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भारत के वीर सपूतों को UN ने मरणोपरांत दिया 'डैग हैमरस्कजोल्ड', कौन हैं ब्रिगेडियर अमिताभ और हवलदार संजय, जिन्हें मिला सम्मान?

Dainik Jagran - National - May 30, 2025 - 4:11pm

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत के ब्रिगेडियर अमिताभ झा और हवलदार संजय सिंह को 'डैग हैमरस्कजोल्ड' सम्मान से सम्मानित किया गया। ये सम्मान उन्होंने मरणोपरांत दिया गया है। वे शांति मिशनों में अपनी सेवा के दौरान शहीद हुए। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गुरुवार को न्यूयॉर्क में एक समारोह में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश को ये मेडल सौंपे।

यह समारोह उन शांति सैनिकों के सम्मान में आयोजित किया गया, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र की सेवा में अपनी जान गंवाई। ब्रिगेडियर झा संयुक्त राष्ट्र डिसएंगेजमेंट ऑब्जर्वर फोर्स (UNDOF) के कार्यवाहक फोर्स कमांडर थे। UNDOF 1973 के युद्ध के बाद इजरायल और सीरिया के बीच युद्धविराम की निगरानी के लिए गोलन हाइट्स में तैनात है।

क्या बोले UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस?

गुटेरेस ने कहा, "अमिताभ झा ने सीरिया में असद सरकार के पतन के बाद जटिल परिस्थितियों में UNDOF के कार्यवाहक फोर्स कमांडर के तौर पर सेवा दी। उन्हें उनकी नेतृत्व क्षमता और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों के प्रति अटूट समर्पण के लिए याद किया जाएगा।"

उन्होंने 2005-06 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में MONUSCO में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में भी सेवा दी थी।

ब्रिगेडियर अभिताभ झा की उपलब्धियां

भारत की ओर से जारी एक प्रशस्ति पत्र में कहा गया कि ब्रिगेडियर अभिताभ झा ने दिसंबर 2024 में सीरियाई संकट के दौरान विकसित हुई एक गंभीर सुरक्षा स्थिति को संभालने में अहम भूमिका निभाई। उस वक्त बशर अल-असद की सरकार का पतन हो गया था और UNDOF की ओर से निगरानी वाला सीमा क्षेत्र इजरायल और कई सीरियाई समूहों के दबाव में था।

प्रशस्ति पत्र में कहा गया, "अभिताभ झा एक ऐसे शख्स थे जिन्होंने हर हालात में डटकर सामना किया। UNDOF के कार्यवाहक फोर्स कमांडर के तौर पर उनके कार्यों से यह स्पष्ट था। उनके मित्र और आलोचक दोनों उनकी प्रशंसा करेंगे।"

हवलदार संजय सिंह MONUSCO में सेवा के दौरान शहीद हुए। प्रशस्ति पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि पिछले साल गाजा में संयुक्त राष्ट्र के लिए नागरिक क्षमता में सेवा दे रहे भारतीय सेना के सेवानिवृत्त कर्नल वैभव अनिल काले की भी मृत्यु हो गई थी। काले संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा सेवा समन्वयक के रूप में कार्यरत थे, जब गाजा के रफाह क्षेत्र में उनकी गाड़ी पर इजरायली सेना के हमले में उनकी मृत्यु हो गई।

61,353 शांति सैनिकों के योगदान को मिला सम्मान

गुरुवार को 77वां संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक दिवस मनाया गया, जिसमें 61,353 शांति सैनिकों के कार्यों को सम्मानित किया गया, जिनमें से 5,375 भारत से थे। इस अवसर पर, नई दिल्ली में भारतीय सेना ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर एक समारोह आयोजित किया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र मिशनों में शहीद हुए 182 भारतीय शांति सैनिकों की स्मृति में श्रद्धांजलि दी गई। इस समारोह का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर, डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने किया।

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SC के जज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करना यूट्यूबर को पड़ा भारी; सर्वोच्च न्यायालय ने दिया बड़ा आदेश

Dainik Jagran - National - May 30, 2025 - 3:52pm

एएनआई, नई दिल्ली। चंडीगढ़ के एक यूट्यूबर ने अपने वीडियो में सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस मामले को अब सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लिया है और यूट्यूबर के खिलाफ अवमानना का मामला शुरू किया है।

क्या है मामला?

भारत के चीफ जस्टिस बीआर गवई, न्यायमूर्ति एजी मसीह और न्यायमूर्ति एएस चंदूरकर की अवकाश पीठ ने यूट्यूब चैनल को वीडियो प्रकाशित करने से रोक दिया है और यूट्यूब अजय शुक्ला को आपत्तिजनक पोस्ट हटाने का आदेश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई जुलाई के लिए निर्धारित की गई है।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, "व्यापक रूप से प्रकाशित इस तरह के निंदनीय आरोपों से न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचने की संभावना है।"

कोर्ट की टिप्पणी

कोर्ट ने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। लेकिन, यह स्वतंत्रता उचित प्रतिबंधों के अधीन है और किसी भी व्यक्ति को ऐसे आरोप लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, जो न्यायालय के न्यायाधीश को बदनाम करने की प्रकृति के हों और अवमाननापूर्ण भी हों।"

सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ ने इस मामले को लेकर भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से अदालत की सहायता करने को कहा।

अब पूर्ण क्षमता से काम करेगा सुप्रीम कोर्ट, तीन नए जज हुए शामिल; जस्टिस विजय विश्नोई ने हिन्दी में ली न्यायाधीश पद की शपथ

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अब पूर्ण क्षमता से काम करेगा सुप्रीम कोर्ट, तीन नए जज हुए शामिल; जस्टिस विजय बिश्नोई ने हिन्दी में ली न्यायाधीश पद की शपथ

Dainik Jagran - National - May 30, 2025 - 3:02pm

माला दीक्षित, नई दिल्ली। अंग्रेजी बोलने और सुनने के आदी सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को हिन्दी चली। सुप्रीम कोर्ट के नवनियुक्त न्यायाधीश विजय बिश्नोई ने हिंदी में शपथ ली। गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विजय बिश्नोई ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश पद की शपथ हिन्दी में ली।

गुवाहाटी HC से सुप्रीम कोर्ट आए जस्टिस बिश्नोई

जस्टिस बिश्नोई गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद से प्रोन्नत होकर सुप्रीम कोर्ट आएं है लेकिन वे मूलत: राजस्थान के रहने वाले हैं और राजस्थान हाई कोर्ट ही उनका मूल हाई कोर्ट है। राजस्थान हिन्दी भाषी प्रदेश है। जस्टिस विजय बिश्नोई को प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) बीआर गवई ने शपथ दिलाई और जस्टिस गवई ने भी गत 14 मई को सीजेआइ पद की शपथ हिन्दी में ली थी।

तीन नए जजों ने ली शपथ

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को तीन नये न्यायाधीशों जस्टिस एनवी अंजारिया, जस्टिस विजय बिश्नोई और जस्टिस अतुल एस चंदुरकर ने सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश पद की शपथ ली। सीजेआइ बीआर गवई ने तीनों न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई। तीन में से दो न्यायाधीशों एनवी अंजारिया और अतुल एस चंदुरकर ने अंग्रेजी में पद की शपथ ली जबकि जस्टिस विजय बिश्नोई ने हिन्दी में शपथ ली।

तीन नये न्यायाधीशों के पद गृहण करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की कुल संख्या बढ़ कर 34 हो गई है जो सुप्रीम कोर्ट की पूर्ण कार्यक्षमता है। सुप्रीम कोर्ट में सीजेआइ को मिला कर न्यायाधीशों के कुल मंजूर पद 34 हैं। तीन नये न्यायाधीशों के आने के बाद सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश का कोई भी पद रिक्त नहीं है। हालांकि नौ जून को जस्टिस बेला त्रिवेदी सेवानिवृत होंगी और उसके बाद एक रिक्ति फिर हो जाएगी।

तीन जजों की सेवानिवृति के बाद पद हुए थे खाली

पूर्व प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस हृषिकेश राय की सेवानिवृत्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के तीन पद रिक्त हो गए थे। जिन्हें भरने के लिए प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की 26 मई को बैठक हुई जिसमें कोलेजियम ने कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी अंजारिया, गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विजय बिश्नोई और बांबे हाई कोर्ट के न्यायाधीश अतुल एस चंदुरकर को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति करने की सिफारिश की थी।

इसके बाद सरकार ने कोलेजियम की सिफारिश स्वीकार करते हुए तीनों न्यायाधीशों की सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश पद पर नियुक्ति की अधिसूचना जारी की थी और आज शुक्रवार को तीनों न्यायाधीशों ने पद की शपथ लेकर कार्यभार ग्रहण कर लिया है।

कोलेजियम ने नामों की सिफारिश की थी

जब कोलेजियम ने इनके नामों की सिफारिश की थी उस समय जस्टिस अंजारिया कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे, उनका मूल हाई कोर्ट गुजरात हाई कोर्ट है, जस्टिस विजय बिश्नोई गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे, उनका मूल हाई कोर्ट राजस्थान हाई कोर्ट है और जस्टिस अतुल एस चंदुरकर बांबे हाई कोर्ट के न्यायाधीश थे।

जस्टिस अंजारिया 21 नवंबर 2011 को गुजरात हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त हुए थे जिसके बाद छह सितंबर 2013 को वह स्थाई न्यायाधीश बने और 25 फरवरी 2024 को वह कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने।

जस्टिस विजय बिश्नोई आठ जनवरी 2013 को राजस्थान हाई कोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्ति हुए जिसके बाद सात जनवरी 2015 को स्थाई न्यायाधीश बने और पांच फरवरी 2024 को वह गुवाहाटी हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए। जस्टिस अतुल एस चंदुरकर 1988 में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए बांबे हाई कोर्ट और नागपुर में उन्होंने वकालत की। 21 जून 2013 को वह बांबे हाई कोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्ति हुए।

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