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Bihar News: चुनाव से ठीक पहले बेउर जेल से भागलपुर भेजे जाएंगे ये दबंग कैदी, पुलिस के हाथ लगी थी चौंकाने वाली जानकारी
राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव को देखते हुए गृह विभाग ने दबंग कैदियों को एक जेल से दूसरी जेल में स्थानांतरित करने का काम शुरू कर दिया है। फिलहाल पटना के बेउर आदर्श केंद्रीय कारा में बंद राजद के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव समेत 13 कैदियों को भागलपुर जेल भेजने का निर्देश जारी किया है।
पुलिस को मिल रही थी चौंकाने वाली गुप्त सूचनाएंगृह विभाग (कारा) के आदेश के अनुसार, पटना डीएम की अनुशंसा पर कैदियों के स्थानांतरण का आदेश जारी किया गया है। इन कैदियों के द्वारा लोकसभा चुनाव को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने, कारा में अराजकता उत्पन्न करने और कारा में रहकर आपराधिक षड्यंत्र रचने की सूचनाएं मिल रही थीं जिसके बाद पटना के डीएम और डीआइजी सह एसएसपी ने इनके स्थानांतरण की अनुशंसा गृह विभाग से की थी।
इन दबंग कैदियों को भेजा जाएगा भागलपुर जेलविभागीय जानकारी के अनुसार, बेउर जेल में बंद राजबल्लभ यादव, विक्की कुमार उर्फ टिकटिक, सागर यादव उर्फ ठाकुर , दीपक पासवान उर्फ उल्लाह, अविनाश कुमार, विकास सिंह, शुभम कुमार और श्रीनिवास राय को विशेष केंद्रीय कारा, भागलपुर स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया गया है।
इसके अलावा बेउर जेल में बंद उज्जवल कुमार उर्फ अविनाश कुमार, राजीव उर्फ चुन्नु सिंह, विकास उर्फ राजा, नितीश कुमार और हेमंत दास को शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा, भागलपुर भेजने का आदेश दिया गया है।
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आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में 18 एफआइआर दर्जलोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता का पालन नहीं करने पर हर दिन प्राथमिकी दर्ज करायी जा रही है। राज्य के विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन को लेकर कुल 18 प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
इसमें औरंगाबाद जिले में दो, गया जिले में एक, जमुई जिला में एक, लखीसराय जिला में एक, मधेपुरा जिला में चार, मुजफ्फरपुर जिला में एक, पटना जिला में एक,पूर्वी चंपारण जिला में दो, सहरसा जिला में चार और सारण जिला में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इधर, भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर शनिवार को सीईओ कार्यालय की ओर से सभी जिलों के स्वीप के नोडल पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की गई।
अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आनंद शर्मा ने सभी जिलों को निर्देश दिया कि जहां पर भी मतदान कम हुआ है वहां पर मतदाताओं को और जागरूक करने की गतिविधि चलाई जाए।
लोकसभा चुनाव 2019 में राष्ट्रीय स्तर पर औसतन 67.4 प्रतिशत मतदान हुआ था। उस लक्ष्य को पाने के लिए सघन प्रचार प्रसार किया जाए।
Bihar Politics: कभी भगवान राम को बताया था काल्पनिक, अब रामलला की शरण में आयोध्या पहुंचे जीतनराम मांझी
राज्य ब्यूरो, पटना। भगवान राम और रामायण को काल्पिनक बताने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी लोकसभा चुनाव आते ही खुद राम की शरण में पहुंच गए हैं। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संस्थापक मांझी ने शनिवार को अयोध्या धाम पहुंचकर रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई। उन्होंने रामलला के दर्शन की तस्वीर भी अपने एक्स अकाउंट पर शेयर की है।
मांझी ने एक्स पर पोस्ट किया- हमारे साथ श्रीरघुनाथ तो किस बात की चिंता, शरण में रख दिया जब माथ तो किस बात की चिंता। मांझी ने आगे लिखा- आज अयोध्या धाम पहुंच रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई एवं देश की खुशहाली की प्रार्थना की।
“हमारे साथ श्रीरघुनाथ तो किस-बात की चिन्ता,
सरन में रख दिया जब माथ तो, किस बात की चिन्ता”
आज अयोध्या धाम पहुंच रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई और राज्य एवं देश के खुशहाली के लिए प्रार्थना किया। pic.twitter.com/M4ThXDiD9c
अयोध्या धाम पहुंचकर मांझी काफी उत्साहित दिखे और जय श्री राम और सियावर रामचंद्र की जय भी कहा। एक्स पर मांझी ने पोस्ट किया- अयोध्या आगमन पर कार्यकर्ताओं एवं शुभचिंतकों के भव्य स्वागत से भावविभोर हूं। श्रीरामभूमि के लोगों का एक दलित के प्रति प्रेम आज भी वैसा ही है, जैसी प्रभु श्रीराम का माता शबरी के प्रति था।
अयोध्या धाम पहुंच चुका हूं।
अयोध्या आगमन पर पार्टी कार्यकर्ताओं एवं शुभचिंतकों के भव्य स्वागत से भावविभोर हूं।
श्री राम भूमि के लोगों का एक दलित के प्रति प्रेम आज भी वैसा ही है जैसी प्रभु श्री राम का माता शबरी के प्रति था।
“सियावर रामचंद्र की जय” pic.twitter.com/VY5qrfTssl
गया लोकसभा सीट से राजग के उम्मीदवार जीतन राम मांझी होली के बाद नामांकन करेंगे। उन्होंने गया से चुनाव लड़ने की औपचारिक घोषणा के समय कहा था कि वह पहले अयोध्या धाम में दर्शन करेंगे, इसके बाद चुनाव के लिए नामांकन करेंगे।
अयोध्या दर्शन को लेकर मांझी काफी उत्साहित दिख रहे हैं। वह हर पल की जानकारी अपने एक्स पर शेयर कर रहे। शनिवार की सुबह उन्होंने अयोध्या के लिए ट्रेन पर सवार होने की तस्वीर भी पोस्ट करते हुए लिखा था- अगली मुलाकात अयोध्या में होगी। जयश्री राम।
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Bihar News: इस टोल प्लाजा से गुजरने पर 2.5% अधिक देना होगा टोल टैक्स, जानिए अब कितने रुपये चुकाने होंगे
जागरण संवाददाता, पटना सिटी। दीदारगंज में राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 30 पर स्थित पटना बख्तियारपुर टोला प्लाजा से आवाजाही करने वाले सभी तरह के वाहनों को एक अप्रैल से 2.5 से तीन प्रतिशत अधिक टोल टैक्स अदा करना होगा। यह जानकारी शनिवार को टोल प्लाजा के महाप्रबंधक बी एन चौधरी ने दी।
उन्होंने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा जारी अधिसूचना के बाद होने वाली इस वृद्धि के बाद वाहन चालकों को न्यूनतम पांच रुपए से लेकर अधिकतम 30 रुपए टोल टैक्स अधिक देना होगा।
टोल प्लाजा से बीस किलोमीटर के दायरे में स्थित घरों से आवाजाही करने वाले गैर व्यवसायिक वाहनों के लिए मासिक 330 रुपए की जगह अब 340 रुपए भुगतान करना होगा। चौबीस घंटे में इस टोल से प्रतिदिन छोटे-बड़े लगभग 22 हजार वाहनों की आवाजाही होती है।
अब इतनी कीमत चुकानी होगीनई दर के अनुसार, कार, जीप, वैन, हल्के वाहन को एक बार टोल पार करने के लिए 135 रुपये, चौबीस घंटे के लिए 200 रुपए और मासिक पास के लिए 4455 रुपया देना होगा।
इसी तरह हल्के व्यवसायिक वाहन, मिनी बस, मालवाहक वाहन के एक बार टोल पार करने के लिए 205 रुपए, चौबीस घंटे के लिए 305 रुपए और मासिक पास के लिए 6800 रुपए अदा करना पड़ेगा।
वहीं, दो एक्सल वाले ट्रक और बस के लिए एक तरफ का टैक्स 410 रुपए, चौबीस घंटे के लिए 615 रुपए और मासिक पास के लिए 13,630 रुपए देना होगा।
निर्माण कार्य से जुड़ी भारी मशीन, तीन से लेकर छह एक्सल वाले वाहन के लिए एक तरफ का टोल टैक्स 620 रुपए, चौबीस घंटे के लिए 925 रुपए और मासिक पास के लिए 20,605 रुपए देना होगा।
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Elections 2024: '...पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे', RJD की दावेदारी के बाद पप्पू बढ़ाएंगे टेंशन? औरंगाबाद सीट को लेकर निखिल मुखर
राज्य ब्यूरो, पटना। सीट बंटवारे में महागठबंधन की खींचतान अब सार्वजनिक होने लगी है। बिना परामर्श के राजद द्वारा एकतरफा सिंबल बांटे जाने से क्षुब्ध कांग्रेस-जन मुखर होने लगे हैं। औरंगाबाद के बाद राजद ने पूर्णिया से बीमा भारती को सिंबल दे दिया, जबकि ये दोनों सीटें कांग्रेस को अपेक्षित थीं।
उसकी दावेदारी की हवा निकालने के उद्देश्य से ही राजद ने अपने प्रत्याशियों को पहले सिंबल दे दिया। परिस्थिति को भांपते हुए पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार और पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने क्रमश: औरंगाबाद और पूर्णिया से चुनाव लड़ने का संकेत दे दिया है।
2014 में मोदी लहर के कारण हार गए थे निखिल कुमारराजपूतों के दबदबे वाले औरंगाबाद से निखिल कुमार कांग्रेस के सांसद रह चुके हैं। 2014 के चुनाव में मोदी लहर में वे पराजित हो गए थे। पिछली बार यानी 2019 में महागठबंधन में वह सीट हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को मिल गई थी। इस बार जदयू से आए अभय कुशवाहा को राजद ने वहां मैदान में उतार दिया है।
इसके लिए कांग्रेस से विचार-विमर्श तक नहीं हुआ। शनिवार को पटना स्थित निखिल कुमार के आवास पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजद द्वारा एकतरफा टिकट बांटने पर विरोध प्रकट किया। उनका कहना था कि औरंगाबाद के लिए महागठबंधन में निखिल कुमार के अलावा दूसरा उपयुक्त है ही नहीं।
निखिल कुमार का स्पष्ट कहना है कि औरंगाबाद के संदर्भ में गठबंधन धर्म का घोर उल्लंघन हुआ है। वह कांग्रेस की परंपरागत सीट है और आज भी उस पर दावा है। इसका नुकसान उन्हें उठाना पड़ेगा, जिन्होंने गठबंधन धर्म की उपेक्षा की। पांच वर्ष पहले भी ऐसी ही गलती हुई थी।
जनता चाहती है कि वे (निखिल कुमार) औरंगाबाद से चुनाव लड़ें। वे मैदान से भाग नहीं रहे, बल्कि आलाकमान की अनुमति चाहते हैं। औरंगाबाद सहित दूसरी सीटों पर भी कांग्रेस की चर्चा हो रही है। राजद के एकतरफा टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस आलाकमान को अवगत करा दिया गया है। अनुमति मिलते ही वे मैदान में होंगे।
औरंगाबाद के कांग्रेस जिलाध्यक्ष रमेश कुमार सिंह ने कहा कि राजद का निर्णय एकतरफा है। निखिल कुमार की दावेदारी के लिए हम लोग बैठक किए हैं। पूर्णिया की आस में पप्पू यादव अपनी जन अधिकार पार्टी का विलय करते हुए कांग्रेस में आए हैं।
अपने एक्स हैंडल पर उन्होंने लिखा कि वे मर जाएंगे, लेकिन कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे। दुनिया छोड़ देंगे, लेकिन पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे। बहरहाल कांग्रेस की अपेक्षा वाली कटिहार, समस्तीपुर के लिए भी राजद से अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है। पिछले चुनाव में कांग्रेस उन दोनों सीटों पर दूसरे स्थान पर रही भी थी। क्षोभ वहां भी है।
मैदान में नहीं होंगी मीरा
79 वर्ष की उम्र पूरा कर चुकी लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार इस बार चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगी। इंटरनेट मीडिया पर उन्होंने इसकी घोषणा की है।
उन्होंने लिखा है कि मैं अपने देश के लोगों, विशेष कर गरीब व वंचित वर्ग और महिलाओं की सेवा हमेशा करती रहूंगी। सासाराम सुरक्षित संसदीय क्षेत्र वे 2004 और 2009 में विजयी रही थीं। उसके बाद के दो चुनाव भाजपा से हार गई थीं।
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