Hindi News
OTT, सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट प्रतिबंध की मांग, इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को एक याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें केंद्र सरकार को ओवर द टॉप (ओटीटी) और इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर अश्लील सामग्री की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई है।
याचिका पर जस्टिस बीआर गवई की पीठ करेगी सुनवाईयाचिका में इन प्लेटफॉर्म पर ऐसी सामग्री को प्रतिबंधित करने के लिए राष्ट्रीय सामग्री नियंत्रण प्राधिकरण के गठन के लिए दिशानिर्देश निर्धारित करने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट की 28 अप्रैल की वाद सूची (कॉज-लिस्ट) के अनुसार, याचिका पर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस आगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ के समक्ष सुनवाई होनी है।
याचिका में दावा किया गया है कि इंटरनेट मीडिया साइटों पर ऐसे पेज या प्रोफाइल हैं जो बिना किसी फिल्टर के अश्लील सामग्री प्रसारित कर रहे हैं और विभिन्न ओटीटी प्लेटफार्म ऐसी सामग्री स्ट्रीम कर रहे हैं जिसमें बाल अडल्ट के संभावित तत्व भी हैं।
अश्लील कंटेंट बच्चों-वयस्कों के दिमाग को प्रदूषित करता हैयाचिका में कहा गया है, ''इस तरह की सामग्री युवाओं, बच्चों और यहां तक कि वयस्कों के दिमाग को प्रदूषित करती है, जिससे विकृत और अप्राकृतिक यौन प्रवृत्तियों को बढ़ावा मिलता है। इससे अपराध दर में वृद्धि होती है।''
याचिका में कहा गया है कि अगर इसे अनियंत्रित छोड़ दिया गया, तो अश्लील सामग्री के अनियंत्रित प्रसार से सामाजिक मूल्यों, मानसिक स्वास्थ्य और सार्वजनिक सुरक्षा पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
याचिकाकर्ताओं ने कई बार की शिकायतयाचिका में दावा किया गया है कि याचिकाकर्ताओं ने सक्षम अधिकारियों को शिकायतें भेजकर कई कदम उठाए हैं। हालांकि, इससे कोई प्रभावी परिणाम नहीं निकला है।
याचिका में कहा गया है, ''यह समय की मांग है कि राज्य को सार्वजनिक नैतिकता की रक्षा करने, ऐसी सामग्री से प्रतिकूल रूप से प्रभावित होने वाले संभावित लोगों की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए अपने संवैधानिक कर्तव्य को निभाना चाहिए कि डिजिटल स्पेस विकृत व्यवहार के लिए प्रजनन स्थल न बने।''
सभी उम्र के उपयोगकर्ताओं के लिए कंटेंट उपलब्धयाचिका में कहा गया है कि इंटरनेट की सामर्थ्य और व्यापक पहुंच ने ऐसी सामग्री को बिना किसी जांच के सभी उम्र के उपयोगकर्ताओं के लिए आसानी से उपलब्ध करा दिया है।
याचिका में केंद्र को इंटरनेट मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्म तक पहुंच रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है, जब तक कि ये प्लेटफार्म यह सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र तैयार नहीं कर लेते हैं कि सभी अश्लील सामग्री, विशेष रूप से भारत में बच्चों और नाबालिगों की पहुंच से बाहर हो।
एक समिति बनाने की मांग कीयाचिका में सुप्रीम कोर्ट से यह आग्रह किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाए और क्षेत्र के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों को इसमें शामिल किया जाए, जो केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की तर्ज पर ओटीटी और इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामग्री के प्रकाशन या स्ट्रीमिंग की देखरेख और प्रमाणन करे, जब तक कि इसे विनियमित करने के लिए एक कानून नहीं बन जाता।
एक विशेषज्ञ समिति गठित करने की भी मांग की गईस परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त प्रतिष्ठित मनोविज्ञानियों और अन्य विशेषज्ञों की एक विशेषज्ञ समिति गठित करने की भी मांग की गई है, जो एक राष्ट्रव्यापी अध्ययन करेगी और ऐसी सामग्री का उपभोग करने वालों पर अश्लील सामग्री के प्रतिकूल प्रभाव और बड़े पैमाने पर समाज पर इसके प्रभावों का मूल्यांकन करने के लिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
यह भी पढ़ें- नाबालिग लड़के का किया था यौन उत्पीड़न, कोर्ट ने सुनाई 47 साल की सजा; जानिए पूरा मामला
खाद्य सुरक्षा से किसान समृद्धि की ओर बढ़ने का समय, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने पर दिया जोर
पीटीआई, कोयंबटूर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि अब किसानों को सिर्फ उत्पादक होने से ऊपर उठना होगा। राष्ट्रीय कृषि एजेंडे के लिए खाद्य सुरक्षा से किसान समृद्धि की ओर बढ़ने का समय आ गया है।
धनखड़ इस समय दो दिवसीय तमिलनाडु के दौरे परधनखड़ इस समय दो दिवसीय तमिलनाडु के दौरे पर हैं। यहां रविवार को वे तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (टीएनएयू) में एक व्याख्यान समारोह में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में राज्यपाल आरएन रवि और टीएनएयू के अधिकारी मौजूद थे।
टीएनएयू में विकसित भारत के लिए कृषि-शिक्षा, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देना... विषय पर छात्रों और अन्य लोगों को संबोधित करते हुए धनखड़ ने आगे कहा कि भारत में 46 प्रतिशत आबादी कृषि से जुड़ी हुई है बावजूद इसके यह क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में केवल 16 प्रतिशत का योगदान देता है।
सकल घरेलू उत्पाद को लेकर कही ये बातऐसे में टीएनएयू जैसे संस्थानों को कृषि विज्ञानी दिवंगत डा एमएस स्वामीनाथन की विरासत को आगे बढ़ाना चाहिए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे सकल घरेलू उत्पाद में इस क्षेत्र के द्वारा होने वाले योगदान में बढ़ोतरी हो सके।
वैश्विक स्तर पर कृषि के क्षेत्र में भारत की स्थिति की बात करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत अब कृषि उत्पादों का बड़ा निर्यातक है। हमारे कुल निर्यात में कृषि खाद्य उत्पादों का हिस्सा 11 प्रतिशत से अधिक है।
भूमि और प्रयोगशाला के बीच की खाई को पाटा जाना चाहिएउन्होंने कहा कि लेकिन अब आपको एक नया अध्याय लिखना होगा। अब समय बदल गया है। हमें खाद्य सुरक्षा से किसान समृद्धि की ओर बढ़ना चाहिए। किसान समृद्ध होना चाहिए और यह आपके जैसे संस्थानों से विकसित होना चाहिए। भूमि और प्रयोगशाला के बीच की खाई को पाटा जाना चाहिए।
कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को शिक्षित करेंइसके लिए हमारे 730 कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को शिक्षित करने के लिए कार्रवाई के जीवंत केंद्र होने चाहिए। इसके अलावा, नवाचार और शोध पहलों का मूल्यांकन इस आधार पर किया जाना चाहिए कि उनका किसान पर क्या प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के अलावा उद्योग, व्यापार, व्यवसाय और वाणिज्य द्वारा भी शोध को समर्थन दिया जाना चाहिए।
Pahalgam Attack: निष्पक्ष जांच की पाकिस्तानी मांग के समर्थन में चीन, भारत नहीं करेगा स्वीकार दिखाए सख्त तेवर
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के सख्त होते तेवर के बाद पाकिस्तान की तरफ से अंतरराष्ट्रीय फलक पर पूरे हमले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग को लेकर लॉबिंग हो रही है।
चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बातपहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तरफ से शनिवार को यह मांग उठी थी। उसके बाद रविवार को चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच हुई वार्ता में इस्लामाबाद की तरफ से यह मांग की गई जिसका चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने समर्थन किया है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने रूसी सरकार की एक न्यूज एजेंसी को साक्षात्कार में रूस व चीन को मिलाकर पहलगाम हमले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है। लेकिन भारत इस मांग को किसी भी सूरत में स्वीकार करने नहीं जा रहा है। भारत इसे हल्का और सिर्फ बयानबाजी मानता है।
भारत ने कही ये बातविदेश मंत्रालय की तरफ से न तो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शरीफ के बयान पर कोई प्रतिक्रिया जताई गई है और न ही पाकिस्तान व चीन के विदेश मंत्रियों की वार्ता के बाद जारी बयानों पर।
लेकिन विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने बताया, 'यह सिर्फ बयानबाजी है। जिस देश ने मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं के विरुद्ध कोई कदम नहीं उठाया, पठानकोट हमले की संयुक्त जांच के बाद दर्ज एफआइआर पर कोई प्रगति नहीं हुई, उसकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया जा सकता।
पहलगाम हमले की निष्पक्ष जांच की मांग चाहता है भारतपहलगाम हमले की निष्पक्ष जांच की मांग से पहले पाकिस्तान को यह बताना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र की तरफ से घोषित मुंबई हमले के दोषी आतंकियों को सजा दिलाने के लिए क्या किया गया है। पूरी दुनिया को मालूम है कि वे आतंकी पाकिस्तान में ही हैं।'
पाकिस्तान के विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार के साथ चीनी विदेश मंत्री वांग यी की हुई फोन वार्ता के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है। दोनों पक्षों को अत्यधिक संयम बरतने की बात करते हुए मामले की तत्काल निष्पक्ष जांच कराने का समर्थन किया गया है।
चीन ने पाकिस्तान को लेकर कही ये बातसाथ ही चीन ने कहा है कि वह पाकिस्तान को अपना महत्वपूर्ण रणनीतिक साझीदार मानते हुए उसकी वैध सुरक्षा चिंताओं को समझता है और उसकी संप्रभुता व सुरक्षा हितों की रक्षा करने की कोशिश का समर्थन करता है।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने रूस को भी संदेश भेजा है कि वह चीन के साथ मिलकर पहलगाम हमले की निष्पक्ष जांच कराए। रूस की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
जहां तक भारत का ताल्लुक है तो इस तरह के आतंकी वारदातों को लेकर पाकिस्तान की तरफ से पूर्व में असहयोग को देखते हुए वह शायद ही निष्पक्ष जांच के लिए तैयार हो। वर्ष 2008 के मुंबई हमले की जांच को लेकर पाकिस्तान का असहयोगात्मक रवैया जगजाहिर है।
शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के बढ़ते दबाव के बाद पाकिस्तान ने इस पर न्यायिक आयोग का गठन किया था, लेकिन बाद में पूरी जांच को ही मजाक बनाकर रख दिया गया। इसके बाद वर्ष 2016 में पठानकोट आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने एक एफआइआर दर्ज की थी।
पाकिस्तान से पांच सदस्यीय जांच दल ने पठानकोट का दौरा किया थापाकिस्तान से पांच सदस्यीय जांच दल ने पठानकोट का दौरा किया। इसके बाद भारतीय जांच टीम को पाकिस्तान जाना था, जिसकी इजाजत नहीं दी गई। बाद में पाकिस्तानी जांच दल की रिपोर्ट भी नहीं आई। यही वजह है कि भारत इस बार पाकिस्तान की मांग को लेकर कोई प्रतिक्रिया दिखाने के मूड में नहीं है।
Pahalgam Attack: ब्रिटिश विदेश मंत्री ने जयशंकर और इशाक डार से की बातचीत, भारत-पाक के बीच तनाव कम करने पर दिया बल
पीटीआई, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष डेविड लैमी को आतंकवाद के प्रति भारत की ''जीरो टालरेंस'' की नीति से अवगत कराया और पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले के सीमा पार संबंधों पर चर्चा की।
ब्रिटिश विदेश मंत्री ने तनाव कम करने की आवश्यकता पर बल दियाआतंकी हमले के बाद नई दिल्ली और इस्लामाबाद के संबंधों में गंभीर तनाव के बीच लैमी ने पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इशाक डार से भी बातचीत की। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ब्रिटिश विदेश मंत्री ने तनाव कम करने की आवश्यकता पर बल दिया।
पहलगाम में हुए भीषण हमले के पीछे सीमा पार संबंधों का हवाला देते हुए भारत ने इस हमले में शामिल लोगों को कड़ी सजा देने की बात कही है। ब्रिटिश विदेश मंत्री के साथ फोन पर बातचीत के बाद जयशंकर ने कहा कि उन्होंने आतंकवाद के प्रति ''शून्य सहनशीलता'' के महत्व को रेखांकित किया।
डार पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी हैंदूसरी तरफ, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उपप्रधानमंत्री डार ने लैमी से बात की और क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देते हुए अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के पाकिस्तान के अटूट संकल्प को दोहराया। डार पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी हैं।
सड़कों पर चिपकाए पाकिस्तानी झंडे के स्टीकर लगा जताया आक्रोशपहलगाम में बैसरन में हुए आतंकी हमले के विरोध में लोगों का आक्रोश कम नहीं हो रहा है। रविवार को कई जगहों पर युवाओं के द्वारा कैंडिल मार्च निकाले जाने के साथ ही पाकिस्तानी झंडे के पोस्टर भी सड़कों पर चिपका कर विरोध जताया गया।
नोएडा के साथ हरियाणा के गोहाना में जगहों पर पाकिस्तान के झंडे के स्टीकर सड़कों पर चिपकाए गए। इस दौरान कुछ जगहों पर इन स्टीकरों पर लात मार कर नाराजगी भी जाहिर की गई।
उधर धर्मशाला में कोतवाली बाजार में एक महिला द्वारा इन पोस्टरों को सडक से निकालने का वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ। इस पर वहां मौजूद लोगों ने महिला को रोका भी,लेकिन महिला लगातार पाकिस्तानी झंडे के स्टीकर सड़क से निकालती नजर आई।
नोएडा में लगाए पाकिस्तानी झंडे के पोस्टरनोएडा में रविवार को एडोब चौराहा और सेक्टर 12/22 की सड़कों पर युवाओं ने बाइक रैली के दौरान पाकिस्तान के झंडे का स्टीकर चिपका कर उस पर लात मारकर नाराजगी जाहिर की।
'असम में केवल एक ही पाकिस्तानी', CM हिमंता ने गौरव गोगोई पर बोला हमला; कांग्रेस ने किया पलटवार
आईएएनएस, गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को एक बार फिर कांग्रेस के लोकसभा में डिप्टी लीडर गौरव गोगोई पर पाकिस्तान से कथित रिश्तों को लेकर हमला बोला। इस बयान के बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
मुख्यमंत्री सरमा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "असम में हमारे पास केवल एक पाकिस्तानी नागरिक है। वह यहां के एक स्थानीय परिवार में ब्याही गई हैं और सुखी ज़िले में रहती हैं। लेकिन वह मूल रूप से पाकिस्तान से हैं और उन्होंने लंबी अवधि के वीजा (एलटीवी) के लिए आवेदन किया है।"
गौरव गोगोई की पत्नी के लिंक की जांच कर रही है एसआईटीमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से यह स्पष्ट करने का अनुरोध किया है कि उन्हें वापस भेजा जाए या नहीं। उन्होंने जोड़ा, "उनके अलावा असम में कोई पाकिस्तानी नागरिक नहीं है।"
असम पुलिस की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की पत्नी और पाकिस्तानी नागरिक व जलवायु नीति विशेषज्ञ अली तौकीर शेख के बीच कथित संबंधों की जांच कर रही है। यह मामला तब उठा है जब मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और भाजपा लगातार गोगोई पर उनकी पत्नी एलिज़ाबेथ के पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई से कथित संबंधों को लेकर हमला कर रहे हैं।
"मुख्यमंत्री ने शराफत की सारी हदें पार कीं"गौरव गोगोई ने इन आरोपों को आगामी राज्य चुनावों से पहले भाजपा की एक चाल बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सरमा अपने परिवार पर लगे जमीन घोटालों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं, कांग्रेस ने भी तीखा पलटवार किया। कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने 'एक्स' पर लिखा, "असम के मुख्यमंत्री ने शराफ़त की सारी हदें पार कर दी हैं। सीमावर्ती इलाक़ों में बढ़ते तनाव का इस्तेमाल घरेलू राजनीतिक बदले के लिए करना बेहद शर्मनाक है। गौरव गोगोई को देशभक्ति का सर्टिफिकेट लेने की ज़रूरत नहीं, खासकर एक भ्रष्ट नेता से।"
"हिमंत बिस्वा सार्वजनिक जीवन के लायक नहीं"कांग्रेस के महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री का गौरव गोगोई के परिवार पर किया गया 'गिरा हुआ' और 'बेहद घटिया' हमला यह साबित करता है कि वह सार्वजनिक जीवन के योग्य नहीं हैं।
"वह पूरी तरह बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं। आज पाकिस्तान के खिलाफ एकजुटता की जरूरत है। हिमंत बिस्वा गैर-जिम्मेदाराना बयान देकर न सिर्फ अपने दुश्मनों को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि यह भी साबित कर रहे हैं कि उनके पास भ्रष्टाचार के सबूतों का कोई जवाब नहीं है।" केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस नेता
हिमंत बिस्वा ने कहा- "सभी बातें तथ्यों पर आधारित"हालांकि मुख्यमंत्री सरमा पीछे हटने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने के.सी. वेणुगोपाल के पोस्ट का जवाब देते हुए लिखा कि उन्होंने जो भी कहा है, वह पूरी तरह से जांच और प्रामाणिक तथ्यों पर आधारित है, कोई रटारटाया बयान नहीं।
सरमा ने कहा, "मैं गौरव गोगोई से कुछ साफ सवालों के जवाब मांगता हूं: 1. क्या आपने पाकिस्तान में लगातार 15 दिन बिताए थे? कृपया स्पष्ट करें। 2. आपके नाबालिग बच्चों की नागरिकता क्या है? क्या वे केवल भारतीय नागरिक हैं या किसी विदेशी नागरिकता के भी धारक हैं? 3. क्या यह सच है कि आपकी पत्नी ने पाकिस्तान आधारित एक एनजीओ से तनख़्वाह ली थी, जबकि वह भारत में पंजीकृत एक अन्य एनजीओ के लिए भी काम कर रही थीं?"
जांच जारी रहेगी, और सवाल भी उठाए जाएंगे: सीएम हिमंतमुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब सार्वजनिक हित में उठाए गए वैध सवाल हैं और जांच पूरी ज़िम्मेदारी और दस्तावेजों के आधार पर हो रही है।
उन्होंने कहा, "यह किसी भी प्रकार की निजी दुश्मनी या घटिया राजनीति नहीं है। जांच के दौरान और भी कई सवाल उठाए जाएंगे। हम पूरी गंभीरता और हकीकत के साथ आगे बढ़ रहे हैं।"
क्या कांग्रेस नेता की पत्नी को पाकिस्तान से मिलता है वेतन? सीएम हिमंत सरमा के दावे मचा बवाल
पीटीआई, गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के बीच रविवार को इंटरनेट मीडिया पर विपक्षी नेता के पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर तीखी नोकझोंक हुई और दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के परिवारों को भी इस विवाद में शामिल किया।
मुख्यमंत्री सरमा ने गोगोई से पूछे सवालमुख्यमंत्री सरमा ने सबसे पहले एक्स पर गोगोई को तीन सवाल लिखकर इस हमले की शुरुआत की, जिसका जवाब सांसद ने उसी प्लेटफार्म पर इतने ही सवाल पूछकर दिया।
असम के मुख्यमंत्री ने एक्स पर पोस्ट कर पूछा कि कांग्रेस पार्टी के सांसद क्या आप लगातार 15 दिनों तक पाकिस्तान गए थे? यदि हां, तो कृपया अपनी यात्रा का उद्देश्य स्पष्ट करें?
पाकिस्तान के एनजीओ से मिल रहा गोगोई की पत्नी को वेतनमुख्यमंत्री ने यह भी पूछा कि क्या यह सच है कि सांसद की पत्नी भारत में रहते हुए और काम करते हुए भी पाकिस्तान स्थित एक एनजीओ से वेतन प्राप्त करती रहती हैं।
सांसद की पत्नी और दो बच्चों की नागरिकता के बारे में भी पूछासरमा ने सवाल किया कि अगर ऐसा है, तो क्या हम पूछ सकते हैं कि पाकिस्तान स्थित एक संगठन भारत में की जाने वाली गतिविधियों के लिए वेतन क्यों दे रहा है? उन्होंने सांसद की पत्नी और दो बच्चों की नागरिकता के बारे में भी पूछा। उन्होंने कहा कि क्या वे भारतीय नागरिक हैं या किसी अन्य देश की नागरिकता रखते हैं? उन्होंने कहा कि इसके बाद कई और सवाल पूछे जाएंगे।
गोगोई ने सवालों का दिया जवाबमुख्यमंत्री सरमा की पोस्ट को साझा करते हुए गोगोई ने अपनी ओर से तीन सवाल पूछकर आरोपों का जवाब दिया। कांग्रेस सांसद ने असम के मुख्यमंत्री से पूछा कि यदि आप मुझ पर और मेरी पत्नी पर दुश्मन देश के एजेंट होने के आरोप साबित करने में विफल रहते हैं तो क्या आप इस्तीफा दे देंगे? क्या आप अपने बच्चों और पत्नी पर सवाल उठाएंगे?
गोगोई ने साधा सीएम पर निशानाउन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या राज्य पुलिस उन लोगों को गिरफ्तार करेगी जो कोयला माफिया से जुड़े हैं, जो असम की पहाड़ियों को तबाह कर रहे हैं और करोड़ों रुपये का अघोषित धन कमा रहे हैं। गोगोई ने अपने पोस्ट में तीन सवालों के साथ कहा कि एसआइटी रिपोर्ट जमा होने का इंतजार है, हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह किस जांच का जिक्र कर रहे थे।
Pahalgam Attack: 'किसी भी देश के पास फूलप्रूफ खुफिया जानकारी नहीं होती', पहलगाम हमले पर सरकार के पक्ष में आए शशि थरूर
एएनआई, तिरुअनंतपुरम। Pahalgam Terror Attack: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले की वजह खुफिया जानकारियां जुटाने में असफलता हो सकती है। अगर सात अक्टूबर, 2023 के हमास के इजरायल पर किए आतंकी हमले से इसकी तुलना करें तो घटनाक्रम एक जैसा ही लगता है।
हमास ने किया था इजरालय पर हमलाहमास के हमले से अपनी सशक्त खुफिया तंत्र के लिए जाना जाने वाला इजरायल भी स्तब्ध रह गया था। इसलिए यह तय है कि किसी भी देश के पास फूलप्रूफ खुफिया जानकारी नहीं हो सकती है।
थरूर ने बोले- कुछ विफलताएं हुई हैंकांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री थरूर ने रविवार को कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले पर कहा कि कुछ विफलताएं हुई हैं। लेकिन हमारे पास विश्व में सर्वश्रेष्ठ खुफिया सेवा वाले देश इजरायल का भी उदाहरण है।
सिर्फ दो साल पहले सात अक्टूबर को इजरायली भी उन पर हुए हमले से स्तब्ध रह गए थे। कोई जवाब मांगने से पहले इजरायल युद्ध के अंत तक पहुंचने का इंतजार कर रहा है। इसीतरह हमें भी पहले मौजूदा संकट से पार होने के बाद ही सरकार से जवाब मांगना चाहिए।
शशि थरूर ने किया सरकार का समर्थनउन्होंने केंद्र सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि कई बार आतंकी हमलों को रोकने की सफलता पर ध्यान नहीं जाता लेकिन विफलता पर सबकी नजर होती है। उन्होंने कहा कि तुरंत दोषारोपण करने से अच्छा है कि मौजूदा संकट पर ध्यान दिया जाए। हम कभी नहीं जान पाएंगे जिन हमलों को होने से पहले ही सफलतापूर्वक रोक दिया गया।
तमिलनाडु के नंगुनरी में आपस में भीड़ गई दो बेकाबू कार, हादसे में छह की मौत
पीटीआई, नंगुनरी। तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के नंगुनरी शहर में रविवार को दो कारों के बीच हुई सीधी टक्कर में छह लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक बच्चा और दो महिलाएं शामिल हैं। इसके अलावा, अन्य लोग घायल हो गए हैं। पुलिस के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब एक कार के चालक ने अपनी गाड़ी पर नियंत्रण खो दिया। कार ने मिडियन को पार कर दूसरी ओर जाकर दूसरी कार से टक्कर मार दी।
हादसे में तीन की मौके पर मौतहादसे में तीन लोग घटनास्थल पर ही मारे गए, जबकि तीन अन्य को नजदीकी सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। घायलों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
जिला कलेक्टर डॉ. आर. सुकुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी स्थिति की समीक्षा करने के लिए तिरुनेलवेली मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। सुकुमार ने कहा कि इस हादसे की जांच की जा रही है।
यह भी पढ़ें: क्या सरकार सेना की मदद के लिए मांग रही पैसा? वायरल पोस्ट में कितनी सच्चाई; रक्षा मंत्रालय ने बताई पूरी बात
जिन पाकिस्तानियों ने नहीं छोड़ा भारत, उन पर क्या होगा एक्शन? ये है सजा का प्रावधान, जानिए कितना देना होगा जुर्माना
पीटीआई, नई दिल्ली। 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया। इस दौरान आतंकियों ने 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। हमले के बाद पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े एक्शन लिए हैं।
केंद्र सरकार ने एक्शन लेते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश दे दिया। 26 अप्रैल से पहले पाकिस्तानियों को भारत से बाहर जाना था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन किया और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक देश छोड़ने की निर्धारित समय सीमा से आगे भारत में न रहे।
भारत नहीं छोड़ने पर पाकिस्तानियों का क्या होगा?भारत सरकार द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर भारत छोड़ने में अगर कोई विफल रह जाता है, तो उसको गिरफ्तार किया जाएगा। इन लोगों पर मुकदमा भी चला जाएगा। प्रावधान के अनुसार, ऐसे लोगों को तीन साल तक की जेल की सजा या अधिकतम 3 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है।
बता दें कि SAARC वीजा रखने वालों के लिए भारत से बाहर जाने की अंतिम तिथि 26 अप्रैल थी। इसके अलावा मेडिकल वीजा रखने वालों के लिए यह समय सीमा 29 अप्रैल है। आगमन पर वीजा, व्यवसाय, फिल्म, पत्रकार, पारगमन, सम्मेलन, पर्वतारोहण, छात्र, आगंतुक, समूह पर्यटक, तीर्थयात्री और समूह तीर्थयात्री को रविवार तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।
दरअसल, 4 अप्रैल को लागू हुए आव्रजन और विदेशी अधिनियम 2025 के अनुसार, निर्धारित समय से अधिक समय तक रहना, वीजा शर्तों का उल्लंघन करना या प्रतिबंधित क्षेत्रों में अनाधिकार प्रवेश करने पर तीन साल की जेल और 3 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
गृहमंत्री शाह ने की थी सभी राज्यों के सीएम से बातकेंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गत शुक्रवार को देश के सभी राज्यों के सीएम से बात की थी। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्रियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक देश छोड़ने की निर्धारित समय सीमा से आगे भारत में न रहे।
वहीं, मुख्यमंत्रियों के साथ शाह की टेलीफोन पर बातचीत के बाद, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने मुख्य सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि जिन पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए गए हैं, वे तय समय सीमा तक भारत छोड़ दें।
भारत पाकिस्तान के रिश्तों में तनावगौरतलब है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में तनाव आ गया है। भारत ने देश में रहे सभी पाकिस्तानियों का वीजा रद कर दिया है। इसके अलावा सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े एक्शन लिए हैं। पाकिस्तान ने भी भारत को जवाबी कार्रवाई की गीदड़ भभकी दी है।
अधिनियम में क्या है प्रावधान?जानकारी दें कि अधिनियम में कहा गया है, जो कोई भी, (क) विदेशी होते हुए, भारत के किसी क्षेत्र में उस अवधि से अधिक अवधि के लिए रहता है, जिसके लिए उसे वीजा जारी किया गया था या धारा 3 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए वैध पासपोर्ट या अन्य वैध यात्रा दस्तावेज के बिना भारत में रहता है या भारत या उसके अधीन किसी भाग में प्रवेश करने और रहने के लिए उसे जारी किए गए वैध वीजा की शर्तों का उल्लंघन करते हुए कोई कार्य करता है।
(ख) धारा 17 और 19 के अलावा इस अधिनियम के किसी अन्य प्रावधान का उल्लंघन करता है या इसके तहत बनाए गए किसी नियम या आदेश या इस अधिनियम के अनुसरण में दिए गए किसी निर्देश या अनुदेश या ऐसे आदेश या निर्देश या अनुदेश का उल्लंघन करता है, जिसके लिए इस अधिनियम के तहत कोई विशिष्ट दंड का प्रावधान नहीं है, तो उसे तीन साल तक की कैद या तीन लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें: Pahalgam Attack: भारत को मिल रहा पूरे विश्व का समर्थन, FBI भी देगी साथ; 16 देशों के प्रमुखों से मोदी की बात
यह भी पढ़ें: Pahalgam Attack: CDS जनरल के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की बैठक, NIA को मिली बड़ी जिम्मेदारी
क्या सरकार सेना की मदद के लिए मांग रही पैसा? वायरल पोस्ट में कितनी सच्चाई; रक्षा मंत्रालय ने बताई पूरी बात
एएनआई, नई दिल्ली। इन दिनों वाट्सएप पर एक भ्रामक संदेश प्रसारित हो रहा है, जिसमें भारतीय सेना के आधुनिकीकरण और युद्ध में घायल अथवा शहीद हुए सैनिकों के लिए एक विशेष बैंक खाते में धन दान देने की बात कही गई है।
इस संबंध में गलत तरीके से भेजे जा रहे संदेश में कैबिनेट के एक निर्णय का हवाला दिया गया है और अभिनेता अक्षय कुमार को इस प्रस्ताव के मुख्य आह्वानकर्ता के रूप में उद्धृत किया गया है।
रक्षा मंत्रालय ने दी सतर्क रहने की अपीलरक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि एक विशेष बैंक खाते में धन दान देने से संबंधित वाट्सएप पर भ्रामक संदेश प्रसारित किया जा रहा है। उक्त संदेश में खाते का गलत विवरण दिया गया है, जिसके कारण ऑलाइन दान अस्वीकृत हो रहा है। बयान में कहा गया है कि दान देने वाले लोगों को सतर्क रहना चाहिए और ऐसे धोखाधड़ी वाले संदेशों का शिकार नहीं बनना चाहिए।
सरकार ने युद्ध अभियानों के दौरान शहीद या दिव्यांग होने वाले सैनिकों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। सरकार ने वर्ष 2020 में 'सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष' की स्थापना की थी, जिसका उपयोग थल सैनिकों/नौसैनिकों /वायुसैनिकों के परिवारों को तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए किया जाता है।
यह भी पढ़ें: Pahalgam Attack: CDS जनरल के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की बैठक, NIA को मिली बड़ी जिम्मेदारी
'सभी कानूनी सेवा समितियां अपना काम करेंगी', सुप्रीम कोर्ट जज दीपंकर दत्ता का पहलगाम हमले को लेकर बयान
एएनआई, नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले पर सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस दीपंकर दत्ता ने शोक व्यक्त किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रस्ताव पारित किया है कि सभी कानूनी सेवा समितियां अपना काम करेंगी।
ANI से बातचीत करते हुए, जस्टिस दत्ता ने कहा, "हम उन सभी परिवारों के साथ हैं जो इस हमले में शिकार हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रस्ताव लिया है। हम पीड़ितों के साथ हैं, जो भी NALSA या किसी अन्य कानूनी सेवा समिति के तहत किया जा सकता है, वे समितियां अपना काम करेंगी। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि ऐसा घटना फिर से न हो।"
"अच्छे दिन की उम्मीद"दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस सौरभ बनर्जी ने उम्मीद जताई कि जल्दी ही अच्छे दिन आएंगे। उन्होंने कहा, "जो हुआ वह दुखद है। मुझे लगता है कि जल्द ही हम एक अच्छे दिन की शुरुआत देखेंगे, और हम देखेंगे कि हमारे कश्मीर के भाई-बहन वही विश्वास साझा करेंगे जो हम भारतीयों का है।"
हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी के परिवार की मांगइस बीच, हमले के शिकार शुभम द्विवेदी के परिवार ने सरकार से उसे शहीद का दर्जा देने की अपील की। हमले की भयावहता को याद करते हुए द्विवेदी की पत्नी एशनाय ने दुख और चिंता व्यक्त की और कहा कि पीड़ितों के परिवारों को अक्सर भुला दिया जाता है, इसलिये उन्होंने शहीद का दर्जा देने की मांग की।
"लोग अक्सर पीड़ितों के परिवारों को भूल जाते हैं, जैसे पुलवामा हमले के पीड़ितों, 26/11 के हमले के पीड़ितों को... हम नहीं चाहते कि शुभम को भुला दिया जाए, और इसलिये मैं सरकार से अनुरोध करती हूं कि उसे शहीद का दर्जा दिया जाए।" शुभम द्विवेदी की पत्नी
आतंकी हमले का ब्योरा22 अप्रैल को आतंकवादियों ने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद से घाटी में हुआ सबसे घातक हमला था।
'बंटवारे के अनसुलझे सवालों का नतीजा', मणिशंकर अय्यर के बयान से कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें? BJP ने लगाया 'पाकिस्तान प्रेम' का आरोप
पीटीआई, नई दिल्ली। भाजपा ने पहलगाम हमले पर वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है और उस पर 'आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र' को बचाने और 'पाकिस्तान के प्रति प्रेम' दिखाने का आरोप लगाया।
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने शनिवार को एक पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान आश्चर्य जताते हुए कहा था कि क्या 22 अप्रैल को बैसरन के हरे-भरे पर्यटक स्थल पर हुआ आतंकवादी हमला 'विभाजन के अनसुलझे सवालों' का नतीजा था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
कांग्रेस की नहीं आई कोई प्रतिक्रिया
भाजपा ने इसे कांग्रेस नेताओं और उनके परिजनों द्वारा की गई निंदनीय और अपमानजनक टिप्पणियों की कड़ी में शामिल किया है। भाजपा की तीखी टिप्पणियों पर कांग्रेस की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। अय्यर की टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "अच्छा पुलिसवाला, बुरा पुलिसवाला, कांग्रेस का तुष्टिकरण पहलगाम आतंकी हमले पर भी जारी है!"
उन्होंने कहा, "रॉबर्ट वाड्रा और सिद्धारमैया के बाद अब मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान और आतंकवादियों को दोषी ठहराने से इनकार कर दिया है!" उन्होंने आगे कहा, "26/11 के बाद से कांग्रेस में कुछ भी नहीं बदला है, अभी भी आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा कर रही है, अभी भी पाकिस्तान के लिए प्यार दिखा रही है।
प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस नेताओं पर साधा निशाना
प्रदीप भंडारी ने लिखा, "सिद्धारमैया का 'युद्ध के पक्ष में नहीं' और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा का यह सुझाव कि पहलगाम में गैर-मुसलमानों पर हमला किया गया क्योंकि आतंकवादियों को लगता है कि देश में मुसलमानों के साथ 'बुरा व्यवहार'किया जा रहा है, जिसकी हर तरफ से आलोचना हो रही है। भाजपा ने वाड्रा पर तीखा हमला करते हुए उन पर आतंकवादियों की भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और उनसे माफी की मांग की।
अपनी हालिया टिप्पणी में अय्यर ने कहा था कि देश के सामने पहले जो सवाल था और आज भी वही सवाल है कि क्या भारत में मुसलमान स्वीकार किए जाते हैं, उनका सम्मान किया जाता है।
उन्होंने हमले की निंदा करते हुए कहा, "लेकिन सच्चाई यह है कि बंटवारा हुआ और आज तक हम उस बंटवारे के परिणामों के साथ जी रहे हैं। क्या हमें ऐसे ही जीना चाहिए? क्या बंटवारे के अनसुलझे सवाल ही 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई भयानक त्रासदी में झलकते हैं।"
प्रदीप भंडारी ने लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिवार से की मुलाकात
बता दें, प्रदीप भंडारी ने शुक्रवार को हरियाणा का दौरा किया था और लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिवार से मुलाकात की। परिवार से मिलने के बाद, भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हमले में निर्दोष लोगों की जान जाने के लिए पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मैंने शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिवार से मुलाकात की, जो पहलगाम में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा मारे गए एक बहादुर व्यक्ति थे। कोई भी शब्द उनकी पत्नी हिमांशी नरवाल और उनके शोकाकुल परिवार के दर्द को कम नहीं कर सकता, लेकिन यह बता दूं भारत माफ नहीं करेगा!"
भंडारी ने कहा, "पाकिस्तान आंसू की हर बूंद, खून की हर बूंद, हर निर्दोष जीवन की कीमत चुकाएगा, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा था 'मिट्टी में मिला देंगे'।"
ऑफिस आने-जाने में कितना वक्त लगाते हैं प्रोफेशनल्स? इस दिन सबसे ज्यादा दफ्तर जाते हैं लोग; रिपोर्ट में खुलासा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बेंगलुरु, हैदराबाद और नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) में काम करने वाले हजारों प्रोफेशनल्स रोजाना दफ्तर पहुंचने में एक तरफ का सफर औसतन 45 से 55 मिनट का तय करते हैं। एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इसका मतलब है कि कोई भी कर्मचारी अपनी जिंदगी का लगभग 5 प्रतिशत वक्त सिर्फ सफर में गुजार देता है।
सेक्टर और शहर के हिसाब से बदलता है सफर का समयMoveInSync की पहली तिमाही (Q1 2025) की रिपोर्ट बताती है कि बेंगलुरु में प्रोफेशनल्स औसतन 15 किलोमीटर का सफर 50 मिनट में तय करते हैं। खुदरा (Retail) क्षेत्र के कर्मचारियों को सबसे ज्यादा यानी लगभग 54 मिनट का समय लगता है, वहीं IT सेक्टर में काम करने वालों का सफर कुछ कम, करीब 46 मिनट में पूरा हो जाता है।
हैदराबाद में कर्मचारी औसतन 16 किलोमीटर का रास्ता 45 मिनट में तय करते हैं। यहां भी रिटेल सेक्टर के लोग सबसे ज्यादा वक्त तकरीबन 54 मिनट सफर में बिताते हैं।
एनसीआर में सफर और भी लंबा, हेल्थ केयर वर्कर को सबसे ज्यादा दिक्कतदिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और फरीदाबाद समेत एनसीआर में सफर का औसत वक़्त 55 मिनट है, जिसमें कर्मचारी लगभग 22 किलोमीटर का फासला तय करते हैं। हेल्थकेयर क्षेत्र में काम करने वाले प्रोफेशनल्स को सफर में सबसे ज्यादा दिक्कत होती है, कई बार उन्हें ऑफिस पहुंचने में एक घंटे से भी ज्यादा वक्त लग जाता है।
भले ही हाइब्रिड वर्क मॉडल के चलते दफ्तर आने-जाने के दिन घटे हैं, लेकिन सफर का समय अब भी पेशेवरों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है।
कितने दिन ऑफिस आते हैं कर्मचारी?बेंगलुरु और हैदराबाद में प्रोफेशनल्स आमतौर पर हफ़्ते में दो से तीन दिन ऑफिस आते हैं, जबकि एनसीआर में थोड़ा ज़्यादा तीन से चार दिन हाज़िरी दी जाती है। सेक्टर के हिसाब से इसमें भी फर्फ है, इंडस्ट्रियल और एनर्जी सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी एनसीआर में हफ़्ते में चार से पांच दिन दफ्तर जाते हैं, जबकि रिटेल सेक्टर के कर्मचारी सिर्फ एक या दो दिन ही दफ्तर का रुख करते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार अब सबसे लोकप्रिय दिन बन गया है जब तीनों शहरों में सबसे ज़्यादा कर्मचारी ऑफिस में मौजूद रहते हैं। इसके मुकाबले सोमवार और शुक्रवार को ऑफिस में कम भीड़ देखने को मिलती है।
भारत में GCCs का बढ़ता दायरा, बेंगलुरु, हैदराबाद और एनसीआर सबसे आगेपिछले पांच सालों में भारत में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) की संख्या में 32% का इजाफा हुआ है। बेंगलुरु, हैदराबाद और एनसीआर इस विकास में सबसे आगे हैं, जो भारत को इस क्षेत्र में एक वैश्विक केंद्र बना रहे हैं।
यह भी पढ़ें: भारत के एक्शन के बाद निकली बिलावल भुट्टो की हेकड़ी, अब कहा- 'बातचीत से निकलेगा समाधान'
कितने पकिस्तानियों ने छोड़ा भारत? अब तक 600 से ज्यादा भारतीय आए वापस; आज अंतिम दिन
पीटीआई, नई दिल्ली। पिछले दो दिनों में अटारी-वाघा बॉर्डर के माध्यम से करीब 272 पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़कर जा चुके हैं। एक अधिकारी ने बतया कि रविवार को 100 और लोग इसी रास्ते से पाकिस्तान जा सकते हैं।
तो वहीं, पंजाब में स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से पाकिस्तान से अभी तक 13 राजनयिकों और अधिकारियों सहित 629 भारतीय नागरिक वापस आ चुके हैं।
बता दें, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को 'भारत छोड़ों' नोटिस जारी किया था और भारत छोड़ने की अंतिम तिथि 27 अप्रैल थी। मेडिकल वीजा में भारत आए लोगों के लिए अंतिम तिथि 29 अप्रैल है।
किन 12 श्रेणियों के वीजा धारकों को रविवार तक छोड़ना है भारत?
- आगमन पर वीजा
- व्यापार
- फिल्म
- पत्रकार
- पारगमन
- सम्मेलन
- पर्वतारोहण
- छात्र
- आगंतुक
- समूह पर्यटक
- तीर्थयात्री
हालांकि, दीर्घकालिक और राजनयिक या आधिकारिक वीजा रखने वालों को 'भारत छोड़ो' आदेश से छूट दी गई है। अधिकारियों के अनुसार, 25 अप्रैल को 191 पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा सीमा के माध्यम से भारत से चले गए थे और 26 अप्रैल को 81 और बाहर निकल गए।
कुछ पाकिस्तानी विमानों के जरिए भी चले गए
अधिकारियों ने बताया कि 25 अप्रैल को 287 भारतीय पाकिस्तान से भारत आए और 26 अप्रैल को 13 राजनयिकों और अधिकारियों समेत कुल 342 भारतीय अटारी-वाघा सीमा के जरिए पाकिस्तान से लौटे। उन्होंने बताया कि कुछ पाकिस्तानी हवाईअड्डों के जरिए भी भारत से चले गए होंगे। उन्होंने बताया कि चूंकि भारत का पाकिस्तान के साथ सीधा हवाई संपर्क नहीं है, इसलिए वे अन्य देशों से होते हुए चले गए होंगे।
महाराष्ट्र में कितने पाकिस्तानी थे?
- अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा संख्या में पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं, जिनके पास अल्पकालिक वीजा है।
- इनकी संख्या करीब 1,000 है। राज्य के मंत्री योगेश कदम ने शनिवार को बताया कि अल्पकालिक वीजा वाले 1,000 पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के लिए कहा गया है।
- महाराष्ट्र में करीब 5,050 पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं और उनमें से ज्यादातर लंबी अवधि के वीजा पर हैं।
- अधिकारियों ने बताया कि इनमें से करीब 2,450 नागपुर में, 1,100 ठाणे में, 390 जलगांव में, 290 नवी मुंबई में, 290 पिंपरी चिंचवाड़ में, 120 अमरावती में और 15 मुंबई में हैं।
दिलचस्प बात यह है कि अधिकारियों के अनुसार महाराष्ट्र में रह रहे 107 पाकिस्तानी नागरिकों का पता नहीं चल पाया है। तेलंगाना में पुलिस प्रमुख जितेन्द्र ने आधिकारिक रिकॉर्ड का हवाला देते हुए कहा कि राज्य में 208 पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं, जिनमें से ज़्यादातर हैदराबाद में हैं। इनमें से 156 के पास लंबी अवधि का वीज़ा है, 13 के पास कम अवधि का वीज़ा है और 39 के पास मेडिकल और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए यात्रा दस्तावेज़ हैं।
कहां कितने पाकिस्तानी नागरिक थे?
- दक्षिणी तटीय राज्य केरल में 104 पाकिस्तानी नागरिक थे, जिनमें से 99 दीर्घकालिक वीजा पर थे। शेष पांच, जो पर्यटक या चिकित्सा वीजा पर थे, देश छोड़ चुके हैं।
- मध्य प्रदेश में लगभग 228 पाकिस्तानी नागरिक थे, जिनमें से कई पहले ही देश छोड़ चुके हैं।
- ओडिशा में लगभग 12 पाकिस्तानियों की पहचान की गई है और उन सभी को देश छोड़ने के लिए निर्धारित समय सीमा का पालन करने के लिए कहा गया है।
- गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि राज्य में अल्पकालिक वीजा पर रह रहे तीन पाकिस्तानी नागरिकों को वापस जाने के लिए कहा गया है।
- सात पाकिस्तानी अल्पकालिक वीजा पर गुजरात में थे। पांच अहमदाबाद में और एक-एक भरूच और वडोदरा में।
यूपी डीजीपी ने दी जानकारी
इसके अलावा, पश्चिमी राज्य में 438 पाकिस्तानी नागरिक दीर्घकालिक वीजा पर हैं और इनमें हिंदू भी शामिल हैं जिन्होंने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने शनिवार को कहा कि राज्य में आने वाले सभी श्रेणी के पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया पूरी हो गई है, जिन्हें भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। डीजीपी ने कहा कि एक पाकिस्तानी नागरिक अभी भी राज्य में है और वह 30 अप्रैल को पाकिस्तान के लिए रवाना होगा।
गृह मंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों से की बात
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन किया और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक देश छोड़ने की निर्धारित समय सीमा से आगे भारत में न रहे।
मुख्यमंत्रियों के साथ शाह की टेलीफोन पर बातचीत के बाद केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने मुख्य सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि जिन पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद कर दिया गया है, वे तय समय सीमा तक भारत छोड़ दें।
भारत के एक्शन के बाद निकली बिलावल भुट्टो की हेकड़ी, अब कहा- 'बातचीत से निकलेगा समाधान'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। पर्यटकों पर हुए आतंकी आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े एक्शन लिए हैं। भारत के कड़े एक्शन के बाद पाकिस्तान बिलाबिला उठा है।
इस बीच पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी के बयान के बाद भारत में एक बड़ा उबाल आ गया है। भुट्टो के बयान पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया है और इसकी कड़ी निंदा की है। अब भुट्टो अपने बयान को लेकर बैकफुट पर आ गए हैं। उन्होंने दोनों देशों से विवादों के समाधान के लिए बातचीत का सहारा लेने का आग्रह किया है।
भारत के एक्शन से बैकफुट पर भुट्टोदरअसल, जियो न्यूज के अनुसार, एक निजी समाचार चैनल को दिए गए साक्षात्कार में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि पाकिस्तान और भारत को आपस में बातचीत कर के समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने भारत के साथ बातचीत करने की पेशकश की थी, लेकिन भारत ने इसको अस्वीकार कर दिया।
भारत ने दिया सीधा जवाबजानकारी दें कि इससे पहले पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक बयान देते हुए भारत को आंख दिखाने की कोशिश की थी। हालांकि, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी(पीपीपी) के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी की टिप्पणी पर जोरदार पलटवार किया। उन्होंने कहा - 'मैंने उनका बयान सुना। उन्हें बताएं कि वे कहीं पानी में कूद जाएं। लेकिन, जब पानी ही नहीं होगा तो वे कैसे कूदेंगे? ऐसे बयानों को महत्व न दें।'
गौरतलब है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पीपीपी नेता ने सिंध प्रांत में एक रैली के दौरान कहा था कि सिंधु हमारा है और हमेशा हमारा रहेगा या तो हमारा पानी इसमें बहेगा या उनका (भारतीयों का) खून बहेगा।
यह भी पढ़ें: 'आतंकियों ने नहीं पूछा था धर्म', पहलगाम हमले को लेकर कर्नाटक के मंत्री का विवादित बयान; भाजपा ने किया पलटवार
यह भी पढ़ें: पहलगाम हमले के बाद एक्शन मोड में NIA, चश्मदीदों से हर मिनट की डिटेल लेकर जुटाए जा रहे सबूत
अदनान सामी ने पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी को लगाई लताड़, नागरिकता पर सवाल उठाने पर कर दी बोलती बंद
पीटीआई, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच अदनान सामी ने पाकिस्तान के पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री चौधरी फवाद हुसैन पर निशाना साधा है, जिन्होंने गायक-संगीतकार की नागरिकता पर सवाल उठाए थे।
इस सप्ताह की शुरूआत में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने हमला किया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा है कि भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को अपने वीजा की अवधि समाप्त होने से पहले देश छोड़ना होगा और 27 अप्रैल अंतिम तिथि है।
फवाद चौधरी का कमेंट
चौधरी फवाद हुसैन ने शनिवार को एक भारतीय पत्रकार द्वारा एक्स पर लिखी गई एक पोस्ट को साझा किया, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के लिए कहने के बारे में बताया गया था और इसके साथ कैप्शन में लिखा था, "अदनान सामी के बारे में क्या?"
लंदन में जन्मे सामी, जिन्हें दिसंबर 2015 में भारतीय नागरिकता प्रदान की गई थी, उन्होंने हुसैन की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "इस अनपढ़ बेवकूफ को कौन बताएगा!!" हुसैन ने गायक की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, "हमारे अपने लाहौरी अदनान सामी ऐसे लग रहे हैं जैसे बालों से हवा निकल चुकी है, जल्दी ठीक हो जाओ @AdnanSamiLive (sic)"
अदनान सामी ने दिया जवाब
हुसैन की इस बात का जवाब देते हुए सिंगर ने लिखा कि उनकी जड़ें लाहौर में नहीं बल्कि पेशावर में हैं। उनके पिता पाकिस्तानी वायुसेना के अनुभवी राजनयिक थे और उनकी मां मूल रूप से जम्मू-कश्मीर की थीं।
बता दें, 'कभी तो नज़र मिलाओ', 'तेरा चेहरा', 'लिफ्ट करा दे' और 'भर दो झोली' जैसे गानों के लिए मशहूर गायक-संगीतकार, पहली बार 13 मार्च 2001 को इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी एक वर्ष की वैधता वाले आगंतुक वीजा पर भारत आए थे।
कैसे भारतीय नागरिक बने सामी?
सामी का वीजा समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा। 27 मई, 2010 को जारी उनका पाकिस्तानी पासपोर्ट 26 मई, 2015 को समाप्त हो गया और पाकिस्तान सरकार ने उनके पासपोर्ट का नवीनीकरण नहीं किया, जिसके कारण उन्होंने मानवीय आधार पर भारत में अपने प्रवास को वैध बनाने के अनुरोध के साथ भारत सरकार से संपर्क किया।
पहलगाम हमले पर सामी का पोस्ट
सामी ने पहलगाम हमले के बाद एक्स पर एक पोस्ट साझा की और लिखा, "आशा और वादे से भरी निर्दोष जिंदगियां निर्दयता से खत्म कर दी गईं और पीछे छोड़ गईं आंसू, टूटे सपने और असहनीय दुख। मानवता कैसे इतनी नीचता तक गिर सकती है? प्रकृति की सुंदरता को मानवता के खिलाफ ऐसे भयानक अपराध करने के लिए कैसे विकृत किया जा सकता है?"
पाकिस्तानियों के भारत छोड़ने का आज अंतिम दिन, वतन वापसी के लिए अटारी बॉर्डर पर लगी कतारें
नाबालिग लड़के का किया था यौन उत्पीड़न, कोर्ट ने सुनाई 47 साल की सजा; जानिए पूरा मामला
पीटीआई, कोट्टायम। केरल की एक अदालत ने एक नाबालिग लड़के के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में एक व्यक्ति को 47 साल कैद की सजा सुनाई है और 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। कोट्टायम विशेष फास्ट-ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश सतीश कुमार वी ने 2024 में दर्ज मामले में सिजोमोन (41) को सजा सुनाई।
पुलिस के अनुसार, पिछले साल अगस्त में यहां अयारकुन्नम पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वैकोम के चेनक्कला के मूल निवासी सिजिमोन ने लड़के का यौन उत्पीड़न किया था।
30 हजार का लगाया जुर्मानापुलिस द्वारा रविवार को जारी एक बयान में कहा गया कि अदालत ने आरोपी को दोषी पाया और उसे 47 साल की कैद और 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया। स्टेशन हाउस ऑफिसर अनूप जोस जांच अधिकारी थे, और पॉल के अब्राहम पॉक्सो मामले में सरकारी अभियोजक थे।
बता दें कि इसके पहले बेंगलुरु में सड़क पर जा रही युवती के सात यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था। पुलिस ने करीब 700 सीसीटीवी खंगालने के बाद आरोपी को केरल से गिरफ्तार किया था। आरोपी संतोष की उम्र 26 साल है और वह बेंगलुरु के एक जैगुआर शोरूम में ड्राइवर के तौर पर काम करता है।
पुलिस के मुताबिक, जब उसके खिलाफ तलाशी शुरू हुई तो वह तमिलनाडु के होसुर भाग गया, फिर सलेम और वहां से केरल के कोझीकोड पहुंचा। लगभग एक हफ्ते तक तीन राज्यों में चली तलाश के बाद पुलिस ने उसे केरल के एक सुदूर गांव से दबोच लिया।
यह भी पढ़ें: 'पॉक्सो के तहत रेप सिद्ध होने पर पीड़िता की याचिका को नहीं मिलेगी कोई वरीयता', केरल हाई कोर्ट की अहम टिप्पणी
'आतंकियों ने नहीं पूछा था धर्म', पहलगाम हमले को लेकर कर्नाटक के मंत्री का विवादित बयान; भाजपा ने किया पलटवार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक सरकार में मंत्री आरबी तिम्मापुर ने पहलगाम हमले को लेकर एक विवादित बयान दे दिया है। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने पर्यटकों को गोली मारने से पहले उनका धर्म नहीं पूछा। मंत्री ने इस पूरे मामले को धार्मिक रूप में चित्रित करने का आरोप लगाया।
बता दें कि आरबी तिम्मापुर कर्नाटर सरकार में आबकारी मंत्री हैं। इसके पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के एक बयान को लेकर भी विवाद हो चुका है। सिद्धरमैया ने कहा था कि वह पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान के साथ युद्ध करने के पक्ष में नहीं हैं।
कर्नाटक के मंत्री ने क्या कहा?दरअसल तिम्मापुर पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि जब पहलगाम में हमला हुआ, तो आतंकियों ने वहां मौजूद पर्यटकों से उनके धर्म के बारे में पूछा होगा। तिम्मापुर ने कहा कि प्रैक्टिकल तौर पर सोच कर देखो।
उन्होंने कहा कि जिस आदमी को गोली चलानी होगी, क्या वह किसी की जाति या धर्म पूछेगा? वह तो केवल गोली चलाकर वहां से चला जाएगा। अब तिम्मापुर के इस बयान को भाजपा ने लपक किया है। भाजपा ने उनके बयान को बर्बर और दुष्टतापूर्ण बताया है।
भाजपा ने बोला हमला- भाजपा ने इसे शोकाकुल पीड़ितों का अपमान बताते हुए कहा कि कांग्रेस धार्मिक तुष्टिकरण के लिए वोट बैंक की राजनीति कर रही है। बता दें कि पहलगाम में हुए हमले के बाद पीड़ितों के परिवारों ने ये कहा था कि उनका धर्म पूछकर आतंकियों ने गोली मारी है।
- पहलगाम के बाद पाकिस्तान के साथ रुख को लेकर कांग्रेस में ही दो फाड़ हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का कहना है कि पीओके को अब वापस मिलाने का वक्त आ गया है, जबकि सिद्धरमैया युद्ध के पक्ष में नहीं होने की बात कर रहे हैं। हालांकि राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि विपक्ष सरकार के साथ मजबूती से खड़ा है।
यह भी पढ़ें: 'न्याय जरूर होगा', मन की बात में पहलगाम हमले के पीड़ितों से पीएम मोदी ने किया वादा
क्या है सचेत ऐप? पीएम मोदी ने मन की बात में क्यों किया इसका जिक्र? गिनाए इस्तेमाल के फायदे
नई दिल्ली, एएनआई। पहलगाम आतंकी हमले के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इसकी शुरुआत भी पहलगाम हमले से की, जिसके बाद उन्होंने ISRO के महान वैज्ञानिक डॉ. कस्तूरीरंगन के निधन पर शोक व्यक्त किया। इसी कड़ी में पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की कि सभी अपने फोन में 'सचेत ऐप' जरूर रखें।
पिछले महीने म्यांमार में आए भूकंप का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय बचाव टीम ने ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत म्यांमार और थाईलैंड में कई लोगों को मलबे से बाहर निकाला। भारत में ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए 'सचेत ऐप' लॉन्च किया गया है।
यह भी पढ़ें- Mann Ki Baat: 'न्याय जरूर होगा', मन की बात में पहलगाम हमले के पीड़ितों से पीएम मोदी ने किया वादा
मन की बात के 121वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा -
प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में आपकी सतर्कता, आपका सचेत रहना आवश्यक है। इसके लिए आपको अपने फोन में एक स्पेशल ऐप की मदद मिल सकती है। इसका नाम 'सचेत ऐप' है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने इस ऐप को तैयार किया है।
आपदाओं से करेगा सावधानमन की बात कार्यक्रम के दौरान 'सचेत ऐप' के फायदे गिनाते हुए पीएम मोदी ने बताया कि "बाढ़, चक्रवात, सुनामी, जंगलों में आग, हिमस्खलन, आंधी, तूफान और बिजली गिरने जैसी आपदाओं से पहले 'सचेत' ऐप आपको सूचित कर देगा। यह ऐप क्षेत्रीय भाषाओं में भी जानकारी देता है।"
मौसम से जुड़ी जानकारीपीएम मोदी ने कहा कि "'सचेत ऐप' के माध्यम से मौसम से जुड़ी जानकारी भी ली जा सकती है। मौसम विभाग के सभी बड़े अपडेट इस ऐप में देखने को मिल जाएंगे। पीएम मोदी ने सभी देशवासियों से अपील की है कि इस ऐप का इस्तेमाल करें और जो भी अनुभव हो उसे हमारे साथ जरूर साझा करें।"
SACHET App for disaster preparedness. #MannKiBaat pic.twitter.com/ntWYM8N44R
— PMO India (@PMOIndia) April 27, 2025 क्या है 'सचेत ऐप'?बता दें कि सचेत ऐप को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने लॉन्च किया था। इस ऐप पर यूजर की करंट लोकेशन के हिसाब से अलर्ट मिलता है। यह ऐप आपके राज्य और जिले में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं के बारे में यूजर्स को सूचित करता है। साथ ही इस पर भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ताजा मौसम अपडेट भी मौजूद रहती है।
यह भी पढ़ें- Bihar: पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ RJD ने निकाला मार्च, लगे 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे; वीडियो वायरल
Pahalgam Attack: पाकिस्तान से तनाव के बीच इंडियन नेवी कर रही युद्धाभ्यास, शेयर किया वीडियो
पीटीआई, नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद भारत पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन की तैयारी में है। पाकिस्तान से इस तनातनी के बीच भारतीय नौसेना युद्धाभ्यास में जुटी है। रविवार को अधिकारियों ने बताया कि नौसेना ने लंबी दूरी के सटीक हमलों के लिए अपनी तत्परता को फिर से प्रमाणित करने के लिए जहाज-रोधी फायरिंग को अंजाम दिया।
नौसेना की तरफ से ये फायरिंग अभ्यास भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच किया जा रहा है। इसके पहले आईएएस सूरत से हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। वहीं चर्चा इस बात की भी है कि पाकिस्तान भी एक नई मिसाइल का परीक्षण कर सकता है।
नौसेना ने दी जानकारीभारतीय नौसेना के एक अधिकारी ने कहा, 'भारतीय नौसेना के जहाजों ने लंबी दूरी के सटीक आक्रामक हमले के लिए प्लेटफॉर्म, सिस्टम और चालक दल की तत्परता को फिर से प्रमाणित करने और प्रदर्शित करने के लिए कई जहाज-रोधी फायरिंग को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।'
#IndianNavy Ships undertook successful multiple anti-ship firings to revalidate and demonstrate readiness of platforms, systems and crew for long range precision offensive strike.#IndianNavy stands #CombatReady #Credible and #FutureReady in safeguarding the nation’s maritime… pic.twitter.com/NWwSITBzKK
— SpokespersonNavy (@indiannavy) April 27, 2025उन्होंने कहा, 'भारतीय नौसेना किसी भी समय, कहीं भी और किसी भी तरह से देश के समुद्री हितों की रक्षा करने के लिए तैयार है।' पाकिस्तान ने अरब सागर में नो-फ्लाई जोन घोषित किया हुआ है। नाविकों को भी इस क्षेत्र से दूर रहने को कहा गया है।
नेवी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर युद्धाभ्यास के कुछ वीडियो भी शेयर किए हैं। बता दें कि भारत के एक्शन के डर से पाकिस्तान में खौफ पसरा हुआ है। पाकिस्तानी सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। वहीं पीएम मोदी ने पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने का वादा किया है।
यह भी पढ़ें: पाकिस्तानियों के पास अंतिम मौका! आज छोड़नी ही होगी भारत की धरती, नहीं तो होगा एक्शन; अब तक कितने लौटे वापस?
Pages
