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India's April mfg growth at 10-month high

Business News - 11 hours 48 min ago
India's manufacturing sector growth accelerated in April to its strongest pace in 10 months, powered by robust export demand and increased output despite companies raising selling prices at the fastest rate in over 11 years, a survey showed on Friday. The HSBC India Manufacturing Purchasing Managers' Index (PMI), compiled by S&P Global, inched up to 58.2 in April from 58.1 in March, a tad lower than a preliminary estimate of 58.4. PMI readings above 50.0 indicate growth in activity, while those below that level point to a contraction. "The notable increase in new export orders in April may indicate a potential shift in production to India, as businesses adapt to the evolving trade landscape and U.S. tariff announcements," said Pranjul Bhandari, chief India economist at HSBC. Manufacturing output expanded at the sharpest rate since June 2024, with consumer goods makers registering the fastest increase among the surveyed sectors. New orders remained buoyant, with growth holding close to March's eight-month high. Export orders grew at the second-fastest pace in over 14 years, behind only January's surge. Survey respondents reported increased sales to clients across the world. The hiring pace also accelerated from March, with both permanent and temporary contracts being offered. Meanwhile, healthy demand allowed manufacturers to hike their selling prices at the steepest pace since October 2013, passing on rising costs to customers. This aggressive pricing strategy occurred even as input cost inflation remained moderate. "Input prices increased slightly faster, but the impact on margins could be more than offset by the much-faster rise in output prices," Bhandari added. Business confidence remained historically high, with over 30% of manufacturers forecasting higher output in the year ahead.
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Caste Census: जातिगत जनगणना का क्रेडिट लेने की मची होड़, पटना की गलियों में छिड़ा पोस्टर वॉर

Dainik Jagran - 12 hours 38 min ago

पीटीआई,पटना। पटना की सड़कों पर सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के कार्यकर्ताओं के बीच पोस्टर वॉर शुरू हो गया है, जिसमें दोनों ही आगामी जनगणना में जाति आधारित डेटा शामिल करने के केंद्र सरकार के फैसले का श्रेय ले रहे हैं।

केंद्र ने जाति जनगणना को दी मंजूरी

केंद्र सरकार ने बुधवार को जनगणना के साथ जाति गणना को हरी झंडी दे दी है। इसके बाद से ही इसका श्रेय लेने की होड़ लग गई है। बिहार की राजधानी पटना में राजनीतिक दलों के कार्यालयों को पोस्टरों से सजाया गया है।

JDU ने जताया पीएम और सीएम नीतीश का आभार

गुरुवार को JDU कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों का आभार व्यक्त किया गया। इसमें लिखा है कि 'नीतीश ने कर दिखाया, अब देश ने अपनाया' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद। जातिगत गणना, बिहार से भारत तक।

आरजेडी और कांग्रेस ने भी लगाए पोस्टर

इस बीच, विपक्षी दलों आरजेडी और कांग्रेस ने भी अपने-अपने राज्य कार्यालयों के बाहर पोस्टर लगाए, जिसमें अपने नेताओं को केंद्र पर निर्णय लेने के लिए दबाव बनाने का श्रेय दिया गया।

कांग्रेस के एक पोस्टर में लिखा गया कि 'लोग झुकते हैं, उन्हें झुकाने वाला कोई चाहिए'। वहीं, राजद ने इसका श्रेय लालू और तेजस्वी को दिया।

पोस्टर पर दूध छिड़ककर मनाया जश्न

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी की राज्य इकाई के कार्यालय के बाहर राहुल गांधी के पोस्टर पर दूध छिड़ककर और उस पर मलाई मलकर जश्न को एक कदम और आगे बढ़ाया। एक अन्य पोस्टर में जाति जनगणना पर केंद्र की घोषणा के लिए गांधी को श्रेय दिया गया।

बीजेपी नेताओं ने पीएम मोदी को दिया श्रेय

इन दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि आगामी जनगणना में जाति आधारित डेटा शामिल करने के फैसले का श्रेय हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही जाता है।

अगर लालू कहते हैं कि 1995-96 में जाति आधारित जनगणना पारित की गई थी तो इसे लागू क्यों नहीं किया गया? 10 साल तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार लालू के समर्थन में थी। जाति जनगणना आगे क्यों नहीं बढ़ी?

बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि पीएम मोदी ने पहले ही देश में जाति आधारित जनगणना करवाने का मन बना लिया था।

अब, पूरे देश में जाति आधारित जनगणना की जाएगी। इससे सभी को फायदा होगा। यह फैसला ऐतिहासिक है। अब, इंडी गठबंधन के सभी नेता धीरे-धीरे प्रधानमंत्री के समर्थक बन रहे हैं, क्योंकि वे केंद्र सरकार के इस फैसले का जश्न मना रहे हैं।

तेजस्वी ने साधा निशाना

दूसरी ओर, राजद नेता तेजस्वी यादव ने एक्स पर पोस्ट कर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि 2021 में मैंने देश के 33 प्रमुख नेताओं को पत्र लिखकर देश में जाति आधारित जनगणना का समर्थन करने का आग्रह किया था।

जाति आधारित जनगणना के लिए हमने और हमारे समाजवादी नेताओं ने कई कुर्बानियां दी हैं। हमने इस मुद्दे पर एनडीए नेताओं द्वारा बहुत अपमान, चरित्र हनन और जातिवादी टिप्पणियां सहन की हैं।

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Bihar Politics: 'चुनाव जो न कराए...', मोहम्मद शहाबुद्दीन की बरसी पर मांझी ने RJD पर बोला हमला

Dainik Jagran - 12 hours 42 min ago

डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Political News Today: बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे नेताओं के बीच किसी न किसी मुद्दे पर जुबानी जंग तेज होती जा रही है। अब ताजा मामला है आरजेडी के पूर्व सांसद दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन की बरसी का जहां, हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी ने आरजेडी की एक पोस्ट पर उन्हें घेरा है।

जीतन राम मांझी ने आरजेडी पर बोला हमला

दरअसल, आरजेडी की तरफ से मोहम्मद शहाबुद्दीन की बरसी पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए एक पोस्ट किया गया जिसके जवाब में जीतन राम मांझी भड़क गए और आरजेडी को खरी-खोटी सुना गए।

जीतन राम मांझी ने लिखा कि 'चुनाव जो ना करवाए', जिनके इंतकाल पर लालू यादव एंड कंपनी के मुंह से शोक के एक लफ्ज तक ना निकलें, आज वह उनकी बरसी पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। खैर मैं आज भी यही दुआ करता हूं…मरहूम शहाबुद्दीन साहब को खुदा जन्नत में ऊंचा मुकाम दें।

आरजेडी ने दी थी श्रद्धांजलि

आरजेडी ने पोस्ट करते हुए लिखा कि राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापक सदस्य पूर्व सांसद मरहूम मोहम्मद शाहबुद्दीन साहब के यौमे वफात पर राजद परिवार ख़िराज-ए-अकीदत पेश करता है। अब इसी पोस्ट पर जीतन राम मांझी ने हमला बोला है।

कौन थे मोहम्मद शहाबुद्दीन?

मोहम्मद शहाबुद्दीन का जन्म 10 मई 1967 को सीवान में हुआ था। उन्होंने राजनीति में एमए और पीएचडी की थी। शहाबुद्दीन ने 19 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा और 1990 में जेल में रहते हुए निर्दलीय विधायक का चुनाव जीता। उनका अपराध का इतिहास 2001 से और गहराया जब उन्होंने एक पुलिस अधिकारी को थप्पड़ मारा, जिससे गोलीबारी में 10 लोग मारे गए।

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Bihar News: 'ये है बिहार का असली जंगल राज', पूर्व विधायक का वीडियो शेयर कर तेजप्रताप ने BJP पर बोला हमला

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Bihar News: 'ये है बिहार का असली जंगल राज', पूर्व विधायक का वीडियो शेयर कर तेजप्रताप ने BJP पर बोला हमला

Dainik Jagran - 13 hours 15 min ago

डिजिटल डेस्क, पटना। Tej Pratap Yadav News: बिहार के पूर्व मंत्री और आरजेडी विधायक तेजप्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर बीजेपी विधायक का वीडियो शेयर कर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी निशाना साधा है।

क्या है पूरा मामला?

विधायक तेजप्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर दावा किया है कि दानापुर से बीजेपी की पूर्व विधायक आशा देवी सिन्हा अपने बॉडीगार्ड्स के साथ लोगों के साथ मारपीट कर रही हैं। इसमें दो लोगों का सिर फट गया है।

तेजप्रताप यादव का पोस्ट

ये है बिहार का असली जंगल राज। बीच सड़क अपने बॉडीगार्ड्स और गुंडे कार्यकर्ताओ के साथ आम नागरिकों के साथ मारपीट करती ये कोई और नही बल्कि बीजेपी की पूर्व विधायक आशा सिन्हा जी है।सत्ता की हनक ऐसी की राजधानी पटना में पुलिस के सामने ही छोटी सी बात पे ये इतनी आगबबूला हो गई कि खुद सड़क… pic.twitter.com/7leYyu08rX

— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) May 1, 2025

तेजप्रताप यादव लिखा कि 'ये है बिहार का असली जंगल राज। बीच सड़क अपने बॉडीगार्ड्स और गुंडे कार्यकर्ताओं के साथ आम नागरिकों के साथ मारपीट करती ये कोई और नही बल्कि बीजेपी की पूर्व विधायक आशा सिन्हा हैं। सत्ता की हनक ऐसी की राजधानी पटना में पुलिस के सामने ही छोटी सी बात पे ये इतनी आगबबूला हो गई कि खुद सड़क पर उतर जनता के साथ मारपीट करने लगीं, जिसमे दो लोगो का सर भी फट गया।

अफसोस तो इस बात की है कि पुलिस भी आरोपियों पर कारवाई करने की जगह उल्टा विधायिका के कहने पर पीड़ितों के खिलाफ ही झूठा मामला दर्ज करवा दिया।'

बिहार में बिगड़ते लॉ एंड ऑर्डर को लेकर आरजेडी नेता लगातार प्रदेश की NDA सरकार पर हमला करते हैं। ऐसे में अब बीजेपी की पूर्व विधायक आशा सिन्हा के मारपीट का वीडियो सामने आने के बाद एक बार फिर BJP और राजद के बीच सियासी घमासान देखने को मिल सकता है।

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Dainik Jagran - 13 hours 49 min ago

राज्य ब्यूरो, पटना। Caste Census: जनगणना के साथ जातियों की गणना कराने के केंद्र सरकार के निर्णय का श्रेय लेने की होड़ मची हुई है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव इसका बड़ा श्रेय अपने पिता और राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को दे रहे हैं। उधर सत्तारूढ़ जदयू के नेता इसका श्रेय सीएम नीतीश कुमार को दे रहे हैं।

सीएम नीतीश कुमार को श्रेय

संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि विपक्ष जबरन श्रेय लेने का पाखंड कर रहा है। सच यह है कि इसकी पहल और बिहार में इसका संपूर्ण नेतृत्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। विपक्ष की भूमिका समर्थन देने तक सीमित रही है। समर्थन देने और किसी पहल की शुरुआत करने में गहरा अंतर होता है।

2019-20 में उठाई मांग

2019-20 में सबसे पहले नीतीश कुमार ने यह मांग उठाई थी कि वर्ष 2021 की जनगणना जातीय आधार पर हो। विधानसभा से सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था। उस समय राज्य में एनडीए की सरकार थी।

वर्ष 2022 में जब बिहार में पहली बार जातीय गणना का निर्णय लिया गया, तब भी एनडीए की ही सरकार थी। आइएनडीआइए की बैठक में जब नीतीश कुमार ने जाति आधारित गणना का प्रस्ताव दिया था, तब राहुल गांधी और ममता बनर्जी सहित कई नेताओं ने इसका विरोध किया था।

राजद के प्रदेश कार्यालय के सामने लगा पोस्टर

इधर, मुख्य विपक्षी दल राजद के प्रदेश कार्यालय के सामने बड़ा पोस्टर लगाकर जाति गणना का श्रेय लालू प्रसाद को दिया गया है। तेजस्वी यादव ने गुरुवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यह लालू प्रसाद के लंबे संघर्ष की जीत है।

उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि यह गणना लोकसभा क्षेत्रों के परिसीमन से पहले होगी। यह उनके चेहरे पर तमाचा है, जो हमारे दल पर जातिवाद फैलाने का आरोप लगा रहे थे।

उन्होंने कहा कि जबतक जातियों की सही संख्या का पता नहीं चलता, तब तक पिछड़ी जातियों को देश मुख्यधारा में लाने का प्रयास सफल नहीं होगा। तेजस्वी ने अपने पिता की उस टिप्पणी की भी चर्चा की, जिसमें लालू प्रसाद ने कहा था कि आरएसएस और भाजपा का कान पकड़ कर और दंड बैठक करवा कर इनसे जातिगत जनगणना करवाएंगे।

शनिवार को रालोमो की आभार यात्रा

राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उनकी पार्टी तीन मई को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर आभार यात्रा निकालेगी। इसके माध्यम से रालोमो जाति आधारित गणना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार के प्रति आभार व्यक्त करेगी।

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