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Gramin Bank: ग्रामीण बैंक को लेकर सरकार ने लिया एक और बड़ा फैसला, उधर नए ऑर्डर के बाद यूनियनों ने दे डाली चेतावनी

Dainik Jagran - May 18, 2025 - 10:11pm

राज्य ब्यूरो, पटना। उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के विलय के बाद पहली मई से बिहार में एकमात्र ग्रामीण बैंक (बिहार ग्रामीण) अपनी सेवा दे रहा है। अब इसका आइपीओ आएगा।

वस्तुत: ग्रामीण बैंकों के विलय का एक बड़ा उद्देश्य आइपीओ लाना भी था। पिछले वर्ष दिसंबर में दैनिक जागरण इसे स्पष्ट भी कर चुका है।

बहरहाल वित्त मंत्रालय ने आइपीओ जारी करने के लिए सभी प्रायोजक बैंकों को निर्देश निर्गत कर दिया है। इसे निजीकरण की प्रक्रिया बताते हुए ग्रामीण बैंक यूनियन्स ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।

ग्रामीण बैंक में भारत सरकार का 50 प्रतिशत, प्रायोजक बैंक का 35 प्रतिशत और राज्य सरकार का 15 प्रतिशत शेयर है।

भारत सरकार अपने 36 प्रतिशत तक शेयर का विनिवेश कर बाजार से पूंजी जुटाना चाहती है। इसके लिए वह वर्ष 2015 से ही प्रयास कर रही थी, लेकिन ग्रामीण बैंकों की आर्थिक स्थिति अपेक्षाकृत कमजोर होने के कारण अभी तक आइपीओ जारी नहीं हो सका था।

अब विलय के बाद हर राज्य में एक-एक ग्रामीण बैंक हो गए हैं और उनकी आधार-पूंजी आइपीओ जारी करने के योग्य हो गई है।

बैठक और रणनीति

उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के यूनियन्स की संयुक्त बैठक रविवार को हुई। उसका उद्घाटन करते हुए यूनाइटेड फोरम ऑफ ग्रामीण बैंक यूनियन्स के महासचिव डीएन त्रिवेदी ने कहा कि आइपीओ जारी कर सरकार ग्रामीण बैंक का निजीकरण करना चाहती है। इसका राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिकार किया जाएगा।

संयुक्त सभा को बिहार प्रोविंशियल बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के महासचिव अनिरुद्ध कुमार, एआइबीओए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कुमार अरविंद, मो. नदीम अख्तर, नीरज चौधरी, राजीव प्रकाश और कुंदन कुमार राय ने संबोधित किया। अध्यक्षता प्रदीप कुमार मिश्र और ब्रह्मेश्वर कुमार ने की।

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Categories: Bihar News

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