Hindi News

Bluesmart Cab: ब्लूस्मार्ट इलेक्ट्रिक कैब सर्विस बंद, क्या बेरोजगार होंगे हजारों लोग? कंपनी ने क्यों लिया ये फैसला

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 7:23pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  इलेक्ट्रिक कैब सेवाएं मुहैया कराने वाली कंपनी ब्लूस्मार्ट की सर्विस पर रोक लगा दी गई  है। दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु सहित कई शहरों में अब लोग इस कैब सर्विस का यूज नहीं कर सकते।   लॉन फ्रॉड मामले में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की कार्रवाई के बाद कंपनी ने अपनी सर्विस को बंद करने का फैसला किया है।

हजारों लोगों की आजीविका पर पड़ेगा असर

ब्लूस्मार्ट ने बुधवार शाम को बुकिंग लेनी बंद कर दी थी और बृहस्पतिवार को भी बुकिंग बंद रही। कंपनी के इस फैसले से हजारों ड्राइवर्स की आजीविका पर खतरा मंडरा रहा है। वहीं, सर्विस बंद होने की वजह से ग्राहकों को परेशानी भी हो रही है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने अपनी परेशानी साझा की है।

कंपनी ने बिना कोई कारण बताए ग्राहकों को भेजे ईमेल में कहा, "हमने ब्लूस्मार्ट ऐप पर बुकिंग अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है।"

बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में सेबी ने दो भाइयों अनमोल और पुनीत जग्गी को शेयर बाजार से प्रतिबंधित करके उनकी सूचीबद्ध अक्षय ऊर्जा कंपनी जेनसोल की फोरेंसिक जांच का आदेश दिया था।

यूजर्स ने सर्विस बंद होने पर जताई चिंता

ब्लूस्मार्ट सर्विस बंद होने के बाद एक यूजर ने कमेंट करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,"मुझे ब्लूस्मार्ट बहुत पसंद आया। वॉलेट में मौजूद पैसे से अधिक, मुझे वाहन चालकों की चिंता है, जो इस मामले के निपटने तक बेरोजगार रहेंगे।"

एक अन्य यूजर ने लिखा, "ब्लूस्मार्ट की सर्विस बंद होने से बहुत दुख हो रहा है। यह एकमात्र कैब सेवा थी जो वास्तव में सुरक्षित महसूस होती थी।साफ कारें, सम्मानजनक ड्राइवर। आधी रात में भी इस कैब का सर्विस का इस्तेमाल किया जा सकता था। 

यह भी पढ़ें: कैब ड्राइर ने बीच सड़क पर रोक दी कार... बेंगलुरु में आधी रात को युवती के साथ ये कैसी हरकत!

Categories: Hindi News, National News

Stray Puppies Killed: दीवार, फर्श और पत्थरों पर पटक पटक कर ले ली जान...सनकी शख्स ने बेजुबान मासूमों को उतारा मौत के घाट

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 7:14pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हैदराबाद में एक रिहायशी अपार्टमेंट में पशु क्रूरता का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसल एक शख्स ने अपार्टमेंट के बेसमेंट पार्किंग क्षेत्र में दीवार और फर्श पर पटक-पटक कर और पत्थरों से मार कर डॉग के पांच नवजात बच्चों को मार डाला।

चौंकाने वाली बात यह है कि आशीष एक पालतू पशु पालक है और उसने डॉग के बच्चों को तब मारा जब वह अपने डॉग के साथ सैर पर निकला था। निवासियों की शिकायत पर पुलिस मामला दर्ज किया गया है। इंडिस वीबी आवासीय अपार्टमेंट के पार्किंग क्षेत्र से परेशान करने वाली फुटेज में आशीष को अपने डॉग के साथ घूमते हुए दिखाया गया है। डॉग एक नवजात डॉग के बच्चे के पास जाता है।

डॉग के बच्चे को फर्श पर पटका

आशीष फिर उस छोटे से डॉग के बच्चे को उठाता है और उसे फर्श पर पटक देता है। फिर वह अपने घुटनों के बल बैठ जाता है, मानो यह जांच रहा हो कि डॉग का बच्चा ज़िंदा है या नहीं। फिर आशीष डॉग के बच्चे को अपने पैरों के नीचे कुचल देता है।

पांचों डॉग के बच्चे पार्किंग में मृत पाए गए और उन पर गंभीर चोटों के निशान थे। जब आशीष से पूछताछ की गई तो उसने शुरू में कहा कि वह डॉग के बच्चे को "नियंत्रित" करने और उन्हें अपने डॉग के पास आने से रोकने की कोशिश कर रहा था। हालांकि, सीसीटीवी फुटेज में कुछ और ही दिखा। जब पड़ोसियों ने उससे पूछा कि पांच दिन के डॉग के बच्चे क्या नुकसान पहुंचा सकते हैं, तो उसके पास कोई जवाब नहीं था।

डॉग से परेशान आशीष, बताई अटपटी वजह

बाद में, एक वीडियो में आशीष यह स्वीकार करते हुए दिखाई देते हैं कि उन्होंने डॉग के बच्चों को मार डाला। यह पूछे जाने पर क्या उन्होंने डॉग के बच्चे को नुकसान पहुंचाया है, उन्होंने इसका जवाब ना में दिया। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें आवारा कुत्तों से कोई परेशानी है, तो उन्होंने कहा, "कभी-कभी, वे भौंकते हैं और हमला करते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि वे एक पालतू पशु पालक हैं और उनके पास एक डॉग है।

एक वीडियो में, जहां उसके पड़ोसी उससे भिड़ते हुए दिखाई देते हैं, आशीष रोने लगता है। उसकी पत्नी मामले को शांत करने की कोशिश करती हुई दिखाई देती है। एक पड़ोसी को यह कहते हुए सुना जाता है कि "उससे पूछो कि उसने क्या किया है; उसने डॉग के बच्चे को मार दिया है।" उसे वह वीडियो भी दिखाया जाता है जिसमें वह एक डॉग के बच्चे को मारता है। एक पड़ोसी कहता है, "तुम समाज के लिए खतरा हो।"

यह भी पढ़ें: क्या है अनुच्छेद 142, क्यों उप-राष्ट्रपति धनखड़ ने किया इसका जिक्र? बोले- SC के हाथ में 24 घंटे रहता है न्यूक्लियर मिसाइल

Categories: Hindi News, National News

'मंदी से प्रभावित होगा आईटी सेक्टर', अमेरिका के टैरिफ के बाद बोले HDFC सिक्युरिटीज के एमडी

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 6:26pm

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ युद्ध रोज एक नया रूप ले रहा है। इससे दुनियाभर के प्रमुख शेयर बाजारों में जबरदस्त दहशत का माहौल है। भारत के शेयर बाजार पर भी इसका असर है। इस साल अपनी स्थापना की 25वीं वर्षगांठ मना रही देश की प्रमुख शेयर ब्रोकिंग कंपनी एचडीएफसी सिक्युरिटीज के एमडी और सीईओ धीरज रेली का कहना है कि वैश्विक अनिश्चतता का सबसे कम असर भारत पर होगा।

आईटी, फार्मा व कुछ निर्यात संबंधी उद्योग सेक्टरों के अलावा अन्य सेक्टर की कंपनियों की स्थिति बेहतर रहेगी। वह यहां तक मानते हैं कि वर्ष 2025-26 में निवेशकों को बेहतरीन शेयरों में निवेश का बढि़या मौका मिलेगा। हालांकि वह निवेशकों को यह भी सलाह देते हैं कि उन्हें सही तरीके से शोध करके बाजार में प्रवेश करना चाहिए।

टैरिफ का शेयर बाजार पर पड़ेगा असर?

दैनिक जागरण के साथ एक विशेष बातचीत में रेली ने कहा कि 'हमारे पास एक स्थिर सरकार है, जीडीपी की वृद्धि दर लगातार अच्छी बनी हुई है, प्रत्यक्ष कर संग्रह की वृद्धि भी उत्साहजनक है। भारत की जनसंख्या अभी जिस स्तर पर है, उसका भी पूरा लाभ मिलेगा। हमारे पास विकास की ऊंचाई छूने के लिए लंबी रेनवे है। यह भी याद रखिए कि भारत की इकोनमी अमूमन घरेलू मांग पर निर्भर है यानी वैश्विक स्तर पर जो उथल-पुथल अभी हम देख रहे हैं, उसका भारत पर कम असर होगा।'

यह पूछे जाने पर कि टैरिफ वार के आगे बढ़ने के साथ भारतीय शेयर बाजार में किस तरह का बदलाव देख सकते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 से वर्ष 2024 के दौरान भारतीय कंपनियों के राजस्व में औसतन 22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले साल ग्रोथ कम हुई है। अभी की स्थिति में कुछ कम बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों के शेयर भाव अभी भी ज्यादा प्रतीत होते हैं लेकिन अधिकांश बड़ी पूंजीकरण वाली कंपनियां के शेयर भाव सही हैं।

कहा कि सेक्टरवार देखे तो सीमेंट, रियल एस्टेट, घरेलू उपकरण बनाने वाली कंपनियां ठीक कर रही हैं, लेकिन फार्मा, सूचना प्रौद्योगिक या इस तरह से निर्यात आधारित कंपनियों के लिए चुनौती पैदा हो सकती है। खासतौर पर आईटी सेक्टर के अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों में मंदी से प्रभावित होने का ज्यादा खतरा है। बैंकिंग, वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनियां बेहतर स्थिति में है। इन्फ्रास्ट्रक्चर बिल्डिंग उत्पाद बनाने वाली कंपनियां बेहतर करेंगी।

यह भी पढ़ें: 'इनकम टैक्स खत्म कर देंगे', Tariff से कैसे मालामाल होगा अमेरिका? ट्रंप ने दिया जवाब

Categories: Hindi News, National News

'शरीयत नहीं, संविधान से चाहिए न्याय', याचिका लेकर SC पहुंचा मुस्लिम शख्स; अदालत ने केंद्र को जारी किया नोटिस

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 5:55pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस विवादास्पद मुद्दे की जांच करने पर सहमति जताई कि क्या मुसलमानों को अपने धर्म को त्यागे बिना उनकी पैतृक संपत्तियों से जुड़े मामलों का निपटान शरीयत के बजाय धर्मनिरपेक्ष भारतीय उत्तराधिकार कानून के तहत किया जा सकता है।

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने केरल के त्रिशूर जिले के निवासी नौशाद केके द्वारा दायर याचिका पर गौर किया। इसमें उन्होंने कहा था कि वह अपना धर्म इस्लाम को छोड़े बिना शरीयत के बजाय उत्तराधिकार कानून के तहत अपनी संपत्ति से जुड़े मामलों का निपटान चाहते हैं।

केंद्र और केरल सरकार को नोटिस

पीठ ने उनकी याचिका पर केंद्र और केरल सरकार को नोटिस जारी किए और उनसे जवाब दाखिल करने को कहा। पीठ ने इस मुद्दे पर लंबित समान मामलों के साथ उनकी याचिका को टैग करने का आदेश दिया।

गौरतलब है कि पिछले साल अप्रैल में पीठ ने अलप्पुझा की निवासी और एक्स-मुस्लिम्स ऑफ केरल की महासचिव सफिया पी.एम. की याचिका पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की थी। इसमें कहा गया था कि वह एक नास्तिक मुस्लिम महिला है और शरीयत के बजाय उत्तराधिकार कानूनों के तहत अपनी पैतृक संपत्तियों का निपटान करना चाहती है

2016 में 'कुरान सुन्नत सोसाइटी' द्वारा दायर एक अन्य समान याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। कोर्ट अब तीनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा।

यह भी पढ़ें: 'शरीयत से नहीं संविधान से चलेगा देश', भीमनगरी में CM Yogi ने कांग्रेस, सपा और TMC समेत विपक्ष पर साधा निशाना

Categories: Hindi News, National News

क्या है अनुच्छेद 142, क्यों उप-राष्ट्रपति धनखड़ ने किया इसका जिक्र? बोले- SC के हाथ में 24 घंटे रहती है न्यूक्लियर मिसाइल

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 5:26pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए आदेश दिया था कि राष्ट्रपति और राज्यपालों को विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समय सीमा निर्धारित की जाए। इस फैसले के कुछ रोज बाद ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने तल्ख अंदाज में न्यायपालिका को जवाब दिया है।

उन्होंने कहा कि हम ऐसे हालात नहीं बना सकते हैं कि न्यायपालिका राष्ट्रपति को निर्देश दें। इसके अलावा उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले अनुच्छेद 142 का जिक्र करते हुए इसे न्यूक्लियर मिसाइल बता दिया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, "हाल ही में एक फैसले में राष्ट्रपति को निर्देश दिया गया है। हम कहां जा रहे हैं? देश में क्या हो रहा है? हमें बेहद संवेदनशील होना होगा। यह सवाल नहीं है कि कोई समीक्षा दायर करता है या नहीं। हमने इसके लिए कभी लोकतंत्र से समझौता नहीं किया।"

अदालत 'सुपर संसद' की तरह काम कर रही हैं: उपराष्ट्रपति धनखड़

तमिलनाडु राज्य बनाम राज्यपाल मामले में सर्वोच्च न्यायालय के 8 अप्रैल के फैसले का हवाला देते हुए धनखड़ ने कहा, "इसलिए, हमारे पास न्यायाधीश हैं जो कानून बनाएंगे, जो कार्यकारी कार्य (Executive Work) करेंगे, जो सुपर संसद की तरह काम करेंगे और उनकी कोई जवाबदेही नहीं होगी क्योंकि देश का कानून उन पर लागू नहीं होता है।"

उन्होंने आगे कहा, "हम ऐसे हालात तैयार नहीं कर सकते हैं जहां आप भारत के राष्ट्रपति को निर्देश दें और वो भी किस आधार पर? संविधान के तहत आपके पास इकलौता अधिकार अनुच्छेद 145(3) के तहत संविधान की व्याख्या करना है। जिन न्यायाधीशों ने वस्तुतः राष्ट्रपति को आदेश जारी किया और एक नजरिया पेश है किया कि यह देश का कानून होगा, वे संविधान की शक्ति को भूल गए हैं।"

"न्यायाधीशों का वह समूह अनुच्छेद 145(3) के तहत किसी चीज़ से कैसे निपट सकता है, अगर इसे संरक्षित किया गया था तो यह आठ में से पांच के लिए था।" जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति

'अनुच्छेद 142 बन गया न्यूक्लियर मिसाइल'

उपराष्ट्रपति ने कहा कि अनुच्छेद 145(3) के प्रावधानों में संशोधन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "आठ में से पांच का मतलब है कि व्याख्या बहुमत से होगी। खैर, पांच आठ में बहुमत से अधिक है। लेकिन इसे छोड़ दें। अनुच्छेद 142 लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ एक न्यूक्लियर मिसाइल बन गया है, जो न्यायपालिका के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध है।"

VIDEO | Vice-President of India Jagdeep Dhankhar (@VPIndia) says, "We cannot have a situation where you direct the President of India and on what basis? The only right you have under the Constitution is to interpret the Constitution under Article 145(3). There it has to be five… pic.twitter.com/b6mA4XPfC0

— Press Trust of India (@PTI_News) April 17, 2025

क्या है अनुच्छेद 142?

संविधान का अनुच्छेद 142 सुप्रीम कोर्ट को यह अधिकार देता है कि वह पूर्ण न्याय करने के लिए कोई भी आदेश, निर्देश या फैसला दे सकता है। सुप्रीम कोर्ट को यह छूट किसी भी मामले में है। अनुच्छेद 142 एक अनूठा प्रावधान है। यह सर्वोच्च न्यायालय को पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कोई भी आदेश पारित करने की शक्ति प्रदान करता है। इसका मसौदा, अनुच्छेद 118, संविधान सभा की ओर से बिना किसी बहस के अपनाया गया था।

अनुच्छेद 142 सर्वोच्च न्यायालय को विवेकाधीन शक्ति देता है क्योंकि इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट अपने अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करते हुए ऐसी डिक्री पारित कर सकता है या ऐसा आदेश दे सकता है जो उसके समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामलों में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक हो।

यह भी पढ़ें: Waqf Law: 'यह सुधार की आड़ में...' वक्फ कानून को लेकर अब ये क्या बोल गए अभिषेक मनु सिंघवी

Categories: Hindi News, National News

Weather Updates: प्रचंड गर्मी से मिलेगी राहत, बदलेगा उत्तर भारत का मौसम; इन राज्यों में होगी झमाझम बारिश

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 5:03pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के ज्यादातर राज्यों में प्रचंड गर्मी पड़ रही है। कई राज्यों में दिन के दौरान तापमान 40 डिग्री पार कर चुका है। लोगों का गर्मी से बुरा हाल है। इसी बीच मौसम विभाग में राहत भरी खबर सुनाई है।

16 अप्रैल को एक नया पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव हो गया है। बंगाल की खाड़ी में भी चक्रवाती स्थितियां बनी हुई हैं। अगले कुछ दिनों में बंगाल, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में बारिश की उम्मीद है। वहीं, आज के मौसम की बात करें तो मौसम विभाग ने राजस्थान में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है। हालांकि, राजस्थान में 19 अप्रैल से हीटवेव खत्म होने जा रही है।

उत्तर भारत के राज्यों में बारिश की संभावना

बता दें कि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में 20 अप्रैल तक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर रहेगा, जिसकी वजह से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में अगले तीन दिनों तक यानी 18 अप्रैल से लेकर 20 अप्रैल तक बारिश की संभावना है।

17 और 18 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में बारिश, आंधी तूफान की आशंका है। वहीं, अगले कुछ दिनों तक पूर्वोत्तर भारत में जोरदार बारिश की उम्मीद है।

पूर्वोत्तर राज्यों में होगी जोरदार बारिश

मौसम विभाग की मानें तो 18 अप्रैल को बंगाल, 17 से लेकर 23 तारीख तक अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा में बारिश की उम्मीद जताई जा रही है। बात करें पहाड़ी राज्यों की तो 20 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश में और 20, 21 तारीख को उत्तराखंड में बादल बरस सकते हैं।

गौरतलब है कि उत्तर पश्चिमी भारत और मध्य भारत के तापमान में अगले कुछ दिनों तक बदलाव नहीं होने वाले। मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा सहित कई राज्यों में अगले पांच दिनों तक प्रचंड गर्मी पड़ने की आशंका है।

बात करें दक्षिण भारत की तो कर्नाटक में जल्द ही प्री मॉनसून एक्टिव होने वाला है। बेंगलुरु में रविवार से लगभग प्रत्येक दिन प्री मॉनसूनी बारिश होने की संभावना है।

यह भी पढ़ें: दिल्ली से लेकर यूपी-राजस्थान तक हीटवेव का अलर्ट, बिहार समेत इन राज्यों में आंधी के साथ बारिश की चेतावनी; पढ़ें IMD का अपडेट

Categories: Hindi News, National News

वक्फ कानून पर SC से मिलेगी सरकार को राहत या लगेगी रोक? पढ़ें 'सुप्रीम' सुनवाई में अभी तक क्या-क्या हुआ

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 8:24am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी अदालत में वक्फ कानून को लेकर बुधवार को सुनवाई हुई, जो करीब 70 मिनट तक चली। इस दौरान वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वक्फ कानून के खिलाफ याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं ने अपनी दलीलें रखीं, वहीं केंद्र सरकार ने भी कानून के बचाव में अपना पक्ष रखा। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने वक्फ कानून को लेकर केंद्र सरकार से तीखे सवाल भी किए। आज भी इस मामले पर सुनवाई होने वाली है, फिर तस्वीर साफ हो जाएगी।

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में तमाम तरह की दलीलें दी गई और तर्क पेश किया गया। बुधवार को सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ, ये जानने से पहले जानते हैं कि आखिर क्यों कल सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करने से खुद को रोक लिया? क्यों अंतरिम आदेश से पहले कोर्ट ने सुनवाई जारी रखने का निर्णय लिया?

बुधवार को कोर्ट में क्या-क्या हुआ?

  • वक्फ कानून से जुड़े तीन संसोधनों को लेकर बुधवार को अंतरिम आदेश आ सकता था।
  • पहला मुद्दा- वक्फ बाय यूजर संपत्तियों का डिनोटिफेकेशन।
  • दूसरा मुद्दा- वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना।
  • तीसरा मुद्दा- वक्फ प्रोपर्टी के विवाद में कलेक्टर को मिले अधिकार।
  • केंद्र सरकार ने अंतरिम आदेश जारी करने से पहले अपनी दलीलें सुनने की अपील की।
  • वक्त की कमी के चलते सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून की सुनवाई आगे बढ़ा दी।

बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में वक्फ कानून को लेकर करीब 70 मिनट तक सुनवाई चली। इससे एक बात साफ हो गई कि इस कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट अंतरिम आदेश जारी करेगा। लेकिन अभी तक यह साफ नहीं है कि आखिर अंतरिम आदेश में क्या होगा। क्या सुप्रीम कोर्ट वक्फ कानून पर रोक लगाएगा?

CJI ने केंद्र से पूछे तीखे सवाल

वक्फ कानून को लेकर 70 मिनट तक हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने केंद्र सरकार से कई तीखे सवाल किए। इससे तस्वीर थोड़ी साफ हो गई है कि आज सुनवाई के बाद वक्फ कानून के तीन संसाधनों को लेकर कोर्ट का अंतरिम आदेश आ जाए।

वक्फ कानून को लेकर क्या-क्या दलीलें दी गई?

बुधवार को सुनवाई के दौरान सबसे पहले कपिल सिब्बल ने कहा, "ये इतना आसान नहीं है, वक्फ सैकड़ों साल पहले बनाया गया है, अब ये तीन सौ साल पुरानी संपत्ति की वक्फ डीड मांगेंगे, यहां समस्या है।" इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "वक्फ बाय यूजर क्यों हटाया गया, कई पुरानी मस्जिदें हैं। 14वीं और 16वीं शताब्दी की मस्जिदें हैं, जिनके पास रजिस्ट्रेशन सेल डीड नहीं होगी। ऐसी संपत्तियों को कैसे रजिस्टर्ड किया जाएगा।"

अदालत ने आगे कहा, "ऐसे वक्फ को खारिज कर देने पर विवाद ज्यादा लंबा चलेगा। हम ये जानते हैं कि पुराने कानून का कुछ गलत इस्तेमाल हुआ, लेकिन कुछ सही वक्फ संपत्तियां हैं। इगर इसे खत्म करेंगे तो समस्या होगी।"

सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर तुषार मेहता ने कहा कि अगर कोई संपत्ति वक्फ प्रॉपर्टी के तौर पर रजिस्टर्ड है तो वह वक्फ की संपत्ति ही रहेगी। किसी को रजिस्ट्रेशन से रोका नहीं गया है। 1923 में जो पहला कानून आया था उसमें भी सपत्ति का पंजिकरण अनिवार्य था। 1954, 1995 में भी अनिवार्य था। 2013 में बदलाव किया गया, उसमें भी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य था।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछे तीखे सवाल

  • पहला सवाल- अगर कोई संपत्ति बाय यूजर है और वो रजिस्टर्ड नहीं है तो उसका क्या होगा?
  • दूसरा सवाल- संपत्ति का विवाद में होने का मतलब क्या है?
  • तीसरा सवाल- ब्रिटिश के पहले रजिस्ट्रेशन का प्रावधान नहीं था, ऐसे में क्या होगा?
  • चौथा सवाल- अगर कोई संपत्ति वक्फ बाय यूजर है तो उस स्थिति में क्या होगा?

कोर्ट के सवालों का केंद्र सरकार ने दिया जवाब

  • पहला जवाब- कलेक्टर उसकी जांच करेगा और पता चलता है कि वो सरकारी संपत्ति है तो रेवेन्यू रिकॉर्ड में उसे सही किया जाएगा।
  • दूसरा जवाब- अगर किसी को कलेक्टर के फैसले से समस्या है तो वो ट्रिब्यूनल में जा सकता है।

आज भी जारी रहेगी सुनवाई

बुधवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से कई तीखे सवाल किए गए। कोर्ट ने नए कानून के तहत कलेक्टर को दिए गए अधिकारों को लेकर भी सवाल खड़े किए। अब आज इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई होगी और केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के सवालों का जवाब देगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट क्या अंतरिम आदेश जारी करता है।

Waqf Law: आज भी वक्फ कानून पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, अंतरिम आदेश पर टिकी देश की नजरें

Categories: Hindi News, National News

Waqf Law: आज भी वक्फ कानून पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, अंतरिम आदेश पर टिकी देश की नजरें

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 6:52am

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट वक्फ संशोधन कानून, 2025 के कुछ प्रविधानों पर रोक लगा सकता है। कोर्ट ने कहा कि वह उपयोग के आधार पर वक्फ घोषित संपत्तियों (वक्फ बाई यूजर) को गैर अधिसूचित (डीनोटीफाइ) नहीं किए जाने का अंतरिम आदेश जारी देने के बारे में सोच रहा है।

अंतरिम आदेश दे सकता है सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने केंद्रीय वक्फ परिषद व वक्फ बोर्डों में गैर मुस्लिमों को शामिल करने और वक्फ संपत्तियों के बारे में कलेक्टर की शक्तियों पर भी अंतरिम आदेश पारित करने की मंशा जताई। लेकिन केंद्र सरकार के विरोध और पहले इन मुद्दों पर उसकी दलीलें सुने जाने के अनुरोध पर कोर्ट ने बगैर कोई आदेश जारी किए मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी।

कानून का समर्थन करने वाले याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनेगा सुप्रीम कोर्ट

अब कोर्ट गुरुवार को केंद्र सरकार और कानून का समर्थन करने वाले याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनेगा। उसके बाद ही तय होगा कि इस मामले में कोई अंतरिम आदेश आएगा कि नहीं। बुधवार को प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, संजय कुमार और केवी विश्वनाथन की पीठ ने मामले पर सुनवाई की। दो घंटे तक चली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों से कई सवाल किए।

याचिकाकर्ताओं के वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किए जाने के विरोध पर सवाल उठाया, तो केंद्र सरकार से वक्फ बाई यूजर वाली वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने पर प्रश्न किया।

वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने पर उठाए सवाल

केंद्रीय वक्फ काउंसिल और वक्फ बोर्डों में गैर मुस्लिमों को शामिल करने के प्रविधान पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किए तो वहीं मुस्लिम याचिकाकर्ताओं द्वारा अनुच्छेद 26 की दुहाई देकर वक्फ अल औलाद के बारे में नए कानून के विरोध पर कोर्ट ने हिंदू उत्तराधिकार कानून की याद दिलाई। कहा कि यह अनुच्छेद संसद को कानून बनाने से नहीं रोकता। यह सभी के लिए समान रूप से लागू होता है।

क्या हिंदू धर्मार्थ ट्रस्ट में मुस्लिमों को शामिल करेंगे?

कोर्ट ने केंद्रीय काउंसिल और वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने को लेकर पूछा कि क्या हिंदू धर्मार्थ ट्रस्ट में मुस्लिमों को शामिल करेंगे? खुल कर बताइये। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अदालतों द्वारा वक्फ घोषित की गई संपत्तियों को गैर-अधिसूचित नहीं किया जाना चाहिए, चाहे वे वक्फ बाई यूजर हों या वक्फ बाई डीड।

पीठ ने संशोधित कानून के उस प्रविधान पर रोक लगाने का भी संकेत दिया, जिसमें कहा गया है कि कलेक्टर द्वारा यह जांच किए जाने तक कि संपत्ति सरकारी भूमि है या नहीं, वक्फ संपत्ति को वक्फ नहीं माना जाएगा।

केंद्रीय वक्फ परिषद के सभी सदस्य मुसलमान होने चाहिए- सीजेआई

सीजेआइ ने कहा कि पदेन सदस्यों के सिवाय वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद के सभी सदस्य मुसलमान होने चाहिए। ''वक्फ बाई यूजर'' से तात्पर्य ऐसी प्रथा से है, जिसमें किसी संपत्ति को धार्मिक या धर्मार्थ बंदोबस्ती (वक्फ) के रूप में मान्यता उसके उपयोग के आधार पर दी जाती है। भले ही मालिक द्वारा वक्फ की कोई औपचारिक, लिखित घोषणा न की गई हो। वहीं, ''वक्फ बाई डीड'' का अभिप्राय उन संपत्तियों को वक्फ मानने से है, जिनको लेकर कानूनी कागज उपलब्ध है।

कोई भी आदेश पारित करने से पहले उसका पक्ष सुनें

शुरुआत में कोर्ट इस मामले पर विचार करने के लिए बहुत इच्छुक नजर नहीं आ रहा था। चीफ जस्टिस ने शुरुआत में ही याचिकाकर्ताओं के समक्ष दो सवाल रखे। पहला ये कि क्यों न सारी याचिकाओं को हाई कोर्ट भेज दिया जाए और हाई कोर्ट मामले पर सुनवाई करे? दूसरा सवाल था कि याचिकाकर्ता संक्षेप में बताएं कि उन्होंने कानून को किन आधारों पर चुनौती दी है?

वक्फ कानून का विरोध करने वाले याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी और सीयू सिंह ने पक्ष रखा, जबकि केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। इस मामले में अभी कोर्ट ने औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया है। लेकिन केंद्र सरकार ने कैविएट दाखिल कर दी थी, ताकि कोर्ट एकतरफा सुनवाई में कोई अंतरिम आदेश न पारित करे। कोई भी आदेश पारित करने से पहले उसका पक्ष सुनें।

70 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल हुई हैं दाखिल

वक्फ कानून को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में 70 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल हुई हैं। इनमें ज्यादातर में वक्फ संशोधन कानून, 2025 को असंवैधानिक बताते हुए रद करने की मांग की गई है। हालांकि, कुछ याचिकाएं कानून के समर्थन में भी दाखिल हुई हैं। कुछ याचिकाओं में वक्फ कानून, 1995 और वक्फ संशोधन कानून, 2025 दोनों को चुनौती देते हुए रद करने की मांग की गई है।

वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा परेशान करने वाली

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के प्रति चिंता प्रकट करते हुए इसे परेशान करने वाली घटना बताया है। बुधवार को वक्फ कानून पर जब सुनवाई पूरी हो गई, तो प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि एक चीज बहुत परेशान करने वाली है। यह जो हिंसा हो रही है, यह परेशान करती है।

देश के किसी भी हिस्से में हिंसा नहीं होनी चाहिए

सीजेआइ की चिंता से सहमति जताते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि प्रदर्शनकारी सोचते हैं कि इस तरह वह सिस्टम पर दबाव बना लेंगे। लेकिन तभी मुस्लिम याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने मेहता की दलीलों का विरोध करते हुए कहा-कौन दबाव बना रहा है। हमें तो नहीं मालूम। हालांकि कोर्ट में मौजूद अन्य वकीलों ने भी हिंसा पर चिंता जताई और कहा कि हिंसा नहीं होनी चाहिए।

मुर्शिदाबाद से हिंदुओं का बड़ी संख्या में पलायन हुआ

सीजेआइ ने यह भी कहा कि कानून में कुछ चीजें अच्छी भी हैं। उसे भी हाईलाइट किया जाना चाहिए, जैसा मेरे साथी न्यायाधीश ने बताया है। सीजेआइ जस्टिस केवी विश्वनाथ की ओर इशारा कर रहे थे, जिन्होंने सुनवाई के दौरान कई बार वक्फ कानून के कुछ अच्छे उपबंधों का जिक्र किया था।

मालूम हो कि बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में हिंसा हुई थी और कुछ लोगों जान भी गई। इसके बाद मुर्शिदाबाद से हिंदुओं का बड़ी संख्या में पलायन हुआ है। इसके अलावा बंगाल के भानगढ़ क्षेत्र से भी हिंसा की खबरें आई हैं।

यह भी पढ़ें- बांग्लादेशी जिहादी, विदेशी फंडिंग... कैसे रची गई थी हिंसा की प्लानिंग? खुफिया एजेंसियों ने खोले राज

Categories: Hindi News, National News

रॉबर्ट वाड्रा से आज भी पूछताछ करेगी ED, मनी लॉन्ड्रिंग के तीनों मामलों में जल्द आरोपपत्र दाखिल कर सकती है जांच एजेंसी

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 6:52am

 पीटीआई, नई दिल्ली। रॉबर्ट वाड्रा के विरुद्ध मनी लॉन्ड्रिंग के तीन अलग-अलग मामलों में ईडी जल्द ही आरोपपत्र दाखिल कर सकती है जिनकी जांच एजेंसी वर्षों से जांच कर रही है। सूत्रों ने बुधवार को बताया कि आरोपपत्र दाखिल करने के बाद ईडी संबंधित अदालतों से इन पर संज्ञान लेने और मुकदमा शुरू करने का अनुरोध करेगी।

ईडी ने बुधवार को वाड्रा से दूसरे दिन पूछताछ की

इन आरोपपत्रों में ईडी कुछ कंपनियों एवं व्यक्तियों को आरोपित एवं गवाहों के रूप में नामित कर सकती है। गुरुग्राम के शिकोहपुर में भूखंड सौदे में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मामले में ईडी ने बुधवार को वाड्रा से दूसरे दिन पूछताछ की है। दो अन्य मामलों में भी वह पूर्व में उनसे पूछताछ कर चुकी है।

तीसरा मामला बीकानेर में भूमि सौदे से जुड़ा

एक अन्य मामला ब्रिटेन निवासी हथियार बिचौलिए संजय भंडारी के विरुद्ध मनी लॉन्ड्रिंग जांच एवं उसके वाड्रा से संबंधों से जुड़ा है। भंडारी 2016 में लंदन भाग गया था। मनी लॉन्ड्रिंग का तीसरा मामला बीकानेर में भूमि सौदे से जुड़ा है।

इस मामले में ईडी पूर्व में वाड्रा और उनकी मां मौरीन से पूछताछ कर चुकी है। इस मामले में पाकिस्तान सीमा के नजदीक संवेदनशील इलाके में भूमि आवंटन में कथित जालसाजी का आरोप है।

वाड्रा को जमीन बेचने वाले ने ही दिए थे रजिस्ट्री के पैसे

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा को जमीन बेचने वाले ने ही रजिस्ट्री के भी पैसे दिए थे। ईडी ने दूसरे दिन लगभग पांच घंटे की पूछताछ में वाड्रा के सामने इसके सुबूत रखे और जवाब मांगा। ईडी के अनुसार रजिस्ट्री के दिन वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हास्पिटालिटी के खाते में महज एक लाख रुपये थे। रजिस्ट्री में कारपोरेशन बैंक की नई दिल्ली शाखा का 7.5 करोड़ रुपये का चेक दिखाया गया था, उसे कभी भुनाया ही नहीं गया।

वाड्रा से गुरुवार को तीसरे दिन भी पूछताछ जारी रहेगी

वाड्रा से गुरुवार को तीसरे दिन भी पूछताछ जारी रहेगी। सूत्रों के अनुसार, वाड्रा के पास ईडी द्वारा रखे गए तथ्यों का कोई संतोषजनक जवाब नहीं था। ईडी ने वाड्रा को कागज दिखाकर कहा कि जमीन बेचने वाली कंपनी ओंकारेश्वर प्रोपर्टीज ने खुद ही रजिस्ट्री के लिए 45 लाख रुपये की स्टांप की ड्यूटी क्यों जमा की। दरअसल जिस दिन वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हास्पिटालिटी के नाम जमीन की रजिस्ट्री हुई उस दिन कंपनी के खाते में महज एक लाख रुपये थे।

जमीन की रजिस्ट्री को लेकर गोलमाल

यही नहीं, जो 7.5 करोड़ रुपये का चेक दिया गया, वह वाड्रा की दूसरी कंपनी स्काईलाइट रियलिटी का था, जिसके खाते में भी एक लाख रुपये ही थे। ईडी ने वह नई दिल्ली के कॉरपोरेशन बैंक का चेक नंबर(607251) भी वाड्रा को दिखाया।

12 फरवरी, 2008 को जमीन की रजिस्ट्री होने के पांच दिन बाद ही जमीन का भू-उपयोग बदलने का आवेदन लगाया गया था। उसके चार दिन बाद ही हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडा ने इसकी अनुमति दे दी थी और संबंधित विभाग ने 3.531 एकड़ जमीन में से 2.7 एकड़ जमीन पर कामर्शियल कालोनी विकसित करने की अनुमति भी दे दी थी।

जमीन को 58 करोड़ रुपये में डीएलएफ को बेचा गया

उसी के बाद इस जमीन को 58 करोड़ रुपये में डीएलएफ को बेचा गया। ईडी ने वाड्रा से इसके बारे में विस्तार से पूछताछ की। हैरानी की बात है कि जमीन की रजिस्ट्री होने के छह महीने बाद वाड्रा की कंपनी की ओर से ओंकारेश्वर प्रोपर्टीज को पैसे दिए गए। लेकिन वह रकम रजिस्ट्री में दिखाई गई कीमत 7.5 करोड़ रुपये के दोगुने से भी ज्यादा थी।

यह भी पढ़ें- 'सच की जीत होगी, मैं तैयार हूं...', रॉबर्ट वाड्रा से ED आज फिर करेगी पूछताछ; फेसबुक पर लिखी पोस्ट

Categories: Hindi News, National News

हवाई यात्री यातायात में बोलेगी भारत की तूती, वृद्धि दर 2026 में चीन छूट जाएगा पीछे

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 2:10am

 पीटीआई, नई दिल्ली। हवाई अड्डों के समूह एयरपो‌र्ट्स इंटरनेशनल काउंसिल (एसीआइ) ने बुधवार को कहा कि भारत 2026 में हवाई यात्री यातायात वृद्धि दर में पड़ोसी देश चीन से आगे निकल जाएगा।

भारत की हवाई यात्री यातायात वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहेगी

एसीआइ का अनुमान है कि भारत की हवाई यात्री यातायात वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहेगी। दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते नागरिक विमानन बाजारों में एक भारत की हवाई यात्री यातायात वृद्धि दर इस साल 10.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो चीन के लिए निर्धारित 12 प्रतिशत से कम है।

भारत की तुलना में पड़ोसी देश का विमानन बाजार काफी बड़ा है। एसीआइ के एशिया-प्रशांत और मध्य पूर्व के महानिदेशक स्टेफनो बैरोन्सी ने कहा कि भारत एक ऐसा बाजार है जो विकसित हो रहा है और अपने बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की प्रक्रिया में है।

भारत की हवाई यात्री वृद्धि दर 2026 में 10.5 प्रतिशत रहेगी

एसीआइ एशिया-प्रशांत और पश्चिमी एशिया के 600 से अधिक एयरपोर्ट का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अनुमानों के अनुसार, भारत की हवाई यात्री वृद्धि दर 2026 में 10.5 प्रतिशत और 2027 में 10.3 प्रतिशत होगी, जबकि चीन की वृद्धि दर क्रमश: 8.9 प्रतिशत और 7.2 प्रतिशत होगी।

चीन का सीएजीआर 3.8 प्रतिशत होगा

एसीआइ के अनुसार, 2023-27 के लिए भारत में हवाई यात्री यातायात के लिए चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो चीन के 8.8 प्रतिशत से अधिक है। भारत 2023-2053 की अवधि के लिए 5.5 प्रतिशत सीएजीआर के साथ वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाला विमानन बाजार होगा, जबकि चीन का सीएजीआर 3.8 प्रतिशत होगा।

वर्तमान में भारत में 159 एयरपोर्ट काम कर रहे हैं

भारतीय विमानन बाजार के लिए उच्च विकास संभावनाओं को दर्शाते हुए, एसीआइ ने कहा कि 2043 में देश की प्रति व्यक्ति वार्षिक यात्राएं 2023 के 0.1 की तुलना में 0.4 होंगी। वर्तमान में भारत में 159 एयरपोर्ट काम कर रहे हैं।

Categories: Hindi News, National News

सपरिवार भारत आ रहे हैं अमेरिका के उपराष्ट्रपति वेंस, टैरिफ पर होगी बातचीत; बच्चों के साथ जाएंगे आगरा

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 2:00am

 पीटीआई, नई दिल्ली। अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस और उनकी पत्नी ऊषा (पहली भारतीय-अमेरिकी मूल की द्वितीय महिला) 18 अप्रैल को भारत दौरे पर आ रहे हैं।

टैरिफ के मुद्दों को सुलझाएंगे भारत और अमेरिका

18 से 24 अप्रैल तक के इस दौरे में वेंस दंपती भारत के बाद इटली के दौरे पर जाएंगे। अपने भारत प्रवास के दौरान वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगे और संभवत: टैरिफ के मुद्दों को सुलझाएंगे।

विश्व के व्यापार पटल पर भारी हलचल

ट्रंप प्रशासन के टैरिफ लगाने के ऐलान से विश्व के व्यापार पटल पर भारी हलचल देखी जा रही है। ऐसे माहौल में पीएम मोदी और अमेरिकी उप राष्ट्रपति वेंस की यह मुलाकात खासी अहम मानी जा रही है।

जयपुर और आगरा का भ्रमण करेंगे वेंस

सूत्रों के अनुसार वेंस दंपती अपने तीनों बच्चों इवान, विवेक और मीराबेल के साथ भारत आएंगे, जहां वह नई दिल्ली के अलावा जयपुर और आगरा का भ्रमण करेंगे। दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के अनुसार उप राष्ट्रपति हरेक देश के नेताओं से वरीयता के आधार पर साझा आर्थिक और भूराजनीतिक विषयों पर चर्चा करेंगे।

उप राष्ट्रपति वेंस प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा, उप राष्ट्रपति का परिवार उनके साथ नई दिल्ली, जयपुर और आगरा के सांस्कृतिक स्थलों का दौरा करेगा।

दोनों पक्ष अपना-अपना पक्ष रखेंगे

हालांकि वेंस की यह अपेक्षाकृत अधिक निजी यात्रा होगी लेकिन द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर भी दोनों पक्ष अपना-अपना पक्ष रखेंगे। अमेरिकी नेशनल इंटेलीजेंस (डीएनआइ) की निदेशक तुलसी गबार्ड की भारत यात्रा के तुरंत बाद जेडी वेंस भारत जाने वाले दूसरे बड़े अमेरिकी नेता हैं।

Categories: Hindi News, National News

Waqf Law: CJI के कड़े सवालों पर केंद्र ने दी ये दलीलें, SC में वक्फ कानून की परीक्षा; आज भी होगी सुनवाई

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 12:06am

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून 2025 के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के प्रति चिंता प्रकट करते हुए इसे परेशान करने वाली घटना बताया। बुधवार को वक्फ कानून पर जब सुनवाई पूरी हो गई, तो प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि एक चीज बहुत परेशान करने वाली है। यह जो हिंसा हो रही है, यह परेशान करती है।

सीजेआई की चिंता से सहमति जताते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि प्रदर्शनकारी सोचते हैं कि इस तरह वह सिस्टम पर दबाव बना लेंगे। लेकिन तभी मुस्लिम याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने मेहता की दलीलों का विरोध करते हुए कहा-कौन दबाव बना रहा है। हमें तो नहीं मालूम।

हालांकि, कोर्ट में मौजूद अन्य वकीलों ने भी हिंसा पर चिंता जताई और कहा कि हिंसा नहीं होनी चाहिए। सीजेआई ने यह भी कहा कि कानून में कुछ चीजें अच्छी भी हैं। उसे भी हाईलाइट किया जाना चाहिए, जैसा मेरे साथी न्यायाधीश ने बताया है। सीजेआई जस्टिस केवी विश्वनाथ की ओर इशारा कर रहे थे, जिन्होंने सुनवाई के दौरान कई बार वक्फ कानून के कुछ अच्छे उपबंधों का जिक्र किया था।

मालूम हो कि बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में हिंसा हुई थी और कुछ लोगों जान भी गई। इसके बाद मुर्शिदाबाद से हिंदुओं का बड़ी संख्या में पलायन हुआ है। इसके अलावा बंगाल के भानगढ़ क्षेत्र से भी हिंसा की खबरें आई हैं।

सुनवाई की महत्वपूर्ण बातें
  • सुप्रीम कोर्ट वक्फ कानून के कुछ प्रविधानों पर रोक लगा सकता है। कोर्ट ने कहा कि वह वक्फ बाई यूजर वाली वक्फ संपत्तियों को गैर अधिसूचित (डीनोटीफाइ) न किए जाने का अंतरिम आदेश जारी देने की सोच रहा है।
  • इसके अलावा कोर्ट ने केंद्रीय वक्फ परिषद व वक्फ बोर्डों में गैर मुस्लिमों को शामिल करने और वक्फ संपत्तियों के बारे में कलक्टर की शक्तियों पर भी अंतरिम आदेश पारित करने की मंशा जताई।
  • लेकिन केंद्र सरकार के विरोध और पहले इन मुद्दों पर उसकी दलीलें सुने जाने के अनुरोध पर कोर्ट ने बगैर कोई आदेश जारी किए मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी।
  • अब कोर्ट गुरुवार को केंद्र सरकार और कानून का समर्थन करने वाले याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनेगा। उसके बाद ही तय होगा कि इस मामले में कोई अंतरिम आदेश आएगा कि नहीं।
वक्फ कानून पर आज SC में सुनवाई

गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों से कई सवाल किए। याचिकाकर्ताओं के वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किए जाने के विरोध पर सवाल उठाया, तो केंद्र सरकार से वक्फ बाई यूजर वाली वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने पर प्रश्न किया। केंद्रीय वक्फ काउंसिल और वक्फ बोर्डों में गैर मुस्लिमों को शामिल करने के प्रविधान पर केंद्र की पैरोकारी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किए तो वहीं मुस्लिम याचिकाकर्ताओं द्वारा अनुच्छेद 26 की दुहाई देकर वक्फ अल औलाद के बारे में नए कानून के विरोध पर कोर्ट ने हिंदू उत्तराधिकार कानून की याद दिलाई।

कोर्ट में 70 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल
  • उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संसद को कानून बनाने से नहीं रोकता। यह सभी के लिए समान रूप से लागू होता है। दो घंटे चली सुनवाई में दोनों पक्षों की ओर से जोरदार बहस हुई और कोर्ट ने भी सवालों की बौछार की।
  • वक्फ कानून के बारे में सुप्रीम कोर्ट में 70 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल हुई हैं। इनमें ज्यादातर में वक्फ संशोधन कानून, 2025 को असंवैधानिक बताते हुए रद करने की मांग की गई है।
  • हालांकि, कुछ याचिकाएं कानून के समर्थन में भी दाखिल हुई हैं। कुछ याचिकाओं में वक्फ कानून, 1995 और वक्फ संशोधन कानून, 2025 दोनों को चुनौती देते हुए रद करने की मांग की गई है।
  • गुरुवार को प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, संजय कुमार और केवी विश्वनाथन की पीठ ने मामले पर सुनवाई करेगा। शुरुआत में कोर्ट इस मामले पर विचार करने के लिए बहुत इच्छुक नजर नहीं आ रहा था।

चीफ जस्टिस ने शुरुआत में ही याचिकाकर्ताओं के समक्ष दो सवाल रखे।

पहला ये कि क्यों न सारी याचिकाओं को हाई कोर्ट भेज दिया जाए और हाई कोर्ट मामले पर सुनवाई करे?

दूसरा सवाल था कि याचिकाकर्ता संक्षेप में बताएं कि उन्होंने कानून को किन आधारों पर चुनौती दी है?

वक्फ कानून का विरोध करने वाले याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी और सीयू सिंह ने पक्ष रखा, जबकि तरफ केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए।

कपिल सिब्बल ने क्या कहा?

इस मामले में अभी कोर्ट ने औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया है। लेकिन केंद्र सरकार ने कैविएट दाखिल कर दी थी, ताकि कोर्ट एकतरफा सुनवाई में कोई अंतरिम आदेश न पारित करे। कोई भी आदेश पारित करने से पहले उसका पक्ष सुने। कपिल सिब्बल ने कहा कि यह कानून मुस्लिम के धार्मिक संपत्तियों के प्रबंधन करने की स्वतंत्रता के अधिकार में दखल देता है। यह कानून असंवैधानिक है।

Categories: Hindi News, National News

'नकद लेनदेन पर दो लाख की सीमा लागू करें', SC का सख्त आदेश

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 12:03am

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नकद लेनदेन पर दो लाख रुपये की सीमा लागू करने के लिए निर्देश जारी करते हुए कहा कि अगर कोई कानून है तो उसे लागू किया जाना चाहिए। कोर्ट ने वित्त अधिनियम 2017 के प्रविधानों के असंतोषजनक क्रियान्वयन पर चिंता व्यक्त की जिसमें नकद लेनदेन की सीमा दो लाख रुपये तक सीमित की गई थी।

इस बाबत कई निर्देश जारी करते हुए को र्ट ने कहा कि जब भी किसी क्षेत्र में ऐसा कोई मुकदमा अदालतों के समक्ष आता है तो उन्हें उस क्षेत्राधिकार वाले आयकर विभाग को इसकी सूचना देनी चाहिए ताकि विभाग उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करके सही कदम उठा सके।

दो लाख रुपये या उससे अधिक के नकद लेनदेन पर 2017 में लगी थी रोक

उल्लेखनीय है कि सरकार ने वित्त अधिनियम-2017 के माध्यम से एक अप्रैल, 2017 से दो लाख रुपये या उससे अधिक के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध लगा दिया था।

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ एक संपत्ति के स्वामित्व से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें दावा किया गया था कि 10 अप्रैल, 2018 को अग्रिम भुगतान के रूप में 75 लाख रुपये नकद दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला न केवल लेनदेन के बारे में संदेह पैदा करता है, बल्कि कानून के उल्लंघन को भी दर्शाता है।

स्थिति को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि जब भी कोई ऐसा मुकदमा दायर किया जाता है जिसमें यह दावा किया जाता है कि किसी लेनदेन के लिए दो लाख रुपये या उससे अधिक का भुगतान नकद में किया गया है, तो अदालतों को लेनदेन और आयकर अधिनियम की धारा 269एसटी के उल्लंघन की पुष्टि करने के लिए क्षेत्राधिकार वाले आयकर विभाग को इसकी सूचना देनी चाहिए।

यह भी पढ़ें: 'वक्फ पर राहुल गांधी की चुप्पी की वजह ईसाई समुदाय का दबाव', जानें क्यों कही किरेन रिजिजू ने ये बात

Categories: Hindi News, National News

'अगले 12 महीनों में दोगुनी होगी एयरलाइन की संख्या', कंपनी के परफॉर्मेंस पर स्पाइसजेट के चेयरमैन ने जताई खुशी

Dainik Jagran - National - April 16, 2025 - 11:37pm

पीटीआई, नई दिल्ली। घरेलू विमानन कंपनी स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने बुधवार को कहा कि उनकी कंपनी की पुनरुद्धार योजना बहुत अच्छी चल रही है। उन्होंने आगे कहा कि एयरलाइन अगले 12 महीनों में अपने मौजूदा बेड़े को दोगुना करने की राह पर है।

बता दें कि जनवरी में स्पाइसजेट ने अप्रैल के मध्य तक चार बोइंग बी737 मैक्स सहित अपने 10 खड़े विमानों को पुनः परिचालन में लाने की योजना की घोषणा की थी।ल किए गए हैं।

पुनरुद्धार की राह पर जुटी विमानन कंपनी

एयरलाइन ने जानकारी दी कि विमानन कंपनी अक्टूबर 2024 से अपने बेड़े में 10 विमान जोड़े हैं - तीन खड़े विमान जिन्हें वापस सेवा में लाया गया है और सात पट्टे पर शामिल किए गए हैं। स्पाइसजेट को वित्तीय संकट और पट्टेदारों के साथ कानूनी विवादों सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। बता दें कि हाल के महीनों में एयरलाइन ने धन जुटाया है और पुनरुद्धार की राह पर है।

यह भी पढ़ें: UP News: मुंबई की उड़ान रद्द, दिल्ली से आए यात्रियों का सामान गायब; गोरखपुर एयरपोर्ट पर हंगामा

Categories: Hindi News, National News

ED Raid: महादेव एप मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, दिल्ली-मुंबई सहित 55 स्थानों पर छापेमारी

Dainik Jagran - National - April 16, 2025 - 11:30pm

पीटीआई, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी एप से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और मुंबई सहित देश के विभिन्न राज्यों में 55 स्थानों पर छापेमारी की।

निशांत पिट्टी के ठिकानों पर भी छापेमारी

जांच एजेंसी ने ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग पोर्टल ईजमाईट्रिप के सह-संस्थापक निशांत पिट्टी के ठिकानों पर भी छापेमारी की। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, अहमदाबाद, इंदौर, जयपुर, चेन्नई और ओडिशा के संबलपुर सहित 55 स्थानों पर छापेमारी की गई।

ठिकानों और दफ्तर पर भी छापेमारी

उन्होंने बताया कि यह ताजा छापेमारी इस मामले में अब तक जुटाए गए कुछ नए सबूतों का परिणाम है। उन्होंने बताया कि ईजमाईट्रिप के चेयरमैन 39 वर्षीय पिट्टी के दिल्ली स्थित ठिकानों और दफ्तर पर भी छापेमारी की गई।

कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, ईजमाईट्रिप डॉट कॉम की स्थापना 2008 में हुई थी और इसकी स्थापना पिट्टी बंधुओं - निशांत, रिकांत और प्रशांत ने की थी।

बहरहाल, महादेव सट्टेबाजी एप मामला तब सुर्खियों में आया था जब ईडी ने कुछ साल पहले दावा किया था कि छत्तीसगढ़ के कई उच्च पदस्थ राजनेता और नौकरशाह इस एप से जुड़े अवैध संचालन और मौद्रिक लेनदेन में शामिल हैं।

12 लोगों को गिरफ्तार किया

इस मामले में पहले भी तलाशी ली जा चुकी है। एजेंसी ने इस मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है और कुल चार आरोपपत्र दाखिल किए हैं। इसने 2,426 करोड़ रुपये की संपत्ति भी कुर्क या जब्त की है।

Categories: Hindi News, National News

'वक्फ पर राहुल गांधी की चुप्पी की वजह ईसाई समुदाय का दबाव', जानें क्यों कही किरेन रिजिजू ने ये बात

Dainik Jagran - National - April 16, 2025 - 11:30pm

एएनआई, नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में विपक्ष के नेता के बजट सत्र के दौरान वक्फ बिल पर मैराथन बहस के दौरान कुछ नहीं बोलने पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि उन पर ईसाई समुदाय का बहुत दबाव है। वह 'सेफ गेम' खेलना चाहते हैं। उन्होंने संसद में कांग्रेस नेता के बर्ताव पर कहा कि संसद पारिवारिक भावनाएं उजागर करने की जगह नहीं है।

विपक्ष कर रहा पुरजोर विरोध

वक्फ संशोधन बिल, 2025 के पारित होने से पहले दोनों सदनों में हुई बहस का उत्तर देने वाले केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने बुधवार को एक साक्षात्कार में बताया कि राहुल गांधी संभवत: वक्फ बिल पर सुरक्षित खेल खेलना चाहते थे। इसीलिए उन्होंने बहस में हिस्सा लेना उचित नहीं समझा। जबकि कांग्रेस और आइएनडीआइए के सभी घटक इस विधेयक का पुरजोर विरोध कर रहे हैं।

रिजिजू ने कही ये बात

रिजिजू ने कहा कि वह इस बात से हैरान हैं कि इस मामले में प्रियंका गांधी तक ने कुछ नहीं कहा वह तो वोटिंग के दौरान भी सदन में मौजूद नहीं थीं। उनकी अनुपस्थिति और राहुल गांधी का वोटिंग के लिए बहुत देर से आना और सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लेना भी चौंकाने वाला था।

वह इस विषय पर कुछ बोले भी नहीं। इसलिए लगता है कि उन पर कांग्रेस पार्टी और अन्य दलों के लिए ईसाई समुदाय का भारी दबाव रहा होगा। चूंकि यह सभी वक्फ संशोधन बिल का खुलकर विरोध कर रहे हैं और ईसाई समुदाय वक्फ संशोधन के समर्थन में है। इसलिए राहुल ने सेफ गेम खेला क्योंकि सदन में आप जो भी बोलते हैं वह हमेशा के लिए रिकार्ड में दर्ज हो जाता है।

रिजिजू ने प्रियंका गांधी पर साधा निशाना

रिजिजू ने कहा कि केरल में ईसाई समुदाय के लोग ने पहले ही बिल के पक्ष में अपना मत जाहिर किया है। जबकि प्रियंका गांधी वाड्रा केरल के वायनाड से ही सांसद हैं। राहुल गांधी भी इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

इसी तरह, रिजिजू ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के राहुल गांधी को नियम 349 के अनुरूप सदन में बर्ताव करने का आग्रह करने के जिक्र पर कहा कि वह इस स्थिति में नहीं हैं कि कांग्रेस नेता को व्यवहार कैसे करते हैं, बताएं। लेकिन ऐसे कुछ तौर-तरीके हैं जिनका पालन अवश्य होना चाहिए।

राहुल गांधी एक वरिष्ठ नेता हैं....

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक वरिष्ठ नेता हैं और वह चार बार से सांसद हैं। सदन में मां-बेटा, मां-बेटी, भाई-बहन, यहां तक कि पति-पत्नी भी साथ सदस्य रहे हैं। लेकिन वह नितांत निजी भावनाओं का सदन में प्रदर्शन नहीं करते हैं। संसद पारिवारिक भावनाओं को उजागर करने की जगह नहीं है। यह संप्रभु संस्था है जहां हरेक सदस्य एक गंभीर उद्देश्य के साथ आता है।

Categories: Hindi News, National News

अमेरिका के टैरिफ से घुटनों पर आया ड्रैगन! अब भारत में इंवेस्ट करेंगी चीनी कंपनियां, मानसरोवर यात्रा पर होगा बड़ा एलान

Dainik Jagran - National - April 16, 2025 - 8:07pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच कारोबारी युद्ध तेज हो गया है। ऐसे में भारत समेत अन्य पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को लेकर भी ड्रैगन के रुख में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। चीन सरकार ने इस साल एक जनवरी से नौ अप्रैल, 2025 तक ना सिर्फ 85 हजार भारतीयों को वीजा दिया है, बल्कि और ज्यादा भारतीयों को चीन भ्रमण के लिए अपने वीजा नियमों को आकर्षित बनाने की भी घोषणा की है।

यही नहीं द्विपक्षीय वार्ताओं में भारतीय अधिकारियों को चीन ने यह संकेत भी दिया है कि वह दोनों देशों की राजधानियों के बीच जल्द से जल्द हवाई संपर्क स्थापित करने को इच्छुक है और इस बारे में भारतीय एजेंसियों को तेजी दिखानी चाहिए। इसी वर्ष से मानसरोवर यात्रा की शुरुआत तक करने की पूर्व में बनी सहमति को भी अगले एक-दो दिनों के भीतर ही लागू करने को लेकर घोषणा किये जाने की तैयारी है।

भारत से एक्सपोर्ट करेंगी चीनी कंपनियां

इसी बीच बुधवार को चीन की स्मार्ट फोन निर्माता कंपनी रीयलमी ने भारत की इलेक्ट्रोनिक निर्माता कंपनी ऑप्टीमस इलेक्ट्रोनिक्स के साथ मिलकर आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस ऑथ थग्स (एआईओटी) भारत में उत्पाद बनाने और भारत को अपने उत्पादों के लिए एक प्रमुख निर्यात स्त्रोत स्थल के तौर पर स्थापित करने की घोषणा की है।

चीन की कुछ मोबाइल निर्माता कंपनियां पहले से ही यहां एसेंबलिंग करने लगी हैं लेकिन यह पहला मौका है, जब चीन की किसी कंपनी ने भारत को अपने उत्पादों के निर्माण व वैश्विक निर्यात स्थल के तौर पर चिन्हित करने का फैसला है। रीयलमी और ऑप्टीमस ने कहा है कि वह भारत में सालाना 50 लाख उत्पादों (स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच, टैब्स आदि) का निर्माण करेंगी और दो हजार लोगों को रोजगार देंगी।

भारतीयों को आसानी से मिल रहा वीजा
  • बाजार के सूत्रों का कहना है कि चीन की शिओमी और ओप्पो जैसी दूसरी कंपनियां भी भारत में अपने मैन्यूफैक्चरिंग बेस को ज्यादा विस्तार करने की तैयारियों में हैं। बहरहाल, चीन की कंपनियों की इन तैयारियों से भारत सरकार की मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बल मिलना तय है।
  • सूत्रों ने बताया है कि चीन सरकार ने भारत स्थित अपने दूतावास की संख्या भी धीरे-धीरे बढ़ानी शुरू कर दी है। अब भारतीय नागरिकों के लिए वीजा लेने की प्रक्रिया को आसान बना दिया गया है। चीनी दूतावास से साक्षात्कार के लिए पहले से आवेदन लेने की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। वीजा फीस में भी कटौती की गई है।
  • चीन सरकार की तरफ से यह सकारात्मक कदम तब उठाया गया है, जब दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को सामान्य बनाने की लगातार कोशिश हो रही है। वर्ष 2020 से पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के घुसपैठ से उत्पन्न हुई स्थिति को समाप्त करने के लिए अक्टूबर, 2024 में पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग की बैठक में बनी सहमति को धीरे-धीरे करके लागू किया जा रहा है। इसमें मानसरोवर यात्रा को शुरू करने और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवा की शुरुआत करने पर भी काम हो रहा है।

यह भी पढ़ें: ट्रेड वार और गहराया, ट्रंप ने फोड़ा एक और टैरिफ बम; चीन से वसूलेगा 245% टैक्स

Categories: Hindi News, National News

क्या है 'Waqf By User' संपत्ति, जिसका कोर्टरूम में बार-बार जिक्र करते रहे सिंघवी?

Dainik Jagran - National - April 16, 2025 - 7:31pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वक्फ कानून (Waqf Law) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आज करीब दो घंटे तक सुनवाई चली। कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी सरीखे वकीलों ने इस कानून के खिलाफ कई दलीलें दी। वहीं, अभिषेक मनु सिंघवी लगातार 'वक्फ बाय यूजर' संपत्ति का जिक्र कर रहे थे।

अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी कि देशभर में 8 लाख वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से आधी यानी 4 लाख से अधिक प्रॉपर्टी ‘वक्फ बाई यूजर’ के तौर पर रजिस्टर है। सिंघवी ने आगे दलील दी और इस बात को लेकर चिंता जताई कि वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद इन संपत्तियों पर खतरा उत्पन्न हो गया है।

अब ये जान लेते हैं कि आखिर ये 'वक्फ बाई यूजर' का मतलब क्या है, जिसका जिक्र सिंघवी बार-बार कोर्ट रूम में कर रहे थे?

दरअसल, 'Waqf By User' एक परंपरा है, जिसमें कोई संपत्ति लंबे समय तक इस्लामिक धार्मिक या परोपकारी उद्देश्यों के लिए प्रयुक्त होने के कारण वक्फ मानी जाती है, भले ही उसके पास लिखित दस्तावेज या रजिस्ट्री न हो।

कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने सवाल उठाया कि आखिर सरकार ने क्‍लॉज के साथ छेड़छाड़ क्‍यों की?

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा,‘वक्फ बाय यूजर’ वक्‍फ की एक शर्त है। इसको ऐसे समझिए कि मेरे पास एक प्रॉपर्टी है और मैं चाहता हूं क‍ि वहां एक अनाथालय बनवाया जाए, तो इसमें समस्‍या क्‍या है? मेरी जमीन है, मैं उस पर बनवाना चाहता हूं, ऐसे में सरकार मुझे रजिस्टर्ड कराने के ल‍िए क्‍यों कहेगी? इस पर सीजेआई ने कहा, अगर आप वक्‍फ का रजिस्ट्रेशन कराएंगे तो रिकार्ड रखना आसान होगा।

'फर्जी दावों से बचने के ल‍िए रज‍िस्‍ट्रेशन कराना जरूरी'

कपिल सिब्बल और सिंघवी की दलीलों पर जस्टिस विश्वनाथन ने जवाब द‍िया,"कानून के मुताबिक, फर्जी दावों से बचने के ल‍िए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। इसल‍िए वक्‍फ डीड बनवाना होगा।

इस पर सिब्बल ने तर्क द‍िया। उन्होंने कहा, यह इतना आसान नहीं है। वक्फ सैकड़ों साल पहले बनाए गए थे। सरकार 300 साल पुरानी संपत्ति की वक्फ डीड मांगेगी। आखिर लोग कहां से लाएंगे। यही समस्या है। बता दें कि गुरुवार को ‘वक्फ बाय यूजर’ पर ही सुनवाई होगी, जिसमें सरकार की ओर से दलील पेश की जाएंगी।

यह भी पढ़ें: Waqf Act: 'आप अतीत को दोबारा नहीं लिख सकते', सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून पर बहस के दौरान बोले चीफ जस्टिस

Categories: Hindi News, National News

Waqf Law: 'सैकड़ों साल पुरानी मस्जिदों...' सिब्बल-सिंघवी की दलीलों पर क्या बोले CJI? पढ़ें सुनवाई डे-1 में क्या-क्या हुआ

Dainik Jagran - National - April 16, 2025 - 6:57pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वक्फ कानून (Waqf Law) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज (16 अप्रैल) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। देश के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है। बता दें कि वक्फ कानून के खिलाफ करीब 70 याचिकाओं पर अदालत सुनवाई कर रही है।

एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी, वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, सहित अन्य याचिकाकर्ता के वकील कोर्ट में उपस्थित थे। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता पैरवी कर रहे हैं। कोर्ट अब अगली सुनवाई गुरुवार दोपहर 2 बजे करेगा।

वक्फ कानून के मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने क्या-क्या बड़ी बातें कही?

सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा, "केवल मुस्लिम ही बोर्ड का हिस्सा हो सकते थे। अब हिंदू भी इसका हिस्सा होंगे। यह अधिकारों का हनन है। आर्टिकल 26 कहता है कि सभी मेंबर्स मुस्लिम होंगे। यहां 22 में से 10 मुस्लिम हैं। अब कानून लागू होने के बाद से बिना वक्फ डीड के कोई वक्फ नहीं बनाया जा सकता है।

सिब्बल की इस टिप्पणी पर CJI जस्टिस खन्ना ने कहा,"इसमें क्या समस्या है? जस्टिस कुमार ने कहा, 'हमें उदाहरण दीजिए। क्या तिरुपति बोर्ड में भी गैर-हिंदू हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा," क्या वह मुसलमानों को हिंदू धार्मिक ट्रस्टों का हिस्सा बनने की अनुमति देने को तैयार है। हिंदुओं के दान कानून के मुताबिक, कोई भी बाहरी बोर्ड का हिस्सा नहीं हो सकता है। वक्फ प्रॉपर्टी है या नहीं है, इसका फैसला अदालत को क्यों नहीं करने देते।"

14वीं और 16वीं शताब्दी की मस्जिद कहां से दिखाएंगे दस्तावेज: कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बाई यूजर के प्रावधान पर भी सवाल किया। CJI खन्ना ने कहा कि कई पुरानी मस्जिदें हैं। 14वीं और 16वीं शताब्दी की मस्जिदें है, जिनके पास रजिस्ट्रेशन सेल डीड नहीं होगी। सीजेआई ने केंद्र से पूछा कि ऐसी संपत्तियों को कैसे रजिस्टर किया जाएगा? उनके पास क्या दस्तावेज होंगे? ऐसे वक्फ को खारिज कर देने पर विवाद ज्यादा लंबा चलेगा।

हम यह जानते हैं कि पुराने कानून का कुछ गलत इस्तेमाल हुआ, लेकिन कुछ वास्तविक वक्फ संपत्तियां हैं, जिनकी इस्तेमाल के दौरान लंबे समय से वक्फ संपत्ति के तौर पर पहचान हुई। वक्फ बाई यूजर मान्य किया गया है, अगर आप इसे खत्म करते हैं तो समस्या होगी।

आर्टिकल 26 सभी धर्मों पर लागू होता है: कोर्ट

सुनवाई के दौरान जब कपिल सिब्बल ने आर्टिकल 26 यानी धर्मनिरपेक्ष की बात कही तो सीजेआई ने कहा कि आर्टिकल 26 धर्मनिरपेक्ष, यह सभी कम्युनिटी पर लागू होता है। हिंदुओं के मामले में भी सरकार ने कानून बनाया है। संसद ने मुस्लिमों के लिए भी कानून बनाया है। आर्टिकल 26 धर्मनिरपेक्ष है। यह सभी कम्युनिटी पर लागू होता है।

सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा, हम उस प्रावधान को चुनौती देते हैं, जिसमें कहा गया है कि केवल मुसलमान ही वक्फ बना सकते हैं।

सरकार कैसे कह सकती है कि केवल वे लोग ही वक्फ बना सकते हैं जो पिछले 5 सालों से इस्लाम को मान रहे हैं? इतना ही नहीं राज्य कैसे तय कर सकता है कि मैं मुसलमान हूं या नहीं और इसलिए वक्फ बनाने के योग्य हूं?' वक्फ सैकड़ों साल पहले बनाया गया है। अब ये 300 साल पुरानी संपत्ति की वक्फ डीड मांगेंगे। यह एक परेशानी है।

सिब्बल की टिप्पणियों पर क्या बोले सॉलिसिटर जनरल?

सिब्बल के इन सवालों पर केंद्र की ओर से SG तुषार मेहता ने कहा,"वक्फ का रजिस्ट्रेशन हमेशा अनिवार्य रहेगा। 1995 के कानून में भी ये जरूरी था। सिब्बल साहब कह रहे हैं कि मुतवल्ली को जेल जाना पड़ेगा। अगर वक्फ का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ तो वह जेल जाएगा। यह  नियम 1995 से लागू है।

अदालत ने वक्फ बाई यूजर के प्रावधान पर भी सवाल किया। CJI खन्ना ने कहा कि कई पुरानी मस्जिदें हैं। 14वीं और 16वीं शताब्दी की मस्जिद है, जिनके पास रजिस्ट्रेशन सेल डीड नहीं होगी। सीजेआई ने केंद्र से पूछा कि ऐसी संपत्तियों को कैसे रजिस्टर करेंगे? उनके पास क्या दस्तावेज होंगे? ऐसे वक्फ को खारिज कर देने पर विवाद ज्यादा लंबा चलेगा।

सीजेआई ने आगे कहा,"हम यह जानते हैं कि पुराने कानून का कुछ गलत इस्तेमाल हुआ, लेकिन कुछ वास्तविक वक्फ संपत्तियां हैं, जिनकी इस्तेमाल के दौरान लंबे समय से वक्फ संपत्ति के तौर पर पहचान हुई। वक्फ बाई यूजर मान्य किया गया है, अगर आप इसे खत्म करते हैं तो समस्या होगी।"

यह भी पढ़ें: 'सरकार कैसे तय करेगी मैं मुस्लिम हूं या नहीं', वक्फ कानून के खिलाफ सिब्बल रख रहे SC में दलील

Categories: Hindi News, National News

कैब ड्राइर ने बीच सड़क पर रोक दी कार... बेंगलुरु में आधी रात को युवती के साथ ये कैसी हरकत!

Dainik Jagran - National - April 16, 2025 - 6:51pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के कौन-कौन से शहर महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से ज्यादा संवेदनशील हैं, इस पर विस्तृत बहस की जा सकती है। लेकिन आए दिन सामने आ रहे मामलों ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है।

ताजा मामला एक टेक फर्म में काम करने वाली युवती के साथ सामने आया है। दरअसल सोशल मीडिया साइट एक्स पर श्रविका जैन नामक युवती ने बेंगलुरु में देर रात अपने साथ हुआ वाकया शेयर किया है। इसके बाद से ही ये पोस्ट काफी वायरल हो गया।

तेज आवाज में बजा रहा था गाना

श्रविका ने बताया कि 'लोग पूछते हैं कि क्या बेंगलुरु सुरक्षित है। पिछली रात मैं एयरपोर्ट से कैब कर अपने घर लौट रही थी। लेकिन ये मेरी जिंदगी का सबसे भयानक अनुभव था। ड्राइवर ने कैब ड्राइव करने के साथ ही मुझे घूरना शुरू कर दिया था।'

श्रविका ने लिखा, 'उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं कन्नड़ जानती हू्ं। इसके बाद उसने यूट्यूब पर काफी तेज आवाज में गाने बजाने शुरू कर दिए। वह अपनी जांघों को थपथपाते हुए चिल्ला-चिल्लाकर गा रहा था।'

कैब में सिगरेट पीने लगा ड्राइवर
  • श्रविका ने कहा कि 'जब मैंने उससे आवाज धीमी करने को कहा, तो उसने मुझे घूरा और बिल्कुल हल्की सी आवाज कम की। उसने कैब के अंदर ही सिगरेट पीना शुरू कर दिया और मेरे मना करने पर भी नहीं माना। उसने अचानक कार बीच में ही रोक दी और कहा कि मुझे चाय पीनी है।'
  • युवती ने कहा कि जब मैंने पहले घर छोड़ने के लिए कहा, तो भी वह तुरंत कार से नीचे उतर गया और 10 मिनट बाद लौटा। इसके बाद भी वह रास्ते भर मुझे घूरता रहा। मैं काफी डर गई थी, लेकिन शुक्र है कि मैं घर पहुंच गई।

यह भी पढ़ें: 'दो लोगों ने कैब रोकने का इशारा किया और...' डर से गाड़ी छोड़कर भागी प्राइवेट कंपनी की सीनियर मैनेजर

Categories: Hindi News, National News

Pages

Subscribe to Bihar Chamber of Commerce & Industries aggregator - Hindi News

  Udhyog Mitra, Bihar   Trade Mark Registration   Bihar : Facts & Views   Trade Fair  


  Invest Bihar