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हैदराबाद के अस्पताल में अचानक 70 लोगों की तबीयत बिगड़ी, एक मौत; फूड पॉयजनिंग की आशंका

Dainik Jagran - National - June 4, 2025 - 12:56am

 पीटीआई,, हैदराबाद। हैदराबाद के एर्रागड्डा मानसिक स्वास्थ्य संस्थान (आईएमएच) में अचानक 70 लोगों की तबीयत बिगड़ गई और एक व्यक्ति की मौत हो गई। अधिकारियों ने मंगलवार को मामले जानकारी देते हुए कहा कि सभी का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, 68 अन्य की हालत स्थिर है।

लोगों की तबीयत फूड पॉयजनिंग के कारण बिगड़ी

अधिकारियों के मुताबिक, लोगों की तबीयत फूड पॉयजनिंग के कारण बिगड़ी है, हालांकि इसकी जांच की जा रही है। हैदराबाद के जिला कलेक्टर अनुदीप दुरीशेट्टी और चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई) ए. नरेंद्र कुमार ने मंगलवार शाम को आईएमएच का दौरा किया।

स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजा नरसिम्हा ने जांच के आदेश दिए

स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजा नरसिम्हा ने घटना को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को फूड पॉयजनिंग की आशंका को लेकर जांच करने का निर्देश दिया है।

किरण नामक एक मरीज की सोमवार को मौत हो गई

चार दशक पुराने इस अस्पताल में मानसिक रूप से बीमार मरीजों को सोमवार सुबह से ही उल्टी और दस्त की शिकायत होने लगी थी। किरण (30) नामक एक मरीज की सोमवार को मौत हो गई।

अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार को शाम 4 बजे के बाद कोई नया मामला सामने नहीं आया। उस्मानिया जनरल अस्पताल के डॉक्टरों की एक टीम तैनात है।

मरीजों की सेहत पर कड़ी निगरानी रखने के लिए 24 घंटे मेडिकल टीम तैनात की गई है। किसी भी तरह की गिरावट की स्थिति में मरीजों को शिफ्ट करने के लिए दो एंबुलेंस भी स्टैंडबाय पर हैं।

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NEET-PG परीक्षा स्थगित, क्या अब 3 अगस्त को होगी परीक्षा? NBE ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी इजाजत

Dainik Jagran - National - June 4, 2025 - 12:07am

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मेडिकल के पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए 15 जून को होने वाली नीट पीजी परीक्षा टल गई है। परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी नेशनल बोर्ड ऑफ एक्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस (एनबीईएमएस) ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर नीट पीजी परीक्षा तीन अगस्त को कराने की इजाजत मांगी है। पहले यह परीक्षा 15 जून को होनी थी।

एनबीई ने मंगलवार को दाखिल की गई अर्जी में 15 जून को एक शिफ्ट में नीट पीजी परीक्षा कराने में व्यावहारिक और तकनीकी दिक्कतें बताते हुए कहा है कि परीक्षा कराने में एनबीई के टेक्निकल सहयोगी टीसीएस का कहना है कि एक शिफ्ट में नीट पीजी परीक्षा कराने के लिए तीन अगस्त ही सबसे जल्दी की संभावित तारीख हो सकती है। ऐसे में कोर्ट एनबीई को तीन अगस्त को नीट पीजी परीक्षा आयोजित करने की इजाजत दे।

एक ही शिफ्ट में परीक्षा कराने की मांग की थी

सुप्रीम कोर्ट ने 30 मई को नीट पीजी परीक्षा एक ही शिफ्ट में कराने का आदेश दिया था। कोर्ट ने डाक्टर अदिति और यूनाइटेड डाक्टर्स फ्रंट की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए थे। डाक्टरों ने नीट पीजी परीक्षा दो शिफ्ट में कराने का विरोध किया था और एक ही शिफ्ट में परीक्षा कराने की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने उस आदेश में एनबीई को एक ही शिफ्ट में परीक्षा कराने का आदेश देते हुए कहा था कि अगर इसके लिए उसे और वक्त चाहिए है तो वह वक्त बढ़ाने के लिए कोर्ट में आवेदन कर सकता है।एनबीई ने कोर्ट के 30 मई के आदेशानुसार एक शिफ्ट में नीट पीजी परीक्षा कराने की प्रतिबद्धता जताते हुए कोर्ट को व्यावहारिक दिक्कतें बताते हुए परीक्षा का समय बढ़ाने और तीन अगस्त को परीक्षा कराने की इजाजत मांगी है।

सिक्योरिटी सिस्टम और मैन पावर तक का इंतजाम करना होगा

बोर्ड ने अर्जी में कहा है कि कोर्ट के 30 मई के आदेश के बाद उसने परीक्षा कराने के अपने तकनीकी सहयोगी टीसीएस से 15 जून को एक ही शिफ्ट में नीट पीजी परीक्षा कराने के बारे में पूछा था जिस पर टीसीएस ने जवाब में कहा कि 15 जून तक का समय एक ही शिफ्ट में परीक्षा कराने के लिए पर्याप्त नहीं है क्योंकि एक ही शिफ्ट में परीक्षा कराने के लिए बहुत सी तैयारियां नए सिरे से करनी होंगी। नए केंद्रों की पहचान से लेकर सिक्योरिटी सिस्टम और मैन पावर तक का इंतजाम करना होगा।

बोर्ड ने कहा है कि नीट पीजी परीक्षा के लिए 2,42,679 उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। पहले यह परीक्षा दो पाली में होनी थी लेकिन अब एक पाली में परीक्षा कराने के लिए बहुत सारे शहरों में नए परीक्षा केंद्रों को चिह्नित करना होगा। एक पाली में परीक्षा कराने के लिए बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे की जरूरत होगी जिसमें समय लगेगा। इसके अलावा परीक्षार्थियों के लिए आवेदन विंडो को फिर खोलना पड़ेगा, उम्मीदवारो को सूचना बुलेटिन के अनुसार अपनी पसंद के सेंटर चुनने का नया अवसर देना होगा। परीक्षा की तिथि से दो सप्ताह पहले अभ्यर्थियों को उनके परीक्षा शहर के बारे में सूचित किया जाएगा।

परीक्षा से कम से कम चार दिन पहले प्रवेश पत्र और उनके विशिष्ट परीक्षा केंद्र की जानकारी उन्हें दी जाएगी। एनबीई ने कहा है कि नीट पीजी परीक्षा उच्च स्तरीय परीक्षा है और स्वतंत्र, सुरक्षित और पारदर्शी ढंग से परीक्षा कराने के लिए जनहित के मद्देनजर यह मांग की गई है।

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जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग लाएगी मोदी सरकार! क्या है केंद्र की रणनीति?

Dainik Jagran - National - June 3, 2025 - 11:42pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मोदी सरकार जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए संसद के आगामी मानसून सत्र में महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजु को सभी दलों में सर्वसम्मति बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले ही जांच कमेटी गठित किये जाने और उसकी रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोपों की पुष्टि किये जाने को देखते हुए महाभियोग प्रस्ताव आने के बाद नए सिरे से सुप्रीम कोर्ट की जांच की जरूरत नहीं पड़ेगी।

राजनीतिक दलों के नेताओं से बातचीत की कोशिश कर रहे किरण रिजिजु

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार किरण रिजिजु आने वाले दिनों में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से बातचीत कर सर्वसम्मति बनाने की कोशिश करेंगे। नियम के मुताबिक किसी भी हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए राज्यसभा में 50 सांसदों और लोकसभा में 100 सांसदों का हस्ताक्षर होना चाहिए।

उसके बाद संबंधित सदन की कुल सदस्य संख्या का आधे से अधिक या उपस्थित सांसदों के दो-तिहाई बहुमत के साथ महाभियोग प्रस्ताव को पारित किया जा सकता है। सरकार की कोशिश सफल रही तो जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो सकता है। वहीं जस्टिस वर्मा के खिलाफ मानसून सत्र के दौरान ही महाभियोग प्रस्ताव पारित हो सकता है।

नियम के मुताबिक महाभियोग प्रस्ताव संसद में स्वीकृत होने के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय समिति आरोपों की जांच करगी और उसकी रिपोर्ट के बाद ही महाभियोग प्रस्ताव पर संसद में कार्रवाई आगे बढ़ेगी। लेकिन जस्टिस वर्मा के खिलाफ मुख्य न्यायाधीश द्वारा गठित कमेटी पहले ही जांच कर चुकी है, इसीलिए नई कमेटी के गठन की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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मुंबई के वकीलों ने CJI को लिखा पत्र, जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग

Dainik Jagran - National - June 3, 2025 - 11:38pm

राज्य ब्यूरो, मुंबई। बॉम्बे लायर्स एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई को पत्र लिखकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की है। जस्टिस वर्मा के सरकारी आवास पर भारी मात्रा में जली हुई नकदी मिली थी।

बाद में जस्टिस वर्मा का तबादला दिल्ली हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट कर दिया था। तत्कालीन सीजेआइ संजीव खन्ना ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर जस्टिस वर्मा को दोषी ठहराने वाली शीर्ष अदालत की समिति की रिपोर्ट और जस्टिस वर्मा का जवाब उनके साथ साझा किया था।

प्रविधानों के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी

बॉम्बे लायर्स एसोसिएशन (बीएलए) ने दो जून को लिखे पत्र में जस्टिस वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 और भारतीय न्याय संहिता, 2023 के प्रविधानों के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है।

पत्र में 1991 के के. वीरास्वामी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि सीजेआइ की पूर्व स्वीकृति के बिना हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के किसी भी कार्यरत जज के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया जाएगा। 1991 के फैसले में कहा गया था कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत 'लोक सेवक' हैं।

साक्ष्यों को सुरक्षित रखने का निर्देश

आय से अधिक संपत्ति रखने जैसे अपराधों के लिए उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है। पत्र में दिल्ली पुलिस या सीबीआइ सहित प्राधिकारियों को आंशिक रूप से जले हुए नोटों, तस्वीरों और वीडियो रिकार्डिंग सहित सभी प्रासंगिक साक्ष्यों को सुरक्षित रखने का निर्देश देने की मांग भी की गई है।

यह भी पढ़ें: 'पाकिस्तान अब सौ बार सोचेगा...', पाकिस्तान ने खुद बताया भारत ने किया कितना नुकसान, बीजेपी ने खोल दी पोल

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'पाकिस्तान अब सौ बार सोचेगा...', पाकिस्तान ने खुद बताया भारत ने किया कितना नुकसान, बीजेपी ने खोल दी पोल

Dainik Jagran - National - June 3, 2025 - 11:14pm

आईएएनएस, नई दिल्ली। पाकिस्तान की एक डोजियर रिपोर्ट के सामने आने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहीन ए. सिन्हा ने कहा कि पाकिस्तान की अपनी रिपोर्ट भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत गहरे और व्यापक हमलों की पुष्टि करती है जो कि आधिकारिक रूप से स्वीकार किए गए दावों से परे है।

यह डोजियर पाकिस्तान के पहले के दावों का खंडन करता है कि उसने भारत को भारी नुकसान पहुंचाया है। इसके बजाय पाकिस्तान की धरती पर हुए नुकसान की गंभीरता को उजागर करता है।

भाजपा प्रवक्ता सिन्हा ने मंगलवार को बताया, "पाकिस्तान ने एक डोजियर प्रस्तुत किया है जिसमें कहा गया है कि भारत ने 10 तारीख की रात को पाकिस्तान के आठ और स्थानों पर हमला किया था। जबकि हमने उनके पीएएफ एयरबेस को नष्ट करने का दावा किया था। पाकिस्तान ने पेशावर, गुजरांवाला और सिंध के क्षेत्रों सहित अन्य स्थानों का भी नाम लिया है, जिन्हें नष्ट किए जाने का दावा किया।"

तुहीन ए. सिन्हा, राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाजपा

'विपक्षी दलों को मिलना चाहिए जवाब'

उन्होंने कहा, "अब हम इसे कैसे समझें? यह एक अजीब स्थिति है। पाकिस्तान आदतन झूठ बोलता है। लेकिन अगर वे इस बार सच बोल रहे हैं, तो यह भारत की विपक्षी दलों के लिए एक जोरदार जवाब होना चाहिए, जो लगातार सरकार और हमारी सशस्त्र सेनाओं पर सवाल उठाते हैं।"

यह भारत की सैन्य क्षमताओं की ताकत का प्रमाण है। जो नुकसान हमने पहुंचाया है, वह शायद हमारे द्वारा किए गए दावों से भी अधिक हो सकता है और पाकिस्तान इतनी गहरी चोट, निराशा और पीड़ा में है कि वह भारत के खिलाफ फिर से आवाज उठाने से पहले सौ बार सोचेगा।

पाकिस्तान के किन शहरों पर भारत ने किया था कार्रवाई

सिन्हा का यह बयान तब आया है जब एक मीडिया आउटलेट ने पाकिस्तान के आंतरिक सैन्य आपरेशन ''बुनियान उन मारसूज'' पर एक गोपनीय डोजियर प्राप्त किया। इस डोजियर में शामिल मानचित्रों से पता चलता है कि हमले प्रमुख शहरों जैसे पेशावर, झांग, हैदराबाद (सिंध), गुजरात, गुज्रांवाला, बहावलनगर, अटोक और छोर में किए गए जिनका उल्लेख आधिकारिक भारतीय ब्रीफिंग में नहीं किया गया था। ये नए विवरण ऑपरेशन सिंदूर के पैमाने पर नई रोशनी डालते हैं और पाकिस्तान की तत्काल संघर्ष विराम की मांग के पीछे एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में देखे जा रहे हैं।

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