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Bihar Holi Special Train: होली के बाद रेलवे ने की 58 स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा, बड़े शहरों के लिए चलेगी ये ट्रेनें
जागरण संवाददाता, पटना। होली के बाद रेलवे ने पूर्व मध्य क्षेत्र से 58 स्पेशल ट्रेनों को चलाने की घोषणा की है। इन ट्रेनों में काफी सीटें उपलब्ध हैं। यात्री इन ट्रेनों में आरक्षण कर यात्रा कर सकते हैं। रेलवे की ओर गाड़ी संख्या 02351 पटना-आनंद विहार सुपर फास्ट स्पेशल ट्रेन का परिचालन 31 मार्च को किया जाएगा।
यह ट्रेन प्रत्येक बुधवार, शुक्रवार एवं रविवार को पटना से चलाई जाएगी। वहीं, गाड़ी 03255 पटना-आनंद विहार सुपर फास्ट स्पेशल ट्रेन का परिचालन 31 मार्च तक प्रत्येक रविवार एवं गुरुवार को पटना जंक्शन से किया जाएगा। गाड़ी 02391 पटना-आनंद विहार सुपरफास्ट स्पेशल 30 मार्च तक प्रत्येक शनिवार को पटना से चलाई जाएगी।
पटना-आनंद विहार सुपर फास्ट 26 और 29 मार्च कोगाड़ी 03257 दानापुर-आनंद विहार सुपर फास्ट ट्रेन 31 मार्च केा 7.30 बजे दानापुर से प्रस्थान करेगी। दानापुर-लोकमान्य तिलक सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन 26 मार्च एवं 31 मार्च को चलाई जाएगी। गाड़ी 04065 पटना-आनंद विहार सुपर फास्ट एसी फेस्टिवल स्पेशल 26 एवं 29 मार्च को पटना से प्रस्थान करेगी।
दानापुर-जबलपुर होली स्पेशल दानापुर से 27 मार्च को 11.45 बजे रवाना होगी। दानापुर-रानी कमलापति होली स्पेशल दानापुर से 28 मार्च को रवाना होगी। दानापुर-सोगरिका होली स्पेशल दानापुर से 26 मार्च को रवाना होगी। दानापुर-भगत की कोठी स्पेशल गाड़ी दानापुर से 28 मार्च को रवाना होगी।
पटना-हैदराबाद गाड़ी 28 मार्च को पटना से पांच बजे रवाना होगी। पटना-विशाखापटनम एक्सप्रेस पटना से 28 मार्च को 13 बजे रवाना होगी। पटना-पुरी एक्सप्रेस स्पेशल गाड़ी पटना से 26 मार्च को चलाई जाएगी। पटना-काेयंबटूर सुपर फास्ट स्पेशल गाड़ी पटना जंक्शन से 27 मार्च को चलाई जाएगी।
इसी तरह पूर्व मध्य रेलवे के क्षेत्र से कुल 58 स्पेशल गाड़ियों का परिचालन होली बाद किया जाएगा। इससे राज्य के विभिन्न शहरों से देश के प्रमुख शहरों में जाने वाले यात्रियों को काफी राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है।
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Patna News: बेउर जेल गेट पर इंतजार करती रही पुलिस, पिछले गेट से निकल गए दो कुख्यात; कक्षपाल के खिलाफ FIR दर्ज
जागरण संवाददाता, पटना। लूट और हत्या के आरोपों में आदर्श केंद्रीय कारा बेउर में बंद विक्की पांडे और बिट्टू सिंह को दोबारा गिरफ्तार करने के लिए पटना पुलिस की टीम जेल गेट पर इंतजार करती रही, लेकिन कक्षपाल सुबोध कुमार सिंह की मदद से वे पिछले रास्ते से निकल गए।
दोनों पेशेवर अपराधियों के विरुद्ध कुछ महीने पहले बेउर थाने में प्राथमिकी की गई थी। हालांकि, पुलिस कागजी कार्रवाई में फंसी रही और प्रोडक्शन वारंट नहीं ले सकी। इस बीच न्यायालय से उनकी जमानत हो गई थी।
फुलवारीशरीफ एएसपी विक्रम सिहाग ने बताया कि विक्की पांडे और बिट्टू सिंह की जमानत की सूचना मिलने पर जेल प्रशासन को हिदायत दी गई थी कि वे जैसे ही बाहर निकलें, इसकी सूचना पुलिस को दी जाए। मगर, कक्षपाल के सहयोग से वे प्रतिबंधित रास्ते से निकल गए।
बेउर जेल अधीक्षक ई. जितेंद्र कुमार ने कक्षपाल के विरुद्ध प्राथमिकी कराई है। जिस धारा में प्राथमिकी की गई है, उसमें सात वर्षों से कम सजा का प्राविधान है। ऐसे में आरोपित कक्षपाल को नोटिस देकर पूछताछ की जाएगी।
महिला बैरक से होकर गुजरता है पिछला रास्ताबताया जाता है कि बेउर जेल का पिछला रास्ता महिला बैरक से होकर गुजरता है। यह रास्ता प्रतिबंधित है। सूत्रों की मानें तो कक्षपाल ने पीछे के रास्ते का दरवाजा नहीं खोला था, बल्कि उन्हें बाउंड्री पार करा निकाल दिया।
कागजी कार्रवाई पूरी होने तक कक्षपाल विक्की पांडे और बिट्टू सिंह के साथ ही था। जब दूसरे कैदियों को मुख्य द्वार से लेकर जाया जा रहा था, तभी वह गुपचुप तरीके से दोनों बंदियों को साथ लेकर महिला बैरक की तरफ चला गया था। एएसपी ने बताया कि पूछताछ के बाद कई बिंदुओं पर निर्णय लिया जाएगा।
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Patna News: दो अलग-अलग सड़क हादसों में तीन की मौत, फतुहा में घायल हुए तीन लोगों की हालत गंभीर
जागरण टीम, बिहटा/पटना। वाहन चालकों में गति सीमा का उल्लंघन और गलत दिशा में परिचालन करने की प्रवृत्ति सुधर नहीं रही है। रविवार को बिहटा और फतुहा थाना क्षेत्रों में आमने-सामने की टक्कर की अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत की जानकारी मिली है।
बिहटा में जहां अनियंत्रित ट्रक की चपेट में आने से आटो चालक की मौत हो गई, वहीं फतुहा में कार और ट्रक की सीधी टक्कर में दो लोग मर गए। कुछ लोग जख्मी भी हुए हैं। शनिवार की भोर में बिहटा में ही दो कारों के भिड़ंत में दो युवकों की जान चली गई थी।
लगातार हो रहे हादसों के बाद भी वाहन चालक गति पर ब्रेक नहीं लगा रहे और न ही रांग साइड से चलना छोड़ रहे हैं। ट्रैफिक डीएसपी अनिल कुमार ने बताया कि स्पीड गन से गति सीमा का उल्लंघन करने वाले वाहनों की पहचान कर समन किया जा रहा है।
गलत दिशा में परिचालन करने वालों पर भी कार्रवाई जारी है। ट्रैफिक पुलिस समय-समय जागरूकता अभियान चलाती है। चालकों को मोटरयान अधिनियम का पालन करना चाहिए। इससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
दुर्घटना के बाद ट्रक छोड़ चालक फरारबिहटा थाना चौक के समीप पीताम्बर नगर में आटो को टक्कर मारने के बाद आरोपित चालक ट्रक छोड़ कर फरार हो गया। हादसे में आटो चालक की मौत हो गई, जिसकी पहचान अमहारा के सिकरिया निवासी धर्मेंद्र कुमार सिंह उर्फ टेंगर (42) के रूप में हुई है। पुलिस ने दोनों क्षतिग्रस्त वाहनों को जब्त कर लिया है।
बताया जाता है कि धर्मेंद्र सड़क किनारे आटो लगाकर पंक्चर बनवा रहा था। तभी तेज रफ्तार ट्रक ने उसे रौंद डाला। लोग पीछा करने लगे तो आरोपित वाहन छोड़ कर भाग निकला। इधर, धर्मेंद्र को अस्पताल पहुंचाने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। प्रशिक्षु एएसपी दीक्षा भंवरे ने बताया कि आरोपित चालक की पहचान कर गिरफ्तारी सुनिश्चित कराई जाएगी।
फतुहा हादसे में तीन की हालत गंभीर
फतुहा-दनियावां एनएच पर शनिवार की देर रात गैस सिलेंडर लदे ट्रक और कार की सीधी टक्कर में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन की हालत अभी गंभीर बनी है। जख्मी लोगों का उपचार एनएमसीएच में चल रहा है।
मृतकों में सूरज यादव और मनीष कुमार शामिल हैं, जबकि सीताराम, गुड्डू कुमार एवं धर्मेश कुमार उपचाराधीन हैं। कार सवार सभी लोग मिर्जापुर नोहटा मोहल्ले के रहने वाले हैं।
बताया जाता हैकि सूरज और मनीष सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। दोनों मिलनसार स्वभाव के थे। रविवार को उनके शव पहुंचते ही गांव में कोहराम मच गया।
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Bihar Politics: जिसने किया सपोर्ट उसी की जड़ काटते गए Lalu Yadav! मंडल-कमंडल राजनीति के बीच कैसे बर्बाद हुई कांग्रेस?
विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। बिहार में कांग्रेस आज दोराहे पर खड़ी है। कांग्रेस की सहमति के बगैर लालू वाम दलों की सीटें तय कर दीं और राजद प्रत्याशियों को सिंबल बांटे जा रहे।
परंपरागत सीटों को भी वे नहीं छोड़ रहे। कांग्रेस असमंजस में है। ऐसी ही स्थिति उसके लिए 1999 में बनी थी। तब बिहार-झारखंड संयुक्त थे और कांग्रेस का राजद से समझौता था।
मुकाबले के लिए कुल 54 में उसे मात्र 13 सीटें मिलीं। उनमें से भी पांच पर दोस्ताना संघर्ष करना पड़ा। जीत मिली मात्र दो पर। उसके बाद से बिहार में कांग्रेस के पुराने गौरव के दिन कभी नहीं लौटे, चाहे वह राजद के साथ गठबंधन में रही या अपने बूते चुनाव मैदान में।
मंडल-कमंडल ने बिगाड़ा कांग्रेस का खेलराजद के साथ कांग्रेस का पहला गठबंधन 1998 में हुआ था। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा का कहना है कि तब बिहार में अपनी सरकार के लिए लालू को कांग्रेस का आसरा चाहिए था। वह मंडल-कमंडल की राजनीति का चरम दौर था।
भाजपा की उठान से आहत कांग्रेस भूल गई कि उसे बिहार की सत्ता से अपदस्थ करने वाले लालू ही हैं। एक बार कांग्रेस पाले में क्या आई कि लालू धीरे-धीरे उसके आधार मतों में सेंधमारी करने लगे।
लालू का पूरा जोर इस पर है कि बिहार की राजनीतिक कांग्रेस वैकल्पिक शक्ति न बन जाए। वस्तुत: अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यकों के साथ सवर्णों को मिलाकर कांग्रेस का जनाधार था।
कांग्रेस को छोड़ भाजपा की ओर खिंचते गए सवर्णसवर्ण भाजपा की ओर खिंचते गए और बाकी जातियों को राजद समेटती गई। राजद ने अपना मजबूत माई (मुस्लिम-यादव) समीकरण बना लिया। इस समीकरण के बूते वह अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर चुका है।
उससे आगे की उपलब्धि इस सामाजिक समीकरण को विस्तारित करके ही संभव है। इसीलिए तेजस्वी यादव माई के साथ बाप (बहुजन, अगड़ा व पिछड़ा) की बात कर रहे।
दूसरी तरफ अपने मूल जनाधार को खो चुकी कांग्रेस कोई नया समीकरण बनाने के बजाय इस कदर निर्भर हुई कि राजद ही उसके भाग्य का निर्णय करने लगा।
कांग्रेस को पहले भी ऐसा झटका दे चुके हैं लालू यादवइस बार महागठबंधन में सीटें और सिंबल बांटने का लालू जो एकतरफा निर्णय लिए जा रहे, वह कोई पहला मामला नहीं है। 2009 में भी उन्होंने कांग्रेस को मात्र तीन सीटों (सासाराम, औरंगाबाद, मधुबनी) की पेशकश की थी, जो उसकी सिटिंग थीं। अंतत: दोनों दलों के लिए अकेले बूते संघर्ष की नौबत बनी।
कांग्रेस दो संसदीय क्षेत्रों में विजयी रही और दो पर निकटतम प्रतिद्वंद्वी। तब राजद भी दो सीटों पर सिमट गया था। उसके बाद विधानसभा के उप चुनाव में भी कांग्रेस 18 में से दो सीटों पर विजयी रही।
2010 के विधानसभा चुनाव में भी राजद की दुर्गति हुई, जबकि कांग्रेस के वोट में तीन प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। अंतत: दोनों साथ फिर साथ हुए तो 2019 में महागठबंधन की लाज एकमात्र उस किशनगंज में बची, जिसे कांग्रेस ने जीता।
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राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar BJP Candidate List । राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के तहत बिहार (Bihar Politics) में अपने हिस्से के 17 संसदीय क्षेत्रों के लिए भाजपा ने प्रत्याशियों की घोषणा (Bihar BJP List ) कर दी है। बक्सर, सासाराम (सुरक्षित) और मुजफ्फरपुर के निवर्तमान सांसद क्रमश: अश्विनी चौबे, छेदी पासवान और अजय निषाद का टिकट कट गया है।
उन तीनों सीटों पर नए चेहरे हैं। सवर्णों पर सर्वाधिक भरोसा जताया गया है, जबकि एक भी महिला को अवसर नहीं मिला है।
आशंकाओं को दरकिनार करते हुए पार्टी ने आरके सिंह, रविशंकर प्रसाद और रामकृपाल यादव को इस बार भी अवसर दिया है।
नवादा में भूमिहार समाज से विवेक ठाकुर प्रत्याशी बनाए गए हैं, जो राज्यसभा के सदस्य हैं। इस सीट पर पिछली बार लोजपा के चंदन सिंह विजयी रहे थे। इस बार लोजपा की जो एक सीट कम की गई है, वह नवादा ही है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे हुए पैदलरविवार को जारी अपनी पांचवीं सूची में भाजपा ने बिहार के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है। टिकट बंटवारे में सामाजिक समीकरणों के साथ अनुभवी चेहरों को प्राथमिकता दी गई है। बिहार से भाजपा कोटे के केंद्रीय मंत्रियों में एकमात्र अश्विनी चौबे पैदल हुए हैं।
सबसे अधिक चौंकाने वाला नामसबसे अधिक चौंकाने वाला नाम राज भूषण निषाद का है, जो मुजफ्फरपुर में दांव आजमाएंगे। पिछली बार वे महागठबंधन में विकासशील इंसान पार्टी के प्रत्याशी थे और अजय निषाद से हार गए थे। हालांकि बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए थे।
राज भूषण निषाद अभी प्रदेश इकाई में उपाध्यक्ष का दायित्व निभा रहे। उनके अलावा प्रदेश महामंत्री मिथिलेश तिवारी और शिवेश राम क्रमश: बक्सर और सासाराम के मैदान में होंगे। इस तरह प्रदेश संगठन के तीन पदाधिकारियों को अवसर मिला है।
आधी आबादी को अवसर नहींसंसद और विधानसभा में आधी आबादी के लिए एक तिहाई आरक्षण पर मुखर रही भाजपा की सूची में किसी भी महिला को अवसर नहीं मिला है। पिछली बार रमा देवी शिवहर से निर्वाचित हुई थीं।
बिहार से संसद में भाजपा की एकमात्र महिला प्रतिनिधि थीं। इस बार शिवहर सीट जदयू के हवाले हो गई है। हालांकि वहां जदयू की प्रत्याशी महिला (बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद) ही हैं।
सबसे अधिक सवर्णों पर भरोसाभाजपा के 17 प्रत्याशियों में दस सवर्ण हैं, चार पिछड़ा वर्ग से और शिवेश राम अनुसूचित जाति से। पिछड़ा वर्ग से नित्यानंद, रामकृपाल और अशोक यादव समाज से हैं, जबकि बनिया बिरादरी से संजय जायसवाल। अति पिछड़ा में प्रदीप गंगोता समाज से हैं और मल्लाह से जय भूषण।
सवर्णों में सर्वाधिक पांच राजपूत (आरके सिंह, राधामोहन, सुशील, सिग्रीवाल और रूड़ी) हैं। मिथिलेश और गोपालजी ब्राह्मण हैं। दो भूमिहार हैं : गिरिराज और विवेक। कायस्थ समाज से एकमात्र रविशंकर हैं।
भाजपा के प्रत्याशीपटना साहिब : रविशंकर प्रसाद
पाटलिपुत्र : रामकृपाल यादव
बक्सर : मिथिलेश तिवारी
आरा : आरके सिंह
बेगूसराय : गिरिराज सिंह
औरंगाबाद : सुशील सिंह
नवादा : विवेक ठाकुर
सासाराम : शिवेश राम
सारण : राजीव प्रताप रूड़ी
महाराजगंज : जनार्दन सिंह सिग्रीवाल
मुजफ्फरपुर : राज भूषण निषाद
उजियारपुर : नित्यानंद राय
पश्चिमी चंपारण : डा. संजय जायसवाल
पूर्वी चंपारण : राधामोहन सिंह
मधुबनी : अशोक कुमार यादव
दरभंगा : गोपालजी ठाकुर
अररिया : प्रदीप कुमार सिंह
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BJP List: भाजपा ने बिहार में उम्मीदवारों का किया एलान, चौबे का काटा टिकट तो गिरिराज पर जताया भरोसा, देखें लिस्ट
जागरण टीम, पटना। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने आखिरकार बिहार में अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। भाजपा ने अपने हिस्से की सभी 17 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का एलान किया है।
भाजपा ने बेगूसराय सीट पर एक बार फिर गिरिराज सिंह पर भरोसा जताया है, जबकि वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रविशंकर प्रसाद को पटना साहिब से एक बार फिर मैदान में उतारा है।
पश्चिमी चंपारण सीट पर भाजपा ने पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल को मैदान में उतारने का फैसला किया है। इसके अलावा, वरिष्ठ नेता नित्यानंद राय को उजियारपुर, सारण से राजीव प्रताप रूड़ी और पाटिलिपुत्र से रामकृपाल यादव व आरा से केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को टिकट दिया है।
इन प्रमुख नामों के अलावा, भाजपा ने मधुबनी से अशोक कुमार यादव, अररिया से प्रदीप कुमार सिंह, दरभंगा से गोपाल जी ठाकुर, मजफ्फरपुर से राजभूषण निषाद, महराजगंज से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, बक्सर से मिथिलेश तिवारी और सासाराम से शिवेश राम को टिकट दिया है।
अश्विनी चौबे का कटा टिकटभाजपा ने इस बार चार नए चेहरों को मैदान में उतारा है। जिन सांसदों का टिकट कटा है, उनमें सबसे बड़ा नाम केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का है। अश्विनी चौबे की जगह भाजपा ने इस बार पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी पर भरोसा जताया है।
इसके अलावा, मुजफ्फरपुर सीट पर अजय निषाद की जगह राजभूषण निषाद को टिकट दिया है। वहीं सासाराम से छेदी पासवान का टिकट इस बार कट गया है। उनकी जगह शवेश राम को उम्मीदवार बनाया गया है।
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'Lalu Yadav बिहार में कांग्रेस के सबसे बड़े दुश्मन', राजद के सिंबल बांटने पर महागठबंधन में बवाल
'Lalu Yadav बिहार में कांग्रेस के सबसे बड़े दुश्मन', राजद के सिंबल बांटने पर महागठबंधन में बवाल
राज्य ब्यूरो, पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा राजद प्रत्याशियों को एकतरफा सिंबल दिए जाने और वाम दलों को सीटें बांट देने से कांग्रेस में क्षुब्ध नेता मुखर होने लगे हैं।
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्य किशोर कुमार झा ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है कि बिहार में कांग्रेस की जो फजीहत हुई है, वह कोई नई स्थिति नहीं है। तब भी पार्टी उन बेईमानों के साथ गठबंधन के लिए आतुर है। ऐसे रणनीतिक कारकों से घिन आती है।
उन्होंने आगे लिखा कि मैं शीर्षस्थ नेताओं से लगातार कहता रहा कि प्रदेश में कांग्रेस का सबसे बड़े दुश्मन लालू प्रसाद हैं। किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
बता दें कि शनिवार को औरंगाबाद के पूर्व सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता निखिल कुमार ने राजद द्वारा गठबंधन धर्म नहीं निभाने पर सख्त चेतावनी दी थी। निखिल ने कहा था कि राजद द्वारा बिना सीट शेयरिंग हुए सिंबल बांटने से महागठबंधन को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
बक्सर में महिलाओं पर बल प्रयोग की कांग्रेस ने की निंदाकांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आनंद माधव ने एक बयान जारी कर कहा कि बक्सर के चौसा में पावर प्लांट के गेट पर धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों के घर में घुसकर पुलिस द्वारा महिलाओं और किसानों के स्वजनों को मारा-पीटा जाना तथा तोड़-फोड़ करना शर्मसार करने वाली घटना है।
किसानों के परिवार पर हुए इस अमानवीय अत्याचार की जितनी भी निंदा की जाए, कम है। सरकार इस दरिंदगी के पीछे अपनी मंशा स्पष्ट करे तथा दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे।
बिहार कांग्रेस बक्सर के किसानों एवं उनके परिवार के साथ सहानुभूति रखती है एवं कष्ट में उनके साथ है। किसान न्याय इन सारी समस्याओं का एकमात्र समाधान है।
सुमन कुमार ने राज्यपाल से मिलकर होली की शुभकामना दीराजभवन में रविवार को राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर से कांग्रेस नेता सुमन कुमार मल्लिक ने शिष्टाचार मुलाकात की। शाल भेंट कर उन्होंने राज्यपाल का अभिवादन किया और होली की शुभकामना दी।
मल्लिक ने कहा कि राज्य का संवैधानिक प्रमुख होते हुए भी आर्लेकर की सादगी और व्यवहार समाज-सेवा में रहने वालों के लिए अनुकरणीय है।
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राज्य ब्यूरो, पटना। चंद रोज पहले जदयू छोड़ने वाले वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अली अशरफ फातमी ने रविवार को लालू प्रसाद से मिलकर राजद की सदस्यता ले ली। फातमी के साथ ही उनके पुत्र फराज फातमी भी राजद में शामिल हो गए हैं। फातमी ने इस मौके पर कहा ये उनकी राजद में सदस्यता नहीं घर वापसी है।
रविवार की दोपहर अली अशरफ फातमी अपने पुत्र फराज फातमी के साथ 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी आवास पहुंचे और लालू प्रसाद से मुलाकात की।
फातमी को जल्द टिकट देंगे लालू यादवचर्चा है कि फातमी को राजद जल्द ही मधुबनी से चुनाव सिंबल देगा। फातमी के अलावा रविवार को दो अन्य नेताओं ललित यादव और रामा सिंह ने भी लालू प्रसाद से मुलाकात की और लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है।
ललित यादव ने यहां से लड़ने की जताई इच्छाराजद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ललित यादव ने लालू प्रसाद के समक्ष दरभंगा से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की, जबकि रामा सिंह वैशाली अथवा शिवहर से चुनाव लडना चाहते हैं।
प्रतीक्षा करने का मिला निर्देशइन नेताओं ने आश्वासन दिया है गया है कि थोड़ी प्रतीक्षा कर लें। एक दो दिन की अंदर सारी तस्वीर साफ हो जाएगी।
माना जा रहा है कि रामा सिंह का शिवहर से, फातमी का मधुबनी से जबकि ललित यादव का दरभंगा से चुनाव लड़ना करीब-करीब तय हो गया है। सिर्फ लालू प्रसाद का आधिकारिक एलान होना मात्र शेष है।
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लालू, राबड़ी व तेजस्वी यादव ने दी होली की शुभकामनाएंराजद प्रमुख लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत राजद के अन्य नेताओं ने प्रदेश और देश की जनता को होली की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
इन नेताओं ने अपने होली संदेश में कहा कि रंगों का त्यौहार होली एक दूसरे के प्रति परस्पर संबंधों को मजबूत बनाने वाला, आपसी भाई चारा, प्रेम और विश्वास को मजबूत करने वाला त्यौहार है।
इसमें सभी एक दूसरे के साथ रंगों की तरह घुल-मिलकर आपसी सद्भाव के साथ इस त्यौहार को मनाते हैं और यह एकता के सूत्र में पिरोने वाला त्यौहार है।
लालू प्रसाद के साथ ही तेज प्रताप यादव, मीसा भारती, शक्ति सिंह यादव, एजाज अहमद और चितरंजन गगन ने भी होली की शुभकामनाएं दी हैं।
Tejashwi Yadav की बेटी का बर्थडे मनाने परिवार संग दिल्ली निकले लालू, कुर्ता फाड़ होली की राह तकते रह गए कार्यकर्ता
राज्य ब्यूरो, पटना। लालू प्रसाद अपने परिवार के साथ रविवार की शाम पटना से दिल्ली के लिए प्रस्थान कर गए। लालू प्रसाद के साथ पत्नी राबड़ी देवी के अलावा बिहार के नेता प्रतिपक्ष और पुत्र तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और मीसा भारती भी दिल्ली गए हैं।
लालू प्रसाद के परिवार की दिल्ली की इस यात्रा के पीछे दो प्रयोजन हैं। तेजस्वी यादव की पुत्री कात्यायनी का पहला जन्म दिवस और होली।
27 मार्च को कात्यायनी के पहले जन्मदिवस के मौके पर दिल्ली में समारोह आयोजित किया है। इसके साथ ही लालू परिवार के साथ दिल्ली में ही होली मनाना चाहते थे।
पार्टी के लोगों को उम्मीद थी कि इस बार होली के पर्व पर लालू प्रसाद पटना में रहेंगे, लेकिन लालू प्रसाद ने पटना की बजाय दिल्ली में रहन का निर्णय किया और दिल्ली रवाना हो गए।
कभी लालू आवास पर होती थी कुर्ता फाड़ होलीयहां बता दें कि करीब दो दशकों से लालू आवास में होली का पर्व उस तरह नहीं मनाया गया, जो 1997 से लेकर 2000 तक मनाया जाता था।
उस दौर में लालू प्रसाद के आवास पर कुर्ता फाड़ होली हुआ करती थी, लेकिन चारा घोटाले में लालू प्रसाद का नाम आने और बाद में सजा होने के बाद से वैसी होली कभी लालू-राबड़ी आवास में नहीं मनाई गई।
नीतीश कुमार ने प्रदेशवासियों काे होली की शुभकामनाएं दींमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश व देशवासियों को रंगों के त्योहार होली की शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि हाेली सामाजिक समरसता का प्रतीक है। होली का पवित्र त्योहार राज्यवासियों की जिंदगी में खुशियों का नया रंग लेकर आएगा।
उन्होंने आगे लिखा कि यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है। इस पर्व की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि बिना किसी भेदभाव के लोग एक दूसरे के प्रति प्रेम-सद्भाव का व्यवहार रखते हैं। लोग आपस में मिल-जुलकर खुशियां बांटते हैं।
मु्ख्यमंत्री ने राज्यवासियों से यह अपील की है कि होली का त्योहार पारस्परिक प्रेम, आपसी भाईचारे एवं सामाजिक सद्भाव के साथ मनाएं।
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Bihar Politics: बिहार की वो सीटें, जहां नीतीश कुमार को मिली सीधी चुनौती, क्या इस बार 'खेल' कर पाएंगे लालू यादव?
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। जदयू ने रविवार को अपने प्रत्याशियों के नाम की घाेषणा कर दी। उसके साथ ही राजनीतिक गलियारे में यह जोड़-घटाव आरंभ हो गया कि 2019 में जदयू ने जो 16 सीटें जीतीं थी, उनमें वह अपने किस प्रतिद्वंद्वी के साथ अपेक्षाकृत अधिक सहज रहा?
आंकड़े बता रहे हैं कि जदयू ने राजद के प्रत्याशियों को आठ सीटों पर हराया। इसके अलावा, कांग्रेस को पांच सीटों पर पराजित किया था। जबकि एक पर कांग्रेस उम्मीदवार के सामने हार का सामना करना पड़ा था।
इन दो बड़ी पार्टियों के अलावा, दो सीटों पर जदयू का सीधा मुकाबला हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) से था। एक सीट पर रालोसपा के प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा को भी जदयू ने हराया था। यानी जदयू के सामने जब राजद के प्रत्याशी थे तब जदयू के वोटर कुछ अधिक सक्रिय दिखे।
जब जदयू के सामने राजद के उम्मीदवार थेपिछली बार आठ सीटों पर जदयू का राजद से मुकाबला था। छह सीटों पर जदयू प्रत्याशी की जीत दो लाख से अधिक मतों से हुुई। इनमें दो सीटों पर जीत का अंतर तीन लाख मतों से भी अधिक था। झंझारपुर में जदयू की जीत 3.22 लाख मतों से हुई थी।
मधेपुरा में जीत का अंतर 3.01 लाख मतों का था। सीतामढ़ी में 2.50 लाख, भागलपुर में 2.77 लाख, बांका में 2.00 लाख तथा गोपालगंज में 2.86 लाख मतों के अंतर से जीत मिली।
सिवान में 1.16 लाख मतों के अंतर से राजद प्रत्याशी को हराया। जदयू को राजद ने सबसे बड़ा मुकाबला जहानाबाद सीट पर दिया था। वहां से राजद प्रत्याशी की हार मात्र 1,751 वोटों से हुई थी।
कारकाट सीट पर जदयू ने रालोसपा प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा को 84,542 मतों से पराजित किया था। राजग में यह सीट इस बार उपेंद्र कुशवाहा के दल राष्ट्रीय लोक मोर्चा को मिल गई है।
कांग्रेस से जदयू का छह जगहों पर था सीधा मुकाबलाकांग्रेस के साथ जदयू का मुकाबला आधा दर्जन सीटों पर था, जिसमें किशनगंज सीट पर जदयू को हार मिली थी। वाल्मीकिनगर सीट पर जदयू ने कांग्रेस प्रत्याशी रो 3.54 लाख मतों से हराया था।
सुपौल में जदयू की कांग्रेस पर 2.66 लाख मतों से जीत हुई थी, कटिहार में जदयू प्रत्याशी ने कांग्रेस के उम्मीदवार को 57 हजार वोट से हराया था।
पूर्णिया में कांग्रेस की हार जदयू प्रत्याशी से 2.63 लाख मतों से हुई थी। मुंगेर में यह अंतर 1.67 लाख का था। किशनगंज में कांग्रेस ने जदयू को 34 हजार मतों के अंतर से हरा दिया था।
मांझी की पार्टी के साथ भी दो जगहों पर था सीधा मुकाबलाजदयू का 2019 के चुनाव में जीतन राम मांझी की पार्टी हम के उम्मीदवार से सीधा मुकाबला था। नालंदा में जदयू ने हम को 2.66 लाख मतों से हराया। वहीं गया में हम की हार जदयू प्रत्याशी से 1.52 लाख वोटों से हुई थी।
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राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू प्रदेश कार्यालय में पार्टी के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के मौके पर जदयू के लगभग सभी दिग्गज नेता और मंत्री मौजूद रहे। प्रत्याशियों के नामों की सूचना देने के बाद सभी ने यह दावा किया कि इस बार एनडीए गठबंधन बिहार में सभी 40 सीटों पर जीत हासिल करेगा। पिछले चुनाव में एक सीट की जो कमी रह गयी थी वह भी इस बार पूरी हो जाएगी।
जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि एनडीए के सभी प्रत्याशियों को जिताने के लिए पार्टी के सभी लोग जी जान से लगेंगे। हम निश्चित रूप से जीतेंगे।
महागठबंधन में सिरफुटौव्वल: ललन सिंहराजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि महागठबंधन में टिकट को लेकर सिर फुटौव्वल की स्थिति है। कोई सिंबल लेकर भाग रहा तो कोई अलग बात कह रहा।
जदयू छोड़ राजद का दामन थाम चुकी विधायक बीमा भारती के संबंध में पूछा गया, तो यह जबाव आया कि टिकट की दौड़ में उन्होंने पार्टी को छोड़ा।
सभी जातियों को मिला प्रतिनिधित्व: बिजेंद्रऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि जदयू ने प्रत्याशियों की जिस सुूची को जारी किया है, उसमें सभी जाति के लोगों का प्रतिनिधित्व है। इसके अलावा, दो महिलाओं को भी जगह मिली है।
ये भी रहे मौजूदजदयू प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के मौके पर जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, मंत्री अशोक चौधरी, लेसी सिंह, श्रवण कुमार, सुनील कुमार, जमा खान व जयंत राज सहित विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी भी मौजूद थे।
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Bihar Politics: बिहार से वाम दलों का अस्तित्व क्यों हो रहा समाप्त? पढ़िए इसकी मुख्य वजह, इस पार्टी ने बिगाड़ा खेल
दीनानाथ साहनी, पटना। Bihar Political News Hindi: वर्ष 2019 के प्रदर्शन पर गौर करें तो इस बार का लोकसभा चुनाव वाम दलों के लिए अस्तित्व का संघर्ष बन गया है। पिछली बार राजद के समर्थन से भाकपा (माले) ने आरा लोकसभा सीट पर उम्मीदवार उतारा था, लेकिन भाजपा ने माले को करारी शिकस्त दी थी।
वहीं माले जहानाबाद, काराकट और सिवान में अकेले चुनाव लड़ा, जहां उसे जीत नहीं मिली। इसी तरह भाकपा अपनी परंपरागत सीट बेगूसराय में अकेले बूते चुनाव लड़कर हार गई थी।
जबकि उजियारपुर में माकपा हारी थी। इस बार राजद के नेतृत्व में गठित महागठबंधन के अंतर्गत वाम दल पांच सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। राजनीतिक पंडित मान रहे कि वाम दलों के लिए इस बार का चुनाव अस्तित्व की लड़ाई सरीखा है। दरअसल, वाम दल बिहार में संगठन की कमी के साथ नेतृत्व के संकट से भी जूझ रहे हैं।
ऐसे में देखना होगा कि बिहार में इस बार राजद के सहारे वामपंथी दलों की क्या उपलब्धि रहती है। 1996 से पहले बिहार में वाम दल मजबूत स्थिति में थे, लेकिन लालू प्रसाद के उभार में वामदल अपनी सियासी जमीन गंवा बैठे। वाम दलों के वोटर राजद में शिफ्ट हो गए। राजद का पिछलग्गू बनकर रहे वाम दलों ने बचा-खुचा जनाधार भी खो दिया।
वाम दलों के लिए राजद के आसरे की मजबूरीइस बार लालू ने वाम दलों को मात्र पांच सीटें दी हैं। इसमें बेगूसराय से भाकपा, खगड़िया से माकपा, आरा, नालंदा और काराकट से भाकपा माले के उम्मीदवार हैं। एनडीए के मुकाबले में वामदल कहीं नहीं दिख रहे हैं। यानी, ये चुनाव वामपंथी दलों लिए अस्तित्व बचाने की लड़ाई मानी जा रही है। ऐसे में राजद के साथ की मबजूरी है।
1999 के बाद नहीं खुला खातापिछले ढाई दशक से ज्यादा समय से बिहार में लोकसभा चुनाव में वाम दलों का खाता नहीं खुला है। अंतिम बार 1999 में भागलपुर लोकसभा सीट से माकपा के सुबोध राय ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी प्रभास चंद्र तिवारी को करीब 37 हजार वोटों के अंतर से हराया था। उसके बाद वामदलों का खाता नहीं खुला। 2019 के में भी वाम दल छह सीटों-आरा, बेगूसराय, उजियारपुर, सिवान, काराकाट, जहानाबाद-से चुनाव लड़े और हारे। बिहार में वामदलों का वोट प्रतिशत पिछले कुछ चुनावों में तीन से चार प्रतिशत के बीच ही रहा है।
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Tejashwi Yadav: केके पाठक के खिलाफ खड़े हुए तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार के सामने रख दी बड़ी मांग; क्या मानेंगे सीएम?
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News in Hindi: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के एक और आदेश पर विवाद शुरू हो गया है। पाठक ने अपने नए आदेश में शिक्षकों की होली की छुट्टी रद कर प्रशिक्षण के लिए उपस्थित रहने का आदेश दिया है। जिसके बाद शिक्षकों और शिक्षक नेताओं में आक्रोश है।अब राजीनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है।
केके पाठक के खिलाफ खड़े हुए तेजस्वी यादवशिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) के इस फैसले को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार सरकार के आदेशानुसार शिक्षकों को होली के दिन भी उपस्थित रहना है।
बिहार में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि होलिकोत्सव अथवा होली अवकाश के दिन जब पूरा राज्य होली मना रहा होगा, तब शिक्षक अपने परिवार से दूर रहेंगे।
तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। तेजस्वी ने अपने एक्स मीडिया पर इस मामले को पोस्ट भी किया है।
तेजस्वी ने कहा कि आदेश के अनुसार जो शिक्षक ट्रेनिंग में नहीं हैं उन्हें स्कूल जाना पड़ेगा। हालांकि बच्चों की परीक्षाएं टाल दी गई हैं।
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Bihar Politics: उपेंद्र कुशवाहा को मिला 'चुनाव चिह्न', निर्वाचन आयोग ने आज दी मंजूरी; नीतीश के बारे में दिया ये बयान
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Hindi: चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) को चुनाव चिन्ह प्रदान कर दिया है। उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की पार्टी को आयोग ने गैस सिलेंडर का सिंबल दिया है। लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी इसी सिंबल पर चुनाव मैदान में उतरेगी। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी को कामन सिंबल दिया गया है। भरा हुआ गैस सिलेंडर हमारा सिंबल है. लोकसभा चुनाव इसी सिंबल पर चुनाव लड़ेगे ।
रविवार को पटना में प्रेस से उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने कहा कि बिहार की जनता की समृद्धि के लिए उनकी पार्टी काम करेगी। हमारे कंधों पर 40 लोकसभा सीट है। उन्होंने कहा कि बिहार में 40 की 40 सीट एनडीए को मिलेगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ अपने रिश्तों को लेकर कहा कि चुनाव में जहां नीतीश कुमार को हमारी जरूरत होगी, वहां हम उन्हें मदद करेंगे। हमें उनके सहयोग की जरूरत होगी वहां उनसे मदद लेंगे।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इस बार के चुनाव में सभी 40 सीटों को जितने के लक्ष्य के साथ बिहार में एनडीए उतरी है। हमारी पार्टी अपने सिंबल के साथ मैदान में उतरेगी और जीत हासिल करेगी। उन्होंने आरएलएम को एनडीए में सिर्फ एक सीट मिलने पर इसे आपसी समझौते से हुआ फैसला करार दिया।
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Bihar Politics: विधानसभा चुनावों में गिरता-संभलता रहा, लोकसभा चुनाव में लगातार आउट रहा राजद
सुनील राज, पटना। Bihar News: अब तक दर्जनभर प्रत्याशियों को सिंबल दे चुके राजद को उनसे आशा है कि वे उन सीटों को उसकी झोली में डालेंगे। हालांकि, विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राजद को पिछले 20 वर्षों में लोकसभा चुनावों में उल्लेखनीय सफलता नहीं मिल पाई है।
लगभग 20 वर्ष पहले हुए लोकसभा चुनाव में राजद (RJD) ने बेहतर प्रदर्शन किया और 24 सीटों पर जीत हासिल की। उसका परिणाम था कि लालू प्रसाद रेल मंत्री तक बने, लेकिन 2004 की सफलता का ग्राफ 2009 आते-आते गिरना शुरू हो गया। 2009 के लोकसभा चुनाव में सीट समझौता विफल होने पर राजद यूपीए से अलग हो गया। राजद ने लोक जनशक्ति पार्टी और समाजवादी पार्टी के साथ अपना गठबंधन बनाया, जिसे तब चौथा मोर्चा करार दिया गया।
बावजूद राजद (RJD) का प्रदर्शन खराब रहा और उसे चार सीटें ही मिल पाईं। 2014 के चुनाव में राजद यूपीए में वापस आ गया। उसने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। राजद ने सीटें लड़ी 27 परंतु जीत मिली चार पर। 2019 में तो उसका खाता तक नहीं खुला। इसकी अपेक्षा विधानसभा चुनावों में उसने बेहतर प्रदर्शन किया है।
2020 का चुनाव राजद, कांग्रेस और वाम दलों ने साथ मिलकर लड़ामोदी लहर और इससे एक साल पहले हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए के शानदार प्रदर्शन के बाद भी राजद को सत्ता पक्ष रोक नहीं पाया। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़े गए विधानसभा चुनाव में राजद ने अकेले 75 सीटें जीतीं। 2015 में भी राजद ने चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया। 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाला राजद 80 सीटों के साथ सबसे बड़ा दल बनकर उभरा।
2010 में प्रदर्शन बेहद खराब रहा था। राजद 168 सीटों पर लड़कर महज 22 सीटें ही जीत पाया। साल 2005 में ऐसा पहली बार हुआ था जब बिहार में एक ही साल के अंदर दो बार विधानसभा चुनाव कराने पड़े। फरवरी 2005 के विधानसभा चुनावों में राबड़ी देवी के नेतृत्व में राजद ने 215 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें 75 सीटें जीती भी। कांग्रेस 10 सीटें जीत पाईं, जबकि जदयू ने 55 और भाजपा 37 सीटों पर जीत दर्ज की।
122 सीटों का स्पष्ट बहुमत ना मिल पाने के कारण कोई भी सरकार नहीं बन पाई और कुछ महीनों के राष्ट्रपति शासन के बाद अक्टूबर-नवंबर में फिर से विधानसभा चुनाव हुए। तब जदयू 88 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरा। भाजपा ने 55 सीटें हासिल की, वहीं राजद 175 सीटों पर चुनाव लड़कर 54 सीटें ही जीत पाया। इन चुनावों में नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई।
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Bihar Politics: गोपाल मंडल के दावों की निकली हवा, नीतीश कुमार ने दिया झटका; भागलपुर से इस प्रत्याशी को मैदान में उतारा
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Political News In Hindi जदयू विधायक गोपाल मंडल (Gopal Mandal) के दावों की हवा निकल गई है। उन्हें बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने उन्हें झटका दे दिया है। भागलपुर सीट से जदयू ने अजय मंडल को मैदान में उतार दिया है। गोपाल मंडल लगातार मीडिया में टिकट को लेकर बयानबाजी कर रहे थे। उन्होंने यह तक कह दिया था कि टिकट उनके पॉकेट में है।
गोपाल मंडल ने यह तक दावा कर दिया था कि अजय मंडल भागलपुर सीट पर बैठने को तैयार हैं। हालांकि, बाद में अजय मंडल ने स्पष्ट कर दिया था कि वह वही करेंगे, जो नीतीश कुमार और जदयू की इच्छा होगी।
अजय मंडल ने पहले ही कर दिया था स्पष्टगौरतलब है कि पत्रकारों ने जब पूछा कि गोपाल मंडल (Gopal Mandal) बोल रहे हैं कि वह भागलपुर संसदीय सीट से चुनाव लड़ेंगे तो इसपर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वह (Ajay Mandal) जदयू का सिपाही हैं। उन्हें पार्टी जहां से खड़ा करेगी वहीं मूर्ति की तरह खड़ा रहेंगे। किसी के बोलने पर वह ध्यान नहीं देते हैं।
गोपाल मंडल को दिया था करारा जवाबअजय मंडल ने यह तक कह दिया था कि कौन क्या बोल रहा है, किसने क्या दावा किया, उससे कोई मतलब नहीं है मुझे। मेरे मुखिया नीतीश कुमार हैं। वह जिसे भागलपुर सीट से उतारेंगे मैं उसी को पूजूंगा। मैं उसकी पूरी मदद करूंगा लेकिन हवा में कोई बात होगी तो उसका जवाब नहीं दे सकता है।
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Pappu Yadav को क्यों RJD में शामिल कराना चाहते थे लालू? कांग्रेस नेता ने बता दिया सबकुछ, इस सीट को लेकर सियासत तेज
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Political News In Hindi बिहार में भले ही एनडीए में सीट बंटवारा हो चुका है, लेकिन इंडी गठबंधन में अब तक रस्साकसी जारी है। सीट बंटवारे से पहले ही लालू यादव (Lalu Yadav) की पार्टी राजद (RJD) ने बिहार में अपने प्रत्याशियों को कुछ सीटों पर सिंबल देना शुरू कर दिया है।
अफवाह है कि पूर्णिया लोकसभा सीट (Purnia Lok Sabha Election) पर भी राजद ने अपना प्रत्याशी फाइनलकर दिया है। इसको लेकर सियासत तेज हो गई है।
दरअसल, पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने हाल ही में अपनी पार्टी का कांग्रेस (Congress) में विलय कराया है। वह लंबे समय से पूर्णिया सीट को लेकर फील्डिंग कर रहे हैं। कई बार, पप्पू यादव इस सीट पर महागठबंधन की ओर से दावेदारी कर चुके हैं। इसको लेकर अपने एक्स हैंडल पर उन्होंने लिखा कि वे मर जाएंगे, लेकिन कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे। दुनिया छोड़ देंगे, लेकिन पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे।
पप्पू यादव ने बता दिया क्या चाहते थे लालूअब पप्पू यादव ने लालू यादव को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लालू यादव चाहते थे कि वह मधेपुरा सीट से चुनाव लड़ें, लेकिन पप्पू ने साफ तौर पर मना कर दिया। पप्पू यादव ने कहा कि वह इस सीट पर उनकी पूरी मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि लालू यादव की इच्छा थी कि वह (पप्पू यादव) राजद में शामिल हो जाएं, लेकिन उन्होंने कांग्रेस को चुना।
पप्पू ने आगे यह भी कहा कि जब एक विचारधारा पर महागठबंधन चल रहा है तो चाहे किसी पार्टी के साथ विलय हो, कोई फर्क नहीं होना चाहिए। इसमें अहंकार का कोई विषय नहीं है। उन्होंने कहा कि वह फिर यह कह रहे हैं कि दुनिया छोड़ देंगे लेकिन पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे।
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जागरण संवाददाता, पटना। Bihar News: बैंकों में अगले सप्ताह कई दिन अवकाश रहेगा। इस बार मंगलवार व बुधवार को होली अवकाश रहेगा। इसके अतिरिक्त शुक्रवार को गुड फ्राइडे पर बैंक बंद रहेगा। ऐसे में वित्तीय वर्ष समाप्ति महीना होने को लेकर आरबीआइ ने बैंकों को 31 मार्च को रविवार होने के बावजूद बैंक को खोलने का निर्देश दिया है।
एसबीआइ अधिकारी संघ के महासचिव अमरेश विक्रमादित्य ने बताया कि 30-31 को सामान्य कार्य को लेकर से निर्देश आएंगे। आरबीआइ ने ट्रेजरी शाखा को चालू रखने का निर्देश दिया है।
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एएनआई, पटना। Bihar News: नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने 16 उम्मीदवारों के नाम जारी किए। राजीव रंजन (ललन) सिंह मुंगेर से और लवली आनंद शिवहर से चुनाव लड़ेंगी। वहीं इसके अलावा सुनील कुमार बाल्मिकी नगर से लड़ेंगे। सीतामढ़ी से देवेश चंद्र ठाकुर लड़ेगे। झांझारपुर से रामप्रीत मंडल लड़ेंगे चुनाव। इसके अलावा भागलपुर से अजय कुमार मंडल लड़ेंगे चुनाव।
इसके अलावा सुपौल से दिलेश्वर कामैत चुनाव लड़ेंगे। किशनगंज से मुजाहिद आलम को टिकट दिया गया है। वहीं कटिहार से दुलालचंद्र गोस्वामी मैदान में उतरेंगे। पूर्णिया से संतोष कुमार चुनाव लड़ेंगे। वहीं मधेपुरा से दिनेश चंद्र यादव चुनाव लड़ेंगे। वहीं गोपालगंज से डॉक्टर आलोक कुमार सुमन चुनाव लड़ेंगे। सिवान से विजयालक्ष्मी देवी चुनाव लड़ेंगी।
भागलपुर से अजय कुमार मंडल को टिकट मिला है। वहीं गोपाल मंडल खाली हाथ रह गए। बांका से गिरिधारी यादव को टिकट मिला है। नालंदा से कौशलेंद्र कुमार को उतारा गया है। चंद्रेश्वर शाह को जहानाबाद से टिकट मिला है।
दो सीटों पर सिटिंग एमपी का टिकट कटाजिन सीटों पर मौजूदा सांसदों को हटा दिया गया है, वे सीटें हैं-सीतामढ़ी, जहां विधान परिषद के अध्यक्ष देवेश चंद्र ठाकुर जदयू के उम्मीदवार होंगे वहीं सुनील कुमार पिंटू का टिकट काट दिया गया है। सीवान, जहां विजय लक्ष्मी कुशवाहा को पति रमेश सिंह कुशवाहा के साथ पार्टी में शामिल होने के ठीक एक दिन बाद टिकट मिला। सीवान से कविता सिंह ने 2019 में बाजी मारी थी।
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Prashant Kishor: बीपीएससी पेपर लीक में नेताओं का कनेक्शन? प्रशांत किशोर के आरोप से मचेगा सियासी बवाल
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Political News in Hindi जनसुराज यात्रा के संयोजक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने अब बीपीएससी पेपर लीक पर ऐसा बयान दे दिया है जिससे सियासी बवाल मच सकता है। उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में पेपर लीक होना कोई न्यूज नहीं है, बिना पेपर लीक परीक्षा होना ये न्यूज है।
पेपर लीक करने वालों के साथ शिक्षा मंत्री फोटो खींचवाएंगे तो क्या होगा: प्रशांत किशोरप्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कहा कि यह रोजमर्रा की घटना है। पिछले 10 साल में 60 से ज्यादा अलग-अलग परीक्षाओं में पेपर लीक बिहार में हुआ है। न इसमें किसी की जवाबदेही है। इतना ही नहीं जो व्यक्ति इस पेपर लीक का मास्टरमाइंड था उसी के साथ बिहार सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री फोटो खींचवा रहे थे।
राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री की फोटो पेपर लीक करने वालों के साथ छपेगी तो प्रश्नपत्र लीक नहीं होगा तो क्या होगा। प्रश्नपत्र लीक होना कोई न्यूज नहीं है। बिना प्रश्नपत्र लीक हुए कोई परीक्षा हो जाए तो वह न्यूज है।
पेपर लीक में धराए कई आरोपीBihar Paper Leak News: बता दें कि बीपीएससी शिक्षक भर्ती पेपर लीक में अब तक कई आरोपी धरा चुके हैं। वहीं पेपर लीक के चलते परीक्षा भी रद्द कर दी गई है। परीक्षा की तारीख जल्द ही आयोग वेबसाइट पर घोषित करेगा। समस्तीपुर से सर्वाधिक 7 आरोपी दबोचे गए हैं।
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