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा, तमिलनाडु में अपनी सेवा दे चुके 1988 बैच के आइपीएस अधिकारी बीके रवि और तमिलनाडु से ही डीजी के पद से सेवानिवृत्त होने वाले 1991 बैच के करुणा सागर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। करुणा सागर सेवानिवृत्ति के बाद राजद से जुड़े और जहानाबाद के लिए इच्छुक थे, जहां राजद ने सुरेंद्र यादव को प्रत्याशी बना दिया है।
क्या कहते हैं करुणा सागर?करुणा सागर कहते हैं वे राजद में सदस्य के रूप में काम कर रहे। पुलिस में रहते हुए लोगों की सेवा करता रहा, लेकिन समाज के लिए काम करने की इच्छा हुई तो सोचा था चुनाव लडूंगा। हालांकि, निर्णय नेतृत्व को लेना है। उन्हें कोई शिकवा या शिकायत नहीं। टिकट मिला तो भी खुश, नहीं तो भी। मैं कार्यकर्ता के रूप में लोगों की सेवा करता रहूंगा।
समस्तीपुर से लड़ना चाहते हैं बीके रविबीके रवि ने कुछ माह पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली और सीधे कांग्रेस से जुड़ गए। वे समस्तीपुर से लड़ना चाहते थे। कांग्रेस से यहां अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं। बीके रवि कहते हैं कि बिहार जन्मभूमि हैं। नौकरी करने बाहर चला गया। अब लौटा हूं तो अपने लोगों की सेवा करने की इच्छा है। पार्टी जो भी निर्णय करेगी, उन्हें सहर्ष स्वीकार होगा।
यहां से लड़ना चाहते हैं हेमंत के पसंदीदा अधिकारीआनंद मिश्रा असम कैडर के आइपीएस अधिकारी रह चुके हैं। कुछ समय पूर्व तक वे लखीमपुर में एसपी के रूप में तैनात थे। कहा जाता है कि वे असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा के पसंदीदा अफसर थे। समाज सेवा के लिए नौकरी छोड़ी और बक्सर से चुनाव लड़ने की इच्छा प्रकट की।
भाजपा की नेतृत्व की मानें तो केंद्रीय नेतृत्व इससे पहले ही बक्सर से मिथिलेश तिवारी का नाम तय कर चुका था। हालांकि आनंद निराश नहीं हैं। उनका मानना है कि समाज में सेवा करने के लिए पद नहीं, भाव जरूरी है।
यह भी पढ़ें: Pappu Yadav: पप्पू यादव ने महज 15 दिनों में ही कांग्रेस के साथ कर दिया 'खेला', लालू को भी दे दी नई टेंशन!
इधर नीतीश कुमार दे रहे थे भाषण, इतने में मोदी ने कुशवाहा को दे दी बगल की कुर्सी और पूछ लिया...
राज्य ब्यूरो, पटना। PM Modi Upendra Kushwaha प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से राज्य में लोकसभा चुनाव में राजग उम्मीदवारों की जीत की संभावना पर बातचीत की।
गुरुवार को जमुई के सभा मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए तो मुलाकात के क्रम में वह कुछ देर कुशवाहा के निकट रूके। उस समय उनसे हालचाल पूछा।
कुशवाहा को दी कुर्सीमुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब भाषण देने के लिए डायस पर गए, प्रधानमंत्री ने उपेंद्र कुशवाहा को बुलाकर बगल की कुर्सी पर बिठाया।
आज जमुई में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय श्री @narendramodi जी के साथ जमुई में एनडीए समर्थित @LJP4India प्रत्याशी श्री अरुण भारती जी के पक्ष में आयोजित ऐतिहासिक रैली में उपस्थित आपार जनसमूह को संबोधित किया।#मोदी_संग_आपन_बिहार #PhirEKBarModiSarkar pic.twitter.com/TzIzadSxfz
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushRLM) April 4, 2024कुशवाहा से पूछा ये सवालकुशवाहा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनसे पूछा कि किसी क्षेत्र में राजग उम्मीदवार को परेशानी तो नहीं है। कुशवाहा ने कहा कि राजग सभी 40 सीटों पर जीत के लक्ष्य को हासिल करने जा रहे हैं।
मोदी ने राजद को घेराबिहार में चुनावी शंखनाद करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान परिवारवाद के बजाय जंगलराज, भ्रष्टाचार और नक्सलवाद के मुद्दे पर कांग्रेस एवं राजद पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि जंगलराज में सरकार की योजनाएं यहां तक नहीं पहुंचती थी। नक्सली यहां सड़कें नहीं बनने देते थे।
मोदी को किया गया सम्मानितमंच पर पहुंचने के उपरांत सबसे पहले चिराग पासवान तथा जमुई सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी अरुण भारती ने संयुक्त रूप से अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर भाजपा नेता शंभू शरण ने मिथिला पेंटिंग भेंट की।
इसके अलावा, मधु शीला, संगीता पासवान, कंचन देवी, पिंकी कुशवाहा, विकास सिंह आदि ने भी अंग वस्त्र भेंट कर प्रधानमंत्री को सम्मानित किया।
ये भी पढ़ें- Pappu Yadav: पप्पू ने कांग्रेस के साथ 'दोस्ती' की, मगर वो भी अधूरी..! 15 दिनों बाद हुआ इस बात का खुलासा
ये भी पढ़ें- PM Modi On Chirag: 'मेरे छोटे भाई चिराग पासवान...', जब हजारों लोगों के सामने PM Modi ने कही ये बात; देखें VIDEO
Bihar Politics: कांग्रेस छोड़कर क्यों भाग रहे राहुल गांधी के करीबी? इस नेता ने बता दिया सियासी उठापटक का कारण
राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने गुरुवार को कहा कि पूरे देश में कांग्रेस छोड़ो आंदोलनचल रहा है। राहुल गांधी के अहंकार और जमींदारी मानसिकता के कारण कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है।
राजीव रंजन ने कहा कि कांग्रेस नेताओं में असंतोष का माहौल इतना गहरा हो गया है कि हर दिन उनका कोई न कोई नेता इस्तीफा देकर पार्टी छोड़ रहा है। हालात इतने बदतर हैं कि पिछले नौ साल में 13 पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ गांधी परिवार के करीबी कहे जाने वाले कई नेता कांग्रेस छोड़ चुके हैं। इस सुनामी से ऐसा प्रतीत होता है कि पूरे देश में कांग्रेस छोड़ो आंदोलन चल रहा है।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस छोड़ने वाले हर नेता इसके लिए राहुल गांधी के अपरिपक्व नेतृत्व उनकी कार्यशैली को दोषी ठहरा रहे हैं। इसके अतिरिक्त कांग्रेस की सनातन विरोधी मानसिकता को भी लोग एक बड़ा मुद्दा बता रहे।
जदयू ने हर जिले में शुरू किए फेसबुक पेजइंटरनेट मीडिया को जदयू ने लोकसभा चुनाव का बड़ा माध्यम बनाया है। जदयू ने हर जिले में अपना फेसबुक पेज तैयार किया है। इस पेज पर टेक्स्ट (पाठ्य-सामग्री) और वीडियो के जरिये नीतीश कुमार के शासन-काल में हुए विकास-कार्यों की गाथा अपलोड की जा रही है। कितनी संख्या में लोग इन पेजों को शेयर, लाइक और देख रहे, आइटी सेल द्वारा इसके आंकड़े जमा किए जा रहे हैं।
यह भी ब्योरा जुटाया जा रहा कि फेसबुक पेज पर लोग कितनी देर ठहर रहे। पटना स्थित जदयू के वार-रूम में भी फेसबुक पेज पर काम हो रहा है। मानीटरिंग भी हो रही। बीच-बीच में पेज को अपडेट भी किया जा रहा। जिला स्तर पर सक्रिय इकाई निर्देश है कि वह इसका जतन करे कि अधिक से अधिक लोग इन पेजों को देखें।
ऐसे कंटेंट को लोगों तक पहुंचाने की कोशिशइन पेजों पर जिलों में विकास योजनाओं के लिए उपलब्ध कराई गई राशि और उससे हो रहे काम का उल्लेख है। आधारभूत संरचना से जुड़ी तस्वीरें व वीडियो भी पेज का हिस्सा हैं। सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में संबंधित जिले को किस तरह से लाभ मिला है, इसका भी वर्णन है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री के संबोधनों को भी जिले के पेज पर जगह मिली है।
Pappu Yadav: पप्पू ने कांग्रेस के साथ 'दोस्ती' की, मगर वो भी अधूरी..! 15 दिनों बाद हुआ इस बात का खुलासा
राज्य ब्यूरो, पटना। Pappu Yadav Purnea Lok Sabha Seat पप्पू यादव की इस समय पूरे बिहार में चर्चा हो रही है। पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय पर्चा भरने वाले पप्पू यादव ने कांग्रेस को भी झटका दे दिया है।
महज 15 दिन पहले पप्पू ने कांग्रेस में अपनी जन अधिकार पार्टी का विलय किया था, लेकिन अब पप्पू ने अपनी राह कहीं ना कहीं कांग्रेस से अलग कर ली है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश ने भी कह दिया है कि उन्होंने पप्पू यादव को नामांकन के लिए नहीं कहा था।
क्या पप्पू पर एक्शन लेगी कांग्रेस?ऐसे में सियासी गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस पप्पू यादव पर एक्शन ले सकती है? तो इसका जवाब है 'नहीं'।
दरअसल, 20 मार्च को अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने वाले पप्पू यादव ने खुद आधिकारिक रूप से कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली है।
15 दिनों बाद हुआ इस बात खुलासावास्तविकता यह है कि पप्पू ने अभी नियमानुसार कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता नहीं ली है। अपेक्षा व आवश्यकतानुसार आलाकमान को प्रदेश कांग्रेस की ओर से सूचनाएं दी जाती हैं। सूचनाएं आज भी साझा हो रहीं। प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व का जैसा निर्देश होगा, वैसी पहल होगी।
ये भी पढ़ें- Nitish Kumar: क्या नीतीश फिर मारेंगे 'पलटी'? RJD नेता ने किया चौंकाने वाला दावा, कहा- मुख्यमंत्री जी कल...
ये भी पढ़ें- Pappu Yadav: पप्पू का लालू को चैलेंज! बीमा के खिलाफ भर दिया पर्चा, अखिलेश बोले- मैंने उनको...
Bihar Politics: चुनावी महासमर में एक बार फिर उतरे छात्र राजनीति के सूरमा, कांग्रेस के कन्हैया ने भी लगा रखी है आस
रमण शुक्ला, पटना। बिहार में छात्र राजनीति से संसद तक पहुंचने वालों नेताओं का अतीत भी कम उल्लेखनीय नहीं है। भाजपा ने रविशंकर प्रसाद, नित्यानंद राय को इस बार भी मौका दिया है, जो छात्र राजनीति से लोकसभा तक पहुंचे हैं।
वहीं, जदयू ने महाराष्ट्र में छात्र संगठन से उभरे देवेश चंद्र ठाकुर को आगे कर सीतामढ़ी में मैदान मारने का दांव चला है। ठाकुर अभी बिहार विधान परिषद के सभापति हैं।
अब भी टिकट की आस में हैं कन्हैया कुमारजेएनयू में वामपंथी छात्र संगठन की राजनीति से कांग्रेस में आए कन्हैया कुमार को बेगूसराय नहीं तो किसी दूसरी सीट के लिए अब भी आशा है। महागठबंधन में बेगूसराय भाकपा के खाते में चली गई है।
BJP ने अपने पुराने छात्र नेताओं पर फिर चला दांवपटना साहिब संसदीय क्षेत्र से रविशंकर प्रसाद और उजियारपुर से नित्यानंद राय दोबारा प्रत्याशी हैं। भाजपा इनके जरिये विद्यार्थी परिषद के युवाओं को भविष्य की आशा में जुटे रहने का संदेश दिया है।
नीतीश हों या लालू... छात्र राजनीति से किया संसद तक का सफरउल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी आदि छात्र संगठनों से होकर ही राजनीति के आसमान में चमके हैं।
बिहार की विधायी राजनीति में उन सबका उल्लेखनीय योगदान है। यह प्रमाण है कि कालेज-विश्वविद्यालय के किताबी पाठ ही नहीं, बल्कि वहां पढ़े-पढ़ाए गए राजनीतिक ककहरा भी भविष्य में कद-पद बढ़ाने वाले होते हैं।
छात्र संघ से चमकते हुए बने राजनीति के सितारे1970 के दशक में छात्र राजनीति में लालू प्रसाद का पहली बार प्रवेश हुआ। पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ का अध्यक्ष रहते हुए वे राजनीतिक जगत की सुर्खियों में आ गए थे।
पटना विश्वविद्यालय के छात्र संघ से ही सुशील मोदी, रविशंकर प्रसाद, अश्विनी चौबे, अनिल शर्मा आदि मुख्य धारा की राजनीति में आए।
लालू यादव की अध्यक्षता वाली समिति में सुशील मोदी महासचिव और रविशंकर संयुक्त सचिव हुआ करते थे। लालू तो राजद के संस्थापक ही हैं, जबकि सुशील मोदी और रविशंकर प्रसाद राज्य-राष्ट्र में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं।
1977 में पटना विश्वविद्यालय में पहली बार विद्यार्थी परिषद को जीत दिलाकर अश्विनी चौबे अध्यक्ष बने थे। प्रदेश की सरकार से होते हुए केंद्र सरकार तक पहुंचे। गैर-राजनीतिक संगठन के बूते 1980 में अध्यक्ष बन अनिल कुमार शर्मा ने एक नया ही इतिहास रचा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से होते हुए वे अब भाजपा का झंडा उठा लिए हैं।
नीतीश का मॉडल सबसे अलगछात्र संघ में लालू की टीम में रहे बाल मुकुंद शर्मा अभी राजनारायण चेतना मंच के अध्यक्ष हैं। वे नीतीश कुमार की राजनीतिक शैली को सबसे अलग मानते हैं।
वह कहते हैं कि राजनीति में अच्छे लोग नहीं आएंगे तो बुरे लोग हावी हो जाएंगे। ऐसे में राजकाज और समाज पर बुरा असर पड़ेगा। 1974 के आंदोलन के दौरान नीतीश की राजनीतिक शुचिता आज भी अनुकरणीय है।
अब स्टार प्रचारक की भूमिकानीतीश कुमार, लालू प्रसाद,अश्विनी चौबे आदि अपने-अपने दल के स्टार प्रचारक हैं। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों से सुशील मोदी ने स्टार प्रचारक के रूप में भाजपा के लिए चुनाव प्रचार में असमर्थता जताई है।
Nitish Kumar: क्या नीतीश फिर मारेंगे 'पलटी'? RJD नेता ने किया चौंकाने वाला दावा, कहा- मुख्यमंत्री जी कल...
एजेंसी, पटना। राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने नीतीश कुमार पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एनडीए की जमुई रैली पर भी निशाना साधा। मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि मोदी जी फिर से धोखेबाजी और जुमलेबाजी करने बिहार आए हैं और ये बात बिहार की जनता अच्छी तरह से जानती है।
राजद नेता ने कहा कि अब मोदी जी कुछ भी कह लें, लेकिन बिहार की जनता ने संकल्प लिया है कि भाजपा को भगाना है। उन्होंने यह भी कहा कि 4 जून के बाद आदरणीय प्रधानमंत्री जी को समझ में आ जाएगा कि बिहार की धरती का क्या सौभाग्य होता है।
'मुख्यमंत्री जी कल राजद के साथ आ जाएंगे'मृत्युंजय तिवारी ने नीतीश कुमार के राजद से गठबंधन तोड़ने वाले बयान पर भी निशाना साधा। राजद ने कहा, आदरणीय मुख्यमंत्री जी अभी झूठ-मूठ का बीजेपी के साथ हैं और झूठ-मूठ में ही राजद के साथ कल आ जाएंगे। मुख्यमंत्री जी की विश्वसनीयता ही समाप्त हो गई है।
'तेजस्वी के चाचा फिर जाल में फंस गए'उन्होंने कहा कि जिस मंच से वो हिंदू-मुस्लिम की बात कर रहे थे, उसी मंच पर हिंदू-मुस्लिम के बीच नफरत के बीज बोने वाले बैठे हुए थे। मुख्यमंत्री जी को अब कौन सुन रहा है। सब जानते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर मोदी जी ने कब्जा कर लिया है और तेजस्वी यादव के चाचा जी फिर उनके जाल में फंस गए।
राजद नेता ने यह भी कहा कि अब माननीय मुख्यमंत्री जी बीजेपी की डूबती नैया पर सवार हुए हैं। दोनों की राजनीति समाप्त है और तेजस्वी ने जो 17 साल में जो काम किया है, वो बोल रहा है।
ये भी पढ़ें- ...जब नीतीश कुमार ने फिर दोहराई वो बात, अपनी मुस्कान नहीं रोक सके PM Modi; सामने आया VIDEO
ये भी पढ़ें- PM Modi On Chirag: 'मेरे छोटे भाई चिराग पासवान...', जब हजारों लोगों के सामने PM Modi ने कही ये बात
...जब नीतीश कुमार ने फिर दोहराई वो बात, अपनी मुस्कान नहीं रोक सके PM Modi; सामने आया VIDEO
एजेंसी, पटना। Nitish Kumar And PM Modi प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को जमुई पहुंचे। यहां उन्होंने एनडीए की विशाल रैली को संबोधित किया। मंच पर उनके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहे। रैली की सबसे खास बात ये रही कि सीएम नीतीश ने फिर दोहराया कि वो अब इधर-उधर नहीं होने वाले हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि वो अब स्थायी रूप से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ हैं और अब इधर-उधर नहीं होने वाले।
#WATCH | At PM Narendra Modi's public rally in Jamui, Bihar CM Nitish Kumar says, "'Woh toh jhooth-mooth ka hum beech mein ek baar saath kar liye the toh aaj woh baat karta hai', but when I saw that he is doing wrong, I left them (RJD). And we are together forever now. 'Ab kabhi… pic.twitter.com/nGa9H7uN0p
— ANI (@ANI) April 4, 2024 'वो तो झूठ-मूठ का हम...'नीतीश कुमार ने आगे कहा, "वो तो झूठ-मूठ का हम बीच में एक बार साथ कर लिए थे तो आज वो बात करता है... लेकिन जब मैंने देखा कि वह गलत रहे हैं तो हमने राजद छोड़ दिया। अब कभी इधर-उधर नहीं होने वाले हैं"।
'हिंदू-मुस्लिम दंगे बंद हो गए हैं...'नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की सराहना करते हुए कहा कि जब से वह सत्ता में आई है हिंदू-मुस्लिम दंगे बंद हो गए हैं। उन्होंने कहा, "पीएम मोदी 10 साल से केंद्र सरकार में हैं और उन्होंने बिहार और देश के लिए बहुत काम किया है। जब से उन्होंने सत्ता संभाली है, हिंदू-मुस्लिम दंगे बंद हो गए हैं"।
बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को दिए गए भारत रत्न पुरस्कार पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "आपने (पीएम मोदी) बहुत काम किया है। आपने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया जो हमारी मांग रही है, लोग इसे नहीं भूलेंगे"।
मुख्यमंत्री कुमार ने कहा, "आज, वे (राजद) केवल बातें कर सकते हैं, लेकिन जब उन्हें 15 साल मिले, तो उन्होंने कुछ नहीं किया। उनके कार्यकाल में लोग शाम के बाद अपने घरों से बाहर भी नहीं निकल पाते थे"।
ये भी पढ़ें- Pappu Yadav: पप्पू का लालू को चैलेंज! बीमा के खिलाफ भर दिया पर्चा, अखिलेश बोले- मैंने उनको...
ये भी पढ़ें- Chirag Paswan: चिराग पासवान के साथ हो गया 'खेला', LJPR में अचानक मची भगदड़; 22 नेताओं ने दे दिया इस्तीफा
Bihar Politics: कांग्रेस के साथ हो गया 'खेला'! BJP ज्वाइन कर सकता है ये दिग्गज नेता, सियासी अटकलें तेज
एजेंसी, पटना। बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा, जिन्होंने पिछले महीने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, वह जल्द ही भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में कांग्रेस को झटका देते हुए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने 31 मार्च को इस्तीफा दे दिया था। अनिल शर्मा ने कहा था कि कांग्रेस राजद के साथ 'विनाशकारी' साझेदारी में फंस गई है।
अनिल शर्मा से पहले भी कांग्रेस को लगे कई झटकेउल्लेखनीय है कि अनिल शर्मा लगभग एक दशक में पार्टी छोड़ने वाले चौथे पूर्व बिहार कांग्रेस अध्यक्ष बन गए हैं। ताजा उदाहरण अशोक चौधरी का है, जो 2018 में पार्टी छोड़कर जेडीयू में शामिल हो गए थे, कुछ महीनों बाद एक गुटीय झगड़े के कारण उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा था।
इससे पहले, 2015 में राम जतन सिन्हा ने कांग्रेस छोड़ दी थी और जेडी (यू) में एक संक्षिप्त कार्यकाल के बाद वह राजनीतिक मैदान में हैं। वहीं, पिछले साल महबूब अली कैसर दिवंगत राम विलास पासवान की एलजेपी में शामिल हुए थे।
महागठबंधन सीट शेयरिंगराजद पूर्णिया सहित राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से 26 पर चुनाव लड़ेगा। कांग्रेस नौ सीटों पर चुनाव लड़ेगी, उसके बाद सीपीआई (एमएल) 3 सीटों पर और सीपीआई और सीपीआई (एम) एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेगी।
ये भी पढ़ें- RJD Star Campaigners: राजद ने जारी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट, लालू-तेजस्वी समेत 40 नेताओं के नाम
ये भी पढ़ें- Nitish Kumar: नीतीश कुमार ने PM मोदी के सामने फिर वही बोल दिया, जो 1 महीने पहले कहा था...
RJD Star Campaigners: राजद ने जारी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट, लालू-तेजस्वी समेत 40 नेताओं के नाम
राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव का शंखनाद होते ही तमाम राजनीतिक दल के स्टार प्रचारक पार्टी और अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए मैदान में कूद भी चुके हैं। भाजपा की तरफ से लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह जैसे दिग्जजों को प्रचार का जिम्मा दिया है।
भाजपा की तरह दूसरे दल से भी बड़े से बड़े स्टार प्रचारक मैदान में हैं। इस कड़ी में राष्ट्रीय जनता दल ने भी स्टार प्रचारकों के नाम तय कर लिए हैं।
राजद के स्टार प्रचारकों की सूची में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, अब्दुल बारी सिद्दीकी, जगदानंद सिंह के साथ ही बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, मीसा भारती, श्याम रजक उदय नारायण चौधरी जैसे दिग्गज नेताओं के नाम हैं।
बीते लोकसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने अकेले ही चुनाव मैदान में प्रचार का जिम्मा संभाल रखा था, लेकिन इस चुनाव लालू प्रसाद भी पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार करते दिखेंगे। हालांकि, उनके स्वास्थ्य को देखते हुए यह कहा जा रहा है कि वे कुछ ही जनसभाएं करेंगे।
राजद के स्टार प्रचारकों की सूची- लालू प्रसाद
- राबड़ी देवी
- तेजस्वी प्रसाद यादव
- अब्दुल बारी सिद्दीकी
- जगदानंद सिंह
- तेज प्रताप यादव
- देवेन्द्र यादव
- उदय नारायण चौधरी
- मनोज झा
- कांति सिंह
- श्याम रजक
- भोला यादव
- फैयाज अहमद
- मो फारूक
- अनीता देवी
- सुनील कुमार सिंह
- भाई बीरेंद्र
- इसराइल मंसुरी
- कुमार सर्वजीत
- अशोक कुमार सिंह
- स्वीटी सीमा हेम्ब्रम
- डॉ तनवीर हसन
- फैसल अली
- समीर कुमार महासेठ
- रणविजय साहू
- कार्तिकेय कुमार
- अनिल सहनी
- राजेन्द्र राम
- अख्तरूल इस्लाम साहीन
- रामवृक्ष सदा
- राजवंशी महतो
- डॉ उर्मिला ठाकुर
- नेहालुद्दीन
- इजहार अहमद
- समता देवी
- कारी सोहैब
- अबु दोजाना
- शक्ति सिंह यादव
- मुकेश तांती
- सिपाही लाल महतो
ये भी पढ़ें- Nitish Kumar: नीतीश कुमार ने PM मोदी के सामने फिर वही बोल दिया, जो 1 महीने पहले कहा था...
ये भी पढ़ें- Pappu Yadav: पप्पू का लालू को चैलेंज! बीमा के खिलाफ भर दिया पर्चा, अखिलेश बोले- मैंने उनको...
Prashant Kishor: 'लालू-नीतीश ने एक ही फैक्ट्री लगाई जिसमें...', प्रशांत किशोर ने फिर फोड़ा सियासी बम, घमासान तय
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Political News Today: जन सुराज यात्रा के संयोजक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) इन दिनों बिहार घूम-घूमकर लोगों से व्यवस्था बदलने की अपील कर रहे हैं। इस दौरान वह लालू यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार सियासी बम फोड़ रहे हैं। प्रशांत किशोर ने इसबार लालू यादव और नीतीश कुमार के बिहार मॉडल पर हमला बोला है।
लालू जी और नीतीश जी ने एक ही फैक्ट्री लगाई: प्रशांत किशोरप्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कहा कि पूरे बिहार में लालू जी और नीतीश जी ने एक ही फैक्ट्री लगाई है। इस फैक्ट्री में मजदूर का निर्माण हो रहा है। जवान लड़के को मजदूर बना दो। देश के किसी भी राज्य को मजदूर की जरूरत पड़ती है तो लालू-नीतीश की इसी फैक्ट्री से उठाकर ले जाते हैं।
खेत नहीं कटता है तो बिहार से मजदूर पकड़ लाओ: प्रशांत किशोरप्रशांत किशोर ने कहा कि किसी का अगर खेत नहीं कटता है तो कहता है कि बिहार से मजदूर पकड़कर ले आओ। ये बिहार की दुर्दशा है। लालू-नीतीश ने सामाजिक न्याय के नाम पर यहां गरीबी का बंटवारा किया और कोई उद्योग और रोजगार नहीं लगाया। तो सब आदमी मजदूर हो गया, तो बन गया समतामूलक समाज। ये लालू और नीतीश कुमार का मॉडल है।
ये भी पढ़ें
मुजफ्फरपुर से रानी कमलापति के लिए चलेगी स्पेशल ट्रेन, यशवंतपुर वन-वे ट्रेन पर भी आया अपडेट
जागरण संवाददाता, पटना। होली के बाद यात्रियों की सुविधा हेतु रेलवे द्वारा अतिरिक्त होली स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। इसी कड़ी में मुजफ्फरपुर से रानी कमलापति के लिए एक वन-वे स्पेशल का परिचालन किया जाएगा।
गाड़ी सं. 05297 मुजफ्फरपुर-रानी कमलापति वन वे स्पेशल छह अप्रैल को मुजफ्फरपुर से 20.45 बजे प्रस्थान करेगी तथा हाजीपुर, पाटलिपुत्र, दानापुर, आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन सहित विभिन्न स्टेशनों पर रुकते हुए अगले दिन 16.35 बजे रानीकमलापति पहुंचेगी।
इस होली स्पेशल ट्रेन में तृतीय वातानुकूलित श्रेणी का 01, स्लीपर क्लास के 14 तथा साधारण श्रेणी के 03 कोच होंगे।
इसके साथ ही चार अप्रैल को मुजफ्फरपुर से 15.30 बजे खुलने वाली गाड़ी सं. 05269 मुजफ्फरपुर-यशवंतपुर वन वे स्पेशल का परिचालन विस्तार पांडवपुरा स्टेशन तक किया जा रहा है।
यह स्पेशल 06.04.24 को 19.10 बजे यशवंतपुर पहुंचेगी और वहां से 19.12 बजे खुलकर 22.00 बजे पांडवपुरा पहुंचेगी।
नवरात्रि के अवसर पर मैहर में पांच जोड़ी ट्रेनों का अस्थाई ठहराव- वलसाड से खुलने वाली 19051 वलसाड-मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस मैहर स्टेशन पर 15.25 बजे पहुंच कर 15.30 बजे आगे के लिए प्रस्थान करेगी।
- छत्रपति शाहू महाराज टर्मिनल, कोल्हापुर से खुलने वाली 11045 छत्रपति शाहू महाराज टर्मिनल, कोल्हापुर-धनबाद एक्सप्रेस मैहर स्टेशन पर 17.30 बजे पहुंच कर 17.35 बजे आगे के लिए प्रस्थान करेगी।
- लोकमान्य तिलक टर्मिनस से खुलने वाली 15268 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-रक्सौल एक्सप्रेस मैहर स्टेशन पर 10.50 बजे पहुंच कर 10.55 बजे आगे के लिए प्रस्थान करेगी।
- पूर्णा जं. से 11 से खुलने वाली 17610 पूर्णा जं.-पटना एक्सप्रेस मैहर स्टेशन पर 10.50 बजे पहुंच कर 10.55 बजे आगे के लिए प्रस्थान करेगी।
- बांद्रा टर्मिनस से 08 से 22 अप्रैल, 2024 तक खुलने वाली 22971 बांद्रा टर्मिनस-पटना एक्सप्रेस मैहर स्टेशन पर 15.25 बजे पहुंच कर 15.30 बजे आगे के लिए प्रस्थान करेगी।
ये भी पढ़ें- Ayurvedic Medicine: अंग्रेजी के नाम बेची जा रहीं आयुर्वेदिक दवाएं, अब गोरखधंधे पर कसेगा शिकंजा
ये भी पढ़ें- Patna High Court का निगरानी ब्यूरो को निर्देश, इन शिक्षकों के सर्टिफिकेट प्रकरण में जारी रहेगी जांच
Ayurvedic Medicine: अंग्रेजी के नाम बेची जा रहीं आयुर्वेदिक दवाएं, अब गोरखधंधे पर कसेगा शिकंजा
जागरण संवाददाता, पटना। आयुर्वेदिक नामों से दवा के नाम पर कुछ भी बेचने वालों पर अब औषधि विभाग शिकंजा कसने जा रहा है। पटना के सहायक औषधि नियंत्रक डॉ. सच्चिदानंद विक्रांत ने बुधवार को कहा कि इस संबंध में सभी औषधि निरीक्षकों को संदिग्ध उत्पादों की सूची बनाने का निर्देश दिया गया है।
गुरुवार को कार्यालय से आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जैसा उत्तर प्रदेश में आयुर्वेदिक दवाओं की जांच में स्टेरायड, दर्द निवारक, यौनवर्धक आदि अंग्रेजी दवाओं की पुष्टि हुई है, तो हम इसे अंग्रेजी दवाओं में आयुर्वेद की मिलावट का मामला मानकर जांच करेंगे।
बताते चलें कि आयुर्वेदिक, होमियोपैथी व यूनानी दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में 2020 से अलग आयुष औषधि विभाग सृजित किया गया है। हालांकि, पहले आयुष औषधि नियंत्रक की सेवानिवृत्ति के बाद दो वर्ष से यह पद रिक्त है और कार्यरत दो औषधि निरीक्षक निर्देश के अभाव में जांच नहीं करते।
इसके अलावा प्रदेश में आयुष दवाओं की जांच के लिए मान्यता प्राप्त सरकारी प्रयोगशाला भी नहीं है। सहायक औषधि नियंत्रक ने बुधवार को दैनिक जागरण में आयुर्वेदिक दवा के नाम पर कुछ भी बेचने की छूट शीर्षक से प्रकाशित खबर के बाद यह निर्णय लिया है।
2019 के बाद आयुर्वेदिक दवाओं की नहीं हुई जांचप्रदेश में आयुर्वेदिक कम 'मैजिक' दवाओं के नाम पर कुछ भी बेचने का धंधा काफी पुराना है। फरवरी 2013 से लेकर मई 2015 तक आपरेशन सम्राट दवाखाना चलाया गया था। इसमें गया, नालंदा, पटना, आरा जिलों में आयुर्वेदिक दवाएं बनाने वाली कंपनियों की जांच की गई थी। इसके बाद ऑपरेशन ऑब्जेक्शनल एडवर्टिजमेंट ऑफ ड्रग्स ओबैड चलाकर गया के तथाकथित राजवैद्य के यहां तो दस दिन तक कार्रवाई चली थी। वह पूरे देश में आनलाइन शर्तिया उपचार करता था।
बाद में उस पर 14 करोड़ का जुर्माना हुआ था। जो देश में अबतक का सबसे बड़ा जुर्माना है। हालांकि, अबतक सिर्फ 10 लाख जुर्माने की ही वसूली हो सकी है। 2016 में ही ऑपरेशन राज चला, जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, गुजरात, दिल्ली के 155 लोगों को आरोपित किया गया था। यह अभियान एक वर्ष तक चला था। इसके बाद इस क्रम की अंतिम कार्रवाई 23 अगस्त 2019 को पटना बाईपास में हुई थी जहां बिना लाइसेंस एलोपैथिक दवाओं के मिश्रण से यौनवर्धक कैप्सूल व दर्द निवारक दवाएं बनाई जा रही थीं।
मैजिक दवाओं का बड़ा बाजार है प्रदेशभ्रामक विज्ञापनों के सहारे आयुर्वेदिक-यूनानी दवा के नाम पर कुछ भी बेचने वाली कंपनियों के लाइसेंस रद करने के आयुष मंत्रालय ने आदेश दिए हैं। बावजूद इसके प्रदेश में काले से गोरा करने, वजन कम या बढ़ाने, कद बढ़ाने, संतानोत्पत्ति, यौनवर्धक दवाओं के अलावा जादुई अर्क, काढ़े, आसव, च्यवनप्राश, चूर्ण व जूस का प्रदेश में बड़ा बाजार है।
यही नहीं थोक दवा मंडी में सिरदर्द दूर करने वाला बाम, गैस, नींद, दर्दनिवारक नकली दवाएं बेची जा रही हैं। ये प्रतिष्ठित कंपनियों के रैपर पर बेची जाती हैं। 2019 में पटना में जिस आयुर्वेदिक कंपनी में छापेमारी की गई थी, वहां तमाम प्रतिष्ठित कंपनियों के रैपर मिले थे।
ये भी पढ़ें- Patna High Court का निगरानी ब्यूरो को निर्देश, इन शिक्षकों के सर्टिफिकेट प्रकरण में जारी रहेगी जांच
ये भी पढ़ें- Pappu Yadav: पप्पू का लालू को चैलेंज! बीमा के खिलाफ भर दिया पर्चा, अखिलेश बोले- मैंने उनको...
Patna High Court का निगरानी ब्यूरो को निर्देश, इन शिक्षकों के सर्टिफिकेट प्रकरण में जारी रहेगी जांच
राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाई कोर्ट ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत नियुक्त शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच के मामले पर अपना निर्णय सुनाते हुए कहा कि जहां भी जांच आगे बढ़ी है और जालसाजी या धोखाधड़ी का पता चला है, वहां उचित कार्रवाई की जाए।
मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चन्द्रन एवं न्यायाधीश हरीश कुमार की खंडपीठ ने रंजीत पंडित की लोकहित याचिका को निष्पादित करते हुए यह निर्णय सुनाया।
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार की फंडिंग से वर्ष 2006 से 2015 के बीच राज्य सरकार ने पंचायतों में नियमित शिक्षकों की नियुक्तियां की। इस दौरान कई फर्जी शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र देकर कई शिक्षक नियुक्त हो गए।
ये भी पढ़ें- Pappu Yadav: पप्पू का लालू को चैलेंज! बीमा के खिलाफ भर दिया पर्चा, अखिलेश बोले- मैंने उनको...
खंडपीठ को बताया गया कि फर्जी प्रमाण पत्रों पर नियुक्त शिक्षकों को इस्तीफा देने और ऐसे शिक्षकों पर किसी प्रकार का कानूनी कार्रवाई नहीं करने के निर्देश पर करीब तीन हजार शिक्षकों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और अन्य के प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया जा रहा है।
महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि अब तक निगरानी ब्यूरो ने लगभग छह लाख प्रमाणपत्रों का सत्यापन कर लिया है। इनमें से करीब 2019 प्रमाणपत्र जाली पाए गए हैं। पिछले नौ वर्षों में 2561 के विरुद्ध लगभग 1317 एफआइआर (प्राथमिकी) दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि 1252 शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त किया गया है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की ओर से वरीय अधिवक्ता अंजनी कुमार ने कोर्ट को बताया कि नियोजित शिक्षकों के 3,52,927 फोल्डर मिलने थे, लेकिन निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को केवल 2,80,759 फोल्डर ही मिले, जिसमें सितंबर 2023 तक 8,30,237 प्रमाणपत्र थे। प्रमाणपत्रों को सत्यापन के लिए संबंधित बोर्डों, विश्वविद्यालयों को भेजा गया। 5,90,945 प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया गया।
इस प्रकार करीब 71 प्रतिशत प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया जा चुका है। 2157 प्रमाण पत्र जाली पाए गए। कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उनका कहना था कि नियोजित शिक्षकों के 5,57,959 प्रमाण पत्रों में से 4,33,854 का सत्यापन कर लिया गया है और 1,24,105 प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए लंबित है।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि 32,570 प्रमाण पत्र राज्य के बाहर के हैं और 32,809 का सत्यापन किया जाना है। सभी पक्षों की ओर से दी गई दलील सुनने के बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि विजिलेंस एक बहुत बड़ा कार्य कर रहा है और अब जांच की निरंतर निगरानी करने की कोई आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने गड़बड़ियों की जांच कर जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने का आदेश देते हुए मामले को निष्पादित कर दिया।
ये भी पढ़ें- 'लालू परिवार, रेलवे भर्ती घोटाला से लेकर भ्रष्टाचार पर पीएम मोदी का वार...', पढ़ें संबोधन की प्रमुख बातें
KK Pathak: केके पाठक की डिमांड हुई पूरी..., सरकारी स्कूल के बच्चे भी हो जाएंगे खुश, बिहार सरकार ने उठाया ये कदम
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News Today: आखिरकार बिहार में केके पाठक (KK Pathak) की मेहनत रंग ले ही आई। केके पाठक का बिहार की शिक्षा व्यवस्था को बदलने का सपना पूरा हो ही गया। दरअसल, राज्य सरकार ने बिहार के सरकारी स्कूल की सूरत बदलने के लिए 3012 करोड़ 85 लाख रुपये की मंजूरी दे दी।
राज्य सरकार ने केके पाठक की बात मानीराज्य सरकार ने केके पाठक (KK Pathak) की बात मानते हुए सभी प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में आधारभूत संरचना विकास के लिए 3012 करोड़ 85 लाख रुपये का आवंटन किया है। यह राशि सभी जिलों को जारी की जा रही है। इस पैसे से विद्यालयों में अतिरिक्त वर्ग कक्ष का निर्माण, भवनों की मरम्मती एवं जीर्णोद्धार, खेल का मैदान तथा खेल परिसर का विकास कार्य कराया जाएगा।
केके पाठक डेस्क, बेंच लगाने की मांग लंबे समय से कर रहे थेबता दें कि केके पाठक स्कूल की बदहाल व्यवस्था को बदलने की डिमांड बहुत पहले से कर रहे थे। इसके लिए सरकार से फंड की डिमांड भी की गई थी। इसके अतिरिक्त विद्यालयों में बच्चों के बैठने के लिए डेस्क-बेंच तथा उपस्कर आदि खरीद की जाएगी।
राज्य योजना मद से शिक्षा विभाग को उपलब्ध करायी गई राशि से विद्यालयों में शौचालयों का निर्माण, किचेन शेड का निर्माण, पेयजल की व्यवस्था, विद्यालय चहारदीवारी का निर्माण एवं मरम्मती कार्य, प्रयोगशाला और विद्यालय कार्यालय का निर्माण कार्य कराया जाएगा।
ये भी पढ़ें
Pappu Yadav: पप्पू का लालू को चैलेंज! बीमा के खिलाफ भर दिया पर्चा, अखिलेश बोले- मैंने उनको...
डिजिटल डेस्क, पटना। पूर्णिया लोकसभा सीट इस समय सुर्खियों में बनी हुई है। राजद की बीमा भारती के खिलाफ अब कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की ठान ली है। पप्पू यादव ने पूर्णिया लोकसभा सीट से नामांकन भी दाखिल कर दिया है। नामांकन दाखिल करने के दौरान पप्पू यादव ने शक्ति प्रदर्शन भी किया।
पप्पू यादव ने नामांकन दाखिल करने के बाद साफ कहा कि वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जरूर लड़ रहे हैं, लेकिन उनको कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। हालांकि, अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश का बयान सामने आया है। जिसने पूर्णिया के चुनाव को और दिलचस्प बना दिया है।
NDA को होगा फायदा?बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा है कि उन्होंने पप्पू यादव को नामांकन करने के लिए नहीं बोला। साफ है कांग्रेस में पप्पू यादव को लेकर कोई एक राय नहीं बन रही है। कांग्रेस का एक धड़ा पप्पू के नामांकन से खफा नजर आ रहा है। देखने वाली बात होगी कि क्या पप्पू और बीमा भारती की सियासी जंग का फायदा कहीं एनडीए उठा पाएगा?
'मुझे राहुल और प्रियंका का आशीर्वाद प्राप्त'पप्पू यादव ने नामांकन दाखिल करने के बाद कहा कि राहुल गांधी व प्रियंका गांधी का आर्शीवाद प्राप्त है। उन्होंने ये भी कहा कि उनके राजनीतिक जीवन को खत्म करने की बड़ी साजिश रची गई थी, जो अब ध्वस्त हो गई है।
पप्पू यादव ने खुलकर तो नहीं, लेकिन इशारों ही इशारों में लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल पर भी निशाना साधा। साथ यह भी कहा कि प्रदेश में कांग्रेस व इंडी गठबंधन को जिताने का हर प्रयास वे करेंगे।
ये भी पढ़ें- Pappu Yadav: क्या कांग्रेस पीछे से कर रही सपोर्ट? नामांकन के बाद पप्पू ने बता दी अंदर की बात; कहा- साजिश रची गई
ये भी पढ़ें- Chirag Paswan: चिराग पासवान के साथ हो गया 'खेला', LJPR में अचानक मची भगदड़; 22 नेताओं ने दे दिया इस्तीफा
चुनाव से पहले क्यों पार्टी बदलते हैं नेता, सिर्फ शौक या मजबूरी भी? पढ़ें दल बदल करने की पीछे की सच्चाई
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में दल बदलना शौक का मामला नहीं है। बहुत हद तक मजबूरी भी है। उम्मीदवार की मजबूरी कि वे जिस दल में हैं, वह उन्हें टिकट देने के लायक नहीं मानता। दलों की मजबूरी यह कि संबंधित क्षेत्र के लिए उनके पास सक्षम उम्मीदवार नहीं है। दल बदल से दोनों की मांग पूरी हो जाती है।
2014 के चुनाव परिणाम से समझें पूरी बात1990 के बाद राज्य में यही हो रहा है। महत्वपूर्ण यह है कि दल बदल करने वाले अधिसंख्य उम्मीदवार चुनाव जीत जाते हैं। अधिक दूर नहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव परिणाम को देखें।
चुनाव से पहले ही यह अनुमान हो गया था कि इस बार नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के पक्ष में लहर चलेगी। मगर, उम्मीदवारों की खोज हुई तो पता चला कि भाजपा के पास कई सीटों के लिए सक्षम उम्मीदवार ही नहीं हैं। आनन-फानन में उम्मीदवार जुटाए गए।
जदयू से वीरेंद्र चौधरी, सुशील कुमार सिंह और छेदी पासवान, राजद से रामकृपाल यादव, बसपा से जनक राम, 2009 में सिवान से निर्दलीय चुनाव जीते ओम प्रकाश यादव एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा के अवकाश प्राप्त अधिकारी आरके सिंह 2014 में भाजपा के उम्मीदवार बन गए।
भाजपा के संतोष कुशवाहा को जदयू और कांग्रेस के चौधरी महबूब अली कैसर लोजपा ने टिकट दे दिया। इनमें से वीरेंद्र चौधरी और ओम प्रकाश यादव को छोड़ कर सभी सांसद 2019 में भी चुनाव जीते।
नेताओं के दल बदल का समीकरण2024 में इनमें से छेदी पासवान और चौधरी महबूब अली कैसर को उनके दलों ने बेटिकट कर दिया। 2009 में जदयू ने राजग के मंगनीलाल मंडल को झंझारपुर से अपना उम्मीदवार बनाया। 2014 जदयू ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया तो राजद टिकट टिकट पर चुनाव लड़कर हारे। इस बार फिर जदयू टिकट के प्रयास में थे। नहीं मिला।
2019 में भी यह सिलसिला जारी रहा। भाजपा के सुनील कुमार पिंटू और वीणा देवी को क्रमश: जदयू और लोजपा ने सीतामढ़़ी और वैशाली से उम्मीदवार बनाया। वीणा इस बार भी टिकट लेने में सफल रही। पिंटू पिछड़ गए। 2024 में भी दल बदल करने वालों को टिकट देने वाला खाता खुला हुआ है।
अभय कुमार सिंह, लवली आनंद, विजय लक्ष्मी जैसे दूसरे दलों के नेता प्रतिद्वंद्वी दलों से टिकट हासिल करने में सफल हो चुके हैं। तीन से लेकर सातवें चरण तक के चुनाव की अधिसूचना अभी जारी नहीं हुई है। छह-सात दल बदलू टिकट अभी कतार में हैं।
ये भी पढ़ें: