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Karnataka Crime: कर्नाटक के कलबुर्गी में मुठभेड़, एटीएम लूटने वाले दो लुटेरों को लगी गोली
पीटीआई, कलबुर्गी। कलबुर्गी में दो सप्ताह पहले एटीएम लूटने वाले हरियाणा के दो लुटेरों को शनिवार तड़के मुठभेड़ में पैरों में गोली मारने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि लुटेरों की पहचान तस्लीम और शरीफ के रूप में हुई है। वे हरियाणा के मेवात के रहने वाले हैं और मेवात गिरोह के सदस्य हैं।
आरोपितों ने गैस कटर का उपयोग करके 18 लाख रुपये चुराएकलबुर्गी के पुलिस आयुक्त शरणप्पा एसडी ने कहा कि पुलिस ने गिरोह के सदस्यों पर गोलियां चलाईं, जो एसबीआइ एटीएम डकैती में शामिल थे। आरोपितों ने गैस कटर का उपयोग करके 18 लाख रुपये चुराए थे।
पुलिस अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया, दिल्ली पंजीकरण वाली एक संदिग्ध कार के बारे में सूचना मिलने पर पुलिस ने वाहन का पता लगाया और उसे रोकने का प्रयास किया।
पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाईंजब संदिग्धों ने सरेंडर करने के बजाय अधिकारियों पर हमला किया, तो पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाईं, जिससे दो संदिग्ध, तस्लीम और शरीफ के पैरों में गोली लगी।
सरगना तस्लीम समेत चार लोगों को गिरफ्तार कियामुठभेड़ के दौरान पीएसआइ बसवराज और कांस्टेबल राजू, मंजूनाथ और फिरोज भी घायल हो गए। सभी घायलों को कलबुर्गी के जीआइएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सरगना तस्लीम समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पाकिस्तान मंत्री को केंद्रीय मंत्री ने दिया जवाब, पुरी बोले- पानी में कूद जाएं बिलावल, पर पानी ही नहीं तो कूदेंगे कहां?
जेएनएन, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी(पीपीपी) के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी की टिप्पणी पर जोरदार पलटवार किया है। उन्होंने कहा - 'मैंने उनका बयान सुना। उन्हें बताएं कि वे कहीं पानी में कूद जाएं। लेकिन, जब पानी ही नहीं होगा तो वे कैसे कूदेंगे? ऐसे बयानों को महत्व न दें।'
बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पीपीपी नेता ने सिंध प्रांत में एक रैली के दौरान कहा था कि सिंधु हमारा है और हमेशा हमारा रहेगा या तो हमारा पानी इसमें बहेगा या उनका (भारतीयों का) खून।
पाकिस्तान अपने पतन की ओर बढ़ रहा हैपुरी ने आगे कहा कि पहलगाम की घटना स्पष्ट रूप से सीमा पार से प्रायोजित आतंकी हमला है। पाकिस्तान को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। यह तो बस शुरुआत है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसे देश में तब्दील हो चुका है जो अंतत: पतन की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि पहले की तरह अब पाकिस्तान से कोई कारोबार जारी नहीं रहेगा। उधर, मुंबई में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जब तक 140 करोड़ भारतीय देशभक्ति और राष्ट्रीयता को अपना परम धर्म नहीं मानेंगे, तब तक पहलगाम जैसे घटनाएं देश के समक्ष दिक्कत खड़ी करती रहेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे कृत्य भारत की भावना को कभी नहीं तोड़ सकते।
पर्यटन जल्द ही पुन: शुरू होगा- केंद्रीय मंत्रीउन्होंने कहा- ''भारत के लोगों में शक्ति, साहस और आत्मविश्वास है। पर्यटन जल्द ही पुन: शुरू होगा। श्रद्धालु अपनी अमरनाथ यात्रा जारी रखेंगे और कश्मीर प्रगति के पथ पर मजबूती से आगे बढ़ता रहेगा। इसे कोई नहीं रोक सकता।''
उन्होंने कहा कि भारत की बढ़ती वैश्विक स्थिति से कुछ शक्तियां परेशान हैं और यह आतंकी हमला उन्हीं की ओर से हताश होकर उठाया गया कदम है। यह एक असहनीय हमला है, लेकिन हम किसी को भी नहीं छोड़ेंगे। भारत के पास एक उचित जवाब देने की पर्याप्त शक्ति है।
आंतरिक खतरों का मुकाबला करने में भारत की सफलताआंतरिक खतरों का मुकाबला करने में भारत की सफलता जिक्र करते हुए गोयल ने कहा कि जैसे हम नक्सलवाद को तेजी से समाप्त कर रहे हैं, हम आतंकवाद को भी इसी तरह परास्त करेंगे। भारत की शक्ति और संकल्प अडिग हैं।
ईरान और यूएई के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी से फोन पर की बात, पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की
एएनआई, नई दिल्ली। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से टेलीफोन पर बात कर जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। दोनों ने पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
सभी लोगों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ खड़ा होना चाहिएदोनों ने इस बात पर सहमति जताई कि इस तरह के आतंकी हमलों को उचित नहीं ठहराया जा सकता और मानवता में विश्वास रखने वाले सभी लोगों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ खड़ा होना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कही ये बातइस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत के लोगों के गुस्से और पीड़ा को साझा किया। पीएम ने आतंकी हमले के पीछे के लोगों और उनके समर्थकों से दृढ़ता से निपटने के अपने संकल्प को भी साझा किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस संबंध में एक्स पर पोस्ट कर इसकी पुष्टि की है।
इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को मिस्त्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती से टेलीफोन पर बातचीत की। दोनों ने आतंकवाद का डटकर मुकाबला करने को लेकर चर्चा की। एक्स पर एक पोस्ट में जयशंकर ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के संबंध में उनके समर्थन की मैं सराहना करता हूं।
किसी न किसी तरह आपसी तनाव दूर कर लेंगे भारत-पाक : ट्रंपपहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तल्खी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हमेशा तनाव रहा है। दोनों देश आपसी रिश्तों में आए तनाव को किसी न किसी तरह सुलझा लेंगे। ट्रंप ने ये बातें शुक्रवार को उस समय की जब उनसे पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बारे में पूछा गया था।
पाकिस्तान और भारत के बीच बहुत तनाव हैरोम जाते समय एयर फोर्स वन विमान में प्रेस वार्ता में ट्रंप ने कहा, पाकिस्तान और भारत के बीच बहुत तनाव है, लेकिन यह हमेशा से रहा है। मैं दोनों देशों के बहुत करीब हूं। मुझे यकीन है कि वे इसे किसी न किसी तरह सुलझा लेंगे। जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या वह उनसे संपर्क करेंगे, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
सरकार की इस पॉलिसी का नेपाल उठा रहा फायदा, भारतीयों किसानों को हो रहा नुकसान; खजाने पर भी पड़ रहा असर
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार की एक नीति के कारण नेपाल का खाद्य तेल उद्योग मालामाल हो रहा है, जबकि भारतीय उद्योगों को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है और किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य भी नहीं मिल रहा है। खाद्य तेल उद्योग संघ ने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।
दरअसल, भारत में नेपाल से आयात होने वाला खाद्य तेल ड्यूटी फ्री है, जबकि इसी तेल को अन्य देशों से लाने पर 27 से 35 प्रतिशत तक टैक्स लगता है, जिसका सीधा लाभ नेपाल उठा रहा है। दूसरे देशों से सस्ते मूल्य पर खाद्य तेलों का आयात करने के बाद नेपाल में मामूली प्रसंस्करण कर भारत भेजा जा रहा है। इससे भारत को राजस्व नहीं मिल रहा है और किसानों को भी नुकसान हो रहा है।
एक साल में तीन गुना बढ़ा आयातइस नुकसान का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस वर्ष जनवरी से मार्च तक नेपाल से भारत में एक लाख 80 हजार टन खाद्य तेलों का आयात हुआ है, जबकि 2024 में इन्हीं तीन महीनों के दौरान मात्र 60 हजार टन तेल का आयात हुआ था। मतलब नेपाल से खाद्य तेलों का आयात मात्र एक वर्ष में लगभग तीन गुना बढ़ गया है।
मुक्त व्यापार समझौते के कारण नेपाल से बड़ी मात्रा में खाद्य तेल भारत आ रहा है। सबसे ज्यादा सोया रिफाइंड है। इससे किसान प्रभावित हो रहे हैं। केंद्र सरकार को विशेषकर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के सोयाबीन किसानों एवं तेल कारोबार से जुड़े उद्यमियों के हितों को ध्यान में रखते हुए नेपाल से आने वाले सोया रिफाइंड सहित अन्य खाद्य तेलों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाना चाहिए।
- ज्ञानेश मिश्र, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय कृषि उत्पाद उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल
नेपाल में भी खाद्य तेल की मासिक खपत लगभग 35 से 40 लाख टन है। सवाल उठता है कि नेपाल में खाद्य तेलों का उत्पादन अचानक इतना कैसे बढ़ गया कि वह अपनी जरूरतों को पूरा करने के बाद भारत में भी निर्यात कर रहा है, जबकि उसका घरेलू उत्पादन न के बराबर है।
सोयाबीन किसानों पर पड़ रहा प्रभाव- दरअसल, नेपाल अन्य देशों से ड्यूटी फ्री खाद्य तेल मंगवाता है। उसे अपने देश में मामूली रूप से प्रसंस्कृत करता है फिर भारत में सप्लाई कर देता है। भारतीय खाद्य तेलों की तुलना में यह थोड़ा सस्ता होता है। इसके चलते उपभोक्ताओं की प्राथमिकता सूची में ऊपर हो जाता है।
- सबसे ज्यादा प्रभाव सोयाबीन किसानों एवं तेल उत्पादकों पर पड़ रहा है, क्योंकि नेपाल से आने वाला सोया रिफाइंड तेल न सिर्फ सीमावर्ती बिहार-उत्तर बल्कि बंगाल, ओडिशा, झारखंड एवं दिल्ली तक पहुंच रहा है। इससे भी आगे दक्षिण के राज्यों में भी अब सप्लाई होने लगा है। यहां तक कि सोयाबीन का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाला मध्य प्रदेश में भी नेपाल का सोया तेल ही बिकने लगा है। इससे किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
- उत्तर प्रदेश के वैभव एडिबल ऑयल के निदेशक विजय गुप्ता का कहना है कि नेपाल से आयातित खाद्य तेल की वजह से कई सोया प्लांट या तो बंद हो गए हैं या उत्पादन ठप्प पड़ गया है। उनका अनुमान है कि नेपाल से सोया तेल के आयात के कारण देश के लगभग 70 प्रतिशत सोया प्लांट ठप पड़े हैं।
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'साहब बैसरन में गोलियां चली हैं...', खच्चर वालों की बात सुनते ही पहुंचे CRPF के 25 जवान; यूं संभाला मोर्चा
पीटीआई, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ की त्वरित कार्रवाई टीम (क्यूएटी) सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंची थी। अधिकारियों के अनुसार, जब सीआरपीएफ की टीम बैसरन पहुंची तो वहां बड़ी संख्या में पर्यटक मौजूद थे और तीन लोग गोली लगने के कारण घायल अवस्था में पड़े थे।
सीआरपीएफ की 116 बटालियन की डेल्टा कंपनी का आधार शिविर घटनास्थल के निकट स्थित है जोकि बैसरन से लगभग चार से पांच किलोमीटर दूर है। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी।
खच्चरवालों ने दी जानकारीसीआरपीएफ बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) राजेश कुमार उस समय शिविर के बाहर टहल रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि कई खच्चरवाले और कुछ पर्यटक तेजी से ऊंचाई वाले स्थान से नीचे उतर रहे हैं। इसके बाद सीओ ने उन्हें रोका और पूछा कि क्या हुआ है? अधिकारियों ने बताया कि खच्चर वालों ने कहा कि बैसरन में गोलियां चली हैं।
इस पर सीओ ने तुरंत पास में तैनात अपनी क्यूएटी को जानकारी दी और लगभग 25 कमांडो की एक टीम कीचड़ और पथरीले रास्ते को पार करके 40-45 मिनट में घटनास्थल पर पहुंच गई। अधिकारियों ने बताया कि सैनिक ऊपर चढ़ते समय काफी सावधान थे, क्योंकि ऊपर से आतंकियों द्वारा गोलीबारी करने या ग्रेनेड फेंकने की काफी आशंका थी।
सीआरपीएफ ने लोगों को बचाया- इस बीच, सीआरपीएफ की स्थानीय इकाई ने पहलगाम शहर के चारों ओर चौकियां स्थापित कर दी हैं और घटनास्थल के निकट स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। अधिकारियों ने बताया कि डेल्टा यूनिट की कंपनी कमांडर सहायक कमांडेंट राशि सिकरवार भी टीम में शामिल हो गईं और सीओ ने उन्हें महिलाओं व बच्चों की देखभाल करने का काम सौंपा क्योंकि उनमें से कई घायल थे, चीख रहे थे और डरे हुए थे।
- सीआरपीएफ की इकाई उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन अपराह्न करीब 2:30 बजे बैसरन पहुंची तो यह देखकर हैरान रह गई कि गोली लगने से घायल तीन लोग जमीन पर पड़े थे और कुछ महिलाएं, बच्चे व पुरुष अलग-अलग स्थानों पर छिपे हुए थे। सीआरपीएफ की टीम ने घायलों को बचाया तथा हमलावरों की तलाश के लिए क्षेत्र की थोड़ी तलाशी भी ली, क्योंकि उन्हें आभास हो चुका था कि आतंकवादी हमला हुआ है।
- तब तक जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्थानीय थाना प्रभारी घटनास्थल पर पहुंच चुके थे और दोनों बलों ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए। अधिकारियों ने बताया कि करीब 30 से 40 पर्यटकों को डेल्टा कंपनी के मेस में ठहराया गया और उन्हें भोजन व पानी मुहैया कराया गया।
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Pahalgam Attack: पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट किया तो होगी कार्रवाई, अब तक 14 आरोपित गिरफ्तार
पीटीआई, गुवाहाटी। पहलगाम हमले के बाद देशद्रोही टिप्पणी करने के आरोप में असम में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को चेतावनी दी कि यदि जरुरत पड़ी तो इन लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच कोई समानता नहीं- सीएम सरमाहिमंत ने कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच कोई समानता नहीं है। कृषक मुक्ति संग्राम समिति के एक नेता को शुक्रवार को उनकी 'भारत विरोधी टिप्पणी' के लिए गिरफ्तार किया गया। हिमंत ने चेताया कि जो कोई भी ऐसा रुख अपनाएगा, उसे गिरफ्तार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री हिमंत ने दी एनएसए लगाने की चेतावनीमुख्यमंत्री ने कहा, यदि आवश्यक हुआ तो हम उन पर एनएसए के प्रविधान लागू करेंगे। हम सभी इंटरनेट मीडिया की पोस्ट की जांच कर रहे हैं। जो भी हमें राष्ट्र-विरोधी लगेगा, उस पर कार्रवाई होगी। इस बीच मुख्यमंत्री ने शनिवार शाम सात बजे तक देशद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई पर अपडेट साझा करते हुए कहा, अब तक कुल 14 गिरफ्तारियां की गई हैं।
सरमा ने एक्स पर एक अन्य पोस्ट में कहा कि शुक्रवार रात श्रीभूमि जिले में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया। आरोपित मोहम्मद मुस्ताक अहमद ने फेसबुक पर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' लिखा था।
शुक्रवार को राज्य भर में छह और गिरफ्तारियां की गईंएक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा कि कछार जिले में इसी तरह के आरोप में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। विपक्षी एआइयूडीएफ विधायक अमीनुल इस्लाम सहित दो लोगों को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था, जबकि शुक्रवार को राज्य भर में छह और गिरफ्तारियां की गईं। शनिवार को छह लोगों को गिरफ्तार किया गया।
Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकवादी हमले की जांच करेगी NIA, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सौंपी जिम्मेदारी
आईएएनएस, नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच अब केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है। हालांकि एनआईए आतंकी हमले के बाद से इस मामले में सक्रिय है।
अब तेजी से होगी जांचएनआईए अब केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू करेगी। एनआईए स्थानीय पुलिस से पहलगाम हमले से संबंधित केस डायरी और एफआईआर भी हासिल करेगी।
एनआईए की एक फोरेंसिक टीम भी पहलगाम में मौजूदइससे पहले एनआईए की एक टीम पहले से ही पहलगाम में मौजूद थी। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया। एनआईए की एक फोरेंसिक टीम भी पहलगाम में मौजूद है।
पहलगाम में हमला मंगलवार को बैसरन मैदान में हुआ, जहां आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।
यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद से इस क्षेत्र में सबसे घातक हमलों में से एक था, जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे।
केंद्र ने पाकिस्तान के खिलाफ लिए कई बड़े निर्णयपहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों और इसके पीछे के साजिशकर्ताओं को कड़ी सजा मिलेगी। विपक्षी दलों ने आतंकी हमले के दोषियों के खिलाफ किसी भी कार्रवाई में सरकार के प्रति अपना पूरा समर्थन जताया है।
केंद्र सरकार ने 1960 की सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखने का फैसला किया है, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देने से पूरी तरह से मना नहीं कर देता।
केंद्र सरकार ने रद किए सभी पाकिस्तानी वीजाकेंद्र सरकार ने 27 अप्रैल से तत्काल प्रभाव से पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी श्रेणियों के वीजा रद कर दिए हैं, जिनमें दीर्घकालिक वीजा, राजनयिक और आधिकारिक वीजा शामिल नहीं हैं।
इस खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है। हम अपने सभी पाठकों को पल-पल की खबरों से अपडेट करते हैं। हम लेटेस्ट और ब्रेकिंग न्यूज को तुरंत ही आप तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रारंभिक रूप से प्राप्त जानकारी के माध्यम से हम इस समाचार को निरंतर अपडेट कर रहे हैं। ताजा ब्रेकिंग न्यूज़ और अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए जागरण के साथ।
यात्री बसों की छतों से हटेंगे कैरियर? ओवरलोडिंग को लेकर SC में याचिका दायर, जानिए क्या है दलील
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रोजाना हाई वे पर ओवरलोडेड यात्री बसें देखी जा सकती हैं जिनमें सिटिंग और स्लीपर व्यवस्था के साथ बस की छत पर भारी मात्रा में सामान लदा होता है जो किसी भी दुर्घटना को आमंत्रण देता दिखता है। लेकिन अब ओवरलोडेड बसों का यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।
सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल हुई है जिसमें पूरे देश में ओवरलोडेड यात्री बसों का मुद्दा उठाया गया है। कहा गया है कि ओवरलोडेड यात्री बसें न सिर्फ लोगों के जीवन के लिए गंभीर खतरा हैं बल्कि ये पर्यावरण को भी प्रदूषित करती हैं। बस पर लदे सामान का जीएसटी छुपाने से राजस्व का भी नुकसान होता है।
SC में दाखिल याचिका में की गई ये मांगयाचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट बसों की ओवरलोडिंग पर लगाम लगाने के लिए मजूबत तंत्र लागू करने का निर्देश दे। यात्री बसों की अनिवार्य रूप से चेकिंग हो और बस की छतों पर लगे कैरियर हटाने के आदेश दिये जाएं। यह याचिका वकील संगम लाल पांडेय ने दाखिल की है। जिसमें केंद्र और सभी राज्यों को पक्षकार बनाया गया है।
ओवरलोडिंग के मामले कोर्ट के हस्तक्षेप की मांगबसों की ओवरलोडिंग के मामले में न्यायिक हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया है। याचिका में राज्य परिवहन और निजी बस ऑपरेटरों की बसों में क्षमता से अधिक यात्रियों और क्षमता से अधिक सामान बस के केबिन और बस के ऊपर लाद कर ले जाने का मुद्दा उठाया गया है और ओवरलोडिंग बसों की दुर्घटनाओं के भी आंकड़े दिये गए हैं।
ओवरलोडिंग से एक्सीडेंट का खतराओवरलोडिंग के कारण ब्रेक फेल, टायर फटने और बस पर नियंत्रण नहीं रहने की बातें उत्तराखंड में 2024 में हुई बस दुर्घटना में दर्ज की गई थी। आईआईटी दिल्ली ने 2022 में पाया था कि ओवरलोडेड वाहन की हाई वे पर दुर्घटना की 30 प्रतिशत ज्यादा संभावना होती है। ओवरलोडेड बसें 15 से 20 फीसद ज्यादा ईंधन खाती हैं जिससे प्रदूषण भी बढ़ता है और ऑपरेशनल कास्ट भी बढ़ती है।
बसों नें रेगुलर रुटिन चेकिंग की मांगसीएजी ने 2024 में कहा था कि बिना दस्तावेज के बस की छत पर ले जाए जा रहे सामान से करीब 500 करोड़ के जीएसटी का सालाना नुकसान होता है जिसका संबंध ओवरलोडिंग से है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि सिर्फ पांच प्रतिशत अंतरराज्यीय बस टर्मिनल पर वेइंगब्रिज यानी वजन लेने की व्यवस्था है। यात्री बसों की रुटीन चेकिग नहीं होती जो कि ओवरलोडिंग की समस्या को बढ़ाती है।
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वर्ल्ड बैंक ने दी भारत को अच्छी खबर, 10 साल में गरीबी से बाहर आए 17 करोड़ लोग; रोजगार को लेकर भी दिया डाटा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विश्व बैंक ने कहा है कि भारत 2011-12 और 2022-23 के बीच 17.1 करोड़ लोगों को अत्यंत गरीबी से बाहर निकालने में सफल रहा है। विश्व बैंक ने भारत को लेकर गरीबी और समानता पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने गरीबी को काफी हद तक कम किया है।
अत्यंत गरीबी यानी प्रतिदिन 2.15 डॉलर से कम पर जीवन यापन करने वाले लोगों की संख्या 2011-12 में 16.2 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 2.3 प्रतिशत पर आ गई। इससे 17.1 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ पाए हैं।
शहरी क्षेत्रों में भी कम हुई गरीबीरिपोर्ट के मुताबिक, गांवों में अत्यंत गरीबी 18.4 प्रतिशत से घटकर 2.8 प्रतिशत पर आ गई, जबकि शहरी क्षेत्र में यह 10.7 प्रतिशत से घटकर 1.1 प्रतिशत पर रही। इससे ग्रामीण-शहरी अंतर 7.7 प्रतिशत से घटकर 1.7 प्रतिशत पर आ गया। यह सालाना 16 प्रतिशत की गिरावट है।
इसमें कहा गया है कि भारत निम्न-मध्यम आय वर्ग की श्रेणी में भी आने में सफल रहा है। इसमें 3.65 डॉलर प्रतिदिन की निम्न-मध्यम आय वर्ग (एलएमआइसी) गरीबी रेखा का उपयोग करते हुए गरीबी 61.8 प्रतिशत से घटकर 28.1 प्रतिशत पर आ गई।
इन राज्यों का भी योगदान- रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में भारत में अत्यंत गरीबी में रहने वाले लोगों में पांच सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, बंगाल और मध्य प्रदेश की 65 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। वहीं 2022-23 तक अत्यंत गरीबी में आई कमी में इनका योगदान दो-तिहाई रहा।
- इसके बावजूद इन राज्यों का अब भी भारत के अत्यंत गरीबी में रहने वाले लोगों का 54 प्रतिशत (2022-23) और बहुआयामी यानी विभिन्न स्तरों पर गरीब लोगों (2019-21) का 51 प्रतिशत हिस्सा है।
रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के बीच रोजगार दर बढ़ रही है। शहरी बेरोजगारी वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 6.6 प्रतिशत तक घट गई, जो 2017-18 के बाद सबसे कम है। इसमें चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि युवा बेरोजगारी 13.3 प्रतिशत है।
उच्च शिक्षा प्राप्त स्नातकों के बीच बेरोजगारी 29 प्रतिशत तक है। विश्व बैंक समूह और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के ये विवरण साल में दो बार जारी किए जाते हैं। यह रिपोर्ट किसी देश की गरीबी और असमानता के संदर्भ को समझने में मदद करती है।
(एजेंसी और पीआईबी इनपुट के साथ)
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कभी घबराहट में बयान तो कभी गीदड़भभकी, सिंधु जल समझौता निलंबित करने पर क्यों बिलबिला रहा पाकिस्तान?
नीलू रंजन, जागरण, नई दिल्ली। सिंधु जल समझौता निलंबित करने के भारत के फैसले से पाकिस्तान बिलबिला उठा है। शुक्रवार को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता व पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के सिंधु में या तो पानी बहेगा या फिर खून बहेगा की गीदड़ भभकी के बाद शनिवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भी पूरी ताकत से करारा जवाब देने का दंभ भरा है।
इसके साथ ही पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई से डरा पाकिस्तान इसमें संलिप्तता से पूरी तरह से इनकार करते हुए तीसरे पक्ष से जांच कराने का प्रस्ताव किया है। सिंधु जल समझौते के निलंबित करने से पाकिस्तान की ओर बह रहे पानी में भले ही तत्काल कोई फर्क नहीं पड़ा है। लेकिन आने वाले समय में इसके प्रभाव की कल्पना से ही पाकिस्तान कांप उठा है।
शाहबाज शरीफ ने सिंधु नदी को पाकिस्तान की जीवन रेखा बतायाशाहबाज शरीफ ने सिंधु नदी को पाकिस्तान की जीवन रेखा बताया है। आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान की 80 फीसद सिंचाई सिंधु और उसकी सहायक नदियों के पानी से होता है। जाहिर है इन नदियों के बहाव में जरा भी बदलाव पाकिस्तान के लिए घातक साबित होगा। पहले से आर्थिक संकट और खाद्य पदार्थों की महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए नए संकट से निपटना संभव नहीं होगा।
भारत के एक्शन से पाकिस्तान में तिलमिलाहटबिलावल भुट्टो के खून या पानी बहने की तिलमिलाहट को सिंध में पानी संकट से समझा जा सकता है। पाकिस्तान के पंजाब इलाके में सिंचाई की सुविधा बढ़ाने के लिए छह नहरों के निर्माण के खिलाफ पूरा सिंध पिछले हफ्ते बंद था और लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान सरकार ने इन नहरों के निर्माण का काम बंद कर दिया, उसके बाद ही धरना-प्रदर्शन बंद हुआ।
पाकिस्तान ने कहा किसी भी जांच के लिए वह तैयारध्यान देने की बात है कि शुक्रवार को गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर और जल संसाधन मंत्री सीआर पाटिल की बैठक हुई थी, जिसमें सिंधु जल समझौता निलंबित होने के बाद इसकी नदियों के पानी का भारत में इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए कई फैसले लिए गए। पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी में प्रशिक्षित कैडरों के पासिंग आउट पैरेड समारोह को संबोधित करते हुए शाहबाज शरीफ ने भारत की ओर से आक्रमण करने की किसी गलती का जवाब देने में पाकिस्तानी सेना को सक्षम बताते हुए उस पर भरोसा जताया।
समारोह में पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर भी उपस्थित थे। विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ के पहलगाम हमले में पाकिस्तान के किसी भी रूप में शामिल नहीं होने के दावे को दोहराते हुए शरीफ ने कहा कि वे इसकी किसी भी स्वतंत्र और निष्पक्ष एजेंसी से जांच के लिए तैयार हैं।
जब पाकिस्तान ने चला था यूएन वाला दांवध्यान देने की बात है कि 2008 में मुंबई हमले के बाद भारत में गुस्से और बदले की भावना के उबाल को शांत करने के लिए भी पाकिस्तान ने संयुक्त जांच का दांव चला था। लेकिन कसाब, डेविड कोलमैन हेडली से पूछताछ के आधार पर मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ भारत की ओर से भेजे गए डोजियर पर पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई नहीं की। विभिन्न आतंकी हमलों की जांच के सिलसिले में भारत की ओर से भेजे गए 20 लेटर रोगेटरी (एलआर) का अभी तक जवाब नहीं मिला है। इसके साथ ही पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले की भारत-पाकिस्तान की संयुक्त जांच हुई थी।
पाकिस्तानी जांच दल भारत आया भी था, लेकिन उसका कोई परिणाम सामने नहीं आया। जाहिर है किसी भी निष्पक्ष और स्वतंत्र एजेंसी से जांच की शरीफ की मांग सिर्फ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बरगलाने और भारत की जवाबी कार्रवाई से बचने की कोशिश में रूप में देखा जा रहा है। एक तरफ पाकिस्तान पहलगाम हमले से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहा है, तो दूसरी ओर कश्मीर को अपनी गर्दन की अहम नस बताने से बाज नहीं आ रहा है।
जनरल मुनीर के इस मामले में दिये बयान को शाहबाज शरीफ ने फिर दोहराया। इसके साथ ही कश्मीरी लोगों को उनकी कथित लड़ाई में समर्थन जारी रखने का भी ऐलान किया। शरीफ ने भारत में मुसलमानों और सिखों के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए जनरल मुनीर के मुसलमानों को हिंदुओं से बिल्कुल अलग होने के बयान का समर्थन किया। दरअसल, आंतरिक विघटन से गुजर रहे पाकिस्तान को कश्मीर और मुस्लिम पहचान एकमात्र उपाय नजर आ रहा है।
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'पाक को चुकानी होगी बड़ी कीमत', बिलावल भुट्टो को BJP ने सुनाई खरी-खरी; कहा- 'वे हताश हैं'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच के रिश्ते में तनाव काफी बढ़ गया है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े फैसले लिए हैं। इस बीच पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी के बयान के बाद भारत में एक बड़ा उबाल आ गया है। भुट्टो के बयान पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया है और इसकी कड़ी निंदा की है।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी की टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री ने कड़े शब्दों में कहा कि पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। पाकिस्तान को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अभी तो केवल इसकी शुरुआत हुआ है। केंद्रीय मंत्री ने कड़े शब्दों में कहा कि पाकिस्तान को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी।
'पाकिस्तान को चुकानी होगी बड़ी कीमत'पहलगाम आतंकी हमले पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पहलगाम की घटना स्पष्ट रूप से पड़ोसी राज्य द्वारा किया गया सीमा पार आतंकवादी हमला है और वे इसकी जिम्मेदारी ले रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि पहले की तरह अब कोई कारोबार जारी नहीं रहेगा। जैसा कि पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और यह तो बस शुरुआत है। आतंकवादी जीवन के सबसे मौलिक अधिकार को छीन लेते हैं। इसकी पूरी दुनिया निंदा कर रही है। पाकिस्तान न केवल एक दुष्ट देश है, बल्कि यह एक पतनशील देश है।
पाकिस्तानी नेता को सीधा जवाबपाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता के बयान पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मैंने देखा की कह रहे हैं कि पानी नहीं बहेगा तो खून बहा देंगे। उससे कहिए कि खून बहाकर कहीं छलांग मार लें। पानी नहीं मिलेगा तो कहां छलांग मारेगा। छोड़िए बेवकूफ आदमी है।
धमकियों ने भारत नहीं डरेगा: पीयूषइधर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कही कि हम पाकिस्तान की धमकियों से नहीं डरने वाले हैं। पाकिस्तान के पास आतंक फैलाने के अलावा और कोई काम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम बिलावल भुट्टो के बयान की निंदा करते हैं। पाकिस्तान के लोग भी ऐसे बयानों से सहमत नहीं होंगे।
पीयूष गोयल का कहना है कि मैं समझता हूं की पाकिस्तान एक हताश देश है। उसके पास कोई अन्य काम नहीं है। दुर्भाग्य है कि ऐसे नेता विश्व का नुकसान ही करते हैं।
पाकिस्तानी नेता ने क्या कहा था?उल्लेखनीय है कि बिलावल भुट्टो ने कहा कि भारत की सरकार ने एलान किया है कि वो सिंधु जल संधि को नहीं मानते हैं। मैं इसी सिंधु दरिया के साथ खड़े होकर भारत को कहना चाहूंगा की सिंधु हमारा है और सिंधु हमारा ही रहेगा। या इस दरिया से हमारा पानी बहेगा या उनका खून बहेगा। ऐसा नहीं हो सकता है कि एक दिन आप फैसला करें कि हम संधि को नहीं मानते हैंष ना ये बात पाकिस्तान की आवाम मानेगी।
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'सेना के ऑपरेशन से जुड़े वीडियो...' पहलगाम हमले के बाद सरकार ने मीडिया के लिए जारी की एडवाइजरी; दिए ये निर्देश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से पूरे देश में सुरक्षा को लेकर हाई अलर्ट है। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का सफाया करने के लिए सुरक्षा बल लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं। अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस संबंध में एक एजवाइजरी भी जारी की है।
एजवाइजरी में कहा गया है कि सभी मीडिया प्लेटफॉर्म, न्यूज एजेंसी और सोशल मीडिया यूजर्स पूरी जिम्मेदारी का पालन करें व रक्षा संबंधी मामलों पर रिपोर्टिंग के दौरान मौजूदा नियम-कानूनों का सख्ती से पालन करें।
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घाटी से चुन-चुनकर होगा आतंकियों का सफाया, सेना ने जारी की लिस्ट; हिट लिस्ट में हैं ये 14 नाम
एएनआई, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद बढ़ी सुरक्षा चिंताओं के बीच एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में खुफिया एजेंसियों ने केंद्र शासित प्रदेश में सक्रिय रूप से सक्रिय 14 स्थानीय आतंकवादियों की एक सूची तैयार की है।
सूत्रों के अनुसार, 20 से 40 वर्ष की आयु के ये व्यक्ति पाकिस्तान से विदेशी आतंकवादियों को रसद और जमीनी स्तर पर सहायता प्रदान कर सक्रिय रूप से सहायता कर रहे हैं।
इन गुर्गों के आतंकी हैं शामिल
पहचाने गए गुर्गों के पाकिस्तान समर्थित तीन प्रमुख आतंकी संगठनों से जुड़े होने की खबर है। इनमें हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM)। इनमें से 3 हिजबुल मुजाहिदीन से, 8 LeT से और 3 JeM से जुड़े हैं।
सूत्रों के मुताबिक इन व्यक्तियों के नाम हैं- आदिल रहमान डेन्टू (21), आसिफ अहमद शेख (28), अहसान अहमद शेख (23), हारिस नजीर (20), आमिर नजीर वानी (20), यावर अहमद भट, आसिफ अहमद खांडे (24), नसीर अहमद वानी (21), शाहिद अहमद कुटे (27), आमिर अहमद डार, अदनान सफी डार, जुबैर अहमद वानी (39), हारून रशीद गनई (32) और जाकिर अहमद गनी (29)।
कौन आतंकी कहां है सक्रिय
- डेन्टू 2021 में लश्कर में शामिल हुआ और प्रतिबंधित संगठन के सोपोर जिला कमांडर के रूप में सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
- जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी आसिफ अहमद शेख अवंतीपोरा का जिला कमांडर है और 2022 से लगातार आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है।
- अहसान अहमद शेख लश्कर के आतंकवादी के रूप में पुलवामा में सक्रिय है और 2023 से लगातार आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है।
- हारिस नजीर पुलवामा का आतंकवादी है और 2023 से लश्कर में सक्रिय है जबकि आमिर नजीर वानी भी 2024 से जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा पुलवामा में सक्रिय आतंकवादी है।
- यावर अहमद भट भी पुलवामा में पूरी तरह सक्रिय है और 2024 से जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा है।
- आसिफ अहमद खांडे जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले का आतंकवादी है और वह जुलाई 2015 में हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था और वर्तमान में पाकिस्तानी आतंकवादियों की सहायता करने वाले आतंकवादी समूह का सक्रिय सदस्य है।
- नसीर अहमद वानी भी 2019 से शोपियां में लश्कर के सक्रिय सदस्य के रूप में आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल है और पाकिस्तानी आतंकवादियों की काफी मदद कर रहा है।
- शोपियां में एक और सक्रिय आतंकवादी शाहिद अहमद कुटे 2023 से लश्कर और उसके प्रॉक्सी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) से जुड़ा हुआ है।
- आमिर अहमद डार भी 2023 से शोपियां में सक्रिय है, वह लश्कर के साथ काम कर रहा है और विदेशी आतंकवादियों के सहयोगी के रूप में प्रमुख भूमिका निभाता है।
- अदनान सफी डार, जो शोपियां जिले का एक और सक्रिय आतंकवादी है, 2024 से लश्कर और टीआरएफ के लिए संयुक्त रूप से काम कर रहा है और पाकिस्तानी हैंडलरों से आतंकवादियों तक सूचना पहुंचाने का काम करता है।
ये भी हैं लिस्ट में शामिल
जुबैर अहमद वानी उर्फ अबू उबैदा उर्फ उस्मान, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में हिजबुल मुजाहिदीन का मुख्य ऑपरेशनल कमांडर है। उसे ए+ सक्रिय आतंकवादी के रूप में वर्गीकृत किया गया है और वह अन्य आतंकवादियों की महत्वपूर्ण रूप से सहायता करता है और 2018 से सुरक्षा बलों पर हमलों में कई बार शामिल रहा है।
अनंतनाग का एक सक्रिय हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी हारून रशीद गनई सुरक्षा बलों की तलाशी रडार पर है। उसने पहले पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की यात्रा की थी, जहां उसने 2018 के दौरान प्रशिक्षण प्राप्त किया था। कथित तौर पर वह हाल ही में दक्षिण कश्मीर वापस आया था।
हालांकि, जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले का एक प्रमुख आतंकवादी जुबैर अहमद गनी लश्कर से जुड़ा है और लगातार सुरक्षा बलों पर हमले और लक्षित हत्याओं में शामिल रहा है। इन स्थानीय आतंकी मददगारों की पहचान तब हुई है जब एजेंसियां सीमा पार आतंकवाद को सुविधाजनक बनाने वाले समर्थन नेटवर्क को खत्म करने के प्रयासों को तेज कर रही हैं।
सुरक्षाबलों ने इन इलाकों में अभियान किया शुरू
सुरक्षा बलों ने पूरे दक्षिण कश्मीर में, खास तौर पर अनंतनाग और पुलवामा जिलों में समन्वित अभियान शुरू किए हैं, जहां माना जाता है कि सूचीबद्ध कई लोग सक्रिय हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों ने संकेत दिया है कि ये नाम एक बड़े खुफिया डोजियर का हिस्सा हैं जिसका इस्तेमाल घाटी में आगे के हमलों को रोकने और आतंकी रसद को बाधित करने के लिए किया जा रहा है।
एजेंसियां इन 14 आतंकवादियों के उन पांच आतंकवादियों से संबंध खोजने में लगी हुई हैं जिन्होंने 22 अप्रैल को दोपहर 2 बजे के आसपास लोकप्रिय पर्यटन शहर पहलगाम के पास बैसरन के सुरम्य घास के मैदान में 26 पर्यटकों पर हमला किया था।
इन 14 स्थानीय सक्रिय आतंकवादियों की सूची जारी करना एक कदम है, क्योंकि जांचकर्ताओं ने घातक हमले में शामिल पांच आतंकवादियों की पहचान की है, जिनमें तीन पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल हैं।
पहलगाम हमले के तीन आतंकियों पर 20 लाख का है इनाम
अधिकारियों ने पहले इन पाकिस्तानी आतंकवादियों के तीन स्केच भी जारी किए थे- आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा। घाटी के अन्य दो गुर्गों की पहचान आदिल गुरी और अहसान के रूप में की गई थी। प्रत्येक पर 20 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है।
एनआईए अन्य एजेंसियों के साथ वर्तमान में समग्र जांच में जम्मू और कश्मीर पुलिस की सहायता कर रही है क्योंकि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर के प्रॉक्सी टीआरएफ ने हमले की जिम्मेदारी ली है। एनआईए टीम से हमले की जगह का गहन आकलन करने, फोरेंसिक साक्ष्य एकत्र करने और नरसंहार के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने में मदद करने की उम्मीद है।
पहलगाम हमला : भारत के एक्शन से 'बैकफुट' पर आया पाकिस्तान, पीएम शहबाज बोले- 'हम जांच के लिए तैयार'
Kerala: देखभाल के लिए आया मेल-नर्स बना जानी दुश्मन, अल्जाइमर पीड़ित पर बेरहमी से किया हमला; CCTV में कैद हुई वारदात
पीटीआई, पथानामथिट्टा (केरल)। केरल के कोडुमोन के पास स्थित एक घर में 55 वर्षीय अल्जाइमर रोगी पर उसके पुरुष होम-नर्स ने कथित तौर पर बेरहमी से हमला किया। कोडुमोन पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि होम-नर्स विष्णु को शुक्रवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया और उसके खिलाफ बीएनएस की धारा 118 के तहत मामला दर्ज किया गया।
पीड़ित को आई गंभीर चोट
यह कार्रवाई पीड़ित की पत्नी की शिकायत पर की गई, जिसने दावा किया था कि आरोपी ने उसके पति शशिधरन पिल्लई पर डंडे और बेल्ट से बेरहमी से हमला किया और उसे घर के फर्श पर घसीटा। पत्नी ने बताया कि उसके पति के चेहरे, सिर और पीठ पर गंभीर चोटें आई हैं।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, अल्जाइमर रोगी को आई चोट को लेकर पुरुष-नर्स ने सभी को बताया कि पीड़ित गिर गया था, जिस वजह से उसे चोटें आईं। हालांकि, डॉक्टरों को संदेह था कि ऐसा नहीं है और उसके बाद घर के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच की गई, तो सच्चाई सामने आ गई।
घटना का सीसीटीवी फुटेज आया सामने
टीवी चैनलों पर प्रसारित सीसीटीवी फुटेज में, आरोपी को पीड़ित को फर्श पर एक कमरे से दूसरे कमरे में घसीटते हुए देखा जा सकता है, इस दौरान पिल्लई का सिर पास की सीढ़ी के निचले पायदान से भी टकराता है।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित फिलहाल एक निजी अस्पताल में भर्ती है और आईसीयू में है। पुलिस ने बताया कि उसकी पत्नी की शिकायत के अनुसार, आरोपी उसके पति की उचित देखभाल करने और बाहर जाने के बाद जल्दी घर लौटने के लिए कहने के निर्देश से नाखुश था। आगे की जांच जारी है।
वीर सावरकर टिप्पणी मामला: राहुल गांधी की फिर बढ़ी मुसीबत, अब पुणे कोर्ट ने कांग्रेस नेता को किया तलब
30 जून से शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा, सरकार ने किया एलान; जानें आवेदन का तरीका
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने शनिवार को जून से कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने की घोषणा की। यह यात्रा पांच साल के अंतराल के बाद शुरू हो रही है। इसे भारत और चीन द्वारा संबंधों को बेहतर बनाने के प्रयासों के एक हिस्से के रूप में भी देखा जा रहा है।
दोनों देशों ने पिछले साल अक्टूबर में एक समझौते के तहत डेमचोक और देपसांग के दो बिंदुओं पर सैनिकों की वापसी पूरी कर ली थी। विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित कैलाश मानसरोवर यात्रा जून से अगस्त 2025 के दौरान होने वाली है।
5 बैच लिपुलेख दर्रे से जाएंगेविदेश मंत्रालय ने कहा कि इस साल पांच बैच, जिनमें से प्रत्येक में 50 यात्री शामिल हैं और 10 बैच, जिनमें से प्रत्येक में 50 यात्री शामिल हैं क्रमश: उत्तराखंड से लिपुलेख दर्रे को पार करते हुए और सिक्किम से नाथू ला दर्रे को पार करते हुए यात्रा करने वाले हैं।
यात्रा के लिए आवेदन केएमवाई डॉट जीओवी डॉट इन वेबसाइट पर किया जा सकता है। कोरोना महामारी और उसके बाद चीन की ओर से यात्रा व्यवस्थाओं का नवीनीकरण न किए जाने के बाद 2020 से कैलाश मानसरोवर यात्रा नहीं हुई है।
पिछले महीने बीजिंग में भारत और चीन के विदेश मंत्रालयों के बीच आधिकारिक परामर्श के बाद यह घोषणा की गई थी कि कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए काम जारी है।
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केरल के कई होटलों को मिली बम से उड़ाने की धमकी, पुलिस ने जारी किया अलर्ट
तिरुवनंतपुरम, पीटीआई। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की चर्चा अभी थमी भी नहीं थी कि केरल के कई होटलों को बम से उड़ाने की धमकी मिल गई है। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित कई बड़े होटलों को धमकी भरे मैसेज मिले हैं। सभी होटलों ने इसकी जानकारी पुलिस को दे दी है।
बॉम्ब स्क्वाड पहुंचीमामले पर फौरन एक्शन लेते हुए केरल पुलिस ने होटलों को खाली करवा लिया है। बॉम्ब स्क्वाड टीम मौके पर पहुंचकर छानबीन कर रही है। डॉग स्क्वाड भी होटलों में मौजूद हैं। होटल परिसर की जांच की जा रही है।
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पुलिस ने दी जानकारीतिरुवनंतपुरम के कैंटोनमेंट पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि होटलों की जांच जारी है। जिन होटलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है, उन सभी होटलों की छानबीन की जा रही है। अभी तक होटलों में कुछ भी नहीं मिला है। हालांकि, जांच जारी है।
ईमेल से मिली थी धमकीपुलिस के अनुसार, होटलों को यह धमकी ईमेल से दी गई है। शनिवार की सुबह तिरुवनंतपुरम के कई होटलों को एक मेल प्राप्त हुई, जिसमें IED ब्लास्ट होने की चेतावनी दी गई थी। पुलिस ईमेल भेजने वालों का पता लगा रही है। हालांकि, अभी तक ईमेल को ट्रेस नहीं किया जा सका है। धमकी मिलने वाले होटलों की फेहरिस्त में तिरुवनंतपुरम के मशहूर हिल्टन होटल का नाम भी शामिल है।
केरल में पहला मामला नहींबता दें कि यह पहली बार नहीं है जब केरल में ऐसे धमकी भरे ईमेल प्राप्त हुए हैं। इससे पहले जिला कलेक्ट्रेट, राजस्व प्रभागीय अधिकारियों के कार्यालय और केरल हाई कोर्ट को भी बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। इन सभी धमकियों के बाद भी पुलिस बड़े स्तर पर चेकिंग शुरू की थी, लेकिन कहीं कुछ नहीं मिला।
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वीर सावरकर टिप्पणी मामला: राहुल गांधी की फिर बढ़ी मुसीबत, अब पुणे कोर्ट ने कांग्रेस नेता को किया तलब
एएनआई, महाराष्ट्र। पुणे की एक अदालत ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी से संबंधित मानहानि के एक मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को तलब किया है। अदालत ने राहुल गांधी को 9 मई को उपस्थित होने का अनुरोध किया है।
वीडी सावरकर के एक रिश्तेदार ने राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, क्योंकि उन्होंने कुछ समय पहले लंदन में स्वतंत्रता सेनानी के बारे में एक बयान दिया था।
क्या था राहुल का बयान
राहुल गांधी ने कहा था, "उन्होंने (सावरकर और उनके साथियों ने) एक मुसलमान को पीटा और खुश हुए। अगर पांच लोग एक व्यक्ति को पीट रहे हैं और कोई खुश हो रहा है, तो यह कायरता है। यह भी उनकी विचारधारा में है।"
इसी मुद्दे पर राहुल गांधी के खिलाफ एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस सांसद को चेतावनी दी कि वह भविष्य में स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी न करें अन्यथा, उन्हें परिणाम भुगतने होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की टिप्पणी पर उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा,"क्या राहुल गांधी जानते हैं कि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने विनायक दामोदर सावरकर की प्रशंसा करते हुए एक पत्र लिखा था।"
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने सावरकर के खिलाफ राहुल गांधी की टिप्पणी पर असहमति जताई।
न्यायमूर्ति दत्ता ने गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से यह भी पूछा कि क्या महात्मा गांधी को सिर्फ इसलिए अंग्रेजों का सेवक कहा जा सकता है क्योंकि उन्होंने वायसराय को लिखे अपने पत्रों में 'आपका वफादार सेवक' शब्द का इस्तेमाल किया था।
न्यायमूर्ति ने राहुल के वकील से किए सवाल
न्यायमूर्ति दत्ता ने सिंघवी से कहा, "क्या आपके मुवक्किल को पता है कि महात्मा गांधी ने भी वायसराय को संबोधित करते समय 'आपके वफादार सेवक' का इस्तेमाल किया था? क्या आपके मुवक्किल को पता है कि उनकी दादी ने भी प्रधानमंत्री रहते हुए किसी को पत्र भेजकर सावरकर की प्रशंसा की थी।" पीठ ने आगे कहा कि आप स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास और भूगोल को जाने बिना ऐसे बयान नहीं दे सकते।
न्यायमूर्ति दत्ता ने पूछा और कहा कि उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैरजिम्मेदाराना बयान नहीं देने चाहिए। क्या आप स्वतंत्रता सेनानियों के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं?
'भविष्य में ऐसा कोई बयान नहीं देंगे राहुल गांधी'
न्यायमूर्ति ने कहा कि महाराष्ट्र में सावरकर की पूजा की जाती है। उन्होंने आगे कहा, "मैं स्पष्ट कर दूं, आगे कोई भी बयान दिया गया तो हम स्वत: संज्ञान लेंगे और मंजूरी का कोई सवाल ही नहीं है। हम आपको स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बोलने की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने हमें स्वतंत्रता दिलाई है।"
इसके बाद पीठ ने लखनऊ की एक अदालत में गांधी के खिलाफ सावरकर के खिलाफ की गई टिप्पणियों को लेकर चल रही आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगा दी। हालांकि, पीठ ने कहा कि वह कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए इच्छुक है, लेकिन इस शर्त पर कि वह भविष्य में ऐसा कोई बयान नहीं देंगे।
सवालों से भागता दिखा तहव्वुर राणा, हर बात पर करता रहा टालमटोल; 26/11 हमले के मास्टरमाइंड से 8 घंटे तक हुई पूछताछ
नई दिल्ली, एएनआई। मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा इस वक्त राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की कैद में है। मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने तहव्वुर राणा से नई दिल्ली में पूछताछ की है। आठ घंटे तक चली इस पूछताछ में तहव्वुर मुंबई पुलिस के सवालों से बचने की कोशिश कर रहा था।
मुंबई पुलिस के अनुसार, नई दिल्ली स्थित NIA के मुख्यालय में तहव्वुर राणा से आठ घंटे तक पूछताछ की गई। इस दौरान तहव्वुर टालमटोल वाले जवाब दे रहा था और उसने पुलिस का बिल्कुल सहयोग नहीं किया।
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तहव्वुर पर आरोपबता दें कि तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, जिसपर 2008 के 26/11 मुंबई हमले की साजिश रचने का आरोप है। तहव्वुर पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर था। साथ ही उसपर कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है। हाल ही में उसे अमेरिका से भारत लाया गया था।
Mumbai, Maharashtra | On Wednesday, a team of Mumbai Crime Branch reached Delhi and questioned Tahawwur Rana, the 26/11 terror attack accused. Mumbai Police questioned terrorist Tahawwur Hussain Rana for more than 8 hours. Tahawwur Rana is giving evasive answers and does not even…
— ANI (@ANI) April 26, 2025 परिवार से बात करने की मांगी थी अनुमतिअदालत ने तहव्वुर राणा को NIA की रिमांड पर भेजा है। हाल ही में तहव्वुर राणा ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर करते हुए परिवार से बात करने की अनुमति मांगी थी। हालांकि, अदालत ने याचिका खारिज कर दी।
NIA ने किया विरोधतहव्वुर राणा के वकील पीयूष सचदेवा ने अदालत में तर्क देते हुए कहा था कि विदेशी नागरिक होने के नाते परिवार से बात करना तहव्वुर राणा का मौलिक अधिकार है। वहीं, NIA ने इसका सख्त विरोध किया। NIA का कहना था कि तहव्वुर से पूछताछ चल रही है। ऐसे में परिवार से बात करने के बहाने वो संवेदनशील जानकारियां रिवील कर सकता है।
कोर्ट ने खारिज की याचिकातहव्वुर राणा के खिलाफ षडयंत्र रचने और आतंकवाद समेत IPC, UAPA की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज है। ऐसे में कोर्ट ने NIA की दलीलों को तवज्जो देते हुए तहव्वुर राणा की याचिका को सिरे से खारिज कर दिया है।
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पहलगाम आतंकी हमले के बाद DGCA ने जारी की एडवाइजरी, पाकिस्तान का एयर स्पेस बंद होने पर उठाया बड़ा कदम
नई दिल्ली, पीटीआई। पहलगाम आतंकी हमले पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया का प्रतिरोध करते हुए पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना एयर स्पेस बंद कर दिया है। ऐसे में भारत की अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट्स को अरब सागर से होते हुए लंबा रूट तय करना पड़ेगा। इसी कड़ी में DGCA ने भी सभी एयरलाइंस के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने अपनी एडवाइजरी में पांच मुख्य बिंदुओं पर फोकस किया है। इसमें यात्रियों की सुविधा से लेकर फ्लाइट में मौजूद केटरिंग सर्विस, कस्टमर सर्विस और विभागों के बीच समन्वय स्थापित करने जैसे निर्देश शामिल हैं।
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क्या है पूरा मामला?दरअसल पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौता रोकने जैसे कई बड़े कदम उठाए हैं। इस पर पलटवार करते हुए पाकिस्तान ने भी भारतीय विमानों के लिए अपना एयर स्पेस बंद कर दिया है। ऐसे में यूरोप, मध्य एशिया और पश्चिमी देशों का रुख करने के लिए अब भारतीय विमानों को अरब सागर से होकर गुजरना होगा। इससे रास्ता काफी लंबा हो जाएगा और यात्रियों को देर तक फ्लाइट में बैठना पड़ सकता है।
DGCA की एडवाइजरीइन्हीं चीजों को ध्यान में रखते हुए DGCA ने एडवाइजरी जारी की है। DGCA ने 5 चीजों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि,
उड़ान से पहले यात्रियों को पूरी जानकारी दें, यात्रा के दौरान उनके खानपान का विशेष ध्यान रखें, यात्रियों के आराम की व्यवस्था और चिकित्सा संबंधी तैयारियां जरूर करें। वैकल्पिक हवाई अड्डों को चिह्नित करें, कस्टमर सर्विस पर ध्यान दें और यात्रियों की तत्परता से मदद करें। साथ ही अंतर-विभागीय समन्वय बनाकर रखें।
DGCA का नोटिसDGCA ने अपनी एडवाइजरी में कहा कि हाल ही में पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना एयर स्पेस बंद कर दिया है। इससे एयरलाइंस की आवाजाही प्रभावित होगी। कई अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू विमानों के रूट डायवर्ट हो सकते हैं, जिससे यात्रा लंबी हो सकती है और तकनीकी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
महंगा हो सकता है किरायाबता दें कि लंबी दूरी की वजह से विमानों में ईंधन भी अधिक लगेगा। ऐसे में कायस लगाए जा रहे हैं कि देश में अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें महंगी हो सकती हैं। पाकिस्तान का एयर स्पेस बंद होने के कारण कई एयरलाइंस का किराया भी महंगा होने की संभावना है।
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पीएम मोदी ने रोजगार मेले में बांटे 51000 से ज्यादा नियुक्ति पत्र, युवाओं के खिले चेहरे; इन विभागों में मिली नौकरी
आईएएनएस, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को 15वें रोजगार मेले के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में नवनियुक्त 51,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किया।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी बयान के अनुसार, रोजगार मेला देश भर में 47 स्थानों पर आयोजित किया गया और यह रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की केंद्र की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
कई विभागों के लिए शामिल हुए चयनित उम्मीदवा
इस राष्ट्रव्यापी पहल का उद्देश्य युवा सशक्तीकरण के लिए सार्थक अवसर प्रदान करना और उन्हें देश की प्रगति में प्रभावी योगदान देने में सक्षम बनाना है। भारत के विभिन्न भागों से चयनित नए उम्मीदवार राजस्व विभाग, कार्मिक और लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय, गृह मंत्रालय, डाक विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, रेल मंत्रालय, श्रम और रोजगार मंत्रालय सहित केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों में शामिल हुए।
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi distributes more than 51,000 appointment letters to newly appointed youth in various Government departments and organisations
(Source: DD) pic.twitter.com/ymXhH4MZz8
अक्टूबर 2022 में रोज़गार मेला शुरू होने के बाद से केंद्र सरकार ने 10 लाख से ज़्यादा स्थायी सरकारी नौकरियां दी हैं। पिछले साल दिसंबर में आयोजित रोजगार मेले के 14वें संस्करण के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला था कि 71,000 नौकरियों के प्रस्ताव वितरित किए गए थे।
इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि रोज़गार मेले सरकार के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रोज़गार पूरी पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ प्रदान किया जाए।
कब हुई थी रोजगार मेले की शुरुआत
22 अक्टूबर, 2022 को शुरू हुए रोज़गार मेले के पहले संस्करण में 75,000 नियुक्ति पत्र वितरित किए गए थे, जो युवाओं के लिए मज़बूत रोज़गार के अवसर पैदा करने के सरकार के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।
रोजगार सृजन को सुगम बनाने तथा नौकरी चाहने वालों और विभिन्न सरकारी क्षेत्रों के बीच की खाई को खत्म करने के लिए 10 लाख कर्मियों की भर्ती अभियान शुरू किया गया था।
इस पहल को न केवल बेरोजगारी को कम करने, बल्कि युवा व्यक्तियों को भारत की विकास गाथा में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
कई देशों से हुआ है रोजगार समझौता
पिछले संस्करण में प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा था कि भारत ने हाल के वर्षों में 21 देशों के साथ प्रवासन और रोजगार समझौते किए हैं। इनमें जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, इजरायल, मॉरीशस, यूनाइटेड किंगडम और इटली के साथ-साथ कई खाड़ी देश शामिल हैं।