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Bihar Bijli: 'नकली नहीं; असली बिजली चाहिए', जब मुख्यमंत्री को रोककर गांववालों ने रख दी थी अजीब डिमांड

Dainik Jagran - March 25, 2025 - 6:20pm

भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। बात 2008 के आखिरी महीने की है। मुख्यमंत्री अपने आवासीय कार्यालय परिसर में बने हाल में बिजली से जुड़े एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने संबोधन के क्रम में बिजली से जुड़े एक रोचक किस्से को सुनाया था। दैनिक जागरण के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यादों के झरोखे से आपके लिए यहां पेश हैं उसके अंश।

उन्होंने बताया कि वह जहानाबाद के एक इलाके में जा रहे थे। ग्रामीणों ने बिजली के मसले पर उन्हें रोक लिया। मुख्यमंत्री को बात में समझ में नहीं आई। एक ग्रामीण को उन्होंने अपनी कार के पास बुलवाया और बिजली के लिए समझाने की कोशिश शुरू की।

ग्रामीण बोला- असली बिजली चाहिए

ग्रामीण ने कहा कि बिजली मिली है पर वह नकली बिजली है, उन्हें असली बिजली चाहिए। मुख्यमंत्री हैरत में पड़े गए। नकली बिजली की बात तो उन्होंने कभी सुनी भी नहीं थी। तुरंत पूछा नकली बिजली? दरअसल, जिस गांव के लोगों ने उन्हें रोका था उस गांव में सोलर सिस्टम के माध्यम से बिजली गई थी।

ग्रामीण उसे नकली बिजली बता रहे थे। मुख्यमंत्री ने उन्हें समझाया कि यही असली बिजली है। आज स्थिति यह है कि बिहार में सोलर एनर्जी से जुड़े प्लांट तेजी से अस्तित्व में आ रहे हैं। असली बिजली के रूप में यह स्थापित हो रहा है। बिजली की मांग की यह कहानी एक प्रतीक के रूप में रही है बिहार में।

किस तरह से लोग बिजली के नहीं रहने से परेशान रहा करते थे और इसकी मांग को लेकर उन्हें मुख्यमंत्री को रोकने में भी गुरेज नहीं था। दैनिक जागरण जब बिहार में आया तब समाचार पत्र ने लोगों की इस महत्वपूर्ण मांग को स्वर दिया।

बिजली पानी के लिए सड़क जाम तब रूटीन आंदोलनों में शुमार था
  • वर्ष 2007-08 तक बिहार में बिजली-पानी के लिए सड़क जाम एक रूटीन आंदोलनों के रूप में शुमार था। बिजली की मांग को लेकर आम लोगों का यह आंदोलन पटना में भी खूब था।
  • जागरण ने लोगों की इस बड़ी समस्या को अपने सामाजिक सरोकार के साथ जोड़ा और उसे तस्वीर के साथ प्रकाशित की। यह पूरे प्रदेश का बिना किसी राजनीतिक दल के सहारे चलने वाला आंदोलन था।
केरोसिन वाले जेनरेटर शहरी क्षेत्रों में एक व्यवसाय के रूप में था
  • बिहार ने वह दृश्य भी देखा है, जब शहरी और कस्बाई इलाके में देर शाम तक केरोसिन वाले जेनरेटर एक व्यवसाय के रूप में था। बिजली रहती नहीं थी, इसलिए जेनरेटर वाले प्वाइंट के हिसाब से बिजली देते थे।
  • एक बल्ब जलाना है तो चार से पांच घंटे का दस रुपये तक लगते थे। इस जेनरेटर की वजह से वायु और ध्वनि प्रदूषण में बड़े स्तर तक बढ़ोत्तरी हो गई थी। इस समस्या को भी जागरण ने स्वर दिया। बिना बिजली वाले तार का इस्तेमाल कपड़ा सुखाने में होता था।
बात कुछ इस तरह बदली आज 700 मेगावाट से 8000 मेगावाट तक
  • बिहार में आज बिजली की कहानी यह है कि यहां 8000 मेगावाट तक की आपूर्ति हो रही है। वर्ष 2005 में विद्युत विभाग का आंकड़ा यह था कि प्रदेश में बिजली की खपत मात्र 700 मेगावाट थी।
  • आज यह आंकड़ा ग्यारह गुना से अधिक बढ़ गया है। वर्ष 2005 में प्रदेश में ग्रिड उप केंद्रों की संख्या 45 थी जो अब 170 हो गई है। अब बिहार की क्षमता यह है कि वह 15000 मेगावाट तक बिजली उठा सकते हैं।
अभी घरेलू उपभोक्ताओं की खपत पर ही बढ़ गया है आंकड़ा

बिहार में हाल के दिनों में बिजली की खपत का जो आंकड़ा बढ़ा है, वह घरेलू उपभोक्ताओं के बूते है। कुल खपत का 41 फीसद हिस्सा घरेलू उपभोक्ताओं के खाते में है। वहीं, 13 फीसद बिजली की खपत कृषि उपभोक्ताओं द्वारा की जाती है।

जब हम गए हर घर बिजली को लगे कैंप को देखने

बिहार में हर घर बिजली की योजना ने यहां की तस्वीर को बदल दी। ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप लगाकर बिजली कनेक्शन दिए जाने का काम आरंभ हुआ। हमने पटना के नौबतपुर और वैशाली के एक गांव में इस अभियान को जाकर देखा।

इस कैंप का असर इस आंकड़े से समझा जा सकता है। वर्ष 2006 में बिहार में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 17.3 लाख थी जो 2023 में बढ़कर 189.56 लाख हो गई है।

जब मुख्यमंत्री ने उपलब्धियों की तस्वीर खुद देखी

मुख्यमंत्री कुछ वर्ष पहले हेलीकाप्टर से गया से पटना लौट रहे थे। लौटने में शाम हो गई थी, तब उनके साथ कई अधिकारी थे। हेलीकाप्टर से उन्होंने नीचे देखा तो पूरा इलाका रोशनी से जगमग था। मुख्यमंत्री ने एक अधिकारी से मोबाइल पर तस्वीर लेने को कहा। जगमग बिहार की वह तस्वीर खूब चर्चा में आई थी।

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Bihar School News: बिहार के सरकारी स्कूलों में पहली बार होगी इस विषय की पढ़ाई, शिक्षा विभाग का एलान

Dainik Jagran - March 25, 2025 - 5:40pm

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar News: बिहार में निजी स्कूलों की तरह अब राज्य के सरकारी स्कूलों में भी कंप्यूटर पाठ्यक्रम लागू किया जा रहा है। यह पाठ्यक्रम नए सत्र (एक अप्रैल) से कक्षा छह से आठवीं तक में लागू होगा। पाठ्यक्रम लागू करने के लिए राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) तैयारी पूरी कर चुका है। परीक्षा में अन्य विषयों की तरह कंप्यूटर की परीक्षा ली जाएगी।

कंप्यूटर विषय की पहली परीक्षा सितंबर 2005 में होने वाली अर्द्धवार्षिक परीक्षा के साथ ली जाएगी। एससीईआरटी के निदेशक सज्जन आर. ने बताया कि नए सत्र से कक्षा से आठवीं तक में कंप्यूटर कोर्स लागू किया जा रहा है। पुस्तक की छपाई भी हो गई।

मार्च के अंत तक कंप्यूटर की किताबें स्कूल तक पहुंच जाएगी

मार्च के अंत तक अन्य पुस्तकों के साथ-साथ कंप्यूटर की किताबें भी स्कूलों तक पहुंच जाएंगी। कंप्यूटर के शिक्षक भी बहाल किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि अभी के समय में सभी बच्चों को कंप्यूटर की बेसिक जानकारी होनी चाहिए। इसमें सरकारी स्कूल के बच्चे पिछड़ रहे थे। नीचे के कक्षाओं में कंप्यूटर कोर्स को लागू करना आवश्यक हो गया था। इससे होगा कि बच्चे कंप्यूटर एवं उनके विभिन्न भागों को पहचानेंगे और उसकी कार्यप्रणाली को बता पाएंगे।

कंप्यूटर का दैनिक जीवन में कितना उपयोग है, इसका प्रयोग करना, नियमों का पालन करना, आपरेटिंग सिस्टम के बारे में जानकारी लेंगे। साथ ही मल्टीटास्किंग फाइल मैनेजमेंट और यूजर इंटरफेस की भूमिका को समझेंगे। साइबर अपराध से बचने के लिए आवश्यक सावधानियां और रणनीतियों को अपने दैनिक जीवन में लागू कर पाएंगे। क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे तकनीक से परिचित होंगे। 

 विषय सूची- चैप्टर - सिलेबस पूरा करना है
  • कंप्यूटर एक परिचय - अप्रैल
  • कंप्यूटर के अंग - मई-जून 
  • आओ कंप्यूटर चलाएं - जुलाई
  • आओ चित्रकारी करें -अगस्त 
  • अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन सह परीक्षा
  • सितंबर 2025-माइक्रोसाफ्ट वर्ड
  • अक्टूबर-नंवबर-सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग
  • दिसंबर-डिजिटल नागरिकता और साइबर सुरक्षा
  • जनवरी-आइसीटी के उभरते रुझान
  • फरवरी-वार्षिक मूल्यांकन सह परीक्षा - मार्च 2025
कंप्यूटर की पढ़ाई के फायदे
  • कंप्यूटर की पढ़ाई करने से आपको नई तकनीकों का ज्ञान मिलता है। आप अपने कौशल को बढ़ाकर नई तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।
  • कंप्यूटर की पढ़ाई करने से आपको रोजगार के कई अवसर मिलते हैं। आप सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट, आईटी प्रोफेशनल, आदि के रूप में काम कर सकते हैं।
  • कंप्यूटर की पढ़ाई करने से आपको संचार और सूचना के क्षेत्र में काम करने के अवसर मिलते हैं। आप सोशल मीडिया, ईमेल, आदि के माध्यम से संचार कर सकते हैं।

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मेरठ, जयपुर से लेकर बेंगलुरु तक... पत्नियों ने रची खौफनाक साजिश; ब्वॉयफ्रेंड के साथ मिलकर पति को उतारा मौत के घाट

Dainik Jagran - National - March 25, 2025 - 5:12pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मेरठ में शादी के पवित्र रिश्ते को शर्मसार करने वाले एक मामले की चर्चा देशभर में हो रही है। मुस्कान नाम की लड़की ने अपने प्रेमी साहिल (Wife Killed Husband) के साथ मिलकर पति सौरभ कुमार राजपूत की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इसी बीच यूपी के औरैया (Auraiya Businessman Murder Case) में शादी के 15वें दिन ही दुल्हन ने अपने पति की हत्या करवा दी।  

उसने प्रेमी के साथ मिलकर शूटर को सुपारी दी थी। पत्नी ने शादी और मुंह दिखाई में मिले पैसे और गहने बेचकर एक लाख रुपए शूटर को एडवांस दिए थे। पुलिस ने आरोपी पत्नी प्रगति यादव, उसके प्रेमी अनुराग यादव और सुपारी किलर रामजी नगर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

इस घटना पर जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि दुल्हन ने शादी से पहले ही प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या का प्लान बनाया था। पूछताछ में उसने (आरोपी प्रगति) ने कहा कि घरवालों ने बिना मर्जी के दिलीप से  उसकी करा दी थी। प्रगति की प्लानिंग थी कि विधवा होने के बाद वह पति की करोड़ों की प्रॉपर्टी पर कब्जा कर प्रेमी के साथ रहेगी।

औरैया में दिबियापुर के रहने वाले दिलीप (21) की पांच मार्च को प्रगति से शादी हुई थी। दिलीप का परिवार कारोबारी है। परिवार में 20 से ज्यादा हाइड्रा मशीन और क्रेन हैं।

प्लानिंग के साथ महिला ने करवाई पति की हत्या

19 मार्च को दिलीप कन्नौज के उमर्दी के नजदीक शाह नगर में हाइड्रा लेकर काम करवाने गया था। उसी दिन जब दिलीप काम से लौट रहा था और दिलीप एक होटल में रुका था तो कुछ बाइक सवार युवक उससे मिलने पहुंचे। खाई में फंसी कार को हाइड्रा से निकलवाने के बहाने दिलीप को अपने साथ ले गए। इसके बाद युवकों ने मिलकर दिलीप की हत्या कर दी।

पुलिस के मुताबिक, हत्या की पूरी साजिश व्हाट्सएप कॉल और वीडियो कॉल पर रची गई थी। प्रगति ने दिलीप की लोकेशन बताते हुए अनुराग को व्हाट्सएप किया था। वहीं, अनुराग शूटर्स के साथ संपर्क में था।

आरोपी अनुराग ने शूटर से किया था संपर्क

अनुराग सीधे तौर पर इस हत्या में शामिल नहीं होना चाहता था, इसलिए उसने एक शूटर की तलाश की जो दिलीप को मौत के घाट उतार सके। 12 मार्च को अनुराग की मुलाकात गैंगस्टर एक्ट में जेल से छूटे रामजी नागर उर्फ चौधरी से हुई। शूटर ने दो लाख लेकर दिलीप की हत्या का सौदा तय किया।

जयपुर और बेंगलुरु में भी पत्नी बनी कातिल 

आइए पहले जयपुर का मामला जान लें।  राजस्थान के जयपुर की रहने वाली महिला ने अपने प्रेमी संग मिलकर अपने पत्नी की हत्या इसलिए कर दी क्योंकि पति को पत्नी के अफेयर के बारे में पता चल गया था।

महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी और शव को बोरे में भरकर आग लगा दी। इस हैवानियत से जुड़ा एक  वीडियो भी सामने आया है।  वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला अपने प्रेमी संग बाइक पर एक बोरा ले जाते हुए दिख रही है. जिसमें पति का शव है।

धन्नालाल की पत्नी गोपाली देवी (42) का दीनदयाल (30) के साथ संबंध के बारे में उसके पति को पता चल गया था। वह 15 मार्च को दीनदयाल की दुकान पर गया, जहां गोपाली काम करती है। दीनदयाल और धन्नालाल में झगड़े के बाद गोपाली और दीनदयाल ने धन्नालाल पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। हत्या के बाद उन्होंने शव को एक बोरे में भरकर आग लगा दी।

आरोपी और महिला के पति में हुई थी लड़ाई

पुलिस ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि धन्नालाल सैनी की पत्नी गोपाली देवी का दीनदयाल कुशवाह के साथ पांच साल से अफेयर था। उसने अपने पति से झूठ बोला था कि वो एक फैक्ट्री में काम करती है, जबकि कुशवााह एक कपड़े की दुकान पर काम करता था।

पत्नी पर शक करते हुए, सब्जी बेचने वाला सैनी पिछले शनिवार उस कपड़े की दुकान पर पहुंचा, जहां कुशवाहा काम करता था। वहां सैनी की पत्नी और कुशवाहा एक साथ थे। इसके बाद दुकान में लड़ाई हो गई।

इसके बाद आरोपी कुशवाहा ने सैनी को अन्य दुकान पर ले गया। इसके बाद सैनी के  सिर पर लोहे के पाइप से हमला कर दिया और रस्सी से उसका गला घोंट दिया। इसके बाद सैनी संभवत: बेहोश हो गया था या उसकी मौत हो गई थी।

इसके बाद आरोपी ने शव को बोरा में भरकर रिंग रोड के पास ले गया और बोरे में आग लगा दी। शव आधा जला ही था कि एक कार को आते देख आरोपी फरार हो गया। इस घटना के बाद आरोपी और महिला को गिरफ्तार कर लिया गया।

पत्नी ने मां के साथ मिलकर पति को खिलाया जहर...

वहीं, बेंगलुरु में भी इसी तरह की घटना घटी, जहां एक 37 साल के रियल एस्टेट कारोबारी लोकनाथ सिंह की उनकी पत्नी और सास ने मिलकर हत्या कर दी। लोकनाथ के कथित कई अवैध संबंध थे, जिसकी जानकारी उसकी पत्नी को थी।

पिछले कई महीनों से महिला, अपनी मां के साथ मिलकर पति को मौत के घाट उतारने की प्लानिंग कर रहे थे। पुलिस ने जानकारी दी कि महिला ने अपनी मां के साथ मिलकर पहले खाने में नींद की गोलियां मिलाकर पति को बेहोश किया और फिर उसका गला रेतकर हत्या कर दी।

पुलिस ने बताया कि लोकनाथ ने आरोपी महिला के साथ शादी का रजिस्ट्रेशन पिछले साल दिसंबर में ही करवाया था। इससे पहले दो साल तक रिलेशनशिप में थे। हालांकि, शादी के कुछ दिनों बाद पति-पत्नी के बीच कई बार झगड़े हुए। इसके बाद लोकनाथ अपनी ससुराल वालों को धमकी भी देने लगा था।

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Bihar School News: साइकिल-पोशाक की राशि के लिए 75 % अटेंडेंस जरूरी नहीं, नीतीश सरकार का बड़ा फैसला

Dainik Jagran - March 25, 2025 - 4:45pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: बिहार के सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। अब पोशाक और साइकिल योजना के लिए कक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। स्कूली विद्यार्थियों को कक्षा की शुरुआत में ही पोशाक और साइकिल योजना की राशि दी जाएगी। विधान परिषद में सोमवार को शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने यह जानकारी दी।

शिक्षा मंत्री ने विभागीय बजट पर चर्चा के बाद सदन को बताया कि कक्षा छह से आठवीं तक के 29 हजार स्कूलों में कंप्यूटर लगाया जाएगा। सरकारी स्कूलों में एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं को मिड-डे मिल योजना के तहत पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है।

ग्रीष्मकाल की छुट्टी में अलग से क्लास नहीं चलाई जाएगी। दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति जल्द की जाएगी। राज्य में नए केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए 12 स्थानों पर जमीन चिह्नित कर दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा का बजट भी पांच हजार करोड़ से अधिक है। कालेजों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसरों की बहाली भी की जा रही है। सत्र को नियमित करने पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

स्कूलों में 44 प्रतिशत महिला शिक्षक, दोगुनी हुई साक्षरता दर

शिक्षा मंत्री ने बताया कि 2005 में शिक्षा विभाग का बजट 4400 करोड़ था जो अब बढ़कर 60 हजार करोड़ से अधिक हो गया है। राज्य में छह लाख से अधिक शिक्षक हैं, जिनमें 44 प्रतिशत शिक्षक महिलाएं हैं। यह महिला सशक्तीकरण का बड़ा उदाहरण है।

स्कूलों में लगातार शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। मंत्री ने बताया कि वर्ष 2001 में राज्य में आम साक्षरता दर करीब 40 प्रतिशत थी, जो अब बढ़ कर 80 प्रतिशत हो गई है। महिला साक्षरता दर भी 34 प्रतिशत से बढ़कर 74 प्रतिशत हो गई है।

क्या है साइकिल-पोशाक योजना

बिहार सरकार द्वारा संचालित साइकिल-पोशाक योजना के तहत, राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल यूनिफॉर्म और साइकिल खरीदने के लिए पैसे दिए जाते हैं। इस योजना के तहत, बच्चों को उनकी कक्षा के अनुसार निम्नलिखित राशि दी जाती है।

नीतीश सरकार की इस आर्थिक मदद से दूर-दराज के बच्चे भी अब स्कूल जाने लगे हैं। खासकर लड़कियों का मनोबल ऊंचा हुआ है और इसका असर भी देखा जा रहा है। लड़कियां पढ़ाई के लिए पहले से अधिक आगे आ रही हैं।

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