Feed aggregator
'चार हफ्ते का समय देता हूं, कहीं से भी...', बाल तस्करी मामले पर SC ने दिल्ली पुलिस को दिया सख्त अल्टीमेटम
एएनआई, नई दिल्ली। देश में बाल तस्करी के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा कि देश में बच्चों की तस्करी स्थिति बदतर होती जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को अपहृत नवजात शिशुओं को खोजने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि दिल्ली के अंदर और बाहर नवजात शिशुओं का अपहरण करने और उन्हें बेचने में शामिल गिरोहों के मुद्दे की जांच के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
कोर्ट ने पुलिस को दिए सख्त आदेशसुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को चार सप्ताह का समय देते हुए कहा कि वह बाल तस्करी में शामिल गिरोह के सरगना और अपहृत शिशुओं का पता लगाए और प्रगति के बारे में अदालत को सूचित करे।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, "वे (बाल तस्करी गिरोह) समाज के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं। (बच्चों की) खरीद-फरोख्त बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। आपको नहीं पता कि वे कहां पहुंच जाते हैं। अगर कोई लड़की है तो आपको पता है कि वह कहां पहुंच जाएगी। यह बहुत गंभीर स्थिति है।"
यह भी पढ़ें: 'नवजात की चोरी पर रद हो अस्पताल का लाइसेंस', बच्चों की तस्करी पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
दिव्यांग लोगों पर टिप्पणी कर बुरे फंसे Samay Raina, SC ने रणवीर इलाहबादिया मामले में पक्षकार बनाने का दिया आदेश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय स्टैंडअप कॉमेडियन और यूट्यूबर समय रैनी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। दिव्यांग लोगों के संबंध में समय रैना की टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांगता और बीमारी पर चुटकुले बनाने पर समय रैना को पक्षकार बनाने को कहा है।
समय रैना ने अंधे व्यक्ति का उड़ाया था मजाकसुप्रीम कोर्ट ने समय रैना को रणवीर इलाहाबादिया मामले में पक्षकार बनाने आदेश दिए हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना की क्लिप को रिकॉर्ड पर लिया है, जिसमें एक अंधे व्यक्ति के साथ ही दो महीने के शिशु का मजाक उड़ाया गया था, जिसे जीवित रहने के लिए 16 करोड़ इंजेक्शन की जरूरत थी।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम आरोपों से वास्तव में परेशान हैं। हम इन घटनाओं को रिकॉर्ड पर रखना चाहेंगे। यदि आपके पास ट्रांसक्रिप्ट के साथ वीडियो-क्लिपिंग है तो उन्हें लाएं। संबंधित व्यक्तियों को पक्षकार बनाएं और उपाय सुझाएं।
यह भी पढ़ें: 'वो जल्द वापस आएगा...' Samay Raina के कमबैक पर बोले रणवीर इलाहबादिया, कहा - 'मेरी गलती की वजह से'
Why is Pete Hegseth's wife under fire?
Share Market Highlights: Sensex, Nifty rally for 5th day on IT, bank gains; HDFC Bank, Infosys fuel surge - BusinessLine
- Share Market Highlights: Sensex, Nifty rally for 5th day on IT, bank gains; HDFC Bank, Infosys fuel surge BusinessLine
- Stock Market Rally: Investors' Wealth Soars by Rs 32 Lakh Crore Rediff MoneyWiz
- Sensex, Nifty rally over 1%; Nifty Bank hits record high The Indian Express
- Sensex zooms over 1,000 points intraday | Nifty Bank hit record high on Monday | Inshorts Inshorts
- Nifty up 1% for the fourth time in 5 days in rare trend The Hindu
First stop Akshardham Temple for Vances
Walking Just 11 Minutes Each Day Could Add Years To Your Life, Says Study. Here's Why It Works. - Women's Health
- Walking Just 11 Minutes Each Day Could Add Years To Your Life, Says Study. Here's Why It Works. Women's Health
- Walking is wonderful, but won't keep you fully fit India Today
- Sitting too long? Here’s how brisk walking daily for just these many minutes can protect the brain Times of India
- What Happens If You Walk 10,000 Steps Daily? Free Press Journal
- Doctor says one change 'anyone can do' beats diabetes, heart disease and cancer Surrey Live
खत्म हो जाएंगी नौकरियां तो फिर पढ़े-लिखे युवा क्या करेंगे? मार्केट एक्सपर्ट ने बताया- कैसा होगा भविष्य
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में पारंपरिक नौकरियां बीतने जमाने की बात होती जा रही हैं। मिडिल क्लास को जॉब सिक्योरिटी और सैलरी इनकम के भरोसे अच्छी जिंदगी गुजारने के भ्रम से बाहर निकलना चाहिए और उद्यमिता को आय का जरिया बनाना चाहिए। यह कहना है मार्सेलस इंवेस्टमेंट मैनेजर्स के फाउंडर और चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर सौरभ मुखर्जी का। उन्होंने कहना है कि इंडस्ट्री में मेहनती मध्यम वर्ग के लोग की जगह स्वचालन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) लेगी।
सौरभ मुखर्जी ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में कहा कि भारत इस दशक एक नए आर्थिक दौर में प्रवेश कर रहा है। ऐसे में आशंका है कि मोटी तनख्वाह वाली पारंपरिक नौकरियों के मौक सीमित होंगे और पढ़े-लिखे लोगों के लिए नौकरियां भरोसेमंद आधार नहीं रह जाएंगी। इस दशक चौतरफा छंटनी होगी।
क्या खत्म हो जाएंगी नौकरियां?सौरभ मुखर्जी ने कहा, ''मुझे लगता है कि इस दशक सैलरीमैन और सैलरीवुमन के लिए चिंता की खबर है, क्योंकि वेतनभोगी नौकरियां खत्म होंगी। पढ़ें-लिखे, मेहतनी और दृढ़ निश्चयी लोगों के लिए पारंपरिक नौकरियों के अवसर धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे।''
उन्होंने कहा कि अब वो पुराना मॉडल, जिसमें हमारे माता-पिता 30-30 सालों तक काम करते थे और रिटायर होते थे, यह सिस्टम अब अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है। जिन नौकरियों ने भारत में मध्यम वर्ग तबका खड़ा किया, जिस रोजगार ढांचे के भरोसे मध्यम वर्ग लोन ले रहा है, वह अब टिकाऊ नहीं रह गया है।
इसकी दो वजह हैं-- पहली सभी कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित ऑटोमेशन (AI based automation) पर काम कर रही हैं।
- दूसरी सभी उद्योगों में मिडिल मैनेजमेंट का दायरा दिन-ब-दिन सिकुड़ता जा रहा है।
मार्सेलस इंवेस्टमेंट मैनेजर्स के फाउंडर और चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर सौरभ मुखर्जी का कहना है कि जो काम पहले सफेदपोश कर्मचारी करते आ रहे थे, वह काम अब एआई द्वारा कराया जा रहा है।
उनके मुताबिक, गूगल का कहना है कि उसके यहां कोडिंग का एक तिहाई काम एआई कर रहा है। भारतीय आईटी सेक्टर, बैंकिंग, मीडिया और फाइनेंस सेक्टर में भी यही होने जा रहा है।
...तो फ्यूचर में क्या?सौरभ मुखर्जी कहते हैं, जनधन, आधार और मोबाइल (JAM trinity) की तिकड़ी ने निराशा के बीच भी उम्मीद की नई किरण दी है। यह तिकड़ी आगामी उद्यमियों के लिए मंच बन सकती है। इन तीनों संसाधन पर अच्छा खासा खर्च किया गया है ताकि गरीब और वंचित तबके के लोगों के लिए पहचान, बैंकिंग और सूचना उत्पादों तक आसान पहुंच प्रदान की जा सके।
उन्होंने कहा कि अगर हम जैसे कॉरपोरेट सेक्टर में नौकरियां करते हैं, वैसे ही उद्यमिता में दिमाग लगाकर और मेहतन करके समृद्धि का नया इंजन बन सकते हैं।
यह भी पढ़ें- कच्चाथीवू द्वीप चर्चा में क्यों, भारत का था तो फिर श्रीलंका को कैसे मिला? यहां पढ़ें इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब
विशेषज्ञों ने दी यह सलाहसौरभ मुखर्जी ने कहा कि भारत में लोग नौकरी में टिके रहने और वेतन व प्रमोशन की दौड़ के पीछे पागल रहते हैं। हर परिवार की ख्वाहिश होती है कि उसके परिवार के ज्यादा से ज्यादा सदस्यों के पास नौकरी हो ताकि हर महीने वेतन के पैसे आते रहें।
यानी कि हम लोग पैसे के पीछे भागने वाले लोग हैं। हम सफलता को पैसे के पैमाने पर तौलते हैं। यह सोच सदियों पुरानी है जो अभी भी नहीं बदली है। अब समय आ गया है हम सबको अपनी सोच बदलनी चाहिए।
यह भी पढ़ें- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का शहरों में क्यों नहीं दिख रहा है असर; पैसा या प्लानिंग क्या है वजह?
उन्होंने सलाह दी कि हम लोगों को खुशी और समाज पर अच्छा प्रभाव डालने के लिए काम करना चाहिए, न कि सिर्फ हर महीने आने वाली सैलरी के लिए। आपके और हमारे परिवारों को भी बच्चों को नौकरी लायक बनाने की तैयारी बंद कर देनी चाहिए, क्योंकि अब नौकरियां होंगी ही नहीं। इसलिए उनको बिजनेस के लिए तैयार कीजिए।
यह भी पढ़ें- Oscar Awards 2025: ऑस्कर पाने वाले को नहीं मिलते पैसे, बेचोगे तो बस 1 डॉलर मिलेगा; वाकई अनोखा है अवार्ड
EPFO adds 16.10 lakh net members in Feb
Pope Francis and his quiet revolt
Microplastics Found In Human Ovaries For The First Time- News18 - News18
- Microplastics Found In Human Ovaries For The First Time- News18 News18
- Fertility Under Threat: Microplastics Now Found Inside Human Ovaries, Here's What Women Need To Know OnlyMyHealth
- Microplastics found in human ovary follicular fluid for the first time The Guardian
- Microplastics found in human ovaries for the first time: What it means for women's health Times of India
- Microplastics found in human ovary fluid for 1st time | Lead author described findings as 'alarming' | Inshorts Inshorts
Vatican declares 167 victims of IS-inspired bombings in Sri Lanka witnesses of faith - The Hindu
- Vatican declares 167 victims of IS-inspired bombings in Sri Lanka witnesses of faith The Hindu
- Sri Lanka Easter bombings victims named 'heroes of faith' by Vatican BBC
- Sri Lanka Cardinal presses for dismantling of ‘deep state’ over Easter Sunday probe Deccan Herald
- History Today: Sri Lanka’s Darkest Day In A Decade, Killing More 250 People, What Happened? Newsx
- Sri Lanka Easter attacks anniversary: How a pregnant Fatima Ibrahim, wife of the ISIS terrorist, blew herself up, killing her 3 children with her, when the police came to search OpIndia
Pages
