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What happens when women take the financial lead? New book Money & Her has some answers

Business News - April 10, 2025 - 3:52pm
When Smriti and her husband welcomed their daughter, it wasn’t her career that took a backseat — it was his. A decorated naval officer, he stepped away from uniformed service so she could continue building hers. The decision, quiet yet bold, was shaped by long conversations, careful planning, and a shared belief that partnership can rewrite the rules. It startled tradition-bound families but stood firm on a foundation of trust — and the kind of financial clarity that makes space for choice.Smriti’s story is one of 15 featured in Money and Her, a book by financial educator and author Lisa Pallavi Barbora, that spotlights the deeply personal, often overlooked relationship women have with money — told through real stories that are part memoir, part reportage, and part financial playbook.Structured in distinct sections — singlehood, marriage, motherhood, entrepreneurship, and financial independence — the book is a reflection of contemporary Indian womanhood, with money as its quiet but consistent companion. Barbora weaves in financial planning tips throughout, but it’s clear that she doesn’t want this to be just another money manual.Barbora’s narratives move beyond basic financial literacy to probe a more fundamental question: what does financial agency mean for women, and how does it shape their sense of identity?The stories are as varied as the women behind them — a corporate executive who never took money from her husband, a widowed Air Force wife who rebuilt her life from scratch, a divorced mother starting over at 41, and an entrepreneur recovering from a COVID-era setback. Yet they share common threads: persistence, tough choices, and the imperative of financial clarity.Money beyond numbersAt the heart of the book lies a quiet argument — money isn’t just about wealth. It’s about identity, agency, and emotional honesty. Earning money, as the author notes in one section, is not only about financial independence but about recognizing who you are and what you’re capable of.The author makes no sweeping declarations. She simply documents: sometimes the woman is the breadwinner, sometimes she starts over at 41 after a divorce, sometimes she lives through unimaginable grief and builds a life of dignity on the back of diligent mutual fund investments.Financial choices, life outcomesBarbora annotates each story she tells with tangible data. Each chapter ends with a “financial report card” summarizing the woman’s financial tools: insurance, mutual funds, debt exposure, asset ownership, nominations. These are not prescriptive, but illustrative. The women in these stories are not always financially savvy from the start. They learn — often the hard way — and adapt.There’s Pooja, who lost her Air Force pilot husband in a crash at 27, and went on to raise her son alone, relying on a modest pension, a government job and methodical investments. There’s Aarti, who unknowingly financed two homes in her husband’s name before discovering, during a divorce, that she legally owned nothing. At 41, she began again — with savings, self-reliance, and a quiet determination to build her own financial security.In the section on entrepreneurship, we meet women who turned personal struggles into business opportunities — one of whom, Gauri, rebuilt her travel venture after COVID-19 brought it to a standstill. Another, a seasoned fund manager named Lakshmi, has been investing since 2001 with a focus on beating inflation. Her approach — “will it, shut it, forget it” — reflects long-term discipline and a preference for compounding over consumption.Not just what women think, but what men learnScattered across the book are short segments titled What Do Men Think? — candid reflections from male spouses, colleagues, and partners. In one such section, Smriti’s husband shares his perspective on stepping back from a promising career. In another, men express how seeing their partners manage money changed their own approach to finances.Barbora suggests that true financial independence is less about separation and more about collaboration. It’s about being able to make decisions from a place of confidence — and having your family benefit from your ability to do so.The real takeaway: Talk about moneyBarbora’s book urges readers to normalize money conversations — within families, with partners, and with oneself. Money, she reminds us, is present in every decision: vacations, groceries, college funds, health emergencies. Yet, in many households, it remains a taboo topic.By grounding financial lessons in real stories, Money and Her becomes more than a finance book — it becomes a mirror. One that reflects the quiet, radical resilience of women who choose to face, rather than fear, their finances.For anyone navigating life transitions, partnerships, or just the question of “what next?” — the stories in this book offer something often missing from personal finance discourse: empathy, nuance, and the courage to begin, wherever you are.(Disclaimer: Recommendations, suggestions, views and opinions given by the experts are their own. These do not represent the views of the Economic Times)
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Tejashwi Yadav: तेजस्वी यादव बोले- बिहार में चौपट राज, पुलिस ने डाटा दिया तो फिर गिनाए 117 क्राइम

Dainik Jagran - April 10, 2025 - 3:03pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में अब बढ़ते क्राइम रेट को लेकर हल्ला मचा हुआ है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर हमला बोल रहे हैं। हालांकि, इस मामले में सरकार की ओर से एनडीए के नेताओं के अलावा बिहार पुलिस ने भी पलटवार किया है।

बहरहाल, बढ़ते अपराध को लेकर तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को भी हमला बोलने का क्रम जारी रखा। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से 117 आपराधिक घटनाओं की सूची जारी की।

इस क्राइम बुलेटिन के साथ उन्होंने पोस्ट में लिखा- अपराधियों की सरकार, अपराधियों के लिए। चंद दिनों में सैकड़ों हत्याएं होने के बावजूद मुख्यमंत्री के मुंह से ध्वस्त कानून व्यवस्था पर एक शब्द नहीं निकलता है।

तेजस्वी यादव ने अपनी इस ताजा पोस्ट में एनडीए की सरकार से अपराधियों के गठजोड़ का आरोप लगाते हुए हमला बोला। उन्होंने बिहार में शासन को चौपट राज भी बताया।

बिहार क्राइम बुलेटिन का पुलिस ने लिया संज्ञान

इधर, इससे पहले बिहार में हुई आपराधिक घटनाओं की गिनती गिनाने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के एक्स पर किए गए पोस्ट का बिहार पुलिस मुख्यालय ने संज्ञान लिया है।

बिहार पुलिस ने आंकड़े जारी कर दावा किया है कि आपराधिक वारदातों के मामले में दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जा रही है।

बिहार पुलिस का तेजस्वी को जवाब

इस वर्ष एक जनवरी से सात अप्रैल तक पुलिस पर हमले के मामलों में 947 दोषियों की गिरफ्तारी की गई है। लूट के मामलों में 697 और डकैती के मामलों में 281 दोषियों को गिरफ्तार किया गया है।

राज्य पुलिस मुख्यालय ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के पोस्ट में उल्लेखित घटनाओं में से 46 घटनाओं को चिह्नित कर कहा है कि अधिसंख्य घटनाएं जनवरी से अभी तक की हैं।

दोषियों को जेल भेजा: पुलिस

घटना की तिथि एवं थाना का उल्लेख नहीं है, जिसके कारण सिर्फ 46 की ही पहचान की गई है। यह सभी पैसे के लेन-देन, प्रेम-प्रसंग, जमीन विवाद आदि के कारण हुई हैं।

इन 46 कांडों में 112 दोषियों को जेल भेजा गया है। पुलिस मुख्यालय ने इस तरह के पोस्ट पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि अनावश्यक टीका टिप्पणी से पुलिस के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

पुलिस अपना काम पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से कर रही है। पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि 2022 में पूरे देश में प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर कुल अपराध की दर 258.1 है।

देश में बिहार का 21वां स्थान

बिहार में भारतीय दंड विधान के अंतर्गत प्रतिवेदित अपराध की दर 168.1 है। इस मामले में बिहार का देश में 21वां स्थान है।

2021 में व्यक्तिगत दुश्मनी, विवाद, अवैध संबंधों और प्रेम प्रसंग की 1952 घटनाएं हुईं हैं, जो कुल घटी 2799 घटनाओं का 69.73 प्रतिशत है।

इसी तरह 2022 में कुल आपराधिक घटनाओं 2930 में 2087 घटनाएं इन्हीं कारणों से हुईं, जो कुल घटना का 71.20 प्रतिशत है।

2023 में कुल आपराधिक घटनाओं 2862 में 2109 घटनाएं इन्हीं अपराधों से संबंधित थी, जो 73.69 प्रतिशत हैं।

प्रमुख राज्यों में क्राइम रेट प्रमुख राज्य अपराध दर आंध्रप्रदेश 368.2 छत्तीसगढ़ 404.2 गुजरात 738.9 हरियाणा 810.4 केरल 1274.8 मध्यप्रदेश 569.3 महाराष्ट्र 443.0 उड़ीसा 386.7 राजस्थान 388.8 तमिलनाडु 617.2 उत्तर प्रदेश 322.0 बिहार 277.1

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BPSC Jobs: बीपीएससी से एक साल में 1.11 लाख को मिली सरकारी नौकरी, 2025 का कैलेंडर भी हुआ जारी

Dainik Jagran - April 10, 2025 - 2:53pm

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने पिछले वित्तीय वर्ष में एक लाख 11 हजार 791 पदों पर नियुक्ति के लिए राज्य सरकार को अनुशंसा भेजी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 24 से अधिक वस्तुनिष्ठ व लिखित परीक्षा व साक्षात्कार का आयोजन किया गया है। इसमें शामिल होने के लिए नौ लाख 79 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त किए गए, जिसमें परीक्षा में सात लाख, 84 हजार 477 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए।

69वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के अंतर्गत बिहार प्रशासनिक सेवा एवं अन्य समकक्ष पदों पर 470, असैनिक न्यायाधीश (कनीय कोटि) के 151, सहायक वास्तुविद के 101, प्रधान शिक्षक के 36,947, प्रधानाध्यापक के पांच हजार 974, अध्यापक के 67 हजार 110, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी एवं अन्य समकक्ष पदों पर 1,038 अभ्यर्थियों का अंतिम रूप से चयन कर राज्य सरकार को अनुशंसा भेजी गई है।

बिहार प्रशासनिक सेवा एवं समकक्ष, असैनिक न्यायाधीश आदि पदों के लिए आयोजित साक्षात्कार में 5500 से अधिक अभ्यर्थियों के लिए साक्षात्कार का आयोजन किया गया।

पांच हजार से अधिक पदों की प्रक्रिया इसी साल होगी पूरी:

आयोग ने 2025 में 22 से अधिक परीक्षाओं के आयोजन के लिए कैलेंडर जारी कर दिया है। इसमें पांच हजार 584 पदों पर नियुक्ति होनी है। अध्यापक के चौथे चरण को कैलेंडर में शामिल नहीं किया गया है। आयोग का कहना है कि इससे संबंधित रिक्ति शिक्षा विभाग से प्राप्त होने के बाद शामिल किया जाएगा। बीपीएससी 70वीं संयुक्त मुख्य प्रतियोगिता परीक्षा 25, 26, 28, 29 और 30 अप्रैल को आयोजित की जाएगी।

मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद साक्षात्कार की तिथि घोषित की जाएगी। कैलेंडर में सिविल असिस्टेंट इंजीनियर, सहायक प्राध्यापक, प्राचार्य, उप प्राचार्य, लोअर डिविजन क्लर्क आदि के पदों पर नियुक्ति के लिए इस साल परीक्षा आयोजित की जाएंगी।

फिजिक्स विषय में सहायक प्राध्यापक के 59 पदों के लिए परिणाम 25 मार्च को जारी किया जायेगा। साक्षात्कार 13 अप्रैल को होगा। ज्यूडिशियल मेंबर इन स्टेट कंज्यूमर के 57 पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा तीन से पांच मई को आयोजित की जाएगी। माइनिंग इंजीनियरिंग का परिणाम जारी कर दिया गया है।

मेडिकल कॉलेजों में सहायक प्राध्यापक के 1711 पद चिह्नित:

राज्य के मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में सहायक प्राध्यापक के 1711 पदों के लिए साक्षात्कार जून में प्रस्तावित है। आयुर्वेदिक कॉलेजों में सहायक प्राध्यापक के 88 पद, तिब्बी मेडिकल कॉलेज में सहायक प्राध्यापक के 15, होम्योपैथिक कॉलेज में सहायक प्राध्यापक के 13 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया भी इसी साल पूरी कर ली जाएगी। श्रम संसाधन विभाग में 50 उप प्राचार्य के पदों पर बहाली होनी है। परीक्षा की तिथि जल्द जारी की जाएगी।

41 असिस्टेंट सेक्सन आफिसर के लिए प्रारंभिक परीक्षा 13 जुलाई को आयोजित की जायेगी। एलडीसी के 26 पदों के लिए परीक्षा 20 जुलाई को होगी। टाइपिंग टेस्ट की तिथि प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम के बाद जारी की जाएगी। खनन विकास पदाधिकारी के 15 पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा नौ व 10 अगस्त को होगी। असिस्टेंट फारेस्ट कंजर्वेशन के 12 पदोंं के लिए परीक्षा सात सितंबर को होगी।

सहायक अभियंता के 568 पदों पर होनी है नियुक्ति:

असिस्टेंट रेवेन्यू एंड अकाउंट ऑफिसर के 285 पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा 27 जुलाई को आयोजित की जायेगी। सहायक अभियंता के 568 पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा 21 से 23 जून व जिला सांख्यिकी पदाधिकारी के 47 पदों के लिए परीक्षा तीन अगस्त होगी। असिस्टेंट अर्बन वेलफेयर एंड रजिस्ट्रेशन ऑफिसर के 285 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया भी इसी साल पूरी होगी। इसकी परीक्षा की तिथि बाद में जारी की जाएगी।

परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने बताया कैलेंडर से अभ्यर्थियों को परीक्षा की बेहतर तैयारी करने में मदद मिलेगी। परीक्षाओं की संभावित तिथि जारी की गई है। आयोग समय-समय पर इसे अपडेट करेगा। जिसकी जानकारी वेबसाइट के माध्यम से अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराई जाएगी।

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Patna News: सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद ने तख्त श्री हरिमंदिर में टेका मत्था, लिया गुरु का आशीर्वाद

Dainik Jagran - April 10, 2025 - 2:17pm

जागरण संवाददाता, पटना सिटी। तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में बुधवार की शाम सीबीआई के निदेशक प्रवीण सूद ने पत्नी रंजना सूद के साथ मत्था टेक गुरुघर का आशीष लिए। जत्थेदार ज्ञानी बलदेव सिंह ने सीबीआई के निदेशक व पत्नी को सिरोपा देकर सम्मानित कर गुरु महाराज के पवित्र वस्तुओं का दर्शन कराया।

उन्होंने बताया कि वे पहली बार तख्त साहिब में आकर आशीष लिए और आरती में शामिल हुए। प्रबंधक समिति के अध्यक्ष सरदार जगजोत सिंह सोही, समाजसेवी स्वर्ण सिंह, अधीक्षक दलजीत सिंह, प्रबंधक हरजीत सिंह ने गुरु महाराज के जीवनी पर आधारित पुस्तक व स्मृति चिन्ह भेंट किए।

सीबीआई नेता का क्या काम होता है?
  • सीबीआई निदेशक विभिन्न मामलों की जांच की निगरानी करते हैं, जिनमें भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराध, और अन्य गंभीर अपराध शामिल हैं।
  • वे सीबीआई की नीतियों और रणनीतियों को निर्धारित करते हैं ताकि एजेंसी प्रभावी ढंग से काम कर सके।
  • निदेशक सीबीआई के विभिन्न कार्यालयों और इकाइयों का निरीक्षण करते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे सही तरीके से काम कर रहे हैं।
  • सीबीआई निदेशक अन्य देशों की जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करते हैं ताकि अंतर्राष्ट्रीय अपराधों की जांच की जा सके।
  • वे सीबीआई की वार्षिक रिपोर्ट तैयार करते हैं जिसमें एजेंसी की गतिविधियों और उपलब्धियों का विवरण होता है।
  • सीबीआई निदेशक सरकार को विभिन्न मुद्दों पर सलाह देते हैं और जांच संबंधी मामलों में सरकार को जानकारी प्रदान करते हैं।

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Bihar News: बिहार में प्रखंड मुख्यालयों में खुलेगी कैंटीन, जीविका दीदियों का बनेगा परिचय पत्र

Dainik Jagran - April 10, 2025 - 1:38pm

राज्य ब्यूरो, पटना। प्रमुख अस्पतालों एवं सचिवालय के बाद अब बिहार के सभी प्रखंड मुख्यालयों में आमजन एवं कर्मियों के भोजन के लिए विशेष कैंटीन खोलने की पहल होगी। जीविका से संबंधित स्वयं सहायता समूहों के गठन एवं योजनाओं की समीक्षा के दौरान बुधवार को ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने यह निर्देश दिया।

मुख्य सचिवालय स्थित कार्यालय कक्ष मंत्री ने समूह सदस्यों की संख्या, ग्राम संकुल की सख्या, संकुल संघ, समूहों का बैंक साथ क्रेडिट लिंकेज, जीविका के माध्यम से कृषि योजनाओं, पशुपालन, गैर कृषि योजनाओं से जुड़े परिवारों, ग्रामीण युवाओं के कौशल विकास से संबंधित कई बिंदुओं पर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया।

उन्होंने शहरी क्षेत्र में स्वयं सहायता समूहों की प्रगति पर विशेष बल देते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि गरीबों के हित में अपना पूर्ण योगदान देकर योजनाओं ससमय पूरा कराएं। श्रवण कुमार ने कहा कि दायित्व के प्रति शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मियों पर ठोस कार्रवाई की जाएगी।

जीविका दीदियों का बनेगा परिचय पत्र

जीविका दीदियों का परिचय पत्र बनाने, पंचायतों में अवस्थित सामुदायिक भवनों में जीविका द्वारा ग्रामीण महिलाओं के लिए सिलाई सेंटर खोलने, जीविका दीदियों द्वारा उत्पादित सामग्रियों की बिक्री हेतु ग्रामीण हाट के निर्माण, जीविका में कार्यरत कर्मियों के मानदेय, कृषि के क्षेत्र में जीविका दीदियों द्वारा लगाए गए मक्का उत्पादों की प्रासेगिंग यूनिट की स्थापना करना है।

इसके अलावा पारंपरिक कार्यो में लगे अकुशल श्रमिकों यथा-भूंजा बेचने वाले, बर्तन बनाने वाले एवं छोटे-छोटे स्वयं समूहों के आर्थिक उन्नयन हेतु विशेष योजना पर जोर दिया। बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश सिंह, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी हिमांशु कुमार, जीविका के निदेशक राम निरंजन सिंह, विशेष कार्य पदाधिकारी राजेश कुमार के अतिरिक्त अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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