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तेलंगाना सुरंग हादसे के 16वें दिन पंजाब के श्रमिक का शव बरामद, 7 लोग अब भी फंसे; सरकार ने बनाया ये प्लान
आईएएनएस, नगरकुरनूल। तेलंगाना में आंशिक रूप से ढही श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग से बचाव दल को एक शव मिला है। रविवार को दुर्घटना के 16वें दिन बचाव दल ने श्रमिक का शव 10 फीट मलबे के नीचे से निकाला गया।
मृतक की पहचान पंजाब के गुरप्रीत सिंह के रूप में हुई है। गुरप्रीत का पार्थिव शरीर पंजाब स्थित उनके गृह नगर भेज दिया गया है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने रविवार रात गुरप्रीत के परिवार को 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
22 फरवरी को हुआ था हादसाएसएलबीसी सुरंग में 22 फरवरी से इंजीनियर और मजदूरों समेत आठ लोग फंस गए थे। उत्तर प्रदेश के मनोज कुमार और श्री निवास, जम्मू-कश्मीर के सनी सिंह और झारखंड के संदीप साहू, जेगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू की तलाश की जा रही है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, नौसेना तथा अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ बचाव अभियान में लगातार प्रयासरत हैं। अधिकारियों ने रविवार को बताया था कि बचाव कार्य में सहायता के लिए मानव अवशेष खोजी कुत्तों (एचआरडीडी) को तैनात किया गया है।
रोबोट तैनात करने का फैसला- बचाव कर्मियों ने कुत्तों द्वारा बताए गए स्थानों पर खोदाई की। केरल पुलिस के बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल के कुत्ते 15 फुट की गहराई तक गंध पहचानने में सक्षम हैं।
- तेलंगाना सरकार ने बचावकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रोबोट तैनात करने का निर्णय लिया है। सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ सहित चुनौतीपूर्ण स्थितियों के कारण काफी जोखिम रहता है।
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Income Tax Bill 2025: नए आयकर विधेयक में अफसरों को और अधिकार देने का दावा गलत
एएनआई, नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सूत्रों ने उन चिंताओं को खारिज किया है, जिनमें कहा गया था कि आयकर विधेयक 2025 में आयकर अधिकारियों को अतिरिक्त अधिकार दिए गए हैं।
इन अधिकारों के तहत वे ईमेल, इंटरनेट मीडिया और वर्चुअल डिजिटल स्पेस तक पहुंच सकते हैं। सीबीडीटी के सूत्रों ने स्पष्ट किया कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 132 पहले से ही अधिकृत अधिकारियों को यह अधिकार देती है कि वे किसी व्यक्ति के पास मौजूद पुस्तकों, खातों या अन्य दस्तावेजों के इलेक्ट्रानिक रिकॉर्ड का निरीक्षण और जब्ती कर सकते हैं।
एक्सेस का अधिकार पहले से मौजूदबताया गया कि नए अधिकार दिए जाने के दावे गलत हैं। आयकर विधेयक, 2025 की धारा 247 में यह प्रविधान है कि एक अधिकृत अधिकारी कंप्यूटर प्रणाली या वर्चुअल डिजिटल स्पेस के एक्सेस कोड को ओवरराइड करके एक्सेस प्राप्त कर सकता है।
यह केवल पहले से मौजूद अधिकारों का पुन: उल्लेख है। इस बात पर भी जोर दिया गया है कि यह शक्ति कर अधिकारियों को दुर्लभ परिस्थितियों में दी जाती है, जब कोई सक्षम अधिकारी तलाशी और जब्ती अभियान का आदेश देता है और संबंधित व्यक्ति सहयोग नहीं कर रहा होता है।
असाधारण स्थिति में होता है लागू- सूत्रों में से एक ने यह भी दोहराया कि यह सामान्य प्रथा नहीं है। यह केवल असाधारण परिस्थितियों में ही लागू होता है। यह स्थिति आयकर अधिनियम 1961 के तहत भी थी और नए आयकर विधेयक 2025 में भी अपरिवर्तित है।
- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नए आयकर विधेयक की जांच के लिए 31 सदस्यीय चयन समिति का गठन किया है। इस विधेयक का उद्देश्य कर कानूनों को सरल बनाना, परिभाषाओं को आधुनिक बनाना और कर-संबंधी मामलों पर अधिक स्पष्टता प्रदान करना है। यह विधेयक 13 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया था।
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अस्थायी जजों की नियुक्ति अधर में लटकी! SC की अनुमति के बावजूद हाईकोर्ट कोलेजियम से नहीं मिली कोई सिफारिश
पीटीआई, नई दिल्ली। लंबित मामलों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए हाई कोर्ट में एडहॉक यानी अस्थायी जजों की नियुक्ति के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मार्ग प्रशस्त किए जाने के बावजूद एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी सरकार को संबंधित हाई कोर्टों से उम्मीदवारों के नाम के प्रस्ताव नहीं मिले हैं।
18 लाख से अधिक आपराधिक मामलों के लंबित होने पर विचार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी को हाई कोर्टों को अस्थायी न्यायाधीशों की नियुक्ति करने की अनुमति दी थी, जोकि कोर्ट की कुल स्वीकृत संख्या के 10 प्रतिशत से अधिक न हो।
कोलेजियम से अभी तक कोई सिफारिश नहींसंविधान का अनुच्छेद 224ए लंबित मामलों से निपटने में मदद के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को हाई कोर्टों में अस्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की अनुमति देता है। सूत्रों ने कहा कि कानून मंत्रालय को अस्थायी न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए संबंधित हाई कोर्ट कोलेजियम से अभी तक कोई सिफारिश नहीं मिली है।
निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार, संबंधित हाई कोर्ट के कोलेजियम विधि मंत्रालय में न्याय विभाग को हाई कोर्ट के जजों के रूप में नियुक्त किए जाने वाले उम्मीदवारों की सिफारिशें या नाम भेजते हैं। इसके बाद न्याय विभाग सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम को भेजने से पहले उम्मीदवारों की जानकारी और विवरण जोड़ता है और फिर इसे सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम को अंतिम फैसले के लिए भेजता है।
राष्ट्रपति की ली जाएगी सहमति- कोलेजियम सरकार को चयनित व्यक्तियों को जजों के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश करता है। राष्ट्रपति नवनियुक्त न्यायाधीश की 'नियुक्ति के वारंट' पर हस्ताक्षर करते हैं। अस्थायी न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी वही रहेगी, सिर्फ इसके कि राष्ट्रपति नियुक्ति के वारंट पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।
- लेकिन अस्थायी न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति की सहमति ली जाएगी। सूत्रों ने बताया कि एक मामले को छोड़कर सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को हाई कोर्टों में अस्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की कोई मिसाल नहीं मिलती।
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भारत-किर्गिस्तान संयुक्त अभ्यास 'खंजर' के लिए भारतीय सेना रवाना, दोनों देशों के बीच दोस्ती होगी मजबूत
एएनआई, नई दिल्ली। भारतीय सेना की टुकड़ी रविवार को भारत-संयुक्त विशेष बल अभ्यास खंजर के लिए रवाना हुई। भारत और किर्गिस्तान के बीच अभ्यास खंजर का 12वां संस्करण 10 मार्च से 23 मार्च 2025 तक किर्गिस्तान में होगा।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 2011 में अपनी शुरुआत के बाद से अभ्यास खंजर एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के रूप में विकसित हो गया है। इस अभ्यास का पिछला संस्करण जनवरी 2024 में भारत में आयोजित किया गया था।
कौन कर रहा भारतीय दल का प्रतिनिधित्व?भारतीय दल का प्रतिनिधित्व पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) के सैनिक कर रहे हैं, तथा किर्गिस्तान दल का प्रतिनिधित्व किर्गिज स्कार्पियन ब्रिगेड कर रही है। इस अभ्यास का उद्देश्य शहरी और पर्वतीय उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में आतंकवाद विरोधी और विशेष बल संचालन में अनुभवों और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करना है।
दोनों देशों के बीच दोस्ती के बंधन होंगे मजबूतअभ्यास में स्नाइपिंग, जटिल बिल्डिंग इंटरवेंशन और माउंटेन क्राफ्ट के उन्नत विशेष बल कौशल विकसित करने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। कठोर प्रशिक्षण के अलावा, अभ्यास में जीवंत सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी शामिल होगा, जिसमें किर्गिज त्यौहार नौरोज का जश्न मनाना भी शामिल है। यह बातचीत दोनों देशों के बीच दोस्ती के बंधन को और मजबूत करेगी।
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