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Business News - June 2, 2025 - 9:48am
Categories: Business News

Covid-19: सर्दी-खांसी के मरीजों की कोरोना जांच में देरी, पटना के टॉप सरकारी अस्पतालों में किट का इंतजार!

Dainik Jagran - June 2, 2025 - 8:53am

जागरण संवाददाता, पटना। देश व प्रदेश में फिर कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने अस्पतालों में सर्दी-खांसी, जुकाम, बुखार या गले में खराश की समस्या लेकर आने वाले रोगियों को आशंकित मानते हुए कोरोना जांच कराने का निर्देश दिया है।

इसके चंद दिन बाद पीएमसीएच, एनएमसीएच, आइजीआइएमएस जैसे बड़े अस्पतालों में जांच बढ़ाने तक के निर्देश दिए गए। इन निर्देशों के आठ दिन तक पीएमसीएच, आइजीआइएमएस व आरएमआरआइ जैसे बड़े संस्थानों में कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच नहीं शुरू हुई।

आरटीपीसीआर जांच किट आने पर सोमवार से बड़े पैमाने पर जांच शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन अभी उसके लिए इंतजार करना होगा। हालांकि, आइजीआइएमएस के चिकित्साधीक्षक डॉ. मनीष मंडल व पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने बताया कि ओपीडी व वार्डों में भर्ती कोरोना आशंकितों की जांच शुरू हो चुकी है।

वहीं, सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि अभी आरटी-पीसीआर की जांच की नहीं आने से न्यू गार्डिनर रोड, एलएनजेपी, गर्दनीबाग जैसे अस्पतालों में कोरोना जांच नहीं शुरू हुई है। पूरी तैयारी है किट आते ही सभी जगह जांच शुरू करा दी जाएगी।

बड़े अस्पतालों में बढ़ेगी आशंकित रोगियों की संख्या, सावधानी जरूरी सर्दी-खांसी, बुखार, गले में खराश जैसे कोरोना के अति सामान्य लक्षण होने पर मरीज सबसे पहले नजदीकी छोटे अस्पतालों में जाता है।

वहां कोरोना की जांच नहीं होने से अब आशंकित मरीज आइजीआइएमएस, पीएमसीएच, एनएमसीएच या एम्स पटना की ओपीडी में जाएंगे।

वहां कोरोना आशंकित रोगियों की संख्या बढ़ने से लंबी कतार लगेगी और मास्क नहीं लगाने या शारीरिक दूरी नियम का पालन नहीं करने से अचानक संक्रमितों की संख्या बढ़ सकती है।

हालांकि, आइजीआइएमएस ने शुरुआती दौर में ही बिना मास्क डाक्टरों के कक्ष में प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया है और कतार में शारीरिक दूरी नियम का अनुपालन कराने के लिए सुरक्षाकर्मियों को निर्देश दिए हैं।

सुरक्षाकर्मी माइकिंग कर इसका अनुपालन कराने का प्रयास करते हैं लेकिन अभी तक यह बहुत प्रभावी नहीं रहा है।

इनकी जांच व निम्न सावधानी जरूरी

बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं व लंबे समय से बीमार लोगों में लक्षण दिखने पर उनकी जांच प्राथमिकता पर करानी जरूरी है। 

जांच सुविधा बहुत कम केंद्रों पर होने से भीड़ बढ़ गई है। इससे कोरोना संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा के लिए भी सर्जिकल मास्क के अलावा कोई व्यवस्था नहीं है।

अबतक हैंड सैनिटाइजर तक मुहैया नहीं कराया गया है। खतरनाक दुष्प्रभाव की समय रहते पहचान के लिए एसपीओ2 जांच की मशीनें खराब होने से वह भी बंद।

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Bihar Politics: विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस का नया दांव! नई घोषणा के बाद बिहार में सियासी हलचल तेज

Dainik Jagran - June 2, 2025 - 7:50am

राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश कांग्रेस ने घोषणा की है कि चुनाव में अति पिछड़ा वर्ग करे उसकी आबादी के अनुपात में राजनीतिक हिस्सेदारी दी जाएगी।

रविवार को सदाकत आश्रम में आयोजित अतिपिछड़ों का सवाल बनाम कांग्रेस की भूमिका विषयक सेमिनार सह अभिनंदन समारोह में वक्ताओं ने उक्त बातें कहीं।

कार्यक्रम में प्रदेश के अलग अलग हिस्सों से आए अतिपिछड़ा समाज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सेमिनार में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार, सह प्रभारी सुशील पासी भी शामिल हुए।

कार्यक्रम के दौरान पार्टी ने एक प्रस्ताव भी पारित किया

कार्यक्रम के दौरान पार्टी ने एक प्रस्ताव भी पारित किया। प्रस्ताव में कहा गया है कि कांग्रेस अति पिछड़े समुदाय की सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक हिस्सेदारी के लिए संगठित संघर्ष करेगी और उसे अपने राजनीतिक एजेंडे में प्राथमिकता देगी।

कार्यक्रम को प्रो. शिव जनतन ठाकुर, अली अनवर, डॉ. केपी सिंह, चंद्रदेव कुमार चौधरी, व नीलू कुमारी ने संबोधित किया।

इनके अलावा अजय कानू, ओमप्रकाश महतो व प्रमोद कुमार चंदवंशी ने भी संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि यह आयोजन सिर्फ एक अभिनंदन नहीं, बल्कि अतिपिछड़ा समाज की आवाज को राजनीति के केंद्र में लाने की एक निर्णायक पहल साबित हुआ।

कार्यक्रम के दौरान अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ बिहार के नव-नियु1त चेयरमैन शशि भूषण पंडित का अभिनंदन भी किया गया।

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Bihar Politics: बिहार चुनाव से ठीक पहले नीतीश सरकार का नया दांव! केंद्र को लिखा पत्र, अब कर दी ये मांग

Dainik Jagran - June 2, 2025 - 7:43am

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के शहरी निकायों के लिए प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना-2 के तहत केंद्र सरकार से एक लाख अतिरिक्त शहरी आवास की मांग की गई है। नगर विकास एवं आवास विभाग ने इसको लेकर केंद्र को पत्र लिखा है।

पीएम आवास योजना-2 के तहत राज्य के शहरी निकायों को अगले पांच साल में पांच लाख आवास मिलने हैं। इसके लिए सर्वे का काम हो चुका है। अभी तक हुए सर्वे में पांच लाख से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं। अभी आवेदन की प्रक्रिया जारी है।

शहरी आवास के बढ़ते आवेदनों को देखते हुए आवास बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसको लेकर मुख्य सचिव स्तर पर समीक्षा बैठक भी हुई जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है। केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद शहरी गरीबों को छह लाख आवास मिलेंगे।

शहरी आवास के लिए आए आवेदनों के सत्यापन की चल रही प्रक्रिया 

वर्तमान में शहरी आवास के लिए आए आवेदनों के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। सभी शहरी निकायों को गंभीरता से आवेदन के सत्यापन का निर्देश दिया गया है। इसमें भ्रष्टाचार की शिकायत पर लगाम कसने के लिए दो टीम गठित की है।

टीम के सदस्य शहरी निकायों में जाकर आवेदकों से बात करेंगे। विभागीय समीक्षा बैठक में नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री जिवेश कुमार ने भी इस संबंध में निर्देश दिए हैं।

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