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Bihar Politics: 'एनडीए में अंदर-बाहर जबरदस्त बेचैनी...' इस नेता के दावे के बाद सियासी अटकलें तेज, क्या होगा खेला?
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Hindi: राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रमेश कुशवाहा के जदयू में जाने के बाद तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की राजद (RJD) ने दावा किया है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे के बावजूद घटक दलों के बीच जबरदस्त सिर फुटव्वल जारी है।
यही वजह है कि सीट बंटवारे के लिए दिल्ली में बुलाई गई बैठक का कई घटक दलों ने अघोषित रूप से बहिष्कार किया था। आलम यह है कि एक दल दूसरे के पैर खींचने में लगे हुए हैं।
एनडीए में अंदर-बाहर जबरदस्त बेचैनी: आरजेडीराजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि, एनडीए खेमे के अन्दर और बाहर जबरदस्त बेचैनी है। अनेक सीटों पर इन्हें उम्मीदवार नहीं मिल रहा है इसीलिए घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग की घोषणा कर देने के बाद भी उम्मीदवारों के नाम जारी नहीं किए जा रहे हैं।
वहीं बिहार के महागठबंधन में अधिकांश सीटों पर सहमति हो चुकी है। कुछ सीटों पर बात चल रही है जल्द ही उम्मीदवार भी घोषित किए जाएंगे।
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Bihar Politics: नीतीश के चौके पर उपेंद्र कुशवाहा ने मारा छक्का, JDU को दे दिया खुला ऑफर; कहा- मांगो तो सही
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News in Hindi: राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने प्रदेश अध्यक्ष रमेश सिंह कुशवाहा के नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की जदयू में जाने से नाराज हो रहे कार्यकर्ताओं को चिंता न करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि आक्रोशित मित्र हरिवंश राय बच्चन की पंक्तियों को याद करें...जो बीत गई सो बात गई।
शनिवार को उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष के दल बदलने पर सिर्फ तंज कसा-जदयू के लोगों से आग्रह है कि कुछ और उम्मीदवार की जरूरत हो तो बताइएगा, प्लीज़।
मालूम हो कि रमेश सिंह कुशवाहा 2015-20 के बीच जदयू के विधायक थे। बेटिकट होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा के साथ आए थे।
नीतीश कुमार की पार्टी ने कुशवाहा की पार्टी में सेंधमारी कर दीबता दें कि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में शनिवार को नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की जेडीयू ने सेंधमारी कर दी है। दरअसल, राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के प्रदेश अध्यक्ष रमेश कुशवाहा अपनी पत्नी विजय लक्ष्मी के साथ शनिवार को जदयू की सदस्यता ले ली। बता दें कि इससे पहले भी रमेश कुशवाहा जेडीयू में ही थे। लेकिन बेटिकट होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा का दामन थाम लिया था।
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