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दमोह में फर्जी हार्ट सर्जन का काला खेल! 7 मरीजों की मौत; स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप
जेएनएन, दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह में संचालित मिशन अस्पताल में कथित तौर पर चिकित्सक डॉ नरेंद्र यादव उर्फ एनकेम जोन द्वारा जनवरी से फरवरी के बीच की गई हार्ट सर्जरी से सात मरीजों की मौत का मामला सामने आने के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच का आदेश दिया है। इस बीच फर्जी डॉक्टर फरार हो चुका है। अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की दो सदस्यीय टीम सोमवार से दमोह में तीन दिनों तक पूरे प्रकरण की जांच करेगी। टीम सात मौतों के साथ ही मिशन अस्पताल की मान्यता की तिथि, पदस्थ डॉक्टरों की जानकारी, नियुक्ति करने वाले का नाम और अस्पताल को प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत किए गए भुगतान की जानकारी जैसे विषयों पर भी सुनवाई करेगी।
सीएमएचओ ने पांच पीड़ितों के स्वजन को भेजा पत्रसीएमएचओ ने कार्डियोलाजिस्ट के इलाज से पांच पीड़ितों के स्वजन को पत्र भेजकर सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम के सामने बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है। उधर, चौंकाने वाली जानकारी यह भी सामने आई है कि मिशन अस्पताल में डॉ नरेंद्र यादव उर्फ एनकेम जोन दो जनवरी से 20 फरवरी तक मरीजों की जान से खेलता रहा और शिकायत होने के बाद भी प्रशासन सिर्फ जांच दल गठित करता रहा।
मामले में शिकायतकर्ता और बाल कल्याण समिति दमोह के अध्यक्ष दीपक तिवारी के अनुसार फर्जी कार्डियोलाजिस्ट के इलाज से मिशन अस्पताल में दो महीनों में सात से दस मौतें हुई हैं। कलेक्टर, एसपी, सीएमएचओ से लिखित शिकायत की गई, पर कहीं गंभीरता से शिकायत नहीं सुनी गई। डॉ. नरेंद्र यादव की मिशन अस्पताल में सेवाएं लेने के पहले जांच नहीं कराई गई। इसकी पहली शिकायत 20 फरवरी को कलेक्टर से की गई। सीएमएचओ ने सात मार्च तक जांच कर प्रतिवेदन भी कलेक्टर को भेजा, लेकिन कोई कार्रवाई प्रस्तावित नहीं हो सकी। यही कारण रहा कि फर्जी डाक्टर गायब हो गया।
डॉक्टर तेलंगाना में भी कर चुका है फर्जीवाड़ाडॉ. नरेंद्र यादव उर्फ एनकेम जोन पर पूर्व में भी कई आपराधिक मामले दर्ज होने की बात सामने आई है। आधार कार्ड के अनुसार डाक्टर का नाम नरेंद्र जान केम है, जो देहरादून का निवासी है। दमोह में वह गुजरात में पंजीकृत वाहन का उपयोग कर रहा था।
डॉक्टर और उसकी पत्नी दिव्या रावत पर वर्ष 2019 में तेलंगाना के रचकोंडा में ब्राउंडवाल्ड हास्पिटल में फर्जीवाड़े के चलते मामला दर्ज कर गिरफ्तारी के प्रयास किए गए थे। उस समय वह उक्त अस्पताल का निदेशक था। डॉक्टर कई निजी और शासकीय संस्थाओं में ईमेल के जरिए अपना बायोडाटा भेज कर संस्थान में घुसने का प्रयास करता था और कई स्थानों पर चिकित्सा के क्षेत्र में आधुनिक सुविधाएं लाने का झांसा भी देता था। विजिटिंग कार्ड में भी वह खुद को वरिष्ठ सलाहकार इंटरवेंशनल कार्डियोलाजिस्ट और जर्मनी का रहने वाला बताता था।
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'संसद ने बनाए हैं सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने वाले कानून', ओम बिरला बोले- 'संविधान में सभी नागरिकों को समान मानने की भावना'
पीटीआई, नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को कहा कि संसद ने हाल के वर्षों में सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने वाले कई कानून बनाए हैं। भारतीय संविधान में सभी नागरिकों को समान मानने, उन्हें समान अवसर देने और वंचित और पिछड़े वर्गों को प्रगति की मुख्यधारा में शामिल करने की भावना है।
उज्बेकिस्तान के ताशकंद में अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की 150वीं बैठक में सामाजिक विकास और न्याय के लिए संसदीय प्रयास विषय पर अपने संबोधन में बिरला ने ये बातें कहीं।
संसद ने देश के सभी वर्गों के नागरिकों को संरक्षित करने के उपाय किएबिरला ने कहा कि हमारी संसद ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016; ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिकारों का संरक्षण अधिनियम तथा जैसे कानून तथा लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने वाला कानून बनाकर देश के सभी वर्गों के नागरिकों को संरक्षित करने के उपाय किए हैं। साथ ही असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण और सामाजिक सुरक्षा के लिए नए श्रम कानून बनाएं हैं।
विभिन्न संसदीय समितियां कई योजनाओं को लेकर सुझाव देती हैंउन्होंने कहा कि हमने भारतीय दंड संहिता को भारतीय न्याय संहिता से बदलकर न्याय की प्राथमिकता को स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि संसद की विभिन्न समितियां, जिन्हें अक्सर मिनी संसद कहा जाता है संसद और सरकार के प्रयासों के पूरक के रूप में काम करती हैं। विभिन्न संसदीय समितियां अपने दायरे में आने वाली योजनाओं की निगरानी करती हैं और सुझाव देती हैं।
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ट्रेनों में नकली वेंडर बेच रहे थे घटिया पानी, रेलवे को राजस्व में हो रहा था नुकसान; RPF ने किया भंडाफोड़
जेएनएन, मुंबई। आरपीएफ ने शुक्रवार को ट्रेनों में खाद्य सामाग्री बेचने के बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। आइआरसीटीसी की वर्दी पहने फर्जी वेंडरो को बड़ी मात्रा में पानी की बोतलों के साथ गिरफ्तार किया है। साथ ही 36 फर्जी वेंडरों के खिलाफ महाराष्ट्र के इगतपुरी जीआरपी में मामला दर्ज किया गया है।
आरोपितों के पास लंबी दूरी की ट्रेनों में खाद्य और पेय पदार्थ बेचने के लिए वैध दस्तावेज नहीं थे। आरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर रेल नीर (पैकेज्ड ड्रिकिंग वॉटर) की बिक्री अनिवार्य है।
सरकारी राजस्व को हो रहा था भारी नुकसानआइआरसीटीसी ने रेल यात्रियों के लिए ब्रांडेड पैकेज्ड ड्रिकिंग वॉटर रेल नीर लांच किया है। पकड़े गए फर्जी वेंडर कुछ स्थानीय ब्रांड के पानी ट्रेन में बेच रहे थे, जिससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हो रहा था। उनके कब्जे से स्थानीय पानी की बोतलों के 50 पैकेट जब्त किए गए हैं।
अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार को राजस्व हानि के अलावा फर्जी वेंडर लंबी दूरी की ट्रेनों में यात्रियों के सामान की चोरी में करते हैं। ये वेंडर ऐसी ट्रेनों में चलते हैं, जिसमें पेंट्री कार की सुविधा नहीं होती।
उन्होंने कहा कि फर्जी वेंडर भारतीय रेलवे की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं, क्योंकि वे किसी भी स्टेशन या आस-पास के स्टेशनों पर खानपान सामग्री को लोड, अनलोड करने के लिए चेन खींचते हैं साथ ही इनके द्वारा ट्रेनों में बीड़ी और सिगरेट के टुकड़े फेंकने से आग लगने का खतरा भी रहता है। इसके साथ ही ये ट्रेनों में यात्रियों से अधिक पैसे वसूलते हैं और यदि कोई यात्री आवाज उठाता है तो उसे धमकाने और मारपीट तक करते हैं।
इन ठेकेदारों के लिए काम कर रहे थे वेंडरआरपीएफ अधिकारी ने बताया कि ये वेंडर आइआरसीटीसी के दो सूचीबद्ध ठेकेदारों लक्ष्मी नारायण एंटरप्राइजेज और आरएंडके एसोसिएट के लिए काम करते थे। हालांकि दोनों फर्मों का अनुबंध आइआरसीटीसी से अभी भी वैध है, लेकिन वेंडरों के पास वैध दस्तावेज नहीं थे। पकड़े गए वेंडर फर्जी पहचान पत्र लेकर चल रहे थे, जिन पर आइआरसीटीसी के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के जाली चिह्न थे।
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परिसीमन प्रक्रिया पर तमिलनाडु की आशंकाओं को दूर क्यों नहीं करते पीएम मोदी? स्टालिन का प्रधानमंत्री पर तंज
पीटीआई, उधगमंडलम। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रस्तावित परिसीमन प्रक्रिया को लेकर राज्य के लोगों की आशंकाओं को दूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि संसद में एक प्रस्ताव पारित किया जाए ताकि तमिलनाडु के अधिकारों पर अंकुश न लगे।
परिसीमन पर ज्ञापन प्रस्तुत करने के लिए मांगा है समय- यहां कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने और नई योजनाओं की घोषणा करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए स्टालिन ने कहा कि हमने परिसीमन पर ज्ञापन प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा है। चूंकि मैं इस सरकारी समारोह में भाग ले रहा हूं, इसलिए मैंने उन्हें (प्रधानमंत्री मोदी) उनकी सभा में भाग लेने में असमर्थता से अवगत करा दिया है। मैंने इस कार्य के लिए अपने मंत्रियों- टी. थेन्नारसु और राजा कन्नप्पन को भेजा है। इस सभा के माध्यम से मैं प्रधानमंत्री से परिसीमन की आशंकाओं को दूर करने का अनुरोध करता हूं।
- उन्होंने कहा कि आपको (मोदी को) यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि इस संबंध में संसद में एक प्रस्ताव पारित हो। इससे (परिसीमन से) संसदीय सीट में कमी आएगी, इसलिए इसके बारे में पूछना हमारा अधिकार है। साथ ही यह हमारे भविष्य के लिए चिंता का विषय भी है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि पुडुचेरी को मिलाकर यहां 40 संसदीय सीट होंगी। लेकिन (केंद्र में) सत्तारूढ़ भाजपा सरकार परिसीमन के जरिये हमारी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि स्टालिन प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में उपस्थित नहीं थे। उन्होंने स्टालिन पर प्रधानमंत्री का अपमान करने का आरोप लगाया और मांग की कि मुख्यमंत्री माफी मांगें।
नए पंबन ब्रिज की विशेषताएंपुराने पंबन पुल की जगह लेने वाले नए ब्रिज की लंबाई 2.08 किलोमीटर है। इसमें 99 स्पैन और 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है जो 17 मीटर तक ऊपर उठता है, इससे आसानी से जहाजों की आवाजाही और ट्रेनों का निर्बाध संचालन हो सकेगा। पुल में स्टेनलेस स्टील और उच्च श्रेणी के पेंट का इस्तेमाल किया गया है। इसमें पूरी तरह से वे¨ल्डग किए हुए जोड़ हैं, जिससे पुल के रखरखाव की आवश्यकताएं कम होंगी और मजबूती बढ़ेगी।
इसकी नींव 333 'पाइल' व 101 'पियर/पाइल कैप' पर टिकी है और इसे दोहरी रेल पटरियों एवं भविष्य के विस्तार को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। 'पालीसिलोक्सेन' पेंट का उपयोग इसे जंग से बचाता है, जिससे कठोर समुद्री वातावरण में पुल की दीर्घावधि सुनिश्चित होगी। दक्षिण रेलवे के अनुसार, पंबन के इस नए ब्रिज के समान दुनिया में कुछ अन्य ब्रिज भी हैं जिनमें अमेरिका का गोल्डन गेट ब्रिज, लंदन में टावर ब्रिज और डेनमार्क-स्वीडन का ओरेसंड ब्रिज शामिल हैं।
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वक्फ के बाद अब कॉलेजियम प्रणाली को बदलने की तैयारी? अश्विनी कुमार बोले- एनजेएसी लाने का यह सही समय
पीटीआई, नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने रविवार को कहा कि न्यायिक नियुक्तियों की वर्तमान कॉलेजियम प्रणाली को बदलने का समय आ गया है और न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए वैकल्पिक तंत्र के पक्ष में जनमत की प्रक्रिया मजबूती से आगे बढ़ रही है।
उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से न्यायाधीशों पर लगाए गए आरोपों सहित न्यायपालिका के लिए परेशानी का सबब बनने वाले मुद्दों को हल करने के लिए एक मजबूत आंतरिक तंत्र स्थापित करने का भी आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी को विश्लेषण करना चाहिए कि जनता में उसकी स्वीकार्यता क्यों कम हो रही है और अपनी पिछली गलतियों को सुधारने की इच्छा दिखानी चाहिए।
पार्टी नेतृत्व को कार्यकर्ताओं के साथ पेश आना चाहिएअहमदाबाद में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सत्र से पहले उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व को अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को सम्मान के साथ पेश आना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी को एकदम से खारिज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कांग्रेस को ऐसी पार्टियों से गठबंधन बनाने के खिलाफ आगाह किया जो वैचारिक रूप से अस्थिर हैं।
एक विशेष साक्षात्कार में अश्विनी कुमार ने कई विवादास्पद मुद्दों पर विस्तार से बात की, जैसे न्यायपालिका के भीतर की समस्याओं को दूर करने के लिए तंत्र, न्यायिक नियुक्तियां और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी), और संसद द्वारा पारित कानूनों को अदालतों में लगातार दी जा रही चुनौती।
एनजेएसी के 2014-15 में ही सही था समय- कुमार ने कहा कि एनजेएसी के लिए समय 2014-15 में ही सही था, जब इसे पहली बार प्रस्तावित किया गया था और मतदान के लिए रखा गया था। इसे लाने का निश्चित रूप से आज भी सही समय है। मुझे विश्वास है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए वैकल्पिक तंत्र के पक्ष में जनमत की प्रक्रिया मजबूती से आगे बढ़ रही है। यह प्रस्तावित एनजेएसी की तर्ज पर हो सकता है, यह कुछ बेहतर भी हो सकता है।
- पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए एक संशोधित संवैधानिक संशोधन लाने का पूरा अधिकार है, जो न्यायिक जांच को संतुष्ट करेगा। गौरतलब है कि जब कुमार कानून मंत्री थे तो उन्हीं के कार्यकाल के दौरान संप्रग शासन के तहत एनजेएसी विधेयक का मसौदा तैयार किया गया था।
- लेकिन, बाद में राजग के सत्ता में आने के बाद इसे संशोधित रूप में पारित किया गया, मगर अक्टूबर 2015 में सर्वोच्च न्यायालय ने इसे रद कर दिया। यह पूछे जाने पर कि उन्हें क्यों लगता है कि एनजेएसी को लाने का समय आ गया है, कुमार ने कहा कि उन्हें उस फैसले की वैधता पर गंभीर आपत्ति है, जिसके तहत एनजेएसी को असंवैधानिक करार दिया गया था, भले ही इसमें ''संसद की सर्वोच्च इच्छा और बहुमत'' था।
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द्वारका में पूरी हुई अनंत अंबानी की आस्था और विश्वास की यात्रा, जानिए क्या रही इसकी खासियत
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कुशिंग सिंड्रोम यानी गंभीर किस्म के एक हार्मोनल असंतुलन के कारण उत्पन्न मोटापा, अस्थमा और फाइब्रोसिस से जूझ रहे किसी व्यक्ति के लिए एक-दो किलोमीटर पैदल चलना भी मुश्किल हो सकता है, लेकिन गुजरात में जामनगर से द्वारका तक की 180 किलोमीटर लंबी पदयात्रा नौ दिनों में पूरी कर अनंत अंबानी ने अपने एक संकल्प की सिद्धि की।
पदयात्रा के रूप में की गई अपनी इस आध्यात्मिक यात्रा को अनंत अंबानी ने अपने आंतरिक उत्थान, खासकर कठिन पथ को अपनाने की शक्ति हासिल करने का एक प्रयास बताया है।
29 मार्च को शुरू हुई थी यात्रायह यात्रा 29 मार्च को शुरू हुई थी और इसका समापन रामनवमी के अवसर पर हुआ। खास बात यह है कि रविवार को हिंदू कैलेंडर के अनुसार उनका जन्मदिन भी रहा। हाल में अपने कई सामाजिक कार्यों के कारण चर्चा में रहे अनंत इस यात्रा में प्रतिदिन 12 से 15 किलोमीटर पैदल चले।
इस दौरान अनंत के साथ उनकी मां नीता अंबानी और पत्नी राधिका के साथ ही कुछ करीबी सहयोगी और आध्यात्मिक गुरु ही रहे। अनंत अंबानी के अनुसार उनके लिए इस यात्रा का अर्थ भय के ऊपर विश्वास, कष्ट के ऊपर प्रेरणा और आराम के ऊपर अनुशासन को वरीयता देना था। अनंत अंबानी के लिए यह पदयात्रा भटकाव और शोर-शराबे से दूर ध्यान और भक्ति का मार्ग प्रशस्त करने वाली रही।
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भारत को अब तक नहीं मिला अग्रणी वैश्विक विश्वविद्यालय, संसदीय समिति ने राज्यसभा में पेश की रिपोर्ट
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत को अब तक किसी भी अग्रणी वैश्विक विश्वविद्यालय, जैसे कि आईवी लीग संस्थानों से कोई वैश्विक परिसर नहीं मिला है। संसद की एक समिति ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत को शीर्ष विदेशी विश्वविद्यालयों को आकर्षित करने के लिए अधिक प्रयास करने की जरूरत है।
हाल के वर्षों में विदेशी विश्वविद्यालयों की भारत में कैंपस खोलने की दिलचस्पी बढ़ी है। इसकी एक वजह भारत का बड़ा छात्र वर्ग और सरकार द्वारा सहयोगी कार्यक्रमों व संयुक्त डिग्री पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देने की पहल है।
दिग्विजय सिंह हैं समिति के अध्यक्षइस समिति की अध्यक्षता कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह कर रहे हैं। समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की, जिसमें यह बात सामने रखी गई। रिपोर्ट में कहा गया है, 'हालांकि, भारत को अभी तक किसी भी अग्रणी वैश्विक विश्वविद्यालय (आईवी लीग्स, न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय आदि) से परिसर प्राप्त करना बाकी है। समिति अनुशंसा करती है कि उच्च शिक्षा विभाग को देश के छात्रों के लिए सर्वोत्तम वैश्विक संसाधनों तक अधिक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए इसे और प्रयास करने चाहिए।'
आईवी लीग अमेरिका में लंबे समय से स्थापित विश्वविद्यालयों का एक समूह है, जिनकी शैक्षणिक प्रतिष्ठा बहुत अच्छी है। इसमें हार्वर्ड, येल, प्रिंसटन और कोलंबिया शामिल हैं। जबकि ब्रिटेन का साउथहेम्प्टन विश्वविद्यालय इस वर्ष भारत में अपना परिसर स्थापित करने की प्रक्रिया में है, दो ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों-डीकिन और वोलोंगोंग के परिसर पहले से ही गुजरात की गिफ्ट सिटी में हैं।
क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफास्ट व कोवेंट्री यूनिवर्सिटी को भी गिफ्ट सिटी में कैंपस खोलने की मंजूरी मिली है। अभी तक किसी अमेरिकी यूनिवर्सिटी का भारत में कोई कैंपस नहीं है।विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 2023 में भारत में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन की घोषणा की थी।
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'वक्फ बोर्डों पर नियंत्रण की मंशा नहीं', जेपी नड्डा ने नए कानून को लेकर फिर स्पष्ट की तस्वीर
पीटीआई, नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्डों को नियंत्रित नहीं करना चाहती, बल्कि यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उनका संचालन कानून के दायरे में हो ताकि उनकी परिसंपत्तियों का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार को बढ़ावा देने में हो।
भाजपा के 45वें स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि तुर्किये और कई अन्य मुस्लिम देशों की सरकारों ने वक्फ की संपत्तियों को अपने नियंत्रण में ले लिया है। हम इनका (वक्फ बोर्डों) संचालन करने वालों से सिर्फ यह कह रहे हैं कि नियमों के अनुसार काम करें। संबोधन से पहले भाजपा अध्यक्ष ने पार्टी मुख्यालय पर पार्टी का ध्वज फहराया। इस अवसर पर पार्टी के कई नेता उपस्थित थे जिनमें विभिन्न सांसद एवं दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता शामिल हैं।
'भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी'1951 में जनसंघ से शुरू हुई भाजपा की राजनीतिक यात्रा का उल्लेख करते हुए नड्डा ने कहा कि आज भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है और कई राज्यों की सत्ता में है क्योंकि यह कांग्रेस के विपरीत वोटों के लिए कभी अपनी विचारधारा से नहीं डिगी। भाजपा विचारधारा और जनाधार वाली पार्टी है।
उन्होंने कहा कि गुजरात में भाजपा की लगातार छठी बार, गोवा और हरियाणा में तीसरी बार, मध्य प्रदेश में चौथी बार और महाराष्ट्र, उत्तराखंड, मणिपुर, असम, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा में दूसरी बार सरकार बनी है। 27 वर्षों बाद पार्टी ने दिल्ली में भी सरकार बनाई है।
उन्होंने भाजपा की सफलता का श्रेय श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे पार्टी के दिग्गज नेताओं को दिया।नड्डा ने कहा,
आज लोकसभा में हमारे 240 सदस्य, राज्यसभा में 98 सदस्य और देशभर में 1,600 से ज्यादा विधायक हैं। हमने हाल ही में अपना सदस्यता अभियान खत्म किया है और भाजपा सदस्यों की संख्या 13.5 करोड़ पार कर गई है। देशभर में हमारे 10 लाख से अधिक सक्रिय कार्यकर्ता हैं।
संगठन का विस्तार और चुनाव में जीत एक कला और विज्ञान है- उन्होंने कहा कि भाजपा एकमात्र राजनीतिक पार्टी है जो वैज्ञानिक विकास की साक्षी रही है। संगठन का विस्तार और चुनाव में जीत एक कला और विज्ञान है। हालांकि हमारे विरोधी संसद में हम पर कटाक्ष करते हैं, लेकिन वे यह भी कहते हैं कि हम दुनिया में सबसे बड़ी पार्टी हैं। यहां तक कि हमारे विरोधी भी हमारी ताकत पहचानते हैं।
- नड्डा ने कहा कि भाजपा ने राष्ट्र को हमेशा पहले रखा है और भारत की परंपराओं, संस्कृति एवं इतिहास को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। पार्टी के शासनकाल में ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि शाहबानो केस में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस मुस्लिम समुदाय के कुछ वर्गों के दबाव में झुककर तुष्टीकरण की राजनीति में फंस गई थी।
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुस्लिम महिलाओं की मुक्ति का आह्वान करने के बावजूद किसी में भी निर्णायक कार्रवाई करने का साहस नहीं था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने तत्काल तीन तलाक को खत्म कर दिया और मुस्लिम महिलाओं को मुक्ति दिलाई। मोदी सरकार ने उन लोगों को भी नागरिकता के अधिकार दिए जो पाकिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना का सामना करने के बाद भारत आए थे।
- नड्डा ने कहा कि हम औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर आएंगे। राजपथ अब कर्तव्य पथ है। सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी स्थापित (इंडिया गेट के समीप) कर दी गई है। हमने अनुच्छेद-370 भी खत्म कर दिया। हमने कभी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया।
- उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान का मसौदा तैयार करने वाले बीआर आंबेडकर द्वारा स्थापित वैचारिक आधार पर आगे बढ़ रही है, जबकि कांग्रेस ने उसके आत्मा पर प्रहार करने के कई प्रयास किए हैं। भाजपा अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से कहा कि 14-25 अप्रैल तक आंबेडकर जयंती के दौरान लोगों तक पहुंचे और इस बात को उजागर करें कि कैसे कांग्रेस ने संविधान की मौलिक भावना पर हमला करने का प्रयास किया।
उन्होंने उनसे कम से कम एक दिन बूथ पर गुजारने एवं लोगों खासकर पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से मिलने को कहा जो जनसंघ एवं भाजपा के शुरुआती दिनों से जुड़े रहे थे। नड्डा ने भी 98 वर्षीय वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता शंकुतला आर्य से उनके आवास पर मुलाकात की जो 1997 में दिल्ली की मेयर रही थीं।
मोदी-शाह ने दी स्थापना दिवस पर बधाईप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा के स्थापना दिवस पर पार्टी के कार्यकर्ताओं को बधाई दी। मोदी ने एक्स पर लिखा कि देश के लोगों ने पार्टी के सुशासन को देखा है, जो पिछले वर्षों में प्राप्त ऐतिहासिक जनादेश में परिलक्षित हुआ है। शाह ने बधाई देते हुए इस बात रेखांकित किया कि कैसे कमल का निशान देशवासियों के दिलों में विश्वास और उम्मीद का नया प्रतीक बन गया है।
कब होगा CCS के भवनों में मंत्रालयों का स्थानांतरण? जानिए सरकार ने क्यों लिया ये फैसला
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों को नए बन रहे कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (सीसीएस) में स्थानांतरित करने की तैयारी शुरू करते हुए शहरी कार्य मंत्रालय ने अधिकारियों और कर्मचारियों के आवागमन का विवरण जुटाना शुरू कर दिया है।
यह काम संसद और उसके आसपास की भीड़भाड़ कम करने और अबाधित आवागमन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। इसके तहत मंत्रालयों के अफसरों और कर्मचारियों से एक ऑनलाइन सर्वे कराया जा रहा है जिसमें उन्हें अपने आने-जाने की टाइमिंग, वाहन, काम के समय आदि की जानकारी देनी है। कुल दस भवनों वाले सीसीएस की तीन बिल्डिंग-मई अंत तक पूरी तरह तैयार हो जाने के आसार हैं।
पहले तीन मंत्रालयों को किया जाएगा स्थानांतरितशुरुआत में दो-तीन मंत्रालयों और छह-साथ विभागों को नए भवनों में स्थानांतरित किया जाएगा। इनमें वित्त और कार्मिक मंत्रालय शामिल हैं। मंत्रालय इसके साथ ही एक अध्ययन भी करा रहा है, जो संसद के आसपास भीड़भाड़ कम करने, मेट्रो स्टेशनों के बाहर बेहतर व्यवस्थाएं करने और सार्वजनिक परिवहन का ढांचा दुरुस्त करने के लिए है।
केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों में लगभग 55000 कर्मचारियों का इस क्षेत्र में रोज आना-जाना होता है। कर्तव्य पथ और संसद के इर्द-गिर्द 20 इमारतें हैं, जिनमें इन कर्मचारियों का आना होता है। इसके अलावा बड़ी संख्या में सामान्य लोग भी अपने कामों के लिए मंत्रालयों में जाते हैं। शहरी कार्य मंत्रालय सर्वे और अध्ययन के जरिये इस क्षेत्र में पदयात्रियों के लिए भी नया ढांचा बनाएगा।
मंत्रालय एकत्र कर रहा ये जानकारियांमंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार यह सब सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का हिस्सा है। अधिकारियों और कर्मचारियों का सही-सही फीडबैक मिल जाने से हमें उनके लिए लास्ट माइल कनेक्टिविटी का इंतजाम करने के साथ ही पार्किंग की व्यवस्था करने में भी मदद मिलेगी। मंत्रालय पहले ही अधिकारियों से उनके वाहनों का विवरण ले चुका है। नए भवनों में उन्हें अधिक और बेहतर पार्किंग सुविधा मिलेगी। अभी शास्त्री भवन, रेल भवन और उद्योग भवन जैसे अधिक आवागमन वाली इमारतों में पार्किंग की लचर व्यवस्था के कारण वाहनों का निकलना कठिन होता है।
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Karnataka: हुबली के पास भीषण सड़क हादसा, पुणे-बेंगलुरु हाईवे पर साइड वॉल से टकराई कार; चार की मौत
एएनआई, हुबली। कर्नाटक से रविवार को एक भीषण सड़क हादसा हो गया। इस हादसे में तीन कार सवार लोगों के मौत हो गई है।
जानकारी के अनुसार, कर्नाटक में एनएच-48 (पुणे-बेंगलुरु हाईवे) पर नूलवी क्रॉस के पास हुबली आ रही क्विड कार हाईवे पर एक साइड वॉल से टकरा गई।
मौके पर तीन लोगों की मौतइस घटना में तीन लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई, हालांकि, एक घायल शख्स ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मृतकों की पहचान सुजाता (61), संपतकुमारी (60), गायत्री (65) और शकुंतला (75) के तौर पर हुई है।
मामले की जांच में जुटी पुलिससभी मृतक लिंगराज नगर हुबली के निवासी बताए जा रहे हैं। वहीं, इस घटना में वीरबसय्या (69) का अस्पताल में इलाज चल रहा है। पूरे प्रकरण में हुबली ग्रामीण पुलिस में मामला दर्ज कर लिया गया है। इस मामले की जांच की जा रही है।
Karnataka | Three people died in a car accident at Noolvi Cross near Hubli on NH 48 Pune Banglore highway. Deceased persons travelling in a Quid car coming to Hubballi collided with a side wall on the highway. Three persons died on the spot, and another in hospital. Sujata (61),…
— ANI (@ANI) April 6, 2025बेंगलुरु में सुनसान सड़क पर युवती का यौन उत्पीड़न, सीसीटीवी में कैद हुई वारदात; VIDEO देख कांप जाएगा दिल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक युवती के साथ सुनसान सड़क पर यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। इस घटना ने कर्नाटक में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना बेंगलुरु में बीटीएम लेआउट एरिया की बताई जा रही है।
सोशल मीडिया पर इसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि दो युवतियां रात में एक सुनसान सड़क से गुजर रही हैं। सड़क पर कई टू व्हीलर खड़े दिखाई दे रहे हैं। तभी पीछे से एक युवक आता दिखाई देता है।
पुलिस को नहीं मिली शिकायतवीडियो में दिखता है कि दोनों युवतियां जब सड़क पर चल रही है, तभी पीछे से युवक आकर उनसे से एक को पकड़ देता है। इसके बाद वह उसके प्राइवेट पार्ट पर हाथ लगाता है और फिर वहां से भाग जाता है।
बेंगलुरु में युवती से गंदी हरकत! एक शख्स संकरी गली में चल रही दो युवतियों के पास जाता है, युवती का यौन उत्पीड़न करता है और फिर भाग जाता है pic.twitter.com/4P6hN0OXDq
— Swaraj Srivastava (@SwarajAjad) April 6, 2025युवक के जाते ही दोनों लड़कियां वहां से भाग जाती है। जिस जगह पर यह वारदात हुई, वहां एक सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ था। सारी वारदात कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। हालांकि अभी तक पुलिस को किसी भी तरह की शिकायत नहीं मिली है।
वीडियो में दिख रहे युवक की पहचान अभी नहीं हो पाई है। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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Waqf Bill: SC से खारिज नहीं होगा वक्फ संशोधन कानून, लेकिन पास करनी होगी ये तीन परीक्षा
माला दीक्षित, नई दिल्ली। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद वक्फ संशोधन विधेयक कानून बन चुका है। हालांकि संसद के दोनों सदनों से पारित होते ही इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई। अभी तक कई याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं जिनमें इसे संविधान के खिलाफ और धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताते चुनौती दी गई है।
लेकिन अगर किसी कानून को परखने के कोर्ट के दायरे को देखा जाए तो वो थोड़ा सीमित होता है। किसी भी कानून को तीन आधारों, विधायी सक्षमता, संविधान का उल्लंघन और मनमाना होने के आधार पर कोर्ट परखता है। तीनों आधारों को देखा जाए तो शीर्ष अदालत से इसे खारिज कराना बहुत आसान नहीं लगता।
क्या है कानूनी सिद्धांत?- मगर यह जरूर है कि मामले पर सुनवाई के बाद अगर सुप्रीम कोर्ट से विस्तृत फैसला आता है तो देश में धार्मिक दान की संपत्तियों के प्रबंधन पर स्पष्ट व्यवस्था आ सकती है।
- वक्फ संशोधन कानून 2025 के अदालत पहुंचने पर जरूरी हो जाता है कि किसी कानून पर विचार के तय कानूनी सिद्धांतों को देखा जाए।
- इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश एसआर सिंह कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट किसी भी कानून की वैधानिकता पर मुख्यत: तीन आधारों पर विचार करता है।
पहला कि जिस व्यक्ति या संस्था ने कानून पारित किया है उसे इसका अधिकार नहीं था यानी विधायी सक्षमता (लेजिस्लेटिव कांपीटेंस), दूसरा वह कानून संविधान के किसी प्रविधान या मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता हो अथवा संविधान की मूल भावना के खिलाफ हो। तीसरा मनमाने ढंग से कानून पारित होना यानी आर्बीट्रेरीनेस।
याचिकाओं का मुख्य आधार क्या है?इन तीन आधारों पर अगर वक्फ संशोधन कानून को देखा जाए तो विधायी सक्षमता की कसौटी पर संसद से घंटो बहस के बाद यह पारित हुआ है। दूसरा आधार संवैधानिक प्रविधानों के उल्लंघन का है।
कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में मुख्य आधार यही है कि यह कानून मुसलमानों के संवैधानिक अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
याचिका में क्या दलील दी गई?दलील है कि संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 में सभी को धार्मिक स्वतंत्रता और धार्मिक मामलों के प्रबंधन की आजादी मिली हुई है, जबकि इस नये कानून में मुसलमानों की इस आजादी में हस्तक्षेप होता है और सरकारी दखलंदाजी बढ़ती है। याचिकाओं में वक्फ बोर्ड के सदस्यों में गैर मुस्लिमों को शामिल करने का भी विरोध किया गया है।
कानून धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ नहींमाना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में होने वाली बहस में धार्मिक स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार ही केंद्र में होगा और सुप्रीम कोर्ट जो व्यवस्था देगा वही लागू भी होगी। लेकिन कानून पर सरकार के तर्क को देखा जाए तो उसके अनुसार, यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ नहीं है बल्कि संपत्तियों के प्रबंधन से संबंधित है।
व्यवस्थित सुधारों की आवश्यकतासरकार कानून को जायज ठहराते हुए तर्क दे रही है कि वक्फ प्रबंधन में चुनौतियों का समाधान करने के लिए व्यवस्थित सुधारों की आवश्यकता थी जिसके लिए वक्फ संशोधन कानून 2025 लाया गया। इससे पारदर्शिता, जवाबदेही और कानूनी निरीक्षण सुनिश्चित करके, वक्फ संपत्तियां गैर-मुसलमानों और अन्य हित धारकों के अधिकारों का उल्लंघन किये बगैर अपने इच्छित धर्मार्थ उद्देश्यों की पूर्ति कर सकती हैं।
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शेयर बाजार से लेकर स्टार्टअप्स में बढ़ रही महिलाओं की भागीदारी, सरकार की रिपोर्ट में सामने आई अहम जानकारी
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत में कुल बैंक खातों में महिलाओं की हिस्सेदारी 39.2 प्रतिशत है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात 42.2 प्रतिशत है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने रविवार को 'भारत में महिला और पुरुष 2024: चयनित संकेतक और आंकड़े' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की।
यह रिपोर्ट भारत में लैंगिक परिदृश्य का एक व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करता है, जिसमें जनसंख्या, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक भागीदारी और निर्णय लेने जैसे प्रमुख क्षेत्रों में चयनित संकेतक और आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं। ये आंकड़े विभिन्न मंत्रालयों/विभागों/संगठनों से प्राप्त किए गए हैं।
डीमैट खातों में 4 गुना की वृद्धि31 मार्च, 2021 से 30 नवंबर, 2024 तक डीमैट खातों की कुल संख्या चार गुना से अधिक होकर 3.32 करोड़ से बढ़कर 14.30 करोड़ हो गई है। पुरुष डीमैट खाताधारकों की संख्या लगातार महिला खाताधारकों से अधिक रही है, लेकिन महिलाओं की भागीदारी में भी वृद्धि देखी गई है।
पुरुष अकाउंट की संख्या 2021 के 2.65 करोड़ से बढ़कर 2024 में 11.53 करोड़ हो गई, जबकि इसी अवधि के दौरान महिला अकाउंट की संख्या 66.7 लाख से बढ़कर 2.77 करोड़ हो गई। वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के दौरान मैन्युफैक्चरिंग, व्यापार और अन्य सेवा क्षेत्रों में महिलाओं की अगुआई वाले प्रतिष्ठानों का प्रतिशत बढ़ता हुआ देखा गया है।
महिला निदेशक वाले स्टार्टअप की संख्या बढ़ी- महिला मतदाता पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कुल मतदाताओं की संख्या 1952 के 17.32 करोड़ से बढ़कर 2024 में 97.8 करोड़ हो गई। वर्षों से मतदान करने वाली महिलाओं की संख्या में भिन्नता रही है। यह 2019 में 67.2 प्रतिशत तक पहुंच गई, लेकिन 2024 में थोड़ी गिरावट के साथ 65.8 प्रतिशत रह गई।
- 2024 में मतदान करने वाली महिलाएं, पुरुषों से आगे निकल गईं। पिछले कुछ वर्षों में, डीपीआइआइटी द्वारा मान्यता प्राप्त ऐसी स्टार्टअप फर्मों की संख्या बढ़ी है, जिसमें कम से कम एक महिला निदेशक है। यह महिला उद्यमिता में सकारात्मक प्रवृत्ति को दर्शाता है। ऐसे स्टार्टअप की कुल संख्या 2017 में 1,943 से बढ़कर 2024 में 17,405 हो गई।
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गले में पट्टा... घुटनों के बल चलवाया, खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों के साथ कंपनी ने की अपमानजनक हरकत
पीटीआई, कोच्चि। केरल में एक कंपनी पर खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों के साथ अपमानजनक व्यवहार करने का आरोप लगा है। सोशल मीडिया पर 12 सेकंड का वीडियो वायरल है। वीडियो में दिख रहा है कि एक कर्मचारी को घुटने और हाथ के बल चलने पर मजबूर किया जा रहा है। इसके बाद एक थाली पर रखे सिक्के को चाटने को कहा जाता है। सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद केरल सरकार एक्शन में आ आई है।
केरल की एक विपणन फर्म का वीडियोजानकारी के मुताबिक कर्मचारियों से अपमानजनक व्यवहार केरल की एक विपणन फर्म ने किया है। स्थानीय टीवी चैनलों में वीडियो वायरल होने के बाद केरल क श्रम विभाग ने मामले की जांच का आदेश दिया है। श्रम मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने घटना की जांच करने और जिला श्रम अधिकारी को तत्काल रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा: श्रम मंत्रीश्रम मंत्री शिवनकुट्टी ने इन दृश्यों को चौंकाने और विचलित करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि केरल जैसे राज्य में इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। मंत्री ने आगे कहा कि मैंने घटना की जांच का आदेश दिया है। जिला श्रम अधिकारी को जांच के बाद घटना की रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
कर्मचारियों ने बताया- प्रबंधन ने दी ये सजावायरल वीडियो 12 सेकंड का है। इसमें एक व्यक्ति के गले पर पट्टा है। दूसरे व्यक्ति ने पट्टा पकड़ रखा है। इसके बाद कर्मचारी घुटने और हाथ के बल चलता है। कुछ ही दूर पर एक थाली में सिक्का रखा है। उसे चाटने को कहा जाता है। एक टीवी चैनल को कुछ कर्मचारियों ने बताया कि टारगेट हासिल नहीं कर पाने वाले कर्मचारियों को कंपनी के प्रबंधन ने यह सजा दी है।
पुलिस बोली- अभी तक नहीं मिली शिकायतपुलिस के मुताबिक यह मामला कलूर में कार्यरत एक निजी विपणन फर्म से जुड़ा है। हालांकि घटना पेरुम्बवूर में हुई है। पुलिस ने आगे बताया कि अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। मकान मालिक ने आरोपों से इनकार किया है। फर्म के मालिक के हवाले से उन्होंने कहा कि कथित उत्पीड़न संभवतः पेरुम्बवूर स्थित फर्म में हुई है। यह फर्म कलूर स्थित प्रतिष्ठान के उत्पादों का विपणन और बिक्री करती थी। एक अधिकारी ने कहा कि अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
मानवाधिकार आयोग ने दर्ज किया मामलाउधर, राज्य मानवाधिकार आयोग ने हाई कोर्ट के वकील कुलाथूर जयसिंह की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया है। इस बीच केरल राज्य युवा आयोग ने भी हस्तक्षेप किया और कथित उत्पीड़न की घटना में अपने स्तर पर मामला दर्ज किया। पैनल ने जिला पुलिस प्रमुख से इस संबंध में एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। आयोग के अध्यक्ष एम. शजर ने कहा कि ऐसी घटनाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। सभ्य और लोकतांत्रिक समाज में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
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हिंदी के शब्द विपणन को अंग्रेजी में मार्केटिंग कहा जाता है। अर्थशास्त्र की भाषा में किसी भी उत्पाद को अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचाने की प्रक्रिया को ही विपणन कहते हैं।
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'सशक्त, समृद्ध भारत का संकल्प अब...', पीएम मोदी ने देशवासियों को दी रामनवमी की शुभकामनाएं; लोगों से की ये अपील
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राम नवमी के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और भगवान श्रीराम से आशीर्वाद की कामना की।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का आशीर्वाद हमेशा हमारे ऊपर रहे और हम अपनी सभी कोशिशों में सफलता प्राप्त करें। प्रधानमंत्री ने इस दिन तमिलनाडु के रामेश्वरम में भगवान श्रीराम के मंदिर में पूजा अर्चना करने का भी ऐलान किया।
सभी देशवासियों को रामनवमी की ढेरों शुभकामनाएं। प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव का यह पावन-पुनीत अवसर आप सबके जीवन में नई चेतना और नया उत्साह लेकर आए, जो सशक्त, समृद्ध और समर्थ भारत के संकल्प को निरंतर नई ऊर्जा प्रदान करे। जय श्रीराम!
— Narendra Modi (@narendramodi) April 6, 2025रामेश्वरम में पंबन रेल ब्रिज का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी आज दोपहर 12 बजे रामेश्वरम में नए पंबन रेल ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। यह भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल है। इसके बाद प्रधानमंत्री इस पुल से एक ट्रेन और एक जहाज को हरी झंडी दिखाएंगे और पुल के संचालन का निरीक्षण करेंगे।
रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा और विकास कार्यों का शिलान्यास
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी दोपहर 12:45 बजे रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। इसके बाद, लगभग 1:30 बजे, वे तमिलनाडु में 8,300 करोड़ रुपये से अधिक के विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे और इन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी दी राम नवमी की शुभकामनाएं
राम नवमी के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि राम नवमी हमें धर्म, न्याय और कर्तव्य की भावना का संदेश देती है। उन्होंने श्रीराम के आदर्शों की सराहना करते हुए देशवासियों से एकजुट होकर भारत के विकास के लिए काम करने का आह्वान किया।
गृह मंत्री अमित शाह ने रामनवमी पर देशवासियों को दी शुभकामनाएं
जय श्री राम!
सभी रामभक्तों को रामनवमी के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।
प्रभु श्री राम का जीवन सत्य, सेवा और मानव मूल्यों के रक्षा की प्रेरणा देता है। प्रभु से सभी के स्वस्थ, सुदीर्घ और समृद्ध जीवन की कामना करता हूँ। pic.twitter.com/w39r5bLNDB
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सभी देशवासियों को रामनवमी के मौके पर शुभकामनाएं दी है। उन्होंने एक पर पोस्ट किया, "सभी रामभक्तों को रामनवमी के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। प्रभु श्री राम का जीवन सत्य, सेवा और मानव मूल्यों के रक्षा की प्रेरणा देता है। प्रभु से सभी के स्वस्थ, सुदीर्घ और समृद्ध जीवन की कामना करता हूं।"
पीएम मोदी आज करेंगे पंबन ब्रिज का उद्घाटन, जानें क्यों है समुद्र में इंजीनियरिंग की अद्भुत मिसाल
Waqf Bill: वक्फ संशोधन बिल को मिली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की मंजूरी, अस्तित्व में आया नया कानून
पीटीआई, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 कानून बन गया है। मैराथन बहस के बाद संसद के दोनों सदनों से पारित विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार देर रात मंजूरी दे दी। इसके साथ ही राष्ट्रपति मुर्मु ने मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2025 को भी अपनी स्वीकृति दे दी।
सरकार ने एक अधिसूचना में कहा कि संसद से पारित वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। इससे पहले लोकसभा और राज्यसभा से वक्फ (संशोधन) विधेयक गरमागरम बहस के बाद पारित कर दिया था।
वहीं, नए कानून को कांग्रेस, एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी (आप) ने अलग-अलग याचिकाओं के साथ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
अब पूरे देश में नया वक्फ कानून लागू हो जाएगानए कानून का उद्देश्य पक्षपात, वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग और वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण को रोकना है। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने कहा है कि यह कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है। वहीं, राष्ट्रपति मुर्मु के हस्ताक्षर के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक कानून बन गया है। अब पूरे देश में नया वक्फ कानून लागू हो जाएगा।
मुसलमान वक्फ अधिनियम- 1923 को निरस्त कर दियासंयुक्त समिति की रिपोर्ट के बाद लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक- 2025 पारित किया गया। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार, वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से संबंधित हितधारकों के सशक्तिकरण, सर्वेक्षण, पंजीकरण और मामले के निपटान की प्रक्रिया में सुधार लाना है। इसके अलावा मुसलमान वक्फ अधिनियम- 1923 को भी निरस्त कर दिया गया है।
वक्फ बिल पर राज्यसभा में 13 तो लोकसभा में 12 घंटे चली बहसराज्यसभा में इस बिल पर करीब 13 घंटे तक चर्चा चली। यह विधेयक लोकसभा में करीब 12 घंटे तक चली मैराथन बहस के बाद पारित हुआ था। इसके बाद विधेयक को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजा गया था जिस पर उन्होने हस्ताक्षर कर कानून बनाने को मंजूरी दे दी है।
जेपी नड्डा ने वक्फ अधिनियम से निपटने के तरीके को लेकर कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया था और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इस कानून को इस तरह से बनाया है जिससे कथित तौर पर भू-माफियाओं को मदद मिल रही है।
ओवैसी ने फाड़ दी थी बिल की कॉपीएआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इसे मुसलमानों पर हमला बताते हुए लोकसभा में विधेयक की प्रति फाड़ दी थी।
बिल का विरोध करने वालों को चेतावनी देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि यह संसद द्वारा बनाया गया कानून है और इसे सभी को मानना पड़ेगा। यदि तुष्टीकरण के लिए कांग्रेस ने 2013 में वक्फ कानूनों को अति कठोर नहीं बनाया होता, तो आज यह संशोधन लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
किरेन रिजिजू ने कही ये बातअल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि वक्फ विधेयक से विपक्षी पार्टियां मुसलमानों को डरा रही हैं। उनका कहना था कि दुनिया में अल्पसंख्यकों के लिए भारत से ज्यादा सुरक्षित कोई देश नहीं है।
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वक्फ संपत्ति के नाम पर बड़ा हेरफेर, कागज में मस्जिद और दरगाह; हकीकत में चल रही दुकान
जागरण टीम, नई दिल्ली। वक्फ संपत्ति को लेकर बड़े पैमाने पर अनियमितता रही है। ज्यादातर संपत्ति का लेखा-जोखा नहीं है। अगर किसी का रिकॉर्ड है तो कागज में कुछ, जबकि धरातल पर कुछ और संपत्ति मिल रही है। बरेली के आंवला के पक्का कटरा में वक्फ नंबर 610444 में संपत्ति के रूप में एक मकान दर्ज है, लेकिन मौके पर 21 दुकान, दो मकान और एक मस्जिद मिली।
हाथरस में वक्फ की जमीन तहसील में निजी रूप में दर्जहाथरस के सिकंदराराऊ में वक्फ की जमीन तहसील में निजी रूप में दर्ज है। यह तो सिर्फ बानगी है। जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने बिल पेश करने से पहले ही अलग-अलग एजेंसियों से देशभर में वक्फ संपत्तियों का सर्वे कराया था।
85 से अधिक सर्वेयर की टीम लगाई गईंअल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली व उत्तर प्रदेश में सर्वे के लिए एएमयू इंटरडिसिप्लिनरी डिपार्टमेंट आफ रिमोट सेंसिंग को नोडल एजेंसी बनाया था। जिसके लिए 85 से अधिक सर्वेयर की टीम लगाई गईं। इसमें आइआइटी कानपुर व जामिया मिलिया विश्वविद्यालय की टीम ने सहयोग किया। उत्तर प्रदेश में प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर प्रो. खुर्शीद अहमद ने बताया कि वक्फ की संपत्तियों का बुरा हाल है।
उत्तर प्रदेश वक्फ की जमीन का होगा सर्वेउत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड ने सर्वे को अभी तक सत्यापित नहीं किया है। यह होने के बाद ही केंद्र सरकार को फाइनल रिपोर्ट दी जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं। बताया कि प्रदेश के 27 जिलों की 87,735 संपत्तियों का सर्वे हुआ था और इसकी रिपोर्ट भारतीय वक्फ प्रबंधन प्रणाली(वामसी) पोर्टल पर फोटो सहित अपलोड है, लेकिन दो वर्ष पहले भेजी गई इस रिपोर्ट का उप्र वक्फ बोर्ड (सुन्नी/शिया) ने सत्यापन नहीं कराया है।
विरोध के बाद सर्वे भी रोक दिया गया था। सर्वे में हजारों वक्फ संपत्तियां ऐसी पाई गई थीं दर्ज तो मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान के रूप में हैं लेकिन कहीं दुकान तो कहीं मकान बना लिए गए हैं।
इन शहरों में चला था सर्वेअलीगढ़ के अलावा आजमगढ़, हरदोई, जौनपुर, बाराबंकी, बरेली, बस्ती, बिजनौर, गोंडा, खीरी, मुजफ्फरनगर, रामपुर, शाहजहांपुर, कानपुर देहात, सीतापुर, वाराणसी, प्रयागराज, फर्रुखाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा, बुलंदशहर, लखनऊ, मथुरा व पीलीभीत में सर्वे 2022 तक चला।
सर्वेयर को मौलाना ने धमकायारामपुर में सर्वेयर अजेंद्र और जिकर उल्ला को एक मौलाना ने पकड़ लिया था। धमकी भी दी। महिलाएं भी विरोध में आ जाती थीं। सर्वेयर राहिल अली को तो एक घंटे बिठाए रखा। मथुरा में भी टीम को बंधक बना लिया। डीएम के हस्तक्षेप पर छोड़ा गया था।
छग में पांच हजार करोड़ से अधिक वक्फ की संपत्ति, आमदनी पांच लाख भी नहींछत्तीसगढ़ में राज्य वक्फ बोर्ड की संपत्ति की अनुमानित कीमत पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक आंकी जा रही है। रायपुर में ही संपत्तियों की कीमत 1,380 करोड़ है। इसके बावजूद बोर्ड को सालाना पांच लाख रुपये की आमदनी भी नहीं हो रही है। अनेक संपत्तियों की फर्जी रजिस्ट्री भी हो चुकी है। रायपुर में ही 24 फर्जी रजिस्ट्री के मामले चल रहे हैं। इनमें से करीब 10 रजिस्ट्री को शून्य घोषित किया जा रहा है।
वक्फ की जमीन पर प्रभावशाली लोगों ने दुकान, शोरूम खोल लीराज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीमराज ने बताया कि प्रदेशभर की पांच हजार करोड़ की संपत्ति में से लगभग 90 प्रतिशत पर रसूखदारों का कब्जा है। रायपुर में जीई रोड पर ईओडब्ल्यू कार्यालय के समीप मस्जिद की जगह पर कब्जा किया जा चुका है। शहर के सबसे व्यस्ततम मालवीय रोड स्थित वक्फ बोर्ड की अनेक संपत्तियों की अवैध रजिस्ट्री करवाकर प्रभावशाली लोगों ने दुकान, शोरूम खोल ली हैं।
वक्फ बोर्ड की अनियमितता की जांच कराएगी राजस्थान सरकारराजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार प्रदेश के वक्फ बोर्ड में हुई अनियमितताओं की जांच कराएगी। गृह, राजस्व एवं अल्पसंख्यक मामलों के विभाग के अधिकारियों ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री को बताया था कि पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वक्फ बोर्ड में काफी अनियमितताएं हुई हैं और वक्फ के पैसों व संपतियों का दुरुपयोग किया गया है।
706 संपत्तियों पर अतिक्रमण
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने यह जानकारी दी। राज्य में वक्फ बोर्ड के पास 19044 संपत्तियां पंजीकृत हैं। इनमें 17415 संपत्तियां राजस्थान राजपत्र में प्रकाशित एवं 1629 राजपत्र के प्रकाशन के बाद दर्ज हुई हैं। इनमें से 706 संपत्तियों पर अतिक्रमण है।
बिहार में वक्फ अरबों की संपत्ति का मालिक पर कमाई कुछ लाखफुलवारीशरीफ संवाददाता के अनुसार, बिहार राज्य शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड अरबों की संपत्ति के मालिक हैं, परंतु इनसे कमाई कुछ लाख ही होती है और उसमें से आधा हिस्सा मुकदमों की पैरवी में खर्च हो जाता है। जो शेष रकम बचती है, उससे मौलाना, मोतव्वली, इमाम का वेतन, कौम की कुछ गरीब युवतियों के निकाह, स्कूल संचालन, छात्रावास और जाड़े में गरीबों के बीच कंबल वितरण आदि किया जाता है। वक्फ की संपत्तियों में कई विवादों के घेरे में हैं और मामला ट्रिब्यूनल, सिविल एवं हाई कोर्ट में चल रहा है। सारे मामलों की निगरानी बोर्ड स्वयं करता है।
शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अफजल अब्बास ने बताया कि शिया वक्फ बोर्ड की राज्य में 327 संपत्तियां हैं। इनमें 138 का मामला ट्रिब्यूनल और 38 पटना उच्च न्यायालय में लंबित है। आमदनी का बड़ा हिस्सा केस में खर्च हो जाता है।
बिहार में कुल 2900 संपत्तियां, हजारों पर अतिक्रमणसुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशादउल्लाह ने बताया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास राज्य में कुल 2900 संपत्तियां हैं, जिनमें अधिकतर परती जमीन व दरगाह हैं। सैकड़ों दुकानें भी हैं। कुल 350 मामले विभिन्न न्यायालयों में चल रहे हैं। किराए से होने वाली आमदनी को सामाजिक कार्यों में खर्च किया जाता है।
देशभर में संगठन को मजबूत करने में जुटी कांग्रेस, अब बनाएगी जिला और शहर अध्यक्षों का तीन माह का ''रिपोर्ट कार्ड''
जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। अब देशभर में संगठन की मजबूत पर काम कर रही कांग्रेस ने तय किया है कि संगठन निर्माण और उसके क्रियाकलापों की बारीकी से निगरानी होगी।
जिला और शहर अध्यक्षों को टाइमलाइन बनाकर लक्ष्य सौंप दिया गया कि जून तक गांव और वार्ड स्तर पर कमेटियां बना लेनी हैं। इतना ही नहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने तो दो टूक कह दिया है कि यदि तीन माह बाद जिला और शहर अध्यक्षों का रिपोर्ट कार्ड बनेगा। जो उम्मीदों पर खरे नहीं उतरेंगे, उन्हें पद से हटा दिया जाएगा।
अलग-अलग राज्यों कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे राहुल गांधीकांग्रेस ने यह वर्ष संगठन निर्माण के लिए समर्पित किया है। इसी के तहत अलग-अलग राज्यों के समूह बनाकर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित अन्य वरिष्ठ नेता जिला व शहर अध्यक्षों के साथ बैठकें कर रहे हैं। गत दिवस शीर्ष नेताओं ने उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल आदि राज्यों के जिला व शहर अध्यक्षों के साथ बैठक की।
संगठन निर्माण को लेकर सांसद शशिकांत सैंथिल ने प्रस्तुतीकरण किया। इसमें बताया गया कि इसी मई यानी अगले माह तक मंडल कांग्रेस कमेटियों का गठन कर लेना है। प्रत्येक मंडल कमेटी के अंतर्गत 15 से 20 बूथ होंगे। इसी समय सीमा में प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को दो-दो बूथ लेवल एजेंट (बीएलए-1 और बीएलए-2) की नियुक्ति करनी है।
बूथ लेवल एजेंटों का प्रशिक्षण कार्यक्रमगांव कांग्रेस कमेटी और वार्ड कांग्रेस कमेटियों के गठन के लिए जून, 2025 तक का समय दिया गया है। जून तक ही बूथ लेवल एजेंटों का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी पूरा करना है। इसके अलावा मतदाता सूची से संबंधित गतिविधियां लगातार चलाई जाएंगी। कार्यकर्ताओं के लिए जमीनी स्तरपर प्रशिक्षण सत्र भी सतत चलाने होंगे।
बैठक में शामिल सूत्रों ने बताया कि कुछ जिलाध्यक्षों ने सुझाव दिया कि अब कुछ राज्यों में पार्टी को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए बिना गठबंधन के चुनाव लड़ना चाहिए। राहुल गांधी ने उनकी भावनाओं की सराहना करते हुए कहा कि वह स्थिति भी आपको ही बनाना है।
संगठन को इतना मजबूत बनाना होगाहर विधानसभा और लोकसभा सीट पर संगठन को इतना मजबूत बनाना होगा कि यदि सहयोगी दलों से गठबंधन न हो सके तो कांग्रेस अपने बूते पर मजबूती से चुनाव लड़ सके। संदेश यही था कि संगठन की कमजोरी के चलते ही कांग्रेस को अपने कार्यकर्ताओं के मनोबल और मंशा की अनदेखी कर मजबूरन कई राज्यों में गठबंधन में चुनाव लड़ना पड़ रहा है।
निगरानी के लिए मजबूत तंत्र की रणनीतिसंगठन निर्माण से लेकर पार्टी की सभी गतिविधियों के संयोजन व समन्वय के लिए भी कांग्रेस ने नए तंत्र पर काम शुरू किया है। इसी माह अप्रैल में सभी राज्यों में स्टेट साथी केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य और जिला साथी केंद्रों में वरिष्ठ नेताओं को नियुक्त किया जाएगासूत्रों ने बताया कि साथी केंद्र जिला स्तर पर भी बनेंगे। राज्य और जिला साथी केंद्रों में वरिष्ठ नेताओं को नियुक्त किया जाएगा। वह प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखेंगे, अमल के लिए सुझाव देंगे और रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचाएंगे। इसी तरह मई तक सभी राज्यों में एआइसीसी रोल आब्जर्वर नियुक्त किए जाएंगे, जो मतदाना सूची संबंधी गतिविधियों और संगठन निर्माण प्रक्रियों में सहयोग के साथ निगरानी का दायित्व संभालेंगे।
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पीएम मोदी आज करेंगे पंबन ब्रिज का उद्घाटन, जानें क्यों है समुद्र में इंजीनियरिंग की अद्भुत मिसाल
पीटीआई, चेन्नई। प्राचीन तमिल संस्कृति, सभ्यता एवं तमिल-इतिहास को दर्शाने वाले और समुद्र के पानी में निर्मित देश के पहले आधुनिक वर्टिकल 'पंबन' लिफ्ट पुल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रामनवमी के अवसर पर रविवार (छह अप्रैल) को तमिलनाडु के रामेश्वरम में करेंगे।
नई ट्रेन सेवा और एक जहाज को हरी झंडी दिखाएंगे पीएम मोदीइस दौरान प्रधानमंत्री रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) नई ट्रेन सेवा और एक जहाज को हरी झंडी दिखाएंगे और पुल के संचालन को देखेंगे। इसके बाद वह रामेश्वरम में रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। वह तमिलनाडु में 8,300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
पीएम कई राजमार्गों का करेंगे उद्घाटनइन परियोजनाओं में एनएच-40 के 28 किलोमीटर लंबे वालाजापेट-रानीपेट खंड को चार लेन का बनाने के कार्य का शिलान्यास और एनएच-332 के 29 किलोमीटर लंबे विलुप्पुरम-पुडुचेरी खंड को चार लेन का बनाने का काम, एनएच-32 का 57 किलोमीटर लंबा पूंडियनकुप्पम-सत्तनाथपुरम खंड और एनएच-36 का 48 किलोमीटर लंबा चोलापुरम-तंजावुर खंड शामिल हैं।
राजमार्ग कई तीर्थस्थलों और पर्यटन स्थलों को जोड़ेंगेये राजमार्ग कई तीर्थस्थलों और पर्यटन स्थलों को जोड़ेंगे, शहरों के बीच की दूरी कम करेंगे और मेडिकल कालेज एवं अस्पताल, बंदरगाहों तक तेज पहुंच सक्षम करेंगे। इसके अलावा ये स्थानीय किसानों को कृषि उत्पादों को नजदीकी बाजारों तक पहुंचाने और स्थानीय चमड़ा और लघु उद्योगों की आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने में सशक्त बनाएंगे।
पीएम मोदी रामनवमी के अवसर पर इसका उद्घाटन करेंगेसूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिलान्तर्गत रामेश्वरम में पंबन पुल भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज होगा, जो देश के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। 535 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बना यह पुल, जंग से क्षतिग्रस्त हुए पुराने ढांचे की जगह लेगा। पीएम मोदी रामनवमी के अवसर पर इसका उद्घाटन करेंगे।
रामेश्वरम द्वीप को जोड़ता है यह पुलयह पुल मुख्य भूमि को चार धाम तीर्थ स्थलों में से एक रामेश्वरम द्वीप से जोड़ता है। पुराने पुल को मूल रूप से मीटर गेज ट्रेनों के लिए बनाया गया था, जिसे ब्रॉड गेज यातायात के लिए मजबूत किया गया और 2007 में फिर से खोला गया। फरवरी, 2019 में रेल मंत्रालय ने पुराने ढांचे को बदलने के लिए एक नए पुल के निर्माण को मंजूरी दी।
व्यापार के क्षेत्र में भी विश्वगुरु बन सकता है भारत, होसबाले बोले- हमें एनएसई पर गर्व होना चाहिए
पीटीआई, मुंबई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पारस्परिक टैरिफ की घोषणाओं के कारण विश्व व्यापार में आए बड़े बदलाव के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा है कि दर्शन के साथ-साथ व्यापार के क्षेत्र में भी भारत 'विश्वगुरु' बन सकता है।
शनिवार को नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) में शिष्टाचार भेंट के दौरान होसबाले ने कहा कि कोई भी राष्ट्र विश्वास और पारदर्शिता के बल पर ही फल-फूल सकता है। उन्होंने कहा, ''केवल दर्शन में ही नहीं, बल्कि व्यापार में भी हम विश्वगुरु बन सकते हैं।''
भारत में लंबे समय से व्यापार की परंपरा रही हैइस बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्वगुरु बनने का मतलब है दुनिया को व्यापार और नैतिकता के अच्छे तौर-तरीकों के बारे में सिखाना है। इसमें विज्ञान, राजनीतिक क्षेत्र, परिवार और कार्यस्थल में अच्छे व्यवहार के बारे में बोलना भी शामिल है।''विश्वास और पारदर्शिता'' के मूल मंत्र के संदर्भ में होसबाले ने कहा कि समाज और राष्ट्र इन्हीं मूल्यों के बल पर फल-फूल सकते हैं। भारत में लंबे समय से व्यापार की परंपरा रही है।
हमें एनएसई पर गर्व होना चाहिएउन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ''हमें एनएसई पर गर्व होना चाहिए''। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि की उच्च गति और लोगों के व्यवहार में बदलाव, एनएसई जैसी संस्थाओं की वजह से है।
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