Hindi News
पहलगाम हमले के विरोध में देशभर में आज कैंडल मार्च निकालेगी 'कांग्रेस', संविधान बचाओ रैलियां स्थगित
एएनआई, नई दिल्ली। पहलगाम हमले के विरोध में कांग्रेस शुक्रवार को देशभर में कैंडल मार्च निकालेगी। 25 और 26 अप्रैल को होने वाली सभी संविधान बचाओ रैलियां स्थगित कर दी गई हैं।
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट किया, पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के साथ एकजुटता जताने और इस अमानवीय कृत्य के विरोध में सभी राज्यों के जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ता 25 अप्रैल को कैंडल मार्च निकालेंगे।
संविधान बचाओ रैलियां 27 अप्रैल से फिर शुरू होंगी25 और 26 अप्रैल को होने वाली सभी संविधान बचाओ रैलियां स्थगित कर दी गई हैं। संविधान बचाओ रैलियां 27 अप्रैल से फिर शुरू होंगी।
आतंकियों से कभी भी हो सकता है हिसाब-किताबजम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित खून के प्यासे आतंकियों ने जिस तरह से निर्दोष लोगों का खून बहाया, उसका हिसाब-किताब तो कभी भी हो सकता है, लेकिन उन महिलाओं का सूना जीवन कैसे भरेगा जिनका जीवन अब पूरी तरह से अंधकारमय हो गया है।
उन माताओं का क्या होगा जिनके बुढ़ापे की लाठी ही टूट गई। उन बच्चों का क्या होगा जो अनाथ हो गए। खौफ और तबाही का वो ऐसा मंजर था कि हताशा में महिलाओं द्वारा 'अल्लाहु अकबर' का नारा लगाना भी काम न आया। उनकी आंखों के सामने ही पतियों को गोली मार दी गई।
अल्लाह हू अकबर चिल्लाने लगे
पहलगाम में हुए आतंकी हमले में महाराष्ट्र के भी कई लोग मारे गए हैं। मृतकों में पुणे के दो लोग कौस्तुभ गणबोटे और संतोष जगदाले शामिल हैं। कौस्तुभ गणबोटे की पत्नी ने ऐसी ही भयावहता साझा की। आतंकियों ने पूछा कि क्या हम अजान पढ़ सकते हैं। हताशा में हमने 'अल्लाहु अकबर' का नारा लगाना शुरू कर दिया। फिर भी उन्होंने हमारे पतियों को गोली मार दी।
यह भी पढ़ें- गृह मंत्रालय में सीक्रेट मीटिंग, IB और RAW प्रमुख भी मौजूद, NIA को बड़ी जिम्मेदारी
Pahalgam Attack: RSS समेत विभिन्न संगठनों का राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन आज, बंद रहेगी दिल्ली; जंतर-मंतर पर जुटेंगे संत
जागरण टीम, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगांव में आतंकियों की बर्बर हमले को लेकर उपजा आक्रोश बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को भी देशभर में प्रदर्शन हुए। जगह-जगह लोगों ने कैंडल मार्च निकाला। दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के सामने लोगों ने प्रदर्शन कर गुस्से का इजहार किया। करीब तीन सौ लोगों ने उच्चायोग के सामने प्रदर्शन किया।
पाकिस्तानी उच्चायोग के पास सुरक्षा व्यवस्था हटाईइस बीच, पुलिस ने उच्चा आयोग के आसपास लगे बैरिकेड हटा लिए हैं। आतंकियों की करतूत के विरोध में शुक्रवार को दिल्ली बंद का एलान किया गया है। उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में लगादार दूसरे दिन भी प्रदर्शन हुआ।
पंजाब में पाकिस्तान का पुतला फूंक घटना की कड़ी निंदा कीपंजाब के छह शहरों होशियारपुर, मुक्तसर, आनंदपुर साहिब, अमृतसर के जंडियाला गुरु, पठानकोट व कपूरथला में बाजार भी बंद रहे। होशियारपुर में कर्फ्यू जैसा माहौल रहा। विरोध में राजनीतिक दलों भाजपा, कांग्रेस, आप व अकाली दल के अलावा विभिन्न सामाजिक, हिंदू व धार्मिक संगठनों ने भी प्रदर्शन किया और पाकिस्तान का पुतला फूंक घटना की कड़ी निंदा की।
गुरुग्राम के हिंदू व अन्य संगठनों ने दूसरे दिन भी प्रदर्शन कर रोष जताया। पटौदी में कांग्रेसियों ने कैंडल मार्च निकाला। बिहार में दूसरे दिन भी प्रदर्शन हुआ। पटना में सिख समुदाय के लोगों ने तख्त श्रीहरिमंदिर जी पटना साहिब के मुख्य द्वार से कैंडल मार्च निकाला।
कई जिलों में कांग्रेस, भाजपा, विद्यार्थी परिषद, एआइएसएफ, विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल समेत विभिन्न संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। देहरादून के मुस्लिम बहुल क्षेत्र के व्यापारियों ने सुबह दो घंटे व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखे। पौड़ी के कोटद्वार व दुगड्डा में भी बाजार बंद रहे।
विहिप-बजरंग दल आज करेंगे प्रदर्शनराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के समवैचारिक संगठन संतों की अगुवाई में 25 अप्रैल को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे। जंतर-मंतर पर संत समाज भी आतंकवाद के विरुद्ध हुंकार भरेगा। विहिप व बजरंग दल ने देश के सभी प्रखंड व जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
दिल्ली के 700 से अधिक बाजार बंद रहेंगेएकल अभियान से जुड़े दो लाख गांवों में एक ही समय सुबह नौ से 11 बजे के बीच प्रदर्शन किया जाएगा। व्यापारी संगठनों ने शुक्रवार को दिल्ली बंद और प्रदर्शन का एलान किया है। इस दौरान चांदनी चौक, कनॉट प्लेस, चावड़ी बाजार, सदर बाजार व कश्मीरी गेट समेत 700 से अधिक बाजार बंद रहेंगे।
नेपाल के लोगों में भी आक्रोश बढ़ने लगादवा, सब्जी जैसे आवश्यक वस्तुओं की दुकानें, ढुलाई और पेट्रोल पंप अछूते रहेंगे। नेपाल में भी आक्रोश, आतंकियों का किया पुतला दहनपहलगाम में आतंकी हमले के विरुद्ध नेपाल के लोगों में भी आक्रोश बढ़ने लगा है।
आतंकवाद मुर्दाबाद, आतंकियों का सफाया हो के नारे लगाएजनकपुरधाम में विश्व हिंदू परिषद, हिंदू सम्राट व जानकी सेना सहित विभिन्न संघ-संगठन के लोगों ने पहलगाम घटना के विरुद्ध प्रतिशोध मार्च किया। इसका नेतृत्व नेपाल विश्व हिंदू परिषद के धनुषा जिलाध्यक्ष संतोष साह ने किया।
लोगों ने जानकी मंदिर परिसर से जनक चौक तक आतंकवाद मुर्दाबाद, आतंकियों का सफाया हो के नारे लगाए। इसके बाद हमले में मृत सभी सैलानियों को दीप जलाकर श्रद्धांजलि दी। आतंकियों का पुतला दहन किया।
यह भी पढ़ें- गृह मंत्रालय में सीक्रेट मीटिंग, IB और RAW प्रमुख भी मौजूद, NIA को बड़ी जिम्मेदारी
रैगिंग-यौन उत्पीड़न पर यूजीसी अधिसूचित करे मसौदा नियम, सुप्रीम कोर्ट ने एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स गठित करने का दिया आदेश
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग, यौन उत्पीड़न और जाति, लिंग, अक्षमता समेत अन्य आधार पर भेदभाव को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा तैयार किए गए मसौदा नियम 2025 को अधिसूचित करने अनुमति दे दी।
एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स गठित करने के आदेशजस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने मार्च 24 के उस फैसले का संज्ञान लिया जिसमें ऐसे संस्थानों में होने वाली आत्महत्या के मामलों को देखते हुए छात्रों में मानसिक स्वास्थ्य की चिंताओं को दूर करने और ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स गठित करने के आदेश दिए थे।
पीठ ने कहा, इस संबंध में हम यह स्पष्ट करना उचित समझते हैं कि यूजीसी मसौदा नियम 2025 को अंतिम रूप देकर इसे अधिसूचित करे।
टास्क फोर्स की सिफारिशों के अतिरिक्त काम करेंगेपीठ ने कहा कि मार्च 24 के अमित कुमार मामले में अदालत द्वारा दिए गए आदेश, इन नियमों में टास्क फोर्स की सिफारिशों के अतिरिक्त काम करेंगे। पीठ ने यह आदेश एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया जिसमें टास्क फोर्स की सिफारिशों पर आधारित नियमों पर अदालत द्वारा अंतिम मुहर लगाए जाने तक किसी भी व्यक्ति को इनमें उचित जोड़ या घटाव की अनुमति होनी चाहिए।
इंदिरा जयसिंह और सॉलिसिटर जनरल में हुई तीखी बहसअदालत ने कहा कि यह बिना कहे ही माना गया है। सुनवाई के दौरान नियमों के भीतर विस्तृत जानकारी ना दिए जाने को लेकर रोहित वेमुला व पायल ताड्वी की मां की तरफ से आईं वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह की केंद्र सरकार व यूजीसी की ओर से आए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के साथ तीखी बहस भी हुई।
इस पर पीठ ने कहा कि अगर प्रस्तावित नियम लागू किए जाते हैं तो टास्क फोर्स के पास इनका मूल्यांकन करने और कोई कमी पाए जाने पर इनमें अपनी सिफारिश करने का मौका होगा।
निर्विरोध निर्वाचन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाबसुप्रीम कोर्ट ने निर्विरोध निर्वाचन की व्यवस्था करने वाली धारा पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। एक जनहित याचिका में कहा गया है कि इकलौते प्रत्याशी को विजेता घोषित करना सही नहीं है। मतदाताओं को मतदान के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।
लोग चाहें तो नोटा को भी वोट दे सकते हैंयाचिका में कहा गया है कि लोग चाहें तो नोटा को भी वोट दे सकते हैं इसलिए, यह नहीं कहा जा सकता कि एक ही प्रत्याशी हो तो मतदान करवाने की कोई जरूरत नहीं।विधि सेंटर फार लीगल पालिसी नाम की संस्था की तरफ से 2024 में दाखिल याचिका में जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 53(2) को चुनौती दी गई है।
यह धारा कहती है कि जब कोई दूसरा प्रत्याशी चुनाव मैदान में न हो, तो इकलौते प्रत्याशी को निर्विरोध निर्वाचित माना जाएगा। याचिका में कहा गया है कि अब लोगों के पास नोटा (इनमें से कोई नहीं) का विकल्प है।
भारत में मजबूत और उच्चस्तरीय लोकतांत्रिक व्यवस्था - कोर्टजस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता की तरफ से जताई गई एक आशंका का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अगर किसी प्रत्याशी के दबाव के चलते कोई और नामांकन न करे, तो लोगों को बिना मतदान का अवसर दिए इकलौते प्रत्याशी को चुना हुआ मान लिया जाएगा।
जस्टिस सूर्य कांत ने कहा कि भारत में मजबूत और उच्चस्तरीय लोकतांत्रिक व्यवस्था है। ऐसे में कम से कम यह देखा जाना चाहिए कि किसी उम्मीदवार को कितने लोग समर्थन देते हैं।
कोर्ट ने कहा कि वह कोई अनिवार्य आदेश नहीं दे रहे हैकोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह कुछ ऐसे प्रविधान बनाए, जिनके तहत चुनावों में निर्विरोध निर्वाचित उम्मीदवारों को विजेता घोषित किए जाने से पहले कम से कम एक निश्चित प्रतिशत वोट हासिल करना अनिवार्य हो। कोर्ट ने कहा कि वह कोई अनिवार्य आदेश नहीं दे रहे है। सिर्फ इस मुद्दे पर सरकार की राय पूछ रहे है। इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टाल दी।
यह भी पढ़ें- 'दिल्ली में सक्रिय अपराधी गैंग से निपटने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट जरूरी', सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कही ये बात
वीर सावरकर अपमान मामला : राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में दी दस्तक, आज होगी सुनवाई
पीटीआई, नई दिल्ली। विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मानहानि के इस मामले में उनके खिलाफ जारी समनों को खारिज करने से इन्कार कर दिया था।
एक रैली में सावरकर के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थीजस्टिस दीपांकर दत्ता और मनमोहन की खंडपीठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई करेगी। राहुल ने 17 नवंबर, 2022 को महाराष्ट्र के अकोला जिले में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक रैली में सावरकर के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
राहुल गांधी एक रिवीजन पेटिशन दायर कर सकते हैंहाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने विगत चार अप्रैल को कहा था कि राहुल गांधी इस मामले में एक रिवीजन पेटिशन दायर कर सकते हैं। ताकि हाई कोर्ट का दखल इस समय में अनावश्यक हो जाए।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने उनके खिलाफ जारी अदालती कार्यवाही के साथ ही उन्हें समन जारी करने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने का भी फैसला किया है।
सावरकर को बदनाम करने की एक सोची-समझी साजिशउल्लेखनीय है कि अधिवक्ता निपेंद्र पांडेय ने गांधी के खिलाफ सावरकर का अपमान करने का आरोप लगाने वाली एक शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि राहुल गांधी का यह बयान सावरकर को बदनाम करने की एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा था।
यह भी पढ़ें- 'दिल्ली में सक्रिय अपराधी गैंग से निपटने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट जरूरी', सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कही ये बात
राहुल गांधी आज जाएंगे जम्मू-कश्मीर, पहलगाम आतंकी के पीड़ितों से कर सकते हैं मुलाकात
एएनआई, नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी आज (शुक्रवार को) श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे। अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर गए राहुल गांधी ने अपनी यात्रा बीच छोड़कर गुरुवार सुबह जल्दी ही नई दिल्ली लौट आए।
पीएम मोदी और सीतारमण ने भी अपनी यात्रा बीच में छोड़ीगौरतलब है कि पहलगाम में हुए हमले के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी सऊदी अरब और अमेरिका की अपनी यात्राएं बीच में ही रोक दी। इससे पहले दिन में केंद्र सरकार ने सुरक्षा स्थिति पर विचार-विमर्श करने और हमले के लिए सामूहिक प्रतिक्रिया तैयार करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।
हमले के बाद भारत ने सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कड़े जवाबी कदम उठाए हैं।
पीएम मोदी की बैठक में उठाए गए अहम कदमप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखने का फैसला किया है, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देने से पूरी तरह से मना नहीं कर देता तक यही हालात रहेंगे और भारत ने अटारी चेक पोस्ट को बंद कर दिया है।
पाकिस्तानी वीजा रद किए गएभारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों को अवांछित घोषित कर दिया है और उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया है। देश ने आगे सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत दिए जाने वाले सभी वीजा को रद्द करने का फैसला किया है और पाकिस्तान को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है।
भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का भी निर्णय लिया है। विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि भारत द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी मौजूदा वैध वीजा 27 अप्रैल 2025 से रद हो जाएंगे।
आतंकियों को कड़ी कार्रवाई के निर्देशइस बीच, पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के परिवारों ने अपने प्रियजनों की मौत पर शोक व्यक्त किया और सरकार से इस जघन्य अपराध के अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया।
पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल का अंतिम संस्कार उनके पैतृक स्थान करनाल में किया गया। शिवमोगा निवासी मंजूनाथ राव आतंकी हमले में मारे गए। पारिवारिक मित्र दत्तात्रेय ने सरकार से आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आग्रह किया।
आतंकी हमले में मारे गए 25 भारतीय नागरिकआतंकवादियों ने मंगलवार को पहलगाम के बैसरन मैदान में पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक मारे गए, जबकि कई अन्य घायल हो गए, यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमलों में से एक था जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे।
यह भी पढ़ें- न्यूयॉर्क टाइम्स ने आतंकवादी को लिखा ‘उग्रवादी’, तो अमेरिकी संसद ने लगाई फटकार
सिक्किम में कुदरत का कहर, बारिश-भूस्खलन से सड़कें टूटी; पर्यटन स्थल जाने पर लगी रोक
एएनआई, मंगन (सिक्किम)। उत्तरी सिक्किम में लाचेन चुंगथांग रोड पर मुंशीथांग और लाचुंग चुंगथांग रोड पर लेमा/बॉब में भारी भूस्खलन हुआ है। इस क्षेत्र में लगातार भारी बारिश हो रही है, जिससे रात में सड़कें दुर्गम हो गई हैं।
बारिश के कारण रात में यात्रा करना असुरक्षितहालांकि चुंगथांग की सड़क खुली है, लेकिन भारी बारिश के कारण रात में यात्रा करना असुरक्षित हो गया है। नतीजतन, उत्तरी सिक्किम के लिए परमिट कल जारी नहीं किए जाएंगे और जारी किए गए सभी अग्रिम परमिट रद माने जाएंगे।
उत्तरी सिक्किम के मंगन जिले के पुलिस अधीक्षक सोनम देचू भूटिया ने चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति और भूस्खलन के कारण सड़कों पर आई रुकावटों के कारण परमिट रद करने की घोषणा की।
चुंगथांग की सड़क खुली लेकिन हो रही भारी बारिशभूटिया ने कहा कि लाचेन चुंगथांग रोड पर मुंशीथांग और लाचुंग चुंगथांग रोड पर लेमा/बॉब में भारी भूस्खलन हुआ है। इसके अलावा, उत्तरी सिक्किम में लगातार बारिश हो रही है। चुंगथांग की सड़क खुली है, लेकिन भारी बारिश के कारण रात में वहां नहीं पहुंचा जा सकता। इसलिए, उत्तरी सिक्किम के लिए परमिट कल जारी नहीं किए जाएंगे और जारी किए गए सभी अग्रिम परमिट रद्द माने जाएंगे।
भूस्खलन ने उत्तरी सिक्किम में लाचेन, लाचुंग और युमथांग जैसे पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण मार्गों को प्रभावित किया है, जो वसंत और गर्मियों के मौसम में पर्यटकों के बीच लोकप्रिय क्षेत्र हैं।
पर्यटकों के लिए जारी की गई चेतावनीअधिकारियों ने पर्यटकों और निवासियों को इन मार्गों पर यात्रा करने के प्रयास के खिलाफ चेतावनी दी है क्योंकि आगे भूस्खलन और सड़क के ढहने का खतरा अधिक है।
पहलगाम आतंकी हमले में घायलों का मुफ्त इलाज कराएंगे मुकेश अंबानी, लीलावती अस्पताल ने भी कर दिया बड़ा एलान
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत के उद्योगपति और रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले में घायल हुए लोगों का मुंबई स्थित अपने अस्पताल में मुफ्त इलाज कराने की पेशकश की है।
घायलों को मुफ्त चिकित्सा प्रदान करने की घोषणाउन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। इसके अलावा, मुंबई के लीलावती अस्पताल व रीसर्च सेंटर ने भी पहलगाम आतंकी हमले के घायलों को मुफ्त चिकित्सा प्रदान करने की घोषणा की है।
मुकेश अंबानी ने जताया दुखरिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले में निर्दोष भारतीयों की मौत पर शोक व्यक्त करने में रिलायंस परिवार के सभी लोग मेरे साथ हैं। हम पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। हम हमले में घायल हुए सभी लोगों के शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
अस्पताल सभी घायलों का मुफ्त इलाज करेगाआगे कहा कि मुंबई में हमारा रिलायंस फाउंडेशन सर एच.एन. अस्पताल सभी घायलों का मुफ्त इलाज करेगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। इसे किसी भी तरह से किसी भी व्यक्ति द्वारा समर्थन नहीं दिया जाना चाहिए। हम आतंकवाद के खतरे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में अपने माननीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार और पूरे देश के साथ खड़े हैं।
उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में लोगों को उनका धर्म पूछकर गोलियों से छलनी किया गया था। इस हमले में करीब 28 लोग मारे गए और कम से कम बीस लोग घायल हुए हैं।
लीलावती अस्पताल के लोग इस आतंकी घटना से स्तब्धजबकि लीलावती अस्पताल के स्थायी ट्रस्टी राजेश मेहता ने एक बयान जारी करके कहा कि लीलावती अस्पताल के लोग इस आतंकी घटना से स्तब्ध हैं। वह इस हमले में घायल हुए लोगों का मुफ्त इलाज करेंगे। जिन्हें भी चिकित्सा व देखभाल की आवश्यकता हो वह अस्पताल से तुरंत संपर्क करें।
'दिल्ली में सक्रिय अपराधी गैंग से निपटने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट जरूरी', सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कही ये बात
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार द्वारा राजधानी में 95 अपराधी गैंग की मौजूदगी की जानकारी दिए जाने पर कहा कि अपराधियों से जुड़े मामलों से तेजी से निपटने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की सख्त जरूरत है।
मुकदमे में देरी का फायदा उठा रहे अपराधीजस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने कहा कि खूंखार अपराधी न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहे हैं और लंबी सुनवाई के आधार पर जमानत पाने के लिए मुकदमे में देरी का फायदा उठा रहे हैं।
पीठ ने दिल्ली सरकार की तरफ से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल एसडी संजय से कहा, ''अगर आप मुकदमे को लंबित रखेंगे, उन्हें जमानत मिल जाएगी। इस देश में जहां गवाहों के लिए कोई सुरक्षा नहीं है, आप अच्छी तरह जानते हैं कि उन गवाहों के साथ क्या होने जा रहा है।''
अदालत के सामने की गई हत्यादिल्ली में 95 अपराधी गुटों के काम करने की जानकारी दिए जाने पर पीठ ने अखबार की एक रिपोर्ट के बारे में बताया, ''एक अल्पसंख्यक समुदाय की लड़की की बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी गई और इसे प्रेम प्रसंग का मामले बताया गया। अंतत: पता चला कि वह लड़की एक हत्याकांड में गवाह थी। यह अदालत के सामने बयान देने से रोकने के लिए एक सोची-समझी हत्या थी। और ये सब इसलिए क्योंकि वह दबाव में नहीं आ रही थी। यहां पर माफिया इस तरह काम करते हैं।''
पूरी तरह संगठित अपराध चल रहा हैसंजय द्वारा एक गैंग्सटर महेश खत्री और उर्फ भोली से जुड़े अलग-अलग अदालतों के मुकदमों को हाई कोर्ट में चलाने से संबंधित चर्चा की जानकारी दिए जाने पर पीठ ने कहा कि पहले वह उन लोगों की पहचान करें जिनके खिलाफ तेजी से मुकदमे चलाने हैं। यह बदमाश दिल्ली में ही नहीं एनसीआर में सक्रिय हैं और उनके खिलाफ अन्य जगहों पर भी मुकदमे हैं। पूरी तरह संगठित अपराध चल रहा है।
पीठ ने गैंग्सटरों से जुड़े मामलों की तेज सुनवाई को लेकर कही ये बातइस पर पीठ ने कहा कि फरवरी और मार्च 2025 के आदेशों को लेकर एक प्रस्ताव बनाया गया था, जिस पर संबंधित उच्चाधिकारी सक्रिय रूप से विचार कर रहे हैं। इसके बाद पीठ ने गैंग्सटरों से जुड़े मामलों की तेज सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें स्थापित करने के लिए एक असरदार प्रस्ताव बनाकर देने के लिए तीन सप्ताह का वक्त दिया और अगली सुनवाई 24 जुलाई को रखी।
पैसे के लिए नहीं भटकेंगे पहलगाम आतंकी हमले की पीड़ित, LIC तुरंत दावों का त्वरित करेगी निपटारा
आईएएनएस, मुंबई। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) ने गुरुवार को घोषणा की कि वह पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के पीड़ितों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध है और उन्हें वित्तीय राहत प्रदान करने के लिए दावों के निपटान में तेजी लाएगी। एलआइसी ने आतंकवादी हमले में निर्दोष नागरिकों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
एलआइसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने की ये बातएलआइसी ने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र के बदले, आतंकवादी हमले के कारण पालिसीधारक की मृत्यु के सरकारी रिकॉर्ड में मौजूद कोई भी सुबूत या केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा भुगतान किया गया कोई मुआवजा मृत्यु के सुबूत के रूप में स्वीकार किया जाएगा।
एलआइसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ मोहंती ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे कि दावेदारों तक पहुंचा जाए तथा प्रभावित परिवारों के दावों का शीघ्रता से निपटान किया जाए।
उन्होंने कहा कि सहायता के लिए दावेदार निकटतम एलआइसी कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। दावेदार 022 68276827 पर कॉल कर सकते हैं।
आतंकी हमले के बाद बलिदानी हैलियांग ने जान जोखिम में डालकर की लोगों की मददभारतीय वायुसेना के वीर सैनिक तागे हैलियांग ने पहलगाम में आतंकी हमले के बाद अपनी जान जोखिम में डालकर कई पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर उनकी जान बचाई, लेकिन लोगों को बचाने के प्रयास में आतंकी की गोली लगने से वह बलिदान हो गए।
हैलियांग अपनी पत्नी के साथ पहलगाम में छुट्टियां मनाने के लिए पहुंचे थेहैलियांग अपनी पत्नी के साथ पहलगाम में छुट्टियां मनाने के लिए पहुंचे थे। हैलियांग का पार्थिव शरीर गुरुवार को असम से सड़क मार्ग से सुबह करीब 7.30 बजे तजांग गांव में उनके घर पहुंचा। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने लोअर सुबनसिरी जिले के ताजंग गांव स्थित हैलियांग के घर गए और पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी।
हैलियांग के पास भागकर जान बचाने का मौका था, लेकिन वह नहीं भागाखांडू ने कहा कि हैलियांग का नाम अरुणाचल प्रदेश के इतिहास में वीरता के प्रतीक के रूप में हमेशा अंकित रहेगा। हैलियांग के पास भागकर जान बचाने का मौका था, लेकिन उन्होंने लोगों की रक्षा करने का फैसला किया। उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हैलियांग के पैतृक गांव में स्थायी स्मारक का निर्माण करेगी, जिसमें जीरो और हरियाणा के वनवासी कल्याण आश्रम में उनकी प्रारंभिक शिक्षा, डान बास्को, ईटानगर से स्नातक की डिग्री और 2017 से वायुसेना में उनकी समर्पित सेवा को प्रदर्शित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने हैलियांग के परिवार को 50 लाख देने की घोषणा कीमुख्यमंत्री ने हैलियांग के परिवार को 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने के साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की भी घोषणा की। खांडू ने वीर सैनिक की पत्नी, माता-पिता और परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और अपनी संवेदना जताई।
Pahalgam Terrorist Attack: गृह मंत्रालय में सीक्रेट मीटिंग, IB और RAW प्रमुख भी मौजूद, NIA को बड़ी जिम्मेदारी
एएनआई, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद जारी गहमागहमी के बीच गुरुवार को गृह मंत्रालय में शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की एक बैठक हुई।
हालांकि, सर्वदलीय बैठक से पहले आयोजित इस बैठक के एजेंडा को लेकर कोई सूचना आधिकारिक रूप से जारी नहीं की गई, लेकिन माना जा रहा है कि इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा या आंतरिक मामलों से जुड़े गंभीर मुद्दे पर चर्चा की गई।
बैठक में गृह सचिव गोविंद मोहन और रॉ चीफ रहे मौजूदसूत्रों के अनुसार, बैठक में गृह सचिव गोविंद मोहन, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और रिसर्च एंड एलालिसिस विंग (रा) के प्रमुख रवि सिन्हा जैसे दिग्गज उपस्थित रहे।
हमले के अगले दिन यानी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुलाई गई सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक के बाद शीर्ष सुरक्षाधिकारियों की इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
एनआइए जांच में जम्मू-कश्मीर पुलिस की मदद कर रहीइन अधिकारियों के बीच बैठक को विशिष्ट आतंरिक सुरक्षा उपायों पर योजना बनाने के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े जरूरी मुद्दों पर पुख्ता तैयारी बताया गया है।
यह भी पता चला है कि हमले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय मामले की जांच जल्द ही एनआइए को सौंपेगी। इस संबंध में आधिकारिक निर्णय अभी लिया जाना है। इस बीच एनआइए जांच में जम्मू-कश्मीर पुलिस की मदद कर रही है।
राष्ट्रपति से मिले गृह मंत्री और विदेश मंत्रीपहलगाम आतंकी हमले के दो दिन बाद गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की। केंद्रीय मंत्रियों की राष्ट्रपति के साथ मुलाकात सर्वदलीय बैठक से पहले हुई।
कुछ बड़ा होने वाला है...? बॉर्डर पर अलर्ट, दिल्ली में हाईलेवल मीटिंग; श्रीनगर जाएंगे सेना प्रमुख
एएनआई, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार एक्शन मोड में है। भारत-पाक बॉर्डर भी अलर्ट मोड पर है। इसी बीच भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए कल (25 अप्रैल) श्रीनगर का दौरा करेंगे।
स्थानीय सैन्य संरचनाओं के शीर्ष कमांडर उन्हें घाटी और एलओसी पर बल द्वारा उठाए गए आतंकवाद विरोधी उपायों के बारे में जानकारी देंगे। 15 कोर कमांडर और राष्ट्रीय राइफल्स के अन्य गठन कमांडर इस दौरे के दौरान मौजूद रहेंगे।
दिल्ली में हुई थी सेना प्रमुख की हाईलेवल मीटिंगबता दें कि मंगलवार को देश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), तीनों सेनाओं के प्रमुख और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ एक अहम बैठक की।
सेना प्रमुखों ने दी सुरक्षा स्थिति की जानकारीसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने रक्षा मंत्री को पहलगाम और पूरे जम्मू कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है और आतंकियों को पकड़ने के लिए सर्च अभियान जारी है।
Pahalgam Terror Attack: 'हिंदू-मुस्लिम अलग हो जाओ, कलमा पढ़ो'; जान गंवाने वाले शैलेश के बेटे ने बताया आतंकियों का हुलिया
एएनआई, नई दिल्ली। पहलगाम हमले (Pahalgam Terror Attack) में मारे गए लोगों को परिजनों और जो लोग बाल- बाल बचे वो दुनिया को अपनी आपबीती सुना रहे हैं। इस आतंकी हमले में गुजरात के रहने वाले शैलेश कलथिया भी मारे गए। हमले के दौरान उनका बेटा नक्श कलथिया भी बैसरन घाटी में अपने पिता के साथ मौजूद था।
नक्श ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया," हम पहलगाम, जम्मू-कश्मीर में 'मिनी स्विटजरलैंड' पॉइंट पर थे। हमने गोलियों की आवाज सुनी। जैसे ही हमें लगा कि आतंकवादी इलाके में घुस आए हैं, हम छिप गए। लेकिन, उन्होंने हमें ढूंढ लिया। हमने दो आतंकवादियों को देखा।
'आतंकियों ने लोगों को कलमा पढ़ने को कहा'नक्श ने आगे कहा,"मैंने सुना कि उनमें से एक ने सभी लोगों को मुस्लिम और हिंदू में अलग होने का आदेश दिया और फिर सभी हिंदू पुरुषों को गोली मार दी। आतंकवादियों ने पुरुषों से तीन बार 'कलमा' पढ़ने को कहा, जो लोग इसे नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी गई।
#WATCH | Surat, Gujarat | Shailesh Kalthia, a native of Varachha area of Surat city, was killed in the Pahalgam terror attack on 22nd April.
His son, Naksh Kalthia, says, "We were at the 'mini Switzerland' point in Pahalgam, J&K. We heard gunshots... We hid once we realised… pic.twitter.com/t0tKrc5dtI
नक्श ने आगे कहा कि जब आतंकवादी चले गए, तो स्थानीय लोग आए और कहा कि जो लोग बच गए हैं, उन्हें तुरंत नीचे उतर जाना चाहिए। हम पॉइंट से नीचे उतरने के एक घंटे बाद सेना आई। आतंकवादी उन्हें (मेरे पिता को) बिल्कुल भी बोलने नहीं दे रहे थे। उन्होंने (मेरी मां से) कुछ नहीं कहा। आतंकवादियों में से एक गोरा था और उसकी दाढ़ी थी। उसने अपने सिर पर कैमरा बांधा हुआ था। उन्होंने महिलाओं और बच्चों को छोड़ दिया।"
'पाकिस्तान से आए इन कुत्तों को...', ओवैसी ने पहलगाम हमले पर उठाए ये दो सवाल, बताया कैसे मिलेगा इंसाफ
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन में मंगलवार को हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि इन आतंकयों के खात्मे से ही उन लोगों के परिवार को न्याय मिलेगा, जिनकी इसमें हत्या हुई है।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'एक ऐसी जगह जहां इतने सारे पर्यटक थे, वहां एक भी पुलिस कर्मी या सीआरपीएफ कैंप नहीं था। क्विक रिएक्शन टीम (QRT) को मौके पर पहुंचने में एक घंटे से अधिक का समय लगा और इन कमीनों-हरमजादों ने लोगों से उनका धर्म पूछने के बाद उन्हें गोली मार दी।'
ओवैसी ने उठाए सवाल?उन्होंने कहा कि वे पाकिस्तान से आए थे और पाकिस्तान उनका समर्थन करता है। वे सीमा कैसे पार कर गए? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? वे पहलगाम पहुंचे गए तो श्रीनगर भी पहुंच सकते थे... न्याय तभी होगा जब जवाबदेही तय होगी... हम आतंकी हमले की निंदा करते हैं।
पीएम से सर्वदलीय बैठक का आग्रहबता दें कि एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि पहलगाम सर्वदलीय बैठक के लिए संसद में सदस्यों की संख्या की परवाह किए बिना सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया जाए।
ओवैसी ने रिजिजू से की फोन पर बात- ओवैसी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने बुधवार रात केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू से बात की और उन्हें बताया गया कि एनडीए सरकार केवल 'पांच या 10 सांसदों' वाले दलों को आमंत्रित करने पर विचार कर रही है।
- ओवैसी ने यह भी कहा कि जब उन्होंने पूछा कि कम सांसदों वाले दलों को क्यों नहीं? तो केंद्रीय मंत्री ने जवाब दिया कि बैठक 'बहुत लंबी' हो जाएगी और उन्होंने मजाक किया कि एआईएमआईएम नेताओं की आवाज वैसे भी बहुत तेज है।
- गुरुवार शाम को होने वाली बैठक में केंद्र विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को पहलगाम आतंकी हमले के बारे में जानकारी देगा और उनके विचार सुनेगा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह नेताओं को जानकारी देंगे। सिंह बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
ओवैसी ने कहा कि यह भाजपा या किसी अन्य पार्टी की आंतरिक बैठक नहीं है, बल्कि आतंकवाद और आतंकवादियों को पनाह देने वाले देशों के खिलाफ एक मजबूत और एकजुट संदेश भेजने के लिए एक सर्वदलीय बैठक है। क्या नरेंद्र मोदी सभी दलों की चिंताओं को सुनने के लिए एक घंटा अतिरिक्त नहीं दे सकते?
यह भी पढ़ें: 'चार दिन में भारत छोड़ दें पाकिस्तानी नागरिक', पहलगाम के बाद एक और बड़ा प्रहार; वीजा सेवा तत्काल सस्पेंड
'चार दिन में भारत छोड़ दें पाकिस्तानी नागरिक', पहलगाम के बाद एक और बड़ा प्रहार; वीजा सेवा तत्काल सस्पेंड
एएनआई, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर, भारत सरकार ने पाकिस्तान के नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया है।
इसके तहत, 27 अप्रैल से सभी मौजूदा वैध वीजा रद कर दिए जाएंगे। सिर्फ चिकित्सा वीजा 29 अप्रैल तक वैध रहेंगे। भारत में वर्तमान में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को निर्धारित समय सीमा के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।
In continuation of the decisions made by the Cabinet Committee on Security in the wake of the Pahalgam terror attack, the Government of India has decided to suspend visa services to Pakistani nationals with immediate effect. All existing valid visas issued by India to Pakistani… pic.twitter.com/P2Du6Dvc9Q
— ANI (@ANI) April 24, 2025भारत सरकार ने लोगों को दी सलाह
भारत सरकार ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान यात्रा से बचने की सलाह दी है। साथ ही, पाकिस्तान में वर्तमान में मौजूद भारतीय नागरिकों से आग्रह किया गया है कि वे जल्द से जल्द भारत लौट आएं।
भारत ने लिए बड़े एक्शन
यह कदम उस आतंकवादी हमले के जवाब में उठाया गया है, जिसमें 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 पर्यटकों की जान गई थी। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है और कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इससे पहले, भारत ने सिंधु जल समझौते को निलंबित किया था और वाघा-अटारी सीमा को बंद कर दिया था।
पहलगाम हमले के बाद भारत की 'डिजिटल स्ट्राइक', पाकिस्तान सरकार का ऑफिशियल X अकाउंट सस्पेंड
Video: जहां पाकिस्तान करने वाला था मिसाइल टेस्टिंग, वहां भारत ने किया INS सूरत से सफल परीक्षण
एएनआई, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) के बाद भारत सरकार पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन मोड में है। राजनीतिक, आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चे पर पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत ने मंगलवार को पांच बड़े फैसले लिए। इसी बीच भारतीय नौसेना ने अपने बनाए स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस सूरत ने समुद्र में तेजी से उड़ाने वाले टारगेट पर सटीक हमला किया है।
स्वदेशी निर्देशित मिसाइल Destroyer ने समुद्र में टारगेट को हिट किया। इस उपलब्धि से नौसेना और भी ज्यादा ताकतवर हो चुकी है। यह उपलब्धि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के विजन को दिखाता है।
अरब सागर में पाक करने जा रहा मिसाइल टेस्टिंगअरब सागर में किया गया है यह सफल परीक्षण इसलिए भी काफी अहम है क्योंकि, पाकिस्तान भी इसी इलाके में मिसाइल टेस्टिंग करने जा रहा है। हाल ही में पाकिस्तान ने नोटिफिकेशन जारी किया था। पाकिस्तान ने अरब सागर क्षेत्र में मिसाइल परीक्षण करने का एलान किया है। यह मिसाइल सतह से सतह पर मारने करने वाली होगी। आशंका जताई जा रही है कि 24-25 अप्रैल को कराची तट पर किया जाएगा।
बता दें कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में पीएम आवास में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने पांच अहम फैसले लिए।
#IndianNavy's latest indigenous guided missile destroyer #INSSurat successfully carried out a precision cooperative engagement of a sea skimming target marking another milestone in strengthening our defence capabilities.
Proud moment for #AatmaNirbharBharat!@SpokespersonMoD… pic.twitter.com/hhgJbWMw98
- 1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित रहेगी, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता।
- एकीकृत चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 01 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं।
- पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) वीजा के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी एसवीईएस वीजा को रद्द माना जाएगा। एसवीईएस वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।
- नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है। पाकिस्तान में मौजूद भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा/नौसेना/वायु सलाहकारों को भारत वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे। सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाया जाएगा।
- उच्चायोगों की कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 किया जाएगा, जिसे 01 मई 2025 तक और कम किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: 'मोदी को बता देना...', आतंकियों ने पति को गोली मारने के बाद पत्नी से क्यों कहा था; सेना के पूर्व अधिकारी ने बताया
'मोदी को बता देना...', आतंकियों ने पति को गोली मारने के बाद पत्नी से क्यों कहा था; सेना के पूर्व अधिकारी ने बताया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम में आतंकियों ने देश के 26 परिवारों को कभी ना भूलने वाले जख्म दे दिए। आतंकियों ने मंगलवार दोपहर एक-एक कर कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया। आतंकियों ने पर्यटकों से धर्म पूछकर उनकी हत्या की थी। हमले में कई महिलाओं की मांग सूनी हो गई तो बच्चों के सिर से उनके पिता का साया छूट गया।
वहीं, आतंकी हमले में अपने पति को खोने वाली कर्नाटक की पल्लवी को अभी भी यकीन नहीं हो रहा है। पल्लवी अपने पति और बेटे के साथ पहलगाम घूमने गई थी। पल्लवी की आंखों के सामने ही उनके पति की नृशंस हत्या कर दी गई। गोलियां चलाने वाले आतंकी ने कहा था, 'जाओ तुम्हें नहीं मारता, जाकर मोदी को बता देना।'
आतंकियों ने पल्लवी से ऐसा क्यों कहा?रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने बताया कि कारण हो सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी शक्तिशाली देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। पीएम देश को एकजुट कर रहे हैं। वह देश को प्रगति की ओर ले जा रहे हैं। पूरी दुनिया में उनकी धमक है।
पीएम मोदी साफ कह चुके हैं कि मैं पाकिस्तान के बारे में बात नहीं करने जा रहा हूं। मैं पाकिस्तान पर ध्यान नहीं देने जा रहा हूं।
उन्होंने आगे कहा कि धारा 370 हटाना, घाटी में कई विकास कार्य... जैसे ट्रेन नेटवर्क का वहां पहुंचना। सरकार के इन फैसलों से आतंकी बौखलाए हुए हैं। इसलिए उमर अब्दुल्ला या आर्मी को बताने का मजा नहीं आएगा। आतंकियों ने ऐसा सोचा होगा।
Why did terrorists tell the woman, 'Go tell Modi,' after killing her husband in the Pahalgam attack?#ANIPodcast #Pahalgam #Tourists #Civilians #Kashmir #India #Terrorist
Watch Full Episode Here: https://t.co/J7HFfXsyDx pic.twitter.com/mZjOrbiIAT
— ANI (@ANI) April 24, 2025 पल्लवी ने क्या बताया?गौरतलब है कि पल्लवी अपने पति रंजन और बेटे के साथ कश्मीर में छुट्टियां मनाने आई थी। वह मंगलवार सुबह ही पहलगाम पहुंचे थे और घूमते हुए बैसरन आए थे।
दोपहर करीब दो बजे हम घूम रहे थे। अचानक वहां गोलियां चलीं और मैंने अपने पति को अपनी आंखों के सामने जमीन पर गिरते देखा। उन्होंने मेरे सामने दम तोड़ दिया।
उन्होंने आगे बताया कि आतंकियों की संख्या करीब चार थी। मैंने उनसे कहा कि अब मैं यहां क्या करूंगी, मुझे तो आपने जीते जी मार दिया है, मुझे भी मार दो। एक हमलावर ने कहा कि जाओ तुम्हें जिंदा छोड़ा, जाकर मोदी को बता देना।
ANI से मिले इनपुट के आधार पर
ये भी पढ़ें:
'मैं क्रिश्चियन हूं', सुनते ही आतंकियों ने सीने में मार दी गोली; इंदौर के सुशील नाथानिएल के भाई ने बयां किया खौफनाक सच
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मध्यप्रदेश के इंदौर निवासी और LIC में ब्रांच मैनेजर के पद पर काम करने वाले सुशील नाथानिएल की आतंकियों ने बेरहमी से हत्या कर दी। इस हमले में उनकी बेटी अकांक्षा के पैर में गोली लगी और वह अस्पताल में भर्ती है।
इंदौर निवासी यह परिवार 19 अप्रैल को कश्मीर की यात्रा पर गया था। सुशील के साथ उनकी पत्नी जेनिफर, बेटा ऑस्टिन और बेटी शामिल थे। सुशील के भाई विकास नाथानिएल ने बताया कि आतंकियों ने सुशील से कलमा पढ़ने को कहा और जब उन्होंने बताया कि वो ईसाई हैं तो आतंकियों ने गोली मार दी।
कलमा पढ़ने को कहा और फिर मार दी गोली
विकास नाथानिएल ने बताया कि मंगलवार रात 9.30 बजे उनके भतीजे ऑस्टिन का फोन आया और फिर उसने दुखद सूचना दी। उन्होंने कहा, "भाभी जेनिफर ने बताया कि आतंकियों ने सुशील भइया से घुटनों के बल बैठकर कलमा पढ़ने को कहा। भइया ने जब बताया कि वो ईसाई हैं, तो इतने में आतंकी ने गोली चला दी। हमारी भतीजी अकांक्षा के पैर में गोली लगी है।"
रायपुर निवासी दिनेश मिराणिया की भी मौत
पहलगाम आतंकी हमले में छत्तीसगढ़ के रायपुर निवासी व्यापारी दिनेश मिराणिया की भी मौत हो गई। जैसे ही उनकी मौत की खबर आई तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, जो मुंबई में चल रही टेक्सटाइल और स्टील उद्योग की बैठक को बीच में छोड़ दिया और सीधे रायपुर लौट आए।
मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं दो दिनों के लिए मुंबई दौरे पर था लेकिन जैसे ही खबर मिली मैं तुरंत लौट आया और दिनेश मिराणिया के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ।" उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा पाकिस्तान को कराया जवाब दिया है और इस बार भी भारत उसे सबक सिखाएगा।
'हमले से दुखी हूं...', फिल्म के विरोध के बीच पहलगाम अटैक पर बोले पाक एक्टर फवाद खान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत में काम कर रहे पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगाने की मांग के बीच एक्टर फवाद खान ने पोस्ट किया है। फवाद खान ने कहा-जघन्य हमले की खबर सुनकर 'बहुत दुखी' हैं।
एक्टर ने इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा, पहलगाम में हुए जघन्य हमले की खबर सुनकर बहुत दुखी हूं। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं इस भयावह घटना के पीड़ितों के साथ हैं, और हम इस कठिन समय में उनके परिवारों के लिए शक्ति और इलाज की प्रार्थना करते हैं। यह पोस्ट फवाद खान और वाणी कपूर स्टारर फिल्म अबीर गुलाल की 9 मई को रिलीज से ठीक पहले आया है।
फिल्म ‘अबीर गुलाल’ को बायकॉट करने की मांगफवाद खान की यह पोस्ट पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे राजनीतिक तनाव के कारण आगामी फिल्म ‘अबीर गुलाल’ की लगातार हो रही आलोचनाओं के बीच आई है। ‘अबीर गुलाल’ में फवाद खान के साथ बॉलीवुड अभिनेत्री वाणी कपूर प्रमुख भूमिका में नजर आएंगी। इस फिल्म से फवाद खान एक लंबे समय बाद बॉलीवुड में वापसी कर रहे हैं।
फिल्म में फवाद खान के साथ हैं ये एक्टरलेकिन अब इस आतंकी हमले के बाद उनकी फिल्म को लेकर कड़ा विरोध हो रहा है और इसे बायकॉट करने की मांग हो रही है। सोशल मीडिया पर कई यूजर इस फिल्म के चलते एक्टर वाणी कपूर को भी ट्रोल कर रहे हैं। ऐसे में रिलीज से पहले ही फवाद खान की कमबैक फिल्म मुश्किलों में पड़ गई है।
इससे पहले फिल्म कलाकारों के संगठन फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज ने 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में पाकिस्तानी कलाकारों, गायकों और तकनीशियनों के बहिष्कार का एलान किया था, जिसमें 35 अर्धसैनिक बल के जवान मारे गए थे।
3 साल के बेटे के लिए जान की भीख मांगते रहे भारत भूषण, नाम पूछकर आतंकियों ने सिर में मारी गोली; पत्नी ने सुनाई आपबीती
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसारन घाटी में मंगलवार को हुए भयावह आतंकी हमले में 26 बेगुनाह लोगों की जान चली गई। इस दिल दहला देने वाले हमले में 35 वर्षीय भारत भूषण को उनके तीन साल के बेटे के सामने सिर में गोली मार दी गई, जब वे आतंकी से अपने बेटे की खातिर रहम की भीख मांग रहे थे।
'मेरे पास एक बच्चा है, मुझे मत मारो'
भारत भूषण अपनी पत्नी और बेटे के साथ छुट्टियां मनाने पहलगाम गए थे। हमले के वक्त तीनों एक टेंट के पीछे छुपे हुए थे। फिर आतंकी वहां पहुंचा तो भारत ने कहा कि मेरे पास एक बच्चा है, मुझे मत मारो। फिर भी आतंकी ने उनके सिर में गोली मार दी।
18 अप्रैल को को गए थे कश्मीर
डॉ. भूषण (भारत की पत्नी) ने बताया, "हम 18 अप्रैल को छुट्टियों मनाने गए थे और बैसारन हमारा आखिरी पड़ाव था। हम पोनी राइड करके ऊपर गए वहां तस्वीरें लीं और कश्मीरी पोशाकें पहनीं और बच्चे के साथ खेले। फिर अचानक गोलियों की आवाजें आने लगी।"
2:30 बजे के बाद शुरू हुई थी गोलीबारी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमला दोपहर करीब 2:30 बजे शुरू हुआ। पहले एक गोली चली, फिर आतंकियों ने पूरे मैदान में चरणबद्ध तरीके से लोगों को चुन-चुन कर मारना शुरू कर दिया।
खुला मैदान, छिपने की जगह नहीं, हर ओर मौत का साया
बता दें, बैसारन एक खुला और हरा-भरा मैदान है, जहां पर्यटक टेंट लगाकर रुकते हैं। कोई ठोस दीवार या सुरक्षा घेरे नहीं थे। इसलिए जब हमला शुरू हुआ तो लोगों के पास भागने या छिपने की कोई जगह नहीं थी।
डॉ. भूषण ने बताया, "हमने शुरू में सोचा कि शायद जंगली जानवरों को भगाया जा रहा है। लेकिन फिर गोलियों की आवाज़ें नजदीक आने लगीं और समझ आया कि यह एक आतंकी हमला है।"
2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला
इस हमले को पुलवामा हमले के बाद सबसे भीषण आतंकी हमला माना जा रहा है। पुलवामा में 2019 में 40 CRPF जवान शहीद हुए थे। इस बार निशाना आम नागरिक और पर्यटकों को बनाया गया।
भारत की जवाबी कार्रवाई
- सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को स्थगित कर दिया गया है।
- अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट को तुरंत बंद कर दिया गया।
- SAARC वीजा छूट योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं।
पहलगाम हमले के बाद भारत की 'डिजिटल स्ट्राइक', पाकिस्तान सरकार का ऑफिशियल X अकाउंट सस्पेंड
अब होगा पहलगाम का हिसाब, जानिए भारत के पास हैं कौन-कौन से हथियार जिनसे कांपता है पाकिस्तान
जेएनएन, नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर देश में आक्रोश है। इस हमले में 26 पर्यटकों ने जान गंवाई है। पुलवामा हमले के बाद यह दूसरा बड़ा आतंकी हमला है, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया है। देश का राजनीतिक नेतृत्व, सेना और सुरक्षा एजेंसियां इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकियों और हमले की साजिश रचने वालों पर कहर बरपाने की तैयारी कर रही हैं।
पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के आकाओं और पाकिस्तान के सैन्य और रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाने के लिए सेना के पास कई विकल्प हैं।
भारत के पास हैं शक्तिशाली हथियारपुलवामा हमले के बाद से भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत बनाया है और अब और अब हमारे पास पाकिस्तान में हमला करने और उसके जवाबी हमले को नाकाम करने के लिए पहले से बेहतर हथियार और लड़ाकू विमान हैं। आइये जानते हैं इनकी क्षमताओं के बारे में।
राफेल लड़ाकू विमानराफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना में सबसे उन्नत लड़ाकू विमान हैं। बालाकोट एयरस्ट्राक के बाद पाकिस्तान के जवाबी हमले के समय राफेल की कमी महसूस की गई थी। उस समय तक राफेल विमान फ्रांस से नहीं मिले थे।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी बाद में कहा था कि अगर राफेल विमान हमारे पास होते तो पाकिस्तान का एक भी लड़ाकू विमान बच कर वापस नहीं जा पाता।
- अगर राफेल विमान उस समय हमारे पास होता तो शायद पाकिस्तान की वायुसेना भारत के एयरस्पेस में घुसने की हिम्मत ही नहीं कर पाती।
इसकी वजह यह है कि राफेल मीटियोर और स्कैल्प जैसी मिसाइलों से लैस है। मीटियोर हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है और इसकी रेंज 150 किलोमीटर से अधिक है।इसका मतलब है कि राफेल भारत की ओर बढ़ रहे पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को 150 किलोमीटर दूर से ही तबाह कर सकता है।
मीटियोर- हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है मीटियोर
- 150 किलोमीटर से अधिक है मिसाइल की रेंज
भारत के एस 400 जैसा अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम है और यह पाकिस्तान की सीमा पर तैनात भी है। अगर पाकिस्तान के लड़ाकू विमान सीमा से 400 किलोमीटर अंदर स्थित एयरबेस से एयरबोर्न होते हैं, तो उसी पल एस 400 उसे ट्रैक कर लेगा और हमला करके उसे नेस्तानाबूद कर सकता है।
ऐसे में पाकिस्तान की वायुसेना के लिए भारत पर जवाबी हमला करना बेहद जोखिम भरा होगा। भारत ने करीब 40,000 करोड़ रुपये में रूस से एस 400 के पांच स्क्वाड्रन की डील की थी। तीन स्क्वाड्रन भारत को मिल चुके हैं।
ब्रह्मोस मिसाइलब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। ब्रह्मोस मिसाइल इतनी तेज गति से हमला करती है कि किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम के लिए इसे इंटरसेप्ट करना बहुत मुश्किल है। भारत की तीनों सेनाओं के पास ब्रह्मोस मिसाइल के अलग अलग वैरिएंट हैं।
लड़ाकू विमान से दागी जाने वाली ब्रह्मोस एनजी का कई बार सफल परीक्षण हो चुका है। सुखोई 30 एमकेआइ लड़ाकू विमानों को इस वैरिएंट से लैस किया गया है। इससे सुखोई 30 विमान और घातक हो गए हैं।
Pages
