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Gujarat: साबरमती आश्रम में चिदंबरम बेहोश हुए, बेटे कार्ति ने दिया हेल्थ अपडेट
एएनआई, नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम मंगलवार को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में बेहोश हो गए और जिसके बाद उनको अस्पताल भर्ती किया गया। सूत्रों ने बताया कि संभवतः वह दिनभर की व्यस्तता के बाद गर्मी के कारण बेहोश हो गए।
कार्ति चिदंबरम ने दिया हेल्थ अपडेट79 वर्षीय पूर्व वित्त मंत्री के बेटे कार्ति ने बाद में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि उनके पिता ठीक हैं और डॉक्टर उनकी जांच कर रहे हैं।
यह घटना उस समय हुई जब कांग्रेस नेता साबरमती आश्रम में प्रार्थना सभा में भाग ले रहे थे। जब चिदंबरम बेहोश हो गए तो अन्य नेताओं ने उन्हें एम्बुलेंस तक पहुंचाया, जो उन्हें अस्पताल ले गयी। इससे पहले दिन में चिदंबरम ने सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक पर कांग्रेस कार्यसमिति की विस्तारित बैठक में भाग लिया।
SC: दुर्लभ बीमारियों के लिए केंद्रीय मदद की सीमा पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, बढ़ सकती है सहायता लिमिट
पीटीआई, नई दिल्ली। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) जैसी दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए केंद्रीय सहायता की 50 लाख रुपये की सीमा को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को विचार करने का फैसला किया।
पीठ ने कही ये बातप्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने कहा कि इन याचिकाओं पर जस्टिस पीएस नरसिम्हा की अध्यक्षता वाली पीठ 13 मई से शुरू होने वाले हफ्ते में सुनवाई करेगी।
पीठ ने कहा कि एसएमए की दवा रिस्डिप्लाम बनाने वाली कंपनी एफ हाफमैन-ला रोश लिमिटेड ने इस बीमारी से पीड़ित केरल की 24 वर्षीय सीबा पीए को एक वर्ष दवा मुफ्त देने पर सहमति दी है। दवा की एक बोटल 6.2 लाख रुपये की है। शीर्ष अदालत ने 24 फरवरी को केंद्र की अपील पर हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी।
केंद्र ने कहा था कि उसे 50 लाख रुपये की सीमा पार करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील पर भी गौर किया था कि एसएमए रोगी के इलाज का खर्च 26 करोड़ रुपये तक हो सकता है और पाकिस्तान व चीन में रिस्डिप्लाम के दाम काफी कम हैं।
महिला सुरक्षा पर लोगों की सोच बदलें : सुप्रीम कोर्टसुप्रीम कोर्ट का कहना है कि महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा और दुष्कर्म के खतरे को कम करने के लिए लोगों की सोच बदलनी होगी क्योंकि ये खतरा शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में सब जगह है। इसके लिए सर्वोच्च अदालत ने शिक्षा में बदलाव के साथ ही शिक्षा प्रणाली से दूर और बाहर हो चुके लोगों को सुधारने के लिए केंद्र सरकार को उचित उपाय करने को कहा है।
सुनवाई छह मई तक के लिए स्थगितसर्वोच्च अदालत ने इस संबंध में केंद्र सरकार को एक विस्तृत हलफनामा दायर करने के लिए तीन हफ्ते का समय देकर सुनवाई छह मई तक के लिए स्थगित कर दी है।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतीष चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि महिलाओं को अकेला छोड़ दीजिए। उन्हें अपने चारों तरफ हेलीकाप्टर नहीं चाहिए। उन्हें निगरानी व रोकटोक की जरूरत नहीं। उन्हें पनपने दीजिए, इस देश की महिलाएं यही चाहती हैं।
महिलाओं में खुले में शौच जाने के दौरान होती है परेशानीखंडपीठ ने कहा कि उन्हें वास्तवित जीवन में ऐसे मामले देखे हैं कि महिलाओं में खुले में शौच जाने के दौरान मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। अभी भी गांवों में शौचालयों की सुविधा नहीं है। अधिवक्ता आदाब हर्षद पोंडा की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान इस दिशा में शिक्षा और जनजागरूकता के मुद्दे को उठाया है।
देश में दुष्कर्म समेत विभिन्न अपराध बढ़ते ही जा रहे हैंयाचिका में बताया गया कि महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म समेत विभिन्न अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं। इस पर केंद्र सरकार ने सर्वोच्च अदालत को बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा पाठ्यक्रमों में नैतिक शिक्षा की व्यवस्था है। याचिका में विज्ञापन, सेमिनारों, पर्चों के जरिये केंद्र को स्थानीय प्रशासन को दिशा-निर्देश देने को कहा गया है। शिक्षा के दायरे से बाहर जा चुके लोगों को भी सुधारने की सलाह दी गई है।
महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित, कहा- वूमन सेफ्टी पर लोगों को अपनी सोच बदलनी होगी
एएनआइ, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा और दुष्कर्म के खतरे को कम करने के लिए लोगों की सोच बदलनी होगी क्योंकि ये खतरा शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में सब जगह है। इसके लिए सर्वोच्च अदालत ने शिक्षा में बदलाव के साथ ही शिक्षा प्रणाली से दूर और बाहर हो चुके लोगों को सुधारने के लिए केंद्र सरकार को उचित उपाय करने को कहा है।
महिलाओं को अकेला छोड़ दीजिए- सुप्रीम कोर्टसर्वोच्च अदालत ने इस संबंध में केंद्र सरकार को एक विस्तृत हलफनामा दायर करने के लिए तीन हफ्ते का समय देकर सुनवाई छह मई तक के लिए स्थगित कर दी है।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतीष चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि महिलाओं को अकेला छोड़ दीजिए। उन्हें अपने चारों तरफ हेलीकाप्टर नहीं चाहिए। उन्हें निगरानी व रोकटोक की जरूरत नहीं। उन्हें पनपने दीजिए, इस देश की महिलाएं यही चाहती हैं।
अभी भी गांवों में शौचालयों की सुविधा नहींखंडपीठ ने कहा कि उन्हें वास्तवित जीवन में ऐसे मामले देखे हैं कि महिलाओं में खुले में शौच जाने के दौरान मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। अभी भी गांवों में शौचालयों की सुविधा नहीं है। अधिवक्ता आदाब हर्षद पोंडा की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान इस दिशा में शिक्षा और जनजागरूकता के मुद्दे को उठाया है।
महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म समेत विभिन्न अपराध बढ़ते ही जा रहे हैंयाचिका में बताया गया कि महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म समेत विभिन्न अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं। इस पर केंद्र सरकार ने सर्वोच्च अदालत को बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा पाठ्यक्रमों में नैतिक शिक्षा की व्यवस्था है। याचिका में विज्ञापन, सेमिनारों, पर्चों के जरिये केंद्र को स्थानीय प्रशासन को दिशा-निर्देश देने को कहा गया है। शिक्षा के दायरे से बाहर जा चुके लोगों को भी सुधारने की सलाह दी गई है।
केरल की मांग, राज्यपाल के विरुद्ध याचिका जस्टिस पार्डीवाला की पीठ को ट्रांसफर होकेरल सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि राज्य विधानसभा से पारित विधेयकों को स्वीकृति देने में विलंब पर राज्यपाल के विरुद्ध दायर उसकी याचिका जस्टिस जेबी पार्डीवाला की अध्यक्षता वाली पीठ को स्थानांतरित कर दी जाए। जस्टिस पार्डीवाला की पीठ ने ही तमिलनाडु सरकार की याचिका पर फैसला सुनाया है।
अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने दलीलों का विरोध कियाकेरल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता केके वेणुगोपाल ने प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ से कहा, ''लगभग दो वर्ष हो गए हैं। विधेयक लंबित हैं। जस्टिस पार्डीवाला ने इसी तरह के मुद्दों पर सुनवाई की है और इसे उसी पीठ को हस्तांतरित किया जा सकता है।''
अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने दलीलों का विरोध किया और कहा कि मुद्दे अलग-अलग हैं। इसके अलावा इस तरह का कोई भी निर्णय लेने से पहले जस्टिस पार्डीवाला का फैसले पढ़ा जाना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि कोई भी निर्णय अगली सुनवाई पर होगा और सुनवाई 13 मई से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
आरिफ मोहम्मद खान वर्तमान में बिहार के राज्यपालवर्ष 2023 में शीर्ष अदालत ने केरल के तत्कालीन राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा राज्य विधानमंडल से पारित विधेयकों को दो वर्ष तक रोके रखने पर नाराजगी व्यक्त की थी। खान वर्तमान में बिहार के राज्यपाल हैं।
लॉन्च हुआ नया Aadhaar App, अब कहीं नहीं देनी होगी फोटो कॉपी, QR Code से काम होगा आसान
पीटीआई, नई दिल्ली। अब आपको होटलों, दुकानों, हवाईअड्डों या किसी अन्य जगहों पर आधार कार्ड की फोटोकापी देने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल क्रांति का सदुपयोग कर लोगों को सलूहियत देने के लिए प्रयासरत केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए मंगलवार को नया आधार एप लॉन्च किया।
इस एप की मदद से यूजर्स अपने आधार विवरण को डिजिटल रूप से सत्यापित और साझा कर सकेंगे। इससे आधार कार्ड या उसकी फोटोकॉपी जमा करने की कोई जरूरत नहीं होगी।
चेहरे से पहचान का सत्यापन होगीएप के जरिए चेहरे से पहचान का सत्यापन हो सकेगा। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आइटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एप लॉन्च करने के बाद कहा कि आधार सत्यापन को आसान, तेज और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
वैष्णव ने एक्स पर पोस्ट किए गए वीडियो संदेश में कहा, नया आधार एप, मोबाइल एप के जरिए फेस आइडी प्रमाणीकरण। कोई फिजिकल कार्ड नहीं, कोई फोटोकॉपी नहीं। वैष्णव ने कहा कि अब केवल एक टैप से उपयोगकर्ता केवल आवश्यक डाटा ही साझा कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपनी व्यक्तिगत जानकारी पर पूर्ण नियंत्रण मिलेगा। एप की सबसे प्रमुख विशेषताओं में से एक फेस आईडी प्रमाणीकरण है, जो सुरक्षा को बढ़ाता है और सत्यापन को सहज बनाता है।
क्यूआर कोड को स्कैन करके किया जा सकेगा आधार सत्यापनआधार सत्यापन अब केवल क्यूआर कोड को स्कैन करके किया जा सकता है, बिल्कुल उसी तरह जैसे यूपीआई भुगतान करते हैं। यूजर्स अब अपनी गोपनीयता सुनिश्चित करते हुए अपने आधार विवरण को डिजिटल रूप से सत्यापित और साझा कर सकते हैं। यह एप अभी बीटा परीक्षण चरण में है। इसे मजबूत गोपनीयता सुरक्षा उपायों के साथ डिजाइन किया गया है।
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Kia Cars: 900 किआ कार के इंजन हुए चोरी, मचा हड़कंप तो कंपनी ने बताई पूरी बात
पीटीआई, पेनुकोंडा। आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साई जिले में दक्षिणी कोरियाई कंपनी 'किआ मोटर्स' के पेनुकोंडा प्लांट से लगभग 900 कार इंजन चोरी होने का मामला सामने आया है। पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि पांच वर्षों से कार के इंजन की चोरी हो रही थी।
कंपनी ने 19 मार्च को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। श्री सत्य साई जिले के पेनुकोंडा में किआ कंपनी का कार निर्माण संयंत्र है। कंपनी की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
पुलिस अधिकारी ने क्या कहा?पुलिस अधिकारी वेंकटेश्वरलू ने बताया, 2020 से इंजनों की चोरी हो रही है। हम जांच करेंगे। प्रारंभिक जांच में 900 इंजन चोरी होने की पुष्टि हुई है। इंजन या तो संयंत्र के अंदर से या वहां पहुंचने के रास्ते में चुराए गए।
कर्मचारियों की मिलीभगत से घटना की संभावनासंदेह है कि चोरी कंपनी के ही कर्मचारियों की मिलीभगत से हुई। वेंकटेश्वरलु ने कहा कि यह सब अंदर से हुआ है। यहां तक कि एक छोटा पुर्जा भी कंपनी की अनुमति के बिना बाहर नहीं जा सकता। हम पता कर रहे हैं कि इसमें कौन-कौन शामिल है। विशेष टीम गठित की गई है। कई दस्तावेज जुटाए हैं।
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EPFO New Update: चेहरा दिखाओ, खुद अपना UAN बनाओ! जानिए किसे मिलेगा इसका लाभ
पीटीआई, नई दिल्ली। ईपीएफओ (EPFO) की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में शामिल कर्मचारी अब अब अपना चेहरा दिखाकर खुद यूनिवर्सल प्रोविडेंट फंड अकाउंट नंबर (UAN) बना सकेंगे और इससे संबंधित सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को यह जानकारी दी। श्रम मंत्री मांडविया ने बिहार के छह जिलों (अररिया, सहरसा, औरंगाबाद, बांका, पूर्वी चंपारण और गोपालगंज) को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के तहत पूर्ण रूप से अधिसूचित करने की भी घोषणा की। इससे जिससे लगभग 24 हजार और बीमित व्यक्ति ईएसआइसी की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में आ जाएंगे।
क्या बोले केंद्रीय मंत्री?केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फिलहाल बिहार के कुल 38 में से 27 जिले पूरी तरह से अधिसूचित हैं और 11 जिले आंशिक रूप से अधिसूचित हैं। छह जिलों के बारे में अधिसूचना जारी होने के बाद यह संख्या बढ़कर 33 जिलों की हो जाएगी।
मांडविया ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने चेहरे के सत्यापन के जरिये यूएएन आवंटित करने और उसे एक्टिव करने के लिए डिजिटल सेवाएं शुरू की हैं। यह ईपीएफओ के करोड़ों सदस्यों के लिए संपर्क-रहित, सुरक्षित और डिजिटल सेवा की दिशा में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी अब 'उमंग' मोबाइल एप की मदद से आधार चेहरा सत्यापन प्रौद्योगिकी (एफएटी) का उपयोग करके सीधे अपना यूएएन जेनरेट कर सकते हैं।
जानिए कर यूएएन एक्टिवेट?- कोई भी नियोक्ता किसी भी नए कर्मचारी के लिए आधार एफएटी का उपयोग करके यूएएन बनाने के लिए उमंग एप का इस्तेमाल कर सकता है।
- यूएएन जनरेट करने के लिए कर्मचारी को उमंग एप खोलना होगा और चेहरा पहचान के जरिये यूएएन बनाने और एक्टिवेशन के चरणों का पालन करना होगा।
- चेहरा पहचान के जरिये आधार-आधारित सत्यापन के बाद यूएएन जनरेट हो जाएगा और मोबाइल नंबर पर एसएमएस भेजा जाएगा। यूएएन बनाने के बाद कर्मचारी उमंग एप या सदस्य पोर्टल से यूएएन कार्ड डाउनलोड कर सकता है।
- चेहरा प्रमाणीकरण का उपयोग करके बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण, ओटीपी-आधारित प्रमाणीकरण जैसे पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक सुरक्षित है।
- श्रम मंत्री ने कहा कि जिन सदस्यों के पास पहले से ही यूएएन है, लेकिन अभी तक इसे एक्टिव नहीं किया है, वे अब आसानी से उमंग एप के माध्यम से अपना यूएएन एक्टिव कर सकते हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 में ईपीएफओ ने 1.26 करोड़ यूएएन आवंटित किए। हालांकि, इनमें से केवल 44 लाख यूएएन ही सदस्यों द्वारा एक्टिव किए गए थे। मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में ईपीएफओ पेंशनभोगियों को उनके दरवाजे पर सेवाएं देने के लिए 'माई भारत' के वालंटियरों के सहयोग से चेहरा सत्यापन प्रौद्योगिकी के जरिये 'जीवन प्रमाण' के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र को भी बढ़ावा देगा।
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दिल्ली के कई इलाकों में सामान्य दो गुना तक बढ़ा ओजोन का स्तर, सेहत को पहुंचा रहा नुकसान
नई दिल्ली, विवेक तिवारी। राजधानी के कई इलाकों में ओजोन का स्तर सामान्य से दो गुना तक पहुंच गया है। दिल्ली की हवा में प्रदूषण के स्तर पर नजर रखने वाली पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की संस्था सफर की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम के आसपास के इलाके में हवा में ओजोन का स्तर 239 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया। मानकों के तहत हवा में इसका स्तर अधिकतम 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा नहीं होना चाहिए। वैज्ञानिकों के मुताबिक कुछ समय पहले तक गर्मियों के मौसम में ही ओजोन के स्तर में बढ़ोतरी देखी जाती थी। लेकिन देश के कई हिस्सों में ये अब पूरे साल की समस्या बन गया है। हवा में ओजोन की मात्रा ज्यादा होने से हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है। वहीं इससे दिल की बीमारी का भी खतरा बढ़ता है।
ओजोन के प्रदूषण का कोई खास सोर्स नहीं होता है। बेहद गर्म मौसम में गाड़ियों और पावर प्लांट से निकलने वाला धुआं आपस में क्रिया करके ओजोन बनाने लगता और हवा में ओजोन का स्तर बढ़ने लगता है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के कई शहरों में ओजोन के प्रदूषण के स्तर में चिंताजनक वृद्धि हुई है। इस साल गर्मियों में भारत के दस प्रमुख शहरों में ओजोन का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है। इनमें दिल्ली सबसे ज्यादा प्रभावित हुई। एयर क्वालिटी ट्रैकर एन इनविजिबल थ्रेट नाम से आई इस रिपोर्ट में प्रमुख रूप से दिल्ली, एनसीआर, बेंगलुरू, मुंबई, चेन्नई,कोलकाता, पुणे, ग्रेटर अहमदाबाद, ग्रेटर हैदराबाद, ग्रेटर जयपुर और ग्रेटर लखनऊ में ओजोन के स्तर का विश्लेषण किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक इन शहरों में अप्रैल से जुलाई की तुलना में जनवरी से मार्च के बीच ओजोन के स्तर में कहीं अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई। अहमदाबाद में पिछले साल की तुलना में ओजोन के स्तर में 4000 गुना की बढ़ोतरी हुई है। वहीं पुणे में 500 और जयपुर में 152 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
सीएसई में वायु प्रदूषण पर लम्बे समय से काम कर रहे डॉक्टर विवेक चटोपाध्याय कहते हैं कि ओजोन के प्रदूषण की समस्या सिर्फ गर्मियों में होती थी, अब ये पूरे साल की समस्या बन गई है। खास तौर पर दक्षिण और पश्चिमी तटीय महानगरीय इलाकों में ये समस्या काफी बढ़ चुकी है। सामान्य तौर पर जब सूरज की रौशनी हो, गर्मी ज्यादा हो और गाड़ियों के धुएं का प्रदूषण हवा में मौजूद हो तो ही ओजोन के प्रदूषण में वृद्धि देखी जाती है। लेकिन हमने अध्ययन में पाया कि महानगरों में सूर्यास्त के बाद भी हवा में ओजोन का स्तर बढ़ा हुआ रहता है। ओजोन के प्रदूषण की खास बात ये है कि ये गैस के रूप में होती है। ऐसे में दिल्ली का ओजोन प्रदूषण हवा के साथ आसपास के ऐसे इलाके में पहुंच सकता है जहां प्रदूषण का कोई स्रोत न हो। ऐसे में इसके प्रदूषण की चपेट में काफी बड़े इलाके के लोग आ जाते हैं।
सांसों पर बोझ बढ़ा रही ओजोन
दिल्ली मेडिकल काउंसिल की साइंटिफिक कमेटी के चेयरमैन डॉक्टर नरेंद्र सैनी के मुताबिक हवा में ओजोन के स्तर का बढ़ना काफी खतरनाक है। ये सीधे हमारे फेफड़ों पर असर डालता है। हवा में ओजोन बढ़ने से सांस लेते समय छाती में दर्द, खांसी, गले में जलन और सांस की नली में सूजन जैसी दिक्कत हो सकती है। फेफड़ों के काम करने में कमी आ सकती है। ओजोन ब्रोंकाइटिस, अस्थमा इत्यादि को और खराब कर सकता है। ओजोन के कारण कार्डियोवैस्कुलर बीमारी हो सकती है जो दिल को प्रभावित करती है। बहुत लम्बे समय तक ओजोन के सांस के जरिए शरीर में जाने से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी हो सकता है।
ओजोन का प्रदूषण पौधों को पहुंचा रहा नुकसान
ओजोन की परत को नुकसान पहुंचने से दुनिया में मक्के के उत्पादन में कमी आ रही है। ये खुलासा यूएस एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की रिसर्च यूनिट USDA ARS Global Change and Photosynthesis Research Unit की ओर से किए गए अध्ययन में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक ओजोन के निचले स्तर को नुकसान पहुंचने मक्के की फसल के उत्पादन में कमी आई है। ओजोन की निचली परत को नुकसान पहुंचने से सूरज की बहुत की ऐसी किरणें नीचे आ रही हैं जो मक्के की पत्तियों में कैमिकल संतुलन को बिगाड़ रही हैं।
गौरतलब है कि सूरज से आने वाली पराबैंगनी किरणों को रोकने में ओजोन परत की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस परत के चलते हम कई खतरनाक विकिरणों से बच पाते हैं। ओजोन की परत तब बनती है जब उद्योगों और गाड़ियों के धुएं में मौजूद नाइट्रस ऑक्साइड सूरज की रौशनी से टूट जाता है और ओजोन बनाने के लिए रासायनिक रूप से प्रतिक्रिया करता है। शिकागो स्थित इलिनोइस विश्वविद्यालय के शोधकर्ता 20 सालों से फसलों पर ओजोन प्रदूषण के प्रभावों का अध्ययन एक खास तरह के फॉर्म पर कर रहे हैं जहां ओजोन के अलग अलग स्तर का फसलों पर अध्ययन किया जा रहा है। अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने मक्के की तीन प्रजातियों पर अध्ययन किया। इसमें पाया गया कि ओजोन के प्रभाव के कारण हाइब्रिड फसलों की उपज में 25 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई। वहीं पारंपरिक प्रजातियों के उत्पादन पर कुछ खास असर नहीं हुआ। वहीं हाइब्रिड मक्के के पौधे ओजोन के प्रभाव के चलते जल्दी बूढ़े होने लगे।
ओजोन के चलते पौधों में ये बदलाव क्यों हो रहा है ये जानने के लिए वैज्ञानिकों ने पौधे की पत्तियों की रासायनिक बनावट का अध्ययन किया। स्टडी में पाया गया कि पारंपरिक प्रजाति के पौधे की पत्तियों में ओजोन के प्रभाव के चलते कुछ खास बदलाव नहीं हुआ। वहीं हाइब्रिड पौधे की पत्तियों में टोकोफेरोल और फाइटोस्टेरॉल कैमिकल की मात्रा बढ़ गई। ऐसे में इस स्टडी से साफ पता चला की हाइब्रिड प्रजातियां ओजोन के प्रति बेहद संवेदनशील हैं।
पूर्व मुख्य तकनीकी सलाहकार एवं परियोजना प्रबंधक, विश्व खाद्य संगठन, (संयुक्त राष्ट्र संघ) डा. राम चेत चौधरी कहते हैं कि क्लाइमेट चेंज के साथ ही ओजोन की परत को नुकसान पहुंचने का सीधा असर फसलों पर पड़ता है। ओजोन के प्रभाव के चलते पौधे की पत्तियों में बनने वाली बहुत सी ऊर्जा नष्ट हो जाती है। साथ ही पत्तों में टिशूज को भी नुकसान पहुंचता है। हमें पर्यावरण को बेहतर बनाने के साथ ही आने वाले समय के लिए ज्यादा रजिस्ट्रेशन वाली प्रजातियों का विकास करने की जरूरत है।
ये है बचाव
सीएसई ने ओजोन प्रदूषण पर किए गए अपने अध्ययन में कुछ सुझाव दिए हैं। इसमें कहा गया है कि, ओजोन की जटिल रासायनिक संरचना के कारण इसे ट्रैक और नियंत्रित करना मुश्किल है। इसे ट्रैक और नियंत्रित करने के लिए एक व्यवस्था बनाए जाने की जरूरत है। वैश्विक अनुभवों के मुताबिक जैसे जैसे हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों का स्तर गिरता है नाइट्रोजन ऑक्साइड और ग्राउंड लेवल ओजोन का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में ओजोन को नियंत्रित करने के लिए उद्योगों, वाहनों, घरों और खुले में जलने से होने वाले उत्सर्जन को रोकने के लिए सख्त नियम होने चाहिए। ओजोन शहरों से दूर दूर तक फैल कर प्रदूषण में इजाफा करता है। इसके लिए स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर निगरानी की जरूरत है।
UAE और भारत के रिश्तों में लगेंगे चार चांद, PM मोदी के आमंत्रण पर क्राउन प्रिंस आए इंडिया; कितना खास है ये दौरा?
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। खाड़ी के अपने मित्र देशों के साथ भारत रक्षा संबंधों को मजबूत करने में लगातार जुटा हुआ है। इस क्रम में मंगलवार को भारत और यूएई के बीच रक्षा से जुड़े सभी क्षेत्रों में सहयोग पर विमर्श हुआ और इस बात की सहमति बनी कि दोनों देशों की नौ सेनाओं और कोस्ट गार्ड्स के बीच मौजूदा संबंधों को ज्यादा मजबूत किया जाएगा।
यह सहमति भारत के दौरे पर आये दुबई के क्राउन प्रिंस व रक्षा मंत्री शेख हमदान और पीएम नरेन्द्र मोदी के बीच द्विपक्षीय बैठक में बनी। क्राउन प्रिंस शेख हमदान ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी अलग से मुलाकात की है। उधर, 22-23 जनवरी, 2025 को पीएम मोदी सउदी अरब की राजकीय यात्रा पर जाने वाला हैं। इस यात्रा के दौरान भी रक्षा संबंधों को मजबूत बनाना एक प्रमुख एजेंडा रहने वाला है।
Glad to meet HH Sheikh Hamdan bin Mohammed bin Rashid Al Maktoum, the Crown Prince of Dubai. Dubai has played a key role in advancing the India-UAE Comprehensive Strategic Partnership. This special visit reaffirms our deep-rooted friendship and paves the way for even stronger… pic.twitter.com/lit9nWQKyu
— Narendra Modi (@narendramodi) April 8, 2025 पीएम मोदी के आमंत्रण पर भारत आए हैं क्राउन प्रिंसशेख हमदान बिन मोहम्मद अल मक्तूम यूएई के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री हैं जो पीएम मोदी के आमंत्रण पर पहली बार भारत की यात्रा पर आये हैं। उनके साथ कैबिनेट मंत्रियों और कारोबारियों का एक दल भी आया है।
नई दिल्ली में उनके दल के साथ पीएम मोदी की मुलाकात में विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। दुबई यूएई के सात राज्यों में से एक है और भारत के साथ इसके बेहद करीबी आर्थिक संबंध हैं।
क्राउन प्रिंस की यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को करेगा मजबूतपीएम मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखे एक पोस्ट में कहा है कि, “क्राउन प्रिंस शेख हमदान की यह यात्रा भारत व यूएई के विशेष रणनीतिक रिश्ते को मजबूत बनाने को लेकर उनकी प्रतिबद्धता को दिखाता है। इस यात्रा से पुराने रिश्ते को भविष्य में और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।''
मोदी और शेख हमदान के बीच हुई बैठक में रक्षा संबंधों के अलावा कारोबारी रिश्तों, अंतरिक्ष सेक्टर में सहयोग को लेकर भी गंभीर विमर्श हुआ है जिसके बारे में विस्तार से आगे घोषणा होने की संभावना है।रक्षा मंत्री सिंह ने भी शेख हमदान के साथ अपनी बैठक को बेहद उपयोगी बताया है।
उन्होंने कहा है कि आने वाले समय में भारत व यूएई रक्षा सहयोग, रक्षा उपकरणों के सह-उत्पादन व प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बेहद करीबी संबंध स्थापित करने को इच्छुक हैं। रक्षा क्षेत्र में प्रशिक्षण को लेकर भी इन दोनों के बीच बात हुई है और इसे सहयोग के लिए एक अहम क्षेत्र चिन्हित किया गया है।
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पेट्रोल-डीजल के एक्साइज ड्यूटी में अभी और हो सकती है बढ़ोतरी, एक्सपर्ट्स ने बताई वजह
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सोमवार को केंद्र सरकार की तरफ से पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में दो-दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि अंतिम नहीं होगी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (क्रूड) की कीमतों में गिरावट जारी है और विशेषज्ञ शोध एजेंसियां बता रही हैं कि यह सिलसिला जारी रह सकता है। ऐसे में केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क में दो-दो रुपये की एक और वृद्धि अगले कुछ दिनों में कर सकती है।
वजह यह है कि सरकारी तेल कंपनियां अभी भी रसोई गैस की बिक्री लागत से कम कीमत (उज्जवला ग्राहकों को 475 रुपये व आम ग्राहकों को 175 रुपये कम) पर बेच रही हैं। क्रूड की घटती कीमत के बीच उत्पाद शुल्क बढ़ाने का फार्मूला पहले भी आजमाया गया है, इससे आम जनता पर कोई बोझ नहीं डाल कर सरकार अपना राजस्व अच्छा खासा बढ़ा लेती है।
खुदरा कीमतों में कुछ कमी का तोहफा तेल मार्केटिंग की ओर से मिलने की उम्मीदशोध एजेंसियां बता रही हैं कि अगर कुछ महीनों (दो-तीन महीने) क्रुड की कीमत 60-65 डॉलर प्रति बैरल पर बनी रहे तो संभव है कि आम आदमी को पेट्रोल व डीजल की खुदरा कीमतों में कुछ कमी का तोहफा तेल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) की तरफ से दी जाए। मंगलवार को क्रूड 63 डॉलर प्रति बैरल के करीब रही है।
जेएम फाइनेंशिएल की रिपोर्ट बताती है कि उत्पाद शुल्क में वृद्धि के बावजूद सरकारी तेल कंपनियां को अभी पेट्रोल व डीजल पर औसतन 12 रुपये प्रति लीटर की मार्जिन बच रही है। यानी एक तेल कंपनी के लिए अभी एक लीटर पेट्रोल बनाने की लागत व मुनाफा मार्जिन और उसकी फैक्ट्री गेट की कीमत (तमाम शुल्क आदि लगाने सेपहले) में 12 रुपये का अंतर है।
तेल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल व डीजल पर अधिकांश महीनों मुनाफा कमायावजह यह है कि वर्ष 2024-25 के अधिकांश महीनों में क्रूड की कीमत कम ही रही है। अप्रैल, 2024 से जुलाई, 2024 के दौरान भारत के लिए क्रूड की खरीद लागत 83 से 89 डॉलर प्रति बैरल रही थी लेकिन उसके बाद यह लगातार 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब है। इस हिसाब से सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियां (ओएमसी) पेट्रोल व डीजल पर अधिकांश महीनों मुनाफा कमाया है लेकिन रसोई गैस पर सब्सिडी देने से उनकी गणित पर असर पड़ा है।
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को बताया कि एलपीजी को लागत से कम बिक्री होने से तेल कंपनियों को अभी 48 हजार करोड़ रुपये का घाटा है जिसके एक बड़े हिस्से की भरपाई सरकार बढ़े हुए उत्पाद शुल्क संग्रह से करेगी।
जेएम फाइनेंशिएल की रिपोर्ट बताती है कि, “रसोई गैस सिलेंडर की कीमत बढ़ाने के बावजूद चालू वित्त वर्ष के दौरान 20 से 30 हजार करोड़ रुपये का घाटा होने की उम्मीद है। इस घाटे की भरपाई के लिए ओएमसी को पेट्रो व डीजल पर 7.30 रुपये से लेकर 10.50 रुपये प्रति लीटर की मार्जिन बना कर रखनी होगी।''
वहीं, एक दिन पहले पुरी ने कहा था कि, “50 रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि के बावजूद 1028 रुपए की लागत वाला 14.2 किलोग्राम का एलपीजी सिलेंडर उज्जवला लाभार्थियों को सिर्फ 553 रुपये में आम उपभोक्ताओं को 853 रुपये में दिया जा रहा है।''
पेट्रोलियम कंपनियों के घाटे की भरपाई पर सरकार का जोरपुरी ने यह भी संकेत दिया था कि अगर क्रूड की कीमत लंबे समय तक 65 डॉलर प्रति बैरल से कम रहता है तो ओएमसी पेट्रो डीजल को सस्ता करने पर विचार कर सकती हैं। दूसरी तरफ, जेएम फाइनेंशिएल का आकलन है कि सस्ते क्रूड का फायदा आम जनता को देने के बजाये अभी पेट्रोलियम कंपनियों के घाटे (एलपीजी सिलेंडर को लेकर) की भरपाई की कोशिश होगी।
यह काम उत्पाद शुल्क में वृद्धि से होगा। वित्त मंत्रालय उत्पाद शुल्क वसूलेगा, बाद में इसका एक हिस्सा ओएमसी को दिया जाएगा। पिछले वित्त वर्ष भी ऐसा हुआ था।
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Monsoon Alert: किसानों के लिए आई गुड न्यूज, इस बार झमाझम बरसेगा मानसून, सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। किसानों एवं देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है कि इस बार मानसून की बारिश अच्छी होने जा रही है। जून से सितंबर के बीच मानसूनी मौसम के दौरान औसत से तीन प्रतिशत ज्यादा बारिश हो सकती है। इस दौरान संपूर्ण भारत में औसतन लगभग 868.6 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस वर्ष लगभग 895 मिमी बारिश होने का अनुमान है।
मौसम पर नजर रखने वाली निजी एजेंसी स्काइमेट ने अपने ताजा अनुमान में बताया है कि प्रशांत महासागर में न्यूट्रल स्थिति है। ला-नीना बेहद कमजोर हो चुका है और अगले चार महीने के दौरान अलनीनो के विकसित होने की संभावना भी नहीं है।
इस साल झमाझम होगी बारिशहिंद महासागर का जलवायु पैटर्न भी अनुकूल दिख रहा है, जो मानसूनी बारिश के लिए मददगार साबित होगा। मानसून में अच्छी बारिश खेती कार्य में सहायक होती है। इसी दौरान खरीफ की फसल की बुआई और रोपाई होती है। भूजल स्तर में भी वृद्धि होती है, जिससे वर्ष भर पेयजल की कमी नहीं हो पाती है।
पूर्वानुमान में 96 से 104 प्रतिशत तक बारिश को सामान्य माना जाता है। चार महीने के दौरान 103 प्रतिशत का मतलब है कि अच्छी बारिश होगी। हालांकि, इसमें पांच प्रतिशत तक अंतर आ सकता है। मतलब सामान्य से पांच प्रतिशत कम या ज्यादा बारिश हो सकती है।
भारतीय तट पर मानसून कब दस्तक देगा?स्काइमेट का अनुमान है कि 96 प्रतिशत से नीचे जाने का अनुमान बहुत ही कम है। देश के पश्चिमी तट एवं मध्य भागों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। उत्तर पूर्वी राज्यों के साथ जम्मू-कश्मीर और पहाड़ी इलाकों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। भारतीय तट पर मानसून कब दस्तक देगा, इसका आकलन अभी नहीं किया जा सका है। मगर मानसून का प्रवेश केरल के रास्ते होता है, जहां सामान्य तौर पर एक जून को सक्रिय होता है। फिर धीरे-धीरे दक्षिण भारत के राज्यों से आगे बढ़ते हुए बंगाल की खाड़ी के सहारे मध्य एवं उत्तर भारत की ओर बढ़ता है। सबसे अंत में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान तक फैलता है।
भारतीय तट पर मानसून कब दस्तक देगास्काइमेट ने कोर मानसून मंथ के दौरान कुछ क्षेत्रों में औसत से कम बारिश की भी आशंका जताई है, लेकिन अधिकतर क्षेत्रों में मानसून सामान्य रहने वाला है। जून में मानसून की रफ्तार थोड़ी कम हो सकती है, क्योंकि ला-नीना का असर कुछ दिन तक रह सकता है। जून में औसत से चार प्रतिशत कम बारिश हो सकती है, लेकिन अगले महीने से बारिश रफ्तार पकड़ लेगी।
जुलाई, अगस्त एवं सितंबर में औसत से ज्यादा बारिश होगी। अगस्त में आठ प्रतिशत ज्यादा वर्षा हो सकती है। खेती के लिहाज से यह महीना ज्यादा अनुकूल होता है।
मासिक वर्षा का अनुमान महीना मात्रा (मिलीमीटर में) जून 165.3 मिमी (चार प्रतिशत कम) जुलाई 280.5 मिमी (दो प्रतिशत ज्यादा) अगस्त 254.9 मिमी (आठ प्रतिशत ज्यादा) सितंबर 167.9 मिमी (चार प्रतिशत ज्यादा)यह भी पढ़ें: Weather Update: इन 8 राज्यों में लू की चेतावनी, राजस्थान में रेड अलर्ट; जानिए यूपी-बिहार समेत अपने राज्य का हाल
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चुनाव में दुष्प्रचार फैलाने वालों की खैर नहीं, जानिए क्या है EC का प्लान
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव के दौरान झूठ और दुष्प्रचार की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए चुनाव आयोग ने इससे निपटने की व्यवस्था को अब और सशक्त बनाने का फैसला लिया है। इस दिशा में सभी राज्यों में जल्द ही एक मजबूत सेल गठित करने का फैसला लिया गया है।
जिसमें चुनाव से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इंटरनेट मीडिया पर नजर रखने के लिए विशेषज्ञों की तैनाती दी जाएगी। जो न सिर्फ इंटरनेट मीडिया पर फैलाए जाने वाले झूठ व दुष्प्रचार पर पैनी नजर रखेंगे बल्कि झूठ के इस गुब्बारे को नजर आते ही तुरंत नष्ट भी करेंगे।
इंटरनेट पर निगरानी रखने के लिए होगा प्रशिक्षणआयोग ने इसके साथ ही सभी राज्यों में इंटरनेट मीडिया पर नजर रखने के लिए तैनात अमले को इससे निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण भी देने की योजना बनाई है। जो नौ अप्रैल से शुरू होगी। इस प्रशिक्षण में अमले को इंटरनेट मीडिया पर निगरानी रखने सहित उनके फैलाव को रोकने के तरीके और उससे जुड़ी सही जानकारी मतदाताओं तक पहुंचाने की बारीकियों से अवगत कराया जाएगा।
दुष्प्रचार फैलाने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाईआयोग ने झूठ व दुष्प्रचार में शामिल लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने जैसे कदम उठाने के भी निर्देश दिए है। आयोग ने इसके साथ ही राज्यों को इससे निपटने वाले अमले को बढ़ाने के भी निर्देश दिए है। ज्यादातर राज्यों में इसके लिए एक-दो सदस्यों की ही टीम है। आयोग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में इसकी सक्रियता को परखने की भी योजना बनाई है।
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फॉलोअर्स नहीं तो टिकट नहीं..., बिहार में कांग्रेस ने उम्मीदवारों के सामने रखी अनोखी शर्त; विधायकों की भी बढ़ी टेंशन
अरविंद शर्मा, जागरण, नई दिल्ली। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की ओर से बिहार में जिला कमेटियों के सदस्य बनने और विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदारों के लिए जो शर्तें तय की गई हैं, उससे पुराने कांग्रेसियों के साथ मौजूदा विधायकों में भारी बेचैनी है।
कांग्रेस के फरमान के अनुसार, टिकट का असली हकदार उन्हें माना जाएगा, जिनके फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स प्लेटफार्म पर फॉलोअर की अच्छी संख्या होगी। तीनों प्लेटफार्म के लिए न्यूनतम संख्या अलग-अलग निर्धारित की गई है।
किस प्लेटफॉर्म पर कितने फॉलोअर्स चाहिए ?फेसबुक पर कम से कम एक लाख 30 हजार, एक्स हैंडल पर 50 हजार और इंस्टाग्राम पर कम से कम 30 हजार फॉलोअर्स होने पर ही किसी की दावेदारी पर विचार किया जाएगा। जिला कमेटियों की दावेदारी के लिए भी इसी पैमाने पर खरा उतरना होगा। बिहार में विधानसभा का चुनाव इसी वर्ष अक्टूबर-नवंबर में होने हैं।
शर्तों के आधार पर 19 विधायक भी हो सकते हैं बेटिकटशर्तों पर अमल किया गया तो बिहार में कांग्रेस विधायक दल के नेता और प्रदेश अध्यक्ष समेत सभी 19 विधायक भी बेटिकट हो सकते हैं। अन्य दावेदारों के लिए तो और भी मुश्किल होगा। बिहार कांग्रेस नेताओं को यह असंभव-सा लक्ष्य सात अप्रैल को सेंट्रल वार रूम के चेयरमैन व पूर्व आईएएस शशिकांत सेंथिल ने उस समय दिया, जब राहुल गांधी बिहार के दौरे पर थे।
सेंथिल ने पटना स्थित सदाकत आश्रम में यह लक्ष्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं एवं जिलाध्यक्षों के साथ बैठक में प्रजेंटेशन के माध्यम से दिया। रास्ते भी बताए कि टिकट का कोई दावेदार कैसे अपने फॉलोअर्स की संख्या बढ़ा सकता है। सेंथिल ने किसी तरह की दिक्कत आने पर एक फोन नंबर भी जारी किया है। कांग्रेस नेतृत्व की ओर से लक्ष्य मिलने के बाद बिहार कांग्रेस में टिकट के दावेदार परेशान हैं।
सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेताओं सक्रियता बेहद कमइंटरनेट मीडिया पर बिहार कांग्रेस के नेताओं की सक्रियता का यदि सही से आकलन किया गया तो दो-तीन को छोड़कर कोई भी खरा साबित नहीं हो पाएगा। इस मामले में कन्हैया कुमार सबसे आगे हैं, जिनके एक्स हैंडल पर 44 लाख और फेसबुक पर 14 लाख फालोअर्स हैं।
पूर्व अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के फेसबुक पर तीन लाख 71 हजार और एक्स हैंडल पर 27.2 हजार फॉलोअर्स हैं। हालांकि दोनों बिहार विधानसभा के सदस्य नहीं हैं और चुनाव लड़ने की संभावना भी नहीं है। इन दोनों के अलावा सिर्फ नए प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार और अजीत शर्मा की स्थिति थोड़ी अच्छी कही जा सकती है।
किस नेता के कितने फॉलोअर्स?राजेश को फेसबुक पर 1.34 लाख लोग फालो करते हैं, लेकिन एक्स पर यह संख्या मात्र 4,530 है। अजीत शर्मा को फेसबुक पर 24 हजार और एक्स पर 8126 लोग फालो करते हैं। विधानसभा में कांग्रेस के नेता शकील अहमद खान को फेसबुक पर 13 हजार एवं एक्स पर 8,634 लोग ही फालो करते हैं।
शेष सभी विधायकों के फालोअर्स की संख्या दस हजार से नीचे है। दर्जनभर विधायक तो हजार से भी कम हैं। दो-तीन विधायकों के इंटरनेट मीडिया पर तो एकाउंट भी नहीं हैं। फॉलोअर्स की संख्या के लिहाज से बिहार प्रदेश कांग्रेस की स्थिति भी अच्छी नहीं है। फेसबुक पर इसके सिर्फ 2.49 लाख और एक्स हैंडल पर 1.58 लाख ही फॉलोअर्स हैं।
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विकास की कसौटी पर पूरी तरह खरी नहीं देश की एक भी ग्राम पंचायत, ए प्लस श्रेणी में कोई पंचायत नहीं
जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित 17 सतत विकास लक्ष्यों को नौ थीम में एकीकृत कर पंचायतीराज मंत्रालय ने वर्ष 2021-22 में ग्राम पंचायतों के विकास के लिए काम शुरू किया। तमाम योजनाएं चलीं, राज्यों को प्रोत्साहित किया गया, लेकिन सच यह है कि धरातल पर प्रगति के आकलन के लिए मंत्रालय ने पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स (पीएआइ) बनाते हुए विकास की कसौटी पर परखा तो देश की एक भी पंचायत पूरी तरह खरी नहीं उतरी। ए प्लस श्रेणी में कोई पंचायत नहीं है, जबकि ए श्रेणी में भी सिर्फ 12 राज्य खाता खोल सके हैं।
उनकी कुल 699 पंचायतें इसमें स्थान बना सकी हैं। सर्वाधिक 61.2 प्रतिशत पंचायतें सी श्रेणी की हैं। पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स ग्राम पंचायतों द्वारा सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में उनके प्रदर्शन का रिपोर्ट कार्ड है। अपनी ग्राम पंचायतों को लेकर राज्यों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ कमियों को चिन्हित कर सुधारा जा सके, इसलिए पंचायतीराज मंत्रालय ने पहली बार इस तहर ग्रेडिंग की व्यवस्था शुरू की है।
सभी ग्राम पंचायतों ने अपना डाटा पोर्टल पर अपलोड कियापहली रिपोर्ट वर्ष 2022-23 के डाटा के आधार पर तैयार की गई है। देश की सभी 255699 ग्राम पंचायतों ने पीएआइ पोर्टल पर नौ थीम के संदर्भ में अपना डाटा अपलोड किया। चूंकि, मंत्रालय ने ग्राम पंचायत के बाद ब्लॉक और जिला के बाद राज्य स्तर पर भी आंकड़ों के सत्यापन की व्यवस्था बनाई थी, इसलिए राज्यों द्वारा सत्यापित 216285 ग्राम पंचायतों के डाटा को ही रिपोर्ट में शामिल कर आकलन किया।
मेघालय, नगालैंड, गोवा, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल का डाटा राज्य स्तर पर सत्यापित न किए जाने के कारण इसमें शामिल नहीं हो सका। बहरहाल, प्राप्त डाटा का गहन परीक्षण करते हुए मंत्रालय ने अंकों के आधार पर पांच श्रेणियां बनाईं। ए प्लस (90 से 100 अंक), ए (75 से 90 अंक), बी (60 से 75 अंक), सी (40 से 60 अंक) और डी (40 अंक से नीचे)। स्थिति यह है कि ए प्लस श्रेणी में देश की एक भी ग्राम पंचायत अपना स्थान नहीं बना सकी। ए श्रेणी में कुल 699 पंचायतें (0.3 प्रतिशत) पंचायतें रही हैं।
इनमें सर्वाधिक 346 पंचायतें गुजरात की हैं, दूसरे पर 270 तेलंगाना, तीसरे पर 42 त्रिपुरा, चौथे पर 12 दादरा एवं नगर हवेली व दमन-द्वीव, आठ-आठ पंचायतें केरल व महाराष्ट्र की तो चार पंचायतें उत्तर प्रदेश की हैं। यदि प्रतिशत के हिसाब से देखें तो इस श्रेणी में 31.5 प्रतिशत के साथ दादरा एवं नगर हवेली व दमन-द्वीव पहले पर है।
3.57 प्रतिशत पंचायतें त्रिपुरा, 2.11 प्रतिशत तेलंगाना तो 2.3 प्रतिशत पंचायतें गुजरात की हैं। उल्लेखनीय है कि जब पंचायत डिवाल्यूशन इंडेक्स जारी हुआ था तो इस रिपोर्ट में बेहतर प्रदर्शन करने वाले ही अधिकतर राज्य उस रिपोर्ट की शीर्ष श्रेणी में शामिल थे। संकेत साफ है कि राज्यों ने पंचायतों को अधिकार हस्तांतरित किए तो वह बेहतर विकास के रूप में परिलक्षित भी हुआ।
किस श्रेणी की पंचायतें- ए प्लस- 0 प्रतिशत
- ए- 0.3 प्रतिशत
- बी- 35.8 प्रतिशत
- सी- 61.2 प्रतिशत
- डी- 2.7 प्रतिशत
- पंचायत में गरीबी मुक्त एवं उन्नत आजीविका
- स्वस्थ पंचायत
- बाल अनुकूल पंचायत
- जल पर्याप्त पंचायत
- स्वच्छ एवं हरित पंचायत
- आत्मनिर्भर बुनियादी सुविधाओं वाली पंचायत
- सामाजिक रूप से न्यायपूर्ण एवं सुरक्षित पंचायत
- सुशासन वाली पंचायत
- महिला अनुकूल पंचायत
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Weather Update: इन 8 राज्यों में लू की चेतावनी, राजस्थान में रेड अलर्ट; जानिए यूपी-बिहार समेत अपने राज्य का हाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Mausam Ki Jankari: देश की राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी (Heat Wave) का प्रकोप देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों में लगातार तापमान में बढ़त देखने को मिल रही है। कुछ शहरों में तो पारा रिकॉर्ड तोड़ रहा है।
इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कई राज्यों में हीट वेव (Heat Wave) को लेकर चेतावनी जारी की है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अपने ताजा अपडेट में बताया कि अगले दो दिनों तक दिल्ली, पश्चिमी राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात के कुछ हिस्सों में हीट वेव का प्रकोप रहेगा।
पिछले 24 घंटे के मौसम का हालभारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा दिए गए ताजा अपडेट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में पश्चिमी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में लू की स्थिति रही। वहीं, राजधानी दिल्ली में भी तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। दिल्ली में सोमवार को इस मौसम की पहली लू चली।
मौसम विभाग ने बताया कि गत 24 घंटों में हिमाचल प्रदेश, पंजाब के कुछ स्थानों पर भीषण गर्मी की स्थिति रही। हरियाणा-चंडीगढ़ और पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात क्षेत्र के कुछ स्थानों पर भीषण गर्मी की स्थिति रही। वहीं, त्रिपुरा में कुछ स्थानों पर आंधी तूफान देखने को मिला।
अगले 24 घंटे के मौसम का पूर्वानुमानमौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान में बताया गया कि 09 अप्रैल को पश्चिमी राजस्थान के कई स्थानों पर लू चलने की संभावना है, इसको देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया गया है। सोमवार को राजस्थान का बाड़मेर सबसे गर्म रहा। जहां पर तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा बुधवार को सौराष्ट्र और कच्छ, पूर्वी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा चंडीगढ़ और दिल्ली के कुछ स्थानों पर लू चलने की संभावना है।
वहीं, 08 से 10 अप्रैल के दौरान पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ स्थानों पर गर्म रात की स्थिति की संभावना है। इसके साथ राजस्थान, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र और 08 अप्रैल को पंजाब, हरियाणा चंडीगढ़ और दिल्ली में भी भीषण गर्मी का सितम देखने मिल सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले 2 दिनों तक तापमान में कमी होनी की कोई संभावना नहीं है।
इन राज्यों में बारिश की संभावनाजहां एक ओर उत्तर भारत में गर्मी का सितम देखने मिल रहा है। वहीं, दक्षिण भारत के कई हिस्सों में बारिश देखने को मिल रही है। इस बीच मौसम विभाग ने बताया कि 08 और 09 अप्रैल को तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, केरल और माहे, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम तेलंगाना, कर्नाटक में गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
इसके अलावा 08-12 अप्रैल के दौरान पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। 09 अप्रैल को बिहार के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि हो सकती है। 09 और 10 अप्रैल को असम और मेघालय में छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है।
इसलिए पड़ रही इतनी गर्मीमौसम विज्ञानियों का कहना है कि अप्रैल में ही इस साल इतनी अधिक गर्मी पड़ने की वजह जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग का असर तो है ही, पश्चिमी विक्षोभों का अभाव भी है। मार्च में 90 प्रतिशत तक कम वर्षा दर्ज हुई तो अप्रैल में अभी तक एक बूंद भी नहीं बरसी है। इस पर भी हवा की दिशा अब दक्षिणी पूर्वी हो गई है।
राजस्थान की ओर से आ रही गर्म हवा और ज्यादा गर्मी बढ़ा रही है। तब बनती है लू वाली स्थिति:-मौसम विभाग के मुताबिक जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ऊपर और सामान्य से साढ़े चार से साढ़े छह डिग्री सेल्सियस ऊपर रहता है तो ऐसी स्थिति को लू की स्थिति मानी जाती है।
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'बोल दूंगा इनकम टैक्स वाले नहीं आएंगे...', मुद्रा योजना के लाभार्थियों से ऐसा क्यों बोले PM मोदी?
एएनआई, नई दिल्ली। मुद्रा योजना के 10 साल पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाभार्थियों के साथ बातचीत की। पीएम मोदी ने 'एक्स' पर लिखा, 'मैंने पूरे भारत से मुद्रा लाभार्थियों को अपने निवास पर आमंत्रित किया था। लाभार्थियों ने इस योजना से उनके जीवन में आए बदलावों के बारे में रोचक जानकारी साझा की।'
'मुद्रा योजना ने कई सपनों को हकीकत में बदला'पीएम मोदी ने लिखा, 'आज, जब हम मुद्रा योजना के 10 साल पूरे कर रहे हैं, मैं उन सभी को बधाई देना चाहता हूं, जिनके जीवन में इस योजना की बदौलत बदलाव आया है। इस दशक में मुद्रा योजना ने कई सपनों को हकीकत में बदला है। ऐसे लोगों को सशक्त बनाया है, जिन्हें पहले वित्तीय सहायता से वंचित रखा गया था। यह दर्शाता है कि भारत के लोगों के लिए कुछ भी असंभव नहीं है!'
पीएम ने आगे कहा, भारत के लोगों के लिए कुछ भी असंभव नहीं है, 33 लाख करोड़ देश के लोगों को बिना गारंटी दिए गए, इससे जीवन बदला है, सबसे ज्यादा महिलाएं आगे आई हैं।
'देश के नौजवानों के लिए है योजना'पीएम मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना मोदी के लिए नहीं है, बल्कि देश के नौजवानों के लिए है। पीएम मोदी ने कहा- हमारे देश में बहुत कम लोग हैं, जिन्हें पता है साइलेंटली कैसे रिवॉल्योशन हो रहा है।
'सालाना टर्नओवर 12 से 50 लाख पहुंचा'पीएम मोदी को लोगों ने अपने अनुभव बताया, एक ने कहा मुद्रा लोन के बाद हमने पेट को लेकर सुविधा शुरू की। अब मुझे इसे बहुत फायदा हो रहा है। पीएम मोदी ने एक लाभार्थी से पूछा कि फिलहाल आपकी आय कितनी है? इस पर उस शख्स की झिझक देखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वित्त मंत्री मेरे बगल में बैठे हैं, उन्हें बोल दूंगा इनकम टैक्स वाले नहीं आएंगे।
Mudra Yojana has given opportunities to countless people to showcase their entrepreneurial skills. Interacted with some of the beneficiaries of the scheme. Their journey is inspiring. #10YearsOfMUDRA https://t.co/QcoIK1VTki
— Narendra Modi (@narendramodi) April 8, 2025एक लाभार्थी ने बताया कि मुद्रा लोन से अपना बिजनेस सेट-अप करके घर भी खरीदा है। उन्होंने बताया कि जहां पहले उनका सालाना टर्नओवर 12 लाख था, वो अब 50 लाख हो चुका है। उन्होंने पीएम मोदी को इसके लिए थैंक्यू कहा। एक ने कहा मुद्रा योजना से पहले वो 20 हजार रुपए महीना कमाता था, आज उसकी इनकम दोगुनी हो गई है।
पहली बार फ्लाइट में बैठी महिलाएक लाभार्थी ने बताया कि वह बहुत गरीबी में थीं। उन्होंने बताया कि वह पहली बार दिल्ली आईं और पहली बार ही फ्लाइट में बैठीं। उन्होंने बताया कि उन्हें लोन कैसे मिला। उन्होंने बताया कि वे एक महीने का 60 हजार रुपये इनकम कर रही हैं। पीएम मोदी ने लाभार्थी की सराहना की और उन्हें बधाई दी।
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आंध्र प्रदेश के डिप्टी CM के काफिले की वजह से छूटा 30 छात्रों का एग्जाम? आरोपों पर पुलिस ने दी ये सफाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। विशाखापट्टनम में 30 छात्र अपने परीक्षा केंद्र तक नहीं पहुंच सके और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा देने में असफल रहे। ऐसा आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के काफिले के कारण हुआ।
काफिले ने परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के मार्ग को जाम कर दिया था। छात्रों और उनके अभिभावकों में इस घटना को लेकर भारी चिंता है। उनका कहना है कि इस घटना ने उनके शैक्षणिक भविष्य पर गहरा असर डाला है। छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है, और वे इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
एग्जाम सेंटर के गेट से छात्रों को भेजा वापसपेंडुर्थी एआई डिजिटल जेई एडवांस्ड प्रोग्राम के छात्र संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) दे रहे थे। साथ ही जो राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एनआईटी) में प्रवेश निर्धारित करता है - ने कहा कि यातायात अवरुद्ध होने के कारण वे अपने परीक्षा केंद्र पर देरी से पहुंचे। उन्होंने कहा कि सभी 30 छात्रों को परीक्षा हॉल के गेट से वापस कर दिया गया और उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई।
एक छात्र की मां बी कलावती ने दावा किया कि पवन कल्याण के काफिले के लिए लागू यातायात प्रतिबंधों के कारण उनके बेटे को देरी हुई। समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने कलावती के हवाले से कहा कि हम ट्रैफिक में फंस गए थे। यह इसलिए रुका था क्योंकि कल्याण अराकू जा रहे थे। एक अन्य अभिभावक ने कहा कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री से प्रभावित छात्रों के लिए परीक्षा पुनर्निर्धारित करने पर विचार करने की अपील की है।
क्या बोला AISF?ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) ने परीक्षा के दौरान यातायात प्रबंधन में अक्षमता के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। एआईएसएफ का कहना है कि छात्रों को परीक्षा में बैठने का अवसर नहीं मिला।
विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस के प्रवक्ता कार्तिक येल्लाप्रगदा ने राज्य के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में पवन कल्याण के प्रदर्शन पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि राज्य को एक बेहतर मंत्री की आवश्यकता है, जो सिनेमाई छवि से ऊपर उठकर वास्तविक जवाबदेही प्रदान कर सके।
पुलिस ने छात्रों को ठहराया जिम्मेदारपवन कल्याण के कार्यालय से संपर्क किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इस बीच पुलिस ने एक पोस्ट में दावा किया कि छात्रों को सुबह 7 बजे तक परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने की उम्मीद थी। पुलिस के अनुसार अगर ये 30 छात्र समय पर पहुंच जाते, तो यातायात में फंसने का कोई सवाल ही नहीं था।
पुलिस के मुताबिक छात्रों को सुबह 7 बजे परीक्षा केंद्र पर रिपोर्ट करना था, लेकिन वे देर से पहुंचे। उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण का काफिला सुबह 8:41 बजे उस क्षेत्र से गुजरा, जो छात्रों के देर से पहुंचने के समय से काफी बाद का है। इससे यह स्पष्ट होता है कि उपमुख्यमंत्री का काफिला छात्रों की देरी का कारण नहीं था।
दिल्ली-UP समेत आधे भारत में लू का कहर, हिमाचल भी तपने लगा; 40 के पार रहा पारा
जागरण टीम, नई दिल्ली। सूरज की तपिश लोगों को परेशान करने लगी है। आलम यह है कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब व दिल्ली जैसे मैदानी राज्यों में ही नहीं, बल्कि पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी लू लोगों की समस्या बढ़ा रही है। दिल्ली में यलो अलर्ट के बीच सोमवार को दिनभर तेज धूप से लोग बेहाल रहे।
मौसम विभाग की मानें तो अभी अगले दो दिन और लू का सितम जारी रहेगा। इसके बाद तापमान में आंशिक गिरावट आने का पूर्वानुमान है। आठ से 14 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बीच-बीच में चली गर्म हवाएं भी हालत खराब कर रही हैं। दिल्ली में इस सीजन में पहली बार अधिकतम तापमान 40 डिग्री के पार हुआ है। उत्तर प्रदेश में भी गर्मी ने तेजी पकड़ ली है।
यूपी में ऐसा रहा हालसोमवार को झांसी और हमीरपुर सबसे गर्म रहे, जहां का अधिकतम तापमान 42.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, हरदोई, कानपुर, वाराणसी, चुर्क (सोनभद्र), प्रयागराज, बांदा, सुलतानपुर, फुरसतगंज (अमेठी), आगरा और अलीगढ़ में भी पारा 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा। लखनऊ में सोमवार को अधिकतम तापमान 39.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कई जिलों में लू को लेकर चेतावनी जारी की गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से मंगलवार और बुधवार को कई जिलों में लू चलने की आशंका जताई गई है। वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है, जो गर्मी से थोड़ी राहत दे सकती है। हिमाचल प्रदेश में सोमवार को धर्मशाला, भुंतर व सुंदरनगर में लू चली। धर्मशाला में अधिकतम तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ 31 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।
हिमाचल में भी 30 डिग्री सेल्सियस का दर्ज किया गया तापमान2022 में अप्रैल में 36 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। हिमाचल प्रदेश में 14 स्थानों पर अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के पार, जबकि कांगड़ा और ऊना में 35 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। सबसे अधिक तापमान ऊना में 36.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से चार डिग्री अधिक है। हिमाचल प्रदेश में अधिकतम तापमान सामान्य से छह से सात डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया है।
इसलिए पड़ रही इतनी गर्मीमौसम विज्ञानियों का कहना है कि अप्रैल में ही इस साल इतनी अधिक गर्मी पड़ने की वजह जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग का असर तो है ही, Western Disturbance का अभाव भी है। मार्च में 90 प्रतिशत तक कम वर्षा दर्ज हुई तो अप्रैल में अभी तक एक बूंद भी नहीं बरसी है। इस पर भी हवा की दिशा अब दक्षिणी पूर्वी हो गई है। राजस्थान की ओर से आ रही गर्म हवा और ज्यादा गर्मी बढ़ा रही है।
मौसम विभाग के मुताबिक जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ऊपर और सामान्य से साढ़े चार से साढ़े छह डिग्री सेल्सियस ऊपर रहता है तो ऐसी स्थिति को लू की स्थिति मानी जाती है।
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55 दिन, 4000 समुद्री मील: ‘समुद्र प्रदक्षिणा’ पर रवाना हुआ तीनों सेनाओं की महिला सैनिकों का बेड़ा
पीटीआई, मुंबई। तीनों सेनाओं का एक महिला दल सोमवार को भारतीय सशस्त्र नौकायन पोत त्रिवेणी से सेशेल्स के लिए 55 दिवसीय अभियान पर रवाना हुआ। कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल एके रमेश ने कोलाबा स्थित भारतीय नौसेना जलयात्रा प्रशिक्षण केंद्र से पोत को हरी झंडी दिखाई गई।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 12 सदस्यीय दल ने 4,000 समुद्री मील की चुनौतीपूर्ण यात्रा शुरू की है। यह पहल नारी शक्ति की अदम्य भावना को उजागर करती है। यह अभियान 2026 के लिए नियोजित एक और अधिक महत्वाकांक्षी अभियान के लिए एक प्रारंभिक चरण के रूप में कार्य करेगा। दल में शामिल महिलाओं को दो साल तक कठोर प्रशिक्षण दिया गया।
महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीकरक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि मुंबई-सेशेल्स-मुंबई अभियान न केवल सशस्त्र बलों में महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि रानी वेलु नचियार, रानी दुर्गावती और रानी लक्ष्मी बाई जैसी महान योद्धाओं को श्रद्धांजलि है, जिनके कार्य पीढि़यों को प्रेरित करते रहेंगे। इस ऐतिहासिक यात्रा के सफल समापन को चिह्नित करते हुए 30 मई को ध्वजारोहण समारोह आयोजित किया जाएगा।
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राष्ट्रपति मुर्मु ने पुर्तगाल के चर्च का दौरा किया, मशहूर कवि कैमोज को दी श्रद्धांजलि
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अपने पहले पुर्तगाल दौरे पर हैं, जहां उनका ऐतिहासिक शहर लिस्बन में भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान लिस्बन के मेयर द्वारा उन्हें "की ऑफ ऑनर" (Key of Honour) से सम्मानित किया गया। यह सम्मान समारोह लिस्बन के ऐतिहासिक सिटी हॉल 'कैमरा म्यूनिसिपल दे लिस्बोआ' में आयोजित हुआ।
इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मु ने पुर्तगाल के चर्च का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने मशहूर कवि लुइस वाज डी कैमोज की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की।
इस विशेष अवसर पर लिस्बन शहर के कई गणमान्य नागरिक, राजनयिक समुदाय के सदस्य और भारतीय व भारत-पुर्तगाल समुदाय के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। समारोह ने भारत और पुर्तगाल के बीच पुराने और घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत किया।
#WATCH | Portugal | President Droupadi Murmu was presented with the "Key of Honour" of Lisbon City at a special ceremony hosted by the Mayor of Lisbon at the historic Câmara Municipal de Lisboa (City Hall)
The ceremony was attended by several eminent citizens of Lisbon,… pic.twitter.com/EEENvGOyIw
राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा, "मैं पुर्तगाल की अपनी पहली राजकीय यात्रा के तहत लिस्बन शहर आकर बेहद खुश हूं। मैं यहां की जनता और शहर के मेयर का इतने गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद देती हूं।"
उन्होंने आगे कहा कि भारत और पुर्तगाल के बीच सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने हैं और इनका प्रभाव हमारे दैनिक जीवन में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यह साझा विरासत दोनों देशों को एक-दूसरे के और करीब लाती है।
#WATCH | Portugal | Addressing the handing over ceremony of the City Key of Honour of Lisbon, President Droupadi Murmu says, "We are working towards making India a developed nation, ‘Viksit Bharat,’ by 2047, which will be a prosperous, inclusive, and developed society with a… https://t.co/FwSPLsRQWG pic.twitter.com/56JyENd1oV
— ANI (@ANI) April 7, 2025 यूरोपीय संघ और लुसोफोन देशों में भारत का मजबूत साथी है पुर्तगालराष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में पुर्तगाल को भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार बताते हुए कहा, "पुर्तगाल, भारत के लिए यूरोपीय संघ और लुसोफोन (पुर्तगाली भाषी) देशों के साथ संबंधों को बढ़ाने में एक अहम भागीदार रहा है।"
उन्होंने यह भी कहा कि भारत 'विकसित भारत' यानी ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें एक समावेशी, समृद्ध और मानव-केंद्रित समाज की परिकल्पना की गई है।
(एएनआई के इनपुट के साथ)
भारत दौरे पर आ रहे दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान, पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात
पीटीआई, नई दिल्ली। दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद अल मकतूम 8-9 अप्रैल को भारत की यात्रा करेंगे। वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगे। उनकी विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक का भी कार्यक्रम है। इसके अलावा मुंबई में एक व्यापार सम्मेलन में भाग लेंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि शेख हमदान की यात्रा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर हो रही है। दुबई के क्राउन प्रिंस के रूप में यह उनकी पहली आधिकारिक भारत यात्रा होगी।
भारत-यूएई व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मिलने की उम्मीदविदेश मंत्रालय ने कहा कि शेख हमदान के साथ कई मंत्री, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और उच्च स्तरीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी होगा। क्राउन प्रिंस की यात्रा दोनों देशों के संबंधों को और मजबूती देगी।
यूएई के साथ भारत के वाणिज्यिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में दुबई लंबे समय से महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। अमीरात में भारतीय प्रवासियों की संख्या अनुमानत: 43 लाख है, जिनमें से अधिकांश दुबई में रहते हैं। इस यात्रा से भारत-यूएई व्यापक रणनीतिक साझेदारी को नई गति मिलने और दुबई के साथ भारत के संस्थागत संबंधों को और बढ़ाने की उम्मीद है।
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