Dainik Jagran
Bihar Weather: भीषण गर्मी के लिए हो जाएं तैयार, 40 डिग्री के पार जाएगा पारा; IMD ने जारी की चेतावनी
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather: प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम का मिजाज बदल रहा है। कहीं पर मेघ गर्जन, वज्रपात के साथ आंधी-पानी के हालात बने हैं तो कहीं तापमान में वृद्धि होने से लोग गर्मी के कारण परेशान हैं। बीते कुछ दिनों से अलग-अलग भागों में वर्षा, वज्रपात की बनी स्थिति में अब विराम लगने की संभावना है।
3-4 दिनों में अधिकतम तापमान में इजाफे के आसारमौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, अगले तीन से चार दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में सामान्य से चार से छह डिग्री की वृद्धि का पूर्वानुमान है। इस दौरान कुछ जिलों में हीट वेव के आसार हैं। पछुआ के कारण आमतौर पर मौसम शुष्क बना रहेगा।
पूर्णिया के अमौर में 1.6 मिमी हुई बारिशबीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के पूर्णिया के अमौर में 1.6 मिमी एवं गोपालगंज के कटैया में 1.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई। शेष जिलों में आंशिक रूप से बादल छाए रहे।
अधिसंख्य जिलों के अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई। पश्चिम चंपारण जिले में झोंके के साथ तेज हवा चलने से लोग परेशान रहे।
पटना सहित कई जिलों के तापमान में इजाफारविवार को पटना सहित अधिसंख्य जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। पटना का अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री बढ़ोतरी के साथ 36.5 डिग्री सेल्सियस व 39.9 डिग्री सेल्सियस के साथ गया व औरंगाबाद में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। रविवार को पटना समेत सभी जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।
प्रमुख शहरों का तापमान शहर अधिकतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में)न्यूनतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में) पटना 36.5 26.6 गया 39.9 24.0 भागलपुर 34.7 25.0 मुजफ्फरपुर 34.6 25.2 रेडियो मीटर के जरिए वर्षा व नमी का चलेगा पता
मौसम विज्ञान केंद्र पटना परिसर में रेडियो मीटर स्थापित करने की योजना है। रेडियो मीटर के जरिए वर्षा, नमी की मात्रा आदि के बारे में जानकारी मिलेगी। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के निदेशक आशीष कुमार ने बताया कि रेडियो मीटर हवा में तापमान , जल की मात्रा को मापता है।
अभी हम लोग पूरी तरह से सेटेलाइट पर निर्भर रहते हैं। रेडियो मीटर वर्षा और हवा में नमी की मात्रा का सटीक आकलन करेगा। इसके जरिए वर्षा के घनत्व के बारे में पता चलेगा।
कहां हल्की वर्षा होगी, कहां बादल बनेंगे इसकी जानकारी मिलेगी। इसके लिए भारत मौसम विभाग और इंडियन इंस्टीट्यूट ट्रापिकल के सहयोग से भागलपुर, पूर्वी चंपारण, दरभंगा में सेंसर लगेगा।
5 किमी तक होगा रेडिएशनएक सेंसर का रेडिएशन पांच किमी तक होगा। इससे पूरे बिहार में ठनका गिरने के बारे में जानकारी मिलेगी। गया में लाइटिंग सेंसर कार्य कर रहा है। आने वाले दिनों प्रदेश के अन्य जगहों पर भी स्थापित करने की संभावना है। रेडियो मीटर अगले तीन माह के अंदर कार्य करने लगेगा।
रेडियो मीटर के जरिए वर्षा का घनत्व का भी पता चलेगा। किस इलाके में भारी वर्षा होगी, कहां हल्की वर्षा होगी और कहां से बादल को लेकर हवा के साथ वर्षा दूसरे जगह पर चली जाएगी। इसकी जानकारी पूर्व में हो जाएगी।
ये भी पढ़ें
Vivah Muhurat: कैसे तय होते हैं शुभ मुहूर्त; कब से लग्न पर लगेगा विराम? 4 महीने नहीं होंगी शादियां
जागरण संवाददाता, पटना। खरमास के खत्म होने के साथ शादी-ब्याह कार्यक्रम आरंभ हो गया। अप्रैल से लेकर जून तक लग्न की भरमार है।
जून के बाद चार मास के लिए मांगलिक कार्य पर विराम लग जाएगा चार मास के बाद एक नवंबर शनिवार को देवोत्थान एकादशी के बाद से लग्न शुरू होगा।
बनारसी पंचांग के अनुसार 18 नवंबर से छह दिसंबर तक 13 लग्न है। जिसमें नौ नवंबर में तथा दिसंबर में चार दिन है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का होना बड़ा महत्वपूर्ण होता है।
वैवाहिक बंधन को सबसे पवित्र रिश्ता माना गया है। इसलिए इसमें शुभ मुहूर्त का होना जरूरी है। शास्त्रों में शादी के शुभ योग के लिए नौ ग्रहों में बृहस्पति, शुक्र एवं सूर्य का शुभ होना जरूरी है।
रवि-गुरु का संयोग सिद्धिदायक और शुभ फलदायी होते हैं। इन तिथियों पर शादी-विवाह को बेहद शुभ माना गया है। मिथिला पंचांग में चातुर्मास तक कुल 22 लग्न मुहूर्त है। बनारसी पंचांग में 38 मुहूर्त है।
विश्वविद्यालय पंचांग के मुताबिक अप्रैल में सात, मई में 11 व जून में चार मुहूर्त है। बनारस के महावीर पंचांग के अनुसार अप्रैल में बारह, मई में 19 तथा जून में सात वैवाहिक लग्न है। इसके बाद चार महीने के लिए चातुर्मास लग जाएगा।
ऐसे तय होते हैं शुभ लग्न-मुहूर्तशादी के शुभ लग्न व मुहूर्त निर्णय के लिए वृष, मिथुन, कन्या, तुला, धनु एवं मीन लग्न में से किसी एक का होना जरूरी है।
नक्षत्रों में से अश्विनी, रेवती, रोहिणी, मृगशिरा, मूल, मघा, चित्रा, स्वाति, श्रवणा, हस्त, अनुराधा, उत्तरा फाल्गुन, उत्तरा भाद्र व उत्तरा आषाढ़ में किन्ही एक का रहना जरूरी है।
अति उत्तम मुहूर्त के लिए रोहिणी, मृगशिरा या हस्त नक्षत्र में से किन्ही एक की उपस्थिति रहने पर शुभ मुहूर्त बनता है। यदि वर और कन्या दोनों का जन्म ज्येष्ठ मास में हुआ हो तो उनका विवाह ज्येष्ठ में नहीं होगा।
तीन ज्येष्ठ होने पर विषम योग बनता है और ये वैवाहिक लग्न में निषेध है। विवाह माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़ एवं अगहन मास में हो तो अत्यंत शुभ होता है।
शादी-विवाह के शुभ लग्न मुहूर्तमिथिला पंचांग के अनुसार
- अप्रैल: 21,23,25,30
- मई: 1,7,8,9,11,18,19,22,23,25,28
- जून-जुलाई: 10,11,12
- अप्रैल: 21,25,26, 29,30
- मई: 1,5,6,7,8,9,10,11,12,13,14,15,16,17,18,22,23,24,28
- जून: 1,2,3,4,5,7,8
- नवंबर: 18,19,21,22,23,24,25,29,30
- दिसंबर: 1,4,5,6
यह भी पढ़ें-
Vivah Shubh Muhurt 2025: अप्रैल से जून तक विवाह के कितने हैं शुभ मुहूर्त? यहां जानें सबकुछ