Feed aggregator

Patna News: डाक से भेजता था फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, उलझा देते थे एक अपराधी के तीन नाम

Dainik Jagran - May 12, 2025 - 7:27pm

जागरण संवाददाता, पटना। कोतवाली थाना पुलिस के हत्थे चढ़ा सुभाष चंद्रा सिर्फ पटना में नहीं, बल्कि अन्य जिलों में बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देकर उनसे लाखों रुपये की ठगी कर चुका है। हाइकोर्ट सहित अन्य सरकारी विभाग में नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करता था। इस खेल में वह अकेला नहीं हैं, बल्कि गिरोह बनाकर काम कर रहा था। सुभाष ही गिरोह सरगना है। उसने अपने तीन नाम रखे थे। 

हरेक सदस्य की भूमिका भी अलग

गिरोह में हरेक सदस्य की भूमिका भी अलग होती थी। युवकों से संपर्क करना, उन्हें नौकरी का झांसा देना और फिर भरोसे में लेकर उनसे पैसा कब और किसके खाता में जमा कराना हैं, योजना के तहत गिरोह काम करता था। सुभाष खुद को रीडर बताता था और उसके अन्य साथी प्रशिक्षक व लिपिक बन जाते थे।

दो दर्जन के साथ की ठगी

सुभाष और उसके साथियों ने सिवान जिले में दो दर्जन युवकों को इसी साल डाक से फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भेजता था और बहाली के नाम पर तीन-तीन लाख रुपये की ठगी करता था। इसी साल जनवरी में सिवान जिले में सुभाष चंद्रा और उसके दो अन्य साथियों के खिलाफ केस हुआ है, जिसमें दो दर्जन युवकों से ठगी की बात सामने आई।

सिवान में भी दर्ज है केस

इस गिरोह ने इन युवकों काे भी डाक से फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भेज दिया था और पैसा अलग अलग खातों में जमा कर लिया था। बाद में युवकों को पता चला कि लेटर फर्जी था। कोतवाली इंस्पेक्टर राजन कुमार ने बताया कि उसके अन्य साथियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। जांच में पता चला कि सुभाष चंद्रा के खिलाफ खिलाफ सिवान जिले में भी केस दर्ज हुआ है। वहां भी कई लोगों से नौकरी के नाम पर ठगी का मामला दर्ज है। सुभाष को रिमांड पर लेकर पूछताछ किया गया जाएगा। वह और किस जिले में किन लोगों से ठगी किया है, इसके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।

अलग अलग नाम से है सरगना की पहचान

सुभाष चंद्रा के खिलाफ दो वर्ष पूर्व कोतवाली थाने में केस हुआ था। सुभाष चंद्रा हर जगह अपना नाम बदल देता था। इस वजह से उसे सुभाष चंद्र बोस उर्फ संतोष कुमार उर्फ गार्ड साहब के नाम से लोग जानते हैं। कोतवाली थाने की पुलिस ने उसे गोपालपुर के चक बैरिया से गिरफ्तार कर किया और जेल भेजा।उसके पास से फर्जी आईडी कार्ड, फर्जी दो टंकित लेटर पैड, फर्जी प्रवेश पत्र, फर्जी नियुक्ति पत्र, फर्जी शपथ पत्र, फर्जी स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, कई अभ्यर्थियों का शैक्षणिक प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज बरामद किया गया है।

साइबर थाने की पुलिस भी कर चुकी है भंडाफोड़

बीते 25 अप्रैल को साइबर थाने की पुलिस ने तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है, जो हाइकोर्ट से लेकर सचिवालय का फर्जी वेबसाइट बनाकर हाइकोर्ट में क्लर्क, चपरासी का नौकरी दिलाने का दावा करते थे। जाल में फंसने वाले बेरोजगारों से पैसा वसूलने के लिए यह गिरोह भी फर्जी वेबसाइट से साक्षात्कार, दस्तावेजों की जांच एवं योगदान कराने का फर्जी मेल भेजते थे। पोस्ट आफिस से ज्वाइिनंग लेटर भी भेजा गया था। प्रशिक्षण के नाम पर तीन महीने तक हाइकोर्ट परिसर में किसी निजी कंपनी में स्क्रैनिंग के काम में लगा दिया जाता था। तय राशि वसूलने के लिए ठग तीन महीने तक फर्जी वेबसाइट से ही प्रशिक्षण के दौरान वेतन देते थे।

Categories: Bihar News

Bihar IPS Officers: बिहार के 5 तेजतर्रार आईपीएस अफसरों को केंद्र में आईजी रैंक, सामने आई नामों की लिस्ट

Dainik Jagran - May 12, 2025 - 7:18pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार कैडर के पांच आईपीएस अधिकारियों को केंद्र में महानिरीक्षक (आईजी) रैंक दी गई है। केंद्र सरकार की अपॉइंटमेंट कमेटी ऑफ कैबिनेट (एसीसी) ने पिछले दिनों देश भर के 85 आईपीएस अफसरों को आईजी रैंक में शामिल किए जाने की मंजूरी दी है, जिनमें बिहार कैडर के भी पांच पुलिस अफसर शामिल हैं।

इनमें 2004 बैच के विनय कुमार, 2005 बैच के जितेंद्र राणा और मनु महाराज, 2006 बैच के सिद्धार्थ मोहन जैन और 2007 बैच के दलजीत सिंह का नाम शामिल हैं। वर्तमान में यह सभी पुलिस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। बिहार सरकार ने इन सभी अफसरों को पहले से ही आईजी रैंक दे रखा है।

आईपीएस परिवीक्षाधीन अधिकारियों को पटना हाईकोर्ट परिसर में मिला विधिक प्रशिक्षण

विधि संवाददाता, जागरण, पटना: पटना हाई कोर्ट परिसर स्थित बिहार महाधिवक्ता कार्यालय में 12 मई को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 76वें आधारभूत पाठ्यक्रम के तहत प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए एक दिवसीय विधिक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया।

इस सत्र में अभियोजन प्रणाली, न्यायिक प्रक्रिया और पुलिस अन्वेषण में विधिक समन्वय की बारीकियों पर विस्तार से चर्चा की गई।

महाधिवक्ता पी.के शाही ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि विवेचना की गुणवत्ता तभी सुनिश्चित हो सकती है जब पुलिस अधिकारियों को विधिक ज्ञान हो। कई बार तकनीकी त्रुटियों के कारण अपराधी सजा से बच जाते हैं, जिसे रोकने के लिए विधिक प्रशिक्षण आवश्यक है।

कार्यक्रम में सरकारी अधिवक्ता श्री विकास कुमार, श्री अंकुर सिन्हा सहित कई वरीय अधिवक्ता मौजूद रहे। प्रशिक्षु अधिकारियों ने कार्यक्रम को अत्यंत उपयोगी बताया और विधिक जानकारी को अपने कर्तव्यों में सहायक बताया।

ये भी पढ़ें- Bihar Police Result OUT: सिपाही भर्ती में बेटियों ने पछाड़ा, 52 प्रतिशत से अधिक सीटों पर हुईं सफल

ये भी पढ़ें- Bihar Police Transfer: बिहार पुलिस में 20 हजार सिपाहियों का तबादला, दूसरे जिलों में भेजे गए कॉन्स्टेबल

Categories: Bihar News

Pages

Subscribe to Bihar Chamber of Commerce & Industries aggregator

  Udhyog Mitra, Bihar   Trade Mark Registration   Bihar : Facts & Views   Trade Fair  


  Invest Bihar