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NEET UG 2025: राजस्थान व बिहार में नीट में नकल करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, पुलिस सात लोगों को किया गिरफ्तार

Dainik Jagran - National - May 5, 2025 - 11:51pm

जागरण टीम, नई दिल्ली। बिहार और राजस्थान में पुलिस में रविवार को हुई नीट यूजी-2025 परीक्षा के दौरान फर्जी अभ्यर्थियों और अनुचित साधनों का इस्तेमाल कर नकल करने वाले गिरोहों का पर्दाफाश किया है। जयपुर में मास्टरमाइंड समेत पांच और समस्तीपुर में जेल चिकित्सक समेत दो लोग गिरफ्तार किए गए हैं।

जयपुर में डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि सूचना के आधार पर करणी विहार के जगदंबा नगर स्थित एबीडी प्रिस्टीन अपार्टमेंट के फ्लैट में छापेमारी की गई, जहां परीक्षा के फर्जी दस्तावेज, ब्लूटूथ डिवाइस, चार सिम कार्ड, मोबाइल फोन और 50 हजार रुपयों के साथ मास्टरमाइंड अजीत कुमार बराला, सोहन लाल चौधरी व जितेंद्र शर्मा समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया।

उम्मीदवारों से वसूली जा रही थी मोटी रकम

सोहन व अजीत सफलता सुनिश्चित करने के बदले उम्मीदवारों से रकम वसूल रहे थे। जितेंद्र को डमी उम्मीदवार के रूप में तैयार किया गया था। वह 27 मई को एक अन्य उम्मीदवार की जगह पैरामेडिकल की परीक्षा में बैठने की तैयारी भी कर रहा था।

समस्तीपुर के सदर एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय ने बताया कि सूचना मिली कि दस्तावेज में छेड़छाड़ कर नीट में डमी कैंडिडेट बैठाने वाले गिरोह के सक्रिय सदस्य कार से घूम रहे हैं। पुलिस ने टीम बनाकर पीछा किया और मोहनपुर पुल के पास कार से दो लोगों को पकड़ा। इनमें एक की पहचान डॉ. रंजीत कुमार के रूप में हुई है, जो बेगूसराय जेल में बतौर चिकित्सक तैनात है। दूसरा आरोपित दरभंगा का रामबाबू मल्लिक है।

पुलिस ने उनके पास से तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। उनके फोन से कई परीक्षार्थियों का एडमिट कार्ड, आधार कार्ड, हस्ताक्षर, फोटो आदि का आदान प्रदान किया गया है। दोनों ने पूछताछ में अपराध स्वीकार कर लिया है। पुलिस मामले की विस्तृत छानबीन कर रही है।

नीट पेपर के नाम ठगी में अररिया से एक गिरफ्तार

बिहार के अररिया में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने टेलीग्राम पर चैनल बनाकर नीट पेपर के नाम ठगी करने के आरोप में एसके फैज नामक युवक को गिरफ्तार किया है। वह चैनल के माध्यम से नीट का पेपर उपलब्ध कराने का दावा कर यूपीआइ से पीएनबी के खाते में पैसे का ट्रांजेक्शन करा रहा था। ईओयू ने तीन मई को उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था। ईओयू अब यह जांच कर रही है कि पेपर उपलब्ध कराने की भ्रामक सूचना पर उसने कितने लोगों से ठगी की है।

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मणिपुर में सुरक्षाबलों का एक्शन, 17 उग्रवादियों को किया गिरफ्तार; भारी मात्रा में हथियार बरामद

Dainik Jagran - National - May 5, 2025 - 11:41pm

आईएनएस, इंफाल। मणिपुर में सुरक्षा बलों ने संयुक्त अभियान में मणिपुर के विभिन्न जिलों से 17 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया है। 31 हथियार, भारी मात्रा में गोला-बारूद भी बरामद किए हैं।

रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल अमित शुक्ला ने कहा कि सेना, असम राइफल्स, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आइटीबीपी और मणिपुर पुलिस ने पिछले कुछ दिनों के दौरान संयुक्त अभियान में अत्याधुनिक हथियार, 14 इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आइईडी), कई ग्रेनेड, गोला-बारूद शामिल हैं।

चार जिलों से बरामद किए गए हथियार

हथियार और गोला-बारूद मणिपुर के चार जिलों काकचिंग, तेंगनौपाल, बिष्णुपुर और कांगपोकपी से बरामद किए गए। बरामद हथियारों में सेल्फ लोडिंग राइफल (एसएलआर), दो सिंगल बैरल बंदूकें, एक बोल्ट एक्शन राइफल, इम्प्रोवाइज्ड लांचर (पोम्पी), एक पिस्तौल, कार्बाइन, एक इंसास राइफल, पीटी.22 राइफल शामिल हैं।

लेफ्टिनेंट कर्नल शुक्ला ने कहा कि सेना, असम राइफल्स, अन्य सुरक्षा बलों और मणिपुर पुलिस द्वारा चलाए गए कई संयुक्त अभियानों में घाटी और पहाड़ी जिलों से विद्रोही समूहों के 17 उग्रवादियों को पकड़ा गया। इसके साथ ही एक पिस्तौल, मोबाइल फोन, दोपहिया वाहन आदि बरामद किए गए।

उग्रवादियों और बरामद सामान को मणिपुर पुलिस को सौंप दिया गया है। पुलिस ने पिछले 24 घंटों के दौरान विशेष अभियान में तीन और चोरी के वाहन बरामद किए हैं। मणिपुर में जातीय ¨हसा के बीच कारों और दोपहिया वाहनों की चोरी की खबरें सामने आई हैं। 16 अप्रैल से राज्य के विभिन्न स्थानों से चोरी की गई 145 कारें और 25 दोपहिया वाहन बरामद किए गए हैं।

हथियारों और गोला-बारूद का जखीरा बरामद

एएनआई के अनुसार, सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान के दौरान रविवार को हथियारों और गोला-बारूद का जखीरा बरामद किया है। इनमें दो एसएलआर, एक एसबीबीएल गन, दो मोर्टार, चार हथगोले, दो स्थानीय रूप से निर्मित 9 एमएम पिस्तौल और आंसू गैस के गोले शामिल हैं।

सुरक्षा बलों ने प्रतिबंधित संगठनों केसीपी (पीडब्ल्यूजी) और केवाईकेएल (सोरेपा) के दो कैडरों को भी गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से दो मोबाइल फोन जब्त किए हैं। रविवार को एक अन्य अभियान में सुरक्षा बलों ने इंफाल पूर्व से दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया, जिनके पास से 34 ग्राम संदिग्ध हेरोइन पाउडर जब्त किया गया।

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क्या अंतरिक्ष में उगेंगी मूंग और मेथी? ISRO और नासा के Axiom Mission-4 को लेकर अबतक क्या है मालूम?

Dainik Jagran - National - May 5, 2025 - 11:09pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक ऐसे मिशन की तैयारी कर रहे हैं, जो भविष्य में अंतरिक्ष यात्रा की तस्वीर बदल सकता है। 29 मई 2025 को वे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर रवाना होंगे, जहां वे Axiom Mission-4 (Ax-4) का हिस्सा होंगे। यह मिशन NASA, ISRO और यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) की साझेदारी में हो रहा है।

शुभांशु शुक्ला के साथ इस मिशन में अमेरिका की पेगी व्हिटसन, हंगरी के तिबोर कपू, और पोलैंड के स्लावोस्ज उज्नान्स्की-विश्वनेव्स्की शामिल होंगे। इनका मकसद यह समझना है कि अंतरिक्ष में जिंदगी (सिर्फ इंसानों की नहीं, बल्कि पौधों की भी) कैसे काम करती है।

क्या अंतरिक्ष में अंकुरित हो पाएंगे मूंग और मेथी के बीज?

इस मिशन की सबसे दिलचस्प प्रयोगों में से एक का नेतृत्व शुभांशु शुक्ला करेंगे। वे अंतरिक्ष में सलाद के बीज, खासकर हरी मूंग (green gram) और मेथी (fenugreek) को अंकुरित करने की कोशिश करेंगे।

सवाल यह है कि क्या ये पौधे सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (microgravity) में भी पनप सकते हैं, जहां धरती की तरह उन्हें पनपने का वातावरण नहीं मिलता है। यह प्रयोग ISRO की उस कोशिश का हिस्सा है जिसमें अंतरिक्ष में भारत-केंद्रित खाद्य प्रयोग किए जा रहे हैं। मूंग और मेथी को इसलिए चुना गया है क्योंकि ये न केवल आम भारतीय आहार का हिस्सा हैं, बल्कि इनमें पौष्टिकता और औषधीय गुण भी पाए जाते हैं।

वैज्ञानिक क्या जानने की कोशिश कर रहे हैं?

ISRO के माइक्रोग्रैविटी प्लेटफॉर्म और रिसर्च के प्रमुख तुषार फडनीस ने एक वर्चुअल प्रेस मीट में बताया कि ये बीज अंतरिक्ष में सिर्फ अंकुरित नहीं किए जाएंगे, बल्कि धरती पर वापस लाकर उनका गहराई से विश्लेषण किया जाएगा।

उन्होंने कहा, "हम एक स्प्राउटिंग एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं जिसमें मूंग और मेथी के बीज अंकुरित करने की कोशिश होगी। इनमें औषधीय गुण होते हैं। साथ ही हम देखना चाहते हैं कि ये अंकुरित बीज जब वापस लौटें तो उनकी हालत कैसी रहती है।"

किन सवालों का जवाब तलाश रहे हैं वैज्ञानिक?

शुभांशु शुक्ला जिस एक्सपेरिमेंट को लीड कर रहे हैं, उसे लेकिन वैज्ञानिकों के मन में कई सवाल हैं। इसका जवाब इस मिशन के पूरा होने के बाद मिलेगा। दरअसल इस प्रयोग के जरिए यह जानकारी जुटाई जाएगी कि क्या बीज अंतरिक्ष में भी धरती की तरह अंकुरित हो सकते हैं? या फिर क्या अंतरिक्ष में मौजूद सूक्ष्म जीवाणु पौधों की ग्रोथ को प्रभावित करेंगे? क्या इनका पोषण मूल्य (nutritional value) वैसा ही रहेगा?

क्यों है यह प्रयोग इतना अहम?

इस प्रयोग का मकसद है यह समझना कि क्या अंतरिक्ष यात्री भविष्य में अपने ताज़ा खाने (fresh food) को खुद उगा सकते हैं। यह खासतौर पर उन मिशनों के लिए बेहद जरूरी है जो लंबे समय के लिए होते हैं, और जहां धरती से सप्लाई पहुंचाना मुमकिन नहीं होता।

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