Dainik Jagran - National
मणिपुर में सुरक्षाबलों की कार्रवाई, दो उग्रवादी गिरफ्तार; भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद जब्त
पीटीआई, इंफाल। मणिपुर के विभिन्न हिस्सों में तलाश अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने एक प्रतिबंधित संगठन के दो उग्रवादियों को गिरफ्तार किया और 11 हथियार तथा 10 आइईडी जब्त किए। इस गिरफ्तारी की जानकारी पुलिस ने दी।
पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि कांगलेई यावोल कन्ना लूप (केवाईकेएल) के दो उग्रवादियों को गुरुवार को थौबल जिले के वांगजिंग खाबाखोंग इलाके से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि उनके कब्जे से दो हथगोले जब्त किए गए।
11 हथियार समेत कई IED जब्तसुरक्षा बलों ने तेगनौपाल, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में तलाश अभियान के दौरान 11 हथियार और कई आईईडी जब्त किए। तेगनौपाल जिले से नौ एमएम की दो देसी पिस्तौल, मैगजीन, 10 आईईडी और आठ हथगोले जब्त किए गए।
उखरुल में भूमि विवाद में एक व्यक्ति की मौतउधर, मणिपुर के उखरुल में भूमि विवाद को लेकर दो गांवों के लोगों के बीच हुई झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। घटना गुरुवार को हुई, जिसके बाद अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट पाली माकन ने शांगचिंग और लुंगरेइफुंग तांग गांवों में निषेधाज्ञा लागू कर दी। झड़प के पीछे की वजह दोनों गांवों के निवासियों के बीच भूमि के स्वामित्व को लेकर थी। मृतक की पहचान 46 वर्षीय रामसन आरके के रूप में हुई है। उसे बाएं सीने पर गोली लगी थी।
यह भी पढ़ें: हैदराबाद में दो बच्चों की चाकू से गोदकर हत्या, फिर मां ने खुद की सुसाइड; 7 पन्नों के सुसाइड नोट से खुला राज
यह भी पढ़ें: 'अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर ध्यान दो...', बंगाल हिंसा पर ज्ञान देने वाले बांग्लादेश को भारत की खरी-खरी
ऑनर किलिंग के मामले में SC ने पलटा हाईकोर्ट का फैसला, परिवार पर तय होंगे हत्या के आरोप
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में ऑनर किलिंग के एक मामले में गैर इरादतन हत्या का आरोप तय किए जाने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने मामले में आरोपी परिवार के खिलाफ हत्या का आरोप तय करने का आदेश दिया है।
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने मामले में गैर इरादतन हत्या का आरोप तय करने के लिए निचली अदालत और इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट के फैसले को दी थी चुनौतीपीठ ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को 26 वर्षीय जिया-उर रहमान के पिता की सहमति से सहारनपुर की अदालत में केस चलाने के लिए एक विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करने का आदेश दिया है।
रहमान की उसकी प्रेमिका के परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें पुलिस को आईपीसी की धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाने की अनुमति दी थी।
इस धारा में दस वर्ष से उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। जबकि 302 में उम्रकैद या मौत की सजा हो सकती है।
यह भी पढ़ें: 'आपने तो अपना ही नया कानून बना लिया...' मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से क्यों नाराज हुआ सुप्रीम कोर्ट?
'ये तो उल्टी बात हो गई', सिब्बल ने धनखड़ के बयान पर किया तंज; सुप्रीम कोर्ट को ‘सुपर संसद’ कहने पर छिड़ी बहस
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा विधेयकों को मंजूरी न देने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले ने सियासी हलकों में नई बहस छेड़ दी है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस फैसले पर सख्त टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट को ‘सुपर संसद’ करार दिया, जिसके जवाब में राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने उन पर तंज कसा है।
सिब्बल ने कहा कि उपराष्ट्रपति को यह समझना चाहिए कि राज्यपाल और राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करना होता है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने क्या था?उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को राज्यसभा के प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कड़ा एतराज जताया। उन्होंने कहा कि कुछ जज ‘कानून बना रहे हैं’ और ‘सुपर संसद’ की तरह काम कर रहे हैं।
जगदीप धनखड़ ने खास तौर पर सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का जिक्र किया, जिसमें राष्ट्रपति को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा, “हम कहां जा रहे हैं? देश में क्या हो रहा है? हमें इस मसले पर बेहद संजीदा होना होगा।”
धनखड़ ने आगे कहा कि संविधान सुप्रीम कोर्ट को कानून की व्याख्या करने का हक देता है, लेकिन इसके लिए पांच जजों की पीठ की जरूरत होती है। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला सिर्फ समीक्षा याचिका दाखिल करने या न करने का नहीं है, बल्कि लोकतंत्र के लिए यह एक नाजुक वक्त है।
कपिल सिब्बल ने उपराष्ट्रपति धनखड़ के बयान को लेकर क्या कहा?कपिल सिब्बल ने उपराष्ट्रपति की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि धनखड़ को यह मालूम होना चाहिए कि राज्यपाल और राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह-मशविरा के मुताबिक काम करते हैं।
“यह धनखड़ जी (उपराष्ट्रपति) को पता होना चाहिए, वह पूछते हैं कि राष्ट्रपति की शक्तियों को कैसे कम किया जा सकता है, लेकिन शक्तियों को कौन कम कर रहा है? मैं कहता हूं कि एक मंत्री को राज्यपाल के पास जाना चाहिए और दो साल तक वहां रहना चाहिए, ताकि वे सार्वजनिक महत्व के मुद्दे उठा सकें, क्या राज्यपाल उन्हें अनदेखा कर पाएंगे?" कपिल सिब्बल, राज्य सभा सांसद और वरिष्ठ वकील
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, "यह असल में विधायिका की सर्वोच्चता में दखलंदाजी है, ये तो उल्टी बात है । अगर संसद कोई विधेयक पारित कर देती है, तो क्या राष्ट्रपति इसे लागू करने को अनिश्चित काल के लिए टाल सकते हैं? अगर इस पर हस्ताक्षर नहीं भी किए गए, तो क्या किसी को इसके बारे में बात करने का अधिकार नहीं है?"
क्या है पूरा मामला?यह पूरा मामला तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि द्वारा विधेयकों को कथित मंजूरी न देने के इर्द-गिर्द घूम रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए साफ किया कि राज्यपाल को विधानमंडल के फैसलों को अनदेखा करने का हक नहीं है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल और राष्ट्रपति को लेकर निर्देश दिया कि वह किसी भी बिल को लंबे वक्त तक रोक कर नहीं रख सकते हैं।
(एएनआई के इनपुट के साथ)
यह भी पढ़ें: 'आपने तो अपना ही नया कानून बना लिया...' मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से क्यों नाराज हुआ सुप्रीम कोर्ट?
AS Dulat: कौन हैं एएस दुलत? कश्मीर पर लिखी किताब, अब चर्चा में... फारूक और वाजपेयी के रहे करीबी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी रॉ के पूर्व प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत की किताब द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई की काफी चर्चा हो रही है। दुलत ने अपनी किताब में धारा 370 और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को लेकर बड़ा दावा किया है।
दुलत ने लिखा है कि कश्मीर से धारा 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को फारूक अब्दुल्ला का निजी तौर पर समर्थन था। हालांकि उन्होंने किताब में ये भी दावा किया है कि फारूक इस बात को लेकर नाराज भी थे कि केंद्र सरकार ने फैसले से पहले उन्हें विश्वास में क्यों नहीं लिया। लेकिन ऐसा नहीं है कि दुलत पहली बार चर्चा में आए हों। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने से लेकर मुफ्ती मोहम्मद सईद पर टिप्पणी तक, उन्होंने कई बार सुर्खियां बटोरीं।
आज के एक्सप्लेनर में आपको बताएंगे रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत और उनसे जुड़े किस्सों के बारे में...एएस दुलत का जन्म पंजाब के सियालकोट में दिसंबर 1940 में एक सिख परिवार में हुआ था। भारत के विभाजन के समय उनके पिता जस्टिस शमशेर सिंह दुलत परिवार के साथ दिल्ली शिफ्ट हो गए। एएस दुलत ने शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से अपनी शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी से उन्होंने ग्रेजुएशन किया।
दुलत का रुझान सिविल सर्विस की तरफ हुआ, तो उन्होंने यूपीएससी का इम्तिहान दिया। पहले अटेम्प्ट में तो उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन 1964 में दूसरे प्रयास में उन्होंने एग्जाम क्रैक कर लिया। उन्हें राजस्थान कैडर मिला और बतौर आईपीएस दुलत ने अपनी सेवा देनी शुरू कर दी।
कश्मीर में बिताया काफी समयएएस दुलत ने इंटेलीजेंस ब्यूरो जॉइन कर लिया। 1990 में जब कश्मीर में काफी उथल-पुथल मची थी, तब उन्होंने आईबी में कश्मीर का प्रभार लिया। दुलत ने एक बार कहा था कि 'कश्मीर ने मुझे इंटेलीजेंस का असली खेल समझाया। अगर आप ये खेल जल्दी नहीं समझ पाए, तो कश्मीर जैसी जगह में शायद ही दूसरा मौका मिले।'
1999 में दुलत ने आईबी छोड़कर भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ जॉइन कर लिया, लेकिन कश्मीर से उनका जुड़ाव बना रहा। 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में दुलत को रॉ का चीफ बनाया गया। दुलत जब रिटायर हो गए, तो उन्होंने 2004 तक पीएमओ में काम किया।
कई बार चर्चा में भी रहे- अमरजीत सिंह दुलत अपने कार्यकाल के दौरान जितना कभी चर्चा में नहीं रहे होंगे, उससे ज्यादा रिटायरमेंट के बाद रहे हैं। दुलत ने एक बार हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में पुलवामा हमले को लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा के लिए एक तोहफा बताते हुए कहा था कि इसने भारत को पाकिस्तान के आंतकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक करने का अधिकार दे दिया था।
- दुलत की एक किताब के कारण पाकिस्तान के पूर्व जासूस असद दुर्रानी पर कई बंदिशें लगा दी गई थीं, तब उन्होंने दुर्रानी के पक्ष में बयान दिया था। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में दुलत भी शामिल हुए थे। इसे लेकर भाजपा नेता अमित मालवीय ने उन पर निशाना भी साधा था।
- अपनी किताबों में किए कई दावों को लेकर भी एएस दुलत काफी चर्चा में रहते हैं। कश्मीर पर अपनी एक किताब में दुलत ने दावा किया था कि पीडीपी के पू्र्व प्रमुख मुफ्ती मोहम्मद सईद और अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी के बीच बेहद करीबी संबंध थे और गिलानी ने ही पीडीपी को बनाने में मुफ्ती की मदद की थी।
यह भी पढ़ें: दुलत की किताब पर उमर अब्दुल्ला का पलटवार, महबूबा मुफ्ती को याद दिलाया बुक का पुराना किस्सा; पूछा- क्या यह भी सच?
'आपने तो अपना ही नया कानून बना लिया...' मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से क्यों नाराज हुआ सुप्रीम कोर्ट?
नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को करारी फटकार लगाई है। सर्वोच्च न्यायालय ने हाई कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आपने अपना नया कानून बना लिया है। हमें यह देखकर हैरानी हुई है। आपके बनाए गए इस नए कानून का कोई कानूनी आधार नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की पीठ ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के उस फैसले पर सुनवाई की है, जिसमें हाई कोर्ट ने एक शख्स को जमानत देने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट का कहना था है कि आधी सजा पूरी किए बिना जमानत नहीं मिल सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट के जज अभय ओका और जस्टिस उज्जवल भुयान ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को सवालों के कठघरे में खड़ा किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब हाई कोर्ट में अपील सुनवाई के लंबित हो और जल्दी सुनवाई के कोई आसार नहीं दिख रहे हो, तो सजा पाए व्यक्ति को जमानत दी जा सकती है।
यह भी पढ़ें- राहुल गांधी ने कर्नाटक CM को 'नया कानून' बनाने के लिए लिखा पत्र, क्या सिद्धारमैया पूरी करेंगे मांग; जाने पूरा मामला
हाई कोर्ट से जताई नाराजगी
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें यह देखकर हैरानी हुई है कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अपना नया कानून बना लिया है, जिसका कोई कानूनी आधार नहीं है। हाई कोर्ट को नसीहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको मौजूदा कानून के हिसाब से काम करना चाहिए।
क्या था हाई कोर्ट का फैसला?
बता दें कि मध्य प्रदेश में आरोपी शख्स की जेब से संदिग्ध नोट बरादम हुए थे, जिसके कारण आरोपी जेल में बंद था। आरोपी ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने अपने गुनाहों पर कोई सफाई नहीं दी है, इसलिए उसे जमानत नहीं दी जा सकती। आरोपी की जमानत याचिका खारिज की जा चुकी थी, लेकिन 2 महीने में उसने फिर से जमानत की अर्जी डाल दी। ऐसे में जब तक आरोपी आधी सजा नहीं काट लेता, उसे जमानत नहीं मिल सकती है।
हाई कोर्ट के इसी फैसले पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामूली मामले पर जमानत क्यों दी जाती है। सर्वोच्च न्यायालय कई बार उच्च न्यायालयों को ऐसे मामलों में जमानत देने का निर्देश दे चुका है।
यह भी पढ़ें- नासिक में दरगाह तोड़ने पर SC ने लगाई रोक, नोटिस के खिलाफ याचिका पर बॉम्बे HC से रिपोर्ट तलब
प्राइवेट पार्ट दिखा रहा था शख्स ...महिला ने किया विरोध तो कर दिया हमला, तीन लोगों की हालत नाजुक
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बेंगलुरु में पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसने एक महिला को अपने गुप्तांग दिखाए और इसका विरोध करने पर उनके पति सहित सात लोगों पर हमला किया। यह वाकिया शिवाजीनगर इलाके में 13 अप्रैल को हुआ।
आरोपी की पहचान कार्तिक के रूप में हुई है, जो पीड़िता के सामने वाले मकान में रहता था। पुलिस के मुताबिक, कार्तिक ने दूसरी मंजिल पर टहलते वक्त अपनी पैंट की ज़िप खोलकर अश्लील हरकत की और महिला के साथ बदतमीज़ी का इशारा किया। जब महिला ने शोर मचाया और अपने पति को बुलाया, तो आरोपी ने गुस्से में आकर उन पर हमला कर दिया।
हिंसक हमला और घायल लोगपड़ोसियों ने जब बीच-बचाव की कोशिश की, तो कार्तिक ने उन पर ईंटों, गमलों और खिड़कियों के शीशों से हमला किया। इस हादसे में सात लोग ज़ख्मी हुए, जिनमें तीन की हालत नाज़ुक है और वे अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में हैं। पुलिस ने बताया कि कार्तिक ने अपनी मां से पूछताछ के दौरान भी उन पर हमला किया। प्रारंभिक तहकीकात में पता चला कि वह आदतन मुजरिम है और कई औरतों के साथ बदसलूकी कर चुका है। उसे अब न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोइसके अलावा, बेंगलुरु में एक और वाकिया सुर्खियों में है। सोशल मीडिया पर 17 सेकंड का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक शख्स तड़के दो जवान लड़कियों को निशाना बनाता दिख रहा है।
वीडियो में वह एक लड़की को धक्का देता है, दूसरी के साथ यौन उत्पीड़न करता है और फिर फरार हो जाता है। लड़कियां घबराहट में रुकती हैं और फिर तेज़ी से वहां से चली जाती हैं। कर्नाटक पुलिस ने इस मामले में तहकीकात की और आरोपी को केरल के एक गांव से गिरफ्तार किया। उसकी शिनाख्त 26 साल के संतोष डेनियल के रूप में हुई है।
पुलिस की कार्रवाईशिवाजीनगर पुलिस ने कार्तिक के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जबकि संतोष डेनियल को भी हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस का कहना है कि दोनों मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि इलाके में अमन-चैन बना रहे। इन मामलों ने बेंगलुरु में महिलाओं की हिफाज़त को लेकर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी शक़ी हरकत की खबर तुरंत दें ताकि मुजरिमों को कानूनी तरीके से निपटा जा सके।
(आईएएनएस की इनपुट के साथ)
यह भी पढ़ें: राहुल गांधी ने कर्नाटक CM को 'नया कानून' बनाने के लिए लिखा पत्र, क्या सिद्धारमैया पूरी करेंगे मांग; जाने पूरा मामला
अमेरिका में पकड़ा गया मोस्ट वांटेड हैप्पी पासिया, पंजाब में 14 आतंकी हमलों का है आरोपी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में रहने वाले आतंकी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया को अमेरिकी इमिग्रेशन विभाग ने पकड़ लिया है। वह पिछले छह महीनों में पंजाब में 14 आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है।
हैप्पी पासिया पर पांच लाख का इनाम थासुरक्षा एजेंसियों का कहना है यह आतंकी भारत के सबसे वांछित आतंकियों में से एक था और उस पर पांच लाख रुपये का इनाम था। वह अभी आईसीई (इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इंफोर्समेंट) की हिरासत में है।
सुरक्षा बलों के सूत्रों ने बताया कि हैप्पी पासिया ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और बब्बर खालसा इंटरनेशनल के साथ मिलकर आतंकी हमलों को अंजाम दिया।
हैप्पी पासिया ने पंजाब पुलिस प्रतिष्ठानों पर कई आतंकी हमले किएहैप्पी पासिया ने पंजाब के पुलिस प्रतिष्ठानों पर कई आतंकी हमले किए थे और सोशल मीडिया पर उनकी जिम्मेदारी ली थी। नवंबर 2024 से अमृतसर में पुलिस प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किए गए सिलसिलेवार धमाकों के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने उसकी तलाश शुरू कर दी थी।
रॉबर्ट वाड्रा से 16 घंटे से ज्यादा पूछताछ कर चुकी ईडी, कांग्रेस बोली- यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित
पीटीआई, नई दिल्ली। गुरुग्राम जमीन घोटाले में राबर्ट वाड्रा गुरुवार को लगातार तीसरे दिन ईडी के सामने पेश हुए और उनसे छह घंटे से ज्यादा पूछताछ की गई। अब तक वाड्रा से 16 घंटे से भी ज्यादा पूछताछ की जा चुकी है।
फिलहाल पूछताछ के लिए नई तारीख नहीं दीईडी सूत्रों के अनुसार, उन्हें फिलहाल पूछताछ के लिए नई तारीख नहीं दी गई है और यह भी तय नहीं है कि उन्हें फिर से बुलाया जाएगा या नहीं। वाड्रा सुबह 11 बजे अपनी पत्नी और वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ ईडी कार्यालय पहुंचे और शाम को करीब 6.15 बजे कार्यालय से बाहर निकले।
वाड्रा से कुल 16-17 सवाल पूछे गए और उनके बयानों को पीएमएलए के तहत दर्ज किया गया। वाड्रा ने ईडी कार्यालय जाने से पहले कहा कि इस मामले में उन्हें हरियाणा सरकार और खट्टरजी (पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल) से 2019 और 2020 में क्लीन चिट मिल चुकी है। अब वो (ईडी) इतने सालों बाद मुझे क्यों बुला रही है। यह राजनीतिक शिकार बनाना है और इसलिए ही लोग सोचते हैं कि ये एजेंसियों का दुरुपयोग है।
जन्मदिन अपने परिवार के साथ मनाऊंगा- वाड्राएएनआइ के अनुसार, वाड्रा ने कहा, ''कोई भी सवाल नया नहीं था। सभी सवाल 2019 के ही दोहराए गए। अगर कल (शुक्रवार) को सार्वजनिक अवकाश नहीं होता, तो मुझे अपना जन्मदिन ईडी कार्यालय में मनाना पड़ता। कल गुड फ्राइडे है और मैं अपना जन्मदिन अपने परिवार के साथ मनाऊंगा, वर्ना वे मुझे बुलाते रहते।''
करीब 20 वर्ष पुराने इन मामलों को खत्म करने की जरूरतइससे पूर्व वाड्रा ने अपने और अपने परिवार के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा एजेंसी का सहयोग किया है और हजारों पन्नों के दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं, लेकिन वह चाहते हैं कि करीब 20 वर्ष पुराने इन मामलों को खत्म करने की जरूरत है।
वाड्रा के खिलाफ जांच हरियाणा के गुरुग्राम में मानेसर-शिकोहपुर (वर्तमान में सेक्टर 83) में एक भूमि सौदे से जुड़ी हुई है। उस वक्त हरियाणा में भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार थी। फरवरी 2008 में यह सौदा स्काईलाइट हास्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया था, जिसमें वाड्रा निदेशक रह चुके थे।
शिकोहपुर में 3.5 एकड़ जमीन को 7.50 करोड़ रुपये में खरीदाकंपनी ने ओंकारेश्वर प्रापर्टीज से शिकोहपुर में 3.5 एकड़ जमीन को 7.50 करोड़ रुपये में खरीदा। इसके चार वर्ष बाद सितंबर 2012 में कंपनी ने यह जमीन डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दी। अक्टूबर 2012 में हरियाणा के तत्कालीन भूमि चकबंदी और भूमि अभिलेख महानिदेशक-सह-पंजीकरण महानिरीक्षक के रूप में तैनात आइएएस अधिकारी अशोक खेमका द्वारा इस सौदे को निर्धारित प्रक्रियाओं का उल्लंघन बताते हुए दाखिल-खारिज रद कर दिया गया और यह विवादों में घिर गया।
वाड्रा से जुड़े इन तीनों मनी लांड्रिंग मामलों की चार्जशीट पेश करेगी ईडीउस वक्त विपक्ष में बैठी भाजपा ने इस सौदे को भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का उदाहरण बताया, जो कांग्रेस पार्टी के प्रथम परिवार से रिश्तेदारी की ओर ईशारा करता था। हरियाणा पुलिस ने 2018 में इस मामले में एफआइआर दर्ज की। इसके बाद वाड्रा से दो मनी लांड्रिंग मामलों को लेकर कई बार केंद्रीय जांच एजेंसी ने पूछताछ की थी। सूत्रों का कहना है कि ईडी जल्द ही वाड्रा से जुड़े इन तीनों मनी लांड्रिंग मामलों की चार्जशीट पेश करेगी।
यह भी पढ़ें- मनी लॉन्ड्रिंग के तीनों मामलों में जल्द आरोपपत्र दाखिल कर सकती है जांच एजेंसी
दिल्ली और राजस्थान में परेशान करेगी गर्मी, पहाड़ों पर आंधी-तूफान का अलर्ट; इन राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर समेत यूपी हरियाणा और पंजाब में गर्मी से हाल बेहाल हो रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में गरज चमक के साथ भारी बारिश होगी। इसके साथ ही, हरियाणा और पंजाब में हल्की बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने बताया कि राजस्थान में गर्मी परेशान करेगी, यहां तापमान 40 के ऊपर जाने को तैयार है।
यूपी के कई जिलों में आंधी-बारिश और ओलों से हुआ नुकसानउत्तर प्रदेश के कई जिलों में गुरुवार शाम आंधी-बारिश और ओलों ने फसलों का नुकसान तो किया ही, 11 लोगों की जान भी ले ली। मौसम विभाग के मुताबिक, शुक्रवार को भी तेज आंधी और बारिश की संभावना है। बाराबंकी और अयोध्या में पांच-पांच तथा अमेठी में एक की मौत हुई है। खेतों में गेहूं की फसल गिर गई तो कटे बोझ भीग गए। कई जगह पेड़ व खंभे गिरने से यातायात बाधित हुआ। सैकड़ों गांवों की बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हो गई।
बाराबंकी, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा में ओले गिरने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा गई हैं। आम की फसल भी प्रभावित हुई है।दोपहर बाद मौसम ने करवट ली। पहले तेज आंधी आई, फिर चमक-दमक के साथ तेज बारिश शुरू हो गई। कहीं-कहीं बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई।
बाराबंकी में दो बच्चों की मौतबाराबंकी में मुर्गी फार्म की टिन शेड व खंभा गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई तो टिन शेड गिरने की एक अन्य घटना में भी महिला और युवक की मौत हो गई। इसके अलावा दीवार गिरने से वृद्धा की जान चली गई।
उधर, अयोध्या में तेज आंधी-तूफान में अलग-अलग स्थानों पर हुए हादसों में पांच महिलाओं की मौत हो गई। गेहूं काटने खेत में गईं तीन महिलाएं आंधी आने पर एक ट्रैक्टर-ट्राली के नीचे छिप गईं। तेज आंधी-बारिश से असंतुलित हुई ट्राली तीनों पर पलट गई। तीनों की मौत हो गई। एक अन्य घटना में गेहूं काटने गई महिला ने आंधी से बचने के लिए टिन शेड के नीचे शरण ली।
अमेठी में वज्रपात से एक महिला की मौतवहीं पहले से एक बच्चा भी खड़ा था। दीवार सहित टिन शेड उनके ऊपर गिर गया। महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बच्चा घायल है। इसके अलावा दूसरी घटना में चहारदीवारी गिरने से एक वृद्धा की मौत हो गई। अमेठी में वज्रपात से एक महिला की मौत हो गई।
दिल्ली में छाए रहेंगे बादलमौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार को भी आंशिक रूप से बादल छाए रहने का पूर्वानुमान है। 20 से 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 39 और 25 डिग्री रह सकता है। शनिवार को दिन भर बादल छाए रहेंगे। 50 किमी तक प्रति घंटे की रफ्तार से तेज आंधी चलेगी और हल्की वर्षा भी हो सकती है। शनिवार के लिए मौसम विभाग ने यलो अलर्ट भी जारी कर दिया है। मौसम के इस बदलाव से तापमान में भी गिरावट आएगी और अगले कई दिन बनी रहेगी।
हिमाचल में तूफान से कई पेड़ गिरे, दो लोगों की मौतमौसम विभाग ने बताया कि हिमाचल के कई इलाकों में भारी बारिश होगी। हिमाचल प्रदेश में बुधवार रात कुछ देर के लिए आया तूफान प्रदेशभर में भारी नुकसान कर गया। हमीरपुर जिले के बड़सर में मजदूरों की झुग्गियों पर चीड़ का पेड़ गिरने से आठ साल के अभिषेक और सरकाघाट के बलद्वाड़ा के चंच्याणी गांव में हवा के दबाव से छत से गिरी सुमना देवी की एम्स बिलासपुर में मौत हो गई।
अभिषेक के पिता स्वर्ण साहनी निवासी दरभंगापुर जिला नारायणपुर (बिहार) घायल हुए हैं। इसके अलावा चलती गाड़ी पर पेड़ गिरने से दो लोग घायल हो गए। कांगड़ा जिले में गगल के समीप सनौरां में पेड़ गिरने से घायल हुए चार लोगों को डाक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा से छुट्टी मिल गई है।
तूफान के कारण बिजली ठपसिरमौर जिले के पांवटा साहिब-कालाअंब राष्ट्रीय राजमार्ग पर तूफान के बीच चालक सहित कार खाई में गिर गई। चालक रातभर खाई में पड़ा रहा। सुबह लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया। तूफान के कारण पेड़ गिरने से बाधित बिजली आपूर्ति कई स्थानों पर अभी भी ठप है।
ED Raid: 50 करोड़ का कुत्ता खरीदने वाले शख्स के घर पहुंची ईडी, छापेमारी में खुल गई शख्स की पोल
पीटीआई, बेंगलुरु। शेखी बघारने के लिए एक व्यक्ति ने इंटरनेट मीडिया पर दावा कर दिया कि उसने 50 करोड़ रुपये में दुनिया का सबसे महंगा कुत्ता विदेश से मंगाया है। यह दावा इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के बाद जब यह जानकारी ईडी को हुई तो उस व्यक्ति के खिलाफ विदेशी मुद्रा विनिमय नियमों के उल्लंघन के संबंध में शिकायत दर्ज दी।
व्यक्ति इतना महंगा कुत्ता खरीदने में सक्षम नहीं- ईडीईडी की टीम उस व्यक्ति के घर पहुंच गई और छापेमारी की। हालांकि यह दावा झूठा साबित हुआ। ईडी ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। सूत्रों के अनुसार ईडी के अधिकारियों ने पाया कि वह व्यक्ति इतना महंगा कुत्ता खरीदने में सक्षम नहीं है।
सूत्रों के अनुसार जिस कुत्ते की तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर भी प्रसारित हुई थीं, वह कुत्ता उसके पड़ोसी का था। उसकी कीमत ''एक लाख रुपये भी नहीं थी। ईडी ने इस मामले में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत कोई जांच शुरू नहीं की है।
ईडी ने रामेश्वरम रिसार्ट के 60 कमरे और जमीन को लिया अपने कब्जे मेंपीटीआई, नई दिल्ली। ईडी ने तमिलनाडु के रामेश्वरम शहर में एक रिसार्ट के 60 कमरे और खाली जमीन को अपने कब्जे में ले लिया है। इसकी कीमत 30 करोड़ रुपये है। यह कार्रवाई इसके प्रमोटरों के खिलाफ मनी लांड्रिंग जांच के तहत की गई है। यह संपत्ति सेवन हिल्स पंबन आइलैंड रिसार्ट की है। यह मामला कोलकाता पुलिस द्वारा दोनों कंपनियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआइआर से जुड़ा है।
निवेशकों से धोखाधड़ी करने की साजिश रचीईडी के अनुसार, इन कंपनियों से जुड़े व्यक्तियों प्रसेनजीत दास, तुषार पटेल और शैलेश कुमार पांडे ने कई फर्जी फर्मों का उपयोग कर निवेशकों से धोखाधड़ी करने की साजिश रची। इसमें टीपी ग्लोबल एफएक्स के माध्यम से भारी मुनाफे का वादा किया गया था।
पीएम मोदी से मिला दाऊदी बोहरा प्रतिनिधिमंडल, वक्फ कानून का किया स्वागत
पीटीआई, नई दिल्ली। दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने संसद से पारित वक्फ संशोधन का स्वागत किया और इस कानून को पारित करवाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया। इस कानून में इस समुदाय की प्रमुख मांगों को शामिल किया गया है।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू भी थे मौजूदप्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के दृष्टिकोण में विश्वास जताया। बैठक में उनके साथ अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू भी थे। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, दाऊदी बोहरा समुदाय के सदस्यों के साथ बैठक हुई! हमने बातचीत के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की।
पीएम मोदी एक्स पर कही ये बातसंवाद के दौरान में दाऊदी बोहरा समुदाय के एक सदस्य ने मोदी को बताया कि वे 1923 से ही वक्फ नियमों से छूट की मांग कर रहे थे। उन्होंने नए कानून के जरिये अल्पसंख्यकों के भीतर अल्पसंख्यकों का खयाल रखने के लिए उनकी सराहना की।
दाऊदी बोहरा शिया मुसलमानों के बीच एक अल्पसंख्यक उपसमूह है। यह समुदाय विश्वभर के 40 से अधिक देशों में बसा है। दुनियाभर में दाऊदी बोहरा समुदाय का मार्गदर्शन उनके नेता अल-दाई-अल-मुतलक द्वारा किया जाता है।
JEE Mains 2025: दूसरे चरण की अंतिम Answer Key अपलोड किया, फिर ढाई घंटे बाद ही NTA ने हटाई
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जेईई मेन की अस्थायी उत्तर कुंजी (प्रोवीजनल आंसर-की) को लेकर विवाद अभी थमा भी नहीं था कि गुरुवार शाम को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से जारी अंतिम उत्तर कुंजी (फाइनल आंसर की) को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है।
छात्रों का दावा है कि उनकी ओर से अस्थायी उत्तर कुंजी के जिन नौ से दस सवालों के गलत उत्तरों को चैलेंज किया गया था, उनमें से फिजिक्स के सिर्फ दो सवालों को छोड़ दें तो बाकी सभी को खारिज कर दिया है। इतना ही नहीं, अंतिम उत्तर कुंजी में कुछ और सवालों के जवाब गलत दिए गए हैं।
छात्रों का आक्रोश फूटाछात्रों का कहना था कि चैलेंज किए गए सवालों के जवाब के साथ उनकी ओर से पुख्ता तथ्य भी मुहैया कराए गए थे। छात्रों के मुताबिक गुरुवार शाम 6.27 बजे जैसे ही जेईई मेन के दूसरे चरण की अंतिम उत्तर कुंजी जारी हुई छात्रों का आक्रोश फूट पड़ा। छात्र इंटरनेट मीडिया पर एनटीए पर सवाल खड़ा करने लगे। यह क्रम करीब ढाई घंटे तक चला। इस बीच छात्रों ने अंतिम उत्तर कुंजी में कुछ और गलतियों को सामने रखा व इंटरनेट मीडिया पर इसे फ्लैश करने लगे। यह क्रम चल ही रहा था कि करीब नौ बजे एनटीए ने इसे अपनी वेबसाइट से हटा लिया।
इसके साथ ही जेईई मेन की अंतिम उत्तर कुंजी को लेकर भी और सवाल गहरा गए हैं। छात्रों का कहना है कि यदि ऐसी ही स्थिति रही तो उनके अंतिम रिजल्ट और कटआफ रैंक आदि जारी होने में भी देरी हो सकती है। इस बीच इस पूरे मामले पर एनटीए का पक्ष लेने की कोशिश की गई लेकिन देर रात तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
सारा काम-काज आउटसोर्सिंग के भरोसेसूत्रों की मानें तो नीट-यूजी में गड़बड़ी के बाद भी भले ही एनटीए में सुधार के बड़े दावे किए गए हों, लेकिन स्थिति अभी भी जस की तस बनी हुई है। एनटीए का प्रश्नपत्र तैयार करने से लेकर परीक्षा कराने तक का सारा काम-काज आउटसोर्सिंग के भरोसे ही है। जब तक इसे बंद नहीं किया जाएगा तब तक ऐसी स्थिति बनी रहेगी। गौरतलब है कि जेईई मेन के दूसरे चरण की यह परीक्षा अप्रैल में हुई थी।
यह भी पढ़ें: कौन होगा भाजपा का नया अध्यक्ष? पीएम मोदी के साथ अमित शाह और राजनाथ सिंह की हुई सीक्रेट मीटिंग
तमिलनाडु के मंदिरों को दान में मिला 1000 किलो सोना, पिघलाकर बनाई गई सोने की छड़; जानिए इस गोल्ड का क्या होता है
पीटीआई, चेन्नई। तमिलनाडु सरकार राज्य के 21 मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए 1,000 किलो से ज्यादा सोने को पिघलाकर 24 कैरेट सोने की छड़ों में बदला गया है और इन्हें बैंकों में जमा कर दिया गया है।
इस निवेश से सरकार को हर साल करीब 17.81 करोड़ रुपये का ब्याज मिल रहा है, जिसका इस्तेमाल मंदिरों के विकास कार्यों में किया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि यह सारा सोना मुंबई स्थित सरकारी टकसाल में पिघलाया गया और फिर भारतीय स्टेट बैंक में स्वर्ण निवेश योजना के तहत जमा किया गया।
अरुलमिगु मरिअम्मन मंदिर का ज्यादा योगदानयह सोना वो था जो मंदिरों में चढ़ाया गया, लेकिन इसे किसी भी प्रकार के उपयोग में नहीं लाया गया था। हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ निधि विभाग के मंत्री पीके शेखर बाबू द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत नीति नोट में कहा गया है कि निवेश से अर्जित ब्याज का उपयोग संबंधित मंदिरों के विकास के लिए किया जाता है।
इस योजना की निगरानी के लिए राज्य के तीन क्षेत्रों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की अध्यक्षता में तीन समितियां बनाई गई हैं, जो सोने के पिघलाने और निवेश की प्रक्रिया की निगरानी कर रही हैं। अब बात अगर 21 मंदिरों की तरफ से सबसे ज्यादा योगदान की करें तो तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले में स्थित अरुलमिगु मरिअम्मन मंदिर, समयपुरम ने इस योजना में सबसे ज्यादा 424.26 किलोग्राम सोने का योगदान दिया।
सोना के बाद राज्य सरकार ने जानकारी दी है कि अब मंदिरों में अप्रयुक्त चांदी की वस्तुओं को भी इसी तरह पिघलाकर शुद्ध चांदी की छड़ों में बदलने की योजना बना रही है। इसके लिए सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त चांदी गलाने वाली कंपनियों की मदद ली जा रही है।
यह भी पढ़ें: मंदिर की दान पेटी में गिरा iPhone, बन गई भगवान की संपत्ति; पढ़ें क्या है यह अजीबोगरीब मामला
कब लॉन्च होगा स्टारलिंक? लाइसेंस के लिए भारत पहुंचे मस्क के अधिकारी, पीयूष गोयल से की मुलाकात
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत में जल्द से जल्द अपनी सेटेलाइट दूरसंचार सेवा शुरू करने को इच्छुक अमेरिकी कंपनी स्टारलिंक के समक्ष भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि भारतीयों के डाटा सुरक्षा का मामला महत्वपूर्ण तथ्य है, जिसके साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।
अमेरिका के प्रसिद्ध उद्योगपति और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के कुछ शीर्षस्थ अधिकारी भारत में है। एक दिन पहले उन्होंने वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की थी। इस बैठक में स्टारलिंक की तरफ से आग्रह किया गया था कि भारत में सेटेलाइट आधारित दूरसंचार सेवा शुरू करने के लिए उसे लाइसेंस देने की प्रक्रिया तेज की जाए।
तीन अर्थ स्टेशन लगाने को इच्छुक है कंपनीदूसरी तरफ भारत ने डाटा सुरक्षा का मुद्दा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। सरकारी सूत्रों ने बताया कि स्टारलिंक अधिकारियों ने सुरक्षा को लेकर आश्वासन दिया है और भारत में अपनी निवेश योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। स्टारलिंक की तरफ से बताया गया है कि वह भारत में अपनी सेवा की शुरुआत के लिए आरंभ में तीन अर्थ स्टेशन लगाने को इच्छुक हैं।
उक्त सूत्रों का कहना है कि अभी कई सारे मुद्दे हैं, जिन पर स्पष्टता नहीं आई है। सरकार अभी सेटेलाइट सेवाओं का देश के दूरसंचार उद्योग पर पड़ने वाले असर की भी अपने स्तर पर अध्ययन कर रही है। भारत का दूरसंचार उद्योग का बाजार बहुत बड़ा है, जो ना सिर्फ देश की सुरक्षा से जुड़ा है बल्कि इसमें करोड़ों लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष तौर पर रोजगार मिला है। ऐसे में सेटेलाइट दूरसंचार सेवाओं से किस तरह का असर हो सकता है, इसका आकलन किया जा रहा है।
इसी तरह से विदेशी सेटेलाइट दूरसंचार सेवा कंपनी को लेकर सुरक्षा व रक्षा क्षेत्र की एजेंसियों के भी कुछ सवाल हैं, जिनका जवाब खोजा रहा है। सरकार चाहती है कि स्टारलिंक यहां दी जाने वाली सेवा के लिए पूरा ऑपरेशन स्टेशन यहीं पर स्थापित करे। ताकि घरेलू सुरक्षा एजेंसियों की नजर इस पर रहे। बताते चलें कि स्टारलिंक ने भारत की रिलायंस समूह की जियो के साथ यहां सेटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा शुरू करने का समझौता किया हुआ है।
यह भी पढ़ें: 'स्टारलिंक को बर्गेनिंग चिप की तरह इस्तेमाल करे भारत सरकार', अमेरिका के भारत पर टैरिफ लगाने पर राघव चड्ढा का सुझाव
'टेंपल बाय यूजर नहीं तो क्यों हो वक्फ बाय यूजर', SC के वकील विष्णु शंकर जैन ने Waqf संपत्तियों पर उठाए सवाल
एएनआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने वक्फ घोषित संपत्तियों (वक्फ बाय यूजर) अवधारणा के औचित्य पर सवाल उठाए हैं। कहा कि वक्फ बाई यूजर आधार पर अधिग्रहीत संपत्तियों को वापस लेने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
विष्णु शंकर जैन ने कहा, दिल्ली में एक शिव मंदिर था, जिसे ध्वस्त कर दिया गया। कहा गया कि भगवान शिव को संरक्षण की आवश्यकता नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को बरकरार रखा। यदि टेंपल बाई यूजर और चर्च बाई यूजर नहीं है, तो वक्फ बाई यूजर क्यों होना चाहिए? वक्फ बाई यूजर अवधारणा पर रोक लगे। वक्फ बाई यूजर ऐसी संपत्ति होती है जिसे दस्तावेज के बिना भी धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए दीर्घकालिक उपयोग के आधार पर वक्फ माना जाता है।
क्या है वक्फ बाई यूजर के आधार?सरल शब्दों में कहें तो भले ही संपत्ति का दस्तावेज न हो लेकिन वक्फ बाई यूजर के आधार पर उसे वक्फ संपत्ति माना जाता है क्योंकि कई वर्षों से उसका उपयोग वक्फ संपत्ति के तौर पर होता रहा है। जैन ने कहा कि संसद ने दोहराया है कि वे वक्फ संपत्ति घोषित सरकारी संपत्तियों को वापस लिया जाएगा। जैन ने सुझाव दिया कि वक्फ संशोधन कानून से संबंधित सभी मामलों को एक ही हाई कोर्ट में ले जाया जाना चाहिए तथा छह महीने के भीतर उनकी सुनवाई के लिए संवैधानिक पीठ का गठन किया जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें: Trump Tariff News: टैरिफ वॉर के बीच कैसे होंगे भारत-अमेरिका के रिश्ते? विदेश मंत्रालय ने बताया कैसे निकलेगा हल
'इमरजेंसी के दौरान सुप्रीम कोर्ट मूकदर्शक बना रहा', उपराष्ट्रपति धनखड़ ने न्यायपालिका को लेकर और क्या-क्या कहा?
नीलू रंजन, जागरण। नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों द्वारा संविधान के अनुच्छेदों का मनमानी व्याख्या कर कार्यपालिका की शक्तियों को कमजोर करने की बढ़ती प्रवृति पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गहरी आपत्ति जताई है। उन्होंने संविधान का अनुच्छेद 142 देश में लोकतांत्रिक शक्तियों के खिलाफ परमाणु मिसाइल बताया, जिसका इस्तेमाल न्यायपालिका रात-दिन कभी भी कर सकता है।
जस्टिस वर्मा के घर मिली नकदी को लेकर क्या बोले उपराष्ट्रपति?जगदीप धनखड़ ने जस्टिस वर्मा के घर मिले नोटों के मामले में अभी तक एफआइआर दर्ज नहीं होने को न्यायाधीशों को खुद को कानून से ऊपर करने का प्रमाण बना लिया। उन्होंने कहा कि आग लगने की घटना के बाद सात दिनों तक बात को दबाए रखा गया। मीडिया में सामने आने पर जले नोटों के फोटो और वीडियो जारी कर पारदर्शिता दिखाने की कोशिश की गई। लेकिन जांच शुरू नहीं हो सकी।
भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी के अधिकार पर सवाल उठाते हुए धनखड़ ने कहा कि कमेटी को जांच करने का क्या अधिकार है। यह समिति कानून सम्मत नहीं है। समिति सिर्फ सिफारिश कर सकती है। जांच करने का अधिकार सिर्फ कार्यपालिका को है और उसकी प्रक्रिया एफआइआर से शुरू होती है। लेकिन कार्यपालिका ऐसा नहीं कर सकती है, क्योंकि न्यायाधीशों ने खुद को सुरक्षित कर लिया है।
'सुप्रीम कोर्ट नहीं तय कर सकती है सीमा'राज्यसभा के प्रशिक्षुओं के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जगदीप धनखड़ ने साफ किया कि राष्ट्रपति के लिए सुप्रीम कोर्ट समय सीमा तय नहीं कर सकती है। राष्ट्रपति के सर्वोच्च पद की गरिमा का ध्यान दिलाते हुए उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल के फैसले में राष्ट्रपति के लिए समय सीमा निर्धारित कर न्यायापालिका ने कार्यपालिका और विधायिका दोनों के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण की सीमा पार कर दी है। उन्होंने साफ किया कि अनुच्छेद 143 का हवाला देकर राष्ट्रपति के लिए समय सीमा नहीं बांधी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि इस फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करना अलग बात है। राष्ट्रपति के लिए समय सीमा निर्धारित करने को अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण बताते हुए उन्होंने कहा कि अब न्यायाधीश ही कानून बनाएंगे, कार्यपालिका का काम भी करेंगे। उन्होंने कहा कि इससे न्यायपालिका एक ऐसा सुपर संसद बन जाएगा, जिस पर देश का कोई कानून लागू नहीं होगा। सुपर संसद की तरह काम करने और बिल्कुल जवाबदेही नहीं होने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा, संसद के हर चुनाव में उम्मीदवार को संपत्ति घोषित करनी होती है, लेकिन न्यायाधीशों पर यह अनिवार्यता लागू नहीं होती है।
जगदीप धनखड़ ने आजादी के बाद न्यायपालिका में लोकतांत्रिक मूल्यों के क्षरण और खुद को संविधान के असली संरक्षक बताने की प्रवृति पर भी आपत्ति जताई। धनखड़ के अनुसार संविधान की व्याख्या करने का अधिकार पांच जजों की संविधान पीठ को है। लेकिन जब यह व्यवस्था की गई थी, तब केवल आठ न्यायाधीश होते थे। अब 30 है। आठ में से पांच का मतलब है कि व्याख्या बहुमत द्वारा होगी। लेकिन अभी 30 में पांच के छोटे अल्पमत से संविधान की व्याख्या हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट मूकदर्शक बना बैठा रहा: जगदीप धनखड़धनखड़ के अनुसार न्यायाधीश केशवानंद भारती केस में 1973 में संविधान के मूल ढांचे की व्याख्या कर खुद को संविधान का असली संरक्षक बताते फिरते हैं। लेकिन उसके दो साल ही आपातकाल की घोषणा कर संविधान प्रदत मूल अधिकारों को छिन लिया गया और सुप्रीम कोर्ट मूकदर्शक बना बैठा रहा।
धनखड़ ने संसद के दोनों सदनों द्वारा सर्वसम्मति से पारित किये गए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग गठित करने के कानून को निरस्त करने और कोलेजियन प्रणाली द्वारा जजों की नियुक्ति का अधिकार खुद के पास करने को संविधान की भावना के खिलाफ बताया। उन्होंने जजों की नियुक्ति के मामले में संविधान सभा में हुई बहस और उसमें बाबा साहब भीमराव अंबेडेकर के बयान का हवाला देते हुए कहा कि अनुच्छेद 124 में सिर्फ मुख्य न्यायाधीश से परामर्श की बात रखी गई थी। लेकिन इसकी मनमानी व्याख्या कर परामर्श को सहमति में परिवर्तित कर दिया गया।
उन्होंने लोकपाल द्वारा हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच को अधिकार क्षेत्र लेने पर सुप्रीम कोर्ट की त्वरित प्रतिक्रिया और स्वत: संज्ञान लेते हुए इसकी सुनवाई करने पर हैरानी जताई।
उन्होंने कहा कि दूसरे लोकतांत्रिक देशों ने न्यायापालिक के स्वत: संज्ञान लेने की बात नहीं है। उनके अनुसार न्यायपालिका की स्वतंत्रता किसी मामले में जांच और छानबीन के खिलाफ अभेद्य कवच नहीं हो सकता है। अभी तक एफआइआर क्यों नहीं।
यही भी पढ़ें: भविष्य में कैसे लड़ा जाएगा युद्ध? चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय सेना बना रही ये प्लान
क्या वाकई होते हैं एलियन? पृथ्वी से 8.5 गुना बड़े ग्रह पर मिले जीवन के संकेत; धरती से महज इतना दूर
पीटीआई, नई दिल्ली। सौरमंडल के बाहर जीवन की तलाश कर रहे विज्ञानियों को बड़ी कामयाबी मिली हैं। शोधकर्ताओं ने कहा है कि सौरमंडल के बाहर के एक ग्रह पर डाइमिथाइल सल्फाइड और डाइमिथाइल डाइसल्फाइड के निशान मिले हैं, जो धरती पर समुद्री जीवों द्वारा जैव रासायनिक प्रक्रिया के तहत बनते हैं।
यह सौरमंडल के बाहर जीवन का अब तक का सबसे ठोस साक्ष्य है। हालांकि इस संबंध में और अधिक डाटा जुटाने की जरूरत है। के2-18 बी नाम का एक्सोप्लैनेट पृथ्वी से 8.5 गुना बड़ा है। यह एक्सोप्लैनेट पृथ्वी से 120 प्रकाश वर्ष दूर है।
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से मिला डाटायह के2-18 तारे की परिक्रमा करता है। अध्ययन में ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से मिले डाटा का विश्लेषण किया गया गया है। इस एक्सोप्लैनेट पर डाईमिथाइल सल्फाइड और डाईमिथाइल डाइसल्फाइड के निशान पाए गए, जो पृथ्वी पर समुद्री फाइटोप्लांकटन जैसे सूक्ष्मजीव जैव रासायनिक प्रक्रिया के तहत उत्पादित करते हैं।
यह अध्ययन एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित हुआ है। इसकी स्वतंत्र समीक्षा की जानी है। एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित 2023 के अध्ययन में, टीम ने के2-18 के वायुमंडल में कार्बन युक्त गैसों - मीथेन और कार्बन डाईऑक्साइड के साक्ष्य जुटाए थे। इस पर हाइड्रोजन भी प्रचुर मात्रा में मिला था।
मधुसूदन ने कहा, हमें नहीं पता था कि पिछली बार जो संकेत हमने देखा था, वह (डाईमिथाइल सल्फाइड) के कारण था या नहीं, लेकिन इसका संकेत मात्र ही हमारे लिए इतना रोमांचक था कि हमने एक अन्य उपकरण का उपयोग करके जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से इसे दोबारा देखा। इस बार हमने पहले से भिन्न उपकरण का उपयोग किया है तथा प्रकाश की तरंगदैर्घ्य की रेंज भी अलग है।
यह भी पढ़ें: अमेरिका के Area 51 में दिखा रहस्यमयी टॉवर, यूजर्स ने किया 'एलियन तकनीक' का दावा
'कश्मीर पर पाकिस्तान का कोई अधिकार नहीं', PAK आर्मी चीफ के बयान पर भारत का करारा जवाब
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आतंकवादियों को पोषित और संरक्षित करने वाली पाकिस्तान की आर्मी ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है। पाकिस्तान आर्मी के प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भारत और हिंदुओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की।
वहीं, मुनीर ने कश्मीर राग भी अलापा है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कश्मीर को पाकिस्तान के गले की नस बताया है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने दावा किया है कि कश्मीर को कोई भी ताकत अलग नहीं कर सकती है।
कश्मीर को लेकर पाक सेना के बयान का भारत ने दिया जवाबमुनीर की इस टिप्पणी पर भारत ने करारा जवाब दिया है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख द्वारा कश्मीर को गले की नस बताने वाली टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "कोई विदेशी चीज किसी के गले की नस में कैसे फंस सकती है? यह भारत का केंद्र शासित प्रदेश है। इसका पाकिस्तान के साथ एकमात्र संबंध उस देश द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए क्षेत्रों को खाली करना है।"
#WATCH | On the comments by Pakistan Army chief terming Kashmir as a jugular vein, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "How can anything foreign be in a jugular vein? This is a union territory of India. Its only relationship with Pakistan is the vacation of illegally occupied… pic.twitter.com/zV9S0OnXhQ
— ANI (@ANI) April 17, 2025 हम हर एंगल में हिंदुओं से अलग हैं: आसिम मुनीरपाकिस्तानी आर्मी चीफ ने कार्यक्रम में आगे कहा कि हमारे पूर्वजों ने सोचा था कि हम हर एंगल में हिंदुओं से अलग है, हमारा रिवाज, हमारा धर्म, हमारी सोच सब इनसे अलग है। हम दो राष्ट्र हैं, एक नहीं। हमने इस देश के लिए बहुत बलिदान दिए है, हमें पता है कि इस देश को बनाने में कितने संघर्षों का सामना करना पड़ा है।
मुनीर ने भारत का नाम न लेते हुए कहा,"क्या पाकिस्तान के दुश्मन ये सोचते हैं कि सिर्फ 1500 आतंकवादी देश की किस्मत बदल देंगे, हम जल्द ही आतंकवादियों की कमर तोड़ देंगे। 1.3 मिलियन की मजबूत भारतीय सेना, अपनी सारी ताकत के साथ,अगर वे हमें डरा नहीं सकते, तो क्या आपको लगता है कि ये आतंकवादी पाकिस्तान की सशस्त्र सेनाओं को दबा सकते हैं?
यह भी पढ़ें: 'हम हिंदुओं से अलग हैं', कश्मीर पर गीदड़भभकी देते हुए पाक सेना प्रमुख ने उगला भारत के खिलाफ जहर
'कांग्रेस ने किया अपनों को ही गुमराह', नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर राहुल-सोनिया पर बरसे बीजेपी नेता
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड और गुरुग्राम जमीन घोटाले को लेकर भाजपा ने गांधी परिवार को निशाने पर ले रखा है। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने नेशनल हेराल्ड मामले पर बिंदुवार प्रकाश डालते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गुमराह किया गया है, असल में उन्हें अपने नेतृत्व के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड को अपना एटीएम बना लिया है तो संबित पात्रा ने गांधी परिवार को मॉडर्न डाकू की संज्ञा देते हुए दावा किया कि भ्रष्टाचार करने वाले जेल जाएंगे, जबकि राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने राबर्ट वाड्रा को भू माफिया बताया।
केंद्रीय मंत्री का आरोपकेंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित प्लॉट नंबर 5ए की बिल्डिंग में नेशनल हेराल्ड की कभी प्रेस चल ही नहीं रही थी, जबकि तत्कालीन कांग्रेस सरकार की ओर से प्रेस चलाने के लिए ही बहुत ही कम दर पर भूमि उपलब्ध कराई गई थी।
कांग्रेस नेताओं ने इन बिल्डिंग का निजी और व्यावसायिक उपयोग किया, कांग्रेस कार्यकर्ताओं सहित पूरे देश को धोखा दिया। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा यह केस फाइल किए जाने पर कांग्रेस के नेता आरोप लगा रहे हैं कि यह मोदी सरकार की बदले की कार्रवाई है और केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। वह थोड़ा आत्ममंथन करें। कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं को गुमराह कर रही है।
असल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अपनी पार्टी के नेतृत्व के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए। नेशनल हेराल्ड केस 2012-13 के आसपास शुरू हुआ। इस मामले में भाजपा सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं था। अनुराग ठाकुर ने कहा कि नेहरू जी से लेकर राहुल गांधी तक सबने नेशनल हेराल्ड को मुद्रामोचक ही समझा। जिस साप्ताहिक का हिमाचल से कोई लेना देना नहीं था उसे विज्ञापन के रूप में हिमाचल सरकार ने करोड़ों के विज्ञापन दिए। यह सब पैसा किसकी जेब में गया।
एक-एक पाई वसूली जाएगी?राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने हरियाणा के शिकोहपुर जमीन घोटाले मामले में राबर्ट वाड्रा और कांग्रेस की संलिप्तता को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ें। अगर किसानों की जमीन छीनी गई है तो उसे वापस दिलाया जाएगा, जनता की गाढ़ी कमाई को जिस नकली गांधी परिवार ने अपनी तिजोरी में भर लिया है, उसकी एक-एक पाई वसूल की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह ऐसा सौदा है, जिसमें चार महीने में 700 प्रतिशत का लाभ हुआ। जब एक अधिकारी ने इस लेन-देन पर सवाल उठाया और इसे गैरकानूनी बताया तो उसके खिलाफ ही कार्रवाई कर दी गई। इसी तरह भाजपा सांसद व प्रवक्ता संबित पात्रा ने नेशनल हेराल्ड मामले की बिंदुवार व्याख्या करते हुए दावा किया कि यह सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि डकैती है। गांधी परिवार मॉडर्न डाकू है। गरीबों को लूटने वालों को जेल जाना ही पड़ेगा।
यह भी पढ़ें: वैवाहिक बंधन में बंधने जा रहे बीजेपी नेता दिलीप घोष, 61 साल की उम्र में रचाएंगे शादी
वैवाहिक बंधन में बंधने जा रहे बीजेपी नेता दिलीप घोष, 61 साल की उम्र में रचाएंगे शादी
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। आखिरकार बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष अपने जीवन के 61वें वर्ष में शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। पूर्व लोकसभा सदस्य और पूर्व विधायक घोष शुक्रवार को अपने न्यू टाउन स्थित आवास पर दुल्हन रिंकू मजूमदार के साथ सात फेरे लेंगे।
रिंकू भाजपा की दक्षिण कोलकताा की सक्रिय नेता और कार्यकर्ता हैं और दोनों की पहली मुलाकात पार्टी के कार्य के दौरान ही हुआ था। दिलीप के करीबी लोगों के अनुसार, पिछले लोकसभा चुनाव हार गए थे तो वे काफी उदास थे, तो रिंकू ही पहली व्यक्ति थीं जिन्होंने उन्हें प्रस्ताव दिया था कि वे साथ मिलकर परिवार शुरू करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि अब उनके साथ कोई नहीं है। वह दिलीप के साथ रहना चाहती है।
मां के कहने पर शादी के लिए हुए राजीअब तक कुवांरा रहे दिलीप ने पहले तो मना कर दिया था, लेकिन बाद में अपनी मां के आग्रह पर विचार कर सहमत हो गए। क्योंकि, छह महीने पहले भी उन्होंने शादी के बंधन में बंधने के बारे में नहीं सोचा था। लेकिन धीरे-धीरे उन्हें यह भी एहसास हुआ कि जीवन का यह चक्र भी पूरा होना चाहिए। तीन अप्रैल को ईडन में केकेआर का आइपीएल मैच देखना व्यावहारिक रूप से एक 'फिक्स डील' थी। उस दिन दिलीप, उनकी भावी पत्नी और भावी ससुराल वाले क्लब हाउस के बॉक्स नंबर 11 में बैठकर खेल देख रहे थे।
'मैं शादी क्यों नहीं कर सकता?'दिलीप की शादी की खबर गुरुवार को मीडिया में फैलनी शुरू हुई। जब सीधे तौर पर पूछा गया तो दिलीप ने अपने चिरपरिचित अंदाज में कहा कि क्यों, क्या मैं शादी नहीं कर सकता? क्या शादी करना अपराध है? दिलीप ने हां या ना नहीं कहा। लेकिन जिस तरह उन्होंने 'हां' नहीं कहा, उसी तरह उन्होंने 'नहीं' भी नहीं कहा। इस खबर की सच्चाई जानने के लिए दिलीप से संपर्क किया गया लेकिन जवाब नहीं दिया। हालांकि, दिलीप के करीबी लोगों का कहना है कि हमेशा की तरह उन्होंने एक 'साहसिक' निर्णय लिया है। पार्टी के एक वर्ग ने उन्हें बधाई भी दी है।
दिलीप और रिंकी शुक्रवार को एक बहुत ही निजी समारोह में विवाह बंधन में बंध जाएंगे। क्योंकि दिलीप दिखावे में विश्वास नहीं रखते। इसलिए आमंत्रित लोगों की संख्या बहुत अधिक नहीं है। मुख्य रूप से दिलीप और रिंकू के करीबी रिश्तेदारों को ही आमंत्रित किया गया है। रिंकू तलाकशुदा गृहिणी है। एक बेटे की मां है। उनका बेटा सेक्टर पांच में आइटी क्षेत्र में काम करता है। संयोगवश रिंकू का बेटा भी तीन अप्रैल को ईडन गार्डन स्टेडियम के बाक्स में था।
मां के साथ रहते हैं दिलीपदिलीप के करीबी सूत्रों के अनुसार, उनकी मां चाहती थीं कि दिलीप शादी कर लें और परिवार शुरू करें। फिर वह अपनी बहू के साथ कुछ समय बिता सकेंगे। दिलीप की मां उनके साथ रहती है। दिलीप का जीवन राजनीतिक है। आगामी विधानसभा चुनाव में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। भाजपा उन्हें फिर से विधानसभा चुनाव में उतार सकती है। अभियान के लिए उनकी जरूरत होगी।
परिणामस्वरूप, उन्हें पूरे राज्य का भ्रमण करना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में, उनकी बुजुर्ग मां की देखभाल करने और उनका साथ देने के लिए किसी रिश्तेदार का होना जरूरी है। इसके अलावा दिलीप की मां को इस बात की भी चिंता है कि उनकी अनुपस्थिति में उनके बेटे 'नाडू' की देखभाल कौन करेगा। दिलीप पिछले साल साठ साल के हो गए थे।
दिलीप की शादी को लेकर तृणमूल नेता ने एक्स पर किया पोस्ट, दी बधाईदिलीप घोष की शादी के संबंध में गुरुवार दोपहर तृणमूल नेता व प्रवक्ता कुणाल घोष ने एक्स पर लगातार दो पोस्ट किए। हालांकि, शुरू में कई लोगों को लगा कि शायद यह महज एक मजाक है, जैसा कि विपक्षी पार्टी के नेता अक्सर करते हैं। हालांकि बाद में कुणाल घोष मामला स्पष्ट कर दिया उन्होंने कहा कि दिलीप घोष कल यानी शुक्रवार को पारिवारिक स्तर पर पंजीकरण कराकर शादी कर रहे हैं। दुल्हन का नाम रिंकू मजूमदार है। वह दक्षिण कोलकाता की भाजपा नेता हैं।
कुणाल घोष ने आज अपने पहले पोस्ट में लिखा कि सूत्रों के मुताबिक क्या राज्य में भाजपा के कोई वरिष्ठ अविवाहित नेता कल शादी करेंगे?' क्या रजिस्ट्री हो रही है? क्या दुल्हन भाजपा कार्यकर्ता है? क्या पार्टी का एक वर्ग नेता का विरोध कर रहा है? किसी भी स्थिति में क्या वह पार्टी की राय को नजरअंदाज कर अपना निर्णय स्वयं लेंगे? अगर शादी कल होती है तो बधाई। यदि आप पार्टी के निषेध को स्वीकार करते हैं, तो यह अलग मामला है। इसके कुछ देर बाद उन्होंने फिर एक्स पर लिखा दिलीप घोष को व्यक्तिगत बधाई। इसमें राजनीति मत ढूंढें।