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पावर ग्रिड कारपोरेशन के वरिष्ठ जीएम और केईसी कंपनी का अधिकारी गिरफ्तार, रिश्वत लेन-देन में CBI का एक्शन

Dainik Jagran - National - March 21, 2025 - 7:01pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सीबीआई ने पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ जीएम उदय कुमार को कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए मुंबई स्थित केईसी इंटरनेशनल के एक कार्यकारी से 2.4 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया।

सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि राजस्थान के अजमेर में तैनात उदय कुमार को बुधवार देर रात सीकर में केईसी इंटरनेशनल के सुमन सिंह के साथ गिरफ्तार किया गया। यहां वे रिश्वत की रकम के कथित आदान-प्रदान के लिए मिलने पर सहमत हुए थे।

गुरुवार तड़के गिरफ्तार किया गया

निजी कंपनी को दिए पीएसयू (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम) के ठेकों से संबंधित बिलों को प्रोसेस और पास करने में अनुचित लाभ देने के लिए कथित तौर पर रिश्वत दी गई। सीबीआई ने परिसर पर छापा मारकर दोनों को रंगे हाथ पकड़ा। औपचारिकताएं पूरी होने के बाद गुरुवार तड़के उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

एफआईआर में केईसी इंटरनेशनल और कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों सहित पांच व्यक्तियों को आरोपित बनाया गया है। उदय कुमार और सुमन सिंह के अलावा सीबीआई ने केईसी इंटरनेशनल के उपाध्यक्ष और उत्तर भारत में ट्रांसमिशन और वितरण के प्रमुख जबराज सिंह को भी आरोपित के रूप में नामित किया है।

कंपनी ने कोई टिप्पणी नहीं की

एफआईआर में जयपुर में केईसी इंटरनेशनल के वित्त और लेखा के वरिष्ठ प्रबंधक अतुल अग्रवाल और कंपनी के कर्मचारी आशुतोष कुमार को भी आरोपित बनाया गया है। कंपनी की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

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नीतीश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, नगर निकायों के प्रशासनिक अधिकार में हस्तक्षेप पर रोक बरकरार

Dainik Jagran - March 21, 2025 - 6:57pm

विधि संवाददाता, पटना। सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय निकायों के दैनिक कार्यों में राज्य सरकार (Bihar Government) के हस्तक्षेप नहीं करने के संबंध में पटना हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध राज्य सरकार की अपील पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।

यह मामला डॉ. आशीष कुमार सिन्हा बनाम बिहार सरकार से जुड़ा है, जिसमें पटना हाई कोर्ट की खंडपीठ ने स्पष्ट रूप से कहा था कि कैडर की स्वायत्तता किसी भी संगठन की स्वायत्तता के लिए अनिवार्य है और राज्य सरकार को नगर निकायों के प्रशासनिक कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

तुषार मेहता ने की बिहार सरकार की पैरवी

सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार की ओर से भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पैरवी की। डॉ. आशीष की ओर से वरीय अधिवक्ता दामा शेषाद्रि नायडू, अधिवक्ता नितीश रंजन (एओआर) और अधिवक्ता मयूरी ने पक्ष रखा।

राज्य सरकार ने दलील दी कि नगर निकायों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भारी संख्या में रिक्तियां हैं, जिससे उनके कामकाज पर असर पड़ रहा है। सरकार ने हाई कोर्ट के निर्णय पर स्थगनादेश देने की मांग की थी।

'राज्य सरकार केवल नियुक्तियों तक सीमित नहीं रहना चाहती...'

डॉ. आशीष की ओर से दाखिल हलफनामे में यह बताया गया कि राज्य सरकार केवल नियुक्तियों तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि वह नगर निकायों के कर्मचारियों के तबादले, पदस्थापन और अनुशासनात्मक कार्रवाई का अधिकार भी अपने हाथ में लेना चाहती है। यह संविधान और संबंधित अधिनियम की भावना के विरुद्ध है।

पटना HC के अंतिरम निर्णय पर रोक लगाने से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च, 2025 को दिए गए आदेश में राज्य सरकार की याचिका को निरस्त कर दिया और हाई कोर्ट के निर्णय पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया ।

न्यायालय को यह भी बताया गया कि पटना नगर निगम के उप महापौर के लिपिक का स्थानांतरण कमिश्नर द्वारा कर दिया गया, जो इस बात का संकेत है कि अगर निर्वाचित प्रतिनिधियों के अधीनस्थ कर्मचारी उनके प्रशासनिक नियंत्रण में नहीं होंगे, तो वे निगम के कार्यों को प्रभावी ढंग से कैसे संचालित कर पाएंगे?

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India's Shapoorji Pallonji draws strong interest for debt sale: Reports

Business News - March 21, 2025 - 6:49pm
India's Shapoorji Pallonji Group has secured investor commitments of more than $4 billion for its debt sale in April, surpassing its funding target, two sources familiar with the matter said on Friday. The group, which caters to sectors including construction and real estate, plans to raise $3.2 billion to $3.3 billion through the bond issue, with private credit funds expected to account for a bulk of the subscriptions, the sources said. Foreign private credit funds Ares Management and Farallon Capital Management are likely to be the largest investors for the issue, while Cerberus Capital Management, Davidson Kempner Capital Management, One Investment Management and Varde Partners are among other big investors, they said. Altogether, the investors may bid for 50%-75% of the issue, the sources added, requesting anonymity as they are not authorised to speak to the media. The bond will likely have a maturity of about four years, with a pre-payment clause of redemption within three years, effectively reducing the maturity. "The coupon on the bond issue is close to being finalised between 18% and 20%," one of the sources said. "This yield is very lucrative and is drawing heavy interest from private credit funds." The bond is expected to be secured by shares of Tata Sons that are held by the group through Sterling Investment Corp, they added. Deutsche Bank is the sole arranger for the deal. The proceeds will primarily be used to refinance existing debt, the sources said. Shapoorji Pallonji Group, Cerberus Capital Management, One Investment Management, Varde Partners and Farallon Capital Management did not respond to an email seeking comment. Deutsche Bank, Davidson Kempner Capital Management and Ares Management declined to comment.
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Bihar: मुंगेर-बांका समेत 5 जिलों की हो गई चांदी! 462 एकड़ जमीन को लेकर सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन

Dainik Jagran - March 21, 2025 - 6:45pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने उद्योग विभाग को 462 एकड़ जमीन का हस्तांतरण कर दिया है। यह मुंगेर, नवादा, अरवल, रोहतास एवं बांका जिले में है। सबसे अधिक 200 एकड़ जमीन बांका जिले में दी गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी 'प्रगति यात्रा' के दौरान इन जिलों में उद्योगों के विकास की घोषणा की थी।

25 फरवरी को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक (Nitish Cabinet Meeting) में उद्योग विभाग को जमीन हस्तांरित करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी। इस जमीन के लिए उद्योग विभाग को कोई भुगतान नहीं करना पड़ेगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से हस्तांतरण की अधिसूचना जारी कर दी गई है।

विभाग की अधिसूचना के अनुसार-
  • मुंगेर जिला के संग्रामपुर अंचल के मौजा ददरी में परती किस्म की 20 एकड़ एवं मौजा-पतघाघर में गैरमजरूआ खास किस्म-की 30 एकड़ जमीन का हस्तांतरण उद्योग विभाग को किया गया है। इसमें औद्योगिक पार्क का विकास होगा।
  • बांका जिले में उद्योग के प्रयोजन के लिए सबसे अधिक 200 एकड़ जमीन का हस्तांतरण किया गया है। कटोरिया अंचल के मौजा करझौंसा में 124.40 एकड़ एवं मौजा-सिरमोहडार, में 75.60 एकड़ जमीन दी गई है।
  • अरवल जिला के अरवल अंचल के मौजा सोनवर्षा एवं मौजा कोरियम में क्रमशः 46.99 एकड़ एवं 18.96 एकड़ जमीन का हस्तांतरण किया गया है।
  • रोहतास जिला के अंचल डिहरी के मौजा-भलुआड़ी 65 एकड़ जमीन का हस्तांतरण उद्योग विभाग को किया गया है।
  • नवादा जिला के रजौली अंचल के के मौजा-भड़ा, में-71.67 एकड़ अनावाद बिहार सरकार एवं 9.68 एकड़ कुल 81.35 जमीन का हस्तांतरण किया गया है।
नालंदा में आइर-पईन-तालाब के जीर्णोद्धार की 16 योजनाओं पर खर्च होंगे 387.47 करोड़

दूसरी ओर, आहर-पईन और तालाब आदि के जीर्णोद्धार की 16 योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। नालंदा जिले में सिंचाई सुविधा के विकास के उद्देश्य से इन योजनाओं का क्रियान्वयन होना है। इन पर कुल 387 करोड़ 46 लाख 61 हजार रुपये खर्च होंगे और इनसे नालंदा के आठ प्रखंडों में 4785 हेक्टेयर परिक्षेत्र में सिंचाई सुविधा का सृजन होगा।

जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत ये वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए स्वीकृत योजनाएं हैं, जिनका क्रियान्वयन लघु जल संसाधन विभाग द्वारा होना है। जून 2025 तक काम पूरा कर लेने का लक्ष्य है। नालंदा जिला के नगरनौसा, बिहारशरीफ, कराय-परशुराय, बिंद, एकंगरसराय, हरनौत, नूरसराय और इस्लामपुर प्रखंड को इसका लाभ मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि लघु जल संसाधन विभाग सतही सिंचाई योजना एवं भूजल सिंचाई योजना पर काम करता है। 2000 हेक्टेयर तक के कमांड क्षेत्र वाली योजनाएं ही इसके अधिकार क्षेत्र में आती हैं। अभी जल-जीवन-हरियाली और हर खेत तक सिंचाई का पानी कार्यक्रम के अंतर्गत सतही सिंचाई योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।

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बिहार सरकार ने फिर उठाई विशेष राज्य के दर्जे की मांग, CM बोले- टैक्स में भी मिले 50% हिस्सा

Dainik Jagran - March 21, 2025 - 6:15pm

राज्य ब्यूरो, पटना। विशेष राज्य के दर्जा के साथ बिहार ने 16वें वित्त आयोग से केंद्रीय करों में 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी मांगी है। इसके साथ ही करों के बंटवारे में बहुआयामी गरीबी सूचकांक को भी एक मानक बनाने का आग्रह किया है।

गुरुवार को आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने बताया कि विशेष दर्जा वित्त आयोग के अधिकार क्षेत्र का विषय नहीं। वैसे भी योजना आयोग के दौरान ही ऐसी व्यवस्था का समापन हो चुका है।

उल्लेखनीय है कि 15वें वित्त आयोग ने कर हस्तांतरण की सीमा 41 प्रतिशत निर्धारित कर रखी है, जिसकी समय-सीमा वित्तीय वर्ष 2025-26 के साथ समाप्त हो जानी है। उसके बाद अगले पांच वित्तीय वर्ष के लिए 16वें वित्त आयोग की अनुशंसाएं प्रभावी होंगी।

बुधवार रात पटना पहुंची टीम

पनगढ़िया के नेतृत्व में 12 सदस्यीय टीम कर बंटवारे के संदर्भ में बिहार की अपेक्षाओं और सुझावों से अवगत होने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर बुधवार रात पटना पहुंची थी।

शुक्रवार को यह टीम मधुबनी में मिथिला हाट का अवलोकन करने के बाद वापस होगी। गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और वित्त विभाग का दायित्व संभाल रहे उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के साथ इस टीम ने विचार-विमर्श किया।

उसी दौरान पनगढ़िया को मांग-पत्र सौंपा गया। उसके बाद प्रेस-वार्ता में पनगढ़िया ने बताया कि बिहार सरकार के साथ भौगोलिक और आर्थिक परिस्थिति से चर्चा शुरू हुई, जिसमें राजस्व के पहलू पर फोकस रहा।

केंद्रीय करों में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी की मांग

बिहार की तरह 15 अन्य राज्यों ने भी केंद्रीय करों में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी की मांग की है। इसके साथ ही बिहार चाहता है कि सेस और सरचार्ज में भी बंटवारा हो।

हालांकि, इसके लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता होगी। दरअसल, आपात स्थिति और युद्ध-काल में व्यय के दृष्टिगत संविधान में यह प्रविधान है कि सेस और सरचार्ज पर पूर्णतया केंद्र का अधिकार होगा।

बिहार ने संसाधन हस्तांतरण के मानकों में थोड़ा-बहुत परिवर्तन का भी सुझाव दिया है। पंचायती राज संस्थानों और शहरी निकायों के साथ तत्काल वित्तीय सहायता की मांग की है।

हमें यकीन कि वित्त आयोग करेगा राज्य सरकार की बातों पर विचार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में 16वें वित्त आयोग के साथ हुई बैठक में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमें यह यकीन है कि वित्त आयोग राज्य सरकार के ज्ञापन में उठाए गए विषयों पर गंभीरता से विचार करेगा।

मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा किए कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने 16 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया सहित अन्य सदस्यों का अंगवस्त्र देकर स्वागत किया।

लगातार बढ़ रहा राज्य के बजट का आकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बजट का आकार लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2005 में राज्य का बजट मात्र 30 हजार करोड़ रुपये था। इसके बाद राज्य सरकार ने काफी काम किया, जिससे बजट के आकार में बढ़ोतरी हुई। इस वर्ष राज्य का बजट तीन लाख, 17 हजार करोड़ रुपये का हो गया है।

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Heads to roll soon at IndusInd Bank?

Business News - March 21, 2025 - 6:05pm
The Reserve Bank of India has urged the CEO of IndusInd Bank and his deputy to step down after significant accounting lapses as soon as replacements are found and the central bank has approved them, according to four sources familiar with the conversations.Read More: 'Factually incorrect': IndusInd Bank refutes media report on CEO, deputy stepping down after accounting lapses IndusInd is India's fifth largest private lender, with a 5.4 trillion rupee ($63 billion) balance sheet. On March 10 it disclosed that its derivatives portfolio was overvalued by around 2.35% - about $175 million - after non-compliant internal trades. The bank, headed by Sumant Kathpalia, has appointed external investigators. His deputy, Arun Khurana, also heads the global markets division, which includes the derivatives portfolio. The RBI made clear that it had lost confidence in the top executives, but that it wanted an orderly transition to avoid unnerving depositors, said one of the sources, briefed by top management. A second source said the RBI, which only recently approved a one-year extension for Kathpalia, had also made clear that it wanted the candidates to come from outside IndusInd. While a bank's board makes recommendations for top executive positions, RBI approval is required. The central bank is known to offer informal advice to lenders facing governance or financial concerns that it would prefer an external candidate. After the discrepancies were disclosed, the RBI issued a statement assuring depositors that the bank was well capitalised. Emails sent to the RBI, IndusInd Bank, Kathpalia and Khurana were not answered. The sources said the accounting discrepancy - which contravened RBI rules introduced only in April 2024 - did not appear to be an industry-wide problem. The first source said it was a clear issue of lack of oversight, and another source said it had come to light in September 2024 when it was flagged to Kathpalia. Moody's Ratings on March 17 put the bank's rating on review for possible downgrade. "The discrepancy in the accounting shows weakness in the bank's risk management, compliance and reporting and persistent weaknesses in these areas could weaken IndusInd's reputation, and hence its funding and liquidity," it said. IndusInd Bank shares have tumbled over 30% this month.
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