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US tariffs will depend on these 2 factors

Business News - April 3, 2025 - 9:51am
According to the new U.S. trade policy announced by President Donald Trump on Wednesday, the amount a country pays in tariffs will depend on the type of goods being exported and their origin, says GTRI founder Ajay Srivastava.Firstly, some goods will face zero tariffs, these include essential and strategic items such as pharmaceuticals, semiconductors, copper and energy products like oil, gas, coal and LNG.Only the non-U.S. portion of products having 20 percent or more U.S.-made content will be taxed. Also, low-value shipments under USD 800, which mainly cover e-commerce orders, will be taxed at old tariff rates.Secondly, a 25 percent tariff will apply to key industrial sectors, such as aluminium, steel, automobiles, and auto parts, and will apply to most countries.For most other goods, there will now be a two-layered tariff system. All imports are first subject to a 10 percent baseline tariff starting April 5, 2025. Then, beginning April 9, 2025, certain countries will face country-specific tariffs. Country-specific tariffs will replace baseline tariffs after April 9th.Starting April 9, goods from India could be subject to tariffs as high as 27 percent. However, pharmaceuticals, semiconductors, copper, and energy products remain exempt from any new tariffs."The actual tariff a country faces depends on what it's exporting and how its trade practices align with U.S. economic and national security interests," says Ajay SrivastavaExecutive Order-Sec. 2. The Reciprocal Tariff Policy reads, "The additional ad valorem duty on all imports from all trading partners shall start at 10 percent and shortly thereafter, the additional ad valorem duty shall increase for trading partners enumerated in Annex I to this order at the rates set forth in Annex I to this order. These additional ad valorem duties shall apply until such time as I determine that the underlying conditions described above are satisfied, resolved, or mitigated". (ANI)
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Income Tax Return 2025: आयकर रिटर्न दाखिल करने में बड़ा बदलाव, ऑटो मोड में रहेगा नया आयकर स्लैब

Dainik Jagran - April 3, 2025 - 9:03am

जागरण संवाददाता, पटना। अब वित्तीय वर्ष के बदलाव के साथ ही आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया में भी बदलाव हुआ है। वित्तीय वर्ष 2025-26 से नई कर व्यवस्था डिफॉल्ट मोड में लागू कर दी गई है। इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) दाखिल करते समय अब आयकरदाता को डिफॉल्ट मोड में नया आयकर रीजीम देखने को मिलेगा।

टैक्स रिजीम चुनने का विकल्प

यदि किसी आयकरदाता को पुराने आयकर रीजीम के आधार पर आयकर भरना हो तो उन्हें इसमें बदलाव कर ओल्ड स्कीम से आयकर भरने की प्रक्रिया करनी होगी। इसमें करदाताओं के पास टैक्स रीजीम चुनने का विकल्प होगा। जिन्हें लगता है कि उनके लिए पुराने स्लैब फायदेमंद है तो वह पुरानी स्लैब व्यवस्था का उपयोग कर सकते है।

सीए आशीष रोहतगी व सीए रश्मि गुप्ता ने बताया कि बिना किसी व्यावसायिक आय वाले पात्र व्यक्तियों के पास प्रत्येक वर्ष के लिए व्यवस्था चुनने का विकल्प होगा। इसलिए वे एक वित्तीय वर्ष में पुरानी कर व्यवस्था और दूसरे वर्ष में नई कर व्यवस्था चुन सकते हैं।

न्यू रीजीम से फाइल कर सकते हैं ITR

उन्होंने बताया कि यदि कोई नियोक्ता अपने कर्मी का पुरानी व्यवस्था से टीडीएस का डिडक्शन काट लिया है, कर्मी चाहे तो न्यू रीजीम के तहत आइटीआर फाइल कर सकते है। उन्होंने बताया कि एक अप्रैल से अन्य चीजों में भी बदलाव हुए है।

1 अप्रैल से हुए बदलाव
  • इसके तहत बैंकिंग फ्रॉड से बचाव को लेकर नए चेक वेरिफिकेशन नियम लागू किए गए है। इसके अतिरिक्त पांच हजार रुपये से अधिक के चेक पेमेंट के लिए अब चेक नंबर, तिथि, लाभार्थी का नाम और राशि का सत्यापन करना होगा।
  • साथ ही रुपये डेबिट कार्ड में नए फीचर्स को जोड़ा जा रहा है। इसमें एयरपोर्ट लाउंज में आना-जाना, इंश्योरेंस आदि सुविधा भी मिलेगी। इसके अतिरिक्त अब एटीएम से फ्री ट्रांजैक्शन की सीमा भी तीन बार ही होगी।
  • न्यूनतम बैलेंस की सीमा को लेकर भी नियम लागू किया जा रहा है। सीनियर सिटिजन्स के लिए टीडीएस कटौती की भी अधिकतम सीमा बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है। यह राशि पहले 50 हजार रुपये थी।
अब 12 लाख रुपये तक कोई आयकर नहीं

नए टैक्स रीजीम में 12 लाख रुपये तक किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं देय होगा। साथ ही अपडेटेड टैक्स रिटर्न दाखिल करने की सीमा 24 महीने से बढ़कर 48 महीने तक हो जाएंगी।

इसके साथ ही मकान मालिकों को रेंट से होने वाली आय पर टीडीएस कटौती की सीमा को बढ़ाकर छह लाख रुपये सालाना कर दिया गया है। पहले दो लाख 40 हजार रुपये वार्षिक थी।

10 लाख रुपये से अधिक के विदेशी ट्रांजैक्शन टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) लगेंगे। पहले यह सीमा सात लाख रुपये थीं।

लांग टर्म कैपिटल गेन सीमा बढ़ेगी

सीए आशीष रोहतगी एवं सीए रश्मि गुप्ता ने बताया कि आयकर बदलाव के तहत एक अप्रैल से डिविडेंट इनकम पर टीडीएस कटौती अब 10 हजार रुपये प्रति वर्ष कर दी जाएगी।

पहले यह पांच हजार रुपये थी। साथ ही कैपिटल गेन में बदलाव करते हुए अब लांग टर्म कैपिटल गेन छूट की सीमा 1.25 लाख रुपये कर दी गई है।

पार्टनरशिप फार्म अपने पाटर्नर्स को सैलरी एवं कैपिटल पर इंट्रेंस पर अब अनिवार्य रूप से टीडीएस काटने होंगे। पहले यह लागू नहीं था।

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Waqf Bill: वक्फ बिल संशोधन पर सियासी बवाल, मुकेश सहनी ने दी नसीहत; मांझी ने लालू तो चिराग ने विपक्ष को घेरा

Dainik Jagran - April 3, 2025 - 8:48am

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today: विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के संस्थापक और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) को ले केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा भाजपा तोडऩे नहीं बल्कि जोड़ने की राजनीति करे।

सहनी ने कहा केंद्र की मोदी सरकार विधेयक के नाम पर धु्रवीकरण के प्रयास कर रही है। जबकि इस मुद्दे से जनता को सीधा लाभ नहीं, लेकिन विधेयक का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा है। महंगाई और बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए इस विधेयक पर विवाद पैदा किया जा रहा है।

समाज में भाई को भाई से लड़ाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन इस चुनाव बिहार में जनता ऐसी साम्प्रदायिक शक्तियों का अंत कर देगी। उन्होंने पीएम को सलाह देते हुए कहा कि वे तीसरी बार जनता द्वारा चुने गए हैं, इसलिए उन्हें देशहित में काम करने पर अधिक ध्यान देना चाहिए।

चिराग पासवान बोले- विपक्ष भ्रम फैला रहा

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि वक्फ कानून में 2013 तक संशोधन होते रहे हैं, लेकिन तब तो किसी ने उसमें भ्रम फैलाने का काम नहीं किया। आज विपक्ष द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है कि वक्फ बिल मुसलमान विरोधी है या अंसवैधानिक है। जो संशोधन हुआ है, वह इस सोच के साथ किया गया है कि कैसे इसे और शक्तियां प्रदान की जाएं या जो लोग जिनके साथ अन्याय हो रहा है, कैसे उन्हें न्याय दिलाया जाए।

 जदयू, हम, लोजपा ने मुसलमानों को धोखा दिया: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष

बिहार कांग्रेस ने जदयू के साथ ही लोजपा (रामविलास) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा पर मुसलमानों के साथ धोखा करने के आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने बुधवार को कहा कि नीतीश कुमार इस राज्य के मुखिया होने के साथ ही जदयू के भी अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने भाजपा के दबाव में वक्फ संशोधन विधेयक को अपना समर्थन दे दिया है। उनका यह कदम बेहद निराशाजनक है।

राजेश ने कहा कि लोकसभा में आज जो वक्फ बिल पेश किया गया है वह केंद्र सरकार का बेहद दुर्भाग्यपूर्ण कदम है। लेकिन इससे दुखद बात यह है कि जिन नीतीश कुमार के सहयोग से केंद्र की भाजपा सरकार चल रही है उसने भी दबाव में आकर बिल का समर्थन कर दिया है।

नीतीश कुमार के इस कदम से मुसलमानों को साथ लेकर चलने के उनके दावे की पोल खुल गई है। जदयू के साथ ही भाजपा की सहयोगी लोजपा रामविलास और जीतन राम मांझी की हम जिस प्रकार से बिल पर मौन है उससे यह बात साबित हो गई है कि सत्ता के मोह में इन्हें मुसलमानों को धोखा देने से भी परहेज नहीं।

लालू ने की थी वक्फ के कड़े कानून की मांग: मांझी

हम के संरक्षक एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध सिर्फ इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि यह कानून मोदी सरकार ला रही है। 2010 में लालू प्रसाद ने वक्फ के कड़े कानून बनाए जाने की बात कही थी।

एक्स पर इससे जुड़ा वीडियो जारी करते हुए लिखा है कि मेरा आइएनडीआइए वालों से आग्रह है कि लालू की बातों को ध्यान से सुनें और संशोधन बिल के पक्ष में मतदान करें।

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