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क्या है MY BHARAT कैलेंडर? गर्मी की छुट्टियों के लिए किया गया तैयार; पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में किया जिक्र
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के 120वें एपिसोड के माध्यम से देशवासियों को संबोधित किया।
इस कार्यक्रम के माध्यम से पीएम मोदी ने सभी लोगों को चेत्र नवरात्र की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने आज के दिन को बेहद पावन दिन बताया है।
भारतीय नववर्ष और गुड़ी पाड़वा की भी शुभकामनाएं
पीएम मोदी ने इस दौरान गुड़ी पाड़वा और भारतीय नववर्ष की भी शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा, "आज चैत्र नवरात्र के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। आज से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो रही है और आज से भारतीय नववर्ष की भी शुरुआत हो रही है।"
'यह बेहद पावन दिन है'
पीएम मोदी ने कहा, "यह विक्रम संवत 2082 की शुरुआत है। साथ ही आज गुड़ी पाड़वा का भी दिन है, इसलिए ये यह बेहद पावन दिन है। मैं इन त्योहारों की देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं। ये त्योहार भारत की विविधता में एकता का अहसास कराता है।"
'ये पूरा महीना त्योहारों का है'
उन्होंने कहा, "आज कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में उगादी का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है। महाराष्ट्र में गुड़ी पाड़वा का पर्व मनाया जा रहा है। अगले कुछ दिनों में असम में रंगोली बिहू, बंगाल में पोइला बोइशाख और कश्मीर में नवरेह का उत्सव मनाया जाएगा।"
पीएम मोदी ने कहा, "13 से लेकर 15 अप्रैल के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में त्योहारों की खूब धूम होगी। हर त्योहार को लेकर लोगों में काफी उत्साह है और ईद का त्योहार तो आ रही रहा है। यानी ये पूरा महीना त्योहारों का है, पर्वों का है। मैं सभी देशवासियों को इन त्योहारों की बहुत-बहुत बधाई देता हूं।"
क्या है MY BHARAT कैलेंडर?
पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में माय भारत कैलेंडर (My Bharat Calendar) का जिक्र किया है। उन्होंने कहा, "मेरे युवा साथियों आज मैं आप लोगों से उस खास कैलेंडर My-Bharat के बारे में बात करना चाहूंगा, जिसे इस गर्मी की छुट्टियों के लिए तैयार किया गया है। इस कैलेंडर से कुछ अनूठे प्रयासों को साझा करना चाहता हूं। जैसे My-Bharat के स्टडी टूर में आप ये जान सकते हैं कि हमारे जन औषधि केंद्र कैसे काम करते हैं।"
पीएम मोदी ने गर्मी की छुट्टियों को लेकर दिया खास सुझाव
पीएम मोदी ने छात्रों से कहा, "आप Vibrant Village अभियान से जुड़कर सीमावर्ती गांवों में एक अनोखा अनुभव ले सकते हैं। अंबेडकर जयंती पर पदयात्रा में हिस्सा लेकर आप संविधान के मूल्यों को लेकर जागरूकता भी फैला सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "बच्चों और उनके अभिभावकों से मेरा अनुरोध है कि वे गर्मी की छुट्टियों के अनुभवों को #HolidayMemories के साथ जरूर साझा करें। मैं आपके अनुभवों को आगे आने वाली मन की बात में शामिल करने का प्रयास करूंगा।"
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सुप्रीम कोर्ट का जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करना खतरनाक मिसाल, कैश कांड में कपिल सिब्बल ने ऐसा क्यों कहा?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में मिले कैश मामले में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक खतरनाक ट्रेंड हैं। सिब्बल का कहना है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है तब तक किसी भी जिम्मेदार नागरिक को इस मामले में टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
यह खतरनाक मिसालसुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच रिपोर्ट, वीडियो और फोटो जारी करने पर सिब्बल ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि ये उनके विवेक पर निर्भर करता है। यह गलत है या सही... यह समय बताएगा। अदालत ही दस्तावेज का स्रोत है। इस पर लोग भी विश्वास कर लेते हैं। मगर यह सच है या नहीं... ये बाद में तय होगा। मेरा मानना है कि यह खतरनाक मिसाल है। संस्थागत प्रतिक्रिया में संस्थान को लिखित में लागू करना चाहिए कि क्या करना चाहिए।
कपिल सिब्बल का कहना है कि इस पर बार के साथ सलाह करके निर्णय लिया जाना चाहिए। न्यायाधीशों के बारे में हम जीतना जानते हैं... वो भी उतना ही जानते हैं। इन मुद्दों से निपटने और तंत्र बनाने के लिए एक समिति होनी चाहिए। अगर इन चीजों को सार्वजनिक किया जाता है तो संस्था पहले ही हार चुकी होती है।
अभी तो जांच भी पूरी नहीं हुईजस्टिस यशवंत वर्मा मामले में सिब्बल ने कहा कि जब तक कोई व्यक्ति दोषी नहीं पाया जाता है तब तक उसे निर्दोष माना जाता है। इस मामले में तो अभी तक जांच भी पूरी नहीं हो पाई है। जांच पूरी नहीं होने तक किसी भी जिम्मेदार नागरिक को इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहिए।
14 मार्च को मिला था कैश14 मार्च को नई दिल्ली स्थित जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर आग लगने की घटना सामने आई थी। इसी दौरान कथित तौर पर उनके घर से नकदी मिलने के खुलासे से हड़कंप मच गया था। बाद में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया था।
तीन सदस्यीय कमेटी करेगी जांच22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया। इस कमेटी में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अनु शिवरामन को शामिल किया गया है। यह कमेटी मामले की जांच करेगी। शीर्ष अदालत ने दिल्ली हाई कोर्ट की संशोधित आंतरिक जांच रिपोर्ट भी सार्वजनिक की। अदालत ने वीडियो और तस्वीरों को भी साझा किया।
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'ऊर्जा क्षेत्र में होने वाले हैं कई बदलाव', देश को आधार कार्ड देने वाले नंदन नीलेकणी का बड़ा दावा; क्या करने वाली है सरकार?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इन्फोसिस के सह-संस्थापक और आधार के निर्माता नंदन नीलेकणी का मानना है कि भारत में ऊर्जा क्षेत्र में अगला बड़ा बदलाव होगा, जैसा कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने देश के वित्तीय क्षेत्र में क्रांति ला दी है।
एक कार्यक्रम में उद्यमियों से बात करने के दौरान उन्होंने घरों में सोलर पैनल लगाने और लोगों को ऊर्जा के उत्पादन और उपभोग में भागीदार बनाने की बात की।
घरों में सोलर पैनल और EV बैटरियां
नीलेकणी ने कहा कि अब हम ऊर्जा को छोटे पैमाने पर खरीदते हैं, जैसे एलपीजी गैस सिलेंडर खरीदना, लेकिन बिजली हमेशा हम ग्रिड से ही लेते थे। लेकिन अब, हर घर सोलर पैनल लगाया जा सकता है और हर घर में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) की बैटरी होगी।
उन्होंने कहा, इसका मतलब यह है कि हर घर ऊर्जा का उत्पादक, विक्रेता और खरीदार बनेगा। यह बदलाव भारत में ऊर्जा क्षेत्र को डिजिटल पेमेंट्स की तरह बदलने की संभावना को जन्म देगा।
UPI की सफलता की कहानी
बता दें, UPI जो पिछले एक दशक में भारत के डिजिटल भुगतान प्रणाली का अहम हिस्सा बना है, अब देश में 80 प्रतिशत रिटेल भुगतान का हिस्सा है। इसकी उपयोग में आसानी और बैंकिंग नेटवर्क के बढ़ते विस्तार ने UPI को करोड़ों यूज़र्स के लिए प्राथमिक भुगतान का तरीका बना दिया है।
UPI की अंतरराष्ट्रीय सफलता
UPI की सफलता केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अब सात देशों में सक्रिय है। यूएई, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस जैसे देशों में भी UPI का उपयोग हो रहा है, जिससे भारतीय नागरिक अब अंतरराष्ट्रीय भुगतान भी कर सकते हैं।
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Kerala: कलीग के साथ रिलेशनशिप में थी IB अधिकारी, पिता का खुलासा; रेलवे ट्रैक पर मिला था शव
आईएएनएस, तिरुवनंतपुरम। केरल के तिरुअनंतपुरम में रेलवे ट्रैक के पास इस सप्ताह की शुरुआत में जिस इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) अधिकारी का शव मिला था, उसके पिता ने खुलासा किया है कि वह अपने सहकर्मी के साथ रिलेशनशिप में थी।
24-वर्षीय मेघा तिरुअनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इमिग्रेशन विभाग में काम करती थी। उसके पिता मधुसूदनन ने कहा कि मेघा ने कभी भी अपने रिश्ते के बारे में उनसे बात नहीं की, लेकिन उसने अपनी मां को इस बारे में बताया था।
पिता ने किया खुलासामधुसूदनन ने कहा कि यह रिश्ता तब शुरू हुआ जब मेघा और उसका सहकर्मी एस. सुरेश पिछले साल राजस्थान में ट्रेनिंग के लिए गए थे। उन्होंने कहा कि उसकी मौत के बाद हमने उसके बैंक ट्रांजैक्शन की जांच की और पाया कि वह अपनी सारी कमाई सुरेश को ट्रांसफर कर रही थी।
बेटी ने खुद बताई थी रिलेशनशिप की बातमधुसूदनन ने एक घटना को याद किया जब उन्हें कोच्चि से टोल भुगतान के लिए अधिसूचना मिली। इसके कारण उन्होंने मेघा से उसकी वहां मौजूदगी के बारे में पूछा। सर्विस ज्वाइन करने के कुछ महीने बाद मैंने उसके लिए एक कार खरीदी। एक दिन मुझे अपने मोबाइल पर कोच्चि में एकत्र किए गए टोल राशि के बारे में एक संदेश मिला। जब मैंने उससे पूछा कि वह कोच्चि में क्यों थी तो उसने मुझे सुरेश के बारे में बताया।
मेघा की तनख्वाह भी सुरेश खाते में हो रहा था हस्तांतरितउसके बैंक स्टेटमेंट की आगे की जांच से पता चला कि मेघा का वेतन नियमित रूप से सुरेश को हस्तांतरित किया जाता था, जो कभी-कभी उसे बदले में छोटी रकम भेजता था। उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले मेघा के कुछ सहकर्मियों ने हमें बताया कि आर्थिक तंगी के कारण वह अक्सर खाना नहीं खाती थी। जब उससे पूछा गया तो उसने बताया कि उसका पैसा परिवार को भेज दिया गया है।
हाल ही में वह उदास और अलग-थलग रहने लगी थी।'' परिवार ने जांच में मदद के लिए मेघा का लैपटाप पुलिस को सौंप दिया है। मेघा का शव सोमवार (24 मार्च) की सुबह एयरपोर्ट के नजदीक रेलवे ट्रैक के पास मिला, जब वह अपनी नाइट शिफ्ट पूरी करने के कुछ ही देर बाद घर लौटी थी।
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डिफेंस प्रोडक्शन में भारत का जलवा, 2029 तक तीन लाख करोड़ का रक्षा उत्पादन करने की तैयारी
आईएएनएस, नई दिल्ली। भारत सरकार का लक्ष्य 2029 तक रक्षा उत्पादन बढ़ाकर तीन लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने और 50 हजार करोड़ रुपये की रक्षा सामग्री के निर्यात का है। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर दी है।
सरकार ने बताया है कि उसकी योजना भारत को रक्षा सामग्री के उत्पादन का हब बनाने की है। रक्षा उत्पादन बढ़ाने से रक्षा सामग्री के आयात पर हमारी निर्भरता कम हो रही है और हम आत्मनिर्भर बनने के साथ ही रोजगार पैदा कर रहे हैं और विदेशी मुद्रा भी प्राप्त कर रहे हैं।
बयान में बताया है कि देश में रक्षा सामग्री के उत्पादन में 16 सरकारी उपक्रमों के साथ ही 430 लाइसेंस प्राप्त कंपनियां भी जुटी हुई हैं। इसके साथ ही 16 हजार लघु उद्योग भी उत्पादन को बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। देश के रक्षा उत्पादन में निजी क्षेत्र प्रमुख भूमिका निभा रहा है। कुल उत्पादन में करीब 21 प्रतिशत का वह योगदान दे रहा है।
भारत के रक्षा उत्पादों की बढ़ रही डिमांडसरकार ने कहा है कि इसी बढ़ती कार्यक्षमता के चलते ही 2029 तक 50 हजार करोड़ रुपये की सामग्री के प्रतिवर्ष निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बताया कि 2004 से 2014 के बीच देश ने कुल 4,312 करोड़ रुपये की रक्षा सामग्री का निर्यात हुआ जबकि 2014 से 2024 के बीच वह बढ़कर 88,319 करोड़ हो गया। यह विश्व में भारत के रक्षा उत्पादों की बढ़ती मांग का उदाहरण है।
रक्षा सामग्री का निर्यात प्रतिवर्ष 32.5 प्रतिशतभारत का रक्षा सामग्री का निर्यात प्रतिवर्ष 32.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। भारत इस समय विश्व के 100 से ज्यादा देशों को रक्षा सामग्री का निर्यात कर रहा है। भारत जिन देशों को अपने उत्पाद निर्यात कर रहा है उनमें अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया मुख्य हैं।
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'भाषा के नाम पर देश मत तोड़ो', राजनाथ सिंह बोले- कुछ लोग तमिल और हिंदी को लेकर विवाद पैदा कर रहे
पीटीआई, नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को भाषा के मुद्दे पर द्रमुक के रुख की आलोचना की और कहा कि भाजपा हिंदी और अन्य सभी भारतीय भाषाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि सहयोग की भावना है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि भाषा के नाम पर देश को तोड़ने की कोशिशें बंद होनी चाहिए। तमिल रानी वेलु नचियार को श्रद्धांजलि देने के लिए भाजपा महिला मोर्चा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा कि कुछ लोग तमिल और हिंदी को लेकर विवाद पैदा कर रहे हैं।
केंद्र पर हिंदी थोपने का आरोपउन्होंने उत्तर भारत में वेलु नचियार के बारे में जागरूकता फैलाने के प्रयास की सराहना की। रक्षा मंत्री ने कहा कि हिंदी और अन्य भारतीय भाषाएं एक-दूसरे को मजबूत बनाती हैं। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हिंदी थोपने का आरोप लगा रही है।
दोनों दलों के बीच वाकयुद्ध और तेज होने वाला है, क्योंकि राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है। राजनाथ ने कहा कि कुछ लोग मुगल शासक औरंगजेब को अपना आदर्श मानते हैं, जिसने अन्य धर्मों के अनुयायियों पर अत्याचार किया था।
रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के युग की शुरुआत की है। अब उन्हें सशस्त्र बलों में स्थायी कमीशन मिल रहा है।
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'हिंदुत्व का मतलब राष्ट्रवाद है, हमें गर्व है कि हम हिंदू हैं', एक टीवी कार्यक्रम में बोले मोहन यादव
एएनआई, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हिंदू धर्म को राष्ट्रवाद से जोड़ते हुए कहा कि हिंदू धर्म व्यक्ति की राष्ट्रीयता से बहुत करीब से जुड़ा हुआ है।
मोहन यादव ने गर्व से खुद को हिंदू बतायाशनिवार को यहां एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जिस तरह अमेरिका में रहने वाले लोगों को अमेरिकी या रूस में रहने वाले लोगों को रूसी कहा जाता है, उसी तरहउन्होंने भी गर्व से खुद को हिंदू बताया। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि इसमें आखिर क्या गलत है।
राष्ट्रवाद और हिंदुत्व एक ही हैं- मोहन यादवमुख्यमंत्री ने कहा, ''हिंदुत्व का मतलब राष्ट्रवाद है। हमें गर्व है कि हम हिंदू हैं। राष्ट्रवाद और हिंदुत्व एक ही हैं। अगर कोई हमारे राष्ट्र को चुनौती देता है तो हम उसे कैसे छोड़ेंगे? अमेरिका में रहने वाले लोगों को अमेरिकी कहा जाता है, रूस में रहने वाले लोगों को रूसी कहा जाता है, और इसी तरह, यहां हिंदुस्तान में रहने वाले लोग हिंदू होंगे। हां, मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूं। इसमें क्या गलत है?''
मोहन यादव ने भारत में हिंदू मंदिरों के भविष्य के लिए भी अपनी उम्मीदें जताईं। वह इस बात से रोमांचित थे कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण कार्य संपन्न होने वाला है और उन्हें उम्मीद है कि मथुरा में भगवान कृष्ण का मंदिर भी जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा।
मैं कोर्ट का सम्मान करता हूं- सीएमउन्होंने कहा, ''यह बहुत अच्छा लगता है कि भगवान राम सरयू नदी के तट पर विराजते हैं और अगर भगवान ने चाहा तो आने वाले समय में भगवान कृष्ण भी मथुरा में ही विराजेंगे। मैं कोर्ट का सम्मान करता हूं क्योंकि उसने भगवान राम (अयोध्या राम मंदिर के बारे में फैसले का जिक्र करते हुए) का मामला भी उठाया। यह कांग्रेस ही है जिसने मामले को बिगाड़ा है। अगर भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में नहीं हुआ तो फिर कहां हुआ? मेरा मानना है कि न्याय व्यवस्था सब जानती है और वह सबूतों के आधार पर जवाब देगी और हम भी उसी का इंतजार कर रहे हैं।''
जवाबी टैरिफ पर यूटर्न लेंगे ट्रंप? भारत-अमेरिका की बैठक में बनी बात, 2 अप्रैल से पहले मिली खुशखबरी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) की शुरुआत को लेकर अमेरिकी सरकार के अधिकारियों के साथ पिछले तीन दिनों से चल रही वार्ता सकारात्मक माहौल में समाप्त हो गई।
वार्ता में यह तय हुआ कि अगले सप्ताह से व्यापार से जुड़े प्रत्येक सेक्टर के दोनों देशों के विशेषज्ञ वर्चुअल रूप से बैठक करेंगे, ताकि बीटीए को आगे ले जाने का रास्ता साफ हो सके। इसके साथ ही अब अमेरिका की तरफ से आगामी दो अप्रैल से भारत पर पारस्परिक शुल्क नीति लागू करने की संभावना काफी कम होती दिख रही है।
व्यापार बढ़ाने पर बनी थी सहमतिप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान ट्रंप सरकार ने दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार को वर्ष 2030 तक 500 अरब डॉलर तक ले जाने की घोषणा की थी। फिलहाल दोनों देशों के बीच वस्तु व सर्विस को मिलाकर 190 अरब डॉलर का व्यापार किया जाता है।
इस घोषणा के बाद वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल बीटीए पर वार्ता शुरू करने के मामले को लेकर अमेरिका दौरे पर गए थे। उसके बाद बीटीए वार्ता के लिए भारत आए अमेरिका के सरकारी अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल से गत 26 मार्च से वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में बातचीत चल रही थी।
शुल्क में कमी कराने की कोशिश में भारत- वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के मुताबिक वार्ता में विभिन्न सेक्टर पर दोनों देशों में लगने वाले शुल्क में अपनी-अपनी सहूलियत के हिसाब से बदलाव, कई वस्तुओं के लिए बाजार को अधिक सुगम बनाने और आपसी सप्लाई चेन स्थापित करने के मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई। बताया गया कि दोनों देश एक-दूसरे के हित को देखते हुए आपसी रजामंदी के साथ व्यापारिक समझौते के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
- इस साल बीटीए के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। दोनों देशों के बीच इस सफल वार्ता के बाद यह माना जा रहा है कि अमेरिका अब भारत पर पारस्परिक शुल्क नहीं लगाकर बीटीए के तहत भारत से शुल्क में कमी कराने की कोशिश करेगा। वैसे भी भारत ने चालू वित्त वर्ष के लिए पिछले साल जुलाई में पेश होने वाले बजट में ही अमेरिका से आने वाली बाइक, दवा जैसे कई आइटम पर शुल्क में कटौती कर दी थी।
- भारत के रुख से साफ है कि अभी अमेरिका से आने वाली कई अन्य वस्तुओं के शुल्क में कटौती की जा सकती है जो भारत के व्यापारिक हित में भी है। क्योंकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है और वैश्विक व्यापारिक परिस्थितियों को देखते हुए भविष्य में अमेरिका में भारत को अपने निर्यात बढ़ाने की बड़ी गुंजाइश दिख रही है।
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ISRO के नाम एक और सफलता, सेमीक्रायोजेनिक इंजन बनाने में मिली कामयाबी; जानिए इससे कितना फायदा होगा
पीटीआई, बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2,000 किलोन्यूटन के उच्च थ्रस्ट वाले सेमीक्रायोजेनिक इंजन या तरल ऑक्सीजन/केरोसिन इंजन को विकसित करने में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल करने की घोषणा की है। यह इंजन प्रक्षेपण यान मार्क-3 (एलवीएम3) के सेमीक्रायोजेनिक बूस्टर चरण में मदद करेगा।
इसरो के अनुसार, सेमीक्रायोजेनिक इंजन विकसित करने के कार्यक्रम में पहली बड़ी सफलता 28 मार्च को मिली, जब तमिलनाडु में महेंद्रगिरि के इसरो प्रणोदन परिसर में इंजन पावर हेड टेस्ट आर्टिकल (पीएचटीए) का पहला हाट टेस्ट सफल रहा। इसरो के अनुसार शुक्रवार के परीक्षण ने 2.5 सेकंड की परीक्षण अवधि के लिए इंजन के सुचारू इग्निशन और बूस्ट स्ट्रैप मोड संचालन को प्रदर्शित किया।
पीएचटीए पर कई परीक्षण करने की योजनापरीक्षण पूर्वानुमान के अनुसार हुआ और इंजन के सभी मापदंड उम्मीद के मुताबिक रहे। इस सफलता के साथ इसरो पूरी तरह से एकीकृत इंजन के निर्माण से पहले पीएचटीए पर कई परीक्षण करने की योजना बना रहा है, ताकि इसके प्रदर्शन को और अधिक प्रमाणित और परिष्कृत किया जा सके।
इसरो का द्रव्य प्रणोदन प्रणाली केंद्र सेमी क्रायोजेनिक प्रणोदन इंजन और स्टेज का विकास कर रहा है। 2,000 केएन सेमी-क्रायोजेनिक इंजन द्वारा संचालित स्टेज (एससी120) पेलोड वृद्धि के लिए एलएमवी3 के वर्तमान कोर लिक्विड स्टेज (एल110) की जगह लेगा और भविष्य के प्रक्षेपण यानों के बूस्टर चरणों को शक्ति प्रदान करेगा।
थ्रस्टर का 1000 घंटे का परीक्षण सफल- इसरो ने 300 मिलिन्यूटन स्टेशनरी प्लाज्मा थ्रस्टर पर 1,000 घंटे के जीवनकाल का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया। यह उपग्रहों की विद्युत प्रणोदन प्रणाली में शामिल करने के लिए विकसित किया गया है। विद्युत प्रणोदन प्रणाली का इस्तेमाल भविष्य के सेटेलाइट में रासायनिक प्रणोदन प्रणाली के स्थान पर किया जाएगा।
- इससे ऐसे संचार उपग्रहों के लिए मार्ग प्रशस्त होगा, जो कक्षा उन्नयन समेत अन्य कार्यों के लिए केवल विद्युत प्रणोदन प्रणाली का उपयोग करेंगे। इन थ्रस्टर के शामिल होने से संचार उपग्रहों में ट्रांसपोंडर क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह परीक्षण 5.4 किलोवाट के पूर्ण शक्ति स्तर पर उस कक्ष में किया गया, जो अंतरिक्ष की स्थितियों के अनुसार काम करता है।
- यह उपग्रहों में शामिल किए जाने से पहले थ्रस्टर्स की विश्वसनीयता को प्रदर्शित करने के लिए मील का पत्थर है। विद्युत प्रणोदन प्रणाली को इसरो के आगामी प्रौद्योगिकी प्रदर्शन उपग्रह (टीडीएस-01) में शामिल करने और मान्य करने का प्रस्ताव है और इसका उपयोग भूस्थिर कक्षा में आर्बिट बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
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Chennai: NEET परीक्षा की तैयारी कर रही छात्रा ने की आत्महत्या, विपक्ष ने डीएमके सरकार पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के पास केलम्बक्कम से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां पर NEET परीक्षा की तैयारी कर रही एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 21 वर्षीय देवदर्शिनी नाम की छात्रा एक कोचिंग संस्थान में पढ़ाई कर रही थी और NEET परीक्षा की तैयारी कर रही थी। मई में परीक्षा का आयोजन होने वाली है। बताया गया कि छात्रा पिछले चार बार से परीक्षा को पास करने में असफल रही। इस कारण वह तनाव में थी।
पिता चलाते हैं बेकरी की दुकानमृतका छात्रा के पिता सेल्वराज चेन्नई से करीब 40 किलोमीटर दूर केलम्बक्कम में एक बेकरी चलाते हैं। बताया जा रहा है कि परिवार चेन्नई से वहां इसलिए आया था क्योंकि शहर में उनकी दुकान अच्छी नहीं चल रही थी।
माता-पिता से छात्रा ने कही थी ये बातमामले की जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि देवदर्शिनी ने अपने माता-पिता से कहा था कि वह परीक्षा को लेकर तनाव में है। हालांकि, उसके पिता ने आश्वस्त किया था कि उसको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। शुक्रवार को देवदर्शिनी ने अपने पिता के साथ बेकरी की दुकान पर दोपहर तक समय बिताया। इसके बाद उसने कहा कि वह घर जा रही है और कुछ समय बाद वापस आएगी। कुछ समय बाद छात्रा की मां ने उसे कमरे में फंदे से लटके पाया।
विपक्ष ने उठाए सवालइस घटना के बाद तमिलनाडु में डीएमके सरकार पर विपक्ष ने हमला बोला है। राज्य में पिछले आठ सालों में कम से कम 20 NEET उम्मीदवारों ने आत्महत्या की है। राज्य की एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार और AIADMK ने पहले भी केंद्रीय परीक्षा का विरोध किया है। उनका कहना है कि इस परीक्षा में प्रवेश कक्षा 12वीं के नंबरों के आधार पर किया जाए। इन दोनों दलों ने तर्क दिया है कि NEET संपन्न परिवारों के छात्रों को तरजीह देता है।
बता दें कि साल 2021 में तमिलनाडु विधानसभा ने NEET से छूट की एक मांग वाला विधेयक भी पारित किया था। उधर, देवदर्शिनी की आत्महत्या के बाद AIDMK के महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने स्टालिन सरकार और उनकी पार्टी पर निशाना साधा है। AIDMK ने स्टालिन सरकार पर छात्रों को धोखा देने का आरोप लगाया है।
सरकार पर विपक्ष ने साधा निशानाAIDMK के महासचिव पलानीस्वामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि डीएमके ने झूठ बोला और छात्रों को धोखा दिया कि अगर वह सत्ता में आई तो तमिलनाडु में एनईईटी नहीं होगा। क्या एनईईटी के कारण लगातार हो रही मौतें डीएमके के लिए चिंता का विषय नहीं हैं? चुनावी लाभ के लिए बोले गए आपके बड़े झूठ से आपके हाथों पर जो खून के धब्बे जमा होते जा रहे हैं, उन्हें आप कैसे धोएंगे?
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1 अप्रैल से UPI का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे ये लोग, NPCI ने बताई वजह; क्रेडिट कार्ड होल्डर्स को भी झटका
आईएएनएस, नई दिल्ली। एक अप्रैल 2025 से निष्क्रिय मोबाइल नंबर वाले उपभोक्ता यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये भुगतान नहीं कर सकेगे। इसका कारण यह है कि ऐसे उपभोक्ताओं का मोबाइल नंबर यूपीआई आईडी से भी अनलिंक हो जाएगा।
इसको लेकर नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने न्यूमैरिक यूपीआई आईडी को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। नए निर्देशों के अनुसार, अगर किसी यूपीआई यूजर का बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर लंबे समय तक निष्क्रिय रहता है, तो यूजर की यूपीआई आईडी भी अनलिंक हो जाएगी और वह व्यक्ति यूपीआई सेवा का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।
मोबाइल नंबर एक्टिव रखना जरूरीऐसे में यूपीआई सेवा का इस्तेमाल करने वाले हर व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर सक्रिय हो। यूपीआई सेवा का इस्तेमाल बिना किसी परेशानी के तभी किया जा सकता है, जब बैंक रिकॉर्ड को सही मोबाइल नंबर के साथ अपडेट रखा जाए।
निष्क्रिय या फिर से असाइन किए गए मोबाइल नंबर से जुड़ी यूपीआई सेवा में दिक्कतें आ सकती हैं। दूरसंचार विभाग के नियमों के अनुसार, कोई भी मोबाइल नंबर एक बार बंद होने के 90 दिनों बाद किसी नए ग्राहक को सौंपा जा सकता है।
यदि किसी ग्राहक का मोबाइल नंबर कॉल, मैसेज या डाटा के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, तो ऐसे नंबरों को कंपनियां निष्क्रिय कर देती हैं। नए निर्देशों के अनुसार, यूजर का बैंक-सत्यापित मोबाइल नंबर यूपीआई पहचानकर्ता के रूप में कार्य करेगा। इन दिशा-निर्देशों का सभी बैंकों, यूपीआई एप और थर्ड पार्टी सेवाप्रदाताओं को पालन करना होगा।
1 अप्रैल से ये भी होंगे बदलाव- अप्रैल की पहली तारीख से एसबीआई और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक भी अपनी क्रेडिट पॉलिसी में बदलाव कर रहे हैं। एसबीआई के सिम्पलीक्लिक कार्ड से स्विगी ट्रांजैक्शन पर 10X की जगह 5X रिवॉर्ड प्वाइंट मिलेंगे। एयरइंडिया एसबीआई कार्ड से टिकट बुकिंग पर हर 100 रुपये पर 15 की जगह 5 रिवॉर्ड पॉइंट मिलेंगे।
- आईडीएफसी क्रेडिट कार्ड होल्डर्स के लिए क्लब विस्तारा मेंबरशिप अब उपलब्ध नहीं होगी 31 मार्च से कार्ड रिन्यू कराने वाले लोगों को एक साल के लिए एनुअल फीस की छूट मिलेगी। लेकिन ट्रैवल बेनेफिट्स मिलने बंद हो जाएंगे।
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Circle Rate को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, बोला- वैज्ञानिक तरीके से तय होने चाहिए रेट
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि जमीन के सर्किल रेट वैज्ञानिक तरीके से तय होने चाहिए। उचित होगा कि जमीन की सर्किल दरें विशेषज्ञ समितियों द्वारा तय की जाएं जिनमें न केवल सरकार के अधिकारी हों बल्कि अन्य विशेषज्ञ भी हों जो बाजार की स्थितियों को समझते हों।
शीर्ष अदालत ने कहा कि व्यवस्थित और वैज्ञानिक तरीके से तय की गईं सर्किल दरें अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और कर संग्रह को बढ़ाने में योगदान दे सकती हैं। भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन की अपील खारिज करते हुए 27 मार्च को यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सर्किल रेट के आधार पर अधिग्रहित जमीन का मुआवजा देने के कमिश्नर के आदेश को सही ठहराया है।
सिर्फ औसत ब्रिक्री की कीमत पर भरोसा नहीं करना चाहिए: SCपीठ ने फैसले में जमीन के सर्किल रेट तय करने और भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के प्रविधानों बारे में विस्तार से चर्चा की है। कोर्ट ने कहा है कि कलेक्टर को सिर्फ औसत ब्रिक्री की कीमत पर ही भरोसा नहीं करना चाहिए बल्कि व्यापक बाजार आधारित कारकों पर भी विचार करना चाहिए। मसलन जमीन की प्रकृति, अहमियत और विकास की कीमत आदि।
फैसले में कहा गया है कि सर्किल रेट का निर्धारण जब जमीन के बाजार मूल्य में भिन्नता के कारकों को ध्यान में रख कर किया जाता है तो उससे लेन-देन में पूर्वानुमान लगाना आसान होता है और मुकदमेबाजी कम हो जाती है। कोर्ट ने कहा कि मानकीकृत (स्टैंडर्डाइज्ड) सर्किल दरों को न्यूनतम या आधार मूल्य पर तय किया जाना चाहिए, क्योंकि जनता से अधिक मूल्य वाली सर्किल दरों पर स्टाम्प शुल्क का भुगतान करने के लिए कहना बहुत अनुचित होगा।
'सर्किल दरों से नागरिकों पर पड़ता है सीधा असर'सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सही सर्किल दरें ईमानदार करदाताओं के हितों का ध्यान रखने के साथ साथ अनुपालन न करने वाले करदाताओं को भी रोकेंगी। तर्कसंगत और निष्पक्ष सर्किल दरें सुशासन को दर्शाती हैं।
कोर्ट ने आदेश में कहा है कि उचित और सटीक सर्किल दरें तय करने का प्रत्येक नागरिक पर सीधा प्रभाव पड़ता है। बढ़ी हुई दरें खरीदारों पर अनुचित वित्तीय बोझ डालती हैं। इसके विपरीत कम मूल्यांकित दरें अपर्याप्त स्टाम्प शुल्क की ओर ले जाती हैं, जिससे राज्य के राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
कोर्ट ने कहा कि सर्किल दरें जो बाजार मूल्य को दर्शाती हैं, संपत्तियों के कम मूल्यांकन को रोककर राज्य के लिए उचित राजस्व संग्रह सुनिश्चित करती हैं। विभिन्न अधिकार क्षेत्रों के मुकदमों में संपत्ति के सर्किल रेट की चर्चा होने के आधार पर कोर्ट ने कहा कि सर्किल दरें अक्सर राजनीतिक और आर्थिक रूप से विवाद का मुद्दा बन जाती हैं। यह विभिन्न अधिकार क्षेत्रों में लगातार होने वाली मुकदमेबाजी में परिलक्षित होता है, जो संपत्तियों पर लागू सर्किल दरों पर चर्चा करते हैं।
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कर्नाटक में इंजीनियरिंग की छात्रा का अपहरण, पिता ने लगाया लव जिहाद का आरोप; मामला दर्ज
पीटीआई, उडुपी। कर्नाटक के उडुपी में 20 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्रा के अपहरण का मामला सामने आया है। पिता ने एक युवक के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। 20 मार्च को दर्ज शिकायत में डाडविन देवदास ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी मूडबिद्री में इंजीनियरिंग कालेज में पढ़ती है।
उसी दिन शाम करीब छह बजे उडुपी के कुक्कीकट्टे जंक्शन पर अपनी कालेज बस से उतरी थी। जब वह अपनी मौसी के घर जा रही थी, तो अकरम मोहम्मद नामक व्यक्ति ने उसका अपहरण कर लिया। घटना के गवाह बस चालक ने देवदास को इसके बारे में सूचित किया।
पिता ने दर्ज कराई शिकायतदेवदास ने शिकायत में कहा है कि उन्होंने पहले मोहम्मद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसपर बेटी को परेशान करने का आरोप लगाया था। हालिया घटना बदले की कार्रवाई है। उडुपी में पत्रकारों से बात करते हुए गाडविन देवदास ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी लव जिहाद का शिकार हुई है।
पिता का दावा- बेटी को धमकी देता था मोहम्मदउन्होंने दावा किया कि मोहम्मद पिछले पांच सालों से इंस्टाग्राम के जरिए उनकी बेटी के संपर्क में था और कथित तौर पर उसकी अंतरंग तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर जारी करने की धमकी देकर उसे परेशान कर रहा था।
हालांकि पुलिस ने उन्हें बताया है कि वे वयस्कों की सहमति से बने मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। उन्हें स्वेच्छा से साथ रह रहे जोड़े का एक वीडियो भी दिखाया गया। उन्होंने कहा कि मैं अपनी बेटी की सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं।
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'अरबपति दोस्तों के 16 लाख करोड़ माफ किए, लेकिन...', बैंकिंग सिस्टम को लेकर राहुल गांधी ने सरकार को घेरा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने बैंकों द्वारा कॉरपोरेट जगत के 16 लाख करोड़ का कर्ज माफ किए जाने का मुद्दा एक बार फिर उठाते हुए कहा है कि इसका खामियाजा बैंक के छोटे कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है।
कांग्रेस नेता ने दावा किया है कि नियामक कुप्रबंधन के साथ-साथ भाई-भतीजावाद ने भारत के बैंकिंग क्षेत्र को भी संकट में डाल दिया है। इसके परिणामस्वरूप जूनियर कर्मचारियों को रोजगार गंवाने से लेकर तनाव तथा विषाक्त परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।
राहुल बोले- अरबपति दोस्तों के कर्ज माफ किएकांग्रेस नेता ने एक निजी बैंक से बर्खास्त किए गए कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल से संसद भवन में हुई मुलाकात में हुई चर्चाओं का हवाला देते हुए शनिवार को एक्स पर पोस्ट में आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने अपने अरबपति मित्रों के 16 लाख करोड़ रुपये के ऋण माफ किए हैं।
राहुल गांधी ने कहा, 'आईसीआईसीआई बैंक के 782 पूर्व कर्मचारियों की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मुलाकात की और उनकी कहानियों में एक परेशान करने वाला पैटर्न सामने आया है- कार्यस्थल पर उत्पीड़न, जबरन स्थानांतरण, एनपीए उल्लंघनकर्ताओं को अनैतिक ऋण देने का खुलासा करने के लिए प्रतिशोध और उचित प्रक्रिया के बिना बर्खास्तगी। दो दुखद मामलों में इसकी वजह से आत्महत्या हो गई।'
आर्थिक कुप्रबंधन का आरोप- नेता विपक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन की मानवीय कीमत चुकानी पड़ रही है। यह अत्यंत चिंता का विषय है जो देश भर के हजारों ईमानदार कामकाजी पेशेवरों को प्रभावित करता है।
- उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इन कामकाजी वर्ग के पेशेवरों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ने और कार्यस्थल पर इस तरह के उत्पीड़न और शोषण को समाप्त करने के लिए इस मुद्दे को पूरी गंभीरता से उठाएगी।
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म्यांमार में भूकंप से तबाही, पीएम मोदी बोले- करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में साथ खड़ा भारत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। म्यामांर में शुक्रवार को आए विनाशकारी भूकंप ने अब तक हजारों लोगों की जान ले ली है। करीब 1700 लोग घायल हुए हैं और हजारों अभी भी लापता हैं। भूकंप के तुरंत बाद ही भारत ने म्यांमार को हर संभव मदद देने का वादा किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने म्यांमार के सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की है। पीएम ने कहा कि एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में, भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है।
पीएम मोदी ने व्यक्त की संवेदनाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, 'म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की। विनाशकारी भूकंप में हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।'
Spoke with Senior General H.E. Min Aung Hlaing of Myanmar. Conveyed our deep condolences at the loss of lives in the devastating earthquake. As a close friend and neighbour, India stands in solidarity with the people of Myanmar in this difficult hour. Disaster relief material,…
— Narendra Modi (@narendramodi) March 29, 2025उन्होंने आगे लिखा, 'एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में, भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज और बचाव दल को प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजा जा रहा है।'
ऑपरेशन ब्रह्मा की शुरुआतभारत ने म्यामांर में मानवीय मदद पहुंचाने के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया है। भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री 40 टन मानवीय सहायता लेकर यांगून बंदरगाह भेजे गए हैं। खोज और बचाव कार्यों में मदद के लिए एनडीआरएफ की 80 सदस्यीय समर्पित टीम म्यांमार भेजी गई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मानवीय सहायता की पहली खेप ले जा रहे भारतीय वायुसेना के सी-130 जे विमान की तस्वीरें साझा कीं, जिसमें टेंट, स्लीपिंग बैग, खाने के पैकेट, स्वच्छता किट, आवश्यक दवाइयाँ और बहुत कुछ शामिल है।
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म्यांमार और थाईलैंड के बाद मणिपुर में भी आया भूकंप, जानें कितनी रही तीव्रता
पीटीआई, इंफाल। मणिपुर के नोनी जिले में शनिवार को 3.8 तीव्रता का भूकंप आया। अधिकारियों ने बताया कि अब तक किसी जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, भूकंप दोपहर 2:31 बजे आया। इसका केंद्र मणिपुर के नोनी जिले में था। भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर मापी गई।
EQ of M: 3.8, On: 29/03/2025 14:31:39 IST, Lat: 24.90 N, Long: 93.59 E, Depth: 10 Km, Location: Noney, Manipur.
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पूर्वोत्तर भारत भूकंप संभावित क्षेत्र में आता है और यहां अक्सर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में भूगर्भीय हलचलें अधिक सक्रिय रहती हैं, जिससे समय-समय पर भूकंप आते रहते हैं।
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सहयोग पोर्टल को सेंसरशिप टूल बताने पर केंद्र ने जताई आपत्ति, एक्स के दावे को बताया बेबुनियाद; जानिए पूरा मामला
पीटीआई, बेंगलुरु। मशहूर उद्योगपति एलन मस्क के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और भारत सरकार के बीच डिजिटल सेंसरशिप को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। ये विवाद अब कर्नाटक हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। कर्नाटक हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने एक हलफनामा पेश किया है और एक्स के कई दावे को खारिज किया है।
केंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स द्वारा सहयोग पोर्टल को सेंसरशिप टूल बताए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है और इस दावे को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया है।
जानिए पूरा विवाददरअसल, ये पूरा मामला अभिव्यक्ति की आजादी और डिजिटल रेगुलेशन से जुड़ा हुआ है। एक्स द्वारा काफी समय से केंद्र सरकार पर अति-नियंत्रण का आरोप लगाया जाता रहा है। हालांकि, केंद्र सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि केवल डिजिटल स्पेस को सुरक्षित रखने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जाते रहे हैं।
एक्स ने लगाए हैं ये आरोपजानकारी दें कि एक्स ने हाल के दिनों में केंद्र सरकार के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया था। इस याचिका में एक्स ने आरोप लगाया कि भारत सरकार, आईटी कानून की धारा 69(ए) का दुरुपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। एक्स का आरोप है कि बिना किसी उचित प्रक्रिया अपनाए ही ऑनलाइन कंटेंट को ब्लॉक किया जा रहा है। एक्स ने यह भी दावा किया है कि इससे ऑनलाइन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर असर पड़ रहा है।
सहयोग पोर्टल को लेकर भी एक्स ने उठाए सवालउधर, एक्स ने सहयोग पोर्टल को लेकर भी आरोप लगाए हैं। एक्स का मुख्य आरोप है कि सहयोग पोर्टल के माध्यम से सरकार डायरेक्ट कंटेंट ब्लॉक करने के लिए कर रही है। इससे भी आईटी प्रवधानों का उल्लंघन हो रहा है।
केंद्र सरकार ने दाखिल किया हलफनामा- एक्स के दावे पर केंद्र सरकार ने हलफनामा पेश किया है। कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष पेश किए गए हलफनामे में सरकार ने एक्स के आरोपों को खारिज किया है। केंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स द्वारा सहयोग पोर्टल को सेंसरशिप टूल के रूप में वर्णित करने पर कड़ी आपत्ति जताई है, तथा इस दावे को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया है।
- केंद्र ने भारत के सूचना-अवरोधन ढांचे को चुनौती देने वाली अपनी याचिका में एक्स कॉर्प द्वारा किए गए दावों का खंडन किया। सरकार ने दावा किया कि याचिकाकर्ता ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, विशेष रूप से धारा 69ए और 79(3)(बी) के प्रावधानों की गलत व्याख्या की है।
- सरकार ने तर्क दिया कि धारा 69ए स्पष्ट रूप से केंद्र को विशिष्ट परिस्थितियों में अवरोधन आदेश जारी करने की अनुमति देती है और ऑनलाइन सामग्री प्रतिबंध के लिए कई सुरक्षा उपाय प्रदान करती है।
एक्स द्वारा उठाई गई चिंताओं को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार ने सहयोग पोर्टल का बचाव किया है। केंद्र ने जोर देकर कहा कि पोर्टल गैरकानूनी ऑनलाइन सामग्री के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए एक संरचित मंच प्रदान करता है और मध्यस्थों और जांच अधिकारियों दोनों को लाभान्वित करता है।
एक बयान में कहा गया है कि सहयोग को सेंसरशिप टूल के रूप में लेबल करना भ्रामक है। ऐसा करके, याचिकाकर्ता गलत तरीके से खुद को मध्यस्थ के बजाय एक कंटेंट निर्माता के रूप में पेश कर रहा है। एक्स जैसे वैश्विक मंच से ऐसा दावा बेहद खेदजनक और अस्वीकार्य है।
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क्या है सैगोंग फॉल्ट? जिसने म्यांमार व थाईलैंड में मचाई तबाही, आगे भी विनाशकारी भूकंप का खतरा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप के बाद भारत ने 50 टन राहत सामग्री भेजी है। दोनों देशों के अधिकारी संपर्क में हैं। म्यांमार में भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा एक हजार के पार हो चुका है। सैगोंग फॉल्ट ने म्यांमार में तबाही मचाई है। आइये जानते हैं भूकंप के लिए जिम्मेदार सैगोंग फॉल्ट के बारे में।
भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों में शामिल है म्यांमारम्यांमार भूकंप के लिहाज से सबसे अधिक सक्रिय क्षेत्रों में से एक है। ग्लोबल सीस्मिक रिस्क मैप पर म्यांमार रेड जोन में है। इसका मतलब है भूकंप का मध्यम से अधिक खतरा।
सैगोंग शहर के पास से गुजरती है दरारम्यांमार में धरती की सतह के नीचे की चट्टानों में एक बहुत बड़ी दरार मौजूद है, जो देश के कई हिस्सों से होकर गुजरती है। यह दरार म्यांमार के सैगोंग शहर के पास से गुजरती है इसलिए इसका नाम सैगोंग फॉल्ट पड़ा। यह म्यांमार में उत्तर से दक्षिण की तरफ 1200 किमी तक फैली हुई है।
तेजी से खिसक रही हैं चट्टानें लाती हैं शक्तिशाली भूकंपइसे 'स्ट्राइक-स्लिप फॉल्ट' कहते हैं। इसका मतलब है कि इसके दोनों तरफ की चट्टानें एक-दूसरे के बगल से हॉरिजॉन्टल दिशा में खिसकती हैं, ऊपर-नीचे नहीं। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं जैसे दो किताबें टेबल पर रखी हों और उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ स्लाइड किया जाए। सैगोंग फॉल्ट में चट्टानों के खिसकने की अनुमानित रफ्तार 11 मिलीमीटर से 18 मिलीमीटर सालाना है।
चट्टानों के लगातार खिसकने से ऊर्जा का दबाव बनता है और यह समय-समय पर भूकंप के रूप में ऊर्जा बाहर निकलती है। सालाना 18 मिलीमीटर तक जमीन खिसकने का मतलब है कि यहां जमीन के नीचे काफी अधिक हलचल है। इसकी वजह से बड़े पैमाने पर ऊर्जा इकठ्ठा हो रही है, जो शक्तिशाली भूकंप ला सकती है।
इन देशों तक लगे भूकंप के झटकेम्यांमार में आए भूकंप से बड़े पैमाने पर जान माल का नुकसान हुआ है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7 से अधिक थी और इसके झटके म्यांमार के अलावा थाईलैंड, बांग्लादेश, भारत, वियतनाम और चीन तक महसूस किए गए।
अगले हफ्ते थाईलैंड जाएंगे पीएम मोदीप्रधानमंत्री मोदी अगले हफ्ते तीन व चार अप्रैल को बैंकाक की यात्रा पर जाने वाले हैं। वहां चार अप्रैल 2025 को छठा बिम्सटेक शिखर सम्मेलन होने वाला है जिसमें भारत, थाईलैंड, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, भूटान और बांग्लादेश के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की तीसरी थाईलैंड यात्रा की तैयारियां चल ही रही थीं कि ठीक एक हफ्ते पहले वहां भूकंप आ गया है। भूकंप से शिखर सम्मेलन पर होने वाले असर को लेकर जब सवाल पूछा गया तो विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, ‘हम थाईलैंड के साथ संपर्क में हैं। अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं है कि हम कुछ कह सकें।
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'24वें मंजिल पर था... पूरी बिल्डिंग हिलने लगी, हर कोई भागने लगा'; बैंकॉक से लौटे लोगों ने क्या-क्या बताया?
एएनआई, नई दिल्ली। भूकंप के बाद थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक से लौटे भारतीय पर्यटकों ने वहां की डरावनी कहानी बयां की। पर्यटकों ने बताया कि चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल था। हर कोई चीख रहा था। भगदड़ जैसी स्थिति थी। हर कोई अपनी जान बचाने की फिराक में था। इमारतें भयानक तौर पर हिल रही थीं। हर इंसान बेहद डरा था।
भूकंप के बाद सबकुछ हुआ बंदथाईलैंड से लौटीं भारती खुराना ने बताया कि सभी व्यावसायिक स्थानों को इमरजेंसी में बंद कर दिया गया था। हम बाजार गए थे। मगर इमरजेंसी की वजह से बाजार बंद था। कोई टैक्सी और इमरजेंसी वाहन नहीं मिल रहे थे। एयरपोर्ट पहुंचने तक के लिए टैक्सी नहीं मिल रही थी। हालांकि अब स्थिति ठीक है।
24वीं मंजिल पर फंसे थे प्रणवप्रणव भारत से थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक घूमने गए थे। उन्हें क्या पता कि वह एक भीषण भूकंप में फंस जाएंगे। प्रणव ने बताया कि मैं प्रिंस पेस होटल के 24वें मंजिल पर था। इमारत भयानक रूप से हिलने लगी। हर कोई भागने लगा। लोग दो घंटे तक एक ही स्थिति में बैठे थे।
हर कोई चिल्ला और भाग रहा थाएक इंटरनेशनल पर्यटक जॉन ने बताया कि मैं चाइनाटाउन में था। अचानक फर्श हिलने लगी। मैं नीचे देखने लगा। इतने में ही घबराहट होने लगी। हर कोई बाजार के संकरे रास्ते से निकलने लगा। उन्होंने आगे कहा कि हम सभी बहुत डरे थे। चिल्ला और भाग रहे थे। इमारत से बाहर निकलने के लिए धक्का-मुक्की कर रहे थे। हालांकि चाइनाटाउन बाजार में कुछ नहीं हुआ।
मलबे में बहुत लोग दबेजॉन ने कहा कि जैसा कि हम यहां चतुचक में देख सकते हैं। यह एक निर्माणाधीन और अनुमान के मुताबिक 30 मंजिला इमारत के ढहने की तस्वीरें हमने देखी। मुझे ठीक से नहीं पता कि ये कौन सी इमारत थी? मगर मुझे यकीन है कि इसके मलबे में बहुत सारे लोग दबे होंगे।
बैंकॉक में 10 की मौतबता दें कि शुक्रवार को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया। इसके झटके थाईलैंड, म्यांमार और वियतनाम तक महसूस किए गए। सबसे अधिक तबाही म्यांमार और थाईलैंड में मची है। म्यांमार में मृतकों का आंकड़ा एक हजार के पार हो चुका है। बैंकॉक पोस्ट के मुताबिक बैंकॉक में 10 लोगों की मौत हुई है। 16 लोग गायल हैं। अभी 101 लोग लापता हैं।
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कैसा ये इश्क है! दो लड़कियों से हुआ प्यार, लड़के ने एक ही मंडप में दोनों से रचाई शादी; फिर जो हुआ जानकर उड़ जाएंगे होश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंसान को जीवन में कभी न कभी किसी से प्यार होता है और वो अपने प्यार के साथ ही पूरी जिंदगी साथ रहना भी चाहता है। लेकिन क्या हो, जब किसी एक लड़के को दो लड़कियों से प्यार हो जाए और वो दोनों ही लड़कियों के साथ जिंदगी बिताना चाहे?
तेलंगाना में व्यक्ति ने दो महिलाओं से की शादी
ऐसा ही एक अनोखा मामला तेलंगाना से सामने आया है, जहां एक युवक ने एक ही मंडप में दो लड़कियों से शादी की है। मामला कोमाराम भीम आसिफाबाद जिले का है। सूर्यदेव नामक व्यक्ति ने एक ही समय में दो महिलाओं, लाल देवी और झलकारी देवी से शादी की है।
सूर्यदेव न शादी के निमंत्रण कार्ड पर दोनों दुल्हनों के नाम छपवाए और एक भव्य समारोह का आयोजन भी किया। इस शादी का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें ये दोनों महिलाओं उस व्यक्ति का हाथ थामे नजर आ रही हैं। शादी की सारी रस्में रिश्तेदारों और परिवार वालों की मौजूदगी में निभाई गई है।
Jab Miya aur do biwi raazi tho kya karega kaazi? Suryadev from Gumnoor village Lingapur mandal, #KomuramBheemAsifabad district married Lal Devi & Jhalkari Devi in a tribal #weddingceremony on Thursday; trio's decision shocked community but they eventually accepted #WeddingOf3 pic.twitter.com/qgbpEndFcb
— Uma Sudhir (@umasudhir) March 28, 2025शादी करवाने में गांव वालों ने की मदद
बताया जा रहा है कि, सूर्यदेव को लाल देवी और झलकारी देवी से प्यार हो गया था, जिसके बाद तीनों ने साथ रहने का फैसला किया। हालांकि, शुरुआत में गांव के बुजुर्ग इस शादी के लिए राजी नहीं थे, लेकिन फिर बाद में मान गए और तीनों की शादी करवाने में मदद भी की।
पहले भी हुई है ऐसी घटना
हालांकि, भारत में हिंदुओं के लिए बहुविवाह करना गैरकानूनी है। यह पहली बार नहीं है जब ऐसी घटना हुई है, इससे पहले 2021 में तेलंगाना के आदिलाबाद जिले में एक व्यक्ति ने एक ही मंडप में दो महिलाओं से शादी की थी। इसी तरह 2022 में झारखंड में एक युवक ने अपनी दो गर्लफ्रेंड के साथ शादी की थी।
तेलंगाना में भरभराकर गिरी 6 मंजिला इमारत, एक की मौत; बचाव अभियान जारी
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