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Nitin Gadkari: विभिन्न कारणों से देशभर में अटकी 637 परियोजनाएं, नितिन गडकरी ने संसद में बताई बड़ी वजह
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक जवाब में कहा कि भारतमाला परियोजना योजना के अंतर्गत आने वाली परियोजनाओं सहित 637 परियोजनाओं में मुख्य रूप से भूमि अधिग्रहण संबंधी मुद्दों और ठेकेदारों के समक्ष आने वाली वित्तीय कठिनाइयों जैसे कारणों से देरी हो रही है।
637 परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी- गडकरीगडकरी ने राज्यसभा में एक जवाब में कहा कि अप्रत्याशित घटनाओं के अलावा निर्माण सामग्री की कमी आदि के कारण भी परियोजनाओं में देरी हुई है। ''भारतमाला परियोजना योजना के अंतर्गत आने वाली परियोजनाओं सहित 637 परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी हुई है।''
इन चुनौतियों से निपटने और परियोजना निष्पादन में तेजी लाने के लिए सरकार ने विभिन्न पहल की हैं।इसके अलावा, अगर देरी ठेकेदार की वजह से होती है, तो हर्जाना लगाया जाता है और देरी के कारण कोई अतिरिक्त लागत नहीं आती है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी विलंबित परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
साइबर अपराधों से निपटने को संयुक्त साइबर समन्वय दलकेंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने कहा कि केंद्र ने साइबर अपराधों और साइबर अपराध हाटस्पाट से निपटने वाली विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए सात संयुक्त साइबर समन्वय दल गठित किए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) ने डिजिटल गिरफ्तारी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले 3,962 से अधिक स्काइप आइडी और 83,668 वाट्सएप अकाउंट की सक्रिय रूप से पहचान की है और उन्हें ब्लॉक किया है।
दो लाख ग्राम पंचायतें ब्राडबैंड कनेक्टिविटी के लिए तैयारपंचायती राज राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने बुधवार को कहा कि ग्रामीण भारत को किफायती हाइ-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक परियोजना के तहत दो लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को सेवा के लिए तैयार किया गया है।
बघेल ने एक लिखित उत्तर में राज्यसभा को सूचित किया कि देश की सभी ग्राम पंचायतों को ब्राडबैंड सेवाएं प्रदान करने के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा भारतनेट परियोजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है।
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मानवाधिकार पर बनी लघु फिल्म दूध गंगा-वेलीज डाइंग लाइफलाइन को पहला पुरस्कार, जानें दूसरे और तीसरे स्थान पर कौन रहा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बुधवार को 2024 में मानवाधिकारों पर लघु फिल्मों की प्रतियोगिता में सात सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को पुरस्कृत किया। इंजीनियर अब्दुल रशीद भट की फिल्म 'दूध गंगा-वेलीज डाइंग लाइफलाइन' को पहला पुरस्कार मिला है।
एनएचआरसी को देश भर से कुल 303 प्रविष्टियां प्राप्त हुईंयह फिल्म इस बात पर चिंता जताती है कि कैसे दूध गंगा नदी में विभिन्न अपशिष्टों के प्रवाहित होने से यह प्रदूषित हुई और घाटी के लोगों की भलाई के लिए इसके जीर्णोद्धार की आवश्यकता है। यह फिल्म अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू में हैं तथा फिल्म के सारे शीर्षक अंग्रेजी में हैं। एनएचआरसी को देश भर से कुल 303 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं थीं।
दूसरा पुरस्कार आंध्र प्रदेश के कदारप्पा राजू की 'फाइट फॉर राइट्स' को मिला है। यह फिल्म बाल विवाह और शिक्षा के मुद्दे को उठाती है। तीसरा पुरस्कार आर रविचंद्रन द्वारा बनाई गई 'गॉड' को मिला है। इस मूक फिल्म में एक बूढ़े नायक के माध्यम से पेयजल का मूल्य बताया गया है।
चार लघु फिल्मों को विशेष उल्लेख प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। इनमें तेलंगाना के हनीश उंद्रमतला की 'अक्षराभ्यासम', तमिलनाडु के आर सेल्वम की 'विलायिला पट्टाधारी' (एन एक्सपेंसिव ग्रेजुएट), आंध्र प्रदेश के मदका वेंकट सत्यनारायण की 'लाइफ आफ सीता' और आंध्र प्रदेश के लोटला नवीन की 'बी ए ह्यूमन' हैं।ये पुरस्कार दिल्ली में एनएचआरसी परिसर में आयोजित समारोह में दिए गए।
देश के विभिन्न हिस्सों से 300 से अधिक प्रविष्टियां प्राप्त हुईइस अवसर पर एनएचआरसी अध्यक्ष जस्टिस वी रामसुब्रमण्यन ने संबोधन में कहा कि आयोग का उद्देश्य मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के प्रति जागरूकता पैदा करना है। मानव अधिकारों पर लघु फिल्म प्रतियोगिता पिछले एक दशक से इस उद्देश्य को बहुत प्रभावी ढंग से पूरा कर रही है। 2015 में जब यह प्रतियोगिता शुरू हुई थी तब केवल 40 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं थीं और अपने 10वें वर्ष 2024 में देश के विभिन्न हिस्सों से 300 से अधिक प्रविष्टियां प्राप्त हुई।
ये लोग रहे उपस्थितइससे पता चलता है कि मानवाधिकार जागरूकता के साथ इस आयोजन ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक लोगों के बीच कितनी लोकप्रियता हासिल की है। इस मौके पर एनएचआरसी सदस्य न्यायमूर्ति विद्युत रंजन सारंगी, विजया भारती सयानी और महासचिव भरत लाल आदि उपस्थित थे।
दुर्घटना वाले दिन औसत बिक्री से 11 प्रतिशत अधिक बिके प्लेटफॉर्म टिकट, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर बोले रेल मंत्री
पीटीआई, नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 11,099 प्लेटफार्म टिकट बिके। उस दिन स्टेशन पर भगदड़ मची थी जिसमें 18 यात्रियों की मौत हो गई थी, और यह प्रतिदिन औसत बिक्री से केवल 11 प्रतिशत अधिक है।
टीएमसी सांसद ने पूछा सवालबुधवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में रेल मेंत्री ने कहा कि मौजूदा प्लेटफार्म की क्षमता इस भार को वहन करने के लिए पर्याप्त है। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद अधिकारी दीपक ने पिछले छह महीनों के साथ-साथ 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री का ब्योरा मांगते हुए यह मुद्दा उठाया।
वैष्णव ने कहा, ''व्यक्तियों को प्लेटफॉर्म टिकट जारी करने का उद्देश्य मुख्य रूप से बुजुर्ग, मरीज, महिला यात्री आदि टिकट धारकों को प्लेटफॉर्म क्षेत्र के अंदर ले जाना है।'' उन्होंने कहा, ''प्लेटफॉर्म टिकट जारी होने के समय से केवल दो घंटे के लिए वैध होता है और इन टिकटों को जारी करना प्लेटफॉर्म पर बैठने की जगह की क्षमता के अनुसार सीमित होता है।''
16 लाख लोगों को परोसा जाता है ट्रेन में खानाउन्होंने कहा कि सितंबर, 2024 से फरवरी, 2025 के दौरान नई दिल्ली स्टेशन से प्रतिदिन बिकने वाले प्लेटफॉर्म टिकटों की औसत संख्या 9,958 थी। लोकसभा में ही उन्होंने बताया कि ट्रेनों में प्रतिदिन 16 लाख भोजन परोसा जाता है। एक लिखित जवाब में उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे के नेटवर्क पर प्रतिदिन औसतन 16 लाख भोजन परोसा जाता है, ताकि सुचारू और निर्बाध सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें।
उधर, वैष्णव ने राज्यसभा में कहा कि रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) को पिछली प्रणाली में कथित अनियमितताओं के कारण विभागीय परीक्षा आयोजित करने के लिए कहा गया था। रेल मंत्रालय ने हाल ही में एक आदेश जारी किया था जिसके माध्यम से उसने सभी विभागीय पदोन्नति परीक्षाओं को रद कर दिया था और आरआरबी को भविष्य में ऐसी सभी परीक्षाएं आयोजित करने के लिए कहा था।
नवरत्न के दर्जे से हितधारकों का विश्वास बढ़ेगा : रेल मंत्रीवैष्णव ने कहा कि आइआरसीटीसी और आइआरएफसी को नवरत्न का दर्जा दिए जाने से बाजार की धारणा, हितधारकों का विश्वास और सबसे महत्वपूर्ण बात, कर्मचारियों का मनोबल और प्रेरणा बढ़ेगी।
कांग्रेस सांसद विजय वसंत ने भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) और भारतीय रेलवे वित्त निगम (आइआरएफसी) को नवरत्न का दर्जा दिए जाने का मुद्दा उठाया और उनके वित्तीय प्रदर्शन के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी, जिसके कारण उन्हें नवरत्न का दर्जा दिया गया। उन्होंने अन्य मुद्दों के अलावा यह भी पूछा कि क्या इससे उनके संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ने की उम्मीद है।
रेल मंत्री ने कहा, ''आइआरसीटीसी और आइआरएफसी का परिचालन से राजस्व क्रमश: 17 प्रतिशत और 14 प्रतिशत से अधिक की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है, जबकि पिछले पांच वर्षों के दौरान नेटवर्थ, ब्याज, मूल्य और कर से पहले की कमाई और कर के बाद लाभ क्रमश: 20 प्रतिशत और 10 प्रतिशत से अधिक चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर के साथ बढ़ा है।''
अंतरिक्ष कानून के मसौदे की गहन जांच की जा रही : जितेंद्र सिंहप्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि अंतरिक्ष कानून के मसौदे की गहन जांच की जा रही है क्योंकि यह इस क्षेत्र के लिए पहला विधेयक है। ''इस क्षेत्र में पहला विधेयक होने के कारण, सरकार में इसकी गहन जांच की जा रही है और सभी उचित प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद इसे पेश किया जाएगा।''
भारत में अंतरिक्ष गतिविधियों को विनियमित करने और बढ़ावा देने के लिए कानूनी ढांचा स्थापित करने के लिए ''अंतरिक्ष गतिविधि विधेयक'' पर पहली बार 2017 में चर्चा की गई थी - विशेष रूप से इस क्षेत्र में निजी खिलाडि़यों पर केंद्रित।
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