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Bihar Land Mutation: दाखिल-खारिज के पेंडिंग मामलों को लेकर सख्त हुए पटना DM, पांच CO को दे दी चेतावनी

Dainik Jagran - May 5, 2025 - 8:30pm

जागरण संवाददाता, पटना। दाखिल-खारिज के निष्पादन में प्रगति बहुत अच्छी है। प्राप्त आवेदनों की तुलना में निष्पादन की गति तेज होने से बैकलॉग लगभग खत्म हो गया है। नए आवेदनों का भी निष्पादन हुआ है।

राजस्व मामलों की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह ने सोमवार को यह कहा। इस क्रम में बेहतर प्रदर्शन करनेवाले अंचलाधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।

समाहरणालय में हुई समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने दाखिल-खारिज, परिमार्जन, अभियान बसेरा, भूमि नापी, भूमि विवाद निराकरण, आधार सीडिंग, अतिक्रमण उन्मूलन, सीमांकन, विशेष सर्वेक्षण, भू-अर्जन, भूमि उपलब्धता एवं हस्तानांतरण आदि की समीक्षा की।

इस माह के अंत तक शून्य करें सभी मामले

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष एक अप्रैल को दाखिल-खारिज के करीब 80,592 आवेदन लंबित थे जो तीन मई 2025 को महत 14,108 रह गए हैं। इनमें 40,207 आवेदन एक्सपायर्ड थे जो अब घटकर 1,709 पर आ गए हैं।

यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। 75 दिन से अधिक अवधि के बचे हुए आवेदन अब मुख्यतः पांच अंचलों, संपतचक, बिहटा, दीदारगंज, धनरुआ एवं नौबतपुर में लंबित हैंं।

संपतचक में 636, बिहटा में 499, दीदारगंज में 156, धनरुआ में 105 तथा नौबतपुर में 82 मामले लंबित हैंं। जिलाधिकारी ने इन अंचलों के सीओ को इस माह के अंत तक ऐसे सभी मामले निष्पादित करने का अंतिम मौका दिया है।

उन्होंने कहा कि जिले के 26 में से 21 अंचलाधिकारियों के बेहतर कार्य की वे सराहना करते हैं। परिमार्जन प्लस परिमार्जन प्लस यानी डिजिटाइज्ड जमाबंदी में सुधार की स्थिति भी ठीक है।

कुल 71,698 में से 56,633 आवेदनों का निष्पादन किया गया है। अभियान बसेरा में प्रगति ठीक है। सभी भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को इस पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया।

आधार सीडिंग में पालीगंज, मसौढ़ी, बाढ़ तथा पटना सिटी अनुमंडलों में अच्छी स्थिति है। पटना सदर तथा दानापुर के भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को विशेष रूचि लेकर इन कार्यों में तेजी लाने का निदेश दिया गया है।

उन्होंने आनलाइन अनुपलब्ध जमाबंदी के डिजिटाइजेशन तथा मापीवाद मामलों में तीव्र गति से प्रगति लाने का निदेश दिया गया है।

उन्होंने कहा कि अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया कि परिमार्जन प्लस की दोनों श्रेणियों में 120 दिन से अधिक अवधि से लंबित सभी 8,688 मामलों को अविलंब निष्पादित करें।

बीएलडीआरए कोर्ट में 90 दिनों से अधिक के लंबित मामलों व म्यूटेशन अपील के 30 दिनों से अधिक लंबित मामलों को विधिवत शीघ्र निष्पादित करने को कहा।

जिलाधिकारी ने सभी अंचल अधिकारियों को विभिन्न योजनाओं के लिए तत्परतापूर्वक भूमि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

बैठक में अपर समाहर्ता अनिल कुमार समेत सभी डीसीएलआर, अंचलाधिकारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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Sepak Takraw: खेलो इंडिया यूथ गेम्स में सेपक टकरॉ की एंट्री, दर्शकों से मिला था जबरदस्त रिएक्शन

Dainik Jagran - May 5, 2025 - 8:27pm

डिजिटल डेस्क, पटना। सेपक टकरॉ को स्थानीय दर्शकों से मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया ने इसे पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स (केआईवाईजी) में मेडल स्पोर्ट्स के रूप में शामिल करने के फैसले पूरी तरह उचित ठहराया है।

हाल ही में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेपक टकरॉ महासंघ (ISTAF) विश्व कप में भारतीय पुरुष रेगु टीम द्वारा ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने और 2018 जकार्ता एशियाई खेलों तथा 2022 हांगझोउ एशियाई खेलों में पदक जीतने के बाद से इस खेल को एक नए दृष्टिकोण से देखा जाने लगा है।

इस खेल का दूर तक पड़ेगा असर

पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और केआईवाईजी बिहार 2025 के प्रतियोगिता प्रबंधक डॉ. करुणेश कुमार ने इसे भारत में इस खेल के लिए एक मील का पत्थर बताया कि इसका दीर्घकालिक प्रभाव होगा। उन्होंने बिहार राज्य खेल संघ (BSSA) और राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की।

उन्होंने कहा कि सेपक टकरॉ को मेडल स्पोर्ट्स के रूप में शामिल करना एक ऐतिहासिक क्षण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खेलों को बढ़ावा देने की दृष्टि ने खेलो इंडिया गेम्स को एक अलग पहचान दी है। इस ब्रांड के साथ जुड़ाव इस खेल को जमीनी स्तर पर और लोकप्रिय बनाएगा।

खेलो इंडिया गेम्स से और बढ़ेगी लोकप्रियता

उन्होंने आगे कहा कि हम पहले ही राष्ट्रीय खेलों और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं, और अब यह कदम खेल की लोकप्रियता को और बढ़ाएगा।

यह खेल पारंपरिक रूप से पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़ा रहा है, लेकिन कोविड महामारी के बाद बिहार में इसे 14 प्राथमिकता वाले खेलों में शामिल किया गया और तब से यह राज्य इस खेल में एक शक्ति केंद्र के रूप में उभरकर सामने आया है। कई जिलों में खिलाड़ियों की भागीदारी में तेजी आई है।

15 दिन की ट्रेनिंग प्रभावी रही

राज्य सरकार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए डॉ. करुणेश कुमार ने कहा कि बड़े टूर्नामेंटों में भागीदारी से पहले कम से कम 15 दिनों के अनिवार्य प्रशिक्षण शिविर आयोजित करना एक प्रभावशाली कदम रहा है।

बिहार की टीमें 30 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर पूरी कर चुकी हैं और राज्य को उम्मीद है कि वह चारों आयोजनों में पदक जीतकर दिखाएगा।

हालांकि भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के प्रशिक्षण केंद्रों जैसी केंद्र सरकार की पहलें पहले ही इस खेल को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभा रही हैं, लेकिन इसे खेलो इंडिया कार्यक्रम में शामिल करने से यह देश के सबसे दूरदराज के हिस्सों तक भी पहुंचेगा।

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Caste Census: कागज नहीं, हाईटेक टैबलेट और AI की मदद से होगी जातिगत जनगणना; जानिए क्या होगा पूरा प्रोसेस

Dainik Jagran - National - May 5, 2025 - 8:16pm

नीलू रंजन, नई दिल्ली। आजादी के बाद पहली बार हो रही जातिवार गणना के सटीक आंकड़े जुटाने के लिए सरकार ने अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। जनगणना और जातिवार गणना पूरी तरह से डिजिटल होगी और सारे आंकड़े इलेक्ट्रोनिक टैबलेट पर लिये जाएंगे।

आंकड़ों के विभिन्न पैरामीटर पर विश्वलेषण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के इस्तेमाल की भी तैयारी चल रही है। जनगणना कराने वाले नियंत्रक व महालेखा परीक्षक कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार आंकड़े जुटाने के लिए इस्तेमाल होने वाले सभी टैबलेट की जियो फेंसिंग की जा रही है।

कैसे काम करेगा टैबलेट?

जियो फेंसिंग की वजह से उक्त टैबलेट में आंकड़े तभी भरे जा सकेंगे, जब जनगणना कर्मी खुद उस जगह पहुंचेगा, जहां का डाटा उसे जुटाना है। यानी हर गली, मोहल्ला, गांव में इस्तेमाल होने वाला टैबलेट पहले से तय होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आंकड़ों की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए यह फैसला किया गया है।

घरों के साथ-साथ उनमें मौजूद साजो सामान की भी गणना होगी

माना जा रहा है कि 2026 में जनगणना के पहले चरण से ही जातिवार गणना की शुरूआत हो जाएगी। इस चरण में सभी घरों के साथ-साथ उनमें मौजूद साजो सामान की भी गणना की जाती है। जैसे साइकिल, मोटर साइकिल, चार पहिया वाहन, मोबाइल, फ्रिज, एसी आदि-आदि।

इसी चरण में घर के सदस्यों की शैक्षिक और रोजगार के आंकड़े लिये जाएंगे। जनगणना के अंतिम चरण में सभी लोगों की उनकी जाति के साथ के गिनती की जाएगी। पहले चरण और दूसरे चरण के आंकड़ों को मिलाकर साफ होगा कि किस जाति की संख्या कितनी है और उनकी सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति क्या है।

जनगणना में किया जाएगा AI का इस्तेमाल 

किसी भी पैरामीटर पर जनगणना के आंकड़ों के तत्काल विश्लेषण के लिए एआइ का इस्तेमाल किया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जनगणना के जिन आंकड़ों को प्रोसेस करने में पांच-छह साल लग जाते हैं, वे कुछ महीनों में सबके सामने होंगे। यानी विभिन्न नीतियां बनाने में जनगणना और जातिवार गणना के आंकड़ों का इस्तेमाल तत्काल शुरू हो जाएगा।

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बिहार के बिजली यूजर की मिस काल से हो जाएगी प्रॉब्लम सॉल्व, सरकार के नए प्लेटफॉर्म में बहुत कुछ

Dainik Jagran - May 5, 2025 - 8:15pm

राज्य ब्यूराे, पटना। बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों के त्वरित निवारण को केंद्र में रख एकीकृत ओमनी चैनल सीआरएम प्रणाली इस माह के अंत तक आरंभ हो जाएगी। विद्युत भवन में सोमवार को ऊर्जा सचिव पंकज कुमार पाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया।

निर्वाध सुविधा के लिए है एप

बैठक मे एसबीपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार तथा एनबीपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक डा. निलेश रामचंद्र देवरे भी मौजूद थे। ऊर्जा सचिव सह बिजली कंपनी के सीएमडी ने कहा कि ओमनी चैनल को पूरी तैयारी के साथ लागू किया जाए, ताकि उपभोक्ताओं को निर्बाध सेवा मिल सके।

ऐसे किया जाएगा शिकायों का समाधान

प्रथम चरण में इस सिस्टम के तहत एसएमएस, काल सेंटर, मिस्ड काल, इंटरनेट मीडिया, वेबसाइट, फाल्ट मैनेजमेंट, उपभोक्ता फीडबैक और मीटरिंग एजेंसियों से प्राप्त शिकायतों के माड्यूल शामिल रहेंगे।

कई भाषाओं में मिलेगी सुविधा

यह प्रणाली हिंदी, अंग्रेजी और भोजपुरी में लांच होगी। वही दूसरे चरण में मगही, मैथिली और अंगिका को भी इससे जोड़ा जाएगा। इसमें स्पीच टू टेक्स्ट, टेक्स्ट टू स्पीच और इंटरैक्टिव वायस रिस्पांस की सुविधा उपलब्ध होगी।

आटोमेटेड काल के जरिए फीडबैक

उपभोक्ताओं को आटोमेटेड काल के जरिए फीडबैक देने का विकल्प भी मिलेगा। असंतोष की स्थिति में शिकायत स्वत: पुन: खुलकर वरीय अधिकारियों के पास चला जाएगा। वेबसाइट तथा व्हाट्सएप पर क्यूआर कोड को स्कैन कर भी उपभोक्ता अपनी शिकायत को् दर्ज करा सकेंगे।

विकसित किया जाएगा चैटबाट

बिजली कंपनी के सीएमडी ने यह निर्देश दिया कि पारंपरिक चैटबाट के स्थान पर जेनरेटिव आर्टिफिशि्यल इंटेलिजेंस आधारित आधुनिक चैटबाट काे विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं को किसी तरह की परेशानी न हो इस पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। 

राशि को लेकर सबसे अधिक शिकायत

बिजली उपभोक्ताओं को अभी सबसे अधिक उनकी राशि को लेकर समस्या आती है। अधिकतर यूजर की शिकायत रहती है कि अचानक उनके मीटर में बिल निगेटिव में दिखाने लगता है। इसके लिए वह कई बार शिकायत भी करते हैं। 

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