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इस चीनी एप ने दिखाया भारत का गलत नक्शा, सरकार ने गूगल को प्ले स्टोर से हटाने का दिया निर्देश
आईएएनएस, नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गूगल को प्ले स्टोर से चीनी चैट एप एबलो को हटाने का निर्देश दिया है। इस पर दिखाया गया भारत का नक्शा सही नहीं है।
सरकार ने नोटिस में कहा है कि चीनी वीडियो चैट प्लेटफार्म ने केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर और लद्दाख को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है और अपने मानचित्र से लक्षद्वीप को पूरी तरह से हटा दिया है।
गूगल प्ले स्टोर से इसे दस हजार से अधिक लोगों ने किया डाउनलोडप्ले स्टोर पर इसे 10000 से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है। ऐसा प्रतीत होता है कि गूगल ने आदेश का अनुपालन कर लिया है, क्योंकि एप के प्ले स्टोर पेज पर अब यह संदेश दिखाई दे रहा है कि हमें खेद है, अनुरोधित यूआरएल इस सर्वर पर नहीं मिला। यह एप अब भारतीय यूजर्स के लिए एपल के एप स्टोर पर भी उपलब्ध नहीं है।
केंद्र सरकार ने गूगल को जारी किया नोटिसगूगल को भेजे नोटिस में कहा गया है कि यह स्पष्ट है कि प्ले स्टोर पर उपलब्ध एबलो एप में दर्शाए गए नक्शे में भारत की बाहरी सीमा को गलत तरीके से दर्शाया गया है। यह भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालता है।
आईटी नियम 2021 का पालन न करने पर लगाई फटकारइसी तरह 2021 में ट्विटर (अब एक्स) को सरकार ने आईटी नियम 2021 का पालन न करने पर फटकार लगाई थी। तत्कालीन ट्विटर इंडिया के प्रमुख मनीष माहेश्वरी पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने भारत के नक्शे को गलत तरीके से दर्शाने के आरोप में मामला दर्ज किया था।
'चार हफ्ते का समय देता हूं, कहीं से भी...', बाल तस्करी मामले पर SC ने दिल्ली पुलिस को दिया सख्त अल्टीमेटम
एएनआई, नई दिल्ली। देश में बाल तस्करी के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा कि देश में बच्चों की तस्करी स्थिति बदतर होती जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को अपहृत नवजात शिशुओं को खोजने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि दिल्ली के अंदर और बाहर नवजात शिशुओं का अपहरण करने और उन्हें बेचने में शामिल गिरोहों के मुद्दे की जांच के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
कोर्ट ने पुलिस को दिए सख्त आदेशसुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को चार सप्ताह का समय देते हुए कहा कि वह बाल तस्करी में शामिल गिरोह के सरगना और अपहृत शिशुओं का पता लगाए और प्रगति के बारे में अदालत को सूचित करे।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, "वे (बाल तस्करी गिरोह) समाज के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं। (बच्चों की) खरीद-फरोख्त बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। आपको नहीं पता कि वे कहां पहुंच जाते हैं। अगर कोई लड़की है तो आपको पता है कि वह कहां पहुंच जाएगी। यह बहुत गंभीर स्थिति है।"
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दिव्यांग लोगों पर टिप्पणी कर बुरे फंसे Samay Raina, SC ने रणवीर इलाहबादिया मामले में पक्षकार बनाने का दिया आदेश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय स्टैंडअप कॉमेडियन और यूट्यूबर समय रैनी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। दिव्यांग लोगों के संबंध में समय रैना की टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांगता और बीमारी पर चुटकुले बनाने पर समय रैना को पक्षकार बनाने को कहा है।
समय रैना ने अंधे व्यक्ति का उड़ाया था मजाकसुप्रीम कोर्ट ने समय रैना को रणवीर इलाहाबादिया मामले में पक्षकार बनाने आदेश दिए हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना की क्लिप को रिकॉर्ड पर लिया है, जिसमें एक अंधे व्यक्ति के साथ ही दो महीने के शिशु का मजाक उड़ाया गया था, जिसे जीवित रहने के लिए 16 करोड़ इंजेक्शन की जरूरत थी।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम आरोपों से वास्तव में परेशान हैं। हम इन घटनाओं को रिकॉर्ड पर रखना चाहेंगे। यदि आपके पास ट्रांसक्रिप्ट के साथ वीडियो-क्लिपिंग है तो उन्हें लाएं। संबंधित व्यक्तियों को पक्षकार बनाएं और उपाय सुझाएं।
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खत्म हो जाएंगी नौकरियां तो फिर पढ़े-लिखे युवा क्या करेंगे? मार्केट एक्सपर्ट ने बताया- कैसा होगा भविष्य
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में पारंपरिक नौकरियां बीतने जमाने की बात होती जा रही हैं। मिडिल क्लास को जॉब सिक्योरिटी और सैलरी इनकम के भरोसे अच्छी जिंदगी गुजारने के भ्रम से बाहर निकलना चाहिए और उद्यमिता को आय का जरिया बनाना चाहिए। यह कहना है मार्सेलस इंवेस्टमेंट मैनेजर्स के फाउंडर और चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर सौरभ मुखर्जी का। उन्होंने कहना है कि इंडस्ट्री में मेहनती मध्यम वर्ग के लोग की जगह स्वचालन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) लेगी।
सौरभ मुखर्जी ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में कहा कि भारत इस दशक एक नए आर्थिक दौर में प्रवेश कर रहा है। ऐसे में आशंका है कि मोटी तनख्वाह वाली पारंपरिक नौकरियों के मौक सीमित होंगे और पढ़े-लिखे लोगों के लिए नौकरियां भरोसेमंद आधार नहीं रह जाएंगी। इस दशक चौतरफा छंटनी होगी।
क्या खत्म हो जाएंगी नौकरियां?सौरभ मुखर्जी ने कहा, ''मुझे लगता है कि इस दशक सैलरीमैन और सैलरीवुमन के लिए चिंता की खबर है, क्योंकि वेतनभोगी नौकरियां खत्म होंगी। पढ़ें-लिखे, मेहतनी और दृढ़ निश्चयी लोगों के लिए पारंपरिक नौकरियों के अवसर धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे।''
उन्होंने कहा कि अब वो पुराना मॉडल, जिसमें हमारे माता-पिता 30-30 सालों तक काम करते थे और रिटायर होते थे, यह सिस्टम अब अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है। जिन नौकरियों ने भारत में मध्यम वर्ग तबका खड़ा किया, जिस रोजगार ढांचे के भरोसे मध्यम वर्ग लोन ले रहा है, वह अब टिकाऊ नहीं रह गया है।
इसकी दो वजह हैं-- पहली सभी कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित ऑटोमेशन (AI based automation) पर काम कर रही हैं।
- दूसरी सभी उद्योगों में मिडिल मैनेजमेंट का दायरा दिन-ब-दिन सिकुड़ता जा रहा है।
मार्सेलस इंवेस्टमेंट मैनेजर्स के फाउंडर और चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर सौरभ मुखर्जी का कहना है कि जो काम पहले सफेदपोश कर्मचारी करते आ रहे थे, वह काम अब एआई द्वारा कराया जा रहा है।
उनके मुताबिक, गूगल का कहना है कि उसके यहां कोडिंग का एक तिहाई काम एआई कर रहा है। भारतीय आईटी सेक्टर, बैंकिंग, मीडिया और फाइनेंस सेक्टर में भी यही होने जा रहा है।
...तो फ्यूचर में क्या?सौरभ मुखर्जी कहते हैं, जनधन, आधार और मोबाइल (JAM trinity) की तिकड़ी ने निराशा के बीच भी उम्मीद की नई किरण दी है। यह तिकड़ी आगामी उद्यमियों के लिए मंच बन सकती है। इन तीनों संसाधन पर अच्छा खासा खर्च किया गया है ताकि गरीब और वंचित तबके के लोगों के लिए पहचान, बैंकिंग और सूचना उत्पादों तक आसान पहुंच प्रदान की जा सके।
उन्होंने कहा कि अगर हम जैसे कॉरपोरेट सेक्टर में नौकरियां करते हैं, वैसे ही उद्यमिता में दिमाग लगाकर और मेहतन करके समृद्धि का नया इंजन बन सकते हैं।
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विशेषज्ञों ने दी यह सलाहसौरभ मुखर्जी ने कहा कि भारत में लोग नौकरी में टिके रहने और वेतन व प्रमोशन की दौड़ के पीछे पागल रहते हैं। हर परिवार की ख्वाहिश होती है कि उसके परिवार के ज्यादा से ज्यादा सदस्यों के पास नौकरी हो ताकि हर महीने वेतन के पैसे आते रहें।
यानी कि हम लोग पैसे के पीछे भागने वाले लोग हैं। हम सफलता को पैसे के पैमाने पर तौलते हैं। यह सोच सदियों पुरानी है जो अभी भी नहीं बदली है। अब समय आ गया है हम सबको अपनी सोच बदलनी चाहिए।
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उन्होंने सलाह दी कि हम लोगों को खुशी और समाज पर अच्छा प्रभाव डालने के लिए काम करना चाहिए, न कि सिर्फ हर महीने आने वाली सैलरी के लिए। आपके और हमारे परिवारों को भी बच्चों को नौकरी लायक बनाने की तैयारी बंद कर देनी चाहिए, क्योंकि अब नौकरियां होंगी ही नहीं। इसलिए उनको बिजनेस के लिए तैयार कीजिए।
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'निशिकांत दुबे पर केस कीजिए, हमारी अनुमति की जरूरत नहीं', अवमानना याचिका पर बोला सुप्रीम कोर्ट
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई के खिलाफ टिप्पणी करने वाले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। अब दुबे के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने की मांग की गई है, जिसपर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान आया है।
सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणीअवमानना की कार्रवाई की मांग लेकर पहुंचे याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि दुबे ने सुप्रीम कोर्ट और भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना की गलत तरीके से आलोचना कर अवमानना की है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केस करने के लिए आपको हमारी अनुमति की जरूरत नहीं है।
अटॉर्नी जनरल से मंजूरी लेने की जरूरतन्यायमूर्ति बी आर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ से वकील ने दुबे की टिप्पणियों के बारे में हाल ही में आई एक खबर का हवाला दिया और कहा कि वह अदालत की अनुमति से अवमानना याचिका दायर करना चाहते हैं। न्यायमूर्ति गवई ने कहा, "आप इसे दायर करें। दायर करने के लिए आपको हमारी अनुमति की जरूरत नहीं है।"
पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को मामले में अटॉर्नी जनरल से मंजूरी लेने की जरूरत है।
दुबे ने CJI पर की थी विवादित टिप्पणीदुबे ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट को कानून बनाना है तो संसद और राज्य विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने सीजेआई खन्ना पर भी कटाक्ष किया और उन्हें देश में 'गृह युद्धों' के लिए जिम्मेदार ठहराया।
क्या है मामला?दरअसल, दुबे की टिप्पणी केंद्र के न्यायालय को दिए गए आश्वासन के बाद आई है कि वह वक्फ (संशोधन) अधिनियम के कुछ विवादास्पद प्रावधानों को सुनवाई के अगले दिन तक लागू नहीं करेगा, क्योंकि न्यायालय ने उन पर सवाल उठाए थे।
इसके बाद वक्फ अधिनियम मामले में एक वादी का प्रतिनिधित्व करने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील अनस तनवीर ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी को पत्र लिखकर दुबे के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति मांगी, क्योंकि उन्होंने शीर्ष न्यायालय की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी की थी।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दी थी सफाईउधर, भाजपा ने शनिवार को दुबे की सर्वोच्च न्यायालय की आलोचना से खुद को अलग कर लिया, पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने टिप्पणियों को उनका निजी विचार बताया। नड्डा ने कहा कि उन्होंने पार्टी नेताओं को ऐसी टिप्पणियां न करने का निर्देश दिया है।
'राष्ट्रपति को कैसे आदेश दें, हम पर पहले ही आरोप लग रहे', निशिकांत दुबे मामले पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट पिछले कई दिनों से चर्चा में है। राष्ट्रपति और गवर्नर को दिए आदेश के बाद कई बीजेपी नेताओं ने सर्वोच्च न्यायालय को निशाने पर लिया, जिसे लेकर पक्ष और विपक्ष में सियासी संग्राम छिड़ गया। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर टिप्पणी की है।
वक्फ अधिनियम के विरोध में पश्चिम बंगाल की हिंसा पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि न्यायपालिका पर कार्यपालिका के काम में हस्तक्षेप का आरोप लग रहा है।
पश्चिम बंगाल हिंसा पर की सुनवाईलाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार मशहूर अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का कहना था कि हिंसा पर काबू पाने के लिए बंगाल में अर्धसैनिक बलों की तैनाती होनी चाहिए। ऐसे में उन्होंने अदालत से गुजारिश की है कि वो केंद्र को सुरक्षाबलों की तैनाती करने और बंगाल हिंसा की जांच के लिए पैनल गठित करने का आदेश दे। साथ ही मुर्शिदाबाद में हिन्दुओं के पलायन की भी रिपोर्ट भी पेश की जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई ने कहा आप चाहते हैं कि हम राष्ट्रपति को ऐसा करने का आदेश दें? मगर हमारे ऊपर पहले ही कार्यपालिका के काम में दखलअंदाजी करने का आरोप लग रहा है। इसलिए प्लीज।
बता दें कि जस्टिस बीआर गवई अगले महीने भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले हैं। उनका कहना है कि सत्ताधारी दल के नेताओं ने जो बयान दिए हैं, उस पर सुप्रीम कोर्ट की पूरी नजर है।
क्या है पूरा मामला?गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रपति और राज्यपाल को आदेश दिया था कि वो किसी भी बिल को अनिश्चित काल के लिए नहीं रोक सकते हैं। बीजेपी के कई नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर आपत्ति दर्ज की थी।
निशिकांत दुबे का बयानबीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर सर्वोच्च न्यायालय ही सारे फैसले करेगा तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए। निशिकांत दुबे के इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया। कई विपक्षी नेताओं ने निशिकांत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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सूट में जेडी वेंस, स्टाइलिश चश्मे में पत्नी उषा, कुछ इस अंदाज में दिखे उपराष्ट्रपति के बच्चे; लूटा हर भारतीय का दिल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपने परिवार के साथ भारत पहुंच गए हैं। उनका विमान आज 10 बजे पालम एयरपोर्ट पर उतरा । एयरपोर्ट पर उनका स्वागत केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया। वो आज पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे । इस दौरान जेडी के बच्चों को पारंपरिक भारतीय कपड़ों में देखा गया।
जेडी वेंस ने नेवी ब्लू रंग का सूट पहना हुआ है जबकि उषा रेड कलर की ड्रेस में नजर आई। जिसे उन्होंने वाइट ब्लेजर के साथ पेयर किया। प्लेन से उतरते समय वह ब्लेजर को हाथ में लिए दिखीं, तो बाद में उन्होंने इसे अपने कंधों पर कैरी कर लिया।
बच्चों के कपड़ों ने खींचा ध्यानवहीं उनके बच्चों के कपड़े सबका ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं । उनके सबसे बड़े बेटे इवान ने हल्के नीले रंग का कुर्ता और सफेद पायजामा पहना हुआ है। इवान सात साल के हैं जबकि पांच साल के विवेक ने पीले रंग का कुर्ता और सफेद पायजामा पहना हुआ है। सबसे छोटी बेटी मिराबेल ने नीले रंग का फ्रॉक पहना हुआ है।
बता दें जेडी वेंस की पत्नी आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं। नई दिल्ली और वाशिंगटन अब द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए बातचीत कर रहे हैं, जिसमें टैरिफ और बाजार पहुंच सहित कई मुद्दों को संबोधित करने की उम्मीद है।
क्या है उपराष्ट्रपति का शेड्यूल?वेंस और उनका परिवार सोमवार रात को जयपुर के लिए रवाना होने वाला है। दिल्ली में, अमेरिकी उपराष्ट्रपति और उनका परिवार आईटीसी मौर्य शेरेटन होटल में ठहरे हैं। 22 अप्रैल को, वेंस जयपुर में कई ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करेंगे, जिसमें आमेर किला भी शामिल है, जिसे अंबर किला के नाम से भी जाना जाता है। यह किला यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है। दोपहर में, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जयपुर में राजस्थान अंतरराष्ट्रीय केंद्र में एक सभा को संबोधित करने वाले हैं।
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चेहरे पर फेंकी मिर्च, फिर चाकू से गोद डाला; कर्नाटक में पूर्व डीजीपी की हत्या पर बड़ा खुलासा
बेंगलुरु, पीटीआई। कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश नारायण के केस में नया खुलासा सामने आया है। ओम प्रकाश को मारने से पहले उनकी पत्नी पल्लवी ने उन पर मिर्ची पाउडर फेंका और फिर चाकू से गोदकर पति की हत्या कर दी।
ओम प्रकाश नारायण के मर्डर केस में उनकी पत्नी पल्लवी पर पुलिस को पहले से शक था। ऐसे में पुलिस ने उन्हें हिरासत में रखा है। पल्लवी के अलावा उसकी बेटी कीर्ति भी पुलिस की हिरासत में है।
स्विमिंग पूल में मिला शवबिहार से ताल्लुक रखने वाले ओम प्रकाश नारायण 1981 बैच के IPS ऑफिसर थे। कर्नाटक के पॉश इलाके HSR लेआउट में ओम प्रकाश का तीन मंजिला घर बना था। रविवार को उनका शव घर के स्विमिंग पूल में पड़ा मिला। शव बुरी तरह खून से लथपथ था और पानी की सतह पर तैर रहा था।
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कैसे की हत्या?सूत्रों के हवाले से पता चला है कि ओम प्रकाश और पल्लवी के बीच में काफी बहस हो गई थी। ऐसे में पल्लवी ने पति के चेहरे पर मिर्च का पाउडर फेंका और फिर चाकू से गोदकर उनकी हत्या कर दी। पल्लवी ने ओम प्रकाश पर लगातार कई बार चाकू से वार किया और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
हत्या की वजह क्या?पति की बेरहमी से हत्या करने के बाद पल्लवी ने अपने दोस्त को वीडियो कॉल किया और उससे कहा कि मैंने इस राक्षस को मौत के घाट उतार दिया है। इस हत्याकांड की वजह पति और पत्नी के बीच का झगड़ा बताया जा रहा है। हालांकि, इस मामले में संपत्ति विवाद का मामला भी सामने आ रहा है।
Former Karnataka DGP Om Prakash, an 1981 batch IPS officer, was murdered in HSR Layout, Bengaluru. The exact reason for the incident is not yet known: Bangalore City Police pic.twitter.com/Yw6MWKFdJw
— ANI (@ANI) April 20, 2025 मानसिक बीमारी से पीड़ित है पल्लवीशुरुआती जांच की मानें तो कर्नाटक के दांदेली में एक जमीन थी, जिसे लेकर ओम प्रकाश और पल्लवी के बीच लड़ाई चल रही थी। कुछ महीने पहले पल्लवी ने HSR लेआउट पुलिस स्टेशन में ओम प्रकाश के खिलाफ शिकायत लिखवाने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस ने उसकी FIR लिखने से मना कर दिया। ऐसे में पल्लवी धरने पर बैठ गई थी। सूत्रों के अनुसार, पल्लवी सिज़ोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी से पीड़ित है और लंबे समय से उसका इलाज चल रहा है।
कौन थे पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश नारायण?बता दें कि 68 वर्षीय IPS ऑफिसर ओम प्रकाश बिहार के चंपारण जिले से ताल्लुक रखते हैं। भूगर्भ शास्त्र में मास्टर्स की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा दी और 1981 में IPS ऑफिसर बने थे। 1 मार्च 2015 को उन्हें कर्नाटक के डीजीपी पद पर नियुक्त किया गया था।
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पश्चिम बंगाल में लागू होगा राष्ट्रपति शासन? मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे वकील विष्णु जैन; कल होगी सुनवाई
एएनआई, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में जारी हिंसा और सुप्रीम कोर्ट पर हो रही बयानबाजी के बीच पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। SC के वकील विष्णु शंकर जैन ने वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 के अधिनियमन के बाद हाल ही में हुई हिंसा के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग करने वाली एक रिट याचिका से संबंधित मामले का उल्लेख किया।
वकील विष्णु शंकर जैन ने न्यायमूर्ति बीआर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष पेश होकर मामले का उल्लेख किया । अब इस मामले की सुनवाई कल होगी। विष्णु शंकर जैन की याचिका पर जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, ‘आप चाहते हैं कि हम केंद्र सरकार को राष्ट्रपति शासन लागू करने का निर्देश दें?’
क्या बोले वकील विष्णु जैन?इस पर वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि पैरा मिलेट्री फोर्स की तत्काल तैनाती की आवश्यकता है। विष्णु जैन ने कहा कि इस मामले पर पहले से बंगाल मे पोस्ट पोल हिंसा की मेरी याचिका लंबित है। जिस पर कोर्ट 2022 मे नोटिस जारी कर चुका है। यह मामला कल सुनवाई के लिए लिस्टेड है।
'हम पर कार्यपालिका में अतिक्रमण करने के आरोप'इस पर फिर जस्टीस बीआर गवई ने कहा कि ‘आप चाहते हैं कि हम इसे लागू करने के लिए राष्ट्रपति को आदेश जारी करें? वैसे भी हम पर कार्यपालिका में अतिक्रमण करने के आरोप लग रहे हैं।
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तेलंगाना के मेडक में दो कारें आपस में भिड़ीं, तीन लोगों की मौके पर मौत; सात अन्य घायल
एएनआई, तेलंगाना। तेलंगाना के मेडक जिले में एक सड़क हादसे में तीन लोगों की जान चली गई। हादसा कौडीपल्ली पुलिस स्टेशन के अंतर्गत वेंकट राव पेट पुल पर हुआ। यहां दो कारें आपस में टकरा गईं। हादसे में सात अन्य लोग घायल भी हुए हैं। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
कौडीपल्ली पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर के मुताबिक हादसा रविवार व सोमवार की रात 12:00 से 1:00 बजे के बीच हुआ। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अभी तक कोई केस दर्ज नहीं किया गया है।
सब-इंस्पेक्टर ने कहा कि वेंकट राव पेट पुल पर दो कारों की टक्कर में तीन लोगों की मौत हुई है। सात लोग घायल हैं। यह घटना कल रात 12:00 से 1:00 बजे के बीच हुई। मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल भेज दिया गया है। अभी मामला दर्ज नहीं किया गया है।
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अमेरिका दौरे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, स्टैनफोर्ड में देंगी भाषण, IMF-World Bank बैठकों में लेंगी हिस्सा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रविवार (स्थानीय समयानुसार) को अपने पांच दिवसीय अमेरिका दौरे के लिए सैन फ्रांसिस्को इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचीं। यह दौरा 20 अप्रैल से 25 अप्रैल तक निर्धारित है। एयरपोर्ट पर उनका स्वागत भारत के अमेरिका में राजदूत विनय मोहन क्वात्रा और सैन फ्रांसिस्को में भारत के कॉन्सल जनरल श्रीकर रेड्डी कोप्पुला ने किया।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में देंगी भाषण, सीईओज़ से होगी मुलाकातवित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी देते हुए लिखा, “संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचने पर केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण का स्वागत अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा, सैन फ्रांसिस्को में भारत के कॉन्सल जनरल डॉ. श्रीकर रेड्डी कोप्पुला और वित्त सचिव अजय सेठ ने सैन फ्रांसिस्को इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर किया।”
20 अप्रैल से शुरू हो रही दो दिवसीय सैन फ्रांसिस्को यात्रा के दौरान निर्मला सीतारमण स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के हूवर इंस्टीट्यूशन में ‘विकसित भारत 2047 की बुनियाद’ विषय पर मुख्य भाषण देंगी, इसके बाद एक फ़ायरसाइड चैट सेशन होगा।
उद्योगपतियों और प्रवासी भारतीयों से भी होंगी मुलाक़ातेंइसके अलावा वह शीर्ष फंड मैनेजमेंट कंपनियों के सीईओज़ के साथ राउंडटेबल मीटिंग में शिरकत करेंगी और सैन फ्रांसिस्को की नामचीन आईटी कंपनियों के प्रमुखों से भी द्विपक्षीय मुलाक़ात करेंगी। वित्त मंत्री वहां बसे भारतीय प्रवासी समुदाय के एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगी।
वॉशिंगटन डीसी में अंतरराष्ट्रीय बैठकों में लेंगी हिस्सा22 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच वॉशिंगटन डीसी में सीतारमण आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की स्प्रिंग मीटिंग्स में भाग लेंगी। इसके तहत वह दूसरी G20 वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स (FMCBG) की बैठक, डेवलपमेंट कमिटी प्लेनरी, आईएमएफसी प्लेनरी और ग्लोबल सॉवरेन डेट राउंडटेबल (GSDR) मीटिंग में भी शरीक होंगी।
कई देशों के वित्त मंत्रियों से होंगी मुलाकातेंइन बैठकों के इतर सीतारमण अर्जेंटीना, बहरीन, जर्मनी, फ्रांस, लक्ज़मबर्ग, सऊदी अरब, ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगी। इसके साथ ही वह यूरोपीय संघ के वित्तीय सेवा आयुक्त, एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के अध्यक्ष, एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) के प्रमुख, संयुक्त राष्ट्र महासचिव के वित्तीय स्वास्थ्य के लिए विशेष प्रतिनिधि (UNSGSA), और आईएमएफ के पहले डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर से भी मुलाकात करेंगी। अमेरिका दौरे के बाद वित्त मंत्री सीतारमण 26 अप्रैल से 30 अप्रैल तक अपनी पहली पेरू यात्रा पर रवाना होंगी।
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प्रधानमंत्री मोदी आज सिविल सेवकों को करेंगे संबोधित, देंगे उत्कृष्टता पुरस्कार
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17वें लोक सेवा दिवस के अवसर पर सोमवार को सुबह 11 बजे विज्ञान भवन, नई दिल्ली में लोकसेवकों को संबोधित करेंगे। इस मौके पर वह लोक प्रशासन उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार भी प्रदान करेंगे।
प्रधानमंत्री ने सदैव देश भर के लोक सेवकों को नागरिकों के हित में समर्पित होने, जन सेवा के लिए प्रतिबद्ध होने और अपने काम में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
पुरस्कार देंगे पीएम मोदीइस वर्ष प्रधानमंत्री लोक सेवकों को जिलों के समग्र विकास, आकांक्षी ब्लाक कार्यक्रम और नवाचार की श्रेणियों में 16 पुरस्कार प्रदान करेंगे। उनको इसके माध्यम से आम नागरिकों के कल्याण के लिए किए गए कार्यों के लिए सम्मानित किया जाएगा। जीएम मोदी समग्र विकास और नवाचारों पर ई-पुस्तकें जारी करेंगे, जिनमें चिन्हित प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों और नवाचारों के कार्यान्वयन की सफलता की कहानियां शामिल होंगी।
पुरस्कार वितरण से पहले पुरस्कार विजेता पहलों पर एक फिल्म भी दिखाई जाएगी। सिविल सेवा दिवस देशभर के सिविल सेवकों के लिए नागरिकों के हित के लिए खुद को फिर से समर्पित करने और अपने काम में सार्वजनिक सेवा और उत्कृष्टता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने का अवसर है।
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US Vice President JD Vance Visit: परिवार संग भारत आ रहे जेडी वेंस, पीएम मोदी के साथ डिनर टेबल पर होगी अहम बातचीत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस (JD Vance) अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ आज यानी सोमवार को तीन दिवसीय भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंचेंगे। इस दौरान वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में भारत-अमेरिका के बीच जारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा की संभावना है।
हालांकि दौरे का मुख्य फोकस सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पर्यटन स्थलों की यात्रा पर रहेगा। वेंस की पत्नी उषा की जड़ें भारत से जुड़ी हैं और यह यात्रा उनके तीन बच्चों इवान, विवेक और मिराबेल को भारतीय संस्कृति से परिचित कराने का एक अवसर भी मानी जा रही है।
मोदी से मुलाकात और आधिकारिक रात्रिभोजवेंस के कार्यक्रम में फिलहाल एकमात्र बड़ा आधिकारिक कार्यक्रम प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात और उनके आधिकारिक आवास पर होने वाला रात्रिभोज है। सूत्रों के अनुसार, इस रात्रिभोज में विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत कई केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे।
वेंस के दिल्ली आगमन में कुछ घंटों की देरी के चलते कई अन्य नेताओं से संभावित मुलाकातें रद्द कर दी गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी इस सप्ताह काफी व्यस्त रहेंगे, क्योंकि वे 22-23 अप्रैल को सऊदी अरब यात्रा पर जाएंगे।
नई दिल्ली पहुंचने पर वेंस को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। कुछ घंटे विश्राम के बाद वे और उनका परिवार दिल्ली के एक हैंडीक्राफ्ट और टेक्सटाइल शोरूम में खरीदारी करेंगे।
भारत दौरे से पहले इटली पहुंचे थे वेंसभारत, वेंस के एक सप्ताह के दो-देशीय दौरे का दूसरा चरण है, जो 18 अप्रैल को इटली से शुरू हुआ था। यह वेंस की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा है। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी और वेंस की मुलाकात फरवरी में पेरिस में AI एक्शन समिट के दौरान हुई थी।
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चल रही बातचीत और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए प्रतिशोधात्मक टैरिफ, जो फिलहाल जुलाई तक स्थगित हैं, वेंस के आधिकारिक संवाद का अहम हिस्सा रहेंगे।
रणनीतिक साझेदारी पर होगी चर्चाविदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बीते सप्ताह एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि भारत और अमेरिका के बीच वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है और वेंस के दौरे के दौरान “सभी प्रासंगिक मुद्दों” पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा, “हमारे संबंध इतने व्यापक हैं कि जो भी मानवीय प्रयास से जुड़ा है, वह चर्चा में शामिल होता है।हमें पूरा विश्वास है कि यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगा।”
यह यात्रा भारत और अमेरिका के बीच 13 फरवरी को जारी संयुक्त वक्तव्य में लिए गए फैसलों की प्रगति की समीक्षा का भी अवसर होगी। इसके अलावा दोनों देश क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी विचार-विमर्श करेंगे।
जयपुर और आगरा में भी रहेंगे वेंस और परिवारप्रधानमंत्री मोदी के साथ रात्रिभोज के बाद, वेंस और उनका परिवार सोमवार रात को जयपुर के लिए रवाना होंगे। 22 अप्रैल को वेंस को राजस्थान के राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा औपचारिक स्वागत दिया जाएगा। इसके बाद वे आमेर किला, जंतर मंतर, सिटी पैलेस और हवा महल जैसे प्रमुख दर्शनीय स्थलों का भ्रमण करेंगे।
दोपहर में वेंस राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में एक भाषण देंगे और फिर राजनीतिक और कारोबारी नेताओं से मुलाकात करेंगे। 23 अप्रैल को वेंस और उनका परिवार ताजमहल देखने आगरा जाएंगे।
इससे पहले तुलसी गबार्ड आई थीं भारतउल्लेखनीय है कि वेंस से पहले अमेरिकी खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड मार्च में भारत आई थीं। वे ट्रंप सरकार की ओर से भारत आने वाली पहली कैबिनेट मंत्री थीं और उन्होंने सिक्योरिटी कॉन्क्लेव और रायसीना डायलॉग में हिस्सा लिया था।
यह उपराष्ट्रपति वेंस की तीसरी अंतरराष्ट्रीय यात्रा है। फरवरी में वे पेरिस और म्यूनिख गए थे, जहां उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और रक्षा खर्च पर यूरोपीय देशों की आलोचना की थी। मार्च में उन्होंने अपनी पत्नी और प्रतिनिधि वॉल्ट्ज के साथ ग्रीनलैंड की यात्रा की थी, लेकिन वहां ट्रंप प्रशासन की उस भूभाग पर नियंत्रण की इच्छा के कारण उन्हें ठंडी प्रतिक्रिया मिली थी।
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पिता करुणानिधि की राह पर 50 साल बाद सीएम स्टालिन, तमिलनाडु की स्वायत्तता के लिए 1974 में पेश किया था प्रस्ताव
पीटीआई, चेन्नई। राज्यों के लिए स्वायत्तता को मजबूती देने के उपाय सुझाने के लिए पिछले दिनों तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज कुरियन जोसेफ की अध्यक्षता में समिति गठित करने की घोषणा की थी।
इसी स्वायत्तता के लिए उनके पिता एम. करुणानिधि ने भी 50 से अधिक वर्ष पहले संघर्ष किया था, जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे।करुणानिधि ने राज्य की स्वायत्तता की पैरवी करते हुए 16 अप्रैल, 1974 को राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया था और जिसे पारित कर दिया गया था।
सीएन अन्नादुरई भी रहे राज्य की स्वायत्तता के प्रबल समर्थकइस मुद्दे पर द्रमुक के संस्थापक सीएन अन्नादुरई (1909-1969) उनके प्रेरणास्त्रोत थे जो 1967 से 1969 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे और राज्य की स्वायत्तता के प्रबल समर्थक थे। प्रस्ताव पेश करते हुए करुणानिधि ने कई बार अन्नादुरई को उद्धत किया था। करुणानिधि ने इस बात की भी याद दिलाई थी कि उन्होंने 19 अगस्त, 1969 को पीवी राजामन्नार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित करने की घोषणा की थी जिसमें एएल मुदालियर और पी. चंद्रा रेड्डी सदस्य थे।
22 सितंबर, 1969 को राज्यों की स्वायत्तता के आधार पर केंद्र व राज्यों के बीच रिश्तों के सवाल की पड़ताल के लिए समिति गठित कर दी गई थी। 1971 के चुनावी घोषणापत्र में भी द्रमुक ने अधिकतम स्वायत्तता के लिए संवैधानिक संशोधन की मांग की थी।
27 मई, 1971 को प्रदेश सरकार को राजामन्नार समिति की रिपोर्ट मिल गई थी और इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भेज दिया गया था। उन्होंने 22 जून, 1971 को इसके मिलने की पुष्टि की थी। इंदिरा गांधी का कहना था कि प्रशासनिक सुधार आयोग ने भी इस सवाल पर विचार किया था और उसकी रिपोर्ट केंद्र के विचाराधीन है।
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Kia मोटर्स प्लांट से 900 इंजन चोरी, पुलिस ने 9 आरोपियों को किया गिरफ्तार; बड़ा गिरोह था शामिल
पीटीआई, पेणुकोंडा। आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साई जिले में दक्षिणी कोरियाई कंपनी किआ मोटर्स के पेणुकोंडा प्लांट से लगभग 900 कार इंजन चोरी होने के मामले में पुलिस ने नौ आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने रविवार को बताया कि पेणुकोंडा की एक अदालत ने आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। कार इंजन की चोरी मामले में पुलिस की जांच पड़ताल जारी है। अभी तक केवल 10 प्रतिशत जांच पूरी हुई है। पता लगाया जा रहा है कि इसमें कौन-कौन शामिल है।
पांच साल से हो रही थी इंजनों की चोरीपुलिस ने बताया है कि पांच वर्षों से कार के इंजन की चोरी हो रही थी। चुराए गए इंजनों की तस्करी की जाती थी और उन्हें भारत के कई राज्यों में बेचा जाता था। इससे बड़े अवैध नेटवर्क संचालित होने का संकेत मिलता है। पिछले महीने आंतरिक ऑडिट के दौरान किआ के अधिकारियों ने देखा कि कारों के इंजन गायब थे।
19 मार्च को कंपनी ने दर्ज कराई थी शिकायतकंपनी ने 19 मार्च को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। श्री सत्य साई जिले के पेणुकोंडा में किआ कंपनी का कार निर्माण संयंत्र है। इससे पहले पुलिस अधिकारी वेंकटेश्वरलू ने बताया था, 2020 से इंजनों की चोरी हो रही थी। इंजन या तो संयंत्र के अंदर से या वहां पहुंचने के रास्ते में चुराए गए होंगे, क्योंकि एक छोटा पुर्जा भी कंपनी की अनुमति के बिना बाहर नहीं जा सकता।
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हैदराबाद स्टेडियम में स्टैंड्स से हटेगा मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम, टीम इंडिया के पूर्व कप्तान को लेकर क्या है विवाद?
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के उत्तरी स्टैंड से उनका नाम हटाने के हैदराबाद क्रिकेट संघ (एचसीए) के लोकपाल के आदेश पर रोक लगाने के लिए तेलंगाना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की योजना बना रहे हैं।
अजहरुद्दीन ने नियमों का किया दुरुपयोगन्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) वी ईश्वरैया ने एचसीए की सदस्य इकाइयों में से एक लार्ड्स क्रिकेट क्लब द्वारा दायर याचिका के आधार पर यह निर्णय लिया जिसमें आरोप लगाया गया था कि अजहरुद्दीन ने मनमाने फैसले लेकर तत्कालीन एचसीए अध्यक्ष के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया। न्यायमूर्ति ईश्वरैया एचसीए के आचरण अधिकारी भी हैं।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि 99 टेस्ट और 334 वनडे मैच खेलने वाले अजहर ने दिसंबर 2019 में उत्तरी स्टैंड का नाम अपने नाम पर रखने के प्रस्ताव को पारित कराने के लिए पूर्व एचसीए अध्यक्ष के रूप में शीर्ष परिषद की बैठक में बैठकर नियमों का उल्लंघन किया। एचसीए संविधान के अनुसार किसी प्रस्ताव को आम सभा (एजीएम) द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है।
पूर्व कप्तान ने क्या कहा?अजहरुद्दीन ने कहा,"मैं निश्चित रूप से कानूनी सहारा लूंगा और इस आदेश पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय में अपील करूंगा। यह शर्म की बात है कि एक भारतीय कप्तान का नाम हटाने के लिए कहा जा रहा है।"
पूर्व भारतीय कप्तान ने लोकपाल के आदेश की वैधता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उनका कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है।
जनेऊ के कारण एग्जाम नहीं दे पाया छात्र, अब कर्नाटक के मंत्री ने दिया फ्री सीट का ऑफर; कई मामले आए सामने
एजेंसी, बेंगलुरु। कर्नाटक में इंजीनियरिंग और अन्य संकायों के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईटी) के दौरान छात्र का जनेऊ उतरवाने के मामले में सियासत गरमाई हुई है। कर्नाटक के मंत्री ने बीदर जिले के भीमन्ना खंड्रे प्रौद्योगिकी संस्थान (बीकेआईटी), भालकी में सुचिव्रत कुलकर्णी नामक छात्र को फ्री इंजीनियरिंग सीट की पेशकश की।
सुचिव्रत कुलकर्णी को सीईटी की परीक्षा में जनेऊ पहनने के कारण परीक्षा हॉल में एंट्री नहीं करने दी गई थी। मंत्री ईश्वर बी. खंड्रे ने कहा कि मैंने छात्र को हमारे इंजीनियरिंग कॉलेज में फ्री सीट देने की पेशकश की है। साथी ही शिक्षा मंत्री के साथ अलग परीक्षा कराने पर भी बात चल रही है।
जनेऊ काटने के लिए किया मजबूरइस बीच शिमोगा में दो छात्रों के जनेऊ उतरवाने की घटना के बीच गडग और धारवाड़ में दो और छात्रों का जनेऊ काटने के लिए मजबूर करने का मामला सामने आया है। दो ब्राह्मण छात्रों ने आरोप लगाया है कि परीक्षा से पहले उन्हें जनेऊ काटने के लिए मजबूर किया गया।
बीदर में छात्र को जनेऊ पहनने के कारण परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं देने के मामले में साईं दीप एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने साईं स्पूर्ति पीयू कालेज के प्रधानाचार्य और द्वितीय श्रेणी के सहायक को बर्खास्त कर दिया। छात्र की शिकायत और बीदर जिले के उपायुक्त द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण के बाद यह कार्रवाई की गई।
इस बीच, गडग और धारवाड़ जिले में भी परीक्षा अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर छात्रों का जनेऊ काटकर कूड़ेदान में फेंकने का मामला सामने आया है। एक छात्र ने धारवाड़ में संवाददाताओं से कहा, इस घटना के बाद मैं इतना परेशान हो गया था कि परीक्षा पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सका।
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कर्नाटक के पूर्व DGP की हत्या, घर में खून से लथपथ मिली लाश; पत्नी-बेटी से पूछताछ शुरू
पीटीआई, नई दिल्ली। कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश का खून से लथपथ शव संदिग्ध परिस्थितियों में रविवार को उनके बेंगलुरु स्थित आवास पर मिला है। पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश के शव पर चाकुओं के कई घाव हैं। पुलिस के अनुसार बिहार के चंपारण के रहने वाले 68 वर्षीय आइपीएस अफसर का शव बेंगलुरु स्थित पाश इलाके एचएसआर में स्थित तीन मंजिले मकान के भूतल पर मिला।
पत्नी पर हत्या का शकफर्श पर हर तरफ खून फैला था और हत्या में इस्तेमाल चाकू भी बरामद कर लिया गया है। इस बात की जानकारी उनकी पत्नी पल्लवी ने दी थी। लेकिन पुलिस को शक है कि इस हत्या को अंजाम भी पत्नी ने ही दिया हो सकता है। फिलहाल शक के दायरे में परिवार के सदस्य ही हैं। पुलिस ने प्रकाश की पत्नी पल्लवी और बेटी से पूछताछ शुरू कर दी है। अभी तक हत्या के मूल कारण का पता नहीं चला है।
पुलिस इस मामले में और जानकारियां जुटा रही है।ऐसी रिपोर्ट है कि सेवानिवृत्त हो चुके डीजीपी ओम प्रकाश ने अपने किसी करीबी से ही उनके जीवन को खतरा होने की आशंका जताई थी।
अटाप्सी के लिए भेज गिया गया शवओम प्रकाश के शव को अटाप्सी के लिए भेज गिया गया है और आगे की जांच भी जारी है। 1981 बैच के आइपीएस अफसर ओम प्रकाश बिहार के चंपारण जिले के रहने वाले हैं। वह भूगर्भ-शास्त्र में परास्नातक थे। प्रकाश को एक मार्च, 2015 को डीजीपी नियुक्त किया गया था।
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1 मई से FASTag नहीं करेगा काम, लागू होगी GPS आधारित टोलिंग? यहां जानिए सरकार का जवाब
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले दिनों कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि आने वाले 1 मई 2025 से फास्टैग सिस्टम को बंद कर दिया जाएगा। इसके जगह पर एक सैटेलाइट-बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू किया जाएगा।
इस खबर के सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद लोगों के मन में कई सारे सवाल आ गए। सबसे अधिक हलचल उनके लिए रही जो प्रतिदिन किसी हाईवे या एक्प्रेसवे से यात्रा करते हैं। हालांकि, क्या ऐसा होने वाला है या इसको लेकर सरकार का प्लान क्या है इसपर सड़क परिवहन ने स्पष्ट जवाब दे दिया है।
परिवहन मंत्रालय ने दिया ये जवाबसड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने प्रचारित हो रही सभी इस प्रकार की खबरों को सिरे से खारिज किया है। मंत्रालय ने ऐसी खबरों को गलत एवं भ्रामक बताया है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि 1 मई 2025 से देश भर में FASTag व्यवस्था को हटाकर सैटेलाइट टोलिंग प्रणाली लागू करने का कोई फैसला अभी नहीं लिया गया है। मंत्रालय ने इस प्रकार की खबरों को भ्रामक करार दिया है। जिसका सीधा मतलब है फास्टैग व्यवस्था लागू रहेगी।
कैसे वायरल हुई ये खबर?दरअसल, सरकार आने वाले दिनों में एक नई टेक्नोलॉजी लाने पर विचार कर रही है। जिससे टोल पर रुकने वाला समय बचाया जा सके। सरकार एक नई टेक्नोलॉजी टेस्टिंग पर काम कर रही है। इस नई तकनीक का नाम ANPR-FASTag बेस्ड बैरियर-लेस टोलिंग सिस्टम है।
बता दें कि ANPR का पूरा नाम Automatic Number Plate Recognition यानी एक ऐसी तकनीक है, जो गाड़ी के नंबर प्लेट को पहचान सकता है। यह सिस्टम वर्तमान फास्टैग के साथ जोड़ा जाएगा। इसके जुड़ जाने के बाद गाड़ियों को टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा।
कहां लगाया जाएगा ये नया सिस्टम?जानकारी दें कि सरकार ने फिलहाल इस सिस्टम को कुछ चुनिंदा टोल प्लाजा पर लगाने के लिए टेंडर आमंत्रित किया है। इसके सफल तरीके से काम करने और लोगों की प्रतिक्रिया के आधार पर फैसला लिया जाएगा कि इसको देश भर में लागू किया जाए या नहीं। माना जा रहा है कि अगर वाहन चालक इस सिस्टम में सहयोग नहीं करता है और टोल पेमेंट में गड़बड़ी करता है तो उसको ई-नोटिस भेजा जाएगा। इसके अलावा फास्टटैग भी ब्लॉक हो सकता है।
इस सिस्टम के लगने से क्या होंगे फायदे?- इस सिस्टम के आने से निर्बाध टोल संग्रहण हो सकेगा और यात्रा समय में कमी होगी।
- यातायात प्रवाह में सुधार और भीड़भाड़ में कमी होगी।
- न्यूनतम रुकावटों के साथ वाहन चालक एक सुखद अनुभव प्राप्त कर पाएंगे।
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निशिकांत दुबे पर भड़कीं शमा मोहम्मद, CJI से की एक्शन की मांग; बीजेपी से कहा- बाहर निकालो...
नई दिल्ली, एएनआई। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर सियासी संग्राम छिड़ गया है। खुद बीजेपी ने इस बयान से किनारा कर लिया है, तो वहीं विपक्ष उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है। इसी कड़ी कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद का बयान भी सामने आया है। उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) से निशिकांत दुबे पर एक्शन लेने की बात कही है।
शमा मोहम्मद का कहना है कि अगर निशिकांत दुबे पर कार्रवाई नहीं की गई तो भविष्य में भी न्यायपालिका पर ऐसे हमले होते रहेंगे। साथ ही उन्होंने निशिकांत दुबे को बीजेपी से बाहर करने की मांग की है।
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शमा मोहम्मद ने उठाए सवाल
समाचार एजेंसी ANI से बातचीत के दौरान शमा ने कहा कि निशिकांत दुबे का मानना है कि देश में जो कुछ भी हो रहा है उसके लिए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना जिम्मेदार हैं। न्यायपालिका धर्मिक मुद्दों को हवा दे रही है। आज मैं संजीव खन्ना जी से पूछना चाहूंगी कि न्यायालय की अवमानना (Contempt of Court) के लिए वो निशिकांत दुब के खिलाफ क्या कार्रवाई करेंगे?
CJI से की एक्शन की मांग
शमा मोहम्मद ने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी अक्सर कह चुके हैं कि संविधान खतरे में है। निशिकांत के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए। अगर आज आपने एक्शन नहीं लिया तो कल अन्य लोग भी न्यायपालिका पर सवाल खड़े करने लगेंगे। बीजेपी को भी चाहिए कि निशिकांत दुबे को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाए।
Urging the Hon’ble Supreme Court to initiate contempt proceedings against BJP MP Nishikant Dubey for his outrageous remarks against the CJI and the judiciary.
How dare he speak like this? Imagine the uproar if even a Congress worker had made such a comment even by mistake. pic.twitter.com/banlXZrVRL
— Dr. Shama Mohamed (@drshamamohd) April 19, 2025क्या है पूरा मामला?
बता दें कि निशिकांत दुबे ने बीते दिन सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर सवाल खड़े करते हुए मुख्य न्यायाधीश को कठघरे में खड़ा किया था। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कानून बनाता है तो संसद का क्या काम है। संसद को बंद कर देना चाहिए। निशिकांत दुबे का यह बयान विवादों में घिर गया है।
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