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व्यापार के क्षेत्र में भी विश्वगुरु बन सकता है भारत, होसबाले बोले- हमें एनएसई पर गर्व होना चाहिए

Dainik Jagran - National - April 6, 2025 - 3:50am

 पीटीआई, मुंबई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पारस्परिक टैरिफ की घोषणाओं के कारण विश्व व्यापार में आए बड़े बदलाव के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा है कि दर्शन के साथ-साथ व्यापार के क्षेत्र में भी भारत 'विश्वगुरु' बन सकता है।

शनिवार को नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) में शिष्टाचार भेंट के दौरान होसबाले ने कहा कि कोई भी राष्ट्र विश्वास और पारदर्शिता के बल पर ही फल-फूल सकता है। उन्होंने कहा, ''केवल दर्शन में ही नहीं, बल्कि व्यापार में भी हम विश्वगुरु बन सकते हैं।''

भारत में लंबे समय से व्यापार की परंपरा रही है

इस बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्वगुरु बनने का मतलब है दुनिया को व्यापार और नैतिकता के अच्छे तौर-तरीकों के बारे में सिखाना है। इसमें विज्ञान, राजनीतिक क्षेत्र, परिवार और कार्यस्थल में अच्छे व्यवहार के बारे में बोलना भी शामिल है।''विश्वास और पारदर्शिता'' के मूल मंत्र के संदर्भ में होसबाले ने कहा कि समाज और राष्ट्र इन्हीं मूल्यों के बल पर फल-फूल सकते हैं। भारत में लंबे समय से व्यापार की परंपरा रही है।

हमें एनएसई पर गर्व होना चाहिए

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ''हमें एनएसई पर गर्व होना चाहिए''। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि की उच्च गति और लोगों के व्यवहार में बदलाव, एनएसई जैसी संस्थाओं की वजह से है।

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रक्षा मंत्री ने IOS सागर को दिखाई हरी झंडी, कहा- 'हिंद महासागर क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करना भारत का लक्ष्य'

Dainik Jagran - National - April 6, 2025 - 1:00am

पीटीआई, कारवार। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कर्नाटक के कारवार नौसैनिक अड्डे से हिंद महासागर पोत 'सागर' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में मुक्त नौवहन, नियम आधारित व्यवस्था और शांति सुनिश्चित करना भारत का सबसे बड़ा उद्देश्य है।

भारत किसी भी देश की संप्रभुता से समझौता किए बिना हिंद महासागर में हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। राजनाथ नौसेना कमांडरों के सम्मेलन में भाग लेने और प्रोजेक्ट सीबर्ड के तहत नौसेना बेस पर नए विकसित बुनियादी ढांचे का उद्घाटन करने के लिए कारवार पहुंचे थे।

'क्षेत्र को और अधिक शांतिपूर्ण बनाना हमारा लक्ष्य'

रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कारवार नौसैनिक अड्डे पर लोगों को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा, हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की तैनाती सिर्फ हमारे लिए नहीं बल्कि मित्र देशों के लिए भी है। भारत का प्रयास हिंद महासागर क्षेत्र को और अधिक शांतिपूर्ण एवं समृद्ध बनाना है।

बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया
  • रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी नौसेना यह सुनिश्चित करती है कि हिंद महासागर क्षेत्र में कोई भी देश अपनी विशाल अर्थव्यवस्था या सैन्य शक्ति के आधार पर किसी दूसरे को दबा न सके। रक्षा मंत्री ने नौसैनिक अड्डे पर विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। नौसेना परियोजना 'सीबर्ड' के तहत महत्वपूर्ण नौसैनिक अड्डे का विस्तार कर रही है।
  • रक्षा मंत्री के कार्यालय ने 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 'सागर' हिंद महासागर क्षेत्र के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह अपने समुद्री पड़ोसियों के साथ मजबूत संबंध बनाने और हिंद महासागर क्षेत्र में अधिक सुरक्षित, अधिक समावेशी और सुरक्षित समुद्री वातावरण की दिशा में काम करने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगा।
  • हिंद महासागर पोत 'सागर' (सिक्यूरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल द रीजन) क्षेत्र में सुरक्षा के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति 'महासागर' (म्युचुअल एंड होलिस्टिक एडवांसमेंट फॉर सिक्यूरिटी एक्रास द रीजन) के दृष्टिकोण के साथ हिंद महासागर देशों के साथ निरंतर सहयोग की दिशा में एक पहल है।

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क्या कम कीमत पर उपलब्ध हो सकती है SMA की दवा? सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को जारी किया नोटिस

Dainik Jagran - National - April 6, 2025 - 1:00am

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर बीमारी स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी (एसएमए) की दवा रिस्डिप्लाम बनाने वाली कंपनी से पूछा है कि क्या भारत में यह दवा कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा सकती है।

गौरतलब है कि भारत में कई मरीज इस बीमारी से पीड़ित है। एसएमए अनुवांशिक बीमारी है, जिसमें मांसपेशियों को कमजोर हो जाती हैं। पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन को एसएमए की दवा की आपूर्ति सस्ती दर पर की जाती है।

दवा निर्माता कंपनी से कोर्ट ने मांगा जवाब

प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने दवा निर्माता कंपनी से तब जवाब मांगा, जब उसे एसएमए से पीड़ित 24 वर्षीय महिला सेबा की ओर से पेश वकील ने बताया कि एसएमए रोगियों के लिए दवा की कीमत पाकिस्तान और चीन में सस्ती है।

वकील ने कहा कि भारत सरकार इस बीमारी के लिए सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने के लिए वैश्विक दवा निर्माता के साथ बातचीत क्यों नहीं कर सकती। पीठ ने रिस्डिप्लाम दवा बनाने वाली कंपनी मेसर्स एफ. हाफमैन-ला रोश लिमिटेड को नोटिस जारी किया। अदालत को अगली सुनवाई की तारीख पर पड़ोसी देशों में उक्त औषधि के लिए निर्धारित मूल्य से अवगत कराया जाएगा।

आठ अप्रैल को होगी अगली सुनवाई

पीठ ने आदेश दिया कि यदि कीमत भारत से कम है तो कोर्ट को यह भी बताया जाए कि क्या भारत में भी दवा की आपूर्ति उसी कम कीमत पर की जा सकती है। मामले की अगली सुनवाई आठ अप्रैल को होगी।

24 फरवरी को शीर्ष अदालत ने केरल हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें केंद्र को सेबा को 18 लाख रुपये की दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। केंद्र ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

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मणिपुर में भूमि विवाद को लेकर ग्राम प्रधान पर हमला, दो समुदायों में तनाव

Dainik Jagran - National - April 6, 2025 - 1:00am

पीटीआई, इंफाल। मणिपुर में एक ग्राम प्रधान पर हमले के बाद मणिपुर में शनिवार को दो जनजातीय समुदायों के बीच शनिवार को तनाव पैदा हो गया। संदेह है कि एक भूमि विवाद को लेकर उग्रवादियों ने ग्राम प्रधान पर हमला किया।

यह घटना शनिवार दोपहर 12:15 बजे के आसपास हुई। कांगपोकपी जिले में कोंसाखुल गांव में दर्जनों हथियारबंद उग्रवादी आ गए और ग्राम प्रधान अइमसासेन अबोनमाई समेत कई लोगों पर हमला किया।

नगा बहुल कोंसाखुल के निवासियों ने दावा किया कि पड़ोसी हराओथेल गांव से आए उग्रवादी कुकी समुदाय के थे। ग्राम प्रधान को इंफाल में सरकार संचालित रिम्स भेजा गया, जबकि आठ अन्य घायल ग्रामीणों का इलाज खुर्खुल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में किया गया। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि ग्राम प्रधान खतरे से बाहर हैं।

चार उग्रवादी गिरफ्तार, अपहृत को मुक्त कराया

सुरक्षा बलों ने मणिपुर के बिष्णुपुर, थौबाल और इंफाल पूर्वी जिलों से चार उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने शनिवार को बताया कि बिष्णुपुर जिले में नांबोल से यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (पांबेई) के दो सदस्यों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से इंफाल पश्चिम के पात्सोई पार्ट-4 से अपहृत 47 वर्षीय लाइतोंजाम दिलीप सिंह को मुक्त करा लिया। सुरक्षा बलों ने बिष्णुपुर जिले के लाईसोई हिल क्षेत्र से चार हथियार जब्त किए।

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कर्नाटक हाईकोर्ट ने की समान नागरिक संहिता की वकालत, केंद्र और राज्यों से कहा- कानून बनाएं

Dainik Jagran - National - April 5, 2025 - 10:21pm

पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक हाई कोर्ट ने संसद और राज्य विधानसभाओं से देशभर में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया है। हाई कोर्ट ने सभी नागरिकों, विशेषकर महिलाओं के लिए समानता, पंथनिरपेक्षता और न्याय के संवैधानिक ²ष्टिकोण को कायम रखने में इसके महत्व पर जोर दिया।

जस्टिस हंचेट संजीव कुमार की एकल पीठ ने मृतक मुस्लिम महिला शहनाज बेगम के पति और भाई-बहन के बीच संपत्ति विवाद से संबंधित एक सिविल अपील पर फैसला सुनाते हुए यह अपील की। इस मामले ने धर्म के अनुसार पर्सनल ला द्वारा शासित उत्तराधिकार कानूनों और लैंगिक न्याय पर उनके प्रभाव के बारे में व्यापक प्रश्न उठाया है।

देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की कोर्ट ने की वकालत

जस्टिस कुमार ने शुक्रवार को कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत समान नागरिक संहिता लागू किए जाने से प्रस्तावना में निहित आदर्शों अर्थात न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और राष्ट्रीय एकता को पूरा किया जा सकेगा। देश को व्यक्तिगत कानूनों और धर्म के संबंध में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता है। तभी भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उद्देश्य प्राप्त होगा।

धर्म-आधारित व्यक्तिगत कानूनों से महिलाओं के साथ होती है असमानता

न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि यद्यपि भारत भर में महिलाएं संविधान के तहत समान नागरिक हैं। लेकिन धर्म-आधारित व्यक्तिगत कानूनों के कारण उनके साथ असमान व्यवहार किया जाता है। पीठ ने इस असमानता को स्पष्ट करने के लिए हिंदू और मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत विरासत के अधिकारों की तुलना की। जहां हिंदू कानून बेटियों को पैतृक संपत्ति में समान अधिकार देता है, वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ भाइयों और बहनों के बीच भेद करता है। यह भाइयों को हिस्सेदार का दर्जा देता है।

वहीं, दूसरी तरफ बहन को अवशिष्ट के रूप में हिस्सा पाने का अधिकार है, लेकिन हिस्सेदार के रूप में नहीं। यह देखते हुए कि गोवा और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने पहले ही समान नागरिक संहिता लागू कर दिया है, न्यायालय ने रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वह निर्णय की एक प्रति केंद्र सरकार और कर्नाटक सरकार के प्रधान विधि सचिवों को भेजें, ताकि ऐसी संहिता लागू करने की दिशा में विधायी प्रयास शुरू किए जा सकें।

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'भारत की मदद को नहीं भूलना चाहिए', पीएम मोदी के दौरे पर क्या-क्या कह रही है श्रीलंकाई मीडिया

Dainik Jagran - National - April 5, 2025 - 10:11pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय श्रीलंका दौरे पर हैं। पीएम मोदी को श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने 'मित्र विभूषण' पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अलावा, भारत और श्रीलंका के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर नरेन्द्र मोदी के स्वागत में एक समारोह का आयोजन किया गया। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रपति सचिवालय गये। वहां भी पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। श्रीलंका में नई सरकार बनने के बाद पीएम मोदी का पहला दौरा है।

A productive day in Colombo, which includes talks with President Dissanayake, different meetings and tributes at the IPKF Memorial. Here are the highlights…@anuradisanayake pic.twitter.com/f2aUy9lixR

— Narendra Modi (@narendramodi) April 5, 2025

भारत-श्रीलंका के बीच क्या-क्या हुआ समझौता?
  • भारत और श्रीलंका के बीच ऊर्जा आयात और निर्यात पर समझौता ज्ञापन।

  • भारत और श्रीलंका के बीच डिजिटल प्रौद्योगिकी पर समझौता ज्ञापन।

  • भारत-श्रीलंका-संयुक्त अरब अमीरात तीन देशों के बीच त्रिंकोमाली ऊर्जा पर समझौता ज्ञापन।
  • श्रीलंका और भारत के बीच सुरक्षा पर समझौता ज्ञापन।
  • पूर्वी प्रांत के संबंध में समझौता ज्ञापन
  • श्रीलंका और भारत के बीच स्वास्थ्य पर समझौता ज्ञापन।
  • फार्मास्यूटिकल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और नेशनल फार्मास्यूटिकल कॉरपोरेशन ऑफ श्रीलंका के बीच समझौता ज्ञापन।
श्रीलंकाई मीडिया में पीएम मोदी के दौरे की कैसी है कवरेज?

पीएम मोदी के दौरे को लेकर श्रीलंकाई मीडिया काफी उत्साहित दिखा। देश के प्रमुख मीडिया संस्थानों ने पीएम मोदी के दौरे और भारत-श्रीलंका समझौते को प्रमुखता से जगह दी है। श्रीलंका की ज्यादातर समाचार चैनल और वेबसाइटों ने पीएम मोदी के दौरे को दोनों देशों के रिश्ते के लिए अहम बताया है।

श्रीलंकाई सरकार की ओर से वित्तपोषित अखबार डेली न्यूज़ ने पीएम मोदी के दौरे को ऐतिहासिक बताया है। अखबार लिखता है, "प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का मकसद श्रीलंका और भारत के बीच दीर्घकालिक संबंधों को मजबूत करना है।"

डेली न्यूज़ ने पीएम मोदी के दौरे पर स्पेशल सप्लीमेंट प्रकाशित किया।

'भारत-श्रीलंका के घनिष्ठ संबंध'

अखबार ने अपने एक संपादकीय में पीएम मोदी के दौरे और भारत-श्रीलंका के साथ अतीत के रिश्ते पर रोशनी डाली है। 'Premier Modi’s Lankan visit' सुर्खी से प्रकाशित संपादकीय में लिखा गया, "भारत और श्रीलंका के बीच संबंध हमेशा सहज नहीं रहे हैं। भू-राजनीतिक हितों ने दोनों देशों के बीच दूरियां बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बड़े भाई के तौर पर, ऐसे समय भी आए जब भारत ने अपने छोटे पड़ोसी के खिलाफ सख्त रवैया भी अपनाया। बेशक, ये सब अतीत की बात है। तब से अब तक बहुत कुछ बदल चुका है, आज भारत और श्रीलंका के घनिष्ठ संबंध हैं और भारत अपनी उदार सहायता भी दे रहा है। हमें श्रीलंका में तीन दशक से चल रहे युद्ध को समाप्त करने में भारत द्वारा दी गई सहायता को नहीं भूलना चाहिए।"

अखबार आगे लिखता है, "यह दोनों पक्षों के बीच अब मौजूद मज़बूत रिश्तों का सार है, जो रास्ते में आई कई रुकावटों के बाद भी कायम है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा इस बंधन को और मज़बूत बनाती है। भारत आज व्यावहारिक रूप से दुनिया की प्रमुख महाशक्तियों में से एक है और श्रीलंका को इसका लाभ तभी मिल सकता है जब वह अपने विशाल पड़ोसी के साथ सभी मामलों में घनिष्ठता बिठा कर रखें।"

'पीएम मोदी का दौरा एक बड़ा इवेंट'

डेली मिरर नाम की मशहूर अखबार ने अपनी वेबसाइट के प्रमुख पन्ने पर पीएम मोदी के दौरे से जुड़ी कम से कम दस खबरें लगाई हैं। पीएम मोदी के दौरे को लेकर अखबार ने लिखा है कि ये दौरा अपने आप में एक बड़ा इवेंट है।

अखबार ने एक रिपोर्ट में रक्षा सचिव संपत थुयाकोंथा के हवाले से लिखा, "भारत-श्रीलंका रक्षा साझेदारी श्रीलंका के लिए एक अमूल्य संपत्ति रही है और आगे भी रहेगी। भारत श्रीलंका समझौता के तहत की जाने वाली कोई भी सहयोगात्मक गतिविधियां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं के मुताबिक होंगी और इनका श्रीलंका या भारत के घरेलू कानूनों और राष्ट्रीय नीतियों के साथ कोई टकराव नहीं होगा।"

'जब देश दिवालिया हो गया था, तब भारत ने...'

प्रतिष्ठित अखबार लंकादीपा ने पीएम मोदी और विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा को रिपोर्ट किया है। अखबार लिखता है, भारतीय पीएम ने श्रीलंका के विपक्ष के नेता से मुलाकात की और राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों व्यापक चर्चा की।"

अखबार ने साजिथ प्रेमदासा के हवाले से लिखा, "जब हमारा देश दिवालिया हो गया था, तब भारत इकलौता ऐसा देश था जिसने हमारे देश की सहायता की थी। इस रिश्ते को संजो कर रखना चाहिए। दोनों देशों के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक लक्ष्यों को पूरा करना चाहिए और अपनी एकता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।"

अखबार वीरकेसरी ने पीएम मोदी की तमिल मूल के लोगों के साथ मुलाकात की प्रमुखता से छापा है। अखबार ने पीएम मोदी के भाषण के अंश को छापते हुए लिखा भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहाड़ी राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक में कहा कि भारत उन तमिल लोगों के लिए 10,000 घरों और स्वास्थ्य सुविधाओं का समर्थन करेगा, जिन्होंने भारत को अपनी मातृभूमि के रूप में अपनाया है।

இந்தியாவை பூர்வீகமாக கொண்ட தமிழ் மக்களுடன் சுமூகமான சந்திப்பு இடம்பெற்றிருந்தது. இச்சமூகத்தினர் 200 ஆண்டுகளுக்கும் மேலாக இரு நாடுகளுக்குமான ஒரு வாழும் உறவுப் பாலமாக திகழ்கின்றனர். இலங்கை அரசாங்கத்துடனான ஒத்துழைப்புடன் இந்தியாவை பூர்வீகமாக கொண்ட தமிழ் மக்களுக்காக 10000 வீடுகள்,… pic.twitter.com/F9FzmtWuho

— Narendra Modi (@narendramodi) April 5, 2025

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वोटर लिस्ट की खामियों का होगा परमानेंट इलाज, चुनाव आयोग ने बनाया खास प्लान; जानिए कैसे बंद होगी धांधली

Dainik Jagran - National - April 5, 2025 - 10:03pm

अरविंद पांडेय, जागरण, नई दिल्ली। मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने की मुहिम में जुटे चुनाव आयोग ने इसे तैयार करने की प्रक्रिया में कई अहम सुधार किए है। इसमें मतदाता सूची में नामों के जोड़ने या हटाने पर पैनी नजर रखने के साथ यदि एक ही पते पर दस से अधिक मतदाताओं के नाम दर्ज है, तो मौके पर टीम भेजकर जांच कराई जाएगी।

प्रत्येक जिले में मतदाता सूची को तैयार करने की प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए एक पर्यवेक्षक की भी तैनाती दी जाएगी। जो मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने व सुधार से जुड़े ढाई सौ फॉर्मों की औचक जांच भी करेगा। इनमें सौ-सौ फॉर्म जोड़ने व हटाने वाले होंगे जबकि पचास फॉर्म मतदाता सूची में सुधार से जुड़े होंगे।

उपचुनाव से पहले तैयारी शुरू

मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया में सुधार को लेकर उठाए गए इन कदमों पर आयोग ने अमल भी शुरू कर दिया है। इसकी शुरूआत पश्चिम बंगाल, गुजरात, पंजाब व जम्मू- कश्मीर सहित छह राज्यों की आठ विधानसभा सीटों के होने वाले उपचुनाव से पहले मतदाता सूची के पुनरीक्षण से की है।

आयोग ने इसके साथ ही मतदाता सूची से जुड़ी जांच की व्यवस्था को और सख्त किया है। जिसमें बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के काम-काज को जिन अन्य आधारों पर जांच जाएगा, उनमें लिंगानुपात में बदलाव सहित ऐसे 20 मतदान केंद्र की मतदाता सूची को भी जांचा जाएगा, जहां सबसे अधिक नाम हटाए व जोड़े गए है।

ईआरओ व एईआरओ करेंगे निरीक्षण
  • इस नई व्यवस्था के तहत बीएलओ के किए गए एक प्रतिशत कामों को एईआरओ जांचेगा। एईआरओ की ओर से निस्तारित किए गए फार्मों में दस प्रतिशत फार्मों को औचक रूप से जांच ईआरओ (मतदाता पंजीयन अधिकारी) करेगा। जो प्रत्येक विधानसभा स्तर पर तैनात होता है। वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) भी औचक रूप से पचास फॉर्मों को जांचेगा। इनमें 20- 20 फॉर्म नामों को जोड़ने व हटाने वाले होंगे, जबकि दस फॉर्म नामों में सुधार से जुड़े होंगे।
  • इसके बाद राज्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के स्तर पर भी 250 फॉर्मों को औचक रूप से जांचा जाएगा। इनमें सौ-सौ जोड़ने, हटाने व पचास सुधार से जुड़े फॉर्म होंगे। आयोग ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर उस पर विपक्ष की ओर से गंभीर आरोप लगाए जा रहे है। यह बात अलग है कि मतदाता सूची तैयार होने के दौरान राजनीतिक दलों की ओर से कोई शिकायतें नहीं आती है। पिछले आम चुनाव से पहले मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान देश भर से मतदाता सूची में गडबड़ी से जुड़े कुल 89 मामले सामने आए थे और ये सभी अकेले महाराष्ट्र से थे।

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समुद्र में इंजीनियरिंग की अद्भुत मिसाल... भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज का उद्घाटन कल; जानिए क्यों खास है पंबन पुल

Dainik Jagran - National - April 5, 2025 - 10:00pm

एएनआई, चेन्नई। रेल, सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिलान्तर्गत रामेश्वरम में पंबन पुल भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज होगा, जो देश के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। 535 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बना यह पुल, जंग से क्षतिग्रस्त हुए पुराने ढांचे की जगह लेगा। पीएम मोदी रामनवमी के अवसर पर इसका उद्घाटन करेंगे।

(फोटो: एएनआई)

यह पुल मुख्य भूमि को चार धाम तीर्थ स्थलों में से एक रामेश्वरम द्वीप से जोड़ता है। पुराने पुल को मूल रूप से मीटर गेज ट्रेनों के लिए बनाया गया था, जिसे ब्रॉड गेज यातायात के लिए मजबूत किया गया और 2007 में फिर से खोला गया। फरवरी, 2019 में रेल मंत्रालय ने पुराने ढांचे को बदलने के लिए एक नए पुल के निर्माण को मंजूरी दी।

2.5 किलोमीटर से भी लंबा ब्रिज

वैष्णव ने नवंबर, 2024 में एक्स पर अपने पोस्ट में कहा था, '1914 में निर्मित, पुराने पंबन रेल पुल ने 105 वर्षों तक मुख्य भूमि को रामेश्वरम से जोड़ा। दिसंबर, 2022 में जंग लगने के कारण इसे बंद कर दिया गया। इसने आधुनिक नए पंबन पुल के लिए मार्ग प्रशस्त किया जो कनेक्टिविटी के एक नए युग को चिह्नित करता है।'

(फोटो: पीटीआई)

यह पुल 2.5 किमी से अधिक लंबा है और इसका निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) द्वारा किया गया। इसे तेज ट्रेनों और बढ़े हुए ट्रैफिक को संभालने के लिए डिजाइन किया गया है। भारतीय इंजीनियरिंग की उल्लेखनीय उपलब्धिरामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ने वाला नया पंबन पुल वैश्विक मंच पर भारतीय इंजीनियरिंग की उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में खड़ा है।

कम मेंटेनेंस की होगी जरूरत
  • इसमें 99 स्पैन और 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है जो 17 मीटर की ऊंचाई तक उठता है। वर्टिकल लिफ्ट स्पैन का वजन 660 मीट्रिक टन है। इससे निर्बाध ट्रेन संचालन सुनिश्चित करते हुए जहाजों की सुचारू आवाजाही की सुविधा मिलती है। स्टेनलेस स्टील सुदृढीकरण, उच्च श्रेणी के सुरक्षात्मक पेंट और पूरी तरह से वेल्डेड जोड़ों के साथ निर्मित, पुल में अधिक स्थायित्व और कम रखरखाव की आवश्यकता है।
  • इसे भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए दोहरी रेल पटरियों के लिए डिजाइन किया गया है। विशेष पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग इसे जंग से बचाती है, जिससे कठोर समुद्री वातावरण में दीर्घायु सुनिश्चित होती है। इसे स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। यह पुल भारत के बढ़ते बुनियादी ढांचे के प्रतीक के रूप में खड़ा है और यह रामेश्वरम के पवित्र द्वीप से कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, जिससे हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए यात्रा अधिक सुगम हो जाएगी।

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ISRO के POEM-4 की 'घर वापसी', अंतरिक्ष में फसल उगाने के बाद हाथ लगी एक और सफलता

Dainik Jagran - National - April 5, 2025 - 7:29pm

पीटीआई, बेंगलुरु। भारत का पीएसएलवी आर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल-4 (पीओईएम-4) सफलता का एक और झंडा गाड़कर धरती के वातावरण में लौट गया है। पीओईएम-4 का सुरक्षित पुन:प्रवेश (Re-Entry) अंतरिक्ष में बढ़ते मलबे को रोकने की दिशा में एक और उपलब्धि है। यह अंतरिक्ष पर्यावरण और मलबा मुक्त अंतरिक्ष मिशन में भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी की प्रमुख भूमिका की पुष्टि करता है।

Re-Entry के बाद हिंद महासागर क्षेत्र में पहुंचा पीओईएम-4

इसरो ने कहा कि अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग मिशन के लिए इस्तेमाल किए गए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान के ऊपरी चरण पीओईएम-4 पृथ्वी के वायुमंडल में पुन: प्रवेश कर गया है। इसरो ने एक्स पर पोस्ट किया, पीओईएम-4 मॉड्यूल ने वायुमंडल में पुन: प्रवेश किया। चार अप्रैल 2025 को भारतीय समय अनुसार पूर्वाह्न आठ बजकर तीन मिनट पर हिंद महासागर क्षेत्र में पहुंचा।

इसरो के पीएसएलवी-सी60 राकेट ने 30 दिसंबर, 2024 को 'स्पैडेक्स' मिशन को लांच किया था। 'स्पैडेक्स' उपग्रहों को 475 किमी की ऊंचाई पर स्थापित करने के बाद पीएसएलवी-सी60 के पीएस4 चरण भी लगभग उसी कक्षा में था। पीएसएलवी-सी60 के पीएस4 चरण का इस्तेमाल कर इस अनोखे और सस्ते अंतरिक्ष प्लेटफार्म को विकसित किया गया।

Atmospheric Re-entry of POEM-4

On December 30, 2024, ISRO’s PSLV-C60 launched twin SPADEX satellites and after injecting satellites at 475 km altitude, the specially configured upper stage (PS4) of PSLV-C60 (called PSLV Orbital Experimental Module in short POEM-4) was also… pic.twitter.com/teQGV5EASx

— ISRO (@isro) April 4, 2025

  • मिशन के दौरान, पीओईएम-4 ने कुल 24 पेलोड ने वैज्ञानिक प्रयोग किए।
  • इनमें 14 विभिन्न इसरो से और 10 प्राइवेट विश्वविद्यालयों और स्टार्ट-अप से संबंधित थे।
  • इस दौरान भारत ने 'स्पैडेक्स'- मिशन के साथ भेजे गए लोबिया के बीज को पहली बार अंतरिक्ष में अंकुरित करने में कामयाबी हासिल की थी।
  • जब तक पीओईएम-4 कक्षा में था, तब इस पर इसरो की रडार केंद्रों और यूनाइटेड स्टेट्स स्पेस कमांड कमान (यूएसएसपीएसीईसीओएम) केंद्रो द्वारा भी लगातार नजर रखी जा रही थी।

इसरो ने कहा कि ट्रैकिंग डाटा का इस्तेमाल पुन: प्रवेश भविष्यवाणी प्रक्रिया में किया गया। यह देखा गया कि पीओईएम-4 की कक्षा घटकर 174 किमी/3165 किमी रह गई है और इस प्लेटफार्म के चार अप्रैल को पृथ्वी के वायुमंडल में पुन: प्रवेश करने की भविष्यवाणी की गई। इसके बाद इसरो सिस्टम फॉर सेफ एंड सस्टेनेबल स्पेस आपरेशन्स मैनेजमेंट (आइएस4ओएम) द्वारा पीओईएम-4 के वायुमंडल में पुन: प्रवेश की घटना पर बारीकी से नजर रखी गई और पूर्वानुमानों में नियमित रूप से अपडेट किया गया।

इसरो का प्रायोगिक मिशन है पीओईएमपीओईएम

पीओईएम या पोएम इसरो का प्रायोगिक मिशन है। इसके तहत कक्षीय प्लेटफॉर्म के रूप में पीएस-4 चरण का उपयोग करके कक्षा में वैज्ञानिक प्रयोग किया जाता है। पीएसएलवी चार चरणों वाला रॉकेट है। इसके पहले तीन चरण प्रयोग होने के बाद समुद्र में गिर जाते हैं और अंतिम चरण उपग्रह को कक्षा में प्रक्षेपित करने के बाद अंतरिक्ष में कबाड़ बन जाता है। इसरो के पीओईएम मिशन से अंतरिक्ष कचरे की समस्या से निपटने में भी मदद मिलेगी।

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