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OTT, सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट प्रतिबंध की मांग, इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

Dainik Jagran - National - April 28, 2025 - 5:30am

 पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को एक याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें केंद्र सरकार को ओवर द टॉप (ओटीटी) और इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर अश्लील सामग्री की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई है।

याचिका पर जस्टिस बीआर गवई की पीठ करेगी सुनवाई

याचिका में इन प्लेटफॉर्म पर ऐसी सामग्री को प्रतिबंधित करने के लिए राष्ट्रीय सामग्री नियंत्रण प्राधिकरण के गठन के लिए दिशानिर्देश निर्धारित करने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट की 28 अप्रैल की वाद सूची (कॉज-लिस्ट) के अनुसार, याचिका पर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस आगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ के समक्ष सुनवाई होनी है।

याचिका में दावा किया गया है कि इंटरनेट मीडिया साइटों पर ऐसे पेज या प्रोफाइल हैं जो बिना किसी फिल्टर के अश्लील सामग्री प्रसारित कर रहे हैं और विभिन्न ओटीटी प्लेटफार्म ऐसी सामग्री स्ट्रीम कर रहे हैं जिसमें बाल अडल्ट के संभावित तत्व भी हैं।

अश्लील कंटेंट बच्चों-वयस्कों के दिमाग को प्रदूषित करता है

याचिका में कहा गया है, ''इस तरह की सामग्री युवाओं, बच्चों और यहां तक कि वयस्कों के दिमाग को प्रदूषित करती है, जिससे विकृत और अप्राकृतिक यौन प्रवृत्तियों को बढ़ावा मिलता है। इससे अपराध दर में वृद्धि होती है।''

याचिका में कहा गया है कि अगर इसे अनियंत्रित छोड़ दिया गया, तो अश्लील सामग्री के अनियंत्रित प्रसार से सामाजिक मूल्यों, मानसिक स्वास्थ्य और सार्वजनिक सुरक्षा पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

याचिकाकर्ताओं ने कई बार की शिकायत

याचिका में दावा किया गया है कि याचिकाकर्ताओं ने सक्षम अधिकारियों को शिकायतें भेजकर कई कदम उठाए हैं। हालांकि, इससे कोई प्रभावी परिणाम नहीं निकला है।

याचिका में कहा गया है, ''यह समय की मांग है कि राज्य को सार्वजनिक नैतिकता की रक्षा करने, ऐसी सामग्री से प्रतिकूल रूप से प्रभावित होने वाले संभावित लोगों की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए अपने संवैधानिक कर्तव्य को निभाना चाहिए कि डिजिटल स्पेस विकृत व्यवहार के लिए प्रजनन स्थल न बने।''

सभी उम्र के उपयोगकर्ताओं के लिए कंटेंट उपलब्ध

याचिका में कहा गया है कि इंटरनेट की साम‌र्थ्य और व्यापक पहुंच ने ऐसी सामग्री को बिना किसी जांच के सभी उम्र के उपयोगकर्ताओं के लिए आसानी से उपलब्ध करा दिया है।

याचिका में केंद्र को इंटरनेट मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्म तक पहुंच रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है, जब तक कि ये प्लेटफार्म यह सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र तैयार नहीं कर लेते हैं कि सभी अश्लील सामग्री, विशेष रूप से भारत में बच्चों और नाबालिगों की पहुंच से बाहर हो।

एक समिति बनाने की मांग की

याचिका में सुप्रीम कोर्ट से यह आग्रह किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाए और क्षेत्र के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों को इसमें शामिल किया जाए, जो केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की तर्ज पर ओटीटी और इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामग्री के प्रकाशन या स्ट्रीमिंग की देखरेख और प्रमाणन करे, जब तक कि इसे विनियमित करने के लिए एक कानून नहीं बन जाता।

एक विशेषज्ञ समिति गठित करने की भी मांग की गई

स परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त प्रतिष्ठित मनोविज्ञानियों और अन्य विशेषज्ञों की एक विशेषज्ञ समिति गठित करने की भी मांग की गई है, जो एक राष्ट्रव्यापी अध्ययन करेगी और ऐसी सामग्री का उपभोग करने वालों पर अश्लील सामग्री के प्रतिकूल प्रभाव और बड़े पैमाने पर समाज पर इसके प्रभावों का मूल्यांकन करने के लिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

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खाद्य सुरक्षा से किसान समृद्धि की ओर बढ़ने का समय, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने पर दिया जोर

Dainik Jagran - National - April 28, 2025 - 2:00am

 पीटीआई, कोयंबटूर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि अब किसानों को सिर्फ उत्पादक होने से ऊपर उठना होगा। राष्ट्रीय कृषि एजेंडे के लिए खाद्य सुरक्षा से किसान समृद्धि की ओर बढ़ने का समय आ गया है।

धनखड़ इस समय दो दिवसीय तमिलनाडु के दौरे पर

धनखड़ इस समय दो दिवसीय तमिलनाडु के दौरे पर हैं। यहां रविवार को वे तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (टीएनएयू) में एक व्याख्यान समारोह में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में राज्यपाल आरएन रवि और टीएनएयू के अधिकारी मौजूद थे।

टीएनएयू में विकसित भारत के लिए कृषि-शिक्षा, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देना... विषय पर छात्रों और अन्य लोगों को संबोधित करते हुए धनखड़ ने आगे कहा कि भारत में 46 प्रतिशत आबादी कृषि से जुड़ी हुई है बावजूद इसके यह क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में केवल 16 प्रतिशत का योगदान देता है।

सकल घरेलू उत्पाद को लेकर कही ये बात

ऐसे में टीएनएयू जैसे संस्थानों को कृषि विज्ञानी दिवंगत डा एमएस स्वामीनाथन की विरासत को आगे बढ़ाना चाहिए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे सकल घरेलू उत्पाद में इस क्षेत्र के द्वारा होने वाले योगदान में बढ़ोतरी हो सके।

वैश्विक स्तर पर कृषि के क्षेत्र में भारत की स्थिति की बात करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत अब कृषि उत्पादों का बड़ा निर्यातक है। हमारे कुल निर्यात में कृषि खाद्य उत्पादों का हिस्सा 11 प्रतिशत से अधिक है।

भूमि और प्रयोगशाला के बीच की खाई को पाटा जाना चाहिए

उन्होंने कहा कि लेकिन अब आपको एक नया अध्याय लिखना होगा। अब समय बदल गया है। हमें खाद्य सुरक्षा से किसान समृद्धि की ओर बढ़ना चाहिए। किसान समृद्ध होना चाहिए और यह आपके जैसे संस्थानों से विकसित होना चाहिए। भूमि और प्रयोगशाला के बीच की खाई को पाटा जाना चाहिए।

कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को शिक्षित करें

इसके लिए हमारे 730 कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को शिक्षित करने के लिए कार्रवाई के जीवंत केंद्र होने चाहिए। इसके अलावा, नवाचार और शोध पहलों का मूल्यांकन इस आधार पर किया जाना चाहिए कि उनका किसान पर क्या प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के अलावा उद्योग, व्यापार, व्यवसाय और वाणिज्य द्वारा भी शोध को समर्थन दिया जाना चाहिए।

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Pahalgam Attack: निष्पक्ष जांच की पाकिस्तानी मांग के समर्थन में चीन, भारत नहीं करेगा स्वीकार दिखाए सख्त तेवर

Dainik Jagran - National - April 28, 2025 - 2:00am

 जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के सख्त होते तेवर के बाद पाकिस्तान की तरफ से अंतरराष्ट्रीय फलक पर पूरे हमले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग को लेकर लॉबिंग हो रही है।

चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बात

पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तरफ से शनिवार को यह मांग उठी थी। उसके बाद रविवार को चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच हुई वार्ता में इस्लामाबाद की तरफ से यह मांग की गई जिसका चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने समर्थन किया है।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने रूसी सरकार की एक न्यूज एजेंसी को साक्षात्कार में रूस व चीन को मिलाकर पहलगाम हमले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है। लेकिन भारत इस मांग को किसी भी सूरत में स्वीकार करने नहीं जा रहा है। भारत इसे हल्का और सिर्फ बयानबाजी मानता है।

भारत ने कही ये बात

विदेश मंत्रालय की तरफ से न तो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शरीफ के बयान पर कोई प्रतिक्रिया जताई गई है और न ही पाकिस्तान व चीन के विदेश मंत्रियों की वार्ता के बाद जारी बयानों पर।

लेकिन विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने बताया, 'यह सिर्फ बयानबाजी है। जिस देश ने मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं के विरुद्ध कोई कदम नहीं उठाया, पठानकोट हमले की संयुक्त जांच के बाद दर्ज एफआइआर पर कोई प्रगति नहीं हुई, उसकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया जा सकता।

पहलगाम हमले की निष्पक्ष जांच की मांग चाहता है भारत

पहलगाम हमले की निष्पक्ष जांच की मांग से पहले पाकिस्तान को यह बताना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र की तरफ से घोषित मुंबई हमले के दोषी आतंकियों को सजा दिलाने के लिए क्या किया गया है। पूरी दुनिया को मालूम है कि वे आतंकी पाकिस्तान में ही हैं।'

पाकिस्तान के विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार के साथ चीनी विदेश मंत्री वांग यी की हुई फोन वार्ता के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है। दोनों पक्षों को अत्यधिक संयम बरतने की बात करते हुए मामले की तत्काल निष्पक्ष जांच कराने का समर्थन किया गया है।

चीन ने पाकिस्तान को लेकर कही ये बात

साथ ही चीन ने कहा है कि वह पाकिस्तान को अपना महत्वपूर्ण रणनीतिक साझीदार मानते हुए उसकी वैध सुरक्षा चिंताओं को समझता है और उसकी संप्रभुता व सुरक्षा हितों की रक्षा करने की कोशिश का समर्थन करता है।

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने रूस को भी संदेश भेजा है कि वह चीन के साथ मिलकर पहलगाम हमले की निष्पक्ष जांच कराए। रूस की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

जहां तक भारत का ताल्लुक है तो इस तरह के आतंकी वारदातों को लेकर पाकिस्तान की तरफ से पूर्व में असहयोग को देखते हुए वह शायद ही निष्पक्ष जांच के लिए तैयार हो। वर्ष 2008 के मुंबई हमले की जांच को लेकर पाकिस्तान का असहयोगात्मक रवैया जगजाहिर है।

शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के बढ़ते दबाव के बाद पाकिस्तान ने इस पर न्यायिक आयोग का गठन किया था, लेकिन बाद में पूरी जांच को ही मजाक बनाकर रख दिया गया। इसके बाद वर्ष 2016 में पठानकोट आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने एक एफआइआर दर्ज की थी।

पाकिस्तान से पांच सदस्यीय जांच दल ने पठानकोट का दौरा किया था

पाकिस्तान से पांच सदस्यीय जांच दल ने पठानकोट का दौरा किया। इसके बाद भारतीय जांच टीम को पाकिस्तान जाना था, जिसकी इजाजत नहीं दी गई। बाद में पाकिस्तानी जांच दल की रिपोर्ट भी नहीं आई। यही वजह है कि भारत इस बार पाकिस्तान की मांग को लेकर कोई प्रतिक्रिया दिखाने के मूड में नहीं है।

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Pahalgam Attack: ब्रिटिश विदेश मंत्री ने जयशंकर और इशाक डार से की बातचीत, भारत-पाक के बीच तनाव कम करने पर दिया बल

Dainik Jagran - National - April 28, 2025 - 2:00am

 पीटीआई, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष डेविड लैमी को आतंकवाद के प्रति भारत की ''जीरो टालरेंस'' की नीति से अवगत कराया और पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले के सीमा पार संबंधों पर चर्चा की।

ब्रिटिश विदेश मंत्री ने तनाव कम करने की आवश्यकता पर बल दिया

आतंकी हमले के बाद नई दिल्ली और इस्लामाबाद के संबंधों में गंभीर तनाव के बीच लैमी ने पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इशाक डार से भी बातचीत की। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ब्रिटिश विदेश मंत्री ने तनाव कम करने की आवश्यकता पर बल दिया।

पहलगाम में हुए भीषण हमले के पीछे सीमा पार संबंधों का हवाला देते हुए भारत ने इस हमले में शामिल लोगों को कड़ी सजा देने की बात कही है। ब्रिटिश विदेश मंत्री के साथ फोन पर बातचीत के बाद जयशंकर ने कहा कि उन्होंने आतंकवाद के प्रति ''शून्य सहनशीलता'' के महत्व को रेखांकित किया।

डार पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी हैं

दूसरी तरफ, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उपप्रधानमंत्री डार ने लैमी से बात की और क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देते हुए अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के पाकिस्तान के अटूट संकल्प को दोहराया। डार पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी हैं।

सड़कों पर चिपकाए पाकिस्तानी झंडे के स्टीकर लगा जताया आक्रोश

पहलगाम में बैसरन में हुए आतंकी हमले के विरोध में लोगों का आक्रोश कम नहीं हो रहा है। रविवार को कई जगहों पर युवाओं के द्वारा कैंडिल मार्च निकाले जाने के साथ ही पाकिस्तानी झंडे के पोस्टर भी सड़कों पर चिपका कर विरोध जताया गया।

नोएडा के साथ हरियाणा के गोहाना में जगहों पर पाकिस्तान के झंडे के स्टीकर सड़कों पर चिपकाए गए। इस दौरान कुछ जगहों पर इन स्टीकरों पर लात मार कर नाराजगी भी जाहिर की गई।

उधर धर्मशाला में कोतवाली बाजार में एक महिला द्वारा इन पोस्टरों को सडक से निकालने का वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ। इस पर वहां मौजूद लोगों ने महिला को रोका भी,लेकिन महिला लगातार पाकिस्तानी झंडे के स्टीकर सड़क से निकालती नजर आई।

नोएडा में लगाए पाकिस्तानी झंडे के पोस्टर

नोएडा में रविवार को एडोब चौराहा और सेक्टर 12/22 की सड़कों पर युवाओं ने बाइक रैली के दौरान पाकिस्तान के झंडे का स्टीकर चिपका कर उस पर लात मारकर नाराजगी जाहिर की।

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China's March industrial profits rise

Business News - April 28, 2025 - 12:05am
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