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PM Modi: BIMSTEC शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाइलैंड रवाना

Dainik Jagran - National - April 3, 2025 - 7:31am

 एएनआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बैंकॉक रवाना हो गए हैं। वह थाई प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा के निमंत्रण पर थाईलैंड की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।

प्रधानमंत्री की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी

प्रधानमंत्री मोदी 4 अप्रैल 2025 को आयोजित होने वाले 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह प्रधानमंत्री की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड और श्रीलंका की यात्रा पर रवाना हुए। प्रधानमंत्री थाईलैंड की आधिकारिक यात्रा करेंगे और 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद, वे श्रीलंका की राजकीय यात्रा पर जाएंगे।

पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर दी जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि अगले तीन दिनों में मैं थाईलैंड और श्रीलंका का दौरा करूंगा, जहां मैं इन देशों और बिम्सटेक देशों के साथ भारत के सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लूंगा। आज बाद में बैंकॉक में मैं प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा से मिलूंगा और भारत-थाईलैंड मैत्री के सभी पहलुओं पर चर्चा करूंगा। कल मैं बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा और थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न से भी मुलाकात करूंगा।"

पीएम मोदी ने श्रीलंका यात्रा के बारे में भी जानकारी दी

इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि मेरी श्रीलंका यात्रा 4 से 6 तारीख तक होगी। यह यात्रा राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की भारत की सफल यात्रा के बाद हो रही है। हम बहुआयामी भारत-श्रीलंका मैत्री की समीक्षा करेंगे और सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा करेंगे। मैं वहां होने वाली विभिन्न बैठकों का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।

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गृहमंत्री ने विपक्ष के तर्कों को किया धराशायी, बोले- 'वक्फ में अब नहीं चलेगी चोरी, सभी को मानना पड़ेगा कानून'

Dainik Jagran - National - April 3, 2025 - 7:08am

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्ष के आरोपों की धज्जियां उड़ा दी। वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में भारी गड़बड़ी का ब्योरा देते हुए शाह ने साफ कर दिया कि अब यह चोरी नहीं चलेगी। संशोधित वक्फ कानूनों को नहीं मानने का एलान करने वालों को कड़ी चेतावनी देते हुए शाह ने कहा कि यह देश की संसद द्वारा बनाया गया भारत का कानून है। इसे सभी को मानना ही पड़ेगा।

अमित शाह बोले- पहले करते तो आज नहीं होती जरूरत

शाह ने बताया कि 2013 के वक्फ कानूनों को अति कठोर बनाने का किस तरह से दुरुपयोग किया गया। यदि तुष्टीकरण के लिए कांग्रेस ने 2013 में वक्फ कानूनों को अति कठोर नहीं बनाया होता, तो आज संशोधन लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए अमित शाह ने 2013 में लाए गए संशोधन विधेयक पर राजद प्रमुख लालू यादव समेत अन्य सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दे का हवाला दिया। लालू यादव के भाषण का अंश पढ़ते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह से संशोधन विधेयक का समर्थन करने के बावजूद उन्होंने वक्फ संपत्तियों में भारी लूट का मुद्दा उठाया था। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कड़े कानून की जररूत बताई थी।

लालू यादव की इच्छा अब मोदी सरकार पूरी कर रही है- शाह

शाह ने कहा कि लालू यादव की इच्छा अब मोदी सरकार पूरी कर रही है। वक्फ की एक संपत्ति पर पांच सितारा होटल बना दिया गया और उसका किराया महज 12 हजार रुपये महीना लिया जा रहा है।

शाह ने कहा कि नए संशोधनों के बाद वक्फ कानून इन संपत्तियों को बेचने वालों, उनका किराया खाने वालों को पकड़ने का काम करेगा। उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि आपने वोट बैंक के लिए संशोधन किया था और अब हम इसे खारिज कर रहे हैं।

वक्फ बोर्ड 1995 में पहली बार अस्तित्व में आए

गृह मंत्री ने कहा कि वक्फ परिषद और वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का उद्देश्य केवल संपत्तियों का प्रशासन सुनिश्चित करना है। वक्फ बोर्ड या इसके परिसरों में जिन गैर मुस्लिम सदस्यों को रखा जाएगा, उनका काम धार्मिक क्रियाकलापों से संबंधित नहीं होगा।

वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड 1995 में पहली बार अस्तित्व में आए और नए संशोधनों में भी उन्हें बनाए रखा गया है। सरकार ने सिर्फ उन्हें पारदर्शी और जवाबदेह बनाने का काम किया है। चैरिटी कमिश्नर के गैर मुस्लिम होने के आरोप को हास्यास्पद बताते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक पद है, जो सभी धर्मों के ट्रस्टों की देखरेख करता है।

अधिकार का दुरुपयोग किया गया

उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के लिए अलग-अलग चैरिटी कमिश्नर नहीं हो सकता है। यह एक विभाजनकारी सोच है। अमित शाह ने बताया कि किस तरह से 2013 के संशोधन में वक्फ बोर्डों और वक्फ परिषद को दिए गए अत्यधिक अधिकार का दुरुपयोग किया गया है।

मंदिरों, गांवों और सरकारी संपत्तियों को वक्फ की घोषित करने के मामले

उन्होंने कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में मंदिरों, गांवों और सरकारी संपत्तियों को वक्फ घोषित किए जाने का हवाला दिया और ऐसे आदेशों के खिलाफ अदालत में अपील रोकने के प्रविधान को संविधान के खिलाफ बताया।

देश में 18 लाख एकड़ जमीन वक्फ के पास

उन्होंने कहा कि 1913-2013 के बीच देश में 18 लाख एकड़ जमीन वक्फ के पास थी, जो पिछले 12 वर्षों में बढ़कर 39 लाख एकड़ हो गई। विदेश पढ़ाई करने जाने वाले या दूसरे शहर में काम करने वालों की संपत्ति पीछे से वक्फ के नाम पर करने के मामले भी सामने आए हैं।

वक्फ बोर्ड के मनमाने तरीके पर रोक- अमित शाह

शाह ने कहा कि वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद द्वारा मनमाने तरीके से किसी भी जमीन को वक्फ घोषित करने पर रोक लगा दी गई है और अब इसके लिए कलक्टर का सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होगा। उन्होंने साफ किया कि वक्फ एक दान है, जो सिर्फ अपनी संपत्ति का किया जा सकता है। दूसरे की संपत्ति को कोई कैसे दान कर सकता है। मध्यकालीन शासकों द्वारा किए गए वक्फ के दावे की पुष्टि के लिए पुख्ता प्रमाण उपलब्ध कराने होंगे।

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Waqf Bill: सरकार-विपक्ष के बीच देर रात तक चली बहस के बाद लोकसभा ने वक्फ विधेयक को दी मंजूरी; आज राज्यसभा में पेश होगा

Dainik Jagran - National - April 3, 2025 - 7:08am

अरविंद शर्मा, जागरण, नई दिल्ली। सरकार और विपक्ष के बीच गरमागरम बहस के बाद वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार को लोकसभा से पारित हो गया। विधेयक के समर्थन में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े। विधेयक पारित करने के लिए सदन आधी रात के बाद भी बैठा रहा। एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस कानून को मुसलमानों पर हमला बताते हुए विधेयक की प्रति फाड़ दी।

सरकार ने मुस्लिमों को आश्वस्त किया

विपक्ष द्वारा विधेयक को संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ बताए जाने सहित सरकार ने एक-एक आपत्तियों का जवाब दिया और आशंकाएं दूर की। सरकार ने मुस्लिमों को आश्वस्त किया कि यह बिल उनकी मस्जिद एवं दरगाह छीनने और धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए नहीं है, बल्कि संपत्तियों के नियमन और प्रबंधन के लिए लाया गया है।

नया कानून अधिसूचना निकलने के दिन से ही प्रभावी होगा

नया कानून अधिसूचना निकलने के दिन से ही प्रभावी होगा। वक्फ संशोधन विधेयक को असंवैधानिक कहने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि वक्फ संपत्ति से संबंधित कानून दशकों से अस्तित्व में है। अदालतों द्वारा इसे रद नहीं किया गया है और ऐसे शब्दों का इस्तेमाल हल्के में नहीं किया जाना चाहिए। कहा कि दुनिया में अल्पसंख्यकों के लिए भारत से ज्यादा सुरक्षित कोई देश नहीं है।

केसी वेणुगोपाल, असदुद्दीन ओवैसी ने संशोधन पेश किया

विधेयक पर विपक्ष की ओर से गौरव गोगोई, केसी वेणुगोपाल, असदुद्दीन ओवैसी और अरविंद सावंत ने संशोधन पेश किया, जिसे सदन ने खारिज कर दिया। वहीं, रिजीजू के संशोधन को स्वीकार कर लिया। अब इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।

विपक्षी दलों के स्वर थोड़े बदले-बदले से थे

विधेयक पर चर्चा के दौरान लोकसभा में जदयू, तेदेपा एवं लोजपा (आर) समेत राजग के समस्त सहयोगी दल पूरी तरह एकजुट दिखे, जबकि पहले से कड़े प्रतिरोध का दावा करते आ रहे विपक्षी दलों के स्वर थोड़े बदले-बदले से थे। कांग्रेस एवं समाजवादी पार्टी समेत कई दलों को विधेयक से नहीं, बल्कि संशोधन के कुछ बिंदुओं पर आपत्ति थी। हालांकि दोनों खेमों ने अपने-अपने सदस्यों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया था।

बहस पर चर्चा का समय पहले आठ घंटा निर्धारित था। इसे पहले दो घंटे और फिर डेढ़ घंटे के लिए बढ़ाया गया। लोकसभा में लगभग 12 घंटे तक चली मैराथन बहस का जवाब देते हुए रिजीजू ने कहा कि विधेयक पारित होने के बाद गरीब मुसलमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देंगे।

विपक्षी सदस्यों ने विधेयक को मुस्लिम विरोधी बताया

रिजीजू ने विपक्षी सदस्यों द्वारा विधेयक को मुस्लिम विरोधी बताए जाने को खारिज कर दिया और कहा कि गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सभी मुद्दों पर अच्छी तरह से स्पष्टीकरण दिए जाने के बावजूद कुछ सदस्य सच को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। कुछ नेता कह रहे हैं कि विधेयक असंवैधानिक है। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वे कैसे कह सकते हैं कि विधेयक असंवैधानिक है। अगर यह असंवैधानिक था, तो अदालत ने इसे रद क्यों नहीं किया?

असदुद्दीन ओवैसी ने विभिन्न मुद्दे उठाए

रिजीजू ने कहा कि एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विभिन्न मुद्दे उठाए और आरोप लगाया कि वक्फ में मुसलमानों के बच्चों के लिए प्रविधान किया जा रहा है। हिंदुओं के लिए कोई प्रविधान क्यों नहीं किया जा रहा है? मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि हिंदुओं के लिए पहले से ही प्रविधान है। इस पर दूसरा कानून बनाने की कोई जरूरत नहीं है। इससे पहले रिजीजू ने लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए इसे उम्मीद (यूनीफाइड वक्फ मैनेजमेंट इंपावरमेंट, इफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) नाम दिया।

वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए बिल लाने को जरूरी बताते हुए रिजीजू ने कहा कि अगर ऐसा नहीं करते तो जिस इमारत (संसद भवन) में हम बैठे हैं, उस पर भी वक्फ दावा कर सकता था, क्योंकि 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले तत्कालीन सरकार ने दिल्ली की 123 संपत्तियां वक्फ को दे दी थीं। अगर केंद्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार नहीं बनती तो कई अन्य संपत्तियों पर वक्फ का कब्जा हो सकता था।

वोट के लिए 70 वर्षों से मुस्लिमों को गुमराह किया जा रहा है- सरकार

रिजीजू ने उस भ्रम को भी स्पष्ट किया, जिसमें कहा जाता है कि रेल और सेना के बाद वक्फ के पास सबसे ज्यादा जमीन है। कहा कि रेल और सेना की जमीन देश की है, किंतु वक्फ की संपत्ति निजी है। वोट के लिए 70 वर्षों से मुस्लिमों को गुमराह किया जा रहा है।

सच्चर कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए रिजीजू ने कहा कि 2006 में देश में 4.9 लाख वक्फ संपत्तियां थीं, जिनकी कुल आय 163 करोड़ थी। अभी 8.72 लाख संपत्तियां हैं, लेकिन आमदनी सिर्फ तीन करोड़ ही बढ़ी है। उचित इस्तेमाल से वक्फ की आमदनी बढ़ेगी, जिससे मुस्लिमों को फायदा होगा। अभी तक वक्फ बोर्ड किसी भी जमीन को अपना बता देता था। अब ऐसा नहीं होगा।

सरकार ने कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई की उस आपत्ति को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि गैर सरकारी संस्थाओं से सुझाव नहीं लिए गए और विपक्ष के एक भी संशोधन प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया।

गोगोई ने सरकार पर लगाए आरोप

गोगोई ने आरोप लगाया कि यह विधेयक संविधान के मूल ढांचे पर हमला करने, अल्पसंख्यकों को बदनाम करने, उन्हें मताधिकार से वंचित करने और समाज को विभाजित करने का प्रयास है। इस पर अमित शाह ने कहा कि संप्रग सरकार ने 2013 में सिर्फ चार घंटे की चर्चा के बाद वक्फ विधेयक को पास कर दिया था, लेकिन इस बार संयुक्त संसदीय समिति में 113 घंटे की चर्चा एवं 92 लाख से ज्यादा सुझावों पर विचार के बाद कानून बनाया जा रहा है।

वक्फ में एक भी गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होगा- सरकार

वक्फ कानून में संशोधन के नाम पर धार्मिक हस्तक्षेप के आरोपों को खारिज करते हुए सरकार ने स्पष्ट किया कि वक्फ में एक भी गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होगा। सिर्फ वक्फ परिषद एवं वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम होंगे, जिनका काम धार्मिक हस्तक्षेप का नहीं होगा, बल्कि उन संपत्तियों के प्रबंधन का होगा जो दान में मिली है। वह देखेगा कि संपत्तियों का सदुपयोग हो रहा है या नहीं। वक्फ में महिलाएं और शिया-सुन्नी की भागीदारी बढ़ेगी और पिछड़ों का प्रतिनिधित्व होगा।

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Waqf Bill: वक्फ बिल को कोर्ट में चुनौती देगा मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड, बोला- सड़कों पर करेंगे विरोध

Dainik Jagran - National - April 3, 2025 - 7:08am

 पीटीआई, नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड (एआइएमपीएलबी) ने कहा है कि वह वक्फ (संशोधन) विधेयक को अदालत में चुनौती देगा और समुदाय के अधिकारों को खतरे में डालने वाले इस काले कानून के विरुद्ध लड़ाई को सड़कों पर लेकर जाएगा।

प्रस्तावित कानून की आलोचना की

प्रेस कान्फ्रेंस में प्रस्तावित कानून की आलोचना करते हुए बोर्ड के सदस्य मोहम्मद अदीब ने दावा किया कि यह मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों को जब्त करने का प्रयास है। उन्होंने कहा, उन्होंने इसे इस सोच से शुरू किया है कि वे हमारी संपत्ति छीन सकते हैं। क्या इसे स्वीकार किया जा सकता है? यह मत सोचिए कि हम पराजित हो गए हैं।

कानून भारत के ताने-बाने को खतरे में डालता है

उन्होंने कहा कि यह तो शुरुआत है। संयुक्त संसदीय समिति में विचार-विमर्श के दौरान बिल का विरोध किया गया। यह देश को बचाने की लड़ाई है क्योंकि प्रस्तावित कानून भारत के ताने-बाने को खतरे में डालता है।

बिल को वापस लेने तक बोर्ड चैन से नहीं बैठेगा

अदीब ने सभी जागरूक नागरिकों से अनुरोध किया कि वे बिल का विरोध करें और इसका कानूनी एवं सार्वजनिक प्रदर्शन के जरिये विरोध करने की बोर्ड की प्रतिबद्धता को दोहराया। साथ ही कहा कि बिल को वापस लेने तक बोर्ड चैन से नहीं बैठेगा।

विपक्ष ने वक्फ संशोधन बिल को बताया संविधान पर हमला

वक्फ संशोधन बिल के कई प्रविधानों का विरोध करते हुए विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाई। इस विधेयक को नया नाम ''उम्मीद'' (यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट इंपावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट एक्ट) देने पर विपक्षी दलों ने इसे अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करार दिया और कहा कि यह सीधे-सीधे संविधान पर आक्रमण है।

आइएनडीआइए गठबंधन की ओर से सबसे पहले हमले का मोर्चा खोलते हुए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह संविधान को कमजोर करने, अल्पसंख्यकों को बदनाम करने और उनके अधिकारों से वंचित करने के उद्देश्य से यह बिल लेकर आई है।

भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि को नुकसान पहुंचाएगा- अखिलेश

उन्होंने कहा कि यह विधेयक समाज को विभाजित कर भाईचारा खत्म करने का प्रयास है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का यह वक्फ विधेयक विभाजनकारी एजेंडे का हिस्सा है, जो भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि को नुकसान पहुंचाएगा।

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लोकोमोटिव निर्माण में यूरोप और अमेरिका को पछाड़ शीर्ष पर पहुंचा भारत, रेलवे मंत्रालय ने संसद में जानकारी

Dainik Jagran - National - April 3, 2025 - 7:00am

 आइएएनएस, नई दिल्ली। भारत ने रेलवे लोकोमोटिव निर्माण में एक वैश्विक लीडर के रूप में अपनी पहचान बनाई है। वित्त वर्ष 2024-25 में रिकार्ड 1,681 लोकोमोटिव का निर्माण किया गया। बुधवार को रेलवे मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई।

लोकोमोटिव निर्माण में भारत काफी आगे

इसमें कहा गया कि यह उपलब्धि यूरोप, अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और आस्ट्रेलिया जैसे देशों के कुल लोकोमोटिव निर्माण को पार कर गई है। यह भारत की रेलवे क्षेत्र में बढ़ती वैश्विक क्षमता को दर्शाती है।

इसमें कहा गया कि पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2023-24 में 1,472 लोकोमोटिव का निर्माण हुआ था। इस लिहाज से गत वर्ष की अपेक्षा इस बार 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

लोकोमोटिव निर्माण में निरंतर वृद्धि हो रही

रेलवे मंत्रालय के बयान में कहा गया कि लोकोमोटिव निर्माण में निरंतर वृद्धि 'मेक इन इंडिया' पहल को मजबूत करने को लिए गए रणनीतिक निर्णयों का प्रत्यक्ष परिणाम है। 2004 से 2014 के बीच भारत ने कुल 4,695 लोकोमोटिव का निर्माण किया। इसके विपरीत 2014 से 2024 के बीच लोकोमोटिव निर्माण में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।

9,168 लोकोमोटिव का प्रोडक्शन हुआ

इस दौरान 9,168 लोकोमोटिव का प्रोडक्शन हुआ। पूर्व के 470 के मुकाबले वार्षिक औसत लगभग 917 हो गई। लोकोमोटिव का निर्माण चित्तरंजन, बनारस, पटियाला और मधेपुरा कारखानों में हुआ है। 1681 में से 1,047 अधिकांश लोकोमोटिव मालगाड़ियों के लिए है।

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