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'संभल मस्जिद की रंगाई पुताई करना सही नहीं...' इलाहाबाद HC के फैसले के खिलाफ याचिका खारिज; सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

Dainik Jagran - National - April 1, 2025 - 12:58pm

पीटीआई, नई दिल्ली। SC on Sambhal mosque सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को यूपी के संभल में जामा मस्जिद की सफेदी करने को कहा गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की खारिज

हाईकोर्ट ने 12 मार्च को एएसआई को एक सप्ताह के भीतर मस्जिद की सफेदी करने का काम पूरा करने को कहा था। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने आदेश दिया, "हम मौजूदा याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं हैं। इसे खारिज किया जाता है।"

अपीलकर्ता सतीश कुमार अग्रवाल की ओर से पेश हुए वकील बरुण सिन्हा ने हाईकोर्ट के आदेश की आलोचना करते हुए कहा कि एएसआई को गलत तरीके से मस्जिद की दीवार की सफेदी करने को कहा गया था।

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सिर काटकर शाहजहां को भेजा, युद्ध में दी करारी हार; भाई दारा शिकोह के साथ औरंगजेब ने की थी क्रूरता

Dainik Jagran - National - April 1, 2025 - 12:33pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अब क्रूर शासक औरंगजेब के भाई दारा शिकोह की कब्र खोजी जा रही है। मुगल बादशाह औरंगजेब ने अपने भाई दारा शिकोह का दिल्ली में सिर कटवा दिया और उसका सिर अपने पिता शाहजहां को सौंप दिया था, जिन्हें उसने आगरा में कैद कर लिया था।

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि अगर विद्वान और धर्मनिरपेक्ष दारा सम्राट बनते तो भारत का इतिहास अलग होता। औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद के बीच, उपनिषदों का फारसी में अनुवाद करने वाले दारा के जीवन और उनकी कब्र के आसपास के रहस्य पर एक नजर डालें।

राजकुमार ने खुद को बताया मुगल सम्राट

राजकुमार, जिसे मुगल सिंहासन का उत्तराधिकारी घोषित किया गया था उन्होंने ईश्वर को याद किया और कहा, मुहम्मद मर मि-कुशाद, इब्न-उल्लाह मर जान नु-बख्शाद (मोहम्मद ने मुझे मार डाला, ईश्वर का पुत्र मुझे क्षमा करता है)। दारा को उसके भाई औरंगजेब के चेलों ने पकड़ रखा था, जिसने उत्तराधिकार की लड़ाई में उसे हराने के बाद खुद को मुगल सम्राट घोषित कर दिया था।

दारा शिकोह को खिजराबाद के बगीचे में लाया गया था, जहां उसे सामूगढ़ की लड़ाई में औरंगजेब से हारने के बाद कैद कर लिया गया था। मुगल सेना के गुलाम सैनिकों चेलों ने कोई सम्मान नहीं दिखाया, दारा को जमीन पर पटक दिया और उसका सिर काट दिया। मुगल साम्राज्य में एक इतालवी यात्री निकोलाओ मनुची लिखते हैं कि राजकुमार ने इसका विरोध नहीं किया।

चार जल्लादों ने काटा सिर

आरसी मजूमदार ने एन एडवांस्ड हिस्ट्री ऑफ इंडिया में लिखा है, चार जल्लादों ने उसका बेरहमी से सिर काट दिया और उसका सिर औरंगजेब के सामने पेश किया।'

दारा को उसके भाई औरंगजेब के चेलों ने पकड़ रखा था, जिसने उत्तराधिकार की लड़ाई में उसे हराने के बाद खुद को मुगल सम्राट घोषित कर दिया था।

केंद्र सरकार खोज रही थी दाराशिकोह की कब्र

बीते दो साल पहले तक एक खबर काफी चर्चा में रही थी कि केंद्र सरकार इस सवाल का जवाब तलाश करवा रही है कि आखिर मुगल दौर के सबसे जहीन और विद्वान शहजादे दारा शिकोह की असली कब्र कहां है? एएसआई पूर्व रीजनल डायरेक्टर केके मुहम्मद ने तब मीडिया बातचीत में कहा था कि जहां तक उनकी कब्र की तलाश का सवाल है, तो सरकार और एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) हैंड हेल्ड एक्सरे डिवाइस की मदद से दिल्ली में हुमायूं के मकबरे के पीछे स्थित कब्रों की एक्स-रे इमेज ले सकते हैं और इसका सर्वे भी करा सकते हैं।

उनके मुताबिक, एतिहासिक दस्तावेजों की मानें तो मुगलकाल में दाराशिकोह के अलावा ऐसा कोई उदाहरण नहीं मिलता, जिसमें किसी मुगल शहजादे का सिर कलम कर सिर्फ धड़ दफनाया गया हो। एक्स-रे इमेज में जिस कब्र में बिना सिर वाला कंकाल नजर आए उसे ही दारा की कब्र मान लेना चाहिए।

सवाल, दारा शिकोह का सिर काटा किसने?

इस सवाल का जवाब है औरंगजेब आलमगीर। दारा शिकोह शाहजहां का सबसे बड़ा बेटा था। शाहजहां उसे बहुत चाहता था और उसे ही शहंशाह बनाना चाहता था। दाराशिकोह की सभी धर्मों में रुचि थी और उसने कई हिंदू धर्म ग्रंथों के उर्दू-फारसी अनुवाद भी कराए थे। सत्ता और सियासत के बजाय दाराशिकोह को अमन पसंद शख्स के तौर पर जाना जाता है। शाहजहां को तो औरंगजेब ने आगरा में कैद कर दिया था और खुद को बादशाह घोषित कर दिया था।

हालांकि यह दावा किया जाता है कि दारा को दिल्ली में हुमायूं के मकबरे में दफनाया गया था, लेकिन उनकी कब्र का सही स्थान अभी भी रहस्य में डूबा हुआ है।

अन्य मुगल राजकुमारों के विपरीत, उन्हें दफनाया नहीं गया था, उनकी कब्र को चिह्नित नहीं किया गया था, और किसी भी शिलालेख में उनके दफन स्थल की घोषणा नहीं की गई थी, सुप्रिया गांधी लिखती हैं।

मुहम्मद काज़िम के आलमगीर-नामा के अनुसार, दारा को 'मकबरे के परिसर के गुंबददार चबूतरे (तहखाना) में दफनाया गया था,' जहां उनकी कब्र अकबर के बेटों मुराद और दानियाल सहित बिखरे हुए स्मारकों में से एक है।

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म्यांमार में भूकंप से कितनी मची तबाही? ISRO ने जारी की सैटेलाइट तस्वीरें, मांडले शहर में सबसे ज्यादा नुकसान

Dainik Jagran - National - April 1, 2025 - 11:11am

पीटीआई, बेंगलुरु। 28 मार्च को म्यांमार में एक शक्तिशाली भूकंप आया था। इसके झटके थाईलैंड, वियतनाम, चीन, भारत और बांग्लादेश तक महसूस किए गए थे। म्यांमार में सैन्य शासन और इंटरनेट पर लगी पाबंदी के कारण नुकसान और तबाही की सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सैटेलाइट तस्वीरें जारी करके भूकंप से हुई तबाही को दिखाया है।

कार्टोसैट-3 से ली गईं तस्वीरें

इसरो ने अपने अर्थ इमेजिंग और मैपिंग सैटेलाइट कार्टोसैट-3 से ली गई भूकंप के पहले और बाद की तस्वीरों को साझा किया है। इन तस्वीरों में भूकंप से मची तबाही साफ दिख रही है। भूकंप के एक दिन बाद 29 मार्च को इसरो ने म्यांमार के मांडले और सैंगोंग शहर की तस्वीरें लीं।

एजेंसी ने कहा कि 18 मार्च को इसी क्षेत्र से प्राप्त डेटा को विश्लेषण और क्षति के आकलन के लिए भेजा गया था। बता दें कि इसरो का कार्टोसैट-3 तीसरी पीढ़ी का उन्नत उपग्रह है। इसमें हाई रिजोल्यूशन इमेजिंग क्षमता है।

मांडले शहर में भारी नुकसान

अपने बयान में इसरो ने कहा कि मांडले शहर में बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा है। यहां स्काई विला, फयानी पैगोडा, महामुनि पैगोडा और आनंद पैगोडा, यूनिवर्सिटी ऑफ मांडले और कई अन्य प्रमुख स्थलों को या तो पूरी तरह से या आंशिक नुकसान पहुंचा है। सैंगोंग शहर में मा शि खाना पैगोडा के साथ-साथ कई मठों और अन्य इमारतों को क्षति पहुंची है।

ऐतिहासिक पुल भी ढहा

इसरो की तस्वीरों में दिख रहा है कि इन वा शहर के पास इरावदी नदी पर बना ऐतिहासिक अवा पुल भूकंप से ढह गया। वहीं इरावदी नदी के बाढ़ के मैदान में दरारे आई हैं। फटी जमीन से पानी भी निकल रहा है।

मांडले के पास था भूकंप का केंद्र

इसरो ने कहा कि 28 मार्च को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके बाद 6.4 तीव्रता का शक्तिशाली आफ्टरशॉक आया। भूकंप का केंद्र सैंगोंग और मांडले की सीमा के पास जमीन के भीतर 10 किलोमीटर की गहराई में था।

भूकंप का केंद्र पास में होने के कारण मांडले में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। म्यांमार की राजधानी नेपीडॉ समेत अन्य शहरों में बुनियादी ढांचे, सड़कों और आवासीय इमारतों को नुकसान पहुंचा है।

(इरावदी नदी पर क्षतिग्रस्त पुल की तस्वीर)

इरावदी नदी की पहली तस्वीर 18 मार्च की है। इसमें इवा पुल ठीक दिख रहा है। मगर भूकंप के बाद 29 मार्च को ली गई तस्वीर में पुल क्षतिग्रस्त है।

यह भी पढ़ें: मीलों दूर से दिख रही आग की लपटें, धमाके से हिली खिड़कियां... मलेशिया में गैस पाइप फटने से हड़कंप

यह भी पढ़ें: भीषण गर्मी झेलने के लिए रहें तैयार, UP-बिहार समेत 16 राज्यों में अप्रैल-जून तक आसमान से बरसेगी 'आग'; IMD ने दिया अपडेट

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भीषण गर्मी झेलने के लिए रहें तैयार, UP-बिहार समेत 16 राज्यों में अप्रैल-जून तक आसमान से बरसेगी 'आग'; IMD ने दिया अपडेट

Dainik Jagran - National - April 1, 2025 - 10:28am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। IMD heatwave alert अप्रैल के आते ही गर्मी की भी शुरुआत हो गई है। भारत में इस साल भीषण गर्मी पड़ने वाली है। इसकी चेतावनी खुद आईएमडी ने दी है। आईएमडी ने कहा कि अप्रैल से जून तक सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है, जबकि मध्य और पूर्वी भारत तथा उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में अधिक गर्मी पड़ने की संभावना है।

इस बार आसमान से बरसेंगे आग के गोले

मौसम विभाग (IMD) ने कहा कि पश्चिमी और पूर्वी भारत के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में इस बार जमकर लू चलेगी। अधिकतम तापमान सामान्य से काफी अधिक रह सकता है।

आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अधिकांश क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक रहेगा।

मृत्युंजय महापात्र ने कहा, 

अप्रैल से जून तक उत्तर और पूर्वी भारत, मध्य भारत तथा उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से दो से चार अधिक दिन गर्मी पड़ने की संभावना है।

गर्मी के दिनों की संख्या हो सकती दोगुनी

आमतौर पर भारत में अप्रैल से जून तक चार से सात दिन गर्मी पड़ती है। आईएमडी के एक अधिकारी ने पहले कहा था कि उत्तर-पश्चिम भारत में गर्मी के दिनों की संख्या दोगुनी हो सकती है। इन क्षेत्रों में आमतौर पर मौसम के दौरान पांच से छह दिन गर्मी पड़ती है।

यूपी-बिहार समेत 16 राज्यों में बरसेगी आग

इस साल कई राज्यों में भीषण लू चलेगी। जिन राज्यों में सामान्य से अधिक गर्मी पड़ेगी उनमें राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक और तमिलनाडु के उत्तरी हिस्से शामिल हैं।

पूरा भारत होगा गर्मी की चपेट में....

अप्रैल में, भारत के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। हालांकि, सुदूर दक्षिणी और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों के कुछ इलाकों में सामान्य तापमान रह सकता है।

महापात्रा ने कहा कि उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व में कुछ स्थानों को छोड़कर, देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा, जहां तापमान सामान्य या सामान्य से थोड़ा कम हो सकता है।

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