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भाजपा ने विपक्ष को बताया 'औरंगजेब फैन क्लब', सुधांशु त्रिवेदी बोले- 'ये मुगल सम्राटों की करते हैं तारीफ'
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाकुंभ पर दिए गए बयान के बाद लोकसभा में विपक्ष की आलोचना के जवाब में मंगलवार को भाजपा ने विपक्ष पर तीखा हमला किया। भाजपा ने विपक्ष को 'औरंगजेब फैन क्लब' कहकर तंज कसा, क्योंकि उन्होंने इस विशाल धार्मिक आयोजन में भाग नहीं लिया।
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ये वही लोग हैं जो मुगल सम्राट की महानता की प्रशंसा करते हैं। वे मोदी की महाकुंभ की प्रशंसा को सहन नहीं कर सके, जिसने भारतीयों को इस ऐतिहासिक और अभूतपूर्व क्षण में गर्व से भर दिया।
त्रिवेदी ने कहा कि कुछ नेता हर चीज में नकारात्मकता खोजते हैं, चाहे वह महाकुंभ जैसा भव्य और ऐतिहासिक आयोजन ही क्यों न हो। उन्होंने दावा किया कि 'औरंगजेब फैन क्लब' को छोड़कर सभी ने इस विशाल धार्मिक आयोजन में भाग लिया।
भाषा के नाम पर बांट रहा विपक्षराज्यसभा सदस्य ने कहा कि जो लोग सनातन धर्म को मिटाने के लिए समर्पित हैं, उन्हें इसमें कुछ भी अच्छा नहीं लगा और उन्होंने राम मंदिर के उद्घाटन के बाद भी वहां का दौरा नहीं किया। विपक्षी नेताओं पर तंज कसते हुए उन्होंने दावा किया कि वे क्षेत्र, भाषा और जाति के नाम पर समाज को विभाजित करने का काम करते हैं, लेकिन उनके प्रयास संगम में करोड़ों भक्तों के पवित्र स्नान के साथ धुल गए।
विकास की सराहना नहीं कर सकता विपक्षपार्टी के एक अन्य प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित अन्य विपक्षी नेताओं पर आरोप लगाया कि वे भारत की प्रतिष्ठा और समाज में एकता को बढ़ाने वाले किसी भी विकास की सराहना नहीं कर सकते। पुरी के सांसद पात्रा ने कहा कि चाहे वह जी20 का आयोजन हो या भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था, इन नेताओं ने हमेशा आलोचना की।
उन्होंने कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद की भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा पर की गई टिप्पणी का भी हवाला दिया, जबकि टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही थी और भारत ने चैंपियंस ट्राफी तक जीती। पात्रा त्रा ने कहा कि मोदी ने सदन में महाकुंभ के भव्य आयोजन और भारत की आध्यात्मिकता के बारे में बात की। सभी ने उन्हें सुना और उनकी प्रशंसा की।
नए भारत में विपक्ष के नेता को भी बोलने नहीं दिया जा रहाराहुल नेता विपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि लोकतांत्रिक ढांचे के अनुसार विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति मिलनी चाहिए, लेकिन नए भारत में ऐसा नहीं हो रहा है। राहुल ने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा कि वह भी महाकुंभ के मुद्दे पर सदन में बोलना चाहते थे। उन्होंने जोर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी को प्रयागराज में 29 जनवरी को महाकुंभ में हुई भगदड़ में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए थी।
पीएम की बातों का समर्थन करना चाहता था: राहुलराहुल ने कहा कि मैं उनके कहे का समर्थन करना चाहता था। कुंभ हमारी परंपरा, इतिहास और संस्कृति है। मगर शिकायत यह भी थी कि उन्होंने उन लोगों को श्रद्धांजलि नहीं दी जिन्होंने महाकुंभ में भगदड़ में अपनी जान गंवाई।
उन्होंने यह भी कहा कि कुंभ में गए युवाओं को रोजगार की आवश्यकता है और प्रधानमंत्री को इस पर भी बोलना चाहिए। कांग्रेस की वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी वॉड्रा ने भी कहा कि विपक्ष को सदन में बोलने की अनुमति मिलनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि विपक्ष की भी इस पर अपनी भावनाएं हैं और उसे अपनी राय व्यक्त करने देने में किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
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तेलंगाना को राहुल गांधी ने बनाया मॉडल, कहा- अब देश में जाति जनगणना कोई नहीं रोक सकता; केंद्र से की बड़ी मांग
संजय मिश्र, जागरण, नई दिल्ली। कांग्रेस के सामाजिक आधार के दायरे को विस्तार देने की रणनीति के पिछले कुछ अर्से से देश में जातीय जनगणना की आवाज बुलंद कर रहे लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी को तेलंगाना सरकार के ओबीसी आरक्षण बढ़ाने के विधानसभा में पारित बिल का साथ मिल गया है।
तेलंगाना की कांग्रेस सरकार के राज्य में जातीय जनगणना कराने के बाद ओबीसी आरक्षण को बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने के पारित प्रस्ताव को राहुल गांधी ने देश में सामाजिक न्याय के मॉडल के रूप में अपनाए जाने की पैरोकारी की है।
जाति जनगणना से ही उचित हक मिलेगाकांग्रेस नेता ने तेलंगाना की इस पहल के सहारे केंद्र सरकार पर भी जातीय जनगणना कराए जाने का दबाव डालने की सियासत तेज करने के अपने इरादे साफ करते हुए कहा कि अब इसे कोई रोक नहीं सकता।
राहुल गांधी ने तेलंगाना में ओबीसी आरक्षण की सीमा बढ़ाने के पारित विधेयक का हवाला देते हुए जाति जनगणना के लिए केंद्र पर दबाव बनाने की अपनी रणनीति के तहत यह कहने से भी गुरेज नहीं किया कि जातिगत जनगणना से ही पिछड़े और वंचित समुदायों को उनका उचित हक मिल सकता है।
कांग्रेस का वादा पूरा: राहुल गांधीतेलंगाना की रेवंत रेडडी सरकार द्वारा सोमवार को विधानसभा में ओबीसी आरक्षण बढ़ाने संबंधी बिल पारित किए जाने के बाद मंगलवार को नेता विपक्ष ने एक्स पर पोस्ट में इसे ओबीसी आरक्षण का कांग्रेस का वादा पूरा करने के रूप में पेश किया।
राहुल गांधी ने कहा ''राज्य में वैज्ञानिक तरीके से हुई जातिगत गिनती से मिली ओबीसी समुदाय की वास्तविक संख्या स्वीकार की गई और शिक्षा, रोजगार और राजनीति में उनकी समान भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विधानसभा में 42 प्रतिशत आरक्षण का बिल पारित किया गया है। सामाजिक न्याय की दिशा में यह वाकई एक क्रांतिकारी कदम है जिसके द्वारा राज्य में आरक्षण पर से 50 प्रतिशत की दीवार भी गिरा दी गई है।"
आरक्षण की 50 फीसदी सीमा हटाने की मांगराहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक की भारत जोड़ो यात्रा और मणिपुर से मुंबई की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समय से ही कांग्रेस की राजनीति को सामाजिक न्याय के सियासी ट्रैक की ओर मोड़ चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान जातीय जनगणना पार्टी का एक बड़ा मुद्दा रहा।
नेता विपक्ष ने इसके बाद भी जातीय जनगणना को कांग्रेस पार्टी के राजनीतिक विमर्श के प्रमुख एजेंड़े में रखा है। इसीलिए तेलंगाना की ताजा पहल को तत्काल लपकते हुए राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से एक बार फिर आरक्षण की वर्तमान 50 फीसद की अधिकतम सीमा की पाबंदी हटाने की मांग की।
तेलंगाना ने रास्ता दिखा दियाकांग्रेस नेता ने अपने बयान में कहा कि जातिगत सर्वेक्षण के डेटा से हर समुदाय के सामाजिक और आर्थिक हालात का विश्लेषण कर ऐसी नीतियां बनाई जाएंगी जिनसे सबकी बेहतरी सुनिश्चित हो। तेलंगाना सरकार ने इसके लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समूह भी बनाया है। उन्होंने कहा कि लगातार वे कह रहे कि एक्सरे यानि जातिगत जनगणना से ही पिछड़े और वंचित समुदायों को उनका उचित हक मिल सकता है।
तेलंगाना ने रास्ता दिखा दिया है। यही पूरे देश की जरूरत है और हम भारत में जाति जनगणना करवाकर रहेंगे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी एक्स पोस्ट में कहा कि विधानसभा चुनाव में किया वादा हमने पूरा कर दिया है। सामाजिक न्याय के लिए उठाया गया बेहद जरूरी कदम है, जो आपको सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा।
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भारत से कम या ज्यादा, पाकिस्तान-श्रीलंका में कितना है रेल किराया? अश्विनी वैष्णव ने संसद में दी जानकारी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष को रेलवे और रक्षा पर राजनीति से परहेज करने और भ्रामक बयान से बचने की नसीहत देते हुए दावा किया कि रेलवे में पिछले एक दशक के दौरान पांच लाख से अधिक लोगों को नौकरियां दी गई हैं। साथ ही वर्तमान में एक लाख नियुक्ति की प्रक्रिया भी चल रही है।
उन्होंने कहा कि रक्षा एवं रेलवे मंत्रालय देश की जीवनरेखा और रीढ़ की हड्डी हैं। रेल मंत्रालय के कामकाज पर राज्यसभा में सोमवार को चर्चा का जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा कि विपक्ष का आरोप है कि रेलवे में भर्तियां नहीं हुई हैं जो 'भ्रामक' है।
भारत में रेल किराया कमउन्होंने दावा किया कि पड़ोसी देशों की तुलना में भारत में रेल किराया कम है। प्रथम 350 किलोमीटर की यात्रा के हिसाब से देखें तो भारत में सामान्य श्रेणी का किराया सिर्फ 121 रुपये है। पाकिस्तान में 400 रुपये और श्रीलंका में 413 रुपये है। पश्चिमी देशों में रेल किराया तो भारत की अपेक्षा 10-20 गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 से रेल किराए में वृद्धि नहीं हुई है।
रेल मंत्री ने गिनाईं कई उपलब्धियांवैष्णव ने रेलवे की उपलब्धियां भी गिनाई। कहा कि माल ढुलाई की क्षमता में अभी रेलवे सिर्फ चीन और अमेरिका से पीछे है। जल्द ही 1.6 अरब टन माल ढुलाई की क्षमता के साथ तीन शीर्ष देशों में शामिल हो जाएगा। रेलमंत्री ने विपक्ष के उस आरोप को नकार दिया, जिसमें जनरल डिब्बों की संख्या घटाने और रेल किराया बढ़ाने की बात थी। उन्होंने कहा कि रेलवे माल ढुलाई से कमाता है और यात्रियों को सब्सिडी देता है।
उन्होंने दावा किया कि प्रति यात्री लागत प्रति किलोमीटर 1.38 रुपये है जबकि यात्रियों से सिर्फ 72 पैसे ही लिए जाते हैं। वर्ष लगभग 2023-24 में 57 हजार करोड़ रुपए यात्री सब्सिडी के रूप में दिए गए। आम लोगों का ख्याल करते हुए अनारक्षित एवं गैर-वातानुकूलित डिब्बे बढ़ाए जा रहे हैं। अभी गैर-वातानुकूलित एवं वातानुकूलित डिब्बों की संख्या 70:30 के अनुपात में है।
रेलवे तैयार कर रहा 17 हजार डिब्बेरेलवे 17 हजार से अधिक गैर-वातानुकूलित डिब्बे तैयार कर रहा है, जिन्हें विभिन्न ट्रेनों में लगाया जाएगा।रेलमंत्री ने विपक्ष शासित राज्यों में विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से मदद मांगी। रेलवे भर्तियों में भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया और भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बताते हुए कहा कि रेलवे की 40 प्रतिशत कार्य क्षमता युवा है। उन्होंने कहा कि अभी रेलवे में 12 लाख कर्मचारी हैं, जिनमें पांच लाख ऐसे हैं, जिनकी नियुक्ति पिछले दस वर्षों में की गई है।
भारत कर रहा लोकोमोटिव का निर्यातरेलमंत्री ने बताया कि बिहार के मढौरा कारखाने में बने लोकोमोटिव का निर्यात जल्द शुरू होगा। इस वर्ष 1,400 लोकोमोटिव का निर्माण हुआ है, जो अमेरिका और यूरोप के संयुक्त उत्पादन से अधिक है। पैसेंजर कोच बांग्लादेश और श्रीलंका निर्यात किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया किलोकोमोटिव भी श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश को जा रहे हैं। बोगी के अंडर-फ्रेम यूनाइटेड किंगडम, सऊदी अरब, फ्रांस और आस्ट्रेलिया को और प्रपल्शन पार्ट्स फ्रांस, मैक्सिको, जर्मनी, स्पेन, रोमानिया और इटली को निर्यात किए जा रहे हैं।
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'भले ही आप हजारों मील दूर हों, लेकिन...', PM मोदी ने सुनीता विलियम्स को लिखी चिट्ठी; भारत आने का दिया न्योता
एएनआई, नई दिल्ली। नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स धरती पर वापसी करने को तैयार हैं। अंतरिक्ष में फंसी सुनिता अपने साथी बुच विलमोर के साथ वापसी के लिए अंतरिक्ष यान में सवार हो चुकी हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनीता विलियम्स को चिट्ठी लिखी है।
पीएम मोदी ने लिखी चिट्ठीपीएम मोदी ने पत्र लिख कहा कि भले ही आप हजारों मील दूर हों, लेकिन आप हमारे दिलों के करीब हैं। पीएम के इस पत्र को केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने साझा किया है। जितेंद्र सिंह ने ट्वीट किया, "जबकि पूरी दुनिया सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी के लिए बेसब्री से इंतजार कर रही है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की इस बेटी के लिए अपनी चिंता अलग तरह से व्यक्त की।"
पीएम ने क्या लिखा?पीएम मोदी ने अपने पत्र में सुनीता विलियम्स की खूब तारीफ की। पीएम ने कहा,
मैं आपको भारत के लोगों की ओर से शुभकामनाएं देता हूं। आज एक कार्यक्रम में मैं प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो से मिला। हमारी बातचीत के दौरान, आपका नाम आया और हमने चर्चा की कि हमें आप और आपके काम पर कितना गर्व है। इस बातचीत के बाद, मैं खुद को आपको पत्र लिखने से नहीं रोक पाया। जब मैं अमेरिका की अपनी यात्राओं के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप या पूर्व राष्ट्रपति बाइडन से मिला, तो मैंने आपके बारे में पूछा। 140 करोड़ भारतीयों ने हमेशा आपकी उपलब्धियों पर बहुत गर्व किया है। हाल के घटनाक्रमों ने एक बार फिर आपके प्रेरणादायक धैर्य और दृढ़ता को प्रदर्शित किया है।
PM Narendra Modi writes to NASA Astronaut Sunita Williams
Sharing the letter, Union Minister Dr Jitendra Singh tweets, "As the whole world waits, with abated breath, for the safe return of Sunita Williams, this is how PM Narendra Modi expressed his concern for this daughter of… pic.twitter.com/xaiY88Fdpk
पीएम ने आगे कहा कि मुझे 2016 में अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान आपके साथ मुलाकात की याद आती है। पीएम ने इसी के साथ कहा कि मैं आपकी वापसी के बाद आपको भारत में देखने के लिए उत्सुक हूं। भारत की बेहतरीन बेटियों में से एक की मेजबानी करना खुशी की बात होगी।
जॉर्ज सोरोस से जुड़ी संस्थाओं पर ED का एक्शन, बेंगलुरु में 8 जगहों पर छापामारी; क्या हैं आरोप?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस से जुड़े NGO पर रेड हुई है। बेंगलुरु स्थित जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन, ओपन सोरोस फाउंडेशन (OSF) और एमनेस्टी इंटरनेशनल के दफ्तरों पर ED ने छापा मारा।
ओएसएफ ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। सूत्रों ने बताया कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत लाभार्थियों के परिसरों की तलाशी ली जा रही है, जिनमें कुछ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार निकायों से जुड़े लोग भी शामिल हैं। एजेंसी ने एमनेस्टी और ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) के पूर्व-वर्तमान कर्मचारियों के घरों की भी तालाशी ली।
कहां-कहां पर चल रही ED की छापेमारी?- ईडी की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि सोरोस ओएसएफ को 2016 में गृह मंत्रालय द्वारा प्रायर रेफरेंस कैटेगरी" (पूर्व संदर्भ श्रेणी) में रखा गया था। जिससे इसे भारत में एनजीओ को बिना नियमन के दान देने से रोका गया था।
- इस प्रतिबंध से बचने के लिए, ओएसएफ ने भारत में अपनी सहायक कंपनियों के जरिए एफडीआई और कंसल्टेंसी फीस के नाम पर पैसे लाए और इन फंड्स का उपयोग एनजीओ की गतिविधियों को फंडिंग करने के लिए किया गया जो कि फेमा का उल्लंघन है।
- ईडी अन्य एफडीआई फंड्स के उपयोग की भी जांच कर रहा है।
ईडी सोरोस इकोनॉमिक डेवलपमेंट फंड (एसईडीएफ) और ओएसएफ द्वारा लाए गए अन्य एफडीआई फंडों के अंतिम इस्तेमाल की भी जांच कर रहा है। ईडी की तलाशी में मेसर्स एस्पाडा इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड पर भी तलाशी शामिल थी, जो भारत में एसईडीएफ का निवेश सलाहकार/फंड मैनेजर है और मॉरीशस इकाई की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
संस्थानों पर FEMA उल्लंघन का आरोपरिपोर्ट्स के मुताबिक ED की कार्रवाई विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (FEMA) के उल्लंघन को लेकर हुई।एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दिसंबर 2020 में ही भारत में अपनी एक्टिविटी बंद कर दी थी। संस्था के बैंक खाते अवैध विदेशी फंडिंग के आरोप के चलते फ्रीज भी किए गए थे।
'जनरेशन Z रील बनाना जानती है पर गणित नहीं..', बेंगलुरु के एक CEO ने कंपनी में हायरिंग को लेकर जताई चिंता; पूछा था ये सवाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। GEN Z को लेकर इन दिनों चर्चा जोरों पर हैं। इस बीच बेंगलुरु स्थित CEO आशीष गुप्ता ने लिंक्डइन पर GEN Z को लेकर टिप्पणी की है। जिसमें उनके रील लाइफ के कारण रियल लाइल ज्ञान को कम आंका जा रहा है। CEO आशीष गुप्ता ने कहा, GEN Z रील्स बनाता हैं, लेकिन उसे असली गणित नहीं आता।
पोस्ट में आशीष गुप्ता ने एक असहज वास्तविकता की ओर इशारा किया, उन्होंने कहा- एक पीढ़ी जो वायरल कंटेट बनाने में तेज है। अपने हाल ही के कैंपस हायरिंग अनुभव को शेयर करते हुए, गुप्ता ने बीबीए और बीसीए जैसे स्ट्रीम से नए ग्रेजुएशन की भर्ती के लिए एक पॉपुलर इंस्टीट्यूट के सफर के बारे में बताया।
CEO आशीष गुप्ता ने पूछा सवाल50 से अधिक छात्रों के साथ बातचीत करते हुए, उन्होंने कक्षा 5 का एक सीधा-सादा गणित का सवाल पूछा: 'यदि कोई कार पहले 60 किमी 30 किमी/घंटा की गति से और अगले 60 किमी 60 किमी/घंटा की गति से चलती है, तो इसकी औसत गति क्या है?'
केवल दो छात्रों ने सही उत्तर दिया, जबकि बाकी को इसे हल करने में संघर्ष करना पड़ा। फिर भी, जब उनसे पूछा गया कि वे कैसे प्रोडक्ट की मार्केटिंग करेंगे, तो गुप्ता ने पाया कि वे लोग इंस्टाग्राम रील्स, वायरल कंटेंट और डिजिटल ट्रेंड के बारे में विचारों से भरे हुए थे।
आशीष गुप्ता ने कहा
इससे एक कठोर सच्चाई सामने आती है, GEN Z सोशल मीडिया पर नेविगेट करने में बहुत तेज है, लेकिन बुनियादी समस्या-समाधान, तार्किक तर्क और वित्तीय साक्षरता का अभाव है। उन्होंने आगाह किया कि अगर यह असंतुलन जारी रहा, तो यह व्यक्तिगत वित्त, निर्णय लेने और विश्लेषणात्मक चुनौतियों से निपटने में पूरी पीढ़ी को असुरक्षित बना सकता है।
25 प्रतिशत अमेरिकी ही GEN Z को रखना चाहतेजेनरेशन Z फ्रेशर्स को नियुक्त करने के बारे में भर्तीकर्ता विभाजित हैं। केवल 25 प्रतिशत अमेरिकी भर्तीकर्ता उन्हें नियुक्त करने के लिए उत्सुक हैं, जबकि 17 प्रतिशत झिझकते हैं या खुले तौर पर अनिच्छुक रहते हैं। गुप्ता ने अप्रत्यक्ष रूप से कहा कि चुनौती पुरानी सोच से परे है और जेनरेशन Z के नजरिए और पारंपरिक कार्यस्थलों की मांगों के बीच एक बुनियादी अलगाव की ओर इशारा करती है।
कैसा है GEN Z?नियोक्ता जेनरेशन Z कर्मचारियों के बीच अधिकार की भावना सहित विभिन्न चिंताओं की रिपोर्ट करते हैं, जिसमें 65 प्रतिशत नियोक्ता इसे एक प्रमुख मुद्दे के रूप में उजागर करते हैं। 55 प्रतिशत का कहना है कि जेनरेशन Z फीडबैक को व्यक्तिगत आलोचना के रूप में लेता है, जिससे विकास में मुश्किल हो जाती है।
ट्रंप की टैरिफ नीति से भारत को कितना होगा नुकसान? सरकार कर रही कैलकुलेशन
पीटीआई, नई दिल्ली। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सरकार स्टील और एल्युमीनियम आयात पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 25 प्रतिशत शुल्क के प्रभाव का आकलन कर रही है।
मंत्री ने लिखित उत्तर में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा के अनुसार अमेरिकी सरकार ने 12 मार्च से आयात शुल्क लगाया है। उन्होंने कहा, जैसा कि वाणिज्य विभाग द्वारा बताया गया है भारत पर उपरोक्त घोषणाओं के प्रभाव का आकलन किया जा रहा है।
भारत की रेटिंग बेहतरएक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री ने कहा कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की 40 सिफारिशों में से 37 में भारत को अनुपालन या काफी हद तक अनुपालन रेटिंग मिली है। तीन सिफारिशों में इसे आंशिक रूप से अनुपालन रेटिंग प्राप्त हुई तथा किसी को भी गैर-अनुपालन रेटिंग नहीं दी गई।
भारत को रेगुलर फॉलो अप श्रेणी में रखा गया, जो कि एफएटीएफ के तहत मूल्यांकन किए जा रहे किसी भी देश को दी जाने वाली सर्वोत्तम संभव रेटिंग है। जी- 20 के केवल तीन अन्य देश हैं जिन्हें यह रेटिंग प्राप्त है। यह भारत की मजबूत स्थिति को दर्शाता है।
अमेरिका को भी होगा नुकसान- कुछ लोगों का मानना ये भी है कि भारत के खिलाफ ट्रंप का टैरिफ अमेरिकियों के लिए गले की फांस बन सकताहै क्योंकि अमेरिका में दवाओं की कीमतें बढ़ सकती हैं। लाखों अमेरिकियों को अपनी दवा के लिए अधिक रकम चुकानी पड़ सकती है।
- कंसल्टिंग फर्म 'आईक्यूवीआईए' के एक अध्ययन के अनुसार, केवल 2022 में ही भारतीय जेनेरिक दवाओं से 219 बिलियन डॉलर की बचत हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि व्यापार समझौते के बिना ट्रंप के टैरिफ कुछ भारतीय जेनेरिक दवाओं को अव्यवहारिक बना सकते हैं। इससे कंपनियों को बाजार से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है और मौजूदा दवा की कमी और बढ़ सकती है।
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खत्म होगा गर्मी का प्रकोप! इन राज्यों के लिए भयंकर बारिश की चेतावनी, तापमान में आएगी गिरावट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गोरखपुर, बस्ती समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हुई ओलावृष्टि व असम और केरल में पिछले 24 घंटे में हुई बारिश के कारण मौसम काफी बदल गया है। पूर्वी भारत के ज्यादातर हिस्सों में अब हीट वेव की स्थिति में कमी आने की संभावना है।
मौसम विभाग ने बताया कि इन क्षेत्रों के अलावा पिछले 24 घंटे में पश्चिम बंगाल और सिक्किम में ओलावृष्टि हुई। हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय समेत नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में काफी तेज हवाएं देखने को मिलीं।
हीट वेव से जूझ रहे कई राज्यमौसम विभाग के मुताबिक, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, विदर्भ और तेलंगाना जैसे राज्य हीट वेव की स्थिति से गुजर रहे हैं। हालांकि आने वाले दिनों में ओडिशा के अलावा अन्य जगहों पर इसमें कमी देखने को मिल सकती है।
पूर्वोत्तर भारत में अगले 5 दिनों के अंदर गरज के साथ मध्यम वर्षा और तेज हवा की संभावना जताई गई है। वहीं अरुणाचल प्रदेश में कई स्थानों पर बारिश और बर्फबारी देखने को मिल सकती है।
बारिश से सुहाना होगा मौसम- पूर्वी मध्य भारत की बात करें, तो यहां 19 से 23 मार्च के दौरान गरज, बिजली, तेज हवा और ओलावृष्टि के साथ-साथ बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, हरियाणा के ऊपर एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, लेकिन इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिलेगा।
- उत्तर पश्चिम भारत में आने वाले दिनों में तापमान में 3 से 5 डिग्री की वृद्धि हो सकती है। पूर्वी भारत की बात करें, तो अगले 3 दिन तापमान में कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन उसके बाद 2 से 4 डिग्री की गिरावट देखने को मिलेगी।
पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड समेत पूर्वोत्तर राज्यों और भारत के पूर्वी हिस्से में बारिश से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि 18 मार्च को पूर्वोत्तर राज्यों और ओडिशा समेत दक्षिण के कुछ राज्यों में बारिश होगी।
19 मार्च को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा समेत ज्यादातर हिस्सों में बारिश हो सकती है। वहीं 20-21 मार्च को मौसम अपने चरम पर होगा। इस दौरान यूपी, झारखंड, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भयंकर बारिश हो सकती है।
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'ट्रंप की भाषा बोल रहे मोदी', कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पर साधा निशाना; कहा- मार्ग से भटक रहे हैं पीएम
पीटीआई, नई दिल्ली। अमेरिकी पॉडकास्टर के साथ संवाद में वैश्विक संगठनों की प्रासंगिकता पर टिप्पणियों के लिए कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना की है।
कांग्रेस ने दावा किया कि प्रधानमंत्री स्पष्ट रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को खुश करने के लिए अपने मार्ग से भटक रहे हैं और अपने अच्छे मित्र की बातों को दोहरा रहे हैं।
जयराम रमेश ने साधा निशानाकांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 'वह (मोदी) कहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय संगठन, जिनसे भारत को काफी लाभ हुआ है, अप्रांसगिक हो गए हैं। यह अमेरिकी राष्ट्रपति की भाषा है। वास्तव में राष्ट्रपति ट्रंप उन्हें अप्रासंगिक बनाने का भरकस प्रयास कर रहे हैं और अब मोदी अपने अच्छे मित्र की बातों को दोहरा रहे हैं।'
उन्होंने सवाल किया कि क्या डब्ल्यूएचओ और डब्ल्यूटीओ भारत के लिए ठीक नहीं हैं? क्या जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौता भारत के लिए ठीक नहीं है? क्या अपनी सभी कमजोरियों के बावजूद यूएन ने भारतीय शांतिरक्षकों के लिए विदेश में अवसर उपलब्ध नहीं कराए?
उन्होंने कहा कि बहुपक्षीय संगठनों में सुधार की जरूरत है, लेकिन उनकी वैसी व्यापक निंदा नहीं होनी चाहिए, जैसी राष्ट्रपति ट्रंप व प्रधानमंत्री मोदी कर रहे हैं।
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'संसद में दिए आश्वासनों को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी', किरेन रिजिजू बोले- अगर ऐसा नहीं हुआ तो...
पीटीआई, नई दिल्ली। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को राज्यसभा को आश्वस्त किया कि सरकार संसद के दोनों सदनों में मंत्रियों द्वारा दिए गए सभी आश्वासनों को गंभीरता से लेती है, क्योंकि यह लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है।
राज्यसभा में सवालों का जवाब देते हुए रिजिजू ने कहा, हम संसदीय लोकतंत्र का महत्व समझते हैं। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि आश्वासन पूरा किया जाए। यदि आश्वासन पूरे नहीं किए गए तो यह संसदीय लोकतंत्र पर एक धब्बा होगा।
आश्वासनों को पूरा करने में ढिलाई नहींरिजिजू ने कहा कि संसद का नियम है कि सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों को तीन महीने में पूरा किया जाना चाहिए। हम संसद में सरकार द्वारा दिए गए सभी आश्वासनों को गंभीरता से लेते हैं। संसद में दिए गए आश्वासनों को पूरा करने में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी है।
रिजिजू ने कहा कि उन्होंने हाल ही में सरकार के सभी मंत्रियों को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि आश्वासन समयबद्ध तरीके से पूरे हों। सांसदों द्वारा लिखे गए पत्रों का जवाब भी एक महीने के भीतर दिया जाना चाहिए।
जयराम रमेश ने दिया सुझाव- संसदीय कार्य राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने सदन को बताया कि 99 प्रतिशत आश्वासनों का क्रियान्वयन किया जा चुका है। डिजिटल प्लेटफॉर्म ऑनलाइन आश्वासन निगरानी प्रणाली (ओएएमएस) का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि संसद में मंत्रियों द्वारा दिए गए आश्वासनों पर नजर रखी जाए, निगरानी की जाए और उन्हें पूरा किया जाए।
- यह प्रणाली सभी हितधारकों को लंबित आश्वासनों पर कार्रवाई करने के लिए समय पर अलर्ट भेजती है, जिससे समयसीमा का पालन सुनिश्चित होता है। इस बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रश्नकाल के दौरान एक सदस्य को केवल एक ही पूरक प्रश्न पूछना चाहिए। इस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह इस पहलू पर गौर करेंगे।
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अब नो टेंशन! समझौते से खत्म होंगे इनकम टैक्स के मुकदमे, ED और CBI जांच कर रही तो भी मिलेगी राहत
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इनकम टैक्स विवादित मामलों को पूरी तरह से निपटाने के लिए तैयार है। इनकम टैक्स से जुड़े सभी अपराधों को समझौते से खत्म करने (कंपाउंडिंग ऑफ आफेंस) योग्य बना दिया गया है। यहां तक कि अगर इनकम टैक्स से जुड़े अपराध में ईडी और सीबीआई भी छानबीन कर रही है तो उस अपराध को भी समझौते के साथ विभाग समाप्त कर सकता है।
यहां तक कि किसी को इनकम टैक्स कानून के अन्य प्रविधान के तहत दो या उससे अधिक साल के कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है, वैसे अपराधी भी समझौते के साथ अपने अपराध माफी के लिए आवेदन कर सकेंगे।
समझौते से समाप्त होगा हर अपराधसोमवार को इनकम टैक्स विभाग की तरफ से एक सर्कुलर जारी किया गया। हालांकि विभागीय अपराधों को समझौते से खत्म करने योग्य बनाने के संबंध में पिछले साल 17 अक्टूबर को दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। हालांकि लोगों को इसकी जानकारी पूरी तरह से नहीं मिल पाई थी। सोमवार को जारी सर्कुलर में साफ कहा गया है कि इनकम टैक्स कानून के अंतर्गत अब ऐसा कोई अपराध नहीं रहा, जिसे समझौते के साथ समाप्त नहीं किया जा सकता है।
इनकम टैक्स से जुड़े मामलों में आएगी कमीविभाग के मुताबिक कंपाउंडिंग ऑफ आफेंस एक मैकेनिज्म है जो अपराध करने वाले को एक निश्चित धनराशि के भुगतान के साथ उसे तमाम वैधानिक पचड़ों के साथ अपराध से मुक्त करने का अवसर देता है। इस नए सर्कुलर पर पूरी तरह अमल से इनकम टैक्स से जुड़े मामलों में भारी कमी आएगी और विभाग को बड़ी धनराशि प्राप्त हो सकती है।
अपराध को समाप्त कराने के लिए एक निश्चित शुल्क के साथ करना होगा आवेदनअपने अपराध को समाप्त कराने के लिए अपराध करने वालों को आवेदन करना होगा। आवेदन करने के लिए एक निश्चित शुल्क देना होगा। गंभीर किस्म के अपराध में इनकम टैक्स विभाग के चेयरमैन को अपराधी के अपराध को समाप्त करने का अधिकार होगा।
उदाहरण के लिए इनकम टैक्स से जुड़े मामले में ईडी और सीबीआई भी जांच कर रही है तो माफी के लिए आवेदन करने पर अगर अभियुक्त ने देश विरोधी या आतंकवाद से जुड़ा कोई अपराध नहीं किया है तो उसे समझौते के साथ छोड़ा जा सकता है, लेकिन इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त होने पर समझौते के लिए इनकम टैक्स विभाग के चेयरमैन की मंजूरी लेनी होगी।
वैसे ही अगर किसी को इनकम टैक्स से जुड़े अपराध में सजा हो गई तो चेयरमैन की मंजूरी पर ही उसके साथ समझौता किया जा सकता है। जिन लोगों ने इनकम टैक्स से जुड़े मामले के लिए अदालत में याचिका दायर कर रखी है, वे भी नए नियम के तहत समझौते से अपने मामले को समाप्त कर सकेंगे। इनकम टैक्स विभाग की साइट पर जाकर सर्कुलर के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की जा सकती है।
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मतदान से जुड़े आंकड़ों के आने में नहीं होगी देरी, चुनाव आयोग ने बनाई नई व्यवस्था; जानिए क्या है प्लान?
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत के अंतिम आंकड़ों के आने में देरी पर राजनीतिक दलों की ओर से उठाए जा रहे सवालों से निपटने के लिए चुनाव आयोग ने एक अहम कदम उठाया है। जिसमें किसी भी मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या अब 1200 से अधिक नहीं रहेंगी।
आयोग ने सभी राज्यों से ऐसे मतदान केंद्रों की पहचान करने और मतदाताओं की संख्या को अधिकतम 1200 तक ही सीमित करने के निर्देश दिए है। आयोग का मानना है कि इससे सभी मतदान केंद्रों पर तय समय के भीतर ही मतदान समाप्त हो जाएगा और सभी के समय पर आंकड़ें भी आ सकेंगे।
बिहार विधानसभा में दिखेगी नई व्यवस्थाआयोग से जुड़े उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो आने वाली बिहार विधानसभा चुनाव में इसे सख्ती से अमल में लाया जाएगा। ताकि चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत के आंकड़ों को लेकर किसी भी तरह का संदेह पैदा न हो सके। आयोग की मानें तो मौजूदा समय में देश में बड़ी संख्या में ऐसे मतदान केंद्र है, जहां मतदाताओं की संख्या 15 सौ या उससे भी अधिक है।
ऐसे में इन मतदान केंद्रों पर तय समय में मतदान अभी पूरा नहीं हो पाता है। समय खत्म हो जाने के बाद भी ऐसे मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी-लंबी लाइनें लगी रहती है। आयोग की इस पहल से अब यह समस्या खत्म होगी। साथ ही मतदाताओं को भी लंबी लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा।
देश में 10 लाख से ज्यादा मतदान केंद्रमौजूदा समय में देश में साढ़े दस लाख से अधिक मतदान केंद्र है। माना जा रहा है कि आयोग की इस पहल के बाद आने वाले में देश में मतदान केंद्रों की संख्या और बढ़ेगी। आयोग के मुताबिक हाल ही में सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के बुलाए गए सम्मेलन में राजनीतिक दलों की ओर से मतदान प्रतिशत के अंतिम आंकड़ों को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर लंबी चर्चा की गई।
राजनीतिक दलों ने लोकसभा चुनाव में उठाए थे सवालसाथ ही इसके पीछे के कारण को समझा गया। आयोग से जुडे़ अधिकारियों के मुताबिक राज्यों ने इसके पीछे मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की अधिक संख्या होना बताया। इसके बाद ही आयोग ने यह निर्देश दिए है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों ने इसे लेकर सबसे अधिक सवाल खड़े किए थे। जिसमें मतदान खत्म होने के बाद और मतदान के अंतिम आंकड़ों के बीच बड़े अंतर को लेकर संदेह भी जताया था। आयोग से इसको लेकर शिकायत भी की।
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'वक्फ बिल पर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश', जगदंबिका पाल ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को घेरा
एएनआई, नई दिल्ली। भाजपा सांसद और वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने विधेयक के खिलाफ योजनाबद्ध विरोध के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) की आलोचना की है। उन्होंने दावा किया कि इससे विभाजन पैदा हो सकता है और संसद के कानून बनाने के अधिकार को चुनौती मिल सकती है।
लोगों को भ्रमित करने की कोशिशवक्फ बिल पर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि एआईएमपीएलबी ने पहले ही समिति के समक्ष अपनी चिंताएं प्रस्तुत कर दी थीं और रिपोर्ट में उन बिंदुओं पर विचार किया गया है। इतना ही नहीं, हमने इसे अपनी रिपोर्ट का हिस्सा भी बनाया है तो फिर वे दिल्ली में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?
महिलाओं और विधवाओं को मिलेगा लाभसंशोधन के बाद एक बेहतर कानून बनने जा रहा है। गरीबों, महिलाओं, विधवाओं और बच्चों को भी वक्फ का लाभ मिलेगा। उन्होंने मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। पाल ने कहा कि अगर वे इस वक्फ (संशोधन) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं तो कहीं न कहीं वे देश के लोगों में नफरत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
उनके द्वारा उठाया गया यह कदम लोकतांत्रिक नहीं है। वहीं, एआईएमपीएलबी के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने दावा किया कि सरकार का उद्देश्य हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करना और देश में अशांति भड़काना है।
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ISRO के नाम एक और उपलब्धि, स्वदेशी क्रायोजेनिक तकनीक वाले छह देशों भारत भी शामिल
आईएएनएस, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने सोमवार को कहा कि भारत उन छह देशों में से एक है, जिन्होंने स्वदेशी क्रायोजेनिक तकनीक विकसित की है। अन्य पांच देश अमेरिका, फ्रांस, रूस, चीन और जापान हैं।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास में शोध केंद्र के शुभारंभ अवसर पर नारायणन ने कहा कि इसरो के सीई20 इंजन ने गगनयान मिशन के लिए मानव रेटिंग हासिल कर ली है।
क्या है मानव-रेटिंग प्रक्रिया?मानव-रेटिंग प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि कोई प्रणाली जैसे कि अंतरिक्षयान मनुष्यों की यात्रा के लिए सुरक्षित है। यह अंतरिक्ष यात्रा के लिए सुरक्षा मानकों को पूरा करने के लिए आवश्यक है। नारायणन ने कहा कि क्रायोजेनिक प्रौद्योगिकी भारत को नहीं दी गई, लेकिन आज हमारे पास तीन ऐसे इंजन हैं, जिनमें से तीसरा मानव- रेटेट है। दुनिया में केवल छह देशों के पास ही यह प्रौद्योगिकी है।
इन छह देशों में शामिल हुआ भारतउन्होंने कहा कि हमने इस प्रौद्योगिकी में तीन विश्व रिकार्ड बनाए हैं। हमने इसे तीसरे प्रयास में ही पूरा किया। इंजन परीक्षण से लेकर उड़ान तक हमने यह 28 महीनों में पूरा किया, जबकि अन्य देशों को इसमें 42 महीनों से 18 वर्ष तक का समय लगा।
उन्होंने कहा कि हमने यह परीक्षण 34 दिनों में पूरा कर लिया, जबकि अन्य देशों को इसमें पांच से छह महीने लगे थे। क्रायोजेनिक तकनीक से उच्च क्षमता वाले राकेट इंजन विकसित करने में मदद मिलती है।
मणिपुर में दो समुदायों के बीच टकराव के बाद तनाव, दुकानों को जबरन कराया गया बंद; पुलिस ने दी रिपोर्ट
पीटीआई, इंफाल। मणिपुर के चूड़चंदपुर में हमार जनजाति के नेता रिचर्ड हमार पर हमला करने के एक दिन बाद सोमवार को तनाव बढ़ गया। हमार और जोमी समुदायों के बीच टकराव के कारण पूरे जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
पुलिस ने कहा कि स्थानीय लोग हमलावरों की पहचान करने की मांग कर रहे हैं। रिचर्ड का वाहन एक दोपहिया से टकरा गया, जिसके बाद उन पर हमला किया गया। सतर्कता के तहत अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने पूरे जिले में बीएनएसएस 2023 की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
कस्बे में जबरन बंद कराने का प्रयासआदेश में कहा है कि चूड़चंदपुर के पुलिस अधीक्षक से मिली रिपोर्ट में बताया गया है कि जिले में कानून एवं व्यवस्था के उल्लंघन का गंभीर खतरा है। विभिन्न समुदायों के बीच शांति और सौहार्द भंग होने की आशंका है और जान-माल की हानि हो सकती है।
पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने कस्बे में जबरन बंद कराने का प्रयास किया। दुकानों से तुरंत बंद करने को कहा गया। बंद कराने के लिए लाठी-डंडे से लैस लोगों के समूहों को सड़कों पर गश्त करते देखा गया।
बिष्णुपुर में हथियार व गोलियां जब्तसुरक्षा बलों ने बिष्णुपुर जिले में हथियार और गोलियां जब्त कीं। पुलिस ने सोमवार को बताया कि रविवार को उयोक वन से तलाशी में एक 5.56 एमएम इंसास राइफल, दो नौ एमएम कर्बाइन मशीन गन, मैग्नीफायर स्कोप के साथ एक प्वाइंट 303 मोडिफाइड स्नाइपर, एक एसबीबीएल गन, एक पिस्तौल, चार हथगोले और गोलियां जब्त की गईं।
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ट्रंप की टैरिफ नीति से पहले दिखा असर, आयात और निर्यात में दिखी गिरावट; व्यापार घाटा कम हुआ
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ट्रंप की शुल्क नीति की वजह से व्याप्त वैश्विक व्यापारिक अनिश्चितता के बीच गत फरवरी माह में भारत के निर्यात और आयात दोनों में दहाई अंक की गिरावट दर्ज की गई। इस साल फरवरी में वस्तुओं के निर्यात में पिछले साल फरवरी के मुकाबले 10.85 प्रतिशत तो आयात में 16.34 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
फरवरी में वस्तुओं का निर्यात 36.9 अरब डॉलर का तो आयात 50.9 अरब डॉलर का रहा। इस प्रकार व्यापार घाटा 14 अरब डॉलर का रहा जबकि इस साल जनवरी में व्यापार घाटा 22.9 अरब डॉलर का था।
सोने के आयात में दिखी गिरावटफरवरी में पेट्रोलियम पदार्थों के आयात में 29.59 प्रतिशत, सोने में 61.98 प्रतिशत तो चांदी के आयात में 75 प्रतिशत की गिरावट आई है जिससे कुल आयात में इतनी कमी हुई है। फरवरी में पेट्रोलियम पदार्थ और जेम्स व ज्वैलरी के निर्यात में भी क्रमश: 29.23 प्रतिशत और 20.74 प्रतिशत की गिरावट रही जिससे कुल निर्यात का प्रदर्शन खराब रहा।
इंजीनियरिंग गुड्स, लेदर, फार्मा जैसे रोजगारपरक सेक्टर के निर्यात में भी फरवरी में गिरावट दिखी। लेकिन इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स और रेडीमेड गारमेंट्स के साथ चावल और काफी के निर्यात में अच्छी बढ़ोतरी रही।
क्या कहते हैं जानकार?जानकारों के मुताबिक भारत का सबसे अधिक व्यापार अमेरिका के साथ है और अमेरिका की तरफ से अप्रैल माह से पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा से अमेरिका के व्यापारी भारत से खरीदारी से पहले स्थिति साफ होने का इंतजार कर रहे हैं।
दूसरी तरफ वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा है कि वस्तु व सेवा निर्यात को मिलाकर चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भारत 800 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर लेगा। हमारा निर्यात उसी दिशा में बढ़ रहा है। पिछले वित्त वर्ष में वस्तु व सेवा को मिलाकर भारत ने 778 अरब डॉलर का निर्यात किया था।
फरवरी में प्रमुख वस्तुओं के निर्यात में बढ़ोतरी-गिरावट प्रतिशत में
- कॉफी --22.32
- चाय----(-7.08)
- चावल ----13.21
- इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स ----- 26.46
- इंजीनिय¨रग गुड्स ---- (-8.62)
- लेदर व लेदर उत्पाद --- (-1.53)
- हैंडीक्राफ्ट्स ---- (-28.17)
- फार्मा ------ (-1.52)
- रेडीमेड गारमेंट्स--- 3.97
- काटन यार्न, फेबरिक्स --- (-4.41)
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पूर्वोत्तर के चार राज्यों में परिसीमन की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 3 महीने का दिया समय
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर और असम में परिसीमन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए केंद्र सरकार को तीन महीने का समय दिया। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर गौर किया। तुषार मेहता ने अदालत से कुछ और समय मांगा था। इसके बाद पीठ ने सुनवाई 21 जुलाई तक टाल दी और केंद्र सरकार से तीन महीने के भीतर जरूरी कार्रवाई करने को कहा।
अरुणाचल और नगालैंड पर चल रहा विचारशीर्ष अदालत ने पहले भी इन राज्यों में परिसीमन प्रक्रिया में देरी पर चिंता जताई थी। पीठ ने केंद्र के वकील को निर्देश लेने के लिए कहा और पूछा कि एक बार राष्ट्रपति अधिसूचना को रद कर देते हैं तो परिसीमन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए यह पर्याप्त है। सरकार इसमें कहां आती है? इस पर केंद्र सरकार ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के लिए विचार-विमर्श चल रहा है। मणिपुर में जारी हिंसा ने स्थिति को प्रतिकूल बना दिया है।
तत्काल परिसीमन की मांगपीठ पूर्वोत्तर भारत में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर और नागालैंड राज्य के लिए परिसीमन मांग समिति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में इन राज्यों में परिसीमन प्रक्रिया को तत्काल लागू करने की मांग की गई थी।
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता जी गंगमेई ने कहा था कि राष्ट्रपति के 2020 के आदेश ने इस परिसीमन शुरू करने को कानूनी रूप से अनिवार्य बना दिया है। उन्होंने कहा कि रिट याचिका दायर किए जाने के दो साल बीत चुके हैं, लेकिन अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर में परिसीमन शुरू करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
केवल असम में हुई प्रगतिगंगमेई ने कहा कि अकेले असम में प्रगति हुई है। कानून और न्याय मंत्रालय के आदेश के बाद अगस्त 2023 में परिसीमन पूरा हो गया है। भारत के चुनाव आयोग ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 8ए के तहत परिसीमन शुरू करने के लिए केंद्र सरकार से विशिष्ट निर्देशों की आवश्यकता थी। याचिका में 28 फरवरी, 2020 के राष्ट्रपति के आदेश का हवाला दिया गया, जिसने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के साथ-साथ चार पूर्वोत्तर राज्यों में परिसीमन की अनुमति दी।
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गृह मंत्रालय ने जारी की 67 आतंकी और गैरकानूनी संगठनों की नई सूची, लिस्ट में लश्कर-ए-तैयबा समेत ये नाम शामिल
एएनआई, नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने देश की सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाले 67 प्रतिबंधित संगठनों की अपडेडेट सूची जारी की है। इन संगठनों पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम या यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई है।
इन संगठनों की आतंकवादी गतिविधियों में भूमिका रही है। सूची में 45 संगठनों को यूएपीए की धारा 35 के तहत आतंकी संगठन के रूप में चिह्नित किया गया है, जबकि 22 संगठनों को यूएपीए की धारा 3(1) के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है।
इनमें से कई संगठन भारत में उग्रवाद, अलगाववाद और हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। गृह मंत्रालय सूची को लगातार अपडेट करता रहता है। केंद्र सरकार देश में आतंकवाद और चरमपंथी गतिविधियां रोकने के लिए संगठनों को प्रतिबंधित संगठन घोषित करती है। यूएपीए के तहत सूचीबद्ध संगठनों को सख्त कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है, जिसमें संपत्ति जब्त करना और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल सदस्यों की गिरफ्तारी शामिल है।
ये संगठन हुए प्रतिबंधितप्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन, इस्लामिक स्टेट (आइएस), खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान कमांडो फोर्स, हरकत-उल-मुजाहिदीन, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन, और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश जैसे संगठन शामिल हैं।
प्रतिबंधित आतंकी संगठनों में जम्मू एंड कश्मीर इस्लामिक फ्रंट, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट आफ बोडोलैंड (एनडीएफबी), पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ), कंगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी), मणिपुर पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट, नेशनल लिबरेशन फ्रंट आफ त्रिपुरा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी), माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर, अल बद्र, जमीयत-उल-मुजाहिदीन, अल-कायदा इन इंडियन सबकांटिनेंट (एक्यूआइएस) शामिल हैं।
सिमी समेत कई गैरकानूनी संगठनों पर प्रतिबंधसरकार ने कई संगठनों को गैरकानूनी घोषित किया है, इनमें स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम (उल्फा), आल त्रिपुरा टाइगर फोर्स, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ), पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) और इससे जुड़े संगठन, लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल ईलम (लिट्टे), खालिस्तान समर्थक संगठन 'सिख्स फार जस्टिस', नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल आफ नगालैंड (खापियांग), इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आइआरएफ) और मणिपुर के कुछ उग्रवादी संगठन शामिल हैं।
लिस्ट में ये संगठन भी शामिलजमात-ए-इस्लामी, जम्मू और कश्मीर जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (मोहम्मद यासीन मलिक गुट), जम्मू और कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी, मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट); तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू और कश्मीर, मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर (भट गुट); मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर (सुमजी गुट); जम्मू और कश्मीर नेशनल फ्रंट, जम्मू और कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के चार गुटों जेकेपीएल (मुख्ता अहमद वाजा), जेकेपीएल (बशीर अहमद तोता), जेकेपीएल (गुलाम मोहम्मद खान उर्फ सोपोरी) और याकूब शेख के नेतृत्व वाले जेकेपीएल (अजीज शेख) का भी नाम सूची में है। सूची में सात मैतेयी उग्रवादी संगठन भी शामिल हैं।
'खालिस्तान समर्थकों पर कार्रवाई करे अमेरिका', तुलसी गबार्ड से मुलाकात के बाद बोले रक्षा मंत्री; इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा
जेएनएन, नई दिल्ली। भारत ने अमेरिका से खालिस्तान समर्थकों पर कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है। सोमवार को अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के साथ बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी संगठन सिख फार जस्टिस (एसएफजे) की भारत विरोधी गतिविधियों का मुद्दा उठाया। कहा कि अमेरिका इस गैरकानूनी संगठन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तुलसी गबार्ड को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन बब्बर खालसा के साथ एसएफजे के संबंधों की जानकारी दी। रक्षा मंत्री ने एसएफजे द्वारा अमेरिका में हिंदू धार्मिक स्थलों को निशाना बनाए जाने पर चिंता जताई और कहा कि ऐसी गतिविधियों को रोका जाना चाहिए।
पीएम मोदी ने भी आतंकवाद का मुद्दा उठायादूसरी तरफ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत यात्रा पर आए न्यूजीलैंड के पीएम क्रिस्टोफर लक्सन को खालिस्तानी संगठनों की बढ़ रही गतिविधियों को लेकर अपनी चिंता से अवगत कराया। इस पर लक्सन ने सहयोग का भरोसा दिया है।
पीएम मोदी से मिलीं तुलसी गबार्डराजनाथ सिंह से मिलने के बाद तुलसी गबार्ड ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच रक्षा, सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ आपसी सहयोग बढ़ाने से जुड़े कई मुद्दों पर बात हुई। लेकिन, जिस चीज ने इस मुलाकात को अलग बनाया वह इन दोनों के बीच उपहारों का आदान-प्रदान रहा।
पीएम मोदी ने गबार्ड को दिया गंगाजलपीएम मोदी ने गबार्ड को हाल ही में संपन्न महाकुंभ के अवसर पर एकत्रित गंगा जल एक कलश में भरकर भेंट किया। हिंदू धर्म को मानने वाली गबार्ड ने मोदी को तुलसी की माला अपनी तरफ से तोहफा के तौर पर दिया।
पिछले दो महीनों के बीच मोदी और गबार्ड के बीच यह दूसरी मुलाकात थी। इससे पहले फरवरी में मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान इनकी मुलाकात हुई थी। गबार्ड रविवार को भारत दौरे पर आई हैं। वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान भारत की यात्रा करने वाली अमेरिकी प्रशासन की पहली वरिष्ठ अधिकारी हैं।
अमेरिका और भारत के बीच रक्षा संबंधों पर हुई चर्चारक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तुलसी गबार्ड की बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच मौजूदा रक्षा संबंधों को प्रगाढ़ बनाने, खास तौर पर अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल व इससे जुड़ी प्रौद्योगिकी को साझा तौर पर विकसित करने पर गहन विमर्श हुआ। उन्होंने समुद्री क्षेत्र में द्विपक्षीय रणनीतिक सहयोग की भी समीक्षा की।
गबार्ड के साथ बैठक के बाद राजनाथ ने एक्स पर लिखा कि अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मिलकर काफी खुशी हुई। हमने रक्षा व सूचना क्षेत्र में साझेदारी पर गंभीर बातचीत की, ताकि भारत व अमेरिका के संबंधों को और मजबूत बनाया जा सके। रक्षा मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि सोमवार की चर्चा में रक्षा क्षेत्र में एक दूसरे की जरूरत के मुताबिक आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने पर खास जोर रहा, ताकि संबंधित क्षेत्र में क्षमता विस्तार हो सके।
दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों पर हो रहा कामबताते चलें कि पिछले एक दशक में अमेरिका भारत के सबसे मजबूत रक्षा सहयोगी के तौर पर उभरा है। दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को लेकर कई स्तरों पर काम हो रहा है। गबार्ड ने एक दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात की है। इस बैठक में दोनों देशों के बीच खुफिया सूचनाओं को साझा करने के विषय पर बात हुई।
खास तौर पर आतंकवाद और मादक द्रव्यों के गैरकानूनी कारोबार से जुड़ी सूचनाओं के आदान-प्रदान को किस तरह से बेहतर किया जाए, यह चर्चा का विषय रहा है। गबार्ड ने भारत में दुनिया के कई देशों के खुफिया विभाग के प्रमुखों की बैठक में भी हिस्सा लिया। इस बैठक में अमेरिका के अलावा कनाडा, ब्रिटेन के खुफिया विभाग के प्रमुखों ने भी हिस्सा लिया।
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'शादी के बाद से ही अलग रहने लगा था', रान्या राव के पति ने कोर्ट में दी दलील; गिरफ्तारी से छूट की मांग की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गोल्ड स्मगलिंग केस में आरोपी कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव के पति जतिन हुक्केरी ने कहा है कि वह शादी के बाद से ही उससे अलग रह रहा था। जतिन हुक्केरी जाने-माने आर्किटेक हैं। उसने अब कोर्ट से मांग की है कि उसे गिरफ्तारी से छूट दी जाए।
जतिन ने कहा है कि रान्या से उसकी शादी नवंबर में हुई थी। लेकिन दिसंबर के बाद से ही दोनों व्यक्तिगत कारणों से एक-दूसरे से अलग हो गए थे। बता दें कि पिछली सुनवाई में कर्नाटक हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि अगली सुनवाई तक हुक्केरी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाए।
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