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Bihar Wheat Price: पछुआ से गेहूं की उपज हो सकती है प्रभावित, 15 जून तक होगी खरीद; ये है सरकारी रेट
जागरण टीम, पटना। इस बार गर्मी गत वर्ष की अपेक्षा थोड़ी पहले आ गई है। मार्च महीने से ही इसका असर दिख रहा है। मौसम में अचानक इस बदलाव की वजह से गेहूं की फसल को नुकसान पहुंच सकता है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, तापमान अधिक होने से गेहूं का दाना पूर्णरूप से विकसित होने से पहले ही पक जाएगा। इससे गेहूं की उपज प्रभावित हो सकती है।
सारण, बेगूसराय समेत अन्य जिलों से मिली सूचना के अनुसार, गेहूं के दाने सिकुड़ गए हैं, खासकर पीछे बोआई करने वाले किसानों की फसल की स्थिति अपेक्षाकृत खराब है।
इधर, राज्य में मंगलवार यानी 01 अप्रैल से गेहूं खरीदने की व्यवस्था सरकार ने शुरू कर दी है। सरकार ने इसबार दो लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा है। इनमें 1.5 लाख टन गेहूं पैक्स और व्यापार मंडल के माध्यम से खरीद होगी, जबकि 50 हजार टन गेहूं भारतीय खाद्य निगम से खरीद होगी।
सरकार ने इस बार गेहूं के भाव में 150 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि कर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल का भाव तय किया है। यह भी घोषणा की गई है कि गेहूं खरीद के 48 घंटे के अंदर ही किसानों को राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। पहले दिन खरीदारी का शुभारंभ सासाराम से हुआ है। अब वहां के दो किसानों को 48 घंटे में भुगतान की प्रतीक्षा है। शेष जिलों से खरीद की सूचना नहीं है।
गोपालगंज: कई स्थानों पर कटाई प्रारंभजिले में 98,300 हेक्टेयर में गेहूं के आच्छादन का लक्ष्य था। जिसके विरुद्ध 97,200 हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई है। मार्च माह के तीसरे सप्ताह से तेज पछुआ चलने का असर गेहूं के दानों पर आंशिक रूप से पड़ने की संभावना है। गेहूं की फसल पककर लगभग तैयार हो गई है। कई स्थानों पर गेहूं की कटाई भी शुरू हो गई है। पहले दिन कहीं से भी गेहूं खरीद प्रारंभ होने की सूचना नहीं है।
जहानाबाद/अरवल: 30 डिग्री से अधिक तापमान पर तेजी से परिपक्व होते दानेजहानाबाद की जिला कृषि पदाधिकारी संभावना ने बताया कि समय से पहले गर्मी आने से गेहूं की फसल पर आंशिक असर पड़ सकता है। 15 से 20 प्रतिशत तक उपज प्रभावित होने की आशंका है। दाने सिकुड़ गए हैं। अरवल जिले में 17 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई है।
कृषि विज्ञान केंद्र की वरीय कृषि वैज्ञानिक अनिता कुमारी ने बताया कि गेहूं की फसल में सामान्य रूप से परागण और दाने भरने के लिए अनुकूल तापमान बेहद जरूरी है। 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान होने पर दाने तेजी से परिपक्व होने लगते हैं। ऐसे मे नवंबर में गेहूं की बोआई करने वाले किसानों को 10 तथा दिसंबर में बोआई करने वाले किसानों की उपज 20 प्रतिशत तक प्रभावित होने की संभावना है।
बेगूसराय: पीछे बोआई करने वालों के दाने अपुष्टजिले में अगात बोआई करने वाले किसानों की फसल के दाने तो ठीक हैं, लेकिन थोड़ा पीछे बोआई करने वालों की फसल के दाने अपुष्ट हैं। समय से पहले गर्मी के कारण गेहूं के दाने सिकुड़ गए हैं।
नवादा: पछुआ हवा ने पहुंचाया नुकसानगेहूं की फसल को बहुत अधिक नुकसान होने की सूचना नहीं है। कुछ किसान पछुआ के प्रभाव से लेट वेराइटी वाले गेहूं के दाने कमजोर पड़ने की आशंका जता रहे हैं। दाने तैयार होने से पहले ही सिकुड़ गए हैं।
गया: अच्छी पैदावार की उम्म्मीदजिला कृषि पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने बताया है कि जिले में इस वर्ष गेहूं की फसल अच्छी हुई। अच्छी पैदावार की उम्मीद है।
हाजीपुर: पछुआ का आंशिक असरजिले में 98.7 प्रतिशत यानी 47 हजार 376 हेक्टेयर में गेहूं की फसल लगी है। बताया गया कि मार्च माह में जिस गति से पछुआ हवा चलनी शुरू हुई थी। इसका असर गेहूं के दाने पर आंशिक रूप से पड़ा है।
सिवान: पछुआ का दाने पर असरजिले में गेहूं की फसल का आच्छादन निर्धारित लक्ष्य 1 लाख 12 हजार 566 हेक्टेयर के विरुद्ध 98.70 प्रतिशत यानी एक लाख 11 हजार 107 हेक्टेयर में हुआ है। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक सह अध्यक्ष डा. जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि मार्च माह में जिस गति से पछुआ चलनी शुरू हुई थी। इसका असर गेहूं के दाने पर आंशिक पड़ा है।
सासाराम: पहले दिन दो किसानों से खरीदजिले में 84 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें सहकारिता विभाग के 74 व एफसीआइ के 10 केंद्र शामिल हैं। पहले दिन मंगलवार तक एफसीआइ द्वारा दो किसानों से 3.550 एमटी गेहूं की खरीद की गई है।
बक्सर: उपज 25 प्रतिशत तक प्रभावित होने की आशंकाबक्सर जिले में 99323 हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई है। जिला कृषि पदाधिकारी अविनाश शंकर ने बताया कि 20 से 25 प्रतिशत तक उपज प्रभावित होने की आशंका है। जिले में गेहूं की कटनी अभी कुछ ही दिनों पहले शुरू हुई है। प्रशासनिक स्तर पर फसल कटनी प्रयोग होना शेष है। इसके बाद ही आधिकारिक स्तर पर कोई आंकड़ा मिल सकेगा।
भोजपुर: ताप प्रतिरोधी हैं बीजभोजपुर जिले में तापमान बढ़ने का असर नहीं होगा। कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि अब जिले के किसान गेहूं के जिस बीज से खेती कर रहे हैं, वह ताप प्रतिरोधी है। गेहूं की नई फसल 30 डिग्री तक तापमान सहन कर सकती है। पहले दिन कहीं भी गेहूं की खरीद नहीं हुई है।
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Waqf Bill पर जदयू की 'हां' और 'ना', 2 मुस्लिम नेताओं ने कही ये बात; अब क्या करेंगे नीतीश कुमार?
राज्य ब्यूरो, पटना। वक्फ बिल (Waqf Amendment Bill) पर जदयू को उम्मीद है कि सरकार उनकी बात को मानेगी। जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा का कहना है कि हमलोग यह चाहते हैं कि यह बिल पूर्व की तारीख से लागू नहीं हो।
राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा है कि वक्फ बिल पर जदयू द्वारा दिए गए संशोधन पर केंद्र सरकार की सहमति मिल सकती है। इस बीच जदयू ने वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान अपने सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने को ले व्हीप जारी किया है।
JDU के दो मुस्लिम नेताओं ने कही ये बातजदयू के दो मुस्लिम नेताओं ने वक्फ बिल पर अपनी आपत्ति जतायी है। जदयू विधान पार्षद गुलाम गौस ने कहा कि उनकी समझ है कि जदयू वक्फ बिल के पक्ष में नहीं है। मालूम हाे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी तक वक्फ बिल पर कोई वक्तव्य नहीं दिया है।
'हम उम्मीद करते हैं कि...'मंगलवार को मीडिया ने उनसे जदयू कार्यालय में उनसे इस बारे में सवाल किया था पर वह टाल गए और ठीक है कहते हुए निकल गए।
पूर्व राज्यसभा सदस्य और जदयू नेता अश्फाक करीम का कहना है कि हम उम्मीद करते हैं कि नीतीश कुमार इस बारे में कोई न कोई फैसला जरूर लेंगे।
जदयू के सुझाव में क्या-क्या?ऐसा कहा गया है कि जदयू के सुझाव में यह शामिल है कि जमीन के मामले में राज्यों के सुझाव भी लेने चाहिए क्योंकि जमीन राज्य का विषय है। इसके अतिरिक्त सुझाव में यह भी शामिल है कि पुराने मुस्लिम धार्मिक स्थान को लेकर किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं हो।
केंद्रीय मंत्री व जदयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि जदयू अपना पक्ष संसद में ही रखेगा।
वक्फ संशोधन कई राजनीतिक दलों के सपने चकनाचूर कर देगा : मांझीदूसरी ओर, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया है। मांझी ने मंगलवार को अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि वक्फ संशोधन बिल 2025 कई राजनीतिक दलों के सपनों का चकनाचूर कर देगा।
उन्होंने लिखा के जो दल अभी तक वक्फ बिल को लेकर मुसलमानों को भड़काने का काम कर रहे थे उन्हें हमारी सरकार करारा जवाब देने जा रही है। वक्फ संशोधन बिल जिस दिन पास होगा उस दिन देश के हर मुसलमान कहेंगे मोदी है तो सब मुमकिन है। उन्होंने मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा है कि देश का हर तबका आपके साथ है।
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IMD issues orange alert for Telangana
शिवदीप लांडे के बाद बिहार में एक और IPS अफसर का इस्तीफा मंजूर, केंद्र सरकार ने दी हरी झंडी
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार की आईपीएस और दरभंगा ग्रामीण की एसपी रही काम्या मिश्रा का इस्तीफा (IPS Kamya Mishra Resignation) स्वीकार कर लिया गया है। काम्या मिश्रा ने बीते वर्ष अगस्त महीने में निजी कारणों का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा राज्य सरकार को सौंपा था। अब जिसे केंद्र सरकार की हरी झंडी मिल गई है।
इस्तीफा देने से कुछ महीनों पूर्व ही काम्या मिश्रा ने दरभंगा ग्रामीण एसपी के रूप में अपना योगदान दिया था। अपने पदस्थापन के दौरान विकासशील इंसान पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी की हत्या मामले की जांच के साथ उन्होंने कई कई अहम कार्य जिले में किए।
2018 में पास की थी सिविल सेवा परीक्षामूल रूप से ओडिशा की रहने वाली काम्या ने अपने पहले ही प्रयास में 2018 में सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली थी और पुलिस सेवा का चयन किया था।
उनकी शुरुआती पोस्टिंग हिमाचल कैडर में हुई, परंतु बाद में उन्होंने स्वयं ही बिहार कैडर का चयन कर लिया था। पुलिस सेवा में एक सीमित अवधि बिताने के बाद उन्होंने पिछले वर्ष राज्य सरकार को अपना इस्तीफा दिया था। जिसे अब स्वीकृति मिल गई है।
शिवदीप के बाद दूसरा इस्तीफा मंजूरगौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में बिहार के दूसरे आईपीएस अफसर का इस्तीफा मंजूर हुआ है। काम्या मिश्रा से पहले 15 जनवरी 2025 को बिहार कैडर के चर्चित आईपीएस अधिकारी और आईजी शिवदीप लांडे का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया था। शिवदीप लांड ने पिछले साल (2024) सितंबर में पूर्णिया आईजी रहते हुए पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया था।
काम्या मिश्रा ने क्यों दिया था इस्तीफा?काम्या मिश्रा ने बताया था कि माता-पिता की अकेली बेटी हूं। वहां बड़ा कारोबार है। संभल नहीं रहा है। परिवार भी नहीं संभल रहा है। इतनी अच्छी नौकरी कोई यूं ही नहीं छोड़ता। उन्होंने कई बार ऐसा भी बोला था कि नौकरी में उनका मन नहीं लग रहा है।
काम्या मिश्रा की महत्वपूर्ण उपलब्धियां- UPSC में सफलता और आईपीएस कैडर प्राप्ति
काम्या मिश्रा ने 22 वर्ष की उम्र में 2019 में पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर हिमाचल प्रदेश आईपीएस कैडर प्राप्त किया था। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस कठिन परीक्षा में सफलता दिलाई।
- बिहार कैडर में स्थानांतरण और पति की भूमिका
2021 में काम्या मिश्रा ने बिहार कैडर में स्थानांतरण करा लिया। इसके साथ ही उनके पति अवधेश दीक्षित भी आईपीएस ऑफिसर बने, जो फिलहाल मुजफ्फरपुर में सिटी एसपी के पद पर तैनात हैं।
- दरभंगा की पहली ग्रामीण एसपी नियुक्ति
7 मार्च 2024 को काम्या मिश्रा को दरभंगा की पहली ग्रामीण एसपी नियुक्त किया गया। इससे पहले वह पटना सचिवालय में एएसपी के पद पर कार्यरत थीं। उनका यह योगदान ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा को और सुदृढ़ बनाने में अहम साबित हो रहा है।
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Bihar Politics: अचानक JDU दफ्तर पहुंचे CM नीतीश, 15 मिनट तक क्या हुआ? बिहार में फिर तेज हुई सियासी हलचल
राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार की शाम अचानक जदयू प्रदेश कार्यालय पहुंच गए। उनके साथ ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी भी थे। लगभग 15 मिनट तक मुख्यमंत्री प्रदेश कार्यालय में रहे।
लौटने के क्रम में वहां मौजूद पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोका और गाने लगीं- केहू केतनो होई, बाकी नीतीश न होई, जईसन राज्य चलाए कि दूसरे के परवेश न होई।
महिला कार्यकर्ताओं के इस गीत पर प्रदेश कार्यालय में जिंदाबाद के नारे भी लगे। कार्यकर्ताओं ने यह नारा भी लगाया कि हमारा नेता कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो। महिला कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के साथ अपनी तस्वीर भी ली।
बिना किसी सूचना के मुख्यमंत्री 4.45 बजे जदयू प्रदेश कार्यालय पहुंच गए। वह लगभग 15 मिनट तक पार्टी कार्यालय में रहे।
पार्टी दफ्तर का एक चक्कर लगाकर वह निकले- पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के बारे में पूछा तो पता चला अस्वस्थता की वजह से नहीं आए हैं। मुख्यमंत्री ने पार्टी के प्रदेश दफ्तर में मौजूद कार्यकर्ताओं से बात भी। उनके आवेदन भी मुख्यमंत्री ने लिए।
- पार्टी दफ्तर का एक चक्कर लगाकर वह निकले। पार्टी दफ्तर में मौजूद पार्टी के पदाधिकारियों से भी बात की।
- वहां मौजूद मीडिया ने मुख्यमंत्री से वक्फ बिल पर सवाल भी किया पर ठीक है कहकर उन्होंने इसे टाल दिया।
- हाल के दिनों में यह पहला मौका है, जब मुख्यमंत्री बगैर किसी सूचना के जदयू दफ्तर पहुंचे और वहां मौजूद कार्यकर्ताओं से बात की।
इधर, नीतीश के जदयू दफ्तर दौरे के बीच उनके एक नेता का बयान भी सामने आया है। सभी के हित सोचते हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। उनके जैसा नेता पूरे देश में खोजने पर नहीं मिलेंगे।
उक्त बातें पूर्व मंत्री जयकुमार सिंह ने मंगलवार को कही। कहा कि बिहार का विकास नीतीश कुमार की देन है। बिहार की समृद्ध विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि यह महात्मा बुद्ध, महावीर और सूफी संतों की धरती है।
यह 40 देशों की राजधानी रही है, लेकिन कुछ नेताओं ने जाति और धर्म के नाम पर राज्य को नुकसान पहुंचाया है। वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर कहा कि नीतीश कुमार अल्पसंख्यक समाज के साथ मजबूती से खड़े हैं।
उनकी सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम भी कराया है। गठबंधन की राजनीति में भी नीतीश कुमार ने मुस्लिम समाज पर अत्याचार कभी बर्दाश्त नहीं किया।
इसी कारण बिहार में दो बार गठबंधन टूटा। अपने कार्यकाल में वक्फ बोर्ड के मामलों में कभी दखल नहीं दिया और न ही किसी को देने दिया। उन्होंने विपक्ष को चुनौती दी कि वे बताएं कि बिहार में नीतीश कुमार जैसा दूसरा नेता कौन है।
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