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रक्षा मंत्री ने IOS सागर को दिखाई हरी झंडी, कहा- 'हिंद महासागर क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करना भारत का लक्ष्य'
पीटीआई, कारवार। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कर्नाटक के कारवार नौसैनिक अड्डे से हिंद महासागर पोत 'सागर' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में मुक्त नौवहन, नियम आधारित व्यवस्था और शांति सुनिश्चित करना भारत का सबसे बड़ा उद्देश्य है।
भारत किसी भी देश की संप्रभुता से समझौता किए बिना हिंद महासागर में हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। राजनाथ नौसेना कमांडरों के सम्मेलन में भाग लेने और प्रोजेक्ट सीबर्ड के तहत नौसेना बेस पर नए विकसित बुनियादी ढांचे का उद्घाटन करने के लिए कारवार पहुंचे थे।
'क्षेत्र को और अधिक शांतिपूर्ण बनाना हमारा लक्ष्य'रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कारवार नौसैनिक अड्डे पर लोगों को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा, हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की तैनाती सिर्फ हमारे लिए नहीं बल्कि मित्र देशों के लिए भी है। भारत का प्रयास हिंद महासागर क्षेत्र को और अधिक शांतिपूर्ण एवं समृद्ध बनाना है।
बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया- रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी नौसेना यह सुनिश्चित करती है कि हिंद महासागर क्षेत्र में कोई भी देश अपनी विशाल अर्थव्यवस्था या सैन्य शक्ति के आधार पर किसी दूसरे को दबा न सके। रक्षा मंत्री ने नौसैनिक अड्डे पर विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। नौसेना परियोजना 'सीबर्ड' के तहत महत्वपूर्ण नौसैनिक अड्डे का विस्तार कर रही है।
- रक्षा मंत्री के कार्यालय ने 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 'सागर' हिंद महासागर क्षेत्र के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह अपने समुद्री पड़ोसियों के साथ मजबूत संबंध बनाने और हिंद महासागर क्षेत्र में अधिक सुरक्षित, अधिक समावेशी और सुरक्षित समुद्री वातावरण की दिशा में काम करने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगा।
- हिंद महासागर पोत 'सागर' (सिक्यूरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल द रीजन) क्षेत्र में सुरक्षा के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति 'महासागर' (म्युचुअल एंड होलिस्टिक एडवांसमेंट फॉर सिक्यूरिटी एक्रास द रीजन) के दृष्टिकोण के साथ हिंद महासागर देशों के साथ निरंतर सहयोग की दिशा में एक पहल है।
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क्या कम कीमत पर उपलब्ध हो सकती है SMA की दवा? सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को जारी किया नोटिस
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर बीमारी स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी (एसएमए) की दवा रिस्डिप्लाम बनाने वाली कंपनी से पूछा है कि क्या भारत में यह दवा कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा सकती है।
गौरतलब है कि भारत में कई मरीज इस बीमारी से पीड़ित है। एसएमए अनुवांशिक बीमारी है, जिसमें मांसपेशियों को कमजोर हो जाती हैं। पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन को एसएमए की दवा की आपूर्ति सस्ती दर पर की जाती है।
दवा निर्माता कंपनी से कोर्ट ने मांगा जवाबप्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने दवा निर्माता कंपनी से तब जवाब मांगा, जब उसे एसएमए से पीड़ित 24 वर्षीय महिला सेबा की ओर से पेश वकील ने बताया कि एसएमए रोगियों के लिए दवा की कीमत पाकिस्तान और चीन में सस्ती है।
वकील ने कहा कि भारत सरकार इस बीमारी के लिए सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने के लिए वैश्विक दवा निर्माता के साथ बातचीत क्यों नहीं कर सकती। पीठ ने रिस्डिप्लाम दवा बनाने वाली कंपनी मेसर्स एफ. हाफमैन-ला रोश लिमिटेड को नोटिस जारी किया। अदालत को अगली सुनवाई की तारीख पर पड़ोसी देशों में उक्त औषधि के लिए निर्धारित मूल्य से अवगत कराया जाएगा।
आठ अप्रैल को होगी अगली सुनवाईपीठ ने आदेश दिया कि यदि कीमत भारत से कम है तो कोर्ट को यह भी बताया जाए कि क्या भारत में भी दवा की आपूर्ति उसी कम कीमत पर की जा सकती है। मामले की अगली सुनवाई आठ अप्रैल को होगी।
24 फरवरी को शीर्ष अदालत ने केरल हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें केंद्र को सेबा को 18 लाख रुपये की दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। केंद्र ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
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मणिपुर में भूमि विवाद को लेकर ग्राम प्रधान पर हमला, दो समुदायों में तनाव
पीटीआई, इंफाल। मणिपुर में एक ग्राम प्रधान पर हमले के बाद मणिपुर में शनिवार को दो जनजातीय समुदायों के बीच शनिवार को तनाव पैदा हो गया। संदेह है कि एक भूमि विवाद को लेकर उग्रवादियों ने ग्राम प्रधान पर हमला किया।
यह घटना शनिवार दोपहर 12:15 बजे के आसपास हुई। कांगपोकपी जिले में कोंसाखुल गांव में दर्जनों हथियारबंद उग्रवादी आ गए और ग्राम प्रधान अइमसासेन अबोनमाई समेत कई लोगों पर हमला किया।
नगा बहुल कोंसाखुल के निवासियों ने दावा किया कि पड़ोसी हराओथेल गांव से आए उग्रवादी कुकी समुदाय के थे। ग्राम प्रधान को इंफाल में सरकार संचालित रिम्स भेजा गया, जबकि आठ अन्य घायल ग्रामीणों का इलाज खुर्खुल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में किया गया। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि ग्राम प्रधान खतरे से बाहर हैं।
चार उग्रवादी गिरफ्तार, अपहृत को मुक्त करायासुरक्षा बलों ने मणिपुर के बिष्णुपुर, थौबाल और इंफाल पूर्वी जिलों से चार उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने शनिवार को बताया कि बिष्णुपुर जिले में नांबोल से यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (पांबेई) के दो सदस्यों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से इंफाल पश्चिम के पात्सोई पार्ट-4 से अपहृत 47 वर्षीय लाइतोंजाम दिलीप सिंह को मुक्त करा लिया। सुरक्षा बलों ने बिष्णुपुर जिले के लाईसोई हिल क्षेत्र से चार हथियार जब्त किए।
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कर्नाटक हाईकोर्ट ने की समान नागरिक संहिता की वकालत, केंद्र और राज्यों से कहा- कानून बनाएं
पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक हाई कोर्ट ने संसद और राज्य विधानसभाओं से देशभर में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया है। हाई कोर्ट ने सभी नागरिकों, विशेषकर महिलाओं के लिए समानता, पंथनिरपेक्षता और न्याय के संवैधानिक ²ष्टिकोण को कायम रखने में इसके महत्व पर जोर दिया।
जस्टिस हंचेट संजीव कुमार की एकल पीठ ने मृतक मुस्लिम महिला शहनाज बेगम के पति और भाई-बहन के बीच संपत्ति विवाद से संबंधित एक सिविल अपील पर फैसला सुनाते हुए यह अपील की। इस मामले ने धर्म के अनुसार पर्सनल ला द्वारा शासित उत्तराधिकार कानूनों और लैंगिक न्याय पर उनके प्रभाव के बारे में व्यापक प्रश्न उठाया है।
देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की कोर्ट ने की वकालतजस्टिस कुमार ने शुक्रवार को कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत समान नागरिक संहिता लागू किए जाने से प्रस्तावना में निहित आदर्शों अर्थात न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और राष्ट्रीय एकता को पूरा किया जा सकेगा। देश को व्यक्तिगत कानूनों और धर्म के संबंध में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता है। तभी भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उद्देश्य प्राप्त होगा।
धर्म-आधारित व्यक्तिगत कानूनों से महिलाओं के साथ होती है असमानतान्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि यद्यपि भारत भर में महिलाएं संविधान के तहत समान नागरिक हैं। लेकिन धर्म-आधारित व्यक्तिगत कानूनों के कारण उनके साथ असमान व्यवहार किया जाता है। पीठ ने इस असमानता को स्पष्ट करने के लिए हिंदू और मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत विरासत के अधिकारों की तुलना की। जहां हिंदू कानून बेटियों को पैतृक संपत्ति में समान अधिकार देता है, वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ भाइयों और बहनों के बीच भेद करता है। यह भाइयों को हिस्सेदार का दर्जा देता है।
वहीं, दूसरी तरफ बहन को अवशिष्ट के रूप में हिस्सा पाने का अधिकार है, लेकिन हिस्सेदार के रूप में नहीं। यह देखते हुए कि गोवा और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने पहले ही समान नागरिक संहिता लागू कर दिया है, न्यायालय ने रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वह निर्णय की एक प्रति केंद्र सरकार और कर्नाटक सरकार के प्रधान विधि सचिवों को भेजें, ताकि ऐसी संहिता लागू करने की दिशा में विधायी प्रयास शुरू किए जा सकें।
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'भारत की मदद को नहीं भूलना चाहिए', पीएम मोदी के दौरे पर क्या-क्या कह रही है श्रीलंकाई मीडिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय श्रीलंका दौरे पर हैं। पीएम मोदी को श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने 'मित्र विभूषण' पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अलावा, भारत और श्रीलंका के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर नरेन्द्र मोदी के स्वागत में एक समारोह का आयोजन किया गया। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रपति सचिवालय गये। वहां भी पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। श्रीलंका में नई सरकार बनने के बाद पीएम मोदी का पहला दौरा है।
A productive day in Colombo, which includes talks with President Dissanayake, different meetings and tributes at the IPKF Memorial. Here are the highlights…@anuradisanayake pic.twitter.com/f2aUy9lixR
— Narendra Modi (@narendramodi) April 5, 2025 भारत-श्रीलंका के बीच क्या-क्या हुआ समझौता?-
भारत और श्रीलंका के बीच ऊर्जा आयात और निर्यात पर समझौता ज्ञापन।
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भारत और श्रीलंका के बीच डिजिटल प्रौद्योगिकी पर समझौता ज्ञापन।
- भारत-श्रीलंका-संयुक्त अरब अमीरात तीन देशों के बीच त्रिंकोमाली ऊर्जा पर समझौता ज्ञापन।
- श्रीलंका और भारत के बीच सुरक्षा पर समझौता ज्ञापन।
- पूर्वी प्रांत के संबंध में समझौता ज्ञापन
- श्रीलंका और भारत के बीच स्वास्थ्य पर समझौता ज्ञापन।
- फार्मास्यूटिकल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और नेशनल फार्मास्यूटिकल कॉरपोरेशन ऑफ श्रीलंका के बीच समझौता ज्ञापन।
पीएम मोदी के दौरे को लेकर श्रीलंकाई मीडिया काफी उत्साहित दिखा। देश के प्रमुख मीडिया संस्थानों ने पीएम मोदी के दौरे और भारत-श्रीलंका समझौते को प्रमुखता से जगह दी है। श्रीलंका की ज्यादातर समाचार चैनल और वेबसाइटों ने पीएम मोदी के दौरे को दोनों देशों के रिश्ते के लिए अहम बताया है।
श्रीलंकाई सरकार की ओर से वित्तपोषित अखबार डेली न्यूज़ ने पीएम मोदी के दौरे को ऐतिहासिक बताया है। अखबार लिखता है, "प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का मकसद श्रीलंका और भारत के बीच दीर्घकालिक संबंधों को मजबूत करना है।"
डेली न्यूज़ ने पीएम मोदी के दौरे पर स्पेशल सप्लीमेंट प्रकाशित किया।
'भारत-श्रीलंका के घनिष्ठ संबंध'अखबार ने अपने एक संपादकीय में पीएम मोदी के दौरे और भारत-श्रीलंका के साथ अतीत के रिश्ते पर रोशनी डाली है। 'Premier Modi’s Lankan visit' सुर्खी से प्रकाशित संपादकीय में लिखा गया, "भारत और श्रीलंका के बीच संबंध हमेशा सहज नहीं रहे हैं। भू-राजनीतिक हितों ने दोनों देशों के बीच दूरियां बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बड़े भाई के तौर पर, ऐसे समय भी आए जब भारत ने अपने छोटे पड़ोसी के खिलाफ सख्त रवैया भी अपनाया। बेशक, ये सब अतीत की बात है। तब से अब तक बहुत कुछ बदल चुका है, आज भारत और श्रीलंका के घनिष्ठ संबंध हैं और भारत अपनी उदार सहायता भी दे रहा है। हमें श्रीलंका में तीन दशक से चल रहे युद्ध को समाप्त करने में भारत द्वारा दी गई सहायता को नहीं भूलना चाहिए।"
अखबार आगे लिखता है, "यह दोनों पक्षों के बीच अब मौजूद मज़बूत रिश्तों का सार है, जो रास्ते में आई कई रुकावटों के बाद भी कायम है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा इस बंधन को और मज़बूत बनाती है। भारत आज व्यावहारिक रूप से दुनिया की प्रमुख महाशक्तियों में से एक है और श्रीलंका को इसका लाभ तभी मिल सकता है जब वह अपने विशाल पड़ोसी के साथ सभी मामलों में घनिष्ठता बिठा कर रखें।"
'पीएम मोदी का दौरा एक बड़ा इवेंट'डेली मिरर नाम की मशहूर अखबार ने अपनी वेबसाइट के प्रमुख पन्ने पर पीएम मोदी के दौरे से जुड़ी कम से कम दस खबरें लगाई हैं। पीएम मोदी के दौरे को लेकर अखबार ने लिखा है कि ये दौरा अपने आप में एक बड़ा इवेंट है।
अखबार ने एक रिपोर्ट में रक्षा सचिव संपत थुयाकोंथा के हवाले से लिखा, "भारत-श्रीलंका रक्षा साझेदारी श्रीलंका के लिए एक अमूल्य संपत्ति रही है और आगे भी रहेगी। भारत श्रीलंका समझौता के तहत की जाने वाली कोई भी सहयोगात्मक गतिविधियां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं के मुताबिक होंगी और इनका श्रीलंका या भारत के घरेलू कानूनों और राष्ट्रीय नीतियों के साथ कोई टकराव नहीं होगा।"
'जब देश दिवालिया हो गया था, तब भारत ने...'प्रतिष्ठित अखबार लंकादीपा ने पीएम मोदी और विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा को रिपोर्ट किया है। अखबार लिखता है, भारतीय पीएम ने श्रीलंका के विपक्ष के नेता से मुलाकात की और राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों व्यापक चर्चा की।"
अखबार ने साजिथ प्रेमदासा के हवाले से लिखा, "जब हमारा देश दिवालिया हो गया था, तब भारत इकलौता ऐसा देश था जिसने हमारे देश की सहायता की थी। इस रिश्ते को संजो कर रखना चाहिए। दोनों देशों के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक लक्ष्यों को पूरा करना चाहिए और अपनी एकता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।"
अखबार वीरकेसरी ने पीएम मोदी की तमिल मूल के लोगों के साथ मुलाकात की प्रमुखता से छापा है। अखबार ने पीएम मोदी के भाषण के अंश को छापते हुए लिखा भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहाड़ी राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक में कहा कि भारत उन तमिल लोगों के लिए 10,000 घरों और स्वास्थ्य सुविधाओं का समर्थन करेगा, जिन्होंने भारत को अपनी मातृभूमि के रूप में अपनाया है।
இந்தியாவை பூர்வீகமாக கொண்ட தமிழ் மக்களுடன் சுமூகமான சந்திப்பு இடம்பெற்றிருந்தது. இச்சமூகத்தினர் 200 ஆண்டுகளுக்கும் மேலாக இரு நாடுகளுக்குமான ஒரு வாழும் உறவுப் பாலமாக திகழ்கின்றனர். இலங்கை அரசாங்கத்துடனான ஒத்துழைப்புடன் இந்தியாவை பூர்வீகமாக கொண்ட தமிழ் மக்களுக்காக 10000 வீடுகள்,… pic.twitter.com/F9FzmtWuho
— Narendra Modi (@narendramodi) April 5, 2025यह भी पढ़ें: दुनिया भी मान रही पीएम मोदी का लोहा, श्रीलंका और अमेरिका समेत अबतक 22 देशों से मिल चुका है सम्मान; देखें लिस्ट
वोटर लिस्ट की खामियों का होगा परमानेंट इलाज, चुनाव आयोग ने बनाया खास प्लान; जानिए कैसे बंद होगी धांधली
अरविंद पांडेय, जागरण, नई दिल्ली। मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने की मुहिम में जुटे चुनाव आयोग ने इसे तैयार करने की प्रक्रिया में कई अहम सुधार किए है। इसमें मतदाता सूची में नामों के जोड़ने या हटाने पर पैनी नजर रखने के साथ यदि एक ही पते पर दस से अधिक मतदाताओं के नाम दर्ज है, तो मौके पर टीम भेजकर जांच कराई जाएगी।
प्रत्येक जिले में मतदाता सूची को तैयार करने की प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए एक पर्यवेक्षक की भी तैनाती दी जाएगी। जो मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने व सुधार से जुड़े ढाई सौ फॉर्मों की औचक जांच भी करेगा। इनमें सौ-सौ फॉर्म जोड़ने व हटाने वाले होंगे जबकि पचास फॉर्म मतदाता सूची में सुधार से जुड़े होंगे।
उपचुनाव से पहले तैयारी शुरूमतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया में सुधार को लेकर उठाए गए इन कदमों पर आयोग ने अमल भी शुरू कर दिया है। इसकी शुरूआत पश्चिम बंगाल, गुजरात, पंजाब व जम्मू- कश्मीर सहित छह राज्यों की आठ विधानसभा सीटों के होने वाले उपचुनाव से पहले मतदाता सूची के पुनरीक्षण से की है।
आयोग ने इसके साथ ही मतदाता सूची से जुड़ी जांच की व्यवस्था को और सख्त किया है। जिसमें बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के काम-काज को जिन अन्य आधारों पर जांच जाएगा, उनमें लिंगानुपात में बदलाव सहित ऐसे 20 मतदान केंद्र की मतदाता सूची को भी जांचा जाएगा, जहां सबसे अधिक नाम हटाए व जोड़े गए है।
ईआरओ व एईआरओ करेंगे निरीक्षण- इस नई व्यवस्था के तहत बीएलओ के किए गए एक प्रतिशत कामों को एईआरओ जांचेगा। एईआरओ की ओर से निस्तारित किए गए फार्मों में दस प्रतिशत फार्मों को औचक रूप से जांच ईआरओ (मतदाता पंजीयन अधिकारी) करेगा। जो प्रत्येक विधानसभा स्तर पर तैनात होता है। वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) भी औचक रूप से पचास फॉर्मों को जांचेगा। इनमें 20- 20 फॉर्म नामों को जोड़ने व हटाने वाले होंगे, जबकि दस फॉर्म नामों में सुधार से जुड़े होंगे।
- इसके बाद राज्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के स्तर पर भी 250 फॉर्मों को औचक रूप से जांचा जाएगा। इनमें सौ-सौ जोड़ने, हटाने व पचास सुधार से जुड़े फॉर्म होंगे। आयोग ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर उस पर विपक्ष की ओर से गंभीर आरोप लगाए जा रहे है। यह बात अलग है कि मतदाता सूची तैयार होने के दौरान राजनीतिक दलों की ओर से कोई शिकायतें नहीं आती है। पिछले आम चुनाव से पहले मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान देश भर से मतदाता सूची में गडबड़ी से जुड़े कुल 89 मामले सामने आए थे और ये सभी अकेले महाराष्ट्र से थे।
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समुद्र में इंजीनियरिंग की अद्भुत मिसाल... भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज का उद्घाटन कल; जानिए क्यों खास है पंबन पुल
एएनआई, चेन्नई। रेल, सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिलान्तर्गत रामेश्वरम में पंबन पुल भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज होगा, जो देश के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। 535 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बना यह पुल, जंग से क्षतिग्रस्त हुए पुराने ढांचे की जगह लेगा। पीएम मोदी रामनवमी के अवसर पर इसका उद्घाटन करेंगे।
(फोटो: एएनआई)
यह पुल मुख्य भूमि को चार धाम तीर्थ स्थलों में से एक रामेश्वरम द्वीप से जोड़ता है। पुराने पुल को मूल रूप से मीटर गेज ट्रेनों के लिए बनाया गया था, जिसे ब्रॉड गेज यातायात के लिए मजबूत किया गया और 2007 में फिर से खोला गया। फरवरी, 2019 में रेल मंत्रालय ने पुराने ढांचे को बदलने के लिए एक नए पुल के निर्माण को मंजूरी दी।
2.5 किलोमीटर से भी लंबा ब्रिजवैष्णव ने नवंबर, 2024 में एक्स पर अपने पोस्ट में कहा था, '1914 में निर्मित, पुराने पंबन रेल पुल ने 105 वर्षों तक मुख्य भूमि को रामेश्वरम से जोड़ा। दिसंबर, 2022 में जंग लगने के कारण इसे बंद कर दिया गया। इसने आधुनिक नए पंबन पुल के लिए मार्ग प्रशस्त किया जो कनेक्टिविटी के एक नए युग को चिह्नित करता है।'
(फोटो: पीटीआई)
यह पुल 2.5 किमी से अधिक लंबा है और इसका निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) द्वारा किया गया। इसे तेज ट्रेनों और बढ़े हुए ट्रैफिक को संभालने के लिए डिजाइन किया गया है। भारतीय इंजीनियरिंग की उल्लेखनीय उपलब्धिरामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ने वाला नया पंबन पुल वैश्विक मंच पर भारतीय इंजीनियरिंग की उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में खड़ा है।
कम मेंटेनेंस की होगी जरूरत- इसमें 99 स्पैन और 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है जो 17 मीटर की ऊंचाई तक उठता है। वर्टिकल लिफ्ट स्पैन का वजन 660 मीट्रिक टन है। इससे निर्बाध ट्रेन संचालन सुनिश्चित करते हुए जहाजों की सुचारू आवाजाही की सुविधा मिलती है। स्टेनलेस स्टील सुदृढीकरण, उच्च श्रेणी के सुरक्षात्मक पेंट और पूरी तरह से वेल्डेड जोड़ों के साथ निर्मित, पुल में अधिक स्थायित्व और कम रखरखाव की आवश्यकता है।
- इसे भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए दोहरी रेल पटरियों के लिए डिजाइन किया गया है। विशेष पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग इसे जंग से बचाती है, जिससे कठोर समुद्री वातावरण में दीर्घायु सुनिश्चित होती है। इसे स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। यह पुल भारत के बढ़ते बुनियादी ढांचे के प्रतीक के रूप में खड़ा है और यह रामेश्वरम के पवित्र द्वीप से कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, जिससे हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए यात्रा अधिक सुगम हो जाएगी।
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ISRO के POEM-4 की 'घर वापसी', अंतरिक्ष में फसल उगाने के बाद हाथ लगी एक और सफलता
पीटीआई, बेंगलुरु। भारत का पीएसएलवी आर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल-4 (पीओईएम-4) सफलता का एक और झंडा गाड़कर धरती के वातावरण में लौट गया है। पीओईएम-4 का सुरक्षित पुन:प्रवेश (Re-Entry) अंतरिक्ष में बढ़ते मलबे को रोकने की दिशा में एक और उपलब्धि है। यह अंतरिक्ष पर्यावरण और मलबा मुक्त अंतरिक्ष मिशन में भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी की प्रमुख भूमिका की पुष्टि करता है।
Re-Entry के बाद हिंद महासागर क्षेत्र में पहुंचा पीओईएम-4इसरो ने कहा कि अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग मिशन के लिए इस्तेमाल किए गए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान के ऊपरी चरण पीओईएम-4 पृथ्वी के वायुमंडल में पुन: प्रवेश कर गया है। इसरो ने एक्स पर पोस्ट किया, पीओईएम-4 मॉड्यूल ने वायुमंडल में पुन: प्रवेश किया। चार अप्रैल 2025 को भारतीय समय अनुसार पूर्वाह्न आठ बजकर तीन मिनट पर हिंद महासागर क्षेत्र में पहुंचा।
इसरो के पीएसएलवी-सी60 राकेट ने 30 दिसंबर, 2024 को 'स्पैडेक्स' मिशन को लांच किया था। 'स्पैडेक्स' उपग्रहों को 475 किमी की ऊंचाई पर स्थापित करने के बाद पीएसएलवी-सी60 के पीएस4 चरण भी लगभग उसी कक्षा में था। पीएसएलवी-सी60 के पीएस4 चरण का इस्तेमाल कर इस अनोखे और सस्ते अंतरिक्ष प्लेटफार्म को विकसित किया गया।
Atmospheric Re-entry of POEM-4
On December 30, 2024, ISRO’s PSLV-C60 launched twin SPADEX satellites and after injecting satellites at 475 km altitude, the specially configured upper stage (PS4) of PSLV-C60 (called PSLV Orbital Experimental Module in short POEM-4) was also… pic.twitter.com/teQGV5EASx
- मिशन के दौरान, पीओईएम-4 ने कुल 24 पेलोड ने वैज्ञानिक प्रयोग किए।
- इनमें 14 विभिन्न इसरो से और 10 प्राइवेट विश्वविद्यालयों और स्टार्ट-अप से संबंधित थे।
- इस दौरान भारत ने 'स्पैडेक्स'- मिशन के साथ भेजे गए लोबिया के बीज को पहली बार अंतरिक्ष में अंकुरित करने में कामयाबी हासिल की थी।
- जब तक पीओईएम-4 कक्षा में था, तब इस पर इसरो की रडार केंद्रों और यूनाइटेड स्टेट्स स्पेस कमांड कमान (यूएसएसपीएसीईसीओएम) केंद्रो द्वारा भी लगातार नजर रखी जा रही थी।
इसरो ने कहा कि ट्रैकिंग डाटा का इस्तेमाल पुन: प्रवेश भविष्यवाणी प्रक्रिया में किया गया। यह देखा गया कि पीओईएम-4 की कक्षा घटकर 174 किमी/3165 किमी रह गई है और इस प्लेटफार्म के चार अप्रैल को पृथ्वी के वायुमंडल में पुन: प्रवेश करने की भविष्यवाणी की गई। इसके बाद इसरो सिस्टम फॉर सेफ एंड सस्टेनेबल स्पेस आपरेशन्स मैनेजमेंट (आइएस4ओएम) द्वारा पीओईएम-4 के वायुमंडल में पुन: प्रवेश की घटना पर बारीकी से नजर रखी गई और पूर्वानुमानों में नियमित रूप से अपडेट किया गया।
इसरो का प्रायोगिक मिशन है पीओईएमपीओईएमपीओईएम या पोएम इसरो का प्रायोगिक मिशन है। इसके तहत कक्षीय प्लेटफॉर्म के रूप में पीएस-4 चरण का उपयोग करके कक्षा में वैज्ञानिक प्रयोग किया जाता है। पीएसएलवी चार चरणों वाला रॉकेट है। इसके पहले तीन चरण प्रयोग होने के बाद समुद्र में गिर जाते हैं और अंतिम चरण उपग्रह को कक्षा में प्रक्षेपित करने के बाद अंतरिक्ष में कबाड़ बन जाता है। इसरो के पीओईएम मिशन से अंतरिक्ष कचरे की समस्या से निपटने में भी मदद मिलेगी।
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'जून तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा अयोध्या में राम मंदिर', आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने प्राण प्रतिष्ठा की तारीख को लेकर क्या कहा?
किशन प्रजापति, अहमदाबाद। 6 अप्रैल के दिन रामनवमी का उत्सव देश-विदेश के राम मंदिरों में मनाया जाएगा। अयोध्या राम मंदिर का पूरा काम सिर्फ 5% बचा है। मंदिर के आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने रामनवमी के अवसर पर गुजराती जागरण से विशेष बातचीत की।
चंद्रकांत सोमपुरा ने कहा कि राम मंदिर के मुख्य शिखर का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। जून के पहले सप्ताह में मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। हमारे अनुमान के अनुसार, ट्रस्ट जून में सम्पूर्ण मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि तय कर सकता है।
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया कि पिछले साल मंदिर के उद्घाटन तक ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा हो चुका था। उसके बाद डेढ़ साल में दूसरी मंजिल, तीसरी मंजिल, गुंबद और पूरे मंदिर का काम पूरा हो चुका है और मुख्य शिखर का 80 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है, जो अगले डेढ़ महीने में पूरा हो जाएगा।
- इस तरह जून में मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद प्राण प्रतिष्ठा ट्रस्ट द्वारा सम्पूर्ण मंदिर का कार्य कराया जाएगा।
- इस मंदिर को विष्णु पंचायत मंदिर के रूप में तैयार किया गया है।
- कॉरिडोर में शिव, गणेश और अंबाजी के मंदिर भी होंगे।
- मुख्य मंदिर के भूतल पर भगवान श्री राम की बाल रूप की मूर्ति स्थापित की गई है।
- जून के पहले सप्ताह में मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। ट्रस्ट जून में सम्पूर्ण मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि तय कर सकता है।
आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया कि दूसरी मंजिल पर राम दरबार बनाया गया है। जिसमें भगवान श्रीराम, जानकी माता, लक्ष्मणजी, भरतजी, शत्रुघ्नजी और हनुमानजी की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। इस प्रतिमा का निर्माण फिलहाल जयपुर में किया जा रहा है।
"यह मूर्ति 15 अप्रैल तक अयोध्या पहुंच जाएगी। मूर्ति सफेद मार्बल से बनाई जा रही है। मूर्ति ऐसी होगी कि हर लोगो को ऐसा लगेगा कि यह साक्षात भगवान श्री राम का दरबार है। यहां स्थापित है पूर्ण आकार की मूर्ति इसका मतलब यह है कि भगवान सचमुच वहां बैठे होंगे ऐसा लगेगा। प्रत्येक मूर्ति की ऊंचाई 4 से 5 फीट के बीच है।" आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा, राम मंदिर, अयोध्या
मंदिर की दूसरी मंजिल पर 450 स्तंभों पर 16 मूर्तियां हैं स्थापितचंद्रकांत ने बताया कि राम दरबार में बंसीपहाड़पुर के पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। फर्श में मकराना संगमरमर का उपयोग किया गया है। प्रत्येक स्तंभ पर लगभग 16-16 मूर्तियाँ उकेरी गई हैं। ऐसे लगभग 450 स्तंभ हैं। यहां प्रत्येक दिशा के देवताओं की मूर्तियां भी उकेरी गई हैं। इसीलिए जैसा शिव शास्त्र में लिखा है ठीक वैसे ही निर्माण किया गया है ।
राम दरबार तक कैसे पहुंचेंगे भक्त ?उन्होंने बताया कि गर्भगृह में रामजी के बाल रूप के दर्शन के बाद मंदिर के राम दरबार में दर्शन के लिए जाने के लिए प्रथम तल से ऊपर-नीचे जाने के लिए 14 से 16 फुट चौड़ी सीढ़ी तैयार की गई है। इसके अलावा दिव्यांगों के लिए पीछे की तरफ लिफ्ट भी लगाई गई है। इस समय तीसरी मंजिल पर कोई मूर्ति नहीं रखी जाएगी। सोमनाथ मंदिर की तरह इस मंदिर में भी अंतिम मंजिल हैं, जहां श्रद्धालु नहीं जा सकेंगे।
तीसरी मंजिल पर स्थापित नहीं की जाएगी मूर्ति- तीसरी मंजिल का डिज़ाइन निचली दो मंजिलों के समान है।
- गर्भगृह भी उसी आकार का है। यह फर्श ऊंचाई, लंबाई और चौड़ाई के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- वहां कोई मूर्ति स्थापित नहीं की जाएगी।
- यह पहला मंदिर होगा जिसमें ढाई साल में 10 लाख क्यूबिक फीट से अधिक पत्थर तराश कर स्थापित किया जाएगा।
वर्तमान में 8 से 10 सुपरवाइजर और 2,500 हजार से अधिक कारीगर काम करते हैं। यह विश्व का पहला मंदिर होगा जहां नींव से लेकर कलश तक पूरे मंदिर में 10 लाख घन फीट से अधिक पत्थर का उपयोग किया जाएगा। यह पहला मंदिर होगा जहां इस पत्थर को महज ढाई साल में खनन कर, आकार देकर मंदिर में स्थापित किया गया है।
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दुनिया भी मान रही पीएम मोदी का लोहा, श्रीलंका और अमेरिका समेत अबतक 22 देशों से मिल चुका है सम्मान; देखें लिस्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री इस समय श्रीलंका के दौरे पर हैं। शुक्रवार को पीएम मोदी थाईलैंड से सीधे कोलंबो पहुंचे। श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में पीएम मोदी का ग्रैंड तरीके से स्वागत किया गया। वहीं, शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी को श्रीलंका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘श्रीलंका मित्र विभूषण’ प्रदान किया गया। यह सम्मान श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने एक भव्य समारोह में उन्हें सौंपा।
दरअसल, यह सम्मान केवल उन राष्ट्राध्यक्षों को दिया जाता है जिन्होंने श्रीलंका के साथ मित्रता और सहयोग को विशेष रूप से आगे बढ़ाया हो। श्रीलंका के राष्ट्रपति राष्ट्रपति दिसानायके ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मान के वास्तविक हकदार हैं।
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने इसे 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान बताया और कहा कि यह दोनों देशों की साझी विरासत और साझा भविष्य का प्रतीक है। यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी को किसी विदेशी देश से मिला 22वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले कुछ सालों में कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले हैं। आइए उनमें से कुछ महत्वपूर्ण सम्मान के बारे जानते हैं...
मॉरीशस के सर्वोच्च सम्मान से पीएम मोदी को सम्मानित किया गयाइसी साल मार्च के महीने में पीएम मोदी मॉरीशस की यात्रा पर गए। जहां पर उनको मॉरीशस के सर्वोच्च पुरस्कार, द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन से सम्मानित किया गया।
'मानद ऑर्डर ऑफ फ्रीडम ऑफ बारबाडोस'नवंबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बारबाडोस के मानद ऑर्डर ऑफ फ्रीडम से सम्मानित करने की घोषणा की गई। इस सम्मान के मिलने के बाद पीएम मोदी में वैश्विक संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों को मान्यता देने के लिए राष्ट्र को धन्यवाद दिया।
'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल-कबीर'साल 2024 में कुवैत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सर्वोच्च सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित किया। बता दें कि द गार्ड ऑफ मुबारत अल कबीर कुवैत का एक नाइटहुड ऑर्डर है।
'द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस'साल 2024 में पीएम मोदी को गयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली नेस्टेट हाउस में आयोजित एक समारोह में देश के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार ‘द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस’ से सम्मानित किया था। पुरस्कार ग्रहण करते हुए प्रधानमंत्री ने इस सम्मान को भारत के नागरिकों तथा दोनों देशों के लोगों के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित किया।
'ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर'साल 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नाइजिरिया के दूसरे सबसे बड़े सम्मान, ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ नाइजर से सम्मानित किया गया। बता दें कि यह सम्मान भारत-नाइजीरिया संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान के लिए प्रदान किया गया।
'डोमिनिका अवॉर्ड ऑफ ऑनर'साल 2024 में ही डोमिनिका के राष्ट्रमंडल की राष्ट्रपति महामहिम सिल्वेनी बर्टन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोमिनिका के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार 'डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने यह सम्मान भारत के लोगों और भारत तथा डोमिनिका के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को समर्पित किया था।
'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर'अगस्त 2023 में ग्रीस की राष्ट्रपति, कैटरीना साकेलारोपोलू द्वारा पीएम मोदी को को द ग्रैंड क्रॉस ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ ऑनर से सम्मानित किया था। ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ़ ऑनर ग्रीस के राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्रियों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है, जिन्होंने अपने विशिष्ट पद के कारण ग्रीस के कद को बढ़ाने में योगदान दिया है।
'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर'वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई 2023 में फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन द्वारा फ्रांस के सर्वोच्च पुरस्कार ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था। प्रधानमंत्री ने भारत के लोगों की ओर से इस अद्वितीय सम्मान के लिए राष्ट्रपति मैक्रोन को धन्यवाद दिया।
'ऑर्डर ऑफ द नाइल'जून 2023 में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने पीएम मोदी को काहिरा की प्रेसीडेंसी में आयोजित एक विशेष समारोह में मिस्र के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' से सम्मानित किया था। सम्मान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के लोगों की ओर से राष्ट्रपति सिसी को धन्यवाद दिया। जानकारी दें कि यह सम्मान प्राप्त करने वाले पहले भारतीय हैं।
'एबाकल अवॉर्ड'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साल 2023 में ही पलाऊ के एबाकल अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
'कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी'साल 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिजी के सर्वोच्च सम्मान ‘कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान फिजी के पीएम सितिवेनी राबुका की ओर से वैश्विक नेतृत्व को देखते हुए पीएम मोदी को दिया गया। फिजी का यह सर्वोच्च सम्मान अब तक कुछ ही गैर-फिजी लोगों को मिला है।
'ग्रैंड कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू'पापुआ न्यू गिनी (पीएनजी) के गवर्नर-जनरल महामहिम सर बॉब दादा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ग्रैंड कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू (जीसीएल) से सम्मानित किया था। मई 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस सम्मान से सम्मानित किया गया था।
'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो'साल 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान की यात्रा की थी। इस दौरान थिम्पू में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में पीएम मोदी को भूटान के राजा द्वारा भूटान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो' से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी पहले विदेशी नेता रहे जिन्हें ये प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया।
'लीजन ऑफ मेरिट' पुरस्कार से पीएम मोदी का सम्मानसाल 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति ने सर्वोच्च सम्मान, द लीजन ऑफ मेरिट, डिग्री चीफ कमांडर से सम्मानित किया। चीफ कमांडर की सर्वोच्च डिग्री में लीजन ऑफ मेरिट, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाने वाला एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है, जो आमतौर पर अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों या शासनाध्यक्षों को दिया जाता है।
'किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां'भारत और बहरीन के बीच संबंधों को मजबूत करने में उनकी भूमिका के लिए बहरीन ने 2019 में पीएम मोदी को किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां से सम्मानित किया।
'ऑर्डर ऑफ द डिस्टिंग्विश्ड रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साल 2019 में ही मालदीव की दो दिवसीय राजकीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान 'रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन' से सम्मानित किया गया।
'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ग्रैंड हॉल ऑफ द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू में रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से सम्मानित किया था। यह पुरस्कार उन्हें 2019 में दिया गया था।
'ऑर्डर ऑफ जायद'साल 2019 में द्विपक्षीय संबंधों में उनके असाधारण योगदान को स्वीकार करते हुए पीएम मोदी को यूएई के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ जायद से सम्मानित किया गया।
'फिलिस्तीन राज्य का ग्रैंड कॉलर'भारत-फिलिस्तीन संबंधों को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए पीएम मोदी को 2018 में राष्ट्रपति महमूद अब्बास द्वारा फिलिस्तीन के ग्रैंड कॉलर से सम्मानित किया गया था।
'स्टेट ऑर्डर ऑफ गाजी अमीर अमानुल्लाह खान'भारत-अफगानिस्तान संबंधों को मजबूत करने के उनके प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री को 2016 में अफगानिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, अमीर अमानुल्लाह खान पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
'ऑर्डर ऑफ अब्दुलअजीज अल सऊद'साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज द्वारा देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, किंग अब्दुलअजीज सैश से सम्मानित किया गया था।
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Adilabad Airport: तेलंगाना में एक और एयरपोर्ट को मंजूरी, राजनाथ सिंह ने जी. किशन रेड्डी को लिखा पत्र
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने तेलंगाना में एक और हवाई अड्डे पर नागरिक विमान परिचालन की मंजूरी दे दी है। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यह दूसरा हवाई अड्डा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आदिलाबाद में भारतीय वायुसेना की एयरफील्ड है और वायुसेना भविष्य में उस स्थान पर एक प्रशिक्षण प्रतिष्ठान स्थापित करने की योजना बना रही है। हालांकि उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि रक्षा मंत्रालय जॉइंट एयर फील्ड को मंजूरी प्रदान कर रहा है।
वायुसेना से मिली मंजूरीबता दें कि इसके पहले जी. किशन रेड्डी ने तेलंगाना में एक पूर्ण विकसित वायुसेना स्टेशन की स्थापना के संबंध में राजनाथ सिंह को पत्र लिखा था। रेड्डी ने मांग की थी कि एयरपोर्ट पर नागरिक विमानों के संचालन की मंजूरी दी जाए।
तेलंगाना सरकार ने भी इसके लिए प्रस्ताव दिया था। भारतीय वायुसेना ने तेलंगाना सरकार के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की है। इसके पहले फरवरी में वारंगल में ममनूर हवाई अड्डे के लिए इसी प्रकार की मंजूरी दी गई थी।
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मणिपुर में शांति बहाली की कोशिश में जुटा केंद्र, मैतेई और कुकी समुदाय के साथ की अहम बैठक
पीटीआई, नई दिल्ली। मणिपुर में शांति की दिशा में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। शनिवार को मणिपुर के मैतेई और कुकी समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ केंद्र सरकार ने बैठक की है। बैठक का उद्देश्य दोनों समुदायों के बीच चल रहे संघर्ष का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजना है।
बैठक का फोकस मैतेई और कुकी के बीच विश्वास और सहयोग बढ़ाना और मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति को बहाल करने के लिए रोडमैप तैयार करना है। बैठक में सरकार ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने और दोनों समुदायों के बीच सामंजस्य स्थापित करने पर अधिक जोर दिया।
बैठक में कौन-कौन था शामिल?मीटिंग में ऑल मणिपुर यूनाइटेड क्लब्स ऑर्गनाइजेशन (एएमयूसीओ) और फेडरेशन ऑफ सिविल सोसाइटी ऑर्गनाइजेशन (एफओसीएस) के प्रतिनिधियों समेत 6 सदस्यीय मैतेई प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। कुकी प्रतिनिधिमंडल में 9 लोग शामिल थे। केंद्र सरकार के वार्ताकारों में खुफिया ब्यूरो के सेवानिवृत्त विशेष निदेशक एके मिश्रा भी मौजूद रहे।
शाह ने कही थी जल्द बैठक कराने की बातगुरुवार को लोकसभा में मणिपुर पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि गृह मंत्रालय ने पिछले दिनों मैतेई और कुकी समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की थी। उन्होंने कहा कि दोनों समुदायों के विभिन्न संगठनों के साथ अलग-अलग बैठकें की गईं।
तब उन्होंने कहा था कि गृह मंत्रालय जल्द ही एक संयुक्त बैठक बुलाएगा। अमित शाह ने कहा कि सरकार हिंसा को समाप्त करने का रास्ता तलाशने में जुटी है। मगर सर्वोच्च प्राथमिकता शांति स्थापित करना है। मणिपुर में स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है। पिछले 4 महीनों में कोई मौत नहीं हुई है। मगर इसे संतोषजनक नहीं माना जा सकता, क्योंकि विस्थापित लोग अभी राहत शिविरों में हैं।
13 फरवरी को लगा था राष्ट्रपति शासन9 फरवरी को सीएम पद से एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। बता दें कि मई 2023 में इंफाल घाटी स्थित मैतेई और पहाड़ों पर बसे कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक लगभग 260 लोगों की जान जा चुकी है। हजारों लोगों को विस्थापन का सामना करना पड़ा।
शांति बहाली में जुटे राज्यपालपिछले साल पूर्व केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को मणिपुर का राज्यपाल बनाया गया था। भल्ला ने 3 जनवरी को अपना पदभार संभाला था। इसके बाद से वे मणिपुर के लोगों से मिल रहे हैं। थानों से लूटे गए हजारों हथियारों को सरेंडर करने की अपील भी कर चुके हैं। इसका असर यह हुआ कि बड़ी संख्या में लोगों ने प्रशासन के सामने हथियारों को जमा करवाया।
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PM मोदी को मिला श्रीलंका का सर्वोच्च सम्मान, दोनों देशों के बीच डिफेंस समेत इन डील्स पर लगी मुहर
एजेंसी, कोलंबो। 2019 के बाद पहली बार तीन दिवसीय यात्रा पर श्रीलंका पहुंचे पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने पीएम मोदी को सर्वोच्च गैर-नागरिक सम्मान श्रीलंका मित्र विभूषण से सम्मानित किया। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है।पीएम मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति, सरकार और वहां के लोगों को धन्यवाद किया।
क्या है श्रीलंका मित्र विभूषण सम्मान?श्रीलंका मित्र विभूषण वहां का सर्वोच्च गैर-नागरिक सम्मान है। यह सम्मान विदेशी हस्तियों को दिया जाता है। श्रीलंका की सरकार इन पुरस्कारों को उन राष्ट्राध्यक्षों को देती है, जिनके श्रीलंका के साथ संबंध दोस्ताना होते हैं। पुरस्कार में एक रजत पदक और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
पदक को श्रीलंका के नवरत्नों से सजाया जाता है। इसमें चंद्रमा, सूर्य, पृथ्वी और कमल की पंखुड़िया बनी हैं। मेडल पर “पुन कलसा” बना होता है। यह चावल से भरा एक बर्तन होता है। इसे समृद्धि और नवीनीकरण का प्रतीक माना जाता है। पदक पर बने सूर्य और चंद्रमा भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों की शाश्वत प्रकृति को दर्शाते हैं। साल 2008 में श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने इस सम्मान की शुरुआत की थी।
श्रीलंका के साथ हुआ रक्षा सहयोग समझौताशनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके और पीएम मोदी के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। दोनों देशों के बीच सात समझौते हुए। भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा साझेदारी समझौते पर सहमति बनी।दोनों नेताओं ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिस्री समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट का किया उद्घाटनदोनों देशों के बीच त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने पर भी समझौता हुआ। इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके ने समपुर सौर ऊर्जा परियोजना का वर्चुअल उद्घाटन भी किया। भारत और श्रीलंका ने श्रीलंका को बहु-क्षेत्रीय अनुदान सहायता पर भी सहमति जताई है।
उधर, भारत, संयुक्त अरब अमीरात और श्रीलंका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके की मौजूदगी में एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए।
इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर पीएम का भव्य स्वागतप्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायका के निमंत्रण पर 4 से 6 अप्रैल तक वहां की राजकीय यात्रा पर हैं। श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके ने प्रधानमंत्री मोदी का इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर ऐतिहासिक औपचारिक स्वागत किया गया। यह पहली बार है जब श्रीलंका ने किसी अतिथि का इस तरह से सम्मान किया है। यह चौक श्रीलंका का राष्ट्रीय दिवस समारोह स्थल है। इसका नाम स्वतंत्रता स्मारक हॉल से लिया गया है।
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#WATCH | Colombo | Prime Minister Narendra Modi says, "...Today, to be honoured with the Sri Lanka Mitra Vibhushan award by President Anura Kumara Dissanayake—it's not an honour to me but to 140 crore Indians. It shows the historical relation and deep friendship between the… https://t.co/YQzcwp16n0 pic.twitter.com/wCzYZUin8b
— ANI (@ANI) April 5, 2025कर्नाटक में बड़ा हादसा, खड़े ट्रक से भिड़ी कार; 5 लोगों की मौत और 10 घायल
एएनआई, कलबुर्गी। कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में एक बड़ा हादसा हुआ है। यहां सड़क हादसे में पांच लोगों की मौत से कोहराम मच गया है। 10 अन्य लोग घायल हैं। हादसा नेलोगी क्रॉस के पास तड़के लगभग साढ़े तीन बजे हुआ। दरअसल, सड़क किनारे एक ट्रक खड़ा था। तभी एक तेज रफ्तार वैन इस ट्रक से जा भिड़ी।
हादसे की जांच में जुटी पुलिसकलबुर्गी पुलिस के मुताबिक सभी मृतक बागलकोट जिले के रहने वाले थे। घायलों का कलबुर्गी के अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस बीच जिले के एसपी ए श्रीनिवासुलु ने घटनास्थल का दौरा किया। नेलोगी थाने में मामला दर्जकर हादसे की जांच शुरू कर दी गई है।
मांड्या में एक ही परिवार के चार लोगों की मौतउधर, माांड्या जिले में एक दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की जान गई है। यह हादसा बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस वे पर हुआ है। जानकारी के मुताबिक परिवार पिरियापट्टना जा रहा था। तभी तुबिनाकेरे एग्जिट के पास राज्य परिवहन की बस ने कार को पीछे से टक्कर मार दी।
मांड्या के एसपी मल्लिकार्जुन बलदंडी ने बताया कि एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं घायल तीन लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें भी मृत घोषित कर दिया।
केस मांड्या ग्रामीण पुलिस थाने में दर्ज किया गया है। एसपी के मुताबिक चालक ने एक्सप्रेसवे टोल से बचने के लिए टुबिनाकेरे एग्जिट के पास कार की रफ्तार धीमी कर दी थी। उसी वक्त बस ने पीछे से टक्कर मार दी।
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Telangana: चलती ट्रेन में नाबालिग के साथ हैवानियत, शौचालय में युवक ने किया दुष्कर्म; परिवार के साथ यात्रा कर रही थी पीड़िता
पीटीआई, हैदराबाद। तेलंगाना से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। एक नाबालिग लड़की अपने परिवार वालों के साथ ट्रेन से यात्रा कर रही थी, तभी एक दरिंदे ने शौचालय में उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दे दिया।
बताया जा रहा है कि आरोपी युवक सहयात्री था और वो काफी देर से पीड़िता का ट्रेन में ही पीछा कर रहा था। इसके बाद जब वो शौचालय गई तो आरोपी ने मौका पाकर शौचालय में घुसकर नाबालिग के साथ बलात्कार कर दिया। आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
सिंकदराबाद रेलवे पुलिस में केस दर्ज
राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) ने शुक्रवार को घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह घटना 3 अप्रैल की सुबह की है। जब 20 वर्षीय आरोपी ने नाबालिग के साथ ट्रेन में दुष्कर्म किया, उस वक्त पीड़िता अपने घरवालों के साथ यात्रा कर रही थी।
पुलिस के अनुसार, जब नाबालिग शौचालय गई तो आरोपी ने उसका पीछा किया और फिर शौचालय में घुसकर उसका यौन उत्पीड़न किया। जीआरपी ने बताया कि शिकायत के आधार पर सिंकदराबाद रेलवे पुलिस में केस दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिलहाल आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
ट्रेन से कूदी महिला
वहीं कुछ दिनों पहले 22 मार्च को ट्रेन में ही एक महिला के साथ रेप करने की कोशिश की गई थी और उस दौरान महिला ट्रेन से कूद गई थी। इस घटना में महिला घायल हो गई थी। आरोपी ने महिला के साथ ट्रेन में दुष्कर्म का प्रयास किया था।
जब यह घटना घटी तब वो महिला सिंकदराबाद रेलवे स्टेशन से मेडचल जाने वाली एमएमटीएस (मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम) ट्रेन के महिला कोच में अकेले यात्रा कर रही थी।
Telangana: तेलंगाना में रैगिंग के आरोप में मेडिकल के तीन छात्र निलंबित, पीड़ित से मांगा UPI पिन
मिजोरम में अफ्रीकी स्वाइन फीवर का कहर, एक हजार से ज्यादा सूअरों की मौत; इंसानों के लिए कितना है खतरनाक?
आईएएनएस, नई दिल्ली। अफ्रीकी स्वाइन फीवर (AFS) ने मार्च के महीने में मिजोरम में अपना कहर दिखाया और अब तक 1050 सूअरों की मौत हो चुकी है। राज्य पशुपालन और चिकित्सा विभाग (AHVD) के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक तीन जिलों के 34 इलाकों को एएसएफ इंफेक्टेड जोन घोषित किया गया है।
इंटरनेशनल और स्टेट बॉर्डर के सटे इलाके
मिजोरम के जिन तीन जिलों को एएफएस इंफेक्टेड घोषित किया गया है, वो हैं लॉन्गतलाई, ममित और सियाहा। लॉन्गतलाई जिले की सीमा म्यांमार और बांग्लादेश की सीमा से लगी हुई है, ममित जिला त्रिपुरा और बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करता है और सियाहा की सरहद म्यांमार से लगी हुई है।
कितने सूअरों को मारा गया?
राज्य पशुपालन और चिकित्सा विभाग की कई टीमों ने इन जिलों में अब तक 400 से अधिक सूअरों और उसके बच्चों को मार डाला है। अफ्रीकी स्वाइन फीवर के नए आउटब्रेक की पुष्टि 20 मार्च को गुवाहाटी में नॉर्थ-ईस्ट रिजनल डिजीज डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी में टेस्ट के जरिए हुई थी।
मार्च में हुआ था आउटब्रेक
राज्य पशुपालन और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मार्च महीने की शुरुआत में लॉन्गतलाई जिले में एएसएफ के नए आउटब्रेक की पुष्टि हुई थी। राज्य सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है। अप्रभावित क्षेत्रों में इस बीमारी को पहुंचने से रोकने की कोशिश लगातार जारी है।
ASF से हुआ था भारी आर्थिक नुकसान
पिछले साल एएसएफ के कारण मिजोरम को 336.49 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। करीब 15 हजार सूअरों की मौत हो गई थी। बीमारी के प्रकोप को रोकने के लिए 24 हजार 200 सूअरों को मार डाला गया था।
सरकार ने दिया मुआवजा
राज्य पशुपालन और चिकित्सा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि एएसएफ आउटब्रेक के कारण सूअरों और सूअर के बच्चों को मारे जाने को ध्यान में रखते हुए मिजरम को 2021 में 334.14 करोड़ रुपये, 2022 में 210.32 करोड़ रुपये और 2023 में 15.77 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इसके बाद सरकार ने सूअरों के नुकसान के लिए सैकड़ों परिवारों को मुआवजा दिया था।
इंसानों के लिए है कितना खतरनाक?
अफ्रीकी स्वाइन फीवर फिलहाल इंसानों के लिए खतरनाक नहीं है क्योंकि ये ह्यूमन को अटैक नहीं करता है। ये सूअरों और जंगली सूअरों में फैलने वाली एक खतरनाक बीमारी और ये उनके लिए जानलेवा भी है।
हालांकि, ये बीमारी इंसानों को इंडायरेक्ट तरीके से अफेक्ट कर सकता है, जैसे सूअर पालन उद्योग को नुकसान, मांस की कमी और आर्थिक नुकसान। इंसानों के संक्रमित जानवरों से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
'असम में फिर से भगवा लहर', राभा हसोंग परिषद चुनाव में NDA की बड़ी जीत; कांग्रेस का हुआ बुरा हाल
शानदार रहा संसद का बजट सत्र, कुल 16 विधेयक पारित; वक्फ बिल पर बहस ने बनाया रिकॉर्ड
एएनआई, नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दौरान वक्फ संशोधन विधेयक समेत कुल 16 विधेयकों को पारित किया गया। शुक्रवार से समाप्त हुआ बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ था। संसदीय कार्य मंत्रालय के मुताबिक बजट सत्र में लोकसभा की उत्पादकता 118 और राज्यसभा की 119 प्रतिशत रही है।
केंद्रीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को बजट सत्र के समाप्त होने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उनके साथ विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और सूचना एवं प्रसारण व संसदीय कार्य राज्य मंत्री एल मुरुगन भी मौजूद रहे।
पूरे सत्र में हुई कुल 26 बैठकेंरिजिजू ने बताया कि बजट सत्र के पहले चरण में लोकसभा और राज्यसभा की कुल 9 बैठकें हुईं। सत्र के दूसरे भाग में दोनों सदनों की 17 बैठकें हुईं। पूरे बजट सत्र के दौरान कुल 26 बैठकें हुईं। वर्ष के पहले सत्र होने की वजह से राष्ट्रपति ने 31 जनवरी को संविधान के अनुच्छेद 87(1) के अनुसार संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया।
173 सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लियालोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव रामवीर सिंह बिधूड़ी ने पेश किया और रविशंकर प्रसाद ने इसका समर्थन किया। इस पर लोकसभा में 12 घंटे के आवंटित समय के मुकाबले 17 घंटे 23 मिनट तक चर्चा हुई। मंत्रालय के अनुसार, 173 सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया।
बजट पर राज्यसभा में हुई 18 घंटे बहसउधर, राज्यसभा में किरण चौधरी ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया और नीरज शेखर ने उसका समर्थन किया। इस प्रस्ताव पर राज्यसभा में 15 घंटे के निर्धारित समय के मुकाबले 21 घंटे 46 मिनट तक चर्चा हुई। 73 सदस्यों ने बहस में भाग लिया। 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया गया।
लोकसभा में बजट पर 16 घंटे 13 मिनट की चर्चा में 169 सदस्यों ने हिस्सा लिया। वहीं राज्यसभा में 15 घंटे के आवंटित समय के मुकाबले 17 घंटे 56 मिनट चर्चा हुई और 89 सदस्यों ने हिस्सा लिया।
वक्फ संशोधन विधेयक पाससंयुक्त समिति की रिपोर्ट के बाद लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक- 2025 पारित किया गया। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार, वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से संबंधित हितधारकों के सशक्तिकरण, सर्वेक्षण, पंजीकरण और मामले के निपटान की प्रक्रिया में सुधार लाना है।
इसके अलावा मुसलमान वक्फ अधिनियम- 1923 को भी निरस्त कर दिया गया है।
आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक- 2025इस विधेयक का उद्देश्य राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के कामकाज को मजबूत बनाने के लिए आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने वाले विभिन्न संगठनों की भूमिकाओं में अधिक स्पष्टता लाना है। यह विधेयक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर पर सशक्त बनाएगा।
त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक- 2025बजट सत्र के दौरान त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक- 2025 पर भी मुहर लगी है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना से सहकारी क्षेत्र में शिक्षा, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण प्रदान करने व संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। यह विश्वविद्यालय डिग्री कार्यक्रम, दूरस्थ शिक्षा और ई-लर्निंग पाठ्यक्रम प्रदान करेगा। सहकारी क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र विकसित करेगा।
ये विधेयक भी पास
- आव्रजन और विदेशी विधेयक- 2025
- बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक- 2025
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'असम में फिर से भगवा लहर', राभा हसोंग परिषद चुनाव में NDA की बड़ी जीत; कांग्रेस का हुआ बुरा हाल
एएनआई, गुवाहाटी। बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को असम के राभा हसोंग परिषद चुनाव में भारी जीत मिली, जिसमें उन्होंने 36 में से 33 सीटें जीतीं।
असम राज्य चुनाव आयोग द्वारा घोषित नतीजों के अनुसार, कांग्रेस (Congress) को सिर्फ एक सीट पर ही जीत मिली। बीजेपी ने 6 सीटें जीतीं, जबकि उसकी सहयोगी पार्टी राभा हसोंग जॉथो संग्राम समिति ने 27 सीटों पर जीत दर्ज की और 2 निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी चुनाव जीतने में सफलता पाई।
बीजेपी ने किन सीटों पर जीत दर्ज की?
- 02-कोठाकुथी
- 15-आगिया
- 22-बोंदापारा
- 30-बामुनिगांव
- 35-सिलपुटा
- 20-जोयरामकुची (अपराजित)
मुख्य कार्यकारी सदस्य (CEM) टंकेश्वर राभा ने फिर से जीत दर्ज की, जिन्होंने नं-7 दक्षिण दुधनोई सीट से चुनाव लड़ा। राभा हसोंग जॉथो संग्राम समिति के उम्मीदवार टंकेश्वर राभा को 7164 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार संजीब कुमार राभा को 1593 वोट प्राप्त हुए।
मुख्यमंत्री ने दी प्रतिक्रिया
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) ने ट्वीट कर कहा, "असम में फिर से भगवा लहर! राभा हसोंग स्वायत्त परिषद के लोगों का हम दिल से धन्यवाद करते हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की कल्याणकारी नीतियों को समर्थन दिया, खासकर आदिवासी समुदायों के लिए। NDA ने 33/36 सीटें जीतीं।"
Another Saffron Wave in Assam!
Our heartfelt gratitude to the people of Rabha Hasong Autonomous Council for speaking in unison and endorsing Hon’ble Prime Minister’s Shri @narendramodi Ji’s welfare policies, particularly for the indigenous communities.
NDA has won 33/36 seats pic.twitter.com/NjHYs8WMzy
पंचायत चुनाव की घोषणा
असम राज्य चुनाव आयोग ने 2 अप्रैल को पंचायत चुनावों के लिए कार्यक्रम की घोषणा की। पंचायत चुनाव दो चरणों में होंगे, जिनमें पहले चरण का मतदान 2 मई को 14 जिलों में होगा, जबकि दूसरे चरण का मतदान 7 मई को 13 जिलों में होगा। दोनों चरणों की मतगणना 11 मई को होगी।
चुनाव प्रक्रिया और विवरण
इस चुनाव में 1.80 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिसमें 90.71 लाख पुरुष, 89.65 लाख महिला और 408 अन्य मतदाता शामिल हैं। कुल 25007 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा।
निर्देश के अनुसार, दोनों चरणों के लिए नामांकन की प्रक्रिया 3 अप्रैल से 11 अप्रैल तक चलेगी। नामांकन पत्रों की जांच 12 अप्रैल को होगी और उम्मीदवारों के नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 17 अप्रैल है। चुनाव में गांव पंचायत, आंचलिक पंचायत और जिला परिषद स्तर के सदस्य चुने जाएंगे।
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अच्छी पहल: दस राज्यों में आदिवासी संस्कृति और परंपरा का होगा दस्तावेजीकरण, शुरू हुआ अभियान
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आदिवासी समुदाय का अपना लोक शासन, लोककला और संस्कृति है, लेकिन विडंबना है कि इस विरासत और परंपरा को जैसे-तैसे आदिवासी जन लोककथाओं और लोकलाओं के सहारे बचाए हुए हैं, क्योंकि अब तक किसी भी सरकार ने इसके दस्तावेजीकरण के लिए सोचा ही नहीं।
'हमारी परंपरा, हमारी विरासत' अभियान शुरूप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर 15 नवंबर, 2024 को जब रांची गए तो आव्हान किया कि आदिवासी संस्कृति का दस्तावेजीकरण आवश्यक है। उस पर पहल पंचायतीराज मंत्रालय ने की और झारखंड सरकार के साथ मिलकर 'हमारी परंपरा, हमारी विरासत' अभियान शुरू किया गया। इसकी निगरानी के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित कर चुका पंचायतीराज मंत्रालय अब अन्य नौ पेसा अधिसूचित राज्यों में भी आदिवासियों की संस्कृति और परंपराओं का दस्तावेजीकरण कराने जा रहा है।
पंचायतीराज मंत्रालय और झारखंड सरकार मिलकर कर रहे कामपंचायतीराज मंत्रालय और झारखंड पंचायतीराज विभाग ने संयुक्त रूप से 26 जनवरी, 2025 को 'हमारी परंपरा, हमारी विरासत' अभियान शुरू किया। मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस कार्य के लिए राज्य सरकार द्वारा लगाई गई टीम के साथ विभिन्न अनुसूचित जनजाति समुदायों की पारंपरिक शासन व्यवस्था के अभिन्न अंग, सांस्कृतिक विरासत, लोकगीत, त्योहारों और पूजा-प्रथाओं को साझा किया जा रहा है।
संकलित दस्तावेजों को डिजिटल रूप में भी सहेजा जाएगायथासंभव साक्ष्यों, फोटो, वीडियो आदि के माध्यम से उनका दस्तावेजीकरण किया जा रहा है। उद्देश्य झारखंड के 20,300 गांवों के जीवंत इतिहास और सांस्कृतिक प्रथाओं का दस्तावेजीकरण करना है। पंचायतीराज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज के प्रयासों से शुरू हुए इस अभियान की निगरानी के लिए मंत्रालय में उच्चस्तरीय समिति का भी गठन किया गया है।
बताया गया है कि 15 अगस्त को इस अभियान की शुरुआत छत्तीसगढ़ में होगी। उसके बाद पेसा अधिसूचित राज्य आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और तेलंगाना में भी शुरू होगा। इन सभी दस राज्यों से संकलित दस्तावेजों को डिजिटल रूप में भी सहेजा जाएगा।
मोदी सरकार के प्रयास से होगा दस्तावेजीकरणउल्लेखनीय है कि पेसा अधिनियम, 1996 भी अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को आदिवासी रीति-रिवाजों, परंपराओं और स्वशासन की रक्षा करने का अधिकार देता है। यह दीगर बात है कि पेसा अधिनियम को लागू करने को लेकर भी अधिकतर राज्य अब जाकर मोदी सरकार के प्रयास से सक्रिय हुए हैं। दशकों तक रही इस उपेक्षा की पीड़ा झारखंड के खूंटी जिला निवासी मुंडा समुदाय के प्रधान महादेव मुंडा के शब्दों में छलकती है।
हमारा कोई धर्मग्रंथ नहीं- आदिवासी नेतावह कहते हैं कि हमारा कोई धर्मग्रंथ नहीं है। इतिहास भी सिर्फ लोककलाओं और लोक कथाओं तक सीमित है। यहूदियों और मुगलों के बाद अंग्रेजों ने हमारी संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया। अंग्रेजों ने इतिहास लिखा तो उसमें परंपराओं को शामिल नहीं किया। अब मोदी सरकार ने जिस तरह विरासत के दस्तावेजीकरण की पहल की है, उससे कुछ आस जरूर बंधी है।
दिल्ली आए आदिवासी प्रतिनिधि, साझा किए अनुभवहमारी परंपरा, हमारी विरासत अभियान के तहत एक राष्ट्रीय कार्यक्रम शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित किया गया। इसमें केंद्रीय पंचायतीराज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, सचिव विवेक भारद्वाज और झारखंड पंचायतीराज विभाग की निदेशक नेशा ओरांव ने अपने विचार रखे। झारखंड के 560 से अधिक आदिवासी प्रतिनिधियों की मौजूदगी में अलग-अलग तकनीकी सत्रों में मुंडा, मांझी परगना महल, ओरांव, हो और खड़िया समुदाय के नेताओं ने विरासत के दस्तावेजीकरण के महत्व और अनुभवों को साझा किया।
EC vs TMC: गड़बड़ियों पर चुनाव आयोग को घेर रही ममता बनर्जी की पार्टी, अब सुधारों के भी खिलाफ हुई टीएमसी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मतदाता फोटो पहचान पत्र ( ईपिक) नंबरों को लेकर चुनाव आयोग को लंबे समय से घेरने में जुटी तृणमूल कांग्रेस अब इन गड़बड़ियों को रोकने के लिए उठाए गए सुधारों के खिलाफ खड़ी हो गई है। इनमें मतदाता पहचान पत्रों को आधार से जोड़ने का मुद्दा भी शामिल है। जिसे लेकर तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को न सिर्फ आपत्ति जताई बल्कि इस प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग की।
आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिया जवाबवहीं आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को आश्वस्त किया कि ईपिक की गड़बड़ियां जल्द ठीक हो जाएगी। मतदाता पहचान पत्रों को आधार से जोड़ने में लोक प्रतिनिधित्व कानून और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पालन होगा। आयोग का स्पष्ट मानना है कि आधार से जोड़ने पर मतदाता पत्र में दोहराव कभी संभव ही नहीं होगा और फर्जी मतदाता भी नहीं बन सकेंगे।
इस बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने संसद भवन परिसर से चुनाव आयोग के दफ्तर तक एक मार्च भी निकाला और ईपिक और मतदाता सूची से जुड़ी गड़बडि़यों के पीछे आयोग का हाथ बताया। तृणमूल सांसदों ने इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से भी मुलाकात की और उन्हें मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा।
तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को यह नया पैंतरा अपनायासंसद में ईपिक गड़बड़ियों के मुद्दे पर चर्चा की लगातार मांग उठाने और वहां अनुमति न मिलने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को यह नया पैंतरा अपनाया है। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य हाथों में नकली ईपिक लिखी तख्तियां लहराते दिखे।
इस बीच तृणमूल कांग्रेस के नेता व सांसद डेरेक-ओ-ब्रायन ने कहा कि ईपिक का दोहराव बड़ा घोटाला है। चुनाव आयोग को इस घोटाले की तह तक जाना चाहिए। उन्होंने आयोग से ऐसे ईपिक की संख्या भी बताने को कहा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिया आश्वासनआयोग से जुड़े सूत्रों की मानें तो मुख्य चुनाव आयुक्त ने तृणमूल कांग्रेस नेताओं की बातों को ध्यान से सुना। साथ ही उन्हें ईपिक से जुड़ी गड़बड़ियों को रोकने के लिए उठाए गए सुधार के कदमों से अवगत कराया। जिसमें अगले तीन महीने के भीतर ईपिक से जुड़ी गड़बड़ियां ठीक हो जाएंगी। उसकी जगह यूनिक ईपिक नंबर जारी करने की जानकारी दी।
आधार केवल एक व्यक्ति की पहचान स्थापित करता हैआयोग के मुताबिक भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत मतदान का अधिकार केवल भारत के नागरिक को दिया जा सकता है जबकि आधार केवल एक व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है। ईपिक को आधार से जोड़ने का फैसला लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 23(4) (5) (6) के प्रावधानों व सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप ही किया जाएगा।
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