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'हिंदुओं की रक्षा पर अपनी जिम्मेदारी निभाए बांग्लादेश सरकार', पीएम मोदी ने मोहम्मद यूनुस को दी नसीहत
जयप्रकाश रंजन, जागरण, नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया प्रो. मोहम्मद यूनुस के बीच पहली द्विपक्षीय बैठक शुक्रवार को बैंकाक में हुई। उम्मीद के मुताबिक पीएम मोदी ने अगस्त, 2024 में तत्कालीन पीएम शेख हसीना को सत्ता से हटाने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खास तौर पर हिंदुओं पर हो रहे हमले का मुद्दा खुल कर उठाया।
अल्पसंख्यकों पर हमले को रोकना बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी- पीएम मोदीपीएम मोदी ने दो टूक कहा कि अल्पसंख्यकों पर हमले को रोकना बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी है और उम्मीद जताई कि यूनुस सरकार इस जिम्मेदारी को निभाएगी। पीएम मोदी ने यह सलाह भी दी कि द्विपक्षीय रिश्तों में खटास पैदा करने वाले उत्तेजक भाषणों से बचना चाहिए।
बैठक का आयोजन बांग्लादेश के आग्रह पर किया गया थायूनुस ने भी भारत में रह रहीं पूर्व पीएम हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया। बांग्लादेश ने गंगा नदी जल बंटवारा और तीस्ता नदी जल समझौते पर नए सिरे से बात करने की पेशकश की। पीएम मोदी और यूनुस दोनों थाइलैंड में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गए हैं। बैठक का आयोजन बांग्लादेश के आग्रह पर किया गया था।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक के बारे में बताया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खास तौर पर हिंदुओं की स्थिति पर बात हुई है। पीएम मोदी ने इस मुद्दे को खुलकर रखा और गहरी चिंता जताई।
बांग्लादेश में चुनाव का मुद्दा भी उठाया गयायूनुस को बताया गया कि इस तरह के मुद्दे का असर बाकी समाज पर होता है। मोदी ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाएगी और हिंसा के हर मामले की विस्तार से जांच कराएगी। पीएम मोदी की तरफ से इस बैठक में बांग्लादेश में चुनाव का मुद्दा भी उठाया गया। मोदी ने इस बारे में अपना सोच यूनुस से साझा किया और आशा जताई कि भविष्य में एक लोकतांत्रिक, समावेशी और प्रगतिशील बांग्लादेश बनेगा। इसमें चुनाव की अहम भूमिका होगी।
पीएम मोदी ने यूनुस से कहा उत्तेजक भाषणों से बचना चाहिएविदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि पीएम मोदी ने यूनुस से कहा कि द्विपक्षीय रिश्तों में माहौल को खराब करने वाले उत्तेजक भाषणों से बचना चाहिए। माना जा रहा है कि उन्होंने यूनुस और उनकी अंतरिम सरकार के कुछ मंत्रियों की तरफ से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की स्थिति पर की गई टिप्पणी के संदर्भ में यह बात कही है।
साथ ही भारतीय पीएम की तरफ से यह भी कहा गया कि दोनों देशों की सीमा पर गैरकानूनी तरीके से आवाजाही रोकने के लिए कानून-व्यवस्था का कड़ाई से पालन करने की जरूरत है। इसे आवश्यक बताते हुए उन्होंने इस बारे में शीघ्र ही दोनों देशों की संबंधित एजेंसियों के बीच बैठक कर रास्ता निकालने की भी बात कही है।
पीएम मोदी बोले मुद्दों का समाधान विचार-विमर्श से निकलेपीएम मोदी ने अंत में यह भी उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच जो भी तनावपूर्ण मुद्दे हैं, उनका आपसी विमर्श से सौहार्दपूर्ण माहौल में विचार-विमर्श से समाधान निकाला जा सकता है। उधर, बांग्लादेश की तरफ से यह जानकारी दी गई कि यूनुस ने पीएम मोदी के समक्ष पूर्व पीएम हसीना की तरफ से छात्र आंदोलन को कुचलने के लिए उठाए गए हिंसक तरीकों के बारे में विस्तार से बताया।
इस संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की एक रिपोर्ट का हवाला दिया गया, जिसमें बताया गया है कि 15 जुलाई से पांच अगस्त के बीच बांग्लादेश में 1,400 लोगों को मारा गया। इनमें 13 प्रतिशत बच्चे थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हसीना ने स्वयं सुरक्षा बलों को निर्देश दिया था कि वे प्रदर्शन करने वालों की हत्या करें।
यूनुस ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर बात कीयूनुस ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर अपनी सरकार के आग्रह के बारे में भी पूछा। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरिम सरकार के खिलाफ हसीना गलत व उत्तेजक बयानबाजी करके माहौल को विषाक्त बना रही हैं। इससे वह भारत ने जो आतिथ्य दिया है, उसका भी अनादर कर रही हैं। भारत सरकार को उनकी बयानबाजी पर पाबंदी लगानी चाहिए।
यूनुस ने प्रधानमंत्री मोदी को पुरानी तस्वीर भेंट कीएएनआइ के अनुसार, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनके साथ अपनी एक पुरानी तस्वीर भेंट की। इस तस्वीर में प्रधानमंत्री मोदी तीन जनवरी, 2015 को मुंबई में भारतीय विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन समारोह में यूनुस को सम्मानित करने के लिए स्वर्ण पदक प्रदान करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
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Karnataka: जिस पत्नी की हत्या के लिए हुई सजा, वो दूसरे पति संग होटल में मिली; अदालत ने पुलिस को लगाई फटकार
पीटीआई, मैसुरु। जिस पत्नी की हत्या के लिए पति को सजा भुगतनी पड़ी, वह दूसरे पति संग मिली। इस गंभीर चूक के लिए कोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। एक अदालत ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) को उस मामले में 17 अप्रैल से पहले पूरी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। मल्लिगे नाम की महिला के पति सुरेश ने हत्या के आरोप में लगभग डेढ़ साल जेल में बिताने पड़े।
जिसने की शिकायत पुलिस ने उसी पर लगाया हत्या का आरोपदरअसल सुरेश ने दिसंबर 2020 में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी पत्नी मल्लिगे कोडागु जिले के कुशलनगर से लापता हो गई। इस बीच पुलिस को बेट्टादारापुरा इलाके में महिला का कंकाल मिला। अदालत में आरोप पत्र दायर किया, जिसमें आरोप लगाया कि कंकाल मल्लिगे का था और सुरेश ने उसकी हत्या की थी। सुरेश को गिरफ्तार कर लिया गया।
एक दोस्त ने महिला को दूसरे व्यक्ति के साथ देखाइस बीच एक अप्रैल को सुरेश के एक दोस्त ने मल्लिगे को मदिकेरी में किसी अन्य व्यक्ति के साथ देखा। मामला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय के संज्ञान में लाया गया और बाद में उसे अदालत के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने गुरुवार को एसपी को 17 अप्रैल तक मामले की पूरी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
सुरेश के वकील पांडु पुजारी ने कहा, कुशलनगर के एक गांव के रहने वाले सुरेश ने 2020 में अपनी पत्नी के लापता होने के संबंध में कुशलनगर ग्रामीण पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। उसी समय एक कंकाल मिला। एक साल बाद पुलिस ने सुरेश को गिरफ्तार कर लिया।
व्यक्ति पर लगाया हत्या का झूठा आरोपआरोप लगाया कि उसने अवैध संबंध के कारण अपनी पत्नी की हत्या कर दी है। पुलिस ने मल्लिगे की मां के खून के नमूने के साथ कंकाल को डीएनए परीक्षण के लिए भेजा था। डीएनए रिपोर्ट आने से पहले ही, पुलिस ने अदालत में अंतिम आरोप पत्र दायर कर दिया। बाद में, हालांकि उसे जमानत मिल गई।
डीएनए रिपोर्ट से पता चला कि कंकाल मल्लिगे का नहीं था। इस रिपोर्ट के आधार पर आवेदन दायर किया गया, तो अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया। मल्लिगे की मां और ग्रामीणों सहित गवाहों से गवाही देने को कहा। सभी ने अदालत के सामने गवाही दी कि वह जीवित है और किसी के साथ भाग गई।
अदालत ने आरोप पत्र में खामियों के बारे में पुलिस से पूछताछ कीअदालत ने आरोप पत्र में खामियों के बारे में पुलिस से पूछताछ की, लेकिन पुलिस ने कहा कि कंकाल मल्लिगे का था और सुरेश ने उसकी हत्या की थी।इस बीच एक अप्रैल को मल्लिगे को मदिकेरी के एक होटल में एक आदमी के साथ खाना खाते हुए पाया गया। उसे सुरेश के दोस्त ने देखा, जो आरोप पत्र में नामित गवाह भी है। अदालत को जानकारी दी गई।
महिला ने स्वीकारी दूसरी शादी की बातअदालत ने पुलिस को उसे तुरंत पेश करने के लिए कहा। फिर उसे अदालत में पेश किया गया। जब उससे पूछताछ की गई, तो उसने भागकर दूसरे आदमी से शादी करने की बात स्वीकार कर ली। उसने कहा कि वह नहीं जानती कि सुरेश के साथ क्या हुआ था। वह मडिकेरी से सिर्फ 25-30 किमी दूर शेट्टीहल्ली नामक गांव में रह रही थी, लेकिन पुलिस ने उसका पता लगाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया।
पुलिस ने झूठी चार्जशीट क्यों दायर की?वकील ने कहा कि अब अदालत के सामने मुख्य सवाल ये हैं कि कंकाल किसका था और पुलिस ने झूठी चार्जशीट क्यों दायर की? अदालत ने मामले में एसपी और जांच अधिकारियों को तलब किया था, लेकिन उनके पास देने के लिए कोई जवाब नहीं था।
अदालत के अंतिम आदेश का इंतजारअदालत के अंतिम आदेश का इंतजार कर रहे हैं। आदेश जारी होने के बाद झूठा मामला दर्ज करने के लिए पुलिस के खिलाफ हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर करेंगे। हम मानवाधिकार आयोग और एसटी आयोग से भी संपर्क करेंगे।
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वक्फ बिल पास होने पर कहीं खुशी तो कहीं गम, दिल्ली के मुस्लिम इलाकों में बंटी मिठाई; कोलकाता में फूंके पुतले
जागरण टीम, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक संसद में पारित होने पर कहीं खुशी मनाई गई तो कहीं गम दिखा। राजधानी में जामिया मिल्लिया इस्लामिया से लेकर ओखला, जाफराबाद व सीलमपुर जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में मिठाइयां बांटी गईं। पंजाब में हिंदुओं ने खुशी में लड्डू बांटे। वहीं, कोलकाता समेत कई जगहों पर मुस्लिमों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया।
दिल्ली में भीड़भाड़ वाले इलाकों में ड्रोन से निगरानी की गईदिल्ली में एहतियान सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। भीड़भाड़ वाले इलाकों में ड्रोन से निगरानी की गई। दिल्ली में मुस्लिम बहुल इलाकों में लोगों ने वक्फ संशोधन विधेयक का स्वागत किया। इसे मुस्लिम समाज के हित में बताते हुए एक-दूसरे को बधाई दी। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के विद्यार्थी संगठन 'शहर-ए-आरजू' ने परिसर में विधेयक के समर्थन में रैली निकाली।
वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता आएगीसंगठन के बजमी खान ने कहा कि यदि वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग होता तो आज देशभर में उच्च स्तरीय मुस्लिम स्कूल, कालेज, विश्वविद्यालय और अस्पताल होते। संशोधित विधेयक से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी और समुदाय को इसका समुचित लाभ मिलेगा।
शहर-ए-आरजू की सदस्य नाजनीन फातिमा ने कहा कि इस बदलाव से मुस्लिम लड़कियों के लिए छात्रवृत्ति, महिलाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम और उद्यमिता में सहायता उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे उनके आर्थिक और सामाजिक स्तर में सुधार होगा।
हिंदू न्याय पीठ ने मिठाइयां बांटीलुधियाना में श्री हिंदू न्याय पीठ ने विधेयक पास होने की खुशी में मिठाइयां बांटी और आतिशबाजी की। उप्र के अलीगढ़ में दारा शिकोह फाउंडेशन के अध्यक्ष व भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के क्षेत्रीय मंत्री मोहम्मद आमिर रशीद के नेतृत्व में मुस्लिमों ने हैबिटेट सेंटर पर मोमबत्ती से वक्फ संशोधन बिल लिखकर आतिशबाजी की और मिठाई बांटी। राशिद ने कहा कि यह दिन मुस्लिम कल्याण दिवस के रूप में जाना जाएगा।
पंजाब में पुतले जलाकर प्रदर्शन कियाउधर, पंजाब के लुधियाना, जालंधर व मंडीगोबिंद गढ़ में मुस्लिमों ने वक्फ विधेयक के पुतले जलाकर प्रदर्शन किया। कोलकाता के पार्क सर्कस इलाके में प्रदर्शन कर इसे तत्काल वापस लेने की मांग की गई। बिहार में किशनगंज जिले के कोचाधामन में विधायक इजहार असफी के नेतृत्व में रैली निकाली गई।
जमुई और दरभंगा में प्रदर्शन किया गयाजमुई और दरभंगा में प्रदर्शन किया गया। उप्र के संभल में अबूबकर मस्जिद के पास यूपी अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशफाक सैफी के बहनोई जाहिद की वहां मौजूद सपा समर्थक कुछ लोगों से वक्फ संशोधन बिल को लेकर मारपीट हो गई।
मुफ्ती ने दी सन 1947 के वाकये को दोहराने की धमकीअलीगढ़ में जमीयत उलेमा ए हिंद के जिलाध्यक्ष मुफ्ती अकबर कासमी का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हो रहा है। इसमें उन्होंने कहा है कि यह बिल वापस लेना होगा। कहीं ऐसा न हो कि मुस्लिम समाज सड़कों पर आ जाए और 1947 वाला वाकया दोहरा जाए।
जरूरत पड़ी तो कोर्ट भी जाएंगेहालांकि, बाद में कासमी ने कहा कि बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। मेरे कहने का मकसद यह नहीं था। मेरा कहना है, यह बिल मुसलमानों के हित में नहीं है। इसका विरोध करते रहेंगे। जरूरत पड़ी तो कोर्ट भी जाएंगे।
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नकली पनीर बेचने वालों की खैर नहीं! प्रह्लाद जोशी ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखी चिट्ठी, एक्शन लेने की अपील
पीटीआई, नई दिल्ली। खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से देश भर के फास्ट फूड दुकानों, रेस्तरां और अन्य बाजारों में नकली और मिलावटी पनीर की बिक्री के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में जोशी ने कहा कि उपभोक्ताओं ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पोर्टल पर कई शिकायतें दर्ज कराई हैं, जिसमें देशभर में नकली और मिलावटी पनीर की बिक्री की बात कही गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय से की अपीलजोशी ने कहा कि ऐसे नकली और मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय से आवश्यक उपाय करने का अनुरोध किया, ताकि देश भर में खाद्य सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन किया जा सके।
जोशी ने कहा कि बाजार में नकली और मिलावटी पनीर की बिक्री के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता बढ़ रही है। इन घटनाओं के कारण खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर सार्वजनिक चिंता और शिकायतें बढ़ रही हैं, खासकर उन उपभोक्ताओं के बीच जो पोषण के प्राथमिक स्त्रोत के रूप में पनीर पर निर्भर हैं।
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वक्फ विधेयक पर संसद ने बनाया नया कीर्तिमान, टूट गया 44 साल पुराना रिकॉर्ड; केंद्रीय मंत्री ने बताया ऐतिहासिक
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बजट सत्र के अंतिम दिन पक्ष-विपक्ष में भारी हंगामे के कारण सदन बाधित रहा और समय से पहले ही स्थगित करना पड़ा, लेकिन यह सत्र कई मायनों में कीर्तिमान बना दिया। दोनों सदनों में वक्फ संशोधन विधेयक पर बिना व्यवधान के स्वस्थ और सबसे लंबा विमर्श हुआ। राज्यसभा में 17 घंटे से ज्यादा और लोकसभा में 13 घंटे से ज्यादा चर्चा हुई, जो इतिहास है।
इससे पहले किसी एक मुद्दे पर 1981 में 15 घंटे 51 मिनट की लंबी चर्चा का इतिहास है। सरकार का मानना है कि सत्र में सभी दलों के नेताओं ने नियमों एवं संवैधानिक परंपराओं का पालन करते हुए चर्चा में हिस्सा लिया, जो हमारे मजबूत लोकतंत्र का साक्षी है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने भी सत्र की सराहना की है।
ये बजट सत्र ऐतिहासिक: रिजिजूसत्र की समाप्ति के बाद केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने प्रेस कान्फ्रेंस में बजट सत्र को ऐतिहासिक और लोकतंत्र के लिए बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में 17 घंटे 2 मिनट तक चर्चा हुई, जो संसदीय इतिहास में सबसे लंबी रही। यह तीन अप्रैल की सुबह 11 बजे से चार अप्रैल को तड़के 4:02 बजे तक चली।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इस सत्र की कार्य उत्पादकता लगभग 118 प्रतिशत रही और इस दौरान कुल 16 विधेयक पारित किए गए। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकड़ ने ओम बिरला ने कहा कि बजट सत्र 31 जनवरी से चार अप्रैल तक चला। इस दौरान लोकसभा की 26 बैठकें हुईं, जो 160 घंटे 48 मिनट तक चलीं।
बजट पर चली 16 घंटे से अधिक चर्चाराष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 17 घंटे 23 मिनट तक चली, जिसमें 173 सदस्यों ने भाग लिया। इसी तरह बजट पर सामान्य चर्चा भी 16 घंटे 13 मिनट चली, जिसमें 169 सदस्यों ने भाग लिया।
जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा के विमर्श को संवाद और साझा उद्देश्य के आईने में ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि यह सत्र विधायी उपलब्धियों और एकता की भावना के लिए याद किया जाएगा। सदस्यों ने जवाबदेही के साथ अपनी बातें रखीं। हंगामे के बीच कार्यवाही अनिश्चितकाल तक स्थगित कर दी गई।
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टैरिफ वार के बीच ट्रंप ने किया नया एलान, फार्मा सेक्टर पर भी लगेगा टैक्स; शेयर बाजार पर दिखा असर
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पारस्परिक शुल्क की घोषणा के दौरान ट्रंप सरकार ने फार्मास्युटिकल्स को शुल्क के दायरे से बाहर रखा था, जिससे इस सेक्टर को राहत मिलती दिखी थी। लेकिन इसके एक दिन बाद ही ट्रंप ने कहा कि जल्द ही फार्मा और सेमिकंडक्टर सेक्टर पर भी शुल्क लगाए जाएंगे।
इस पर फार्मा निर्यातकों का कहना है कि शुल्क लगने पर भी अमेरिका में भारत के फार्मा निर्यात में फिलहाल कोई कमी नहीं आएगी। इसका मुख्य असर यह होगा कि अमेरिका के लोग पहले की तुलना में अधिक महंगी दवाएं खरीदेंगे।
भारत, अमेरिका में मुख्य रूप से जेनेरिक दवाओं का निर्यात करता है। हालांकि ट्रंप के इस एलान के बाद शुक्रवार को सभी प्रमुख फार्मा कंपनियों के शेयर में 10 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई। इनमें अरविंदो, आईपीसीए लैब, लुपिन जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
भारत दवाओं पर लगाता है 10 प्रतिशत टैरिफवर्तमान में अमेरिका, भारत से निर्यात होने वाली दवाओं पर कोई शुल्क नहीं लेता है, जबकि भारत, अमेरिका से आने वाली दवाओं पर 10 प्रतिशत का शुल्क लेता है। निर्यातकों का कहना है कि ऐसे में भारत की दवाओं पर अमेरिका में शुल्क लगाया जाना वाजिब है। भारत का फार्मा निर्यात सालाना लगभग 30 अरब डालर है और इनमें से 10 अरब डॉलर का निर्यात अमेरिका में किया जाता है। भारत से अमेरिका में 90 प्रतिशत जेनेरिक दवाओं का निर्यात होता है। फार्मा निर्यातकों का कहना है कि अमेरिका जेनेरिक दवाओं का आयात तो करता है, लेकिन उत्पादन नहीं करता है।
उत्पादन शुरू करने और पूरी सप्लाई चेन बनाने में पांच साल लग जाएंगे। एक समय अमेरिका जेनेरिक दवाओं का निर्माता था, लेकिन अब वे कंपनियां बंद हो चुकी हैं। दूसरी बात यह है कि यूरोप के पास भी जेनेरिक दवाओं के उत्पादन की इतनी बड़ी क्षमता नहीं है कि एकदम से अमेरिका की जरूरत पूरी हो सके। इसलिए भारत का निर्यात प्रभावित नहीं होगा।
सेमिकंडक्टर पर ट्रंप ने लगाया टैरिफ तो क्या होगा?ट्रंप की घोषणा के मुताबिक, सेमिकंडक्टर पर अगर शुल्क लगाया जाता है तो ताइवान की कंपनियां भारत की जगह अमेरिका में जाकर चिप बनाने का काम कर सकती हैं। ताइवान दुनिया का सबसे बड़ा चिप निर्माता देश है। अमेरिका में चिप बनाने पर उन्हें कोई शुल्क नहीं लगेगा और वे दुनिया के अन्य देशों में भी सप्लाई कर सकेंगे।
कार्पेट का निर्यात हो सकता है प्रभावितकार्पेट निर्यातकों का कहना है कि अमेरिका की तरफ से भारत पर 26 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगाए जाने से कार्पेट यानी कालीन का निर्यात प्रभावित होगा, जिससे रोजगार पर फर्क पड़ सकता है। भारत का कार्पेट निर्यात बाजार लगभग 1.8 अरब डालर का है और इसमें लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी अमेरिका की है।
कार्पेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के पूर्व चेयरमैन सिद्धनाथ सिंह ने बताया कि अभी भारत के कार्पेट पर अमेरिका में 5-9 प्रतिशत का शुल्क लगता है, जो अब 26 प्रतिशत हो जाएगा। इससे भारतीय कार्पेट महंगे हो जाएंगे। तुर्किये पर अमेरिका ने 10 प्रतिशत तो यूरोपीय यूनियन पर 20 प्रतिशत का पारस्परिक शुल्क लगाया है। तुर्किये और बेल्जियम अमेरिका के कार्पेट बाजार में भारत को प्रतिस्पर्धा देते हैं। अब इनके कार्पेट अमेरिका में सस्ते होंगे।
अमेरिका के शुल्क पर चीन ने किया पलटवारअमेरिका की ओर से शुल्क लगाए जाने के बाद चीन ने पलटवार किया है। उसने शुक्रवार को अमेरिका से आयातित सभी वस्तुओं पर 34 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगा दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार रात चीन पर 34 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी।
अमेरिका ने भारत पर शुल्क 27 से घटाकर 26 प्रतिशत कियागुरुवार को इस बात को लेकर काफी असमंजस रहा कि भारत पर आखिर अमेरिका ने 26 प्रतिशत या 27 प्रतिशत शुल्क लगाया है। क्योंकि तीन अप्रैल को रात एक बजे जब ट्रंप एक चार्ट के साथ सभी देशों के पारस्परिक शुल्क की घोषणा कर रहे थे तब उसमें भारत के आगे 26 प्रतिशत शुल्क लिखा था और ट्रंप ने भी तब 26 प्रतिशत शुल्क कहा था।
बाद में अमेरिकी सरकार की अधिसूचना में इसे 27 प्रतिशत कर दिया गया। भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में 27 और 26 प्रतिशत दोनों का जिक्र था। हालांकि मंत्रालय ने 27 प्रतिशत को सही बताया था। अब ट्रंप सरकार ने इस 27 प्रतिशत को कम करते हुए अपनी अधिसूचना में 26 प्रतिशत कर दिया है। अन्य 15 देशों के शुल्क में भी एक-एक प्रतिशत की कमी की गई है।
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CBI ने हासिल की बड़ी सफलता, UAE से लाए गए तीन वांटेड आरोपी; जारी हुआ था रेड नोटिस
पीटीआई, नई दिल्ली। तीन भगोड़ों को सीबीआई द्वारा संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से वापस लाने में सफलता मिली है। ये इंटरपोल रेड नोटिस का सामना कर रहे थे और अलग-अलग मामलों में वांछित थे।
सीबीआई के प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि राजस्थान पुलिस द्वारा कई आपराधिक मामलों में वांछित आदित्य जैन को शुक्रवार को राज्य पुलिस की एक टीम की सुरक्षा में संयुक्त अरब अमीरात से वापस लाया गया। इन मामलों में व्यापारियों को जबरन वसूली के लिए काल करने का मामला भी शामिल है।
पहले भी दो आरोपियों को लाया गया था वापसआरोप है कि जैन ने वसूली के लिए कॉल की थी और पैसे न मिलने पर उस शख्स पर गोलीबारी की थी। इससे पहले बुधवार को दो और आरोपियों को संयुक्त अरब अमीरात से कोचीन हवाई अड्डे पर लाया गया।
एक नाबालिग से कथित दुष्कर्म मामले में सुहैल बशीर केरल पुलिस द्वारा वांछित था और तोफिक नजीर खान जालसाजी और धोखाधड़ी के लिए आपराधिक साजिश के एक मामले में गुजरात पुलिस द्वारा वांछित था।
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वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के दूसरे चरण को मंजूरी, सीमावर्ती गांवों को मिलेंगी कई सुविधाएं; जानिए क्या है इसका महत्व
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सीमावर्ती गांवों में मूलभूत सुविधाओं के विस्तार के साथ पलायन रोकने और सीमा की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू किए गए वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के दूसरे चरण को कैबिनेट ने मंजूर किया है।
इस योजना के तहत बिहार, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत 15 राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों के चुनिंदा रणनीतिक गांवों में बारहमासी सड़क संपर्क, दूरसंचार संपर्क, टेलीविजन संपर्क और विद्युतीकरण का काम किया जाएगा।
सीमावर्ती गांवों के कवर की योजना2024-25 से 2028-29 के बीच इस योजना पर 6839 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के दूसरे चरण के तहत चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार से सटे सभी सीमावर्ती गांवों के कवर की योजना है।
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दूसरे चरण के लिए रणनीतिक रूप से अहम गांवों की पहचान की जाएगी और उसके बाद 100 फीसदी केंद्रीय सहायता से योजनाओं को लागू किया जाएगा।
कई सुविधाओं का होगा विकास- इसके तहत गांव या गांवों के समूह में बुनियादी ढांचे के विकास, सहकारी समितियों व सेल्फ हेल्प ग्रुप के माध्यम से आजीविका के अवसर सृजित करने, सीमा के अनुरूप विशिष्ट गतिविधियां शुरू करने, स्मार्ट कक्षाओं से लैस स्कूलों के निर्माण, पर्यटन सुविधाओं के विकास के काम किये जाएंगे।
- सरकार ने 2023 में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम शुरू किया था, जिसमें चीन की सीमा से सटे लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश के 663 गांवों में पलायन रोकने के लिए विकास योजनाएं शुरू की गई थी। पहले चरण की सफलता के बाद सरकार ने अब दूसरे चरण को हरी झंडी दी है।
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19 स्टेशन, 1267 KM रेल नेटवर्क विस्तार और 18 हजार करोड़ का बजट... इन राज्यों में परियोजना मंजूर
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। Railway News: केंद्रीय कैबिनेट ने रेलवे की चार बड़ी रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिसकी कुल लागत 18,658 करोड़ रुपये होगी। इससे रेलवे के वर्तमान नेटवर्क में लगभग 1247 किलोमीटर की वृद्धि होगी।
महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 15 जिलों को कवर करने वाली ये परियोजनाओं से उत्तर भारत की रेल सेवाओं में सहजता आएगी। क्षेत्र का व्यापक विकास होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे लोगों में आत्मनिर्भरता आएगी।
2030 तक पूरी होंगी परियोजनाएं- परियोजनाओं को 2030-31 के पहले तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। इन्हें मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान में शामिल किया गया है। कैबिनेट की बैठक के बाद शुक्रवार को रेल एवं सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों को बताया कि सभी परियोजनाए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के विजन के अनुरूप हैं।
- उन्होंने बताया कि सभी योजनाएं मल्टीट्रैकिंग के साथ लाइन बढ़ाने वाली हैं। इससे यात्रा सुविधाएं बढ़ेंगी, माल ढुलाई की लागत और पेट्रोलियम आयात में कमी आएगी। लगभग 379 लाख मानव-दिवस के लिए प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा और कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी।
- अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन रूटों पर कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, चूना पत्थर जैसी वस्तुओं का परिवहन ज्यादा होता है। परियोजनाओं के पूरा हो जाने के बाद रेल लाइन की क्षमता बढ़ जाएगी, जिससे प्रतिवर्ष 887.7 लाख टन अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। आपूर्ति श्रृंखलाओं को व्यवस्थित करने के साथ विकास को भी गति मिलेगी।
महत्वपूर्ण मौकों पर सवारियों की भीड़ में भी कमी आएगी। चारों लाइनें रेलवे के सबसे व्यस्ततम खंडों में से एक हैं। इनके साथ 19 नए स्टेशनों का भी निर्माण किया जाएगा, जिससे दो आकांक्षी जिलों गढ़चिरौली और राजनांदगांव में संपर्कता बढ़ेगी। इससे लगभग 3350 गांवों और 47.25 लाख आबादी को आसानी होगी। खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा मार्ग से बलौदा बाजार को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे क्षेत्र में सीमेंट संयंत्रों सहित नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना में मदद मिलेगी।
इन लाइनों की खासियत बताते हुए अश्विनी वैष्णव ने इनके पूरा होने पर प्रतिवर्ष लगभग 95 करोड़ पेट्रोलियम का आयात कम हो जाएगा। इसी तरह 477 करोड़ किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन को भी कम करने में मदद मिलेगी, जो 19 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर होगा।
इन चार परियोजनाओं को मिली हरी झंडी- संबलपुर – जरापड़ा तीसरी और चौथी लाइन
- झारसुगुड़ा – सासोन तीसरी और चौथी लाइन
- खरसिया – नया रायपुर – परमालकसा पांचवीं और छठी लाइन
- गोंदिया – बल्हारशाह डबलिंग
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BIMSTEC देशों में मचेगी UPI की धूम! पीएम मोदी ने बैंकॉक शिखर सम्मेलन में दिया UPI लिंक का प्रस्ताव
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पांच दक्षिण एशियाई देशों और दो दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों का संगठन बिम्सेटक (BIMSTEC) के बीच बेहतर कनेक्टिविटी, आर्थिक और डिजिटल संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी ने 21 सूत्री फार्मूला का सुझाव दिया है।
यह सुझाव उन्होंने बिम्सटेक की बैंकॉक शिखर सम्मेलन के दौरान शुक्रवार दिया। इसमें भारत की तरफ से बिम्सटेक के सभी देशों की डिजिटल भुगतान व्यवस्था को भारत की UPI से जोड़ने का प्रस्ताव भी शामिल है।
वाणिज्यिक चैंबर स्थापित करने का पीएम ने रखा प्रस्तावबिम्सटेक देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए पीएम मोदी ने वाणिज्यिक चैंबर स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा है। भारत बिम्सटेक को सार्क संगठन के विकल्प के तौर पर स्थापित करने की मंशा रखता है। बांग्लादेश बिम्सटेक का नया अध्यक्ष बना है। भारत और बांग्लादेश के अलावा भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड इसके अन्य सदस्य हैं। इन देशों ने बिम्सेटक 2030 का दृष्टिपत्र तैयार किया है जो इनके बीच संबंधों को दिशा देने का काम करेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि बिम्सटेक दक्षिण एशिया और पूर्व एशिया को जोड़ने वाला एक सेतु है, यह क्षेत्रीय संपर्क, सहयोग और समृद्धि की नई राहें खोलने के लिए एक प्रभावी मंच के रूप में उभर रहा है। बिम्सटेक को और सशक्त बनाने के लिए हमें इसके कार्यक्षेत्र और क्षमता का निरंतर विस्तार करते रहना होगा।
साइबर अपराध, आतंकवाद और मानवतस्करी को लेकर क्या बोले पीएम मोदी?सदस्य देशों के गृह मंत्रियों के बीच विमर्श का एक ढांचा तैयार करने पर खुशी व्यक्त करते हुए पीएम मोदी ने सदस्यों के बीच साइबर अपराध, आतंकवाद और मानवतस्करी के खिलाफ यह फोरम अहम भूमिका निभा सकता है। इसकी पहली बैठक भारत में कराने का प्रस्ताव है। बिम्सटेक के देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग की राह निकालने के लिए बंगलुरू में एक ऊर्जा केंद्र स्थापित किया गया है। इसके तहत पीएम मोदी ने सुझाव दिया है कि सदस्य देशों के ग्रिड को आपस में जोड़ने का काम तेज हो।
“व्यापार और व्यवसायिक कनेक्टिविटी भी हमारी प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। इसके लिए मैं बिम्सेटक चैंबर ऑफ कॉमर्स स्थापित करने का प्रस्ताव रखता हूं। साथ ही, हर साल सदस्य देशों के बीच एक कारोबार सम्मेलन भी आयोजित की जाएगी। मेरा सुझाव है कि बिम्सटेक क्षेत्र में स्थानीय मुद्रा में व्यापार की संभावनाओं पर एक संभाव्यता अध्ययन भी की जानी चाहिए।'' नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
पीएम मोदी ने हिंद महासागर को खुला, सुरक्षित व सभी के लिए समान अवसर वाला बनाने को प्राथमिकता के तौर पर चिन्हित किया। सनद रहे कि शुक्रवार को सदस्य देशों के बीच समुद्री यातायात सुरक्षा को लेकर एक समझौता हुआ है। इससे सदस्य देशों के बीच आवागमन व कारोबार में काफी सहूलियत मिलेगी।
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मोदी सरकार के चार फैसले जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ले गया विपक्ष, जानें अदालत ने क्या आदेश दिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल गई है। लोकसभा और राज्यसभा में बिल पर देर रात तक चर्चा की गई। हालांकि विपक्षी सांसदों के विरोध के बावजूद बिल पारित हो गया और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। अब असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने वक्फ बिल की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
अदालत में याचिका दाखिल कर कहा गया है कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के मौलिक अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन करते हैं। ऐसा नहीं है कि पहली बार केंद्र सरकार के किसी फैसले के खिलाफ विपक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हो। इसके पहले अनुच्छेद 370, ट्रिपल तलाक समेत कई मु्द्दों पर अदालत का दरवाजा खटखटाया गया।
आइए आपको बताते हैं कि केंद्र के कौन-कौन से विषय सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और उन पर क्या फैसला आया…
अनुच्छेद 370:- सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा।
- अदालत ने निर्देश दिया कि चुनाव आयोग को सितंबर 2024 तक जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाने चाहिए।
- अदालत ने यह भी आदेश दिया कि सरकार को जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए।
- सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक चंदा जुटाने पर तत्काल रोक लगा दी थी। अदालत ने इसे असंवैधानिक करार दिया था।
- कोर्ट ने एसबीआई को बॉन्ड से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश दिया था।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इलेक्टोरल बॉन्ड को अज्ञात रखनासूचना के अधिकार और अनुच्छेद 19 (1) (ए) का उल्लंघन है।
- सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए नागरिकता (संशोधन) अधिनियम पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।
- अदालत ने 4-1 के फैसले से सिटिजनशिप एक्ट की धारा 6A की वैधता को भी बरकरार रखा था।
- यह मामला अभी भी अदालत में विचाराधीन है।
- मुस्लिम महिलाओं (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अभी जारी है।
- अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा है कि कानून लागू होने के बाद अब तक कितने मामले दर्ज किए गए हैं।
- चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि कानून में केवल तलाक देने को ही अपराध घोषित कर दिया गया है, जो एक गंभीर सवाल खड़ा करता है।
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Annamalai: 'नए अध्यक्ष की रेस में नहीं...' क्या अन्नामलाई छोड़ेंगे तमिलनाडु BJP अध्यक्ष का पद?
पीटीआई, कोयंबटूर। तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष अन्नामलाई के लिए कयास लगाए जा रहे हैं वह अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। इस बीच शुक्रवार को उन्होंने कहा कि वह पार्टी में नए प्रदेश अध्यक्ष पद की रेस में नहीं हैं।
अन्नामलाई ने कहा कि पार्टी में किसी तरह की प्रतिस्पर्धा की कोई गुंजाइश नहीं होती और यह पद सर्वसम्मति से तय किया जाता है।
'मैं प्रदेश अध्यक्ष पद की रेस में नहीं'
कोयंबटूर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान जब अन्नामलाई से पूछा गया कि क्या वह तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के पद के उम्मीदवार हैं, तो उन्होंने कहा, "मैं नए प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में नहीं हूं। मैं किसी भी प्रतिस्पर्धा में नहीं पड़ता।"
अन्नामलाई से यह भी पूछा गया कि क्या AIADMK 2026 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के साथ गठबंधन करने की शर्त के रूप में उन्हें पद से हटवाना चाहती है? इस पर उन्होंने कहा कि वह इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि बीजेपी आने वाले दिनों में अच्छा प्रदर्शन करेगी और नए अध्यक्ष के चुनाव के वक्त इस पर बात होगी।
वक्फ विधेयक पर दिया बड़ा बयानअन्नामलाई ने वक्फ विधेयक का स्वागत करते हुए कहा कि इससे गरीब मुसलमानों को फायदा पहुंचेगा। उन्होंने दावा किया कि 1913 से 2013 तक देशभर में 18 लाख एकड़ जमीन वक्फ के अधीन थी, लेकिन 2013 से 2025 के बीच 21 लाख एकड़ और जुड़ गई है। यानी अब कुल 39 लाख एकड़ जमीन वक्फ के अधीन हो गई है।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के तिरुचेंदुरई में पूरे शहर को वक्फ घोषित कर दिया गया था और मंदिरों की जमीन को भी वक्फ संपत्ति बताने की कोशिश की गई थी। लेकिन संशोधन विधेयक से अब इन सभी विवादित मामलों का समाधान निकल आया है।
वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण का आरोपअन्नामलाई ने दावा किया कि कई जगहों पर वक्फ की संपत्तियों पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। उन्होंने कहा, "पिछले साल वक्फ की 126 करोड़ रुपए की आय हुई थी। लेकिन कई जगहों पर कब्जा होने के कारण आय में गिरावट आई है। अब चार साल इंतजार करिए और देखिए कि वक्फ कितना पैसा कमाएगा और यह गरीब मुसलमानों को मिलेगा।"
टीवीके के विरोध पर तंजवक्फ विधेयक के खिलाफ अभिनेता विजय की पार्टी टीवीके के विरोध प्रदर्शन पर सवाल उठाते हुए अन्नामलाई ने कहा कि क्या उन्होंने इस मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष कोई आधिकारिक आपत्ति दर्ज कराई थी? उन्होंने कहा, "टीवीके आखिर विरोध किस चीज़ का कर रही है? कानून में क्या गलत है? उन्हें खुद भी नहीं पता कि वे किस चीज़ का विरोध कर रहे हैं।"
एनईईटी मुद्दे पर डीएमके को घेराअन्नामलाई ने डीएमके सरकार पर एनईईटी परीक्षा को लेकर "नाटक" करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अब यह मामला पूरी तरह से खत्म हो चुका है। राष्ट्रपति द्वारा राज्य के विधेयक को खारिज कर दिए जाने के बाद अब डीएमके सरकार के पास कोई विकल्प नहीं बचा है।
उन्होंने डीएमके सरकार को चुनौती देते हुए कहा, "अगर आपमें हिम्मत है तो सुप्रीम कोर्ट जाइए। लेकिन डीएमके सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी, क्योंकि एनईईटी परीक्षा को लागू करने का फैसला भी सुप्रीम कोर्ट ने ही दिया था।"
मुरुगन मंदिर के अभिषेक पर विवादमरुदामलाई भगवान मुरुगन मंदिर में हुए अभिषेक समारोह पर अन्नामलाई ने कहा कि जिस तरह से यह आयोजन हुआ, उससे यह संदेह पैदा हुआ कि यह 'कुंभाभिषेकम' था या "डीएमके सम्मेलन"। उन्होंने आरोप लगाया कि जबकि आम भक्तों को अनुमति नहीं दी गई, डीएमके के 750 खास लोगों को विशेष दर्शन पास दिए गए।
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एएनआई, नई दिल्ली। वक्फ बिल (Waqf Bill) का रास्ता लगभग साफ हो चुका है। दोनों सदनों से बिल पारित हो चुका है। राज्यसभा में बिल के पक्ष में 128 वोट पड़े। वहीं, लोकसभा में बिल के समर्थन में 288 वोट पड़े। गौरतलब है कि एनडीए गठबंधन के सभी घटक दलों ने बिल पर सहमति जाहिर की है।
वहीं, विपक्षी आईएनडीआई गठबंधन ने इस बिल को असंवैधानिक करार दिया है। कांग्रेस ने बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का मन भी बना लिया है।
इसी बीच देशभर के कई राज्यों में मुस्लिम समुदाय द्वारा बिल का विरोध हो रहा है। बंगाल, गुजरात समेत कई राज्यों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बिल की खिलाफत की है।
कोलकाता में संयुक्त मंच के बैनर तले मुस्लिम संगठन वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
#WATCH | West Bengal: Members of the Muslim community take to the streets in Kolkata to protest against the Waqf Amendment Bill. pic.twitter.com/pKZrIVAYlz
— ANI (@ANI) April 4, 2025#WATCH | Kolkata: Muslim organisations, under the banner of Joint Forum for Waqf Protection, are holding protests against the Waqf Amendment Bill. pic.twitter.com/gyLv2iBwjQ
— ANI (@ANI) April 4, 2025गुजरात के अहमदाबाद में विभिन्न मुस्लिम संगठनों ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
#WATCH | Ahmedabad: Various Muslim organisations hold protests against the Waqf Amendment Bill. pic.twitter.com/viavsuqf3D
— ANI (@ANI) April 4, 2025तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में टीवीके महासचिव एन आनंद वक्फ संशोधन विधेयक पर केंद्र सरकार की निंदा करने के लिए एक विरोध प्रदर्शन में भाग लेते हैं।
#WATCH | Chennai, Tamil Nadu | TVK General Secretary N Anand participates in a protest to condemn the union government over the Waqf Amendment Bill. pic.twitter.com/Tmv1xpdS4E
— ANI (@ANI) April 4, 2025बेंगलुरु में मुस्लिम संगठनों ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
#WATCH | Bengaluru, Karnataka: Muslim organisations hold protests against the Waqf Amendment Bill. pic.twitter.com/EV9Ba9rROC
— ANI (@ANI) April 4, 2025 यह बिल अधिकार देने के लिए, छीनने के लिए नहीं: ऑल इंडिया मुस्लिम जमातबता दें कि कई मुस्लिम संगठन इस बिल के समर्थन भी कर रहे हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने वक्फ विधेयक को लेकर अपना समर्थन किया और मुस्लिम समुदाय को आश्वासन दिया कि इस कानून से समुदाय की संपत्तियों, मस्जिदों, दरगाहों, ईदगाहों या कब्रिस्तानों को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा, "यह विधेयक अधिकार देने के लिए है, उन्हें छीनने के लिए नहीं।"
(एएनआई इनपुट से)
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'ये एतिहासिक क्षण है', Waqf Bill पारित होने पर बोले PM मोदी- लंबे समय से हाशिये पर रहे लोगों को सहारा मिलेगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल पर संसद की मुहर लग गई है। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी वक्फ संशोधन बिल 2025 पारित हो गया। अब इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला रिएक्शन सामने आया है। पीएम मोदी ने ने इसे एतिहासिक क्षण बताया है।
पीएम मोदी ने कहा-
वक्फ (संशोधन) विधेयक का संसद के दोनों सदनों से पारित होना सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास के लिए हमारे सामूहिक प्रयासों में एक महत्वपूर्ण क्षण है। पीएम मोदी ने आगे कहा-इससे खास तौर पर उन लोगों को मदद मिलेगी, जो लंबे समय से हाशिये पर रहे हैं और उन्हें आवाज और अवसर दोनों से वंचित रखा गया है।
पीएम ने जताया आभारसंसदीय और समिति चर्चाओं में भाग लेने वाले सभी सांसदों का आभार, जिन्होंने अपने विचार व्यक्त किए और इन कानूनों को मजबूत बनाने में योगदान दिया। संसदीय समिति को अपने बहुमूल्य सुझाव भेजने वाले अनगिनत लोगों का भी विशेष आभार। एक बार फिर, व्यापक बहस और संवाद के महत्व की पुष्टि हुई है।
उन्होंने आगे लिखा, 'अब हम ऐसे युग में प्रवेश करेंगे जहां ढांचा अधिक आधुनिक और सामाजिक न्याय के प्रति संवेदनशील होगा। व्यापक रूप से हम प्रत्येक नागरिक की गरिमा को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी तरह हम एक मजबूत, अधिक समावेशी और अधिक दयालु भारत का निर्माण भी कर सकते हैं।'
दोनों सदनों में पड़े कितने वोट?राज्यसभा में बिल पर चर्चा पूरी होने के बाद देर रात 2 बजे के बाद वोटिंग कराई गई। इस दौरान सत्ता पक्ष बिल पास कराने में सफल रहा। वक्फ संशोधन बिल के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े। इस तरह 12 घंटे से ज्यादा की चर्चा के बाद रात 2.32 बजे राज्यसभा से वक्फ विधेयक पारित हो गया। वहीं राज्य सभा में बिल के पक्ष में 288 वोट पड़े, जबकि विरोध में 232 वोट पड़े।
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सुबह 4 बजे राज्यसभा ने लगाई मणिपुर में राष्ट्रपति शासन पर मुहर, अमित शाह ने बताया सरकार का अगला प्लान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शुक्रवार तड़के सुबह करीब चार बजे राज्यसभा (Rajya Sabha) में मणिपुर (Manipur Violence) में राष्ट्रपति शासन की पुष्टि करने वाले सांविधिक संकल्प को पारित कर दिया गया। इसे एक दिन पहले लोकसभा में भी पारित कर दिया गया था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मणिपुर से संबंधित प्रस्ताव को पारित करने के लिए सदन में पेश किया था। इसके बाद उच्च सदन ने ध्वनिमत से इसे पारित कर दिया। मणिपुर में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था।
'सरकार की पहली चिंता मणिपुर में शांति स्थापित करना है'
गृह मंत्री अमित शाह ने सांविधिक संकल्प के संबंध में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुरूप दो महीने के अंदर ही इसे सदन में अनुमोदन के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की पहली चिंता मणिपुर में शांति स्थापित करने की है।
उन्होंने कहा कि पिछले चार महीनों में मणिपुर में एक भी मौत नहीं हुई है. हालांकि, उन्होंने इस बात को स्वीकारा कि मणिपुर हिंसा में अब तक 260 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में जातीय हिंसा में 260 लोग मरे हैं लेकिन, पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा में इससे ज्यादा लोग मरे थे।
मणिपुर मुद्दे पर न हो राजनीति- शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दिया था, जिसके बाद राज्यपाल ने विधायकों से चर्चा की थी। बहुमत सदस्यों ने कहा था कि वो सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हैं। इसके बाद कैबिनेट ने राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा की, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया।
अमित शाह ने मणिपुर में हालात बिगड़ने की पीछे एक अदालती फैसला को मूल कारण बताया है, जिसमें एक जाति को आरक्षण देने का जिक्र था। हालांकि, इस फैसले पर अगले ही दिन सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि मणिपुर में जल्दी शांति हो, पुनर्वास हो और लोगों के जख्मों पर मरहम लगाया जाए। उन्होंने विपक्ष से मणिपुर के मुद्दे पर राजनीति नहीं करने की अपील भी की। उन्होंने सदन को ये भी बताया कि वो जल्द ही मणिपुर में दोनों समुदायों को एक साथ लाकर बातचीत भी करेंगे।
खड़गे ने की मणिपुर हिंसा की जांच की मांग
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने मणिपुर हिंसा को लेकर जांच की मांग और श्वेत पत्र पेश करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इतनी हिंसा के बावजूद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी तक मणिपुर नहीं गए।
उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल पर जब जबरदस्त दबाव पड़ा तो वहां के मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि मणिपुर में बीजेपी की डबल इंजन की सरकार बुरी तरह फेल रही।
Manipur Violence: 'दो साल से जल रहा मणिपुर, सरकार पूरी तरह फेल...', BJP पर जमकर बरसे खरगे; श्वेत पत्र लाने की मांग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा (Rajya Sabha) में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने शुक्रवार को मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) की जांच की मांग की और केंद्र सरकार से सदन में श्वेत पत्र पेश करने को कहा।
खड़गे ने राज्यसभा में कहा, "दो साल से मणिपुर जल रहा है और सरकार हिंसा को रोकने में नाकाम रही है। 260 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं और 60 हजार से ज़्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। परिवार बिखर गए हैं, फिर भी भाजपा चुपचाप देखती रही।"
'भाजपा पीएम मोदी को बचा रही है'
उन्होंने कहा, "मणिपुर की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई है। जीएसटी संग्रह में गिरावट आई है। राज्य ने भयावह स्थिति देखी है। मणिपुर के तत्कालीन मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी और हिंसा के पहले दिन ही इस्तीफा दे देना चाहिए था।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को बचाने का काम कर रही है, लेकिन मणिपुर को नहीं। प्रधानमंत्री ने वहां जाने से इनकार कर दिया। क्या कारण है कि पीएम मोदी मणिपुर नहीं गए? पूरा मणिपुर जल रहा था, लेकिन पीएम मोदी वहां नहीं गए। उस दौरान वे कई विदेशी देशों में गए होंगे, लेकिन उन्होंने मणिपुर में कदम नहीं रखा।"
उन्होंने कहा, "राहुल गांधी मणिपुर गए और पीड़ितों से मिले। सुप्रीम कोर्ट के जज और एनजीओ मणिपुर गए, लेकिन प्रधानमंत्री नहीं गए। उनको फुर्सत नहीं है।" कांग्रेस प्रमुख ने आगे दावा किया कि भाजपा के पास मणिपुर में शांति लाने की कोई योजना नहीं है।
खड़गे ने पीएम मोदी के चुनावी रैलियों पर उठाए सवाल
खड़गे ने कहा, "आप यहां क्या कर रहे हैं, कृपया मणिपुर में शांति स्थापित करें। प्रधानमंत्री के पास चुनावी रैलियों के लिए समय है, लेकिन मणिपुर के लिए नहीं। वे शांति स्थापित करने में विफल रहे। इसलिए, मैं जांच की मांग करता हूं और उन्हें श्वेत पत्र पेश करने की भी अनुमति देता हूं। मणिपुर में क्या चल रहा है, यह सभी को पता चल जाएगा। जब मणिपुर के लोग भोजन के लिए रो रहे थे, तो आपने कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।"
मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री से जल्द से जल्द मणिपुर का दौरा करने और वहां कानून-व्यवस्था की स्थिति को ठीक करने का आग्रह किया।
खड़गे ने धनखड़ पर सरकार से डरे होने का लगाया आरोप
राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को सदन में मणिपुर पर चर्चा के लिए राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से अनुरोध करते हुए कहा, "आप सरकार से डरे हुए हैं...आपको हमारी रक्षा करनी चाहिए।"
मल्लिकार्जुन खड़गे को जवाब देते हुए उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, "भारत का किसान और उसका बेटा किसी से नहीं डरता।" बता दें, इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन के लिए राष्ट्रपति की घोषणा को राज्यसभा की मंजूरी के लिए प्रस्ताव पेश किया।
अमित शाह ने कहा, "यह सदन मणिपुर राज्य के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 356(1) के तहत राष्ट्रपति द्वारा 13 फरवरी, 2025 को जारी की गई घोषणा को मंजूरी देता है।"
क्या है मामला?
एन बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफे के बाद फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन है। 13 फरवरी को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। बता दें, मणिपुर में मैतेई और कुकी के बीच हिंसा 3 मई, 2023 को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) की एक रैली के बाद भड़की थी।
Waqf Bill: सरकार ने नए वक्फ बिल को बताया ऐतिहासिक, विपक्ष बोला- सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, यह असंवैधानिक विधेयक
एएनआई, नई दिल्ली। शुक्रवार को राज्यसभा ने तीखी बहस के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पारित कर दिया। गुरुवार दोपहर से शुरू हुई बहस आधी रात के बाद भी जारी रही। अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने बताया कि 128 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया जबकि 95 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया। वहीं, सरकार ने नए वक्फ बिल को ऐतिहासिक बताया तो विपक्ष बोला यह बिल असंवैधानिक है।
विधेयक से मुस्लिम समाज की महिलाओं और गरीबों का कल्याण होगाराज्यसभा में पारित होने पर वक्फ बिल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि यह ऐतिहासिक है। इस विधेयक से मुस्लिम समाज की महिलाओं और गरीबों का कल्याण होगा। इसके साथ ही भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि इस चर्चा में न राहुल गांधी बोले, न प्रियंका गांधी बोलीं और न ही सोनिया गांधी बोलीं। यह पता नहीं चला कि वे इसके पक्ष में थे या विपक्ष में थे... सब जानते थे कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों के हित में है।
राजद सांसद मनोज कुमार झा उठाए सवालवक्फ संशोधन विधेयक राज्यसभा में पारित होने पर राजद सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि इस संसद में कृषि कानून भी पारित हुए थे। बहुत लंबी बहस हुई... लोगों के मन में अभी भी असंतुष्टि है, अगर उसे दूर नहीं किया तो इसका हश्र कृषि कानूनों जैसा न हो।
मल्लिकार्जुन खरगे बोले- नकारात्मक रुख अपनाया हैवक्फ संशोधन विधेयक राज्यसभा में पारित होने पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "...हमने विधेयक पर अपने विचार उनके (सरकार) सामने रखे। उन्होंने पहले से नकारात्मक रुख अपनाया है और वे इसे आगे बढ़ा रहे हैं।"
इस विधेयक की बहुत जरूरत थी - बी.एल. वर्मावक्फ संशोधन विधेयक राज्यसभा में पारित होने पर केंद्रीय मंत्री बी.एल. वर्मा ने कहा, "...इस विधेयक की बहुत जरूरत थी जिससे आम और गरीब मुसलमान भी इसमें भाग ले सकें और उनके अधिकारों की रक्षा हो सके..."
AAP सांसद संजय सिंह ने बिल को बताया असंवैधानिकवक्फ संशोधन विधेयक राज्यसभा में पारित होने पर AAP सांसद संजय सिंह ने कहा, "आज बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के संविधान और लोकतंत्र की हत्या की गई है। संख्याबल के बल पर असंवैधानिक विधेयक पास किया गया है। AAP ने इसका विरोध किया..."
सांसद फौजिया खान बोली सुप्रीम कोर्ट में रद होगा यह कानूनवक्फ संशोधन विधेयक राज्यसभा में पारित होने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एससीपी) सांसद फौजिया खान ने कहा, "इस बिल को किसानों के बिल की तरह ही बुलडोज किया गया है...हम इसका विरोध जारी रखेंगे... वक्फ बोर्ड एक धार्मिक संस्था है... यह असंवैधानिक बिल है और इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी और यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद भी हो जाएगा..."
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भगोड़े नित्यानंद का नया कारनामा, हिंदू राष्ट्र कैलासा बनाने के नाम पर बोलिविया में हड़पी जमीन
न्यूयॉर्क टाइम्स, नई दिल्ली। कैलासा को दुनिया का पहला हिंदू राष्ट्र बताने वाले भगोड़े नित्यानंद के प्रतिनिधियों पर बोलिविया की जमीन कब्जाने का आरोप लगा है। पिछले सप्ताह, बोलीविया के अधिकारियों ने कहा कि कैलासा से जुड़े 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
नित्यानंद पर लगा है दुष्कर्म का आरोपगौरतलब है कि दुष्कर्म का आरोपित नित्यानंद 2019 में भारत से भाग गया था। कुछ साल बाद उसने यूनाइटेड स्टेट्स आफ कैलासा बनाने की घोषणा की थी।
बोलिविया ने कहा कि कैलासा के प्रतिनिधियों ने अमेजन क्षेत्र की जमीन के लिए स्थानीय समूहों के साथ धोखाधड़ी से पट्टे हासिल की थी, हालांकि इन समझौतों को अमान्य घोषित कर दिया गया है और कैलासावासियों को निर्वासित कर दिया गया।
कैलासा नाम का कोई वास्तविक देश नहींचूंकि कैलासा नाम का कोई वास्तविक देश नहीं है इसलिए इन लोगों को उनके वास्तविक गृह देशों में, जिनमें भारत, अमेरिका, स्वीडन और चीन शामिल हैं में निर्वासित किया गया है। कैलासा निवासी होने का दावा करने वाले लोग बोलीविया में पर्यटक वीजा पर आए थे। उन्होंने देश के राष्ट्रपति लुइस आर्से के साथ तस्वीर खिंचवाने में सफल रहे।
कैलासा के लोगों ने किया जमीन का घोटालाबोलीविया के विदेश मंत्रालय ने कहा, बोलीविया कथित राष्ट्र यूनाइटेड स्टेट्स आफ कैलासा के साथ राजनयिक संबंध नहीं रखता। यह घोटाला तब सामने आया जब बोलीविया के समाचार पत्र एल डेबर द्वारा की गई जांच में पता लगा कि कैलासा के लोगों ने अमेजन के मूल निवासियों के समूहों के साथ पट्टे पर हस्ताक्षर किए थे।
अमेजन के स्थानीय समूहों में से एक, बाउरे के नेता पेड्रो गुआसिको ने कहा कि कैलासा के दूतों के साथ उनका संपर्क पिछले वर्ष हुआ था, जब वे जंगल की आग के बाद मदद की पेशकश करने पहुंचे थे। नई दिल्ली के आकार से तीन गुना अधिक भूखंड के पट्टे को लेकर वार्ता हुई।
कैलासा के प्रतिनिधि मसौदा लेकर आएबाउरे ने 25 साल के करार पर सहमति जताई, जिसके तहत उन्हें सालाना लगभग दो लाख डॉलर का भुगतान किया जाना था, लेकिन जब कैलासा के प्रतिनिधि मसौदा लेकर आए, तो उसमें एक हजार साल की अवधि थी और इसमें हवाई क्षेत्र का उपयोग और प्राकृतिक संसाधनों का दोहन भी शामिल था।
हमारे क्षेत्र के संरक्षण और सुर
ग्वासिको ने कहा, हमने फिर भी हस्ताक्षर कर दिए। उन्होंने हमारे क्षेत्र के संरक्षण और सुरक्षा के लिए वार्षिक बोनस के रूप में फंड देने की पेशकश की, लेकिन यह पूरी तरह से झूठ था।
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Waqf Bill: वक्फ विधेयक पर संसद की मुहर, दोनों सदनों में आसानी से हुआ पास; कानून बनने से अब एक कदम दूर
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वक्फ विधेयक पर संसद ने अपनी मुहर लगा दी है। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी गुरुवार को 12 घंटे से अधिक चली मैराथन बहस के बाद इसे पारित कर दिया गया। विधेयक के समर्थन में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े।
विधेयक पर विपक्ष की ओर से कई संशोधन पेश किए गएविधेयक पर विपक्ष की ओर से कई संशोधन पेश किए गए, जिसे सदन ने खारिज कर दिया। दोनों सदनों से पारित होने के बाद इसे तुरंत ही राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी मिलते ही यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा। विधेयक पारित करने के लिए लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी आधी रात के बाद तक कार्यवाही चली।
राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पर चर्चा का जवाब देते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि वक्फ बोर्ड एक वैधानिक निकाय है और इसे धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए। फिर भी हमने इसमें गैर-मुस्लिमों की संख्या सीमित कर दी है। वक्फ विधेयक से मुसलमानों को हम नहीं डरा रहे, बल्कि विपक्षी पार्टियां डरा रही हैं।
वक्फ बोर्ड असंवैधानिक नहीं हैउन्होंने पूछा कि मुसलमानों में गरीबी ज्यादा है, तो उन्हें गरीब किसने बनाया? आपने बनाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो सबका साथ, सबका विकास की बात की है, वही तो संविधान की भावना है। वक्फ बोर्ड असंवैधानिक नहीं है।
राज्यसभा में विधेयक को लेकर वैसे तो भारी हंगामा और विपक्ष के कड़े विरोध की उम्मीद थी, लेकिन लोकसभा में विधेयक पारित होने और सरकार की ओर से विधेयक को मुस्लिमों के हित में होने को लेकर जिस तरह के तर्क दिए गए, उससे शायद विपक्ष के हौसले थोड़े पस्त थे। यही वजह थी कि सदन में विधेयक पेश होने के दौरान विपक्ष ने किसी तरह की टोकाटाकी या शोरशराबे से भी परहेज किया।
विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष की अधिकांश सीटें खाली दिखींइतना ही नहीं, विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष की अधिकांश सीटें खाली दिखीं, जबकि सत्ता पक्ष की सीटें खचाखच भरी हुई थीं। इस दौरान लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी सरकार की ओर से गृह मंत्री अमित शाह मोर्चा संभाले दिखे।
चर्चा के दौरान उन्होंने कई बार खड़े होकर न सिर्फ हस्तक्षेप किया, बल्कि विपक्ष को आईना भी दिखाया। ट्रिब्यूनल पर बोल रहे कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन को उन्होंने बीच में टोका और कहा कि अब तक ट्रिब्यूनल के फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती थी। नए विधेयक में हम इसे लेकर आए हैं।
जेपी नड्डा ने विपक्ष पर बोला हमलाभाजपा अध्यक्ष और सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में मुस्लिम महिलाओं को दोयम दर्जे की नागरिक बना दिया था। मिस्त्र, सूडान, बांग्लादेश और सीरिया जैसे मुस्लिम देशों में कई साल पहले तत्काल तीन तलाक पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने एक दशक तक सत्ता में रहने के दौरान मुस्लिम महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया। इससे पहले राज्यसभा में विधेयक पेश करते हुए रिजीजू ने विपक्ष के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि मुस्लिमों के अधिकार छीने जा रहे हैं।
रिजीजू ने विधेयक की खूबियां गिनाईंउन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस कानून का उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाना और सभी मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की रक्षा करना है। कहा कि यह विधेयक मुस्लिमों के खिलाफ बिल्कुल नहीं है, बल्कि उनका उत्थान करने वाला है। रिजीजू ने जहां विधेयक की खूबियां गिनाईं, वहीं विपक्ष की ओर से फैलाए जा रहे दुष्प्रचार का भी जवाब दिया।
यह विधेयक गरीब व पिछड़े मुस्लिमों के लिएकहा कि यह विधेयक गरीब व पिछड़े मुस्लिमों और उनके परिवारों के विकास का रास्ता खोलने वाला है। इसलिए इसका नाम उम्मीद रखा गया है। उन्होंने उम्मीद (यूनीफाइड वक्फ मैनेजमेंट इम्पावरमेंट, इफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) का पूरा नाम भी पढ़कर बताया। कहा कि वैसे भी जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को विकसित बनाने की बात करते हैं, तो उससे मुस्लिम अलग नहीं हैं।
वक्फ बोर्डों पर मनमाने व्यवहार का आरोपरिजीजू ने वक्फ बोर्डों पर मनमाने व्यवहार का आरोप लगाया और कहा कि दिल्ली के भीतर मौजूद शहरी विकास मंत्रालय व दिल्ली विकास प्राधिकरण की 123 संपत्तियों पर वक्फ अपना दावा कर रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि कल वक्फ संसद भवन पर भी दावा पेश कर दे। उन्होंने केरल और तमिलनाडु के कुछ और उदाहरण भी गिनाए।
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Waqf Amendment Bill: राज्यसभा से भी पास हुआ वक्फ संशोधन विधेयक, पक्ष में पड़े 128 वोट विपक्ष में 95
पीटीआई, नई दिल्ली। वक्फ बिल लोकसभा से आसानी से पारित होने के बाद राज्यसभा से भी आसानी से पारित हो गया। बिल के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े। इस दौरान, इसने बिल का विरोध करने वाले दलों की कमजोरी को उजागर कर दिया।
बिल पर करीब 13 घंटे तक चर्चा चलीराज्यसभा में इस बिल पर करीब 13 घंटे तक चर्चा चली। यह विधेयक लोकसभा में करीब 12 घंटे तक चली मैराथन बहस के बाद पारित हुआ था। अब विधेयक को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजा जाना आवश्यक होगा।
जेपी नड्डा ने वक्फ अधिनियम से निपटने के तरीके को लेकर कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इस कानून को इस तरह से बनाया है जिससे कथित तौर पर भू-माफियाओं को मदद मिल रही है।
जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर बोला हमलागुरुवार को उच्च सदन में बोलते हुए जेपी नड्डा ने वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों का जोरदार बचाव किया और राष्ट्रीय हितों की रक्षा और वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए सुधार की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया, जिससे गरीब मुसलमानों का कल्याण होना चाहिए।
ओम बिरला ने कही ये बातलोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को कहा कि विधायी प्रारूपण किसी भी कानून की आत्मा है और उन्होंने कानून में स्पष्टता और सरलता पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कानून समाज और लोगों को लंबे समय तक प्रभावित करते हैं; उन्हें आम लोगों के लिए समझने में स्पष्ट और सरल होना चाहिए।
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